शारदीय नवरात्रि 2025 पंचमी: स्कंदमाता का सिर्फ एक उपाय, संतान सुख पाना होगा आसान!
शारदीय नवरात्रि2025 के नौ दिनों में प्रत्येक दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा का विधान है और शारदीय नवरात्रि 2025 पंचमी तिथि पर मां के स्कंदमाता के रूप की पूजा की जाती है।
मां स्कंदमाताको भगवान कार्तिकेय की माता होने का गौरव प्राप्त है। देवी का यह स्वरूप वात्सल्य, ममता और करुणा का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि मां स्कंदमाता की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और संतान से जुड़ी हर समस्या दूर होती है। इतना ही नहीं, भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सौभाग्य का वास होता है।
जो दंपत्ति लंबे समय से संतान प्राप्ति की कामना कर रहे है, उनके लिए पंचमी तिथि का दिन बेहद खास होता है। इस दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ मां की पूजा करने से हर इच्छा पूरी होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्कंदमाता की आराधना से न केवल सांसारिक सुख मिलते हैं. बल्कि भक्त की आत्मा भी शुद्ध होकर मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर होती है।
मां अपने भक्तों पर इतनी कृपा बरसाती हैं कि उनके जीवन से दुख, दरिद्रता और कष्ट सब दूर हो जाते हैं इसलिए नवरात्रि की पंचमी तिथि का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है। इस दिन यदि मां स्कंदमाता की पूजा सही विधि-विधान से की जाए तो भक्त को संतान सुख सहित जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और शुभ फल अवश्य प्राप्त होते हैं।
तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस ख़ास ब्लॉग में शारदीय नवरात्रि के बारे में, इसके महत्व, पूजा विधि व इस दिन किए जाने वाले अचूक उपायों के बारे में।
शारदीय नवरात्रि 2025 पंचमी तिथि की शुरुआत
शारदीय नवरात्रि 2025 का पांचवां दिन 26 सितंबर दिन शुक्रवार को पड़ेगा। इसके अलावा बात करें अभिजीत मुहूर्त की तो इस दिन का अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 48 मिनट से लेकर 12 बजकर 26 मिनट तक का रहने वाला है।
शारदीय नवरात्रि 2025 पंचमी पर मां स्कंदमाता का स्वरूप
मां दुर्गा का पांचवां स्वरूप मां स्कंदमाता है। मां स्कंदमाता का स्वरूप अत्यंत दिव्य और तेजस्वी है। देवी चार भुजाओं वाली हैं। इनके दो हाथों में कमल पुष्प सुशोभित रहते हैं, एक हाथ में भगवान स्कंद (कार्तिकेय) को गोद में धारण करती हैं और चौथा हाथ भक्तों को वरदान देने की मुद्रा में रहता है।
मां स्कंदमाता का विग्रह अत्यंत शांत और मातृत्व की ममता से भरा हुआ है। इनका आसन कमल का पुष्प है इसलिए इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है।
उनके गोद में विराजमान बाल स्वरूप कार्तिकेय इस बात का प्रतीक हैं कि देवी न केवल ब्रह्मांड की पालनहार हैं, बल्कि वात्सल्य और मातृत्व का साक्षात स्वरूप भी हैं। उनके मुख पर शांति और करुणा की आभा झलकती है, जो भक्तों के मन को तुरंत ही भक्ति और श्रद्धा से भर देती है।
मां स्कंदमाता के स्वरूप में जहां जहां एक ओर ममता और वात्सल्य की झलक है, वहीं दूसरी ओर वे अपने भक्तों की रक्षा करने वाली वीरता से भी परिपूर्ण हैं। जो साधक को नवरात्रि की पंचमी तिथि पर मां स्कंदमाता की पूजा करता है, उसे संतान सुख, पारिवारिक समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का वरदान मिलता है।
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शारदीय नवरात्रि 2025 पंचमी पर मां स्कंदमाता का पूजा मंत्र- भोग- और शुभ रंग
शारदीय नवरात्रि 2025 पंचमी पर मां स्कंदमाता पूजा मंत्र
नवरात्रि की पंचमी तिथि पर मां स्कंदमाता की पूजा करते समय इन मंत्रों का जप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है:
ध्यान मंत्र
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कंदमाता यशस्विनी॥
स्तोत्र मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
पूजा मंत्र
ॐ देवी स्कंदमातायै नमः॥
शारदीय नवरात्रि 2025 पंचमी पर मां स्कंदमाता का प्रिय भोग
मां स्कंदमाता को प्रसन्न करने के लिए उन्हें केले का भोग अर्पित करना सबसे शुभ माना जाता है। इसके अलावा, मां को मिश्री, हलवा और पीले रंग के फलों का भोग भी चढ़ाया जाता है। इस दिन भक्तों को व्रत और पूजा के बाद इस भोग को परिवारजनों और ब्राह्मणों में बांटना चाहिए।
शारदीय नवरात्रि 2025 पंचमी पर शुभ रंग
मां स्कंदमाता को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। नवरात्रि की पंचमी तिथि पर पीले वस्त्र धारण करके पूजा करना विशेष रूप से शुभ और फलदायी माना जाता है। पीला रंग ज्ञान, प्रकाश, ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक है।
पंचमी के दिन प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
व्रत और पूजा का संकल्प लें और मां स्कंदमाता को याद करते हुए मन को एकाग्र करें।
एक साफ स्थान पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं। उस पर मां स्कंदमाता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
पास में जल से भरा कलश, नारियल और आम के पत्ते रखें।
दीपक जलाकर पूजा की शुरुआत करें।
गंगाजल छिड़क कर वातावरण और पूजा स्थल को शुद्ध करें। फिर मां स्कंदमाता का ध्यान करके उनका आवाहन करें।
मां को पीले या लाल फूल चढ़ाएं। धूप, दीप, अक्षत, रोली और सिंदूर अर्पित करें।
मां को केले का भोग चढ़ाना सबसे शुभ माना जाता है। इसके अलावा मिश्री या हलवे का प्रसाद भी अर्पित कर सकते हैं।
पूजा के दौरान निम्न मंत्र का जप करें- ॐ देवी स्कंदमातायै नमः॥ कम से कम 11 या 21 बार इस मंत्र का जप अवश्य करें।
मां से संतान सुख, परिवार की समृद्धि और जीवन में शांति का आशीर्वाद मांगे।
पूजा पूरी होने पर भोग को परिवारजनों और ब्राह्मणों में वितरित करें।
शारदीय नवरात्रि 2025 पंचमी की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय में दानवों का अत्याचार दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा था। उस समय का सबसे शक्तिशाली और पराक्रमी दानव था, जिसका नाम तरकासुर था। उसने कठोर तपस्या करके भगवान शिव से वरदान प्राप्त किया कि उसे केवल भगवान शिव के पुत्र द्वारा ही मारा जा सकेगा।
इस वरदान के कारण वह अजेय हो गया और देवता भी उससे भयभीत रहने लगे। तरकासुर के आतंक से त्रस्त होकर सभी देवता और ऋषि-मुनि भगवान शिव और देवी पार्वती की शरण में गए। उन्होंने विनती की कि भगवान शिव और मां पार्वती का संयोग हो, ताकि एक ऐसे पुत्र का जन्म हो जो तारकासुर का वध कर सके। भगवान शिव और मां पार्वती के संयोग से कार्तिकेय का जन्म हुआ।
स्कंद अत्यंत तेजस्वी और वीर बालक थे। देवताओं ने उन्हें अपना सेनापति बनाया। उन्होंने कम आयु में ही अपनी अद्भुत शक्ति और वीरता का परिचय दिया और भीषण युद्ध में तरकासुर का वध कर दिया। इसी कारण मां पार्वती को स्कंदमाता कहा जाता है। मां स्कंदमाता अपने पुत्र को गोद में लेकर भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। उनकी यह स्वरूप वात्सल्य, करुणा और मातृत्व की ममता से परिपूर्ण है।
शारदीय नवरात्रि 2025 पंचमी पर संतान प्राप्ति के लिए राशि अनुसार उपाय
मेष राशि
मां स्कंदमाता को लाल फूल और लाल वस्त्र अर्पित करें। साथ ही, 11 बार ॐ देवी स्कंदमातायै नमः का जाप करें। ऐसा करने से संतान सुख में आ रही बाधाएं दूर होंगे।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वाले मां को सफेद फूल और मिश्री का भोग चढ़ाएं। संतान की दीर्घायु और सुख के लिए ॐ स्कन्दजननी नमः मंत्र का जाप करें।
मिथुन राशि
मां को पीले पुष्प और गुड़ का भोग अर्पित करें। साथ ही, ॐ देवी स्कंदमातायै नमः मंत्र का 21 बार जाप करें। ऐसा करने से संतान सुख और शिक्षा में प्रगति होगी।
कर्क राशि
मां स्कंदमाता को दूध और चावल का भोग लगाएं। साथ ही, सफेद पुष्प अर्पित करें और संतान प्राप्ति हेतु प्रार्थना करें।
सिंह राशि वालों को मां को गेंदा या गुलाब के फूल और घी से बनी मिठाई का भोग चढ़ाएं। 11 बार “ॐ स्कन्दजननी नमः मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से संतान सुख जल्द प्राप्त होता है।
कन्या राशि
मां स्कंदमाता को हरे पत्ते, मूंग या हरी सब्ज़ियों का भोग लगाएं। पीले वस्त्र पहनकर पूजा करें। संतान सुख और बुद्धि का आशीर्वाद मिलेगा।
तुला राशि
तुला राशि वालों को मां को गुलाबी फूल और खीर का भोग अर्पित करना चाहिए। संतान सुख की इच्छा से ॐ देवी स्कंदमातायै नमः मंत्र का जाप करें।
वृश्चिक राशि
मां स्कंदमाता को लाल पुष्प और अनार का भोग अर्पित करें। साथ ही, 21 बार इस मंत्र- ॐ देवी स्कंदमातायै नमः का जप अवश्य करें। इससे संतान प्राप्ति में आ रही रुकावटें दूर होंगी।
धनु राशि
मां को पीले फूल और बेसन के लड्डू चढ़ाएं। साथ ही, ॐ स्कन्दजननी नमः मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से संतान सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।
मकर राशि
मां को नीले फूल या दूब अर्पित करें। गुड़ और तिल का भोग लगाएं। संतान सुख की प्राप्ति के साथ पारिवारिक स्थिरता मिलती है।
कुंभ राशि
मां स्कंदमाता को सफेद पुष्प और फल अर्पित करें। 11 बार मंत्र जप अवश्य करें। संतान से जुड़ी परेशानियां दूर होंगी।
मीन राशि
मां को पीले फूल और केले का भोग अर्पित करें। संतान प्राप्ति हेतु “ॐ देवी स्कंदमातायै नमः” का जप करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. मां स्कंदमाता का शुभ रंग कौन सा है?
मां स्कंदमाता को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। इस दिन पीले वस्त्र पहनकर पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है।
2. मां स्कंदमाता को कौन-सा भोग चढ़ाना सबसे उत्तम है?
मां को विशेष रूप से केला प्रिय है। इसके अलावा मिश्री, हलवा या पीले फल अर्पित करना भी शुभ फल देता है।
3. संतान सुख की प्राप्ति के लिए कौन-सा मंत्र जपें?
“ॐ देवी स्कंदमातायै नमः” मंत्र का 11, 21 या 108 बार जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
टैरो मासिक राशिफल: अक्टूबर का महीना लेकर आएगा सभी 12 राशियों के लिए कौन सी नई सौगात? जानें
टैरो मासिक राशिफल: दुनियाभर के कई लोकप्रिय टैरो रीडर्स और ज्योतिषियों का मानना है कि टैरो व्यक्ति की जिंदगी में भविष्यवाणी करने का ही काम नहीं करता बल्कि यह मनुष्य का मार्गदर्शन भी करता है। कहते हैं कि टैरो कार्ड अपनी देखभाल करने और खुद के बारे में जानने का एक ज़रिया है।
टैरो इस बात पर ध्यान देता है कि आप कहां थे, अभी आप कहां हैं या किस स्थिति में हैं और आने वाले कल में आपके साथ क्या हो सकता है। यह आपको ऊर्जा से भरपूर माहौल में प्रवेश करने का मौका देता है और अपने भविष्य के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करता है। जिस तरह एक भरोसेमंद काउंसलर आपको अपने अंदर झांकना सिखाता है, उसी तरह टैरो आपको अपनी आत्मा से बात करने का मौका देता है।
आपको लग रहा है कि जैसे जिंदगी के मार्ग पर आप भटक गए हैं और आपको दिशा या सहायता की ज़रूरत है। पहले आप टैरो का मजाक उड़ाते थे लेकिन अब आप इसकी सटीकता से प्रभावित हो गए हैं या फिर आप एक ज्योतिषी हैं जिसे मार्गदर्शन या दिशा की ज़रूरत है। या फिर आप अपना समय बिताने के लिए कोई नया शौक ढूंढ रहे हैं।
इन कारणों से या अन्य किसी वजह से टैरो में लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ गई है। टैरो डेक में 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है। इन कार्ड्स की मदद से आपको अपने जीवन में मार्गदर्शन मिल सकता है।
टैरो की उत्पति 15वीं शताब्दी में इटली में हुई थी। शुरुआत में टैरो को सिर्फ मनोरंजन के रूप में देखा जाता था और इससे आध्यात्मिक मार्गदर्शन लेने का महत्व कम था। हालांकि, टैरो कार्ड का वास्तविक उपयोग 16वीं सदी में यूरोप के कुछ लोगों द्वारा किया गया जब उन्होंने जाना और समझा कि कैसे 78 कार्ड्स की मदद से भविष्य के बारे में जाना जा सकता है, उसी समय से इसका महत्व कई गुना बढ़ गया।
टैरो एक ऐसा ज़रिया है जिसकी मदद से मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति को प्राप्त किया जा सकता है। आप कुछ स्तर पर अध्यात्म से, थोड़ा अपनी अंतरात्मा से और थोड़ा अपने अंतर्ज्ञान और आत्म-सुधार लाने से एवं बाहरी दुनिया से जुड़ें।
तो आइए अब इस मासिक राशिफल की शुरुआत करते हैं और जानते हैं कि अक्टूबर 2025 का यह महीना राशि चक्र की सभी 12 राशियों के लिए किस तरह के परिणाम लेकर आएगा?
मेष राशि वालों के प्रेम जीवन में फोर ऑफ कप्स आया है जो आपके रिश्ते में निराशा, असंतुष्टि या फिर मौजूदा रिश्ते में सराहना की कमी को दर्शा रहा है। साथ ही, आपके रिश्ते में एक-दूसरे को लेकर सम्मान की कमी भी हो सकती है। यह कार्ड बता रहा है कि यह जातक अपनी कमियों पर हद से ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं या फिर पिछले रिश्ते में मिली असफलताओं से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। ऐसे में, आप स्वयं को प्राप्त होने वाले प्रेम प्रस्तावों से चूक सकते हैं।
आर्थिक जीवन की बात करें तो, क्वीन ऑफ वैंड्स आत्मविश्वास, धन से जुड़े सही फैसले और दृढ़ता के बल पर मिलने वाली सफलता की तरफ इशारा कर रहा है। यह कार्ड कहता है कि इस अवधि में आप धन संबंधित कुछ महत्वपूर्ण फैसले ले सकते हैं। साथ ही, आर्थिक स्थिति को बहुत अच्छे से संभालने में सक्षम होंगे। आप किसी नए प्रोजेक्ट को अपने हाथ में ले सकते हैं या फिर नए शेयर खरीद सकते हैं। हालांकि, आपको इस दौरान अपने खर्चों को लेकर सावधान रहना होगा क्योंकि आप बजट से बाहर जा सकते हैं। कुल मिलाकर, आर्थिक जीवन में आपको संतुलन बनाकर चलना होगा।
करियर में आपको द हैरोफ़न्ट प्राप्त हुआ है जो एक ऐसे कार्यक्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है जहाँ आप शांति से काम करेंगे। साथ ही, आपको मेंटर और अनुभवी लोगों से सीखने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, आप काम को आसानी से करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह लेते हुए भी दिखाई दे सकते हैं। लेकिन, इस दौरान आपको नियमों और सिद्धांतों का भी पालन करना होगा, तब ही आप अपने करियर को तरक्की के मार्ग पर ले जा सकेंगे। इस माह आप किसी चीज की ट्रेनिंग भी ले सकते हैं।
स्वास्थ्य के मामले में आपको किंग ऑफ कप्स मिला है जो आपके लिए सकारात्मक कहा जाएगा। इस अवधि में आपको अपने भावनात्मक संतुलन, हीलिंग और खुद की सेहत पर ध्यान देना होगा। वहीं, जो जातक किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह समय राहत लेकर आ सकता है और वह सही मार्ग पर आगे बढ़ सकते हैं। ऐसे में, इन जातकों को भावनात्मक रूप से शांत रहने, आराम करने और खुद की सेहत को प्राथमिकता देने की सलाह दी जाती है।
घूमने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान: न्यूज़ीलैंड
वृषभ राशि
प्रेम जीवन: द लवर्स
आर्थिक जीवन: नाइट ऑफ पेंटाकल्स
करियर: फॉर ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: सिक्स ऑफ वैंड्स
बात करें वृषभ राशि वालों के प्रेम जीवन की, तो द लवर्स कार्ड आपके रिश्ते में मज़बूती और गहराई को दर्शा रहा है जो प्रेम एवं सौहार्द से पूर्ण होगा। साथ ही, इस अवधि में आप एक नए रिश्ते की शुरुआत कर सकते हैं या फिर मौजूदा रिश्ते को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
जब बात आती है आर्थिक जीवन की, तो नाइट ऑफ पेंटाकल्स स्थिर, मज़बूत और व्यवस्थित आर्थिक स्थिति की तरफ संकेत कर रहा है। इस समय आप धन से जुड़े मामलों में सावधानी बरतकर, सोच-समझकर योजनओं का निर्माण करके और निवेश करके दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता पाने में सक्षम होंगे। इस माह में आपको तेज़ी से धन कमाने के लिए जोख़िम उठाने के बजाय भविष्य के लिए आर्थिक स्थिति को मज़बूत बनाना होगा।
करियर को देखें तो, अक्टूबर के महीने में आपको थोड़ा आराम करने, खुद को समझने और विचारों में स्पष्टता लेकर आने की जरूरत होगी। इस दौरान आप पर काम का बोझ काफ़ी अधिक हो सकता है इसलिए आपको खुद की सेहत को प्राथमिकता देनी होगी। ऐसे में, आपको काम और निजी जीवन में संतुलन बनाकर चलना होगा।
स्वास्थ्य में आपको सिक्स ऑफ वैंड्स मिला है जो कहता है कि यह जातक अगर लंबे समय से बीमार चल रहे हैं, तो अब वह स्वस्थ हो सकेंगे, क्योंकि यह अवधि आपको स्वस्थ भी बनाएगी। साथ ही, आपके साहस और पराक्रम में भी वृद्धि होगी। इसके अलावा, कुछ लोग इस समय दोबारा अपना आत्मविश्वास और ताकत पाने की राह पर आगे बढ़ेंगे जिसमें आपको सफलता मिलने की भी प्रबल संभावना है। यह लोग खेलकूद जैसी गतिविधियों में भी भाग लेते हुए दिखाई दे सकते हैं।
घूमने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान: टस्कनी
बृहत् कुंडलीमें छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरालेखा-जोखा
मिथुन राशि
प्रेम जीवन: द हर्मिट
आर्थिक जीवन: फाइव ऑफ पेंटाकल्स
करियर: टू ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: फोर ऑफ पेंटाकल्स
मिथुन राशि वालों के प्रेम जीवन में द हर्मिट का आना संकेत कर रहा है कि इन जातकों को किसी भी रिश्ते को आगे बढ़ाने से पहले थोड़ा समय खुद को देकर रिश्ते के बारे में सोच-विचार करना होगा। आपको स्वयं को जानने-समझने की आवश्यकता होगी। साथ ही, आपको इस बात को भी समझना होगा कि हर रिश्ते के लिए स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता जरूरी होती है। वहीं, इस राशि के जो जातक सिंगल हैं, उन्हें किसी भी रिश्ते में आने से पहले अपनी पुरानी यादों को पीछे छोड़ना होगा।
आर्थिक जीवन के लिए फाइव ऑफ पेंटाकल्स भविष्यवाणी कर रहा है कि यह महीना आपके लिए थोड़ा मुश्किल रह सकता है क्योंकि इस दौरान आपको हानि का सामना करना पड़ सकता है। मिथुन राशि के जातक अक्टूबर में नौकरी छूटना, आर्थिक समस्या या सहकर्मियों से पीछे रहने जैसी परेशानियों से दो-चार होना पड़ सकता है। ऐसे में, आप आर्थिक समस्याओं की वजह से तनाव में आ सकते हैं।
इन जातकों को करियर में टू ऑफ कप्स मिला है जो सौहार्द और सफल पार्टनरशिप को दर्शाता है। इस अवधि में एक मज़बूत आपसी सहयोग, बेहतरीन टीम वर्क और सहकर्मियों में दोस्ती या प्रेम पनपने की प्रबल संभावना है। धन से जुड़े मामलों में आपकी स्थिति स्थिर रहेगी और आपके पास अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त धन होगा।
आपके स्वास्थ्य के लिए फोर ऑफ पेंटाकल्स कहता है कि यह जातक भावनात्मक रूप से अपनी पुरानी भावनाओं में उलझे हो सकते हैं या फिर ऐसे आघात से पीड़ित हो सकते हैं जिसका सीधा असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ा होगा। इन नकारात्मक परिस्थितियों से बाहर आने के लिए आप किसी की सहायता ले सकते हैं या फिर किसी भरोसेमंद इंसान से बात कर सकते हैं। साथ ही, आपको स्वस्थ जीवन जीने का प्रयास करना होगा।
घूमने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान: टोक्यो
कर्क राशि
प्रेम जीवन: द एम्परर
आर्थिक जीवन: व्हील ऑफ फॉर्च्यून
करियर: द हैंग्ड मैन
स्वास्थ्य: सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स
कर्क राशि के जातकों को प्रेम जीवन में द एम्परर प्राप्त हुआ है। यह कार्ड रिश्ते में हक़ और स्थिरता का प्रतिनिधित्व करता है। सरल शब्दों में कहें तो, आपके रिश्ते में स्थिरता, सुरक्षा और निर्भरता जैसे तीनों गुण मौजूद होंगे, फिर भी आपको रिश्ते में संतुलन बनाकर चलना होगा। साथ ही, ज्यादा सख्त होने से बचना होगा।
आर्थिक जीवन को देखें तो, कर्क राशि के जातकों को व्हील ऑफ फार्च्यून मिला है। यह कार्ड किसी व्यक्ति के आर्थिक जीवन में आने वाले बदलावों और उतार-चढ़ावों को दर्शा रहा है। साथ ही, यह अवसर और स्वतंत्रता दोनों पर ज़ोर दे रहा है। इस समय आपके जीवन में अचानक से सकारात्मक घटनाएं भी हो सकती हैं जो आपको लाभ करवा सकती है, इसलिए आपको हर तरह की परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा।
जब बात आती है करियर की, तो द हैंग्ड मैन दर्शा रहा है कि अक्टूबर 2025 में ये जातक करियर में इंतज़ार, अस्पष्टता या पेशेवर जीवन के बारे में पुनः सोच-विचार कर सकते हैं। यह समय तुरंत फैसले लेने या कोई बड़ा कदम उठाने की दृष्टि से अच्छा नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में, आपके लिए थोड़ा रुकना, नज़रिया बदलना या कोई घटना सफलता के मार्ग पर ले जाने का काम कर सकती है।
स्वास्थ्य के मामले में सिक्स ऑफ स्वॉर्ड्स का आना सकारात्मक कहा जाएगा। साथ ही, यह समय रोगों और बीमारियों से राहत दिलाएगी। साथ ही, उत्तम स्वास्थ्य का आशीर्वाद देगी। ऐसे में, अक्टूबर का महीना स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहेगा।
बात करें सिंह राशिके प्रेम जीवन की तो, सेवेन ऑफ वैंड्स का आना दर्शाता है कि इन जातकों को अपने रिश्ते को या अपनी स्थिति को आंतरिक और बाहरी लोगों के प्रभाव से बचाना होगा। ऐसे में, आपको वह सब करना होगा जो रिश्ते को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है जैसे कि सीमाएं निर्धारित करना, अपनी जरूरतों के बारे में बताना और नियमों का पालन करना आदि। साथ ही, आपको और साथी को जीवन में आने वाली हर समस्या का सामना एक साथ करना होगा ताकि आप दोनों का रिश्ता मज़बूत हो सकें।
आर्थिक जीवन में एट ऑफ वैंड्स आया है और यह तेज़ी से निर्णय लेने, प्रगति पाने और आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने को दर्शा रहा है। इस माह में आपको नए अवसरों की भी प्राप्ति होगी और अपने प्रयासों के बल पर आप हर काम में सफलता भी पाने में सक्षम होंगे। इस माह की सकारात्मक ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाते हुए खुद को मिलने वाले अवसरों को हाथ से न निकलने दें। साथ ही, यह समय आपको मन लगाकर काम करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा।
करियर के क्षेत्र में आपको फाइव ऑफ वैंड्स मिला है जो इस अवधि में समस्याओं, प्रतिद्वंदियों से मिलने वाली टक्कर और संघर्ष को दर्शाता है। इन परिस्थितियों की वजह अहंकार का टकराव हो सकती है जिसके चलते प्रतिस्पर्धा का माहौल बन सकता है। ऐसे में, आपको हालातों का सामना बुद्धिमानी और सोच-समझकर करना होगा।
जब बात आती है स्वास्थ्य की तो, पेज ऑफ पेंटाकल्स उत्तम स्वास्थ्य के लिए अपनी सेहत को प्राथमिकता देने के लिए कह रहा है। यह अवधि शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए सकारात्मक कही जाएगी। साथ ही, आपको अच्छी सेहत के लिए नियमित दिनचर्या का पालन करना होगा।
कन्या राशि वालों के प्रेम जीवन में पेज ऑफ कप्स एक नई शुरुआत और रिश्ते में भावनात्मक संतुलन की तरफ इशारा कर रहा है। यह अवधि नए और पुराने दोनों ही रिश्ते में उत्साह, ऊर्जा और सौहार्द लेकर आएगी। इस जातकों को रिश्ते को लेकर संवेदनशील होना होगा।
आर्थिक जीवन की बात करें तो, आपको द टावर प्राप्त हुआ है जो आर्थिक जीवन में उतार-चढ़ाव की तरफ इशारा कर रहा है। साथ ही. आपकी आर्थिक स्थिति में अचानक से बदलाव देखने को मिल सकता है। इस माह में आपको नौकरी जाने या शेयर बाज़ार में गिरावट जैसी समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है। ऐसे में, आपको अपनी आर्थिक स्थिति और धन से जुड़ी योजनाओं पर नज़र बनाए रखनी होगी।
जब बात आती है करियर की, तो ऐस ऑफ वैंड्स का आना एक नई शुरुआत, नए अवसरों का मिलना और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। यह माह आपके लिए करियर के क्षेत्र में प्रगति, नए अवसर और प्रयासों के द्वारा सफलता लेकर आ सकता है। इस अवधि में आप अपने कंधों पर नई जिम्मेदारियों को ले सकते हैं और राह में आने वाली समस्याओं को स्वीकार करते हुए उन्हें साहस के साथ पार करेंगे।
स्वास्थ्य में सेवेन ऑफ पेंटाकल्स का आना इस बात को दर्शाता है कि इन जातकों का सारा ध्यान लंबे समय तक अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने पर होगा। साथ ही, नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने से आपको लाभ की प्राप्ति होगी। इसके अलावा, यह कार्ड भविष्यवाणी कर रहा है कि आप दैनिक जीवन में सेहत के लिए अच्छी मानी जाने वाली आदतों का पालन करेंगे जिसका फायदा आपको लंबे समय तक मिलेगा। इन लोगों को नियमित दिनचर्या और संतुलित खानपान अपनाना होगा।
बात करें तुला राशि वालों के प्रेम जीवन की तो, आपको क्वीन ऑफ स्वॉर्ड्स का मिलना बता रहा है कि आपका पार्टनर स्वतंत्रता पसंद, वफादार और बुद्धिमान होगा। वह समझदार और विश्लेषणात्मक हो सकते हैं। संभव है कि आप एक ऐसे जीवनसाथी की तलाश में होंगे जो आज़ादी को महत्व देने वाला और आपकी सोच से विपरीत हो सकता है। इसके अलावा, जो जातक रिश्ते में हैं, उन्हें सीमाओं को निर्धारित करना होगा और साथ ही, एक-दूसरे से खुलकर बात करनी होगी।
बात करें आर्थिक जीवन की, तो आपको टू ऑफ स्वॉर्ड्स मिला है जो आर्थिक जीवन के लिए कठिन समय की तरफ संकेत कर रहा है। साथ ही, यह अवधि अनिश्चितता और किसी कार्य को कल पर टालने वाली आपकी आदत को दर्शाती है। इसके अलावा, यह जातक धन से जुड़ी समस्याओं के प्रति लापरवाही बरतने या तनाव के कारण सही फैसला लेने के मार्ग में परेशानी का अनुभव कर सकते हैं।
करियर में स्ट्रेंथ कार्ड का आना आंतरिक शक्ति, धैर्य और समस्याओं पर जीत हासिल करने का प्रतीक माना जाता है। यह भविष्यवाणी कर रहा है कि आपके भीतर वह क्षमताएं और आत्मविश्वास मौजूद होगा जो दबाव में काम करने के लिए या फिर खुद पर संदेह को दूर करने के लिए चाहिए होता है। इन लोगों को अपनी आंतरिक शक्ति ढूंढ़नी होगी और करियर में साहसिक कदम उठाते हुए आगे बढ़ना होगा।
स्वास्थ्य के मामले में आपको किंग ऑफ पेंटाकल्स प्राप्त हुआ है जो शक्ति, अच्छे स्वास्थ्य और सही तरीके से जीवन जीने को दर्शा रहा है। साथ ही, यह आपको अपनी सेहत को प्राथमिकता देने के लिए भी कह रहा है। हालांकि, इस माह आपको दांत और पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं आघेर सकती हैं इसलिए आपको तनाव से बचना होगा। आपको जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना होगा।
घूमने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान: केरल
वृश्चिक राशि
प्रेम जीवन: टू ऑफ वैंड्स
आर्थिक जीवन: टेन ऑफ पेंटाकल्स
करियर: फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: डेथ
वृश्चिक राशि वालों के प्रेम जीवन में टू ऑफ वैंड्स आया है और यह आपके जीवन में आने वाले महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही, आप रिश्ते को लेकर कोई अहम फैसला लेते हुए नज़र आ सकते हैं। इस दौरान आप किसी बात को लेकर थोड़े बैचैन रह सकते हैं और यह आपको अपने रिश्ते को कायम रखते हुए जीवन के लक्ष्य पाने के लिए प्रेरित करेगा।
आर्थिक जीवन में आपको टेन ऑफ पेंटाकल्स मिला है जो सुरक्षा, स्थिरता और पार्टनरशिप की मज़बूत नींव की तरफ संकेत कर रहा है। यह कार्ड दर्शा रहा है कि इस अवधि में आप एक मज़बूत पार्टनरशिप में आ सकते हैं या फिर एक साझेदारी का हिस्सा बन सकते हैं जो लंबे समय तक बनी रहेगी। अक्टूबर के महीने में आपका दृष्टिकोण परिपक्व हो सकता है जिसके चलते आप शादी और पारिवारिक जीवन को प्राथमिकता देंगे। साथ ही, यह मज़बूत और संतुष्टि से पूर्ण साझेदारी जीवन में आर्थिक स्थिरता लेकर आएगी।
बात करें फाइव ऑफ स्वॉर्ड्स की, तो आपका रिश्ता समस्याओं, बातचीत की कमी या फिर बेईमानी की समस्या से जूझ सकता है। इस अवधि में आपको मुश्किल परिस्थितियों में भी धैर्य बनाए रखना होगा ताकि आप हर तरह की समस्या से बच सकें। साथ ही, तार्किक होकर आपको हर परिस्थिति का सामना करना होगा।
स्वास्थ्य की बात करें तो, द डेथ का आना सेहत में किसी बड़े बदलाव को दर्शा रहा है। स्वास्थ्य में अचानक से परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं जो आपको एक नई दिनचर्या अपनाते हुए पुरानी दिनचर्या को छोड़ने की सलाह दे रहा है, जिससे आपकी सेहत उत्तम बनी रहेगी।
धनु राशिके जातकों के प्रेम जीवन में टेन ऑफ वैंड्स कार्ड आया है और यह एक ऐसे रिश्ते की तरफ संकेत कर रहा है जो जिम्मेदारियों और बोझ तले दबा हो सकता है। सरल शब्दों में कहें तो, आपको रिश्ते में प्रेम बनाए रखने में बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि आप तनावग्रस्त हो सकते हैं। ऐसे में, इन जातकों को अपने ऊपर से बोझ कम करने के लिए आपस में जिम्मेदारियों को शेयर करना होगा, अपनी प्राथमिकताएं निर्धारित करनी होंगी और एक-दूसरे को सहायता करनी होगी।
आर्थिक जीवन में आपको किंग ऑफ वैंड्स मिला है और यह धन, वैभव और अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है। सामान्य शब्दों में कहें तो, इन जातकों में आर्थिक लक्ष्य हासिल करने और वित्तीय स्थिरता प्राप्त करने की योग्यता मौजूद होंगी। साथ ही, इनका नज़रिया भी भविष्य को देखने वाला होगा। इस अवधि में आपको धन का प्रबंधन अच्छे से करना होगा और खुद के द्वारा लिए गए निर्णयों पर विश्वास करना होगा। इसके अलावा, आप किसी अन्य व्यक्ति के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में दिखाई दे सकते हैं।
करियर में आपको थ्री ऑफ कप्स प्राप्त होना सफलता, बेहतरीन टीम वर्क और आनंद को दर्शाता है। बता दें कि इन जातकों का कार्यक्षेत्र खुशहाल और सुख-शांति से पूर्ण होगा जिसकी वजह शानदार टीम वर्क से मिलने वाली कामयाबी या फिर कोई नई शुरुआत हो सकती है। साथ ही, आप काम से जुड़ी टीम आउटिंग या समारोह में हिस्सा ले सकते हैं। इसके अलावा, आपको नौकरी के नए अवसर भी मिल सकते हैं।
स्वास्थ्य के मामले में आपको सेवन ऑफ कप्स प्राप्त हुआ है जो भविष्यवाणी कर रहा है कि धनु राशि के लोगों को अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी होगी। हालांकि, इस दौरान आपको काफ़ी मेहनत करनी पड़ सकती है। आप किसी बात को लेकर हद से ज्यादा सोच-विचार कर सकते हैं और ऐसे में, आप तनाव में आ सकते हैं।
घूमने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान: लद्दाख
मकर राशि
प्रेम जीवन: क्वीन ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: सिक्स ऑफ पेंटाकल्स
करियर: नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स
स्वास्थ्य: द स्टार
बात करें मकर राशि वालों के प्रेम जीवन की तो, क्वीन ऑफ कप्स को प्रेम, सौहार्द, भावनात्म,क स्थिरता और ख़ुशियों से पूर्ण रिश्ते का प्रतीक माना जाता है। इस राशि के जो जातक अभी तक अविवाहित हैं, उनके जीवन में एक ऐसा व्यक्ति दस्तक दे सकता है जो आपको बहुत अच्छे से समझने में सक्षम होगा। यदि आप पहले से किसी रिश्ते में हैं, तो आपको जीवनसाथी के साथ खुलकर बात करनी होगी और एक-दूसरे की भावनाओं को समझना होगा, ताकि आप दोनों का रिश्ता मज़बूत बना रहे।
मकर राशि के जातकों को आर्थिक जीवन में सिक्स ऑफ पेंटाकल्स प्राप्त हुआ है जो आपके लिए बेहद शुभ माना जाएगा। यह कार्ड दान, समृद्धि और स्थिरता की तरफ संकेत करता है। सामान्य शब्दों में कहें तो, आपको अपने धन का प्रबंधन इस तरह से करना होगा जिससे दूसरे लोग भी अन्य सुख-सुविधाओं का लाभ उठा सकें। साथ ही, इनका आनद लेते हुए दिखाई दे सकें। हालांकि, कुछ लोगों का नज़रिया आपसे बिल्कुल विपरीत हो सकता है और यह असंतुलन का कारण बन सकता है। ऐसे में, आपको आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
करियर को देखें तो, नाइट ऑफ स्वॉर्ड्स मकर राशि के जातकों की महत्वाकांक्षा, दृढ़ता और पेशेवर जीवन में सफलता की तरफ इशारा करता है। हालांकि, इस अवधि में आपको कार्यक्षेत्र पर एकाग्रता के साथ काम करने की सलाह दी जाती है। साथ ही, आपको कोई भी जोख़िम सोच-समझकर उठाना होगा और अपने लक्ष्यों को पाने के लिए बिना थके प्रयास करने होंगे, तब ही आप उन्हें प्राप्त कर सकेंगे। यह कार्ड करियर में आने वाले बदलावों और नए अवसरों जैसे कि प्रमोशन, नई नौकरी मिलना या फिर किसी बड़े प्रोजेक्ट का हिस्सा बन सकते हैं।
स्वास्थ्य की बात करें तो, द स्टार का आना आपके किसी रोग से स्वस्थ होने, हीलिंग और स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है। इस अवधि में आप आध्यात्मिकता के माध्यम से अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। इसके विपरीत, अगर यह कार्ड उल्टा होता है, तो निराशा, उदासीनता और प्रेरणा की कमी को दर्शाता है।
घूमने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान: ऋषिकेश
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कुंभ राशि
प्रेम जीवन: ऐस ऑफ कप्स
आर्थिक जीवन: ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स
करियर: सिक्स ऑफ कप्स
स्वास्थ्य: नाइन ऑफ वैंड्स (अपराइट)
कुंभ राशि के जातकों के प्रेम जीवन की बात करें तो, ऐस ऑफ कप्स अक्टूबर महीने में एक नए रिश्ते की शुरुआत, भावनात्मक संतुष्टि और प्रेम से पूर्ण रिश्ते की तरफ संकेत कर रहा है। इस अवधि में या तो आप नए रिश्ते में आ सकते हैं या फिर रोमांटिक लम्हों और मज़बूत आपसी समझ से अपने मौजूदा रिश्ते को मज़बूत कर सकते हैं। जो जातक अविवाहित या सिंगल हैं, उनके जीवन में कोई नया व्यक्ति आ सकता है या फिर आप किसी के साथ मज़बूत एवं गंभीर रिश्ते में आ सकते हैं। यह अवधि प्रेमी जोड़ों के लिए नए रिश्ते का शुरूआती चरण, भावनात्मक रूप से एक-दूसरे को समझना और रिश्ते में जुनून का प्रतीक हो सकती है।
बात करें आर्थिक जीवन की तो, ऐस ऑफ स्वॉर्ड्स का आना दर्शा रहा है कि इन जातकों को आर्थिक जीवन की समस्याओं के प्रति स्पष्ट और तार्किक दृष्टिकोण अपनाना होगा। साथ ही, आपको धन से जुड़े निर्णय जल्दबाज़ी में लेने से बचना होगा, विशेष रूप से कर्ज़ या निवेश के बारे में। यह कार्ड कहता है कि आपको आय के अवसरों और जोखिमों को जानने-समझने के लिए अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना होगा। ऐसे में, आप एक नई शुरुआत कर सकते हैं या फिर आर्थिक जीवन को लेकर नया नज़रिया अपना सकते हैं।
करियर में आपको सिक्स ऑफ कप्स प्राप्त हुआ है और ऐसे में, यह बता रहा है कि आपके करियर के लिए आने वाला समय अच्छा रहेगा। यह जातक करियर में सफलता हासिल करने के लिए अपने सामने मौजूद अवसरों का लाभ उठाने के लिए पिछले अनुभव, योग्यताओं और क्षमताओं का उपयोग करेंगे। यह समय आपको बीते समय में लिए गए निर्णयों से सबक लेने और उन पर विचार करने का हो सकता है। साथ ही, आपको पुराने सहकर्मियों से दोबारा जुड़ने का अवसर मिल सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं, आपको मिलजुलकर काम करने या रचनात्मक प्रोजेक्टों में भी काम करने का मौका मिलेगा।
स्वास्थ्य के मामले में नाइन ऑफ वैंड्स (अपराइट) कहता है कि इस माह में यह जातक थकान या फिर किसी से मदद लेने में या किसी की सहायता करने में हिचकिचा सकते हैं। यह आपको भागदौड़ भरी ज़िन्दगी से ब्रेक लेने, पुनः तरोताज़ा महसूस करने या दूसरों से मिलने वाली सहायता को स्वीकार करने की सलाह दे रहा है। साथ ही, कोई रोग या चोट आपके स्वस्थ होने के मार्ग में समस्या का काम कर सकती है या फिर आपको इस दौरान स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं, इसलिए सतर्क रहें।
घूमने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान: बैंगलोर
मीन राशि
प्रेम जीवन: ऐस ऑफ पेंटाकल्स
आर्थिक जीवन: टू ऑफ पेंटाकल्स
करियर: जजमेंट
स्वास्थ्य: थ्री ऑफ वैंड्स
बात करें मीन राशि वालों के प्रेम जीवन की तो, ऐस ऑफ पेंटाकल्स का आना लव लाइफ में स्थिरता, एक नए रिश्ते की शुरुआत और लंबे समय तक चलने वाले रिश्ते की तरफ संकेत कर रहा है। मीन राशि वाले एक प्रेम से पूर्ण रिश्ते में आ सकते हैं या फिर पुराने रिश्ते में आप दोनों के बीच जुनून, प्रेम और दोस्ती के भाव पैदा हो सकते हैं।
मीन राशि वालों के आर्थिक जीवन में टू ऑफ पेंटाकल्स धन के प्रबंधन, लगातार बदलती परिस्थितियों में तालमेल कायम करने और धन से जुड़ी जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाकर चलने के लिए कह रहा है। इस अवधि में आपको अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने या धन निवेश करने के लिए सोच-विचार करना होगा।
करियर में द जजमेंट का आना अपने करियर पर नज़र डालने और किसी बड़े बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है। सरल शब्दों में कहें तो, आप हाल-फिलहाल में मिले किसी नए अवसर के बारे में सोच-विचार कर रहे हैं जो आपके करियर के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
स्वास्थ्य के मामले में आपको थ्री ऑफ वैंड्स प्राप्त हुआ है जो आपकी सेहत में सुधार और बेहतरी को दर्शा रहा है। यह कार्ड बता रहा है कि आपके प्रयासों के बल पर स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है। इसके लिए आप नई रणनीति और तकनीक दोनों का सहारा ले वीसी रहे होंगे और साथ ही, आपको अपनी मन की आवाज़ भी सुननी होगी।
इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. कौन सा टैरो कार्ड पछतावे को दर्शाता है?
नाइन ऑफ स्वॉर्ड्स।
2. कौन सा टैरो कार्ड आपके फैसलों का प्रतिनिधित्व करता है?
सेवेन ऑफ कप्स
3. कौन सा टैरो कार्ड छल कपट को दर्शाता है?
टेन ऑफ स्वॉर्ड्स
शारदीय नवरात्रि 2025: चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा से मिलते हैं धन और विद्या के वरदान!
शारदीय नवरात्रि 2025 का चौथा दिन देवी दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की आराधना के लिए समर्पित है। मां कूष्मांडा को सृष्टि की आदिशक्ति माना जाता है क्योंकि मान्यता है कि अपनी हल्की सी मुस्कान से उन्होंने ब्रह्मांड की रचना की थी।
इन्हीं के कारण इनका नाम “कूष्मांडा” पड़ा, जिसका अर्थ है, कुम्हड़े से उत्पन्न अंड अर्थात ब्रह्मांड की उत्पत्ति। मां कूष्मांडा की उपासना करने से साधक को अपार तेज, बल, विद्या, बुद्धि और आरोग्य प्राप्त होता है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है, जो धन-समृद्धि की प्राप्ति, मानसिक शांति, पढ़ाई में प्रगति और जीवन में सफलता चाहते हैं।
मां कूष्मांडा अपने भक्तों के जीवन से अंधकार और नकारात्मकता को दूर कर ज्ञान, ऊर्जा और समृद्धि का संचार करती हैं। नवरात्रि की चतुर्थी तिथि पर उनका स्मरण करने और मंत्र जप करने से साधक के सभी दोष दूर होते हैं और परिवार में सुख-शांति का वास होता है।
इस दिन मां की कृपा से न केवल भौतिक सुख-संपत्ति मिलती है, बल्कि साधक का आत्मबल भी बढ़ता है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं शारदीय नवरात्र के चौथे दिन की पूजा विधि, महत्व और भी बहुत कुछ।
शारदीय नवरात्रि 2025 : चतुर्थी तिथि की शुरुआत
शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन 24 सितंबर 2025 गुरुवार को पड़ रहा है। इस दिन मां कूष्मांडा की पूजा करने का विधान है। आइए अब जानते हैं मां कूष्मांडा के स्वरूप के बारे में।
नवरात्रि 2025 पर मां का स्वरूप
शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन देवी दुर्गा कूष्मांडा स्वरूप की उपासना के लिए समर्पित होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सम्पूर्ण ब्रह्मांड की उत्पत्ति माता कूष्मांडा की दिव्य मुस्कान से हुई थी।
कूष्मांडा” शब्द का अर्थ माना जाता है, कुम्हड़ा या पेठा, और इसी कारण से इस दिन विशेष रूप से कुम्हड़ा माता को अर्पित किया जाता है। देवी कूष्मांडा अनाहत चक्र की अधिष्ठात्री मानी जाती हैं और अपनी आठ भुजाओं के कारण अष्टभुजा देवी के नाम से विख्यात हैं।
ज्योतिषीय दृष्टि से मां कूष्मांडा का संबंध बुध ग्रह से जोड़ा गया है। कहा जाता है कि उनका निवास स्थान सूर्य मंडल के भीतर है और इतनी प्रखर आभा में केवल वही देवी स्थिर रह सकती हैं।
उनका शरीर सूर्य के समान तेजस्वी और प्रकाशमान है और उनके तेज से ही दसों दिशाएं आलोकित होती हैं। मां की आठ भुजाओं में कमंडल, धनुष, बाण कमल, अमृत से भरा कलश, चक्र, गदा और जपमाला सुशोभित हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
सिंह उनका वाहन है, जो शक्ति और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है। विश्वास किया जाता है कि श्रद्धा और भक्ति से मां कूष्मांडा की पूजा करने पर जीवन के सभी संकट समाप्त हो जाते हैं। जिनका कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं, उन्हें इसका विशेष लाभ मिलता है।
उनकी कृपा से रोगों का नाश होता है, घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सुख-समृद्धि का आगमन होता है। जिन कन्याओं को मनचाहा वर चाहिए, उन्हें भी माता कूष्मांडा की आराधना करने से सफलता मिलती है।
विवाहित स्त्रियों को मां की उपासना करने पर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मां कूष्मांडा अपने भक्तों को निरोगी शरीर, दीर्घायु, यश, बल, ज्ञान और समृद्धि का वरदान देती हैं। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति जीवन में प्रसिद्धि, सफलता और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करना चाहता है, उसे नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
शारदीय नवरात्रि 2025: चौथे दिन की व्रत कथा
पौराणिक समय की बात है, जब सृष्टि का निर्माण नहीं हुआ था, तब चारों ओर अंधकार ही अंधकार था। न दिशाओं का अस्तित्व था, न समय का और न ही जीवन का कोई चिन्ह। उस समय केवल एक ही शक्ति थी वह आदिशक्ति है। जब सृष्टि की रचना का समय आया तो मां ने अपनी हल्की सी मुस्कान से एक तेजोमय प्रकाश प्रकट किया।
उसी दिव्य आभा से ब्रह्मांड की रचना हुई और सूर्य, ग्रह-नक्षत्र तथा सम्पूर्ण चराचर जगत अस्तित्व में आया। इसी कारण इन्हें कूष्मांडा कहा गया।
इन्हीं की शक्ति से सूर्य को प्रकाश प्राप्त होता है और पूरे संसार में ऊर्जा का संचार होता है। देवी कूष्मांडा का निवास स्थान भी सूर्य मंडल के भीतर बताया गया है। वहां इतनी प्रचंड आभा में केवल वही देवी विराजमान रह सकती हैं।
मां कूष्मांडा का स्वरूप अत्यंत तेजस्वी और भव्य है। वे अष्टभुजा हैं, जिनके हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल, पुष्प, अमृत कलश, चक्र, गदा और जपमाला शोभित हैं। उनका वाहन सिंह है। मां का यह स्वरूप भक्तों को बल, बुद्धि, विद्या और आरोग्य प्रदान करता है।
सुबह स्नान करके स्वच्छ पीले या गुलाबी वस्त्र पहनें और व्रत का संकल्प लें।
घर के पूजाघर या किसी पवित्र स्थान पर चौकी को लाल, पीले कपड़े से ढ़कें।
उस पर मां कूष्मांडा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
तांबे या मिट्टी के कलश में जल भरें, उसमें सुपारी, अक्षत, दूर्वा और सिक्का डालें।
कलश के ऊपर आम्रपल्लव व नारियल रखें। इससे देवी का प्रतीक मानकर पूजन करें।
दीपक जलाकर मांं कूष्मांडा का ध्यान करें और ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ कुष्माण्डायै नमः मंत्र बोलते हुए मां का आवाहन करें।
मां को कुम्हड़ा (पेठा) विशेष रूप से अर्पित करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा दूध से बनी मिठाई, खीर, और फल अर्पित करें।
अंत में मां की आरती करें और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
नवरात्रि 2025 पर पूजा का महत्व
मां कूष्मांडा की पूजा करने वाले भक्तों के जीवन से रोग, शोक और नकारात्मकता दूर होती है। कुंडली में यदि बुध ग्रह पीड़ित हो तो मां कूष्मांडा की साधना विशेष लाभ देती है। विवाहित स्त्रियों को अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है और अविवाहित कन्याओं को मनचाहा वर प्राप्त होता है। श्रद्धापूर्वक पूजा करने पर घर में सुख-समृद्धि और अपार ऊर्जा का वास होता है।
मां कूष्मांडा का पूजा मंत्र, भोग और शुभ रंग
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा में इन मंत्रों का जप विशेष लाभकारी माना जाता है:
इन मंत्रों के जप से मां कृपा करती हैं और जीवन में ऊर्जा, धन वैभव तथा विद्या की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि 2025 पर प्रिय भोग
मां कूष्मांडा को कुम्हड़ा यानी पेठा अर्पित करना सबसे शुभ माना गया है। इसके अलावा, मालपुआ, खीर, दूध से बनी मिठाई, फल, मधुर पान आदि का भी भोग लगाने से मां प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का संचार होता है।
नवरात्रि 2025 पर प्रिय रंग
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है और इस दिन का शुभ रंग नारंगी माना जाता है। यह रंग ऊर्जा, उत्साह और सकारात्मकता का प्रतीक है। मां कूष्मांडा का निवास सूर्य लोक में बताया गया है और सूर्य का रंग भी तेजस्वी नारंगी ही होता है इसलिए इस रंग का उनसे गहरा संबंध है।
नारंगी रंग को धारण करने से साधक के भीतर आत्मविश्वास, उमंग और जीवन जीने की प्रेरणा का संचार होता है। यही कारण है कि इस दिन नारंगी वस्त्र पहनना, नारंगी फूल जैसे गेंदा अर्पित करना और पूजा में नारंगी चुनरी या आसन का प्रयोग करना बेहद शुभ माना जाता है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
नवरात्रि 2025 के चौथे दिन किस देवी की पूजा होती है?
चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है।
मां दुर्गा के इस रूप का नाम कूष्मांडा क्यों पड़ा?
‘कूष्मांड’ शब्द का अर्थ है, कू (थोड़ा), उष्मा (ऊर्जा/ताप) और अंड (अंडा/ब्रह्मांड)। यानी थोड़ी-सी ऊर्जा से ब्रह्मांड की रचना करने वाली देवी।
मां कूष्मांडा का संबंध किस ग्रह से है?
मां कूष्मांडा का संबंध बुध ग्रह से माना जाता है।
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025: बड़े-बड़े त्योहारों से सजा है ये महीना, देखें दीपावली की तारीख!
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025: आध्यात्मिक, ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टि से अक्टूबर का महीना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मास में हिंदू धर्म के कई बड़े व्रत-त्योहार आते हैं जैसे कि दीपावली और करवा चौथ। दशहरे का महापर्व भी इसी महीने में आता है।
बता दें कि ग्रेगोरियन कैलेंडर में अक्टूबर को साल का दसवां महीना माना गया है। इस महीने में कुल 31 दिन होते हैं। भारत के कुछ हिस्सों में इसी महीने से सर्दी दस्तक देना शुरू कर देती है।
अगर आप भी अक्टूबर के महीने को लेकर अपने भविष्यफल के बारे में जानना चाहते हैं, तो एस्ट्रोसेज एआई के इस ब्लॉग में आपको अपने हर सवाल का जवाब मिल सकता है।
इस ब्लॉग में बताया गया है कि नए महीने में आपका करियर कैसा रहेगा, लव लाइफ में सब कुछ ठीक रहेगा या नहीं, क्या इस महीने आप अपना घर ले पाएंगे, परिवार की समस्याएं दूर होंगी या नहीं।
साथ ही इस ब्लॉग में यह भी जानकारी दी गई है कि अक्टूबर 2025 में कौन से ग्रह किस तिथि पर गोचर करने वाले हैं और अक्टूबर 2025 में किन तिथियों पर बैंक का अवकाश रहेगा एवं मुंडन मुहूर्त कब है।
तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि इस बार अक्टूबर के महीने में क्या खास है।
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना
हिंदू पंचांग के अनुसार अक्टूबर महीने की शुरुआत 01 अक्टूबर, 2025 को पूर्वा आषाढ़ नक्षत्रमें शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को होगी। वहीं अक्टूबर 2025 का समापन 31 अक्टूबर को शतभिषा नक्षत्र में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को होगा।
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 में बैंक अवकाश
तिथि
अवकाश
राज्य
02 अक्टूबर
विजय दशमी
मणिपुर और पांडिचेरी राज्यों को छोड़कर राष्ट्रीय अवकाश
02 अक्टूबर
गांधी जयंती
राष्ट्रीय अवकाश
06 अक्टूबर
लक्ष्मी पूजा
उड़ीसा, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल
07 अक्टूबर
महर्षि वाल्मीकि जयंती
हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब
18 अक्टूबर
कति बीहू
असम
21 अक्टूबर
दीपावली
राष्ट्रीय
22 अक्टूबर
दीपावली
हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश में
22 अक्टूबर
विक्रम संवत नव वर्ष
गुजरात
22 अक्टूबर
गोवर्धन पूजा
चंडीगढ़, दमन और दीउ, दादर और नागर हवेली में
23 अक्टूबर
भाई दूज
गुजरात, राजस्थान, सिक्किम, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश
24 अक्टूबर
निंगोन चकौबा
मणिपुर
27 अक्टूबर
छठ पूजा
असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड
28 अक्टूबर
छठ पूजा
बिहार
31 अक्टूबर
सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती
गुजरात
अक्टूबर 2025 में सार्वजनिक अवकाश
तारीख
अवकाश
राज्य
1 अक्टूबर 2025, बुधवार
महानवमी
अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मेघालय, नागालैंड, पुडुचेरी, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल
गुजरात, राजस्थान, सिक्किम, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश
24 अक्टूबर 2025, शुक्रवार
निंगोल चकौबा
मणिपुर
27 अक्टूबर 2025, सोमवार
छठ पूजा
बिहार, छत्तीसगढ़, दमन और दीव, दादर और नागर हवेली झारखंड
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 के लिए अन्नप्राशन मुहूर्त
तिथि
दिन
मुहूर्त
01 अक्टूबर 2025
बुधवार
20:53-22:48
02 अक्टूबर 2025
गुरुवार
07:42-07:57, 10:16-16:21, 17:49-20:49
08 अक्टूबर 2025
बुधवार
07:33-14:15, 15:58-20:25
10 अक्टूबर 2025
शुक्रवार
20:17-22:13
22 अक्टूबर 2025
बुधवार
21:26-23:40
24 अक्टूबर 2025
शुक्रवार
07:10-11:08, 13:12-17:47, 19:22-23:33
29 अक्टूबर 2025
बुधवार
08:30-10:49
31 अक्टूबर 2025
शुक्रवार
10:41-15:55 17:20-22:14
अक्टूबर राशिफल 2025 के लिए मुंडन मुहूर्त
दिन
समय
2 अक्टूबर 2025
10:16-16:2117:49-19:14
5 अक्टूबर 2025
07:45-10:05
8 अक्टूबर 2025
07:33-14:1515:58-18:50
11 अक्टूबर 2025
17:13-18:38
12 अक्टूबर 2025
07:18-09:3711:56-15:42
13 अक्टूबर 2025
13:56-17:05
15 अक्टूबर 2025
07:06-11:44
20 अक्टूबर 2025
09:06-15:10
24 अक्टूबर 2025
07:10-11:0813:12-17:47
26 अक्टूबर 2025
07:15-11:01
30 अक्टूबर 2025
08:26-10:45
31 अक्टूबर 2025
10:41-15:5517:20-18:55
अक्टूबर 2025 में विद्यारंभ मुहूर्त
तारीख
समय
नक्षत्र
10 अक्टूबर
दोपहर 12:15 से 02:33 तक
कृतिका
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 में गृह प्रवेश मुहूर्त
तारीख़ और दिन
शुभ मुहूर्त
तिथि
नक्षत्र
24 अक्टूबर, शुक्रवार
सुबह 06 बजकर 31 मिनट से लेकर रात्रि 01 बजकर 18 मिनट तक
तृतीया
अनुराधा
अक्टूबर 2025 के लिए उपनयन मुहूर्त
तिथि
दिन
मुहूर्त
02 अक्टूबर 2025
गुरुवार
07:42-07:57,10:16-16:21,17:49-19:14
04 अक्टूबर 2025
शनिवार
06:47-10:09,12:27-17:41
08 अक्टूबर 2025
बुधवार
07:33-14:15,15:58-18:50
11 अक्टूबर 2025
शनिवार
09:41-15:46,17:13-18:38
24 अक्टूबर 2025
शुक्रवार
07:10-11:08,13:12-17:47
26 अक्टूबर 2025
रविवार
14:47-19:14
31 अक्टूबर 2025
शुक्रवार
10:41-15:55,17:20-18:55
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 में कर्णवेध मुहूर्त की शुभ तिथियां
तिथि
दिन
मुहूर्त
02 अक्टूबर 2025
गुरुवार
10:16-16:21 17:49-19:14
04 अक्टूबर 2025
शनिवार
06:47-10:09
08 अक्टूबर 2025
बुधवार
07:33-14:15 15:58-18:50
11 अक्टूबर 2025
शनिवार
17:13-18:38
12 अक्टूबर 2025
रविवार
07:18-09:37, 11:56-15:42
13 अक्टूबर 2025
सोमवार
13:56-17:05
24 अक्टूबर 2025
शुक्रवार
07:10-11:08, 13:12-17:47
30 अक्टूबर 2025
गुरुवार
08:26-10:45
31 अक्टूबर 2025
शुक्रवार
10:41-15:55, 17:20-18:55
अक्टूबर में जन्मे लोगों की राशियां और भाग्य रत्न
23 सितंबर से 22 अक्टूबर के दौरान जन्मे लोगों की तुला राशि होती है और 23 अक्टूबर से 21 नवंबर के बीच पैदा होने वाले लोगों की वृश्चिक राशि होती है। तुला राशि वाले लोग आकर्षक और आदर्शवादी होते हैं।
वहीं वृश्चिक राशिवाले भावुक और रहस्यमयी स्वभाव के होते हैं।इस महीने में जन्म लेने वाले लोगों का बर्थस्टोन ओपल और टरमलाइन होता है।
आगे जानिए कि अक्टूबर में किस तिथि पर किस ग्रह का गोचर होने जा रहा है।
बुध ग्रह 02 अक्टूबर 2025 की शाम 05 बजकर 25 मिनट पर कन्या राशि में उदित होने जा रहे हैं। इस राशि के स्वामी ग्रह बुध ही हैं।
बुध ग्रह 3 अक्टूबर 2025 की सुबह 3:36 पर तुला राशि में प्रवेश कर रहे हैं। तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह हैं।
शुक्र ग्रह 9 अक्टूबर 2025 की सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करने जा रहे हैं। कन्या राशि पर बुध ग्रह का शासन है।
17 अक्टूबर को दोपहर के 01 बजकर 36 मिनट पर सूर्य तुला राशि में गोचर करेंगे। बता दें कि तुला राशि पर शुक्र ग्रह का आधिपत्य है।
बृहस्पति 19 अक्टूबर 2025 की दोपहर 12:57 पर कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
बुध 24 अक्टूबर 2025 की दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर रहे हैं।
मंगल ग्रह 27 अक्टूबर 2025 की दोपहर 2:43 पर अपनी स्वयं की राशि वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और मंगल ग्रह 7 दिसंबर 2025 तक यहीं बने रहेंगे।
इस महीने कोई ग्रहण नहीं है।
अक्टूबर 2025 में राष्ट्रीय अवकाश
अक्टूबर में हर साल 02 तारीख को गांधी जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय अवकाश रखा जाता है। भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 02 अक्टूबर को हुआ था इसलिए पूरे देश में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा की गई थी।
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 में आने वाले प्रमुख त्योहार
धार्मिक दृष्टि से अक्टूबर का महीना इसलिए भी बहुत खास होता है क्योंकि इस दौरान कई बड़े व्रत-त्योहार आते हैं जैसे कि दशहरा, करवा चौथ, अहोई अष्टमी, दीपावली और भैया दूज।
10 अक्टूबर, 2025 को करवा चौथ का व्रत है। देशभर में करवा चौथ की धूम रहती है। यहां तक कि विदेशों में रहने वाली भारतीय महिलाएं भी इस व्रत को रखती हैं।
21 अक्टूबर, 2025 को मंगलवार के दिन दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा। कार्तिक मास में अमावस्या के दिन प्रदोष काल में दीपावली मनाई जाती है। यह हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है।
23 अक्टूबर, 2025 को भैया दूज मनाया जाएगा। यह पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन यम अपनी बहन यमुना से मिलने गए थे और तभी से इस दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाने लगा।
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, आपके लिए अक्टूबर 2025 का महीना मुश्किलों से भरा रह सकता है। केतु ज्यादातर मामलों में अनुकूल परिणाम देने में असमर्थ रहेंगे।
करियर: आपको अपने कार्यक्षेत्र में कुछ कठिनाइयां देखने को मिल सकती हैं। नौकरी में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। व्यापारियों को इस महीने किसी भी तरह का कोई भी रिस्क लेने से बचना चाहिए।
शिक्षा: प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। इस महीने शिक्षा में कोई बड़ा व्यवधान नहीं आएगा।
पारिवारिक जीवन: गृहस्थ जीवन में बृहस्पति छोटी-मोटी समस्याएं देने का काम कर सकता है। पारिवारिक जीवन के लिए यह महीना थोड़ा कमजोर प्रतीत हो रहा है।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: प्रेम विवाह के बारे में सोच रहे हैं, तो 17 अक्टूबर के बाद इसका फैसला ले सकते हैं। दांपत्य जीवन में कुछ परेशानियां आ सकती हैं।
आर्थिक जीवन: लाभ प्राप्ति में कुछ कठिनाइयां आ सकती हैं। अप्रत्याशित रूप से कुछ फायदे मिल सकते हैं।
स्वास्थ्य: अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार आपको व्यर्थ के क्रोध से बचना चाहिए और तनाव से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए।
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 का कहना है कि वृषभ राशि वालों के लिए अक्टूबर 2025 औसत से बेहतर परिणाम लेकर आ सकता है। ज्यादातर मामलों में केतु कठिनाई देने का काम कर सकता है।
करियर: कार्यक्षेत्र से जुड़े मामलों में काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। कुछ अटके हुए काम पूरे हो सकते हैं। किसी स्त्री सहकर्मी से चल रहा विवाद खत्म कर लें।
शिक्षा: प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों की सीखने और समझने की क्षमता बढ़ेगी। इस समय पढ़ाई पर ध्यान देने वाले विद्यार्थी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
पारिवारिक जीवन: अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, पारिवारिक मामलों में अक्टूबर का महीना आपको अनुकूल परिणाम दे सकता है। भाई-बंधुओं के साथ अनुकूलता में कमी का सकती है।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: पति-पत्नी की आपस में बहस होने की आशंका है। आपको प्रेम जीवन में मर्यादा में रहना होगा। वैवाहिक जीवन में यह महीना आपको औसत परिणाम दे सकता है।
आर्थिक जीवन:थोड़े से इंतजार के बाद उपलब्धियां मिल सकती हैं। आपको अपनी मेहनत के अनुरूप पूरा फल मिलेगा।
स्वास्थ्य: आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति पूरी तरह से जागरूक रहने की जरूरत है। लापरवाही की स्थिति में परेशानियां देखने को मिल सकती हैं।
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, यह महीना आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। इस महीने अधिकांश मामलों में सावधानी पूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता होगी।
करियर: आपको अपने वरिष्ठ सहकर्मियों से मार्गदर्शन मिल सकता है। बीच-बीच में कामों में कुछ कठिनाइयां आ सकती हैं। आप अपने टारगेट को अचीव करने में पीछे रह सकते हैं।
शिक्षा: विद्यार्थियों को औसत परिणाम मिल सकते हैं। छात्रों का मन पढ़ाई में अच्छे से लगेगा।
पारिवारिक जीवन:परिवार में नए सिरे से कोई विवाद नहीं होगा। भाई-बंधुओं के साथ संबंध मजबूत करने पर ध्यान दें। घर-गृहस्थी से जुड़े मामलों में भी इस महीने सावधानीपूर्वक निर्वाह करने की आवश्यकता रहेगी।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: पति-पत्नी के बीच आपस में वाद-विवाद बढ़ सकते हैं। एक-दूसरे पर संदेह करने का सिलसिला भी शुरू हो सकता है।
आर्थिक जीवन: आमदनी के लिए महीना औसत या औसत से कुछ हद तक बेहतर रहेगा। बचत के मामले में कोई बड़ी समस्या प्रतीत नहीं हो रही है।
स्वास्थ्य: आपको अनुचित खानपान से बचना होगा। असंतुलित खानपान के नकारात्मक प्रभाव आपके स्वास्थ्य में देखने को मिल सकता है।
उपाय: छोटी कन्याओं को भोजन करवाकर उनका आशीर्वाद लें।
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, कर्क राशि के लोगों के लिए यह महीना मिले-जुले परिणाम देने का काम कर सकता है। अनुभव और धैर्य से आप अनुकूलता के ग्राफ को कुछ बेहतर बनाने में समर्थ हो सकते हैं।
करियर: आपके सीनियर या बॉस आपके समर्थन में रह सकते हैं। काम या बिज़नेस के मामले में दो बातें बर्दाश्त कर लेना समझदारी होगी। नौकरी में बदलाव के लिए लगभग पूरा महीना ही अनुकूल नहीं कहा जाएगा।
शिक्षा: शिक्षा के मामले में छोटे-मोटे व्यवधान रहेंगे। आपकी मेहनत व्यर्थ नहीं जाएगी। आपको क्रोध और अधीरता से बचना है। सहपाठियों से विवाद करने से बचें।
पारिवारिक जीवन: परिवार के सदस्यों के बीच छोटी-मोटी गलतफहमियां देखने को मिल सकती हैं। पारिवारिक परेशानियों के आने के संकेत मिल रहे हैं। गृहस्थ जीवन में सावधानी बरतें।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: प्रेम संबंधों में अनुकूलता प्राप्त करने में मुश्किल हो सकती है। समझदारी दिखाकर आप अपने संबंध को बनाए रख सकेंगे।
आर्थिक जीवन: आप अच्छी आमदनी के साथ-साथ अच्छी बचत भी कर सकेंगे। उधार दिए हुए पैसे वापस मिल सकते हैं।
स्वास्थ्य: आपको इस महीने में अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक रहना होगा। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। संयमित दिनचर्या अपनाएं।
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार आपको इस महीने काफी हद तक अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं। भले ही मंगल आपको कोई सकारात्मक परिणाम न दें, लेकिन कोई बड़ा नुकसान भी नहीं पहुंचाएगा।
करियर: ऑफिस में विनम्रता से बात करें। यदि आपकी सीनियर या बॉस कोई महिला है, तो उनके साथ सम्मानपूर्वक संबंध बनाकर रखें। इस दौरान व्यापारिक यात्राओं से भी बचें।
शिक्षा: ऐसे विद्यार्थी जो घर से दूर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं, वह अच्छे से पढ़ाई कर सकेंगे। पेरेंट्स पढ़ाई को लेकर बच्चों को जागरूक रखें।
पारिवारिक जीवन: परिवार के लोगों से बात करते समय शब्दों का सोच-समझकर चयन करें। आपके अंदर बेवजह की बातों में भी स्वाभिमान आने लग सकता है। भाई-बंधुओं के साथ संबंध अनुकूल रहेंगे।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: आपको अपने लव पार्टनर से मिलने का मौका प्राप्त होगा। प्रेम में सीमाओं को पार करने से बचें। वैवाहिक जीवन में इस महीने बहुत ही समझदारी से निर्वाह करें।
आर्थिक जीवन: महीने के पहले हिस्से में किसी न किसी तरह से अच्छा लाभ हो ही जाएगा। इस महीने बचत करने में कुछ कठिनाईयां आ सकती हैं।
स्वास्थ्य: आपका खानपान असंयमित रह सकता है जिससे सेहत को नुकसान होने की आशंका है। योग-व्यायाम से आपका मन हट सकता है। आपको आलस घेर सकता है।
उपाय: अस्थमा रोगियों की दवा खरीदने में सहायता करें।
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 बताता है कि कन्या राशि के लोगों के लिए अक्टूबर का महीना मिले-जुले परिणाम लेकर आ सकता है। सभी ग्रहों की स्थितियों को देखा जाए, तो इस महीने आपको अधिकतर मामलों में मिले-जुले परिणाम मिलने की उम्मीद है।
करियर: काम के मामले में यह महीना लाभकारी सिद्ध होगा। व्यापारियों की तुलना में नौकरीपेशा लोगों को ज्यादा अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। व्यापारी कोई बड़ी डील करने से बचें।
शिक्षा:प्रोफेशनल स्टडीज़ कर रहे छात्रों को अच्छे परिणाम प्राप्त मिलेंगे। छोटी-मोटी कठिनाई के बाद प्राथमिक स्तर के विद्यार्थी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
पारिवारिक जीवन: परिजनों के बीच बहस और विवाद होने की आशंका है। आपको बातचीत के तौर-तरीके को संतुलित रखने की आवश्यकता है।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: इस महीने आपको अपने प्रेम संबंधों में थोड़ा रूखापन देखने को मिल सकता है। दांपत्य सुख में कमी आ सकती है।
आर्थिक जीवन: व्यापार-व्यवसाय के माध्यम से अच्छा लाभ होने के संकेत हैं। घर-गृहस्थी की स्थिति मजबूत होगी। अपनी सुविधा की वस्तुएं खरीद सकते हैं लेकिन कुछ खर्चे बेकार में भी हो सकते हैं।
स्वास्थ्य: जिन लोगों को हृदय या फेफड़ों आदि से संबंधित परेशानियां हैं, उन्हें सावधान रहने की सलाह दी जाती है। कोई गंभीर समस्या परेशान नहीं करेगी।
तुला राशि वालों के लिए अक्टूबर का महीना औसत रहने वाला है। ज्यादातर मामलों में बृहस्पति से अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।
करियर: कार्यक्षेत्र में अच्छी अनुकूलता मिल सकती है। नौकरी में प्रमोशन के योग बन रहे हैं। नौकरी के लिए बेहतर पद मिल सकते हैं। व्यापारियों के लिए 24 अक्टूबर के बाद का समय अच्छा रहेगा।
शिक्षा: आपको सफलता पाने के लिए अपने अंदर प्रतिस्पर्धात्मक भाव उत्पन्न करने की जरूरत है। व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकेंगे।
पारिवारिक जीवन: परिवार में तनाव का माहौल देखने को मिल सकता है। किसी बात पर परिवार का कोई सदस्य नाराज़ हो सकता है। भाई बंधुओं के साथ रिश्ते में सावधानी बरतें।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: प्रेम संबंधों में कुछ गलतफहमियां देखने को मिल सकती हैं। इस महीने आपका रिश्ता कमजोर पड़ सकता है। ऐसे में समझदारी दिखाएं और एक-दूसरे पर यकीन रखें।
आर्थिक जीवन: धन के मामले में यह महीना थोड़ा कमजोर रह सकता है। खर्चे भी बढ़ सकते हैं।
स्वास्थ्य: अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहना होगा। वाहन इत्यादि सावधानी से चलाएं।
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 कहता है कि अक्टूबर का महीना आपकी राशि के लिए मिले-जुले परिणाम लेकर आ सकता है। शुक्र का गोचर 9 अक्टूबर तक आपके दशम भाव में रहेगा जो आपके लिए कुछ मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
करियर: कार्यक्षेत्र में अच्छी प्रगति मिलने के योग हैं। आपको प्रमोशन या इंक्रीमेंट मिलने की संभावना है। इस समय व्यापारिक यात्राओं से बचने की कोशिश करें।
शिक्षा:छात्रों का पढ़ाई में मन कम लगेगा। इस समय आपको लापरवाही करने से बचना चाहिए। आलस और निद्रा पर नियंत्रण रखें।
पारिवारिक जीवन: आपको परिवार में बीच-बीच में कुछ परेशानियां आ सकती है। भाई-बंधुओं के साथ संबंध औसत रह सकते हैं। घर-गृहस्थी की बात करें तो, इस मामले में आपको अपेक्षाकृत अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: प्रेम संबंधों में अच्छी खासी अनुकूलता देखने को मिलेगी। वैवाहिक जीवन में सावधानी बरतें। परिस्थितियों को मेंटेन करके रखें।
आर्थिक जीवन: आपको अपनी मेहनत से लाभ होने की उम्मीद है। आप इस महीने अच्छी बचत करने में सफल होंगे। आर्थिक मामले में काफी हद तक अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।
स्वास्थ्य: जुकाम, बुखार जैसी परेशानियां आपको परेशान कर सकती हैं। चोट-खरोंच लगने का भी भय है। आपको ब्लड प्रेशर, फेफड़े या हृदय से जुड़ी कोई परेशानी है, तो समय पर दवा लें।
उपाय: शनिवार के दिन बहते हुए शुद्ध जल में 400 ग्राम धनिया बहाएं।
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 का कहना है कि धनु राशि के लोगों को इस महीने अनुकूल परिणाम दे सकता है। कुल मिलाकर आपके लिए यह महीना अच्छा साबित होगा।
करियर: व्यापार में अच्छी उपलब्धियां मिल सकती हैं। आपका इंक्रीमेंट हो सकता है। व्यापार में रिस्क लेने से बचें। नौकरीपेशा लोगों में कुछ असंतोष देखने को मिल सकता है।
शिक्षा: पढ़ाई के मामले में यह महीना बहुत ज्यादा अनुकूल रहने वाला है। हालांकि, कभी-कभी आप अपने विचारों में उलझ सकते हैं और आलस्य भी हावी रह सकता है।
पारिवारिक जीवन: परिवार में असंतुलन आ सकता है। भाई-बहनों के साथ संबंध में सुधार आएगा। घर-गृहस्थी से जुड़े मामलों में भी परिणाम मिले-जुले रह सकते हैं।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: पति-पत्नी के बीच छोटी-मोटी बहस हो सकती है। विवाह से संबंधित बातों को आगे बढ़ाने के लिए अनुकूल समय है। दांपत्य जीवन अच्छा बना रहेगा।
आर्थिक जीवन: महीने की शुरुआत में धन लाभ होने के आसार हैं। हालांकि, आपके लिए पैसों की बचत करना मुश्किल हो सकता है।
स्वास्थ्य: आपको आलस घेर सकता है और लापरवाही से कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी रह सकती हैं। आप ध्यान, योग और मेडिटेशन करें।
मकर राशि वालों को इस महीने बेहतर परिणाम मिलने की उम्मीद है। अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, इस महीने सूर्य से आपको मिले-जुले परिणाम मिल सकते हैं।
करियर: आपको अपने कार्यक्षेत्र में कुछ कठिनाइयां देखने को मिल सकती हैं। हालांकि, मुश्किलों के बाद सफलता मिलने की उम्मीद है। नौकरी में छोटी-मोटी परेशानी बनी रह सकती है।
शिक्षा: प्रोफेशनल स्टडीज़ के छात्रों को अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में बेहतर परिणाम मिलने के संकते हैं।
पारिवारिक जीवन: परिजनों के साथ असामंजस्य उत्पन्न हो सकता है। आप पारिवारिक समस्याओं को संभालने में सक्षम रहेंगे। पारिवारिक संबंधों को लेकर पूरी सावधानी बरतने का प्रयास करें।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: आपके लिए अपने रिश्ते में मर्यादा रखना बहुत जरूरी होगा। अमर्यादित होने की स्थिति में बदनामी का भय रहेगा। आपको वासनात्मक विचारों से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
आर्थिक जीवन: इस महीने आपको बहुत ज्यादा तो नहीं लेकिन थोड़ा-बहुत लाभ जरूर होगा। इस महीने आपकी आमदनी संतोषप्रद रह सकती है। कुछ बेकार के खर्चे इस महीने आपको परेशान कर सकते हैं।
स्वास्थ्य: आपका इम्यून सिस्टम थोड़ा कमजोर रह सकता है। आपको अपनी सेहत को लेकर जागरूक रहने की जरूरत है। असंयमित खानपान मुख या पेट से संबंधित समस्याएं दे सकता है।
अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, कुंभ राशि के जातकों के लिए अक्टूबर 2025 का महीना औसत परिणाम लेकर आ सकता है।
करियर: नौकरीपेशा जातकों को नौकरी बदलने से बचना होगा। आवेश में आकर जॉब छोड़ने का फैसला न लें। नए सिरे से कोई व्यापार शुरू करना भी उचित नहीं रहेगा।
शिक्षा: पढ़ाई-लिखाई से मन भटक सकता है। आपका ध्यान मनोरंजन या दोस्तों के साथ समय बिताने में लग सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियों का ग्राफ कमजोर हो सकता है।
पारिवारिक जीवन: किसी बात को लेकर पारिवारिक माहौल खराब हो सकता है। एक-दूसरे की निंदा करने से बचें। भाईयों के बीच का प्रेम बना रहेगा।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: आपको अपने प्रेम संबंध में सामाजिक मर्यादा का ख्याल रखना होगा। अमर्यादित होने की स्थिति में आपकी छवि खराब हो सकती है। वैवाहिक जीवन के लिए यह महीना थोड़ा कमजोर रह सकता है।
आर्थिक जीवन: आपको अपनी मेहनत के अनुरूप व्यापार में अच्छा लाभ मिलने के योग हैं। शनि देव बचाए हुए धन को व्यर्थ में खर्च करवा सकते हैं। इस महीने बचत को लेकर काफी जागरूक रहने की जरूरत रहेगी।
स्वास्थ्य: खान-पान में असंयमिता से बचें। आपको मस्तिष्क या फिर पेट आदि से संबंधित कुछ परेशानियां होने की आशंका है। सिरदर्द, सिर चकराना, भूलने की समस्या या फिर अपच, गैस इत्यादि की शिकायत हो सकती है।
उपाय: भगवान शिव या गणेश जी के मंत्र का रोज़ जाप करें।
मीन राशि वालों के लिए अक्टूबर का महीना औसत से कुछ हद तक कमजोर परिणाम दे सकता है। आपको इस महीने सूर्य से अनुकूल परिणामों की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।
करियर: आपको अपने करियर में कोई नुकसान नहीं होगा। काम में कुछ सकारात्मक परिवर्तन करने की सोच सकते हैं। व्यापार में रिस्क लेने से बचें।
शिक्षा: उच्च शिक्षा के मामले में बुध ग्रह औसत परिणाम दे सकते हैं। कुछ विद्यार्थियों को बहुत अच्छे परिणाम भी मिल सकते हैं।
पारिवारिक जीवन: भाई-बंधुओं के साथ संबंध थोड़े कमजोर रह सकते हैं। एक-दूसरे पर गुस्सा करने की बजाय शांत रहें। गृहस्थ जीवन भी संतोषजनक रहेगा।
प्रेम और वैवाहिक जीवन: आप अपनी लव लाइफ को इंजॉय कर सकते हैं। आप वासनात्मक विचारों से स्वयं को दूर रखें। दांपत्य जीवन के लिए अच्छा समय है।
आर्थिक जीवन: आय के स्रोतों में कुछ रुकावट देखने को मिल सकती है। आपको अपनी मेहनत का फल मिलने में कुछ विलंब देखने को मिल सकता है। बचत के मामले में कोई बड़ी उपलब्धि नजर नहीं आ रही है।
स्वास्थ्य: अक्टूबर मासिक राशिफल 2025 के अनुसार, इस समय आपके लिए खान-पान पर संयम रखना बहुत जरूरी होगा। जननांगों या गुप्तांगों, गुदा आदि से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न 1. अक्टूबर 2025 में करवा चौथ कब है?
उत्तर. 10 अक्टूबर, 2025 को है।
प्रश्न 2. अक्टूबर में राष्ट्रीय अवकाश कब और क्यों है?
उत्तर. 02 अक्टूबर को गांधी जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश है।
प्रश्न 3. अक्टूबर में कुल कितने दिन होते हैं?
उत्तर. 31 दिन।
सूर्य-शनि समस्पत्क योग: इन 4 राशियों के लिए खड़ी हो सकती है मुश्किलें!
एस्ट्रोसेज एआई लेकर आया है सूर्य–शनि समस्पत्क योग 2025 ब्लॉग, जो 17 सितंबर 2025 को सुबह 1 बजकर 38 मिनट पर शुरू हो चुका है। इस योग के प्रभाव अधिकतर 22 सितंबर 2025 से महसूस किए जाएंगे। आइए जानते हैं कि सूर्य-शनि समस्पत्क योग का असर राशि चक्र, शेयर बाजारऔर विश्वभर की घटनाओं पर कैसे पड़ेगा।
समस्पत्क योग तब बनता है, जब दो ग्रह एक दूसरे के विपरीत स्थिति में हो (सातवें भाव में एक दूसरे पर दृष्टि डालते हों) वर्ष 2025 में यह योग सूर्य और शनि के बीच बनेगा। सूर्य कन्या राशि में रहेगा और शनि मीन राशि में होगा और वे सीधे एक-दूसरे पर दृष्टि डालेंगे।
यह विशेष रूप से 21 सितंबर 2025 के सूर्य ग्रह के बाद महत्वपूर्ण हो जाएगा। यह योग सत्ता (सूर्य) और अनुशासन, कर्म (शनि) के बीच टकराव को दर्शाता है। वैश्विक स्तर पर यह योग सरकार, सत्ता और आम जनता के बीच तनाव पैदा कर सकता है। व्यक्तिगत जीवन में यह अहंकार बनाम जिम्मेदारी, अधिकार बनाम कर्तव्य और पिता-पुत्र या बॉस, अधीनस्थ संबंधों में संघर्ष को उजागर कर सकता है। संक्षेप में, सूर्य–शनि समस्पत्क योग 2025 का अर्थ है सत्ता के साथ विनम्रता, अहंकार के साथ अनुशासन, और महत्वाकांक्षा के साथ धैर्य का संतुलन।
सूर्य- शनि समस्पत्क योग: ये राशियां होंगी अधिक प्रभावित
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए सितंबर 2025 का सूर्य शनि समस्पत्क योग छठें भाव (सूर्य कन्या में) और बारहवें भाव (शनि मीन में) के बीच खींचतान पैदा करेगा। इसका असर स्वास्थ्य, कार्यस्थल पर प्रतिस्पर्धा, कर्ज, छिपे हुए शत्रु, अलगाव या विदेशी मामलों से जुड़े तनाव पर पड़ सकता है। आप सेवा और अनुशासन के माध्यम से खुद को साबित करने की आवश्यकता और मन को बचाने की प्रवृत्ति के बीच फंसा हुआ महसूस कर सकते हैं। इस दौरान वरिष्ठों, अधिकारिक हस्तियों या पिता जैसी व्यक्तियों के साथ संघर्ष भी सामने आ सकता है।
स्वास्थ्य या जिम्मेदारियों पर अचानक खर्च वित्तीय दबाव पैदा कर सकते हैं। लेकिन यदि आप समझदारी से इसका सामना करेंगे, तो यह समय पुराने कर्मों को समाप्त करने और आंतरिक विकास का अवसर बन सकता है।
विनम्रता का अभ्यास करके, अनुशासित दिनचर्या बनाए रखकर और अहंकार के साथ धैर्य का संतुलन करके, मेष राशि के जातक इस योग को आध्यात्मिक शुद्धि, मानसिक मजबूती और कर्मों की सुधार के अवसर में बदल सकते हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए सितंबर 2025 का सूर्य-शनि समस्पत्क योग दूसरे भाव (सूर्य कन्या में) और आठवें भाव (शनि मीन में) के बीच तनाव को उजागर करेगा। इस संरेखण का प्रभाव साझेदारी, विवाह और व्यवसायिक गठबंधनों में संघर्ष के रूप में दिख सकता है, क्योंकि अहंकार के टकराव या जिम्मेदारियों में मतभेद सामने आ सकते हैं।
स्वास्थ्य और व्यक्तिगत ऊर्जा थोड़ी कमजोर महसूस हो सकती है और दूसरों की अपेक्षाओं और अपनी देखभाल के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। पेशेवर नेटवर्किंग, खासकर वरिष्ठों या अधिकारियों के साथ, इस समय भारी या सीमित महसूस हो सकती है। साझेदारी या कानूनी मामलों से जुड़े वित्तीय जिम्मेदारियों में भी अतिरिक्त सतर्कता की आवश्यकता होगी।
हालांकि यह योग सिंह राशि के जातकों को संबंधों में परिपक्वता विकसित करने, व्यक्तिगत गर्व के साथ सहयोग का संतुलन बनाने और संघर्षों को विकास के अवसर में बदलने के लिए प्रेरित करता है।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए सितंबर 2025 का सूर्य- शनि समस्पत्क योग पहले भाव और सातवें भाव (शनि मीन में) को सक्रिय करेगा। यह समय स्वयं और संबंधों पर ध्यान केंद्रित कराएगा। साझेदारी, विवाह या पेशेवर सहयोग में टकराव हो सकता है, क्योंकि व्यक्तिगत इच्छाएं और स्वतंत्रता दूसरों की जिम्मेदारियों और अपेक्षाओं से टकरा सकती है। स्वास्थ्य और सहनशक्ति में उतर-चढ़ाव हो सकता है इसलिए अनुशासित जीवनशैली और तनाव प्रबंधन जरूरी होगा।
करियर में व्यवसायिक साझेदारों, ग्राहकों या अनुबंधों में देरी या चुनौतियां आ सकती हैं, और अधिकारिक व्यक्तियों के साथ विवाद भी हो सकते हैं। साझेदारी से जुड़े वित्तीय फैसले सोच-समझकर लें, ताकि लंबी अवधि में बोझ न बढ़े। यह योग कर्मों का संतुलन बनाने, विनम्रता, सहयोग और धैर्य अपनाने का अवसर भी देता है। स्वयं और समझौते के बीच संतुलन बनाने से यह समय व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में परिपक्वता और स्थिरता ला सकता है।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए सितंबर 2025 का सूर्य-शनि समस्प्तक योग सातवें भाव (सूर्य कन्या में) और पहले भाव में (शनि मीन में) पर प्रभाव डालेगा। यह समय सेवा, स्वास्थ्य और कर्ज से जुड़े मामलों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
कार्यस्थल पर प्रतिस्पर्धा, विरोधी या कानूनी विवाद सामने आ सकते हैं। स्वास्थ्य में विशेष ध्यान देने की जरूरत है, खासकर पाचन, इम्यूनिटी या तनाव से जुड़ी समस्याओं में। वित्तीय रूप से अचानक खर्च या आश्रितों की जिम्मेदारियां स्थिरता पर दबाव डाल सकती है। शनि की सख्त दृष्टि के कारण संबंध खासकर अधिकारियों या साझेदारों के साथ, दूर या चुनौतीपूर्ण महसूस हो सकते हैं। फिर भी यह योग पुराने कर्मों को छोड़ने, अनुशासन अपनाने और भौतिक जिम्मेदारियों के साथ आध्यात्मिक विकास संतुलित करने का अवसर देता है। विनम्रता, धैर्य और आत्म -जागरूकता के साथ इसका पालन करने पर यह समय गहरे कर्म सुधार, आंतरिक शक्ति और जीवन में नई दिशा ला सकता है।
कार्यस्थल पर अपने वरिष्ठों, अपने पिता और गुरुजनों या मार्गदर्शकों के साथ अपने संबंधों को बेहतर बनाएं।
सभी के प्रति सम्मान रखें और अनुशासन और दिनचर्या बनाए रखें।
राजनीति और शासन
सरकार और जनता के बीच संभावित तनाव बढ़ सकता है।
नेतृत्व, अधिकार और जवाबदेही को लेकर संघर्ष गहरा हो सकता है।
कुछ देशों में राजनीतिक अस्थिरता, नेतृत्व में बदलाव या बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिल सकते हैं।
पारंपरिक सत्ता संचरनाओं (सरकारें, पुराने संस्थान) और आम जनता के बीच टकराव बढ़ सकता है, जिससे आंतरिक अशांति बढ़ सकती है।
अर्थव्यवस्था और व्यापार
बाजार में अचानक उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जो सूर्य (सोना, ऊर्जा, नेतृत्व वाली इंडस्ट्रीज) और शनि (तेल, श्रम, खनन) द्वारा शासित हैं।
वैश्विक स्तर पर धन वितरण, कराधान और श्रमिकों के अधिकारों को लेकर बहस बढ़ सकती है।
एआई, नवीकरणीय ऊर्जा और वैकल्पिक अर्थव्यवस्थाओं का विकास पुराने सिस्टम को चुनौती दे सकता है।
सामाजिक, मानवीय मुद्दे और जलवायु संबंधी चिंताएं
असमानता, न्याय और सामाजिक सुधारों पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।
अभिजात वर्ग (सूर्य) और आम जनता, मजदूर वर्ग (शनि) के बीच संघर्ष बढ़ सकता है।
मजदूर कानूनों, वेतन और कामकाजी हालात को लेकर अशांति संभव है।
सूर्य–शनि का टकराव मौसम और जलवायु से जुड़ी परेशानियों जैसे सूखा, ज़्यादा बारिश या प्राकृतिक आपदाओं को बढ़ा सकता है।
सरकार को जलवायु नीति, पानी बचाने और पर्यावरण से जुड़े नियमों पर कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. क्या सूर्य-शनि मित्र ग्रह हैं?
नहीं, शनि-सूर्य शत्रु ग्रह हैं।
2. मीन राशि पर किस ग्रह का शासन है?
बृहस्पति
3. इस समय बृहस्पति किस राशि में गोचर कर रहा है?
मिथुन
शारदीय नवरात्रि 2025 के तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा!
शारदीय नवरात्रि 2025 का तीसरा दिन देवी के तीसरे स्वरूपमां चंद्रघंटा की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मां का यह रूप अपने गले में घंटाकार अर्धचंद्र धारण करने के कारण चंद्रघंटा कहलाता है। उनका स्वरूप साहस, वीरता और सौम्यता का अद्भुत संगम है।
मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा से साधक के जीवन में भय, नकारात्मक ऊर्जा और शत्रु बाधाएं दूर होती हैं। खासतौर पर इस दिन श्रद्धा और विधिपूर्वक मां की आराधना करने से मंगलदोष और चंद्रदोष जैसे गंभीर ग्रह दोष शांत होते हैं।
इन दोषों के कारण विवाह में विलंब, दांपत्य जीवन में तनाव, मानसिक अशांति और कार्यों में रुकावट जैसी समस्याएं आती है, जो मां की कृपा से समाप्त हो जाती है।
नवरात्रि के इस पावन दिन पर मां चंद्रघंटा का स्मरण न केवल ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करता है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि, सौभाग्य और मानसिक स्थिरता भी प्रदान करता है। श्रद्धालु इस दिन मां को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजन, मंत्र-जाप और उपाय करते हैं, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आने लगते हैं।
आज इस ख़ास ब्लॉग में हम शारदीय नवरात्रि के तीसरी दिन होने वाली पूजन विधि, उपाय, मां चंद्रघंटा के स्वरूप के बारे में जानेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं इस ब्लॉग को।
शारदीय नवरात्रि 2025: तृतीया तिथि की शुरुआत
शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन 24 सितंबर 2025 बुधवार के दिन पड़ेगी। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त की बात करें तो कोई अभिजीत मुहूर्त नहीं रहेगा।
शारदीय नवरात्रि 2025: कैसा है मां का स्वरूप
मां चंद्रघंटा का स्वरूप अत्यंत दिव्य, तेजस्वी और वीरतापूर्ण है। उनके मस्तक पर अर्धचंद्र के आकार की स्वर्णिम घंटा सुशोभित रहती है, जिसके कारण उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। मां का शरीर स्वर्ण के समान आभा लिए हुए है, जो सौंदर्य और दिव्यता का प्रतीक है।
वे दस भुजाओं वाली हैं, जिनमें विभिन्न अस्त्र-शस्त्र और कमल पुष्प धारण किए हुए हैं। मां के तीन नेत्र हैं, जो उनकी सर्वज्ञता और त्रिकालदर्शी स्वरूप को दर्शाते हैं। उनके गले में घंटे की मधुर और रहस्यमयी ध्वनि निरंतर गूंजती रहती है, जो दुष्ट शक्तियों का नाश करती है और भक्तों के मन में साहस और शांति का संचार करती है।
मां चंद्रघंटा अपने वाहन सिंह पर सवार रहती हैं, जो वीरता, शक्ति और निर्भयता का प्रतीक है। उनका स्वरूप एक ओर सौम्य और करुणामयी है, तो दूसरी ओर अत्यंत उग्र और युद्धप्रिय भी है। मान्यता है कि उनके दर्शन और ध्यान मात्र से सभी प्रकार के भय, रोग और ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं और साधक को साहस, आत्मविश्वास व मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है।
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शारदीय नवरात्रि 2025: मां चंद्रघंटा की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया। वर्षों की तपस्या के बाद जब भगवान शिव प्रकट हुए तो उनका रूप अत्यंत विकराल था, उनके शरीर पर भस्म लगी थी, गली में सांप, जटाएं बिखरी हुई और शरीर पर मुण्डमालाएं थीं।
यह रूप देखकर माता पार्वती के परिवारजन भयभीत हो गए। फिर भी माता पार्वती ने शिव से विवाह किया और जब वे अपने पति के साथ कैलाश लौटने लगीं, तो संसार में राक्षसों मने आंत मचाना शुरू कर दिया।
एक शक्तिशाली असुर महिषासुर ने स्वर्गलोक पर आक्रमण कर देवताओं को पराजित कर दिया। तब सभी देवताओं ने मिलकर एक देवी की रचना की जो शक्ति, सौंदर्य और वीरता का संगम हो, यह थीं मां दुर्गा। जब महिषासुर ने देवी को युद्ध के लिए ललकारा तब मां दुर्गा ने अपना एक विशेष रूप धारण किया।
यह रूप था मां चंद्रघंटा का, जिनका स्वरूप स्वर्ण के समान उज्जवल था। उनके मस्तक पर अर्धचंद्र था और वे सिंह पर सवार थीं। उनके दस हाथों में शस्त्र थे, त्रिशुल, गदा, तलवार, धनुष आदि। उनका यह युद्ध रूपी रूप इतना प्रभावशाली था कि युद्धभूमि में घंटे की ध्वनि से असुरों में भय व्याप्त हो गया।
उनकी चंद्र के समान उज्जवल कांती और घंटे की गर्जना से महिषासुर और उनके साथी आतंकित हो गए। मां चंद्रघंटा ने महिषासुर का संहार कर देवताओं को दोबारा उनका स्वर्ग लोक लौटाया। तभी से मां चंद्रघंटा को शक्ति, शांति और सुरक्षा की देवी के रूप में पूजा जाता है।
मां चंद्रघंटा का स्वरूप हमें यह सिखाता है कि भीतर से शांत और सौम्य रहने के साथ-साथ आवश्यकता पड़ने पर अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए। उनका सिंह पर सवार होना साहस का प्रतीक है और उनके हाथों में शस्त्र यह दर्शाते हैं कि वे अपने भक्तों की हर बुराई से रक्षा करती हैं।
शारदीय नवरात्रि 2025 का तीसरा दिन: मां चंद्रघंटा की पूजा विधि
नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इनकी पूजा करने से भय, नकारात्मक ऊर्जा, मानसिक तनाव और रोगों से मुक्ति मिलती है। मां चंद्रघंटा का स्वरूप सौम्य होने के बावजूद, वे अत्यंत शक्तिशाली हैं और भक्तों की हर विपदा का नाश करती हैं। आइए जानते हैं पूजन विधि के बारे में:
प्रातः स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान की सफाई करें और मां की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
मां चंद्रघंटा का ध्यान करते हुए अपने मन को शांत करें।
अपने हाथ में जल लेकर पूजा का संकल्प लें और इस मंत्र को बोले-“मम समस्त पापक्षय पूर्वक सर्वाभीष्ट सिद्धयर्थं श्री दुर्गातृतीयपूजां करिष्ये।”
शारदीय नवरात्रि 2025 पर मंगल व चंद्र दोष दूर करने के उपाय
शारदीय नवरात्रि 2025 पर चंद्र दोष कैसे दूर करें
तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को सफेद पुष्प, दूध और खीर अर्पित करें।
माता को सफेद वस्त्र या चांदी का वस्त्राभूषण चढ़ाएं।
‘ॐ चंद्रघंटायै नमः’ मंत्र का 108 बार जप करें।
चंद्र दोष से पीड़ित जातकों को सोमवार के दिन गरीबों को दूध, चावल और सफेद मिठाई दान करनी चाहिए।
शारदीय नवरात्रि 2025 पर मंगल दोष करने के उपाय
मां चंद्रघंटा को लाल पुष्प, गुड़ और अनार अर्पित करें।
मंगल दोष से प्रभावित जातकों को मंगलवार के दिन मां चंद्रघंटा की विशेष आराधना करनी चाहिए।
‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ चंद्रघंटायै नमः’ मंत्र का जप करें।
मंगलवार को हनुमान जी को चोला चढ़ाना और ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ करना भी लाभकारी है।
अविवाहित युवक-युवतियों को मंगलवार को मां चंद्रघंटा के साथ-साथ शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए, इससे विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती है।
मानसिक शांति के लिए रात्रि में चंद्रमा को जल अर्पित करें और ॐ चन्द्राय नमः मंत्र का जाप करें।
मां चंद्रघंटा पूजा मंत्र, शुभ रंग व भोग
मूल बीज मंत्र:
ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः।
ध्यान मंत्र:
पिण्डज प्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघंटेति विश्रुता॥
स्तोत्र (दुर्गा सप्तशती का श्लोक):
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इन मंत्रों का जप 11, 21 या 108 बार किया जा सकता है।
शारदीय नवरात्रि 2025 पर मां का प्रिय भोग
दूध या खीर
मलाई व मावे से बनी मिठाइयां जैसे पेड़ा, रसमलाई आदि
सादा दूध-चावल या चावल की खीर
घी और चीनी मिश्रित भोग
भोग चढ़ाते समय शुद्धता और श्रद्धा का विशेष ध्यान रखें।
शारदीय नवरात्रि 2025 पर शुभ रंग
मां चंद्रघंटा का शुभ रंग पीला व सुनहरा और गुलाबी माना गया है। इनके शरीर को आभा सोने जैसी तेजस्वी और प्रकाशमान मानी जाती है, इसलिए पीले और सुनहरे रंग का विशेष महत्व है। यह रंग शक्ति, ऊर्जा, समृद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक होता है।
वहीं गुलाबी रंग करुणा, प्रेम, सौम्यता और मानसिक शांति का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि के तीसरे दिन जब मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है, तब इन रंगों का प्रयोग करना अत्यंत शुभ माना जाता है। भक्तगण इस दिन प्रायः स्वर्णिम अथवा गुलाबी वस्त्र पहनकर मां की आराधना करते हैं।
पूजा में इन रंगों के पुष्प, वस्त्र या सजावट का उपयोग करने से मां शीघ्र प्रसन्न होती हैं और साधक को साहस, शांति, सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इसलिए मां चंद्रघंटा की उपासना में इन रंगों का विशेष महत्व होता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
शारदीय नवरात्रि 2025 के तीसरे दिन किस देवी की पूजा होती है?
तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है।
मां चंद्रघंटा का स्वरूप कैसा है?
मां का शरीर स्वर्ण (सोने) की तरह तेजस्वी है। उनके मस्तक पर अर्धचंद्राकार घंटा शोभित है और उनके दस हाथों में अलग-अलग अस्त्र-शस्त्र और कमल पुष्प हैं। उनका वाहन सिंह है।
मां चंद्रघंटा का शुभ रंग कौन सा है?
मां का शुभ रंग स्वर्णिम (पीला-सुनहरा) और गुलाबी माना गया है। इन रंगों में पूजा करना विशेष फलदायी होता है।
शारदीय नवरात्रि 2025: दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की साधना से खुलेंगे भाग्य के द्वार!
शारदीय नवरात्रिका दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना के लिए समर्पित है। यह रूप तप, संयम और अटूट भक्ति का प्रतीक है। मां ब्रह्मचारिणीको प्रसन्न करने से जीवन में आत्मविश्वास, दृढ़ता और सफलता के मार्ग खुलते हैं। मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से मां की पूजा करने वाले भक्तों की झोली ज्ञान, शांति और सौभाग्य से भर जाती है।
जिन लोगों के जीवन में रुकावटें, असफलताएं या मानसिक अशांति बनी रहती है, उन्हें दूसरे दिन की साधना और विशेष उपाय अवश्य करने चाहिए। मां की कृपा से न केवल मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि कठिन से कठिन लक्ष्य भी सहजता से प्राप्त हो जाते हैं।
तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं हमारा नवरात्रि स्पेशल का यह विशेष ब्लॉग और जान लेते हैं शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण और जानने वाली बातों की जानकारी। सबसे पहले बात करें कि वर्ष 2025 में नवरात्रि की द्वितीया तिथि कब पड़ने वाली है।
शारदीय नवरात्रि 2025 की द्वितीया तिथि
वर्ष 2025 में नवरात्रि का दूसरा दिन 23 सितंबर 2025 मंगलवार के दिन पड़ने वाला है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व बताया गया है।
इसके अलावा, बात करें नवरात्रि की द्वितीया तिथि के हिंदू पंचांग की तो, इस दिन द्वितीया तिथि रहेगी, पक्ष शुक्ल रहेगा, नक्षत्र हस्त, योग ब्रह्म योग रहेगा। बात करें इस दिन के अभिजीत मुहूर्त की तो यह 11 बजकर 49 मिनट से लेकर 12 बजकर 37 तक रहेगा।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
शारदीय नवरात्रि 2025 में मां का कैसा रहेगा स्वरूप
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है, जिनका स्वरूप अत्यंत तेजस्वी, शांत और तपस्विनी है। मां ने श्वेत वस्त्र धारण किए हुए हैं, जो पवित्रता, सादगी और सात्विकता का प्रतीक है।
उनके दाहिने हाथ में जर की माला और बाएं हाथ में कमंडल है, जो तप, संयम और भक्ति का द्योतक है। मां की मुद्रा चलने की है, मानो वे साधना के मार्ग पर अग्रसर हों। उनके चेहरे पर करुणा और अटूट धैर्य की झलक है।
मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की उपासना से साधक को तप, त्याग, धैर्य और आत्मसंयम की शक्ति प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सफलता और शांति दोनों का मार्ग प्रशस्त होता है।
शारदीय नवरात्रि 2025 परमां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि
इस दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ व सात्विक वस्त्र धारण करें।
पूजा स्थान को गंगाजल या शुद्ध जल से पवित्र करें और मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
कलश स्थापना के बाद मां ब्रह्मचारिणी के स्वरूप की तस्वीर या मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और रोली, अक्षत, पुष्प, धूप और चंदन अर्पित करें।
मां को सफेद रंग के फूल, विशेषकर चमेली या गुलाब चढ़ाना शुभ माना जाता है।
गन्ने का रस, मिश्री और शक्कर का भोग लगाएं, क्योंकि मां ब्रह्मचारिणी को यह प्रिय है।
पूजन के समय ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
अंत में मां की आरती करें और सभी देवी-देवताओं का स्मरण करके पूजा संपन्न करें।
मान्यता है कि इस विधि से मां प्रसन्न होकर साधक को तप, संयम, धैर्य और मानसिक शक्ति का आशीर्वाद देती हैं।
मां ब्रह्मचारिणी, माता पार्वती का वह रूप हैं, जिन्होंने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी। कथा के अनुसार, पर्वतराज हिमालय की पुत्री सती ने जब राजा दक्ष के यज्ञ में अपने पति भगवान शिव को अपमान होते देखा, तो उन्होंने क्रोध और आहत भाव से अपने प्राण त्याग दिए।
अगले जन्म में वे हिमालय की पुत्री पार्वती के रूप में अवतरित हुईं। बचपन से ही पार्वती को यह ज्ञात था कि उनका विवाह भगवान शिव से ही होगा।
नारद मुनि ने भी माता हिमावती और राजा हिमालय को यह बताया कि पार्वती का भाग्य भगवान शिव के साथ बंधा है, लेकिन इसके लिए उन्हें कठोर तप करना होगा। माता पार्वती ने अपने निश्चय में अडिग रहते हुए तपस्या का मार्ग चुना।
उन्होंने वर्षों तक केवल फल-फूल खासकर जीवन बिताया, फिर कई वर्षों तक केवल पत्तों पर निर्वाह किया और अंत में निराहार रहकर भी तर करती रहीं। उनकी यह कठिन साधना हजारों वर्षों तक चली। इस कठिन तप से उनके शरीर का रोम-रोम तप की आभा से चमकने लगा और उनका स्वरूप पूर्णत दिव्य हो गया।
इसी कारण वे ब्रह्मचारिणी नाम से विख्यात हुईं। ‘ब्रह्म’ अर्थात तप और ज्ञान, तथा ‘चारिणी’ अर्थात आचरण करने वाली। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ब्रह्मा, विष्णु और अन्य देवता उन्हें आशीर्वाद देने आए। अंततः भगवान शिव ने उनके तप, धैर्य और भक्ति को स्वीकार करते हुए उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया।
मां ब्रह्मचारिणी का यह स्वरूप त्याग, संयम, धैर्य और तपस्या का प्रतीक है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व है। श्रद्धालु मानते हैं कि उनकी उपासना से मन में आत्मविश्वास, धैर्य और लक्ष्य के प्रति दृढ़ता आती है। जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति प्राप्त होती है, और साधक को आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग मिलता है।
मां ब्रह्मचारिणी पूजा मंत्र व भोग
मंत्र
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
या देवी सर्वभूतेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
कम से कम 108 बार जाप करें। जाप के समय रुद्राक्ष या चंदन की मालाका उपयोग करें। मां के स्वरूप का ध्यान करते हुए मन को पूर्ण एकाग्र रखें।
मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय भोग
गन्ने का रस (मुख्य भोग)
मिश्री व शक्कर
सफेद मिठाई (रसगुल्ला, पेड़ा)
चमेली के फूल के साथ प्रसाद चढ़ाना शुभ माना जाता है।
शारदीय नवरात्रि 2025 पर मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के उपाय
आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए
मां ब्रह्मचारिणी को सफेद रंग के फूल जैसे चमेली, गुलाब या मोगरा अर्पित करें। यह पवित्रता और शांति का प्रतीक है और मां को प्रसन्न करता है। साथ ही, इससे मां का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शारदीय नवरात्रि 2025 पर मनोकामना पूर्ति के लिए
नवरात्रि 2025 के दूसरे दिन मां को गन्ने का रस मिश्री या शक्कर का भोग लगाएं। मान्यता है कि इससे मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती है।
मन की शांति के लिए
इस दिन ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। जाप के समय मन को एकाग्र रखें और मां के स्वरूप का ध्यान करें।
शारदीय नवरात्रि 2025 पर सकारात्मकता के लिए
इस दिन तप और संयम का संकल्प लें। मां ब्रह्मचारिणी तप और संयम की देवी हैं, इसलिए इस दिन किसी भी प्रकार का क्रोध झूठ या कटु वचन न बोलें।
सुख-शांति के लिए
इस दिन घर व परिवार में सुख शांति के लिए पूजा में घी के दीपक के साथ दूध का दीपक जलाएं। यह जीवन में सुख-शांति और मानसिक स्थिरता देता है।
आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए
इस दिन दो या पांच कुमारी कन्याओं को घर बुलाकर उन्हें भोजन और दक्षिणा दें। इससे मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा कब की जाती है?
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है।
2. मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप कैसा है?
मां ने सफेद वस्त्र धारण किए हैं, दाहिने हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमंडल है, और वे चलने की मुद्रा में हैं।
3. मां ब्रह्मचारिणी का प्रिय भोग क्या है?
गन्ने का रस, मिश्री, शक्कर और सफेद मिठाई।
इस सप्ताह से होगा शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ, नोट कर लें घटस्थापना का मुहूर्त!
साप्ताहिक राशिफल 22 से 28 सितंबर 2025: आने वाले हर दिन के साथ हम एक नए सप्ताह, नए महीने और नए साल में प्रवेश करते हैं, इसलिए हर दिन अपने आप में ख़ास होता है।
आपका हर सप्ताह बन सके और भी स्पेशल, बस इस बात को ध्यान में रखते हुए हम आपके लिए साप्ताहिक राशिफल का यह ब्लॉग लेकर आये हैं जहां आपको सितंबर 2025 के इस चौथे सप्ताह (22 सितंबर से 28 सितंबर) से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी।
साथ ही, धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से इस सप्ताह का महत्व भी जानेंगे, जो कि हमारे अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषियों द्वारा ग्रह-नक्षत्रों की चाल, दशा और स्थिति की गणना के बाद तैयार किया गया है।
साप्ताहिक राशिफल का यह ब्लॉग आपके मन में उठने वाले सभी प्रश्नों जैसे कि करियर में मिलेगी कामयाबी या बॉस रहेगा नाराज़? प्रेम जीवन में मिलेगा पार्टनर का साथ या बनी रहेगी तकरार? सेहत देगी साथ या रोग से रहेंगे परेशान? वैवाहिक जीवन में रहेगी ख़ुशियों की भरमार या समस्याओं का करना होगा सामना आदि के जवाब आपको देगा। यहाँ आप जीवन को बेहतर बनाने के मार्ग पर लेकर जाएंगे।
इस ब्लॉग की सबसे ख़ास बात यह है कि 12 राशियों के लिए भविष्यवाणी के अलावा आपको 22 सितंबर से 28 सितंबर के दौरान आने वाले व्रत-त्योहारों, ग्रहण और गोचरों की भी विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी। कब रहेंगे बैंक बंद और कौन सा मुहूर्त होगा मांगलिक कार्यों के लिए शुभ?
इस बारे में भी हम विस्तार से बात करेंगे। साथ ही, सितंबर के तीसरे सप्ताह में किन मशहूर हस्तियों का जन्मदिन आता है, इससे भी हम आपको रूबरू करवाएंगे। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जान लेते हैं इस सप्ताह का पंचांग।
इस सप्ताह के ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू कैलेंडर की गणना
हिंदू पंचांग के अनुसार, साल के नौवें महीने सितंबर का यह सप्ताह बेहद शुभ रहने वाला है। बता दें कि इस हफ़्ते की शुरुआत उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि यानी कि 22 सितंबर 2025 को होगी जबकि इस सप्ताह का अंत ज्येष्ठा नक्षत्र के तहत शुक्ल पक्ष की सप्तम तिथि पर होगा।
हालांकि, यह हफ़्ता धार्मिक दृष्टि से बेहद ख़ास रहेगा क्योंकि इस दिन से शारदीय नवरात्रि का आरंभ होगा। इसके अलावा, इस दौरान कई अन्य पर्व भी मनाए जाएंगे जिनके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
इस सप्ताह में पड़ने वाले व्रत और त्योहार
साप्ताहिक राशिफल ब्लॉग का यह सेक्शन विशेष रूप से ऐसे जातकों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है जो अपने जीवन की व्यस्तता की वजह से अक्सर प्रमुख व्रत एवं त्योहार की तिथियां भूल जाते हैं। ऐसे में, हम यह बिल्कुल नहीं चाहते हैं कि भविष्य में आपको ऐसी किसी भी तरह की परिस्थिति का सामना करना पड़े, इसलिए हम आपको यहां पर 22 सितंबर से लेकर 28 सितंबर 2025 के बीच पड़ने वाले व्रत-पर्वों की सही तिथियां प्रदान कर रहे हैं। तो आइए बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस सप्ताह कब और कौन सा त्योहार मनाया जाएगा।
घटस्थापना (22 सितंबर 2025, सोमवार): नवरात्रि के प्रथम दिन अर्थात प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना की जाती है और इसे कलश स्थापना भी कहा जाता है। सनातन धर्म में कलश स्थापना को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह नवरात्रि की शुरुआत का प्रतिनिधित्व करती हैं, फिर चाहे वह शरद नवरात्रि हो या चैत्र नवरात्रि या गुप्त नवरात्रि, इन सभी नवरात्रि में शुभ मुहूर्त में पूरे विधि-विधान से घटस्थापना करने का विधान है। बता दें कि कलश स्थापना में कलश को भगवान गणेश का स्वरूप माना जाता है।
कल्परम्भ (28 सितंबर 2025, रविवार): शारदीय नवरात्रि की षष्ठी तिथि से विधिवत दुर्गा पूजा की शुरुआत होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी दुर्गा धरती पर अवतरित हुई थीं इसलिए षष्ठी तिथि पर बिल्व निमंत्रण पूजन, अकाल बोधन, कल्परम्भ, अधिवास और आमंत्रण आदि परंपराओं का पालन किया जाता है। बता दें कि काल प्रारंभ पूजन को सुबह करने का विधान है।
शारदीय नवरात्रि 2025 का होगा शुभारंभ
साल भर में आने वाले चार नवरात्रि में से एक होती है शारदीय नवरात्रि, जिसे हिंदू धर्म में बहुत शुभ और पावन माना जाता है। शारदीय नवरात्रि देवी दुर्गा को समर्पित नौ दिन होते हैं और इस दौरान देवी के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस साल 22 सितंबर 2025 से शारदीय नवरात्रि शुरू होंगे और यह विजयदशमी के साथ 02 अक्टूबर को समाप्त होंगे। शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है और इसका शुभ मुहूर्त हम आपको नीचे प्रदान कर रहे हैं।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि का आरंभ: 22 सिंतबर 2025, सोमवार
घटस्थापना का मुहूर्त: सुबह 06 बजकर 09 मिनट से 08 बजकर 06 मिनट तक
अवधि: 1 घंटे 56 मिनट
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक
प्रतिपदा तिथि का आरंभ: रात 01 बजकर 25 मिनट पर (22 सितंबर)
प्रतिपदा तिथि समाप्त: मंगलवार की सुबह 02 बजकर 57 मिनट पर (23 सितंबर)
हम आशा करते हैं कि यह व्रत-त्योहार आपके जीवन में खुशियाँ और आशा की नई किरण लेकर आयेंगे।
वैदिक ज्योतिष में हर ग्रह का अपना अलग और विशिष्ट स्थान है। इसी क्रम में, प्रत्येक ग्रह एक निश्चित अवधि पर अपनी चाल, दशा या राशि में परिवर्तन करते हैं। जब कोई ग्रह एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता हैं, तो इस घटना को गोचर कहा जाता है। इसी प्रकार, मान्यताओं के अनुसार, जब राहु-केतु हर साल सूर्य-चंद्रमा पर ग्रहण लगाते हैं और इसका नकारात्मक प्रभाव पूरे संसार को प्रभावित करता है।
ऐसे में, ग्रहण और गोचर दोनों ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं इसलिए इनकी जानकारी आपको होना आवश्यक है। बात करें सितंबर 2025 के तीसरे सप्ताह में होने वाले ग्रहण और गोचर की, तो बता दें कि इस अवधि में कोई गोचर नहीं होगा, लेकिन सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है।
इस सप्ताह लगेगा साल का दूसरा सूर्य ग्रहण
सितंबर का महीना बेहद ख़ास रहने वाला है क्योंकि इस माह में दो ग्रहण लगने जा रहे हैं जिसमें एक चंद्र ग्रहण और दूसरा सूर्य ग्रहण होगा। वर्ष का यह दूसरा सूर्य ग्रहण आश्विन मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि यानी कि 21 सितंबर 2025, रविवार को लगेगा।
इस ग्रहण का आरंभ रात 10 बजकर 59 मिनट पर होगा जबकि इसकी समाप्ति 22 सितंबर 2025 की देर रात 03 बजकर 23 मिनट पर होगी। बता दें कि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा और न ही ग्रहण से जुड़े किसी नियम का पालन किया जाएगा।
यदि आपको भी काम के सिलसिले में हर दूसरे दिन बैंक में आना-जाना पड़ता है या फिर बैंक से अक्सर काम रहता है, तो नीचे हम आपको 22 सितंबर से 28 सितंबर 2025 के दौरान पड़ने वाले बैंक अवकाशों की संपूर्ण सूची देने जा रहे हैं ताकि आपका कोई काम बैंक अवकाश होने की वजह से अटक न जाए।
तिथि
दिन
पर्व
राज्य
22 सितंबर 2025
सोमवार
बथुकम्मा का पहला दिन
तेलंगाना
22 सितंबर 2025
सोमवार
महाराजा अग्रसेन जयंती
हरियाणा
23 सितंबर 2025
मंगलवार
शहीद दिवस
हरियाणा
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं इस सप्ताह की सबसे शुभ तिथियां।
इस सप्ताह (22 सितंबर से 28 सितंबर) के शुभ मुहूर्त
प्रत्येक सप्ताह में कुछ दिन ऐसे होते हैं जो शुभ एवं मांगलिक कार्यों को करने के लिए सबसे उत्तम होते हैं। इन तिथियों पर नामकरण, अन्नप्राशन जैसे संस्कार बिना किसी परेशानी के संपन्न किए जा सकते हैं इसलिए यहाँ हम आपको 22 से 28 सितंबर 2025 के शुभ मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं।
22 से 28 सितंबर 2025 के नामकरण मुहूर्त
अगर आप अपने शिशु के नामकरण संस्कार के लिए शुभ मुहूर्त देख रहे हैं, तो इस सेक्शन में आपको हम इस सप्ताह के नामकरण संस्कार की तिथियां दे रहे हैं।
तिथि
मुहूर्त
22 सितंबर 2025, सोमवार
06:09:07 से 30:09:07
24 सितंबर 2025, बुधवार
06:10:07 से 31:07:16
22 से 28 सितंबर 2025 के अन्नप्राशन मुहूर्त
जो माता-पिता अपने शिशु का अन्नप्राशन संस्कार सितंबर 2025 के तीसरे सप्ताह में करने के बारे में विचार कर रहे हैं, उनको हम नीचे इस सप्ताह के अन्नप्राशन संस्कार के मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं जो कि इस प्रकार हैं:
तिथि
मुहूर्त
24 सितंबर 2025, बुधवार
06:41-10:48,13:06-18:20,19:45-23:16
22 से 28 सितंबर 2025 के कर्णवेध मुहूर्त
सोलह संस्कारों में से एक कर्णवेध संस्कार को संपन्न करने के लिए हम आपको नीचे इस सप्ताह की शुभ तिथियां देने जा रहे हैं जो इस प्रकार हैं:
तिथि
मुहूर्त
22 सितंबर, 2025
13:14-17:01
24 सितंबर, 2025
06:41-10:48,13:06-16:53
27 सितंबर, 2025
07:36-12:55,14:59-18:08
22 से 28 सितंबर 2025 में विद्यारंभ मुहूर्त
विद्यारंभ संस्कार किसी भी शिशु के जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव होता है इसलिए इसे सदैव शुभ मुहूर्त में करना चाहिए। बता दें कि सितंबर के इस सप्ताह में केवल एक मुहूर्त उपलब्ध है।
तिथि
नक्षत्र
मुहूर्त
23 सितंबर 2025
हस्त
रात 12:39. से दोपहर 01:15
22 से 28 सितंबर 2025 में वाहन खरीदने का मुहूर्त
यदि आप काफ़ी समय से वाहन खरीदने का मन बना रहे हैं, लेकिन कोई मुहूर्त नहीं मिल रहा है, तो नीचे हम आपको 22 से 28 सितंबर 2025 के वाहन खरीद मुहूर्त देने जा रहे हैं।
एस्ट्रोसेज इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देता है। यदि आप अपने पसंदीदा सितारे की जन्म कुंडली देखना चाहते हैं तो आप यहां पर क्लिक कर सकते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. शारदीय नवरात्रि कब से शुरू हैं?
इस साल शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से शुरू होंगे।
2. मीन राशि का स्वामी कौन है?
राशि चक्र की अंतिम राशि मीन के अधिपति देव गुरु ग्रह हैं।
3. इस सप्ताह नामकरण संस्कार का कोई मुहूर्त है?
साप्ताहिक राशिफल 22 सितंबर से 28 सितंबर 2025 के अनुसार, इस सप्ताह नामकरण संस्कार के दो मुहूर्त उपलब्ध हैं।
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जय माता दी 🙏
शक्ति, भक्ति और आस्था के पर्व शारदीय नवरात्रि 2025 का जल्द ही शुभारंभ होने जा रहा है। नवरात्रि के नौ दिन देवी दुर्गा को समर्पित होते हैं जो सकारात्मकता और नई शुरुआत का प्रतीक है। डांडिया और गरबा से सजे नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए भक्त सालभर इंतज़ार करते हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि और भी ख़ास होने वाले हैं, क्योंकि एस्ट्रोसेज एआई लेकर आया है आपके लिए शारदीय नवरात्रि 2025 स्पेशल सेल।
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नवरात्रि का पर्व बेहद ख़ास होता है और इन नौ दिनों में देवी दुर्गा को अपने घर आमंत्रित करने के लिए हम घर की साफ-सफाई करते हैं, नए कपड़े खरीदते हैं और दीपक जलाते हैं। इस नवरात्रि अपने कर्मों का शुद्धिकरण करें एस्ट्रोसेज एआई के साथ, जो वैदिक परंपराओं को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ता है।
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक
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शारदीय नवरात्रि 2025: घटस्थापना पर दुर्लभ योग, शुभ मुहूर्त में करें पूजा!
शारदीय नवरात्रि 2025: साल भर में कई पर्व व त्योहार आते हैं, लेकिनशारदीय नवरात्रि का महत्व अपने आप में अनूठा है। यह केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि शक्ति, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का अद्भुत संगम है।
घटस्थापना का यह पावन अवसर न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी असाधारण है। इस वर्ष नवरात्रि की शुरुआत एक ऐसे दुर्लभ योग में हो रही है, जिसका इंतजार भक्त वर्षों से करते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस शुभ मुहूर्त में की गई पूजा और साधना से मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती है और जीवन में सफलता के नए द्वार खुलते हैं।
नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है, जिनसे जीवन में शक्ति, ज्ञान, धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। लेकिन घटस्थापना का दिन पूरे पर्व का आधार माना जाता है।
इस दिन सही समय और विधि से कलश स्थापना करने पर पूरे नौ दिन की पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है। इस साल यह अवसर और भी खास है क्योंकि ग्रह-नक्षत्रों का अद्भुत मेल साधकों और भक्तों को मनचाहा फल देने वाला है।
आज के अपने इस खास ब्लॉग में हम शारदीय नवरात्रि के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। साथ ही जानेंगे कि इस वर्ष शारदीय नवरात्रि किस दिन से प्रारंभ हो रही है, इस दिन घटस्थापना का मुहूर्त क्या रहेगा, इस दिन कौन-कौन से शुभ और दुर्लभ योग बन रहे हैं, साथ ही जानेंगे मां इस वर्ष कौन से वाहन पर बैठकर आगमन करने वाली हैं और उसका क्या अर्थ होता है।
शारदीय नवरात्रि 2025: तिथि व मुहूर्त
सबसे पहले बात करें नवरात्रि प्रारंभ कब हो रही है तो दरअसल वर्ष 2025 में अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर सोमवार की रात 01 बजकर 25 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 23 सितंबर मंगलवार की सुबह 02 बजकर 57 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार, शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर सोमवार को मनाई जाएगी।
शारदीय नवरात्रि 2025: घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्र में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 09 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक है। इसकी अवधि 1 घंटे 56 मिनट तक होगी।
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक है। इन दोनों ही मुहूर्त में घटस्थापना कर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
शारदीय नवरात्रि 2025 में बन रहे हैं कई शुभ योग
इस बार शारदीय नवरात्रि 2025 की घटस्थापना के दिन शुक्ल योग, ब्रह्म योग और श्रीवत्स योग जैसे अत्यंत मंगलकारी योग भी बन रहे हैं। शुक्ल योग को शांति, पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
इस योग में किए गए धार्मिक कार्य विशेष रूप से सफल होते हैं और जीवन में सकारात्मकता लाते हैं। ब्रह्म योग की बात करें तो यह योग ज्ञान, बुद्धि और धर्म-कर्म में प्रगाढ़ता लाते हैं। इस समय पूजा पाठ, मंत्र-जाप करने से अद्भुत लाभ मिलता है।
श्रीवत्स योग को ऐश्वर्य और लक्ष्मी प्राप्ति का योग कहा जाता है। इस योग में की गई आराधना से न केवल धन-समृद्धि में वृद्धि होती है। यानी घटस्थापना के लिए दिन का हर पल मंगलमय रहेगा, जिससे भक्त बिना समय की चिंता किए पूरे दिन पूजा अर्चना कर सकते हैं।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
क्या रहेगा मां का वाहन?
शारदीय नवरात्रि 2025 का एक और विशेष संयोग यह है कि इस वर्ष मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर पधारेंगी। धार्मिक मान्यताओं और पंचांग गणना के अनुसार, नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा जिस वाहन पर आती हैं, उसका सीधा संबंध आने वाले समय के शुभ-अशुभ संकेतों से होता है।
मां का हाथी पर आगमन बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि यह सवारी शांति, स्थिरता, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है। पौराणिक मान्यता है कि जब मां दुर्गा हाथी की सवारी करके आती हैं, तो वर्ष भर धरती पर सुख-समृद्धि बनी रहती है।
हाथी ज्ञान, शक्ति और वैभव का प्रतीक है और इसका आगमन इस बात का संकेत है कि देश-प्रदेश में बारिश, अन्न-धान्य की प्रचुरता और आर्थिक प्रगति होगी। यह भी कहा जाता है कि हाथी पर सवार मां दुर्गा का आगमन सामाजिक सौहार्द बढ़ाता है और लोगों के जीवन में स्थिरता लाता है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह सवारी न केवल प्राकृतिक संतुलन के अच्छे संकेत देती है, बल्कि परिवारों में प्रेम और एकता को भी मजबूत करती है। ऐसे समय में किए गए धार्मिक अनुष्ठान और दान-पुण्य का फल कई गुना बढ़ जाता है।
भक्तों का विश्वास है कि हाथी पर आने वाली मां दुर्गा विशेष रूप से अपने भक्तों की आर्थिक उन्नति, मानसिक शांति और पारिवारिक सुख की कामनाएं पूरी करती हैं।
शारदीय नवरात्र 2025 घटस्थापना के नियम
घटस्थापना हमेशा सुबह के शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए। अभिजीत मुहूर्त या विजय मुहूर्त भी उपयुक्त होते हैं, लेकिन अमावस्या या सूर्यास्त के बाद घटस्थापना नहीं करनी चाहिए।
पूजा का स्थान साफ, पवित्र और शांत होना चाहिए। स्थान पर गंगाजल छिड़ककर शुद्धि करें।
घटस्थापना से पहले स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें। सफेद, पीले या लाल रंग के वस्त्र शुभ माने जाते हैं।
मिट्टी के पात्र में सात या नौ प्रकार के अनाज (जौ, गेहूं आदि) बोएं। पात्र में जल भरें, उसमें रोली, अक्षत, सुपारी, सिक्का और आम के पत्ते डालें। कलश के ऊपर नारियल रखकर लाल चुनरी से ढकें।
कलश के पास या उसके ऊपर देवी दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। देवी की ओर मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना शुभ है।
घटस्थापना के बाद अखंड ज्योत जलाएं, जो पूरे नवरात्रि जलती रहे। घी का दीपक सर्वोत्तम माना जाता है।
बोए गए जौ या गेहूं के अंकुर देवी की कृपा का प्रतीक माने जाते हैं। नवरात्रि के अंत में इन अंकुरों को नदी या पवित्र स्थान पर विसर्जित करें।
घटस्थापना के समय दुर्गा सप्तशती, देवी कवच या अन्य मंत्रों का पाठ करें। व्रत का संकल्प लें और नौ दिनों तक मां के नियमों के अनुसार पूजा करें।
नवरात्रि में सात्विक भोजन करें, प्याज-लहसुन से परहेज रखें। ब्रह्मचर्य और पवित्र आचरण बनाए रखें।
प्रतिदिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूप की पूजा करें। नवमी के दिन कन्या पूजन और प्रसाद वितरण अवश्य करें।
शारदीय नवरात्र 2025 में घटस्थापना करते समय न करें ये गलतियां
शुभ मुहूर्त से पहले या बाद में कलश स्थापना करने से पूजा का फल कम हो जाता है।
अमावस्या, राहुकाल या अष्टमी के समय घटस्थापना नहीं करनी चाहिए।
गंदे या अव्यवस्थित स्थान पर कलश स्थापित करना अशुभ माना जाता है। पूजा स्थल की शुद्धि के बिना घटस्थापना न करें।
बिना आम के पत्ते, बिना नारियल या बिना रोली अक्षत के कलश अधूरा माना जाता है। साथ ही, टूटा हुआ या दरार वाला कलश भी इस्तेमाल न करें।
नवरात्रि में अंखड दीपक जलाना शुभ माना जाता है, लेकिन अगर दीपक के बीच में बुझ जाए तो इसे अशुभ संकेत माना जाता है। इसलिए दीपक की देखभाल लगातार करें।
नवरात्रि में मांसाहार, मदिरा, प्याज और लहसुन का सेवन वर्जित है। क्रोध, झूठ और अपशब्दों से भी बचना चाहिए।
जौ या गेहूं के बीज सही ढंग से न बोना या उन्हें समय पर जल न देना अशुभ माना जाता है।
घटस्थापना के बाद कलश को हिलाना या उसका स्थान बदलना वर्जित है।
नवमी के दिन कन्या पूजन और प्रसाद वितरण अवश्य करें, इसे टालना अशुभ माना जाता है।
शारदीय नवरात्र 2025 पर घटस्थापना की विधि
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन सबसे पहले पूजा स्थान को शुद्ध कर लें और माता दुर्गा की चौकी घर के उत्तर-पूर्व कोने यानी ईशान कोण में स्थापित करें।
इसके बाद चौकी पर लाल रंग का स्वच्छ वस्त्र बिछाएं और उस पर मां दुर्गा की प्रतिमा को प्रतिष्ठित करें।
फिर सबसे पहले भगवान गणेश का पूजन करें ताकि सभी कार्य अच्छे से पूरे हों। घटस्थापना की प्रक्रिया शुरू करें। इसके बाद शुद्ध मिट्टी लें और उसमें जौ के दाने मिलाकर एक पवित्र आधार तैयार करें। इस मिट्टी को चौकी के पास रखें और इसके ऊपर जल से भरा हुआ मिट्टी का कलश रखें।
कलश के जल में लौंग, हल्दी की गांठ, सुपारी, दूर्वा और एक रुपए का सिक्का डालें। अब कलश के मुख पर आम के पत्ते लगाएं और उसे मिट्टी के ढक्कन से ढक दें। ढक्कन के ऊपर साफ चावल या गेहूं भरें।
घटस्थापना के बाद पूरे नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के साथ-साथ इस कलश की भी नियमित पूजा और व्रत नियमपूर्वक करें। माना जाता है कि इस प्रकार की गई घटस्थापना से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
शारदीय नवरात्र 2025 के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। यह देवी दुर्गा का प्रथम स्वरूप हैं और पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। मां शैलपुत्री को शक्ति, दृढ़ संकल्प और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।
ज्योतिष मान्यता है कि मां शैलपुत्री को नियंत्रित करती हैं, जो मन और भावनाओं के कारक हैं। पहले दिन उनकी उनकी उपासना करने से मानसिक शांति, स्थिरता और सकारात्मक सोच का विकास होता है। यह पूजा जीवन में नए आरंभ, आत्मविश्वास और दृढ़ इच्छाशक्ति का संचार करती है।
पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा से व्यक्ति के जीवन से आलस्य, भय और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। साथ ही, साधक को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है, जो पूरे नवरात्रि और आने वाले समय में उसका मार्गदर्शन करती है।
कहा जाता है कि जो भक्त श्रद्धा से पहले दिन मां शैलपुत्री का स्मरण करता है, उसके जीवन में सौभाग्य और समृद्धि के द्वार खुलते हैं।
शारदीय नवरात्र 2025: मां शैलपुत्री की कथा
मां शैलपुत्री, देवी दुर्गा का प्रथम स्वरूप हैं और पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इन्हें यह नाम प्राप्त हुआ है। लेकिन इनका जन्म एक दिव्य कथा से जुड़ा है, जो इनके पूर्वजन्म से आरंभ होती है।
सती, जो भगवान शिव प्रथम पत्नी थीं, राजा दक्ष प्रजापति की पुत्री थीं। राजा दक्ष, भगवान शिव के प्रति आदर भाव नहीं रखते थे और एक बार उन्होंने एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें सभी देवताओं और ऋषियों को आमंत्रित किया गया, लेकिन भगवान शिव को आमंत्रण नहीं भेजा।
सती ने जब यह सुना, तो उन्होंने बिना निमंत्रण के यज्ञ में जाने का निश्चय किया, क्योंकि वे अपने मायके का उत्सव देखना चाहती थीं। यज्ञ स्थल पर पहुंचकर सती ने देखा कि वहां भगवान शिव का अपमान हो रहा है और राजा दक्ष खुले शब्दों में उनका तिरस्कार कर रहे हैं।
पति का यह अपमान सती से सहन नहीं हुआ और उन्होंने क्रोधित होकर यज्ञ की अग्नि में आत्माहुति दे दी। इस घटना के बाद भगवान शिव ने क्रोध में आकर दक्ष के यज्ञ को विध्वंस कर दिया और सती के शरीर को अपने कंधों पर लेकर तांडव करने लगे।
तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के टुकड़े किए, जो धरती के विभिन्न स्थानों पर गिरे और ये स्थान बाद में शक्तिपीठ कहलाए। पुनर्जन्म में सती, पर्वतराज हिमालय के घर जन्मीं और शैलपुत्री नाम से प्रसिद्ध हुई। इस जन्म में उन्हे फिर भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त किया।
मां शैलपुत्री वृषभ यानी बैल पर सवार रहती हैं, उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल होता है। वे सरलता, साहस और अडिग भक्ति की प्रतीक हैं। नवरात्रि के पहले दिन इनकी पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में स्थिरता, शांति और दृढ़ता का संचार होता है।
मां शैलपुत्री को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों का करें जाप
पूजा शुरू करने से पहले मां शैलपुत्री का ध्यान इस मंत्र से करें-
“वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥”
मां शैलपुत्री की पूजा के समय इस मंत्र का जाप करें-
“ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥”
मां की स्तुति में यह मंत्र बोलें –
“शैलपुत्री महामाये चन्द्रार्धकृतशेखरे।
वृषारूढे शूलहस्ते मां पाही परमेश्वरी॥”
साधना में अधिक शक्ति के लिए बीज मंत्र का जाप करें-