बृहस्पति का कृत्तिका नक्षत्र में गोचर: मेष सहित इन 4 राशियों की होगी बल्ले-बल्ले!

बृहस्पति का कृत्तिका नक्षत्र में गोचर: एस्ट्रोसेज अपने पाठकों के लिए यह विशेष ब्लॉग लेकर आया है जिसमें आपको बृहस्पति का कृत्तिका नक्षत्र में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त होगी। कर्म, धर्म, दर्शन और ज्ञान के कारक देवगुरु बृहस्पति कृत्तिका नक्षत्र में 17 अप्रैल 2024 को गोचर करने जा रहे हैं जिसका प्रभाव राशि चक्र की सभी राशियों पर देखने को मिलेगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि बृहस्पति का नक्षत्र में गोचर आपके लिए कैसा रहेगा। लेकिन इससे पहले कृत्तिका नक्षत्र का अर्थ और इसके पद के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। 

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किसी भी व्यक्ति के जीवन में ग्रहों के अच्छे व बुरे प्रभावों को सही से ढंग से निर्धारित करने के लिए ज्योतिषी को नक्षत्रों के प्रभाव को गहराई से जानने की आवश्यकता होगी। वैदिक ज्योतिष में 27 नक्षत्रों के बारे में वर्णन किया गया है और प्रत्येक नक्षत्र किसी न किसी ग्रह से जुड़ा हुआ है। इन नक्षत्रों को चार पदों में वर्गीकृत किया गया है। प्रत्येक पद लगभग 3 डिग्री 20′ तक फैला हुआ है। और प्रत्येक नक्षत्र की लंबाई 13 डिग्री 20′ होती है। अब बात करते हैं नक्षत्र के गोचर की तो 17 अप्रैल 2024 की मध्य रात्रि 2 बजकर 57 मिनट पर बृहस्पति कृत्तिका नक्षत्र के प्रथम चरण में गोचर कर रहे हैं। आइए अब इस दिलचस्प गोचर के बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।

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ज्योतिष में कृत्तिका नक्षत्र

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कृत्तिका नक्षत्र का कुछ अंश मेष राशि और शेष वृषभ राशि में आता है। ‘कृतिका नक्षत्र’ वैदिक ज्योतिष में एक शक्तिशाली और परिवर्तनकारी तारा माना गया है। जिसे “आग का तारा” या “शुद्धि का तारा” भी कहा जाता है और इसे शक्ति और ऊर्जा के स्रोत के रूप में भी देखा जाता है। कृतिका नाम का अनुवाद करते हुए, व्युत्पन्न अर्थ ‘कटर’ है, जबकि प्रतीक ‘एक तेज वस्तु’ के बाद आता है। इस प्रकार, यह दावा किया जा सकता है कि तारा सृजन और विनाश दोनों में सक्षम है। कृत्तिका नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति स्वभाव में उग्र और आक्रामक होते हैं। इसके स्वामी सूर्य ग्रह है और यह ज्वलंत प्रकृति की व्याख्या करता है। कृत्तिका नक्षत्र के जातक अपने अंदर ऊर्जा को बढ़ाने के लिए हमेशा नई जानकारी और रोमांच की तलाश में रहते हैं। उन्हें अपने दिमाग को व्यस्त और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए शारीरिक गतिविधियों की आवश्यकता होती है।

इस नक्षत्र के तहत पैदा हुए जातक आमतौर पर स्कूलों या विश्वविद्यालयों में शिक्षण जैसे व्यवसायों से जुड़े होते हैं। कृत्तिका नक्षत्र वाले लोगों बोलने में बहुत अधिक तेज होते हैं और वे हर चीज़ को पूरा करके ही मानते हैं। इन जातकों में दूसरों का समर्थन करने की अद्भुत क्षमता होती है। ये पूरी इच्छा शक्ति के साथ आगे बढ़ते हैं और स्वतंत्र रूप से काम करते हैं। यह नक्षत्र मेष राशि में 26.40 से 30.00 डिग्री तक और वृषभ राशि में 30.00 से 40.00 डिग्री तक फैला होता है।

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कृत्तिका नक्षत्र के चरण

कृत्तिका नक्षत्र का पहला चरण: बृहस्पति शासित धनु नवांश में कृत्तिका नक्षत्र का पहला चरण या पद आता है। इस पद वाले अत्यंत परोपकारी, दयालु और नैतिकतावादी होते हैं। ये अति साहसी होते हैं और सेना के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के इच्छुक होते हैं। ये दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते हैं। 

कृत्तिका नक्षत्र का दूसरा चरण: कृतिका नक्षत्र का दूसरा चरण शनि द्वारा शासित मकर नवांश में आता है। इस चरण में जन्म लेने वाले लोगों में नैतिकता पर ध्यान केंद्रित किया गया है, हालांकि इस चरण वाले लोगों में भौतिकवादी होने की स्वाभाविक प्रवृत्ति होती है और इसलिए ये लोग अधिक खर्च करते हैं।

कृत्तिका नक्षत्र का तीसरा चरण: कृतिका नक्षत्र का तीसरा चरण कुंभ नवांश में पड़ता है और यह भी शनि द्वारा शासित है। इस चरण में जन्म लेने वाले लोग बहुत अधिक उदार और दयालु होते हैं। ये लोग अधिक से अधिक ज्ञान संचय करने में सक्षम होते हैं।

कृत्तिका नक्षत्र का चौथा चरण: कृतिका नक्षत्र का चौथा चरण बृहस्पति द्वारा शासित मीन नवांश में आता है। इस चरण के तहत पैदा हुए लोग बुद्धिमान, शिक्षित होते हैं। ये लोग भौतिक सुख-सुविधाओं को प्राप्त करने के इच्छुक होते हैं और अपने प्रयासों से प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।

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कृत्तिका नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों का स्वभाव

  • कृत्तिका नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति काफी बुद्धिमान होते हैं, लेकिन कभी-कभी वह अपना धैर्य खो देते हैं, जो लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक होता है और इस प्रकार इन जातकों को बहुत अधिक दृढ़ता की आवश्यकता होती है।
  • ये लोग महान सलाहकार होते हैं और अक्सर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उनसे आगे निकल जाते हैं।
  • यह जातक दयालु व्यक्ति होते हैं और एक अच्छे मित्र भी हो सकते हैं।
  • ऐसे व्यक्ति जिनका जन्म कृत्तिका नक्षत्र में हुआ हो या जिनकी कुंडली में बृहस्पति इस नक्षत्र में स्थित हो, उनमें धन कमाने की असाधारण क्षमता होती है।
  • व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए दृढ़ संकल्पित होना चाहिए, भले ही उन्हें किसी से मदद लेने की आवश्यकता हो।
  • इस नक्षत्र के जातक और उसका साथी भी वफादार होते हैं।

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बृहस्पति का कृत्तिका नक्षत्र में गोचर: इन राशियों को होगा लाभ

मेष राशि

कृत्तिका नक्षत्र के स्वामी सूर्य हैं और बृहस्पति निश्चित रूप से आपको अनुकूल परिणाम प्रदान करेंगे। खुद का व्यवसाय करने वाले जातकों या नौकरीपेशा जातकों को इस अवधि करियर में तरक्की हासिल होगी और उन्हें अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त होगी क्योंकि बृहस्पति कृतिका नक्षत्र में गोचर करेगा और सूर्य के साथ आएगा। सरकारी कर्मचारियों के लिए भी यह अच्छा समय है। इस दौरान पदोन्नति भी संभव है। बृहस्पति मेष राशि के जातकों को आर्थिक लाभ भी प्रदान करेगा और प्रेम संबंधी मामलों में भी भाग्य का आपको मिलेगा क्योंकि पांचवें भाव पर बृहस्पति की दृष्टि आपके लिए चीजें आसान कर देगी। बृहस्पति नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और ग्यारहवें भाव पर इनकी दृष्टि होने से छात्रों को शिक्षा के मामले में लाभ प्राप्त होगा और पढ़ाई में उत्कृष्टता मिलेगी।

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मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति सूर्य के नक्षत्र में ग्यारहवें में सूर्य के साथ युति में होगा। बृहस्पति सातवें भाव पर दृष्टि डालेंगे इसलिए यह अवधि अविवाहित जातकों के लिए शानदार रहेगी। आपके लिए विवाह के योग बनेंगे। वहीं जो लोग पहले से ही शादीशुदा है, उनके रिश्ते इस अवधि मजबूत होंगे क्योंकि बृहस्पति कृत्तिका नक्षत्र में हैं और सूर्य अनुकूल स्थिति में विराजमान है। इस अवधि आपकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। जिन जातकों का खुद का व्यापार है उन्हें अच्छा मुनाफा प्राप्त करने के अवसर प्राप्त होंगे। डिज़ाइनिंग, मूर्तिकला, वास्तुकला आदि जैसे रचनात्मक व्यवसायों से जुड़े लोग दूसरों की तुलना में अधिक लाभ प्राप्त करेंगे।

कर्क राशि

बृहस्पति छठे भाव और नौवें भाव के स्वामी होकर कर्क राशि के जातकों के लिए दसवें भाव में स्थित होंगे। इसके परिणामस्वरूप जो लोग निजी क्षेत्रों में कार्यरत हैं उन्हें मनवांछित परिणाम प्राप्त होंगे। सरकारी नौकरी करने वाले लोगों को इस गोचर से लाभ होना होगा। राजनीति के क्षेत्र या किसी भी सरकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों को अच्छा मुनाफा कमाएंगे क्योंकि कृत्तिका नक्षत्र में गोचर के दौरान सूर्य भी बृहस्पति के साथ मेष राशि में मौजूद रहेंगे। इस अवधि आपके कार्यक्षेत्र का माहौल सकारात्मक रहेगा और जिन जातकों का अपना बिज़नेस हैं, उन्हें अचानक धन लाभ प्राप्त होगा।

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सिंह राशि

यह अवधि सिंह राशि के उन जातकों के लिए शानदार साबित होगी, जो व्यवसाय से जुड़े हैं। वे अच्छा लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे और अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं। बृहस्पति पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और कृतिका नक्षत्र में गोचर के दौरान नौवें भाव में स्थित होंगे। इस अवधि आपको भाग्य का साथ भी मिलेगा और आप तेजी से तरक्की करते हुए नज़र आएंगे। यदि आप बिज़नेस के सिलसिले से कोई यात्रा कर रहे हैं तो वह अत्यंत फलदायी रहेगी। आपको विदेश जाने के अवसर भी प्राप्त होंगे और आपके करियर में चार चांद लगेंगे।

नोट: कृत्तिका नक्षत्र में देव गुरु बृहस्पति का यह गोचर वृषभ, कन्या, तुला, धनु, मकर, मीन राशि के जातकों के लिए अधिक अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। ऐसे में, इन जातकों को इस अवधि में बहुत अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता हो सकती है।

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मंगल आएंगे मीन राशि में, इन 6 लोगों की शादीशुदा जिंदगी में आएगी बहार, खूब बढ़ेगा प्‍यार

ज्योतिषशास्‍त्र में ग्रहों के गोचर करने को एक खास घटना के रूप में वर्णित किया गया है। सौर मंडल का प्रत्‍येक ग्रह एक तय समय के बाद राशि परिवर्तन करता है यानी कि एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है और उनके इस परिवर्तन को ज्‍योतिषीय भाषा में गोचर कहा जाता है।

ग्रह के गोचर करने पर देश-दुनिया समेत सभी राशियां प्रभावित होती हैं। किसी राशि पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है, तो किसी को नकारात्‍मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। अब मंगल 23 अप्रैल 2024 की सुबह 08 बजकर 19 मिनट पर मीन राशि में गोचर करने वाले हैं।

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मंगल के गोचर करने पर कुछ राशियों के प्रेम जीवन में खुशियां आने के संकेत हैं और आज इस ब्‍लॉग के ज़रिए हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि मंगल के मीन राशि में प्रवेश करने पर किन राशियों को प्रेम एवं वैवाहिक जीवन में अच्‍छे परिणाम एवं सुख की प्राप्ति होगी लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि ज्‍योतिष में मंगल का क्‍या महत्‍व है।

वैदिक ज्‍योतिष में मंगल का महत्‍व

वैदिक ज्‍योतिष के अनुसार मंगल के शुभ प्रभाव देने पर व्‍यक्‍ति को अपने जीवन में सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं मिल जाती हैं। इनका स्‍वास्‍थ्‍य भी अच्‍छा रहता है और ये बुद्धिमान होते हैं। मंगल की मजबूत स्थि‍ति के कारण व्‍यक्‍ति को अपने करियर में उच्‍च सफलता और मान-सम्‍मान मिलता है। यह ग्रह व्‍यक्‍ति की समाज में प्रतिष्‍ठा को भी बढ़ाता है।

यदि मंगल बृहस्‍पति जैसे शुभ ग्रहों के साथ होते हैं या फिर बृहस्पति की दृष्टि मंगल पर पड़ रही हो, तो इससे व्‍यक्‍ति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्‍छा रहता है। वहीं, अगर कुंडली में मंगल देव अशुभ ग्रहों जैसे राहु व केतु के साथ उपस्थित हों, तो यह जातकों के जीवन में समस्याओं में वृद्धि करवाते हैं।

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तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मंगल के मीन राशि में आने पर किन राशियों की शादीशुदा जिंदगी में खुशियां आने की संभावना है।

इन राशियों को मिलेगा प्‍यार

वृषभ राशि

वृषभ राशि के लोगों के लिए यह समय बहुत अनुकूल रहने वाला है। आपके और आपके पार्टनर के बीच संबंधों में मधुरता बनी रहेगी। आपको अपने प्रेम जीवन में सकारात्‍मक परिणाम प्राप्‍त होने की संभावना है। आपका जीवनसाथी हर कदम पर आपका साथ देगा और आपका सहयोग करेंगे। आप और आपका पार्टनर दोनों एक-दूसरे पर भरोसा करेंगे जिससे आपका रिश्‍ता मजबूत होगा और आप दोनों ही एक-दूसरे के साथ काफी खुश रहेंगे।

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मिथुन राशि

मंगल के मीन राशि में आने पर मिथुन राशि के लोगों की शादीशुदा जिंदगी में बहार आएगी। आप दोनों एक-दूसरे से अपने मन की बात कह सकते हैं। आपका पार्टनर इस समय आपके ऊपर खूब प्‍यार लुटाएगा और आपका ख्‍याल रखेंगे। इससे आपका और आपके जीवनसाथी का रिश्‍ता मजबूत होगा। आपके और आपके पार्टनर के बीच आपसी तालमेल बहुत अच्‍छा रहने वाला है। आप दोनों एक-दूसरे के साथ रिश्‍ता निभाने को लेकर पहले से ज्‍यादा प्रतिबद्ध एवं समर्पित रहने वाले हैं।

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कर्क राशि

प्‍यार के मामले में कर्क राशि के लोग भी बहुत भाग्‍यशाली साबित होंगे। आप और आपका पार्टनर दोनों मिलकर काम करेंगे और अपने जीवन की परेशानियों को दूर करने का एकसाथ प्रयास करेंगे। इससे आप दोनों के बीच प्‍यार भी बढ़ेगा और आप दोनों ही एक-दूसरे के साथ काफी खुश नज़र आएंगे। आप सुखी वैवाहिक जीवन का बेहतरीन उदाहरण पेश करेंगे। आपको इस समय अहंकार को अपने रिश्‍ते पर हावी नहीं होने देना है। आपके प्रयासों से आपका रिश्‍ता संवरता रहेगा।

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धनु राशि

मंगल का गोचर धनु राशि के लोगों की लव लाइफ के लिए भी लकी साबित होगा। अगर अब तक आपके और आपके पार्टनर के बीच कोई मनमुटाव या समस्‍या चल रही है, तो अब उसके दूर होने का समय आ गया है। अब आप अपने रिश्‍ते में खुशियों को महसूस करेंगे। आपके और आपके जीवनसाथी का रिश्‍ता अच्‍छा रहेगा और आप उच्‍च मूल्‍य स्‍थापित करेंगे। आप दोनों के बीच आपसी तालमेल भी बहुत अच्‍छा रहने वाला है। आप दोनों एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे और एक-दूसरे का सम्‍मान करेंगे।

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कुंभ राशि

इस गोचर के दौरान कुंभ राशि के लोग अपने पार्टनर के साथ मधुर संबंध बनाए रखने में सक्षम होंगे। आप दोनों के बीच आपसी तालमेल भी बहुत अच्‍छा रहने वाला है और आप दोनों एक-दूसरे को बहुत अच्‍छी तरह से समझ पाएंगे। यदि पहले से ही आप दोनों के बीच कोई विवाद चल रहा है, तो अब सारी समस्‍याएं और शिकायतें दूर होंगी और आप दोनों एक-दूसरे के करीब आएंगे। आपका पार्टनर हर कार्य में आपका समर्थन करेंगे।

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मीन राशि

मीन राशि के लोग अपने प्रेम जीवन में मधुरता का अनुभव करेंगे। आपके और आपके पार्टनर के बीच सारे मनमुटाव अब दूर हो जाएंगे। आप अपने जीवनसाथी के प्रति वफादार रहेंगे और उनसे अपने मन की बात खुलकर कह सकते हैं।

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सालों बाद रामनवमी पर बन रहा ये दुर्लभ संयोग, इन राशियों पर बरसेगी श्रीराम की कृपा; धन-दौलत की नहीं होगी कमी!

राम नवमी को सनातन धर्म में प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2024 में रामनवमी 17 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी। ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर कर्क लग्न और अभिजीत मुहूर्त के अंतर्गत हुआ था, उस समय से ही इस तिथि को रामनवमी के रूप में मनाया जा रहा है। साथ ही, चैत्र नवरात्रि का यह अंतिम दिन भी होता है। बता दें कि इस बार की राम नवमी बेहद ख़ास होने वाली है क्योंकि इस दिन शुभ संयोग बनने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको राम नवमी पर बनने वाले शुभ योगों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा। इसके अलावा, किन राशियों पर बरसेगी राम जी की कृपा, इससे भी आपको अवगत करवाएंगे।

 

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चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन होने की वजह से देशभर में मां दुर्गा को विदा करने के साथ-साथ राम जन्मोत्सव को बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर अयोध्या समेत देशभर के सभी राम मंदिरों को सजाया जाता है और विशेष धार्मिक आयोजन किये जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार, इस बार की रामनवमी बेहद शुभ होने वाली है क्योंकि इस दिन दुर्लभ योग का निर्माण हो रहा है। चलिए जानते हैं इस विशेष योग के बारे में। 

रामनवमी 2024 पर बन रहे हैं ये दुर्लभ संयोग  

ज्योतिष के अनुसार, राम नवमी के दिन चंद्रमा कर्क राशि में विराजमान होगा और ऐसे में, कर्क लग्न का निर्माण हो रहा है। आपको बता दें कि भगवान श्री राम के जन्म के समय सूर्य महाराज दशम भाव में अपनी उच्च राशि में उपस्थित थे। इस प्रकार, सालों बाद रामनवमी तिथि पर सूर्य देव अपनी उच्च राशि मेष में होने के साथ-साथ दसवें भाव में भी मौजूद होंगे और ऐसे में. गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है। ऐसी मान्यता है कि जब श्रीराम का जन्म हुआ था, उस समय उनकी जन्म कुंडली में गजकेसरी योग निर्मित था। रामनवमी 2024 पर बनने वाले इस शुभ योगों का लाभ कुछ विशेष राशियों को मिलेगा।

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रामनवमी पर बन रहे शुभ संयोग से इन राशियों को होगा लाभ

मेष राशि

मेष राशि में रामनवमी पर सूर्य देव के साथ-साथ गुरु ग्रह भी उपस्थित होंगे। इसके परिणामस्वरूप, आपको जीवन में चल रही हर परेशानी से मुक्ति मिलेगी और संतान या परिवारजनों की तरफ से कोई शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है। कार्यक्षेत्र में आपके काम को सराहा जाएगा और ऐसे में, आपको पदोन्नति या कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने के योग बनेंगे। व्यापार करने वाले जातकों को लाभ होगा। साथ ही, परिवार में चल रहा तनाव भी दूर होगा और प्रेम जीवन से भी समस्याओं का अंत हो जाएगा। रिश्ते में मधुरता आएगी और आपके जीवन से तमाम परेशानियां अब समाप्त होंगी। 

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तुला राशि 

तुला राशि वालों के लिए रामनवमी 2024 बहुत शुभ साबित होगी। इन जातकों ने जो सपने देखे थे, लेकिन किसी कारणवश वह पूरे नहीं हो पा रहे थे, अब वह पूरे हो सकते हैं। इस अवधि में आपके वाहन और संपत्ति खरीदने के योग बनेंगे। राम जी आपके परिवार में चल रही समस्याओं का दूर करेंगे और साथ ही, इन लोगों के लिए धन लाभ के मार्ग प्रशस्त करेंगे जिसके चलते आप अच्छी बचत भी कर सकेंगे। तुला राशि वालों को करियर और बिजनेस के क्षेत्र में भी लाभ प्राप्त होने की संभावना है।

मीन राशि

मीन राशि वालों पर इस साल रामनवमी पर श्री राम की विशेष कृपा बनी रहेगी। इन लोगों को प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी और ऐसे में, आपको धन लाभ मिलने की संभावना है। घर-परिवार के लोगों के साथ आप अच्छा समय बिताएगा। साथ ही, मीन राशि के जातकों के जीवन में चल रही समस्याएं समाप्त होंगी। यह जातक अगर सट्टेबाजी या व्यापार में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको धन लाभ होने की प्रबल संभावना है। इसके परिणामस्वरूप, आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और आप बचत भी कर सकेंगे। आपकी रूचि अध्यात्म के प्रति बढ़ेगी जिसके चलते आप परिवार या दोस्तों के साथ तीर्थ स्थल की यात्रा पर जा सकते हैं।

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नवरात्रि नवमी तिथि कन्या पूजन महत्व नियम और सावधानियां- यहां पर है सब कुछ!

चैत्र नवरात्रि का आखिरी दिन अर्थात नवमी तिथि का समापन रामनवमी के साथ किया जाता है। इसी दिन बहुत से लोग अपने व्रत का पारण भी करते हैं। आज अपने इस खास ब्लॉग में जानेंगे नवरात्रि की नवमी तिथि पर माता के किस स्वरूप की पूजा की जाती है, इस दिन रामनवमी का क्या महत्व है, साथ ही जानेंगे इस वर्ष रामनवमी का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है।

इसके अलावा इस दिन किए जाने वाले उपायों की जानकारी, रामनवमी पारण मुहूर्त की जानकारी और भी बहुत कुछ आपको इस ब्लॉग के माध्यम से जानने को मिलेगा। तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं हमारा यह खास ब्लॉग और जान लेते हैं नवमी तिथि से जुड़ी कुछ बेहद दिलचस्प बातों की जानकारी।

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मां सिद्धिदात्री का स्वरूप

सबसे पहले बात करें मां के स्वरूप की तो सिद्धिदात्री देवी के नाम का अर्थ होता है सिद्धि देने वाली देवी। मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों के अंदर की बुराइयों और अंधकार का नाश करके उन्हें ज्ञान के प्रकाश से भरती हैं, उनके जीवन को सुखमय बनाती हैं और उनकी मनोकामना पूरी करती हैं। मां के स्वरूप की बात करें तो माँ सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान हैं और शेर की सवारी करती हैं। देवी की चार भुजाएं होती हैं जिसमें से दाहिने हाथ में उन्होंने गदा लिया हुआ है दूसरे दाहिने हाथ में चक्र है। दोनों बाएं हाथ में शंख और कमल का फूल है। देवी का यह स्वरूप बेहद कोमल है और यह सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करने वाला माना गया है।

मां सिद्धिदात्री की पूजा का ज्योतिषीय संदर्भ

मां सिद्धिदात्री देवी की पूजा के ज्योतिषीय संदर्भ की बात करें तो मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि देवी सिद्धिदात्री केतु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। ऐसे में मां की विधिवत पूजा करने से कुंडली में मौजूद केतू के बुरे प्रभावों को काम किया जा सकता है और केतु से संबंधित शुभ परिणाम व्यक्ति को प्राप्त होते हैं।

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मां सिद्धिदात्री की पूजा महत्व 

मां सिद्धिदात्री की पूजा के महत्व की बात करें तो कहा जाता है कि देवी सिद्धिदात्री सिद्धि देने वाली देवी हैं। इन्होंने खुद भगवान शिव को सिद्धियां प्रदान की हैं। ऐसे में जो कोई भी भक्त सही विधिपूर्वक मां की पूजा करता है उन्हें शुभ फल की प्राप्ति होती है। मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध होने लगते हैं। 

जिन जातकों को नौकरी या व्यापार के संदर्भ में परेशानियां मिल रही होती हैं उन्हें नवरात्रि की नवमी तिथि पर देवी को एक कमल का फूल अर्पित करने की सलाह दी जाती है। साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ भी करना होता है ऐसा करने से आपकी सभी बाधाओं का अंत होता है और व्यक्ति को धन, नौकरी, व्यापार में सफलता मिलती है। मां सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए न केवल देवता बल्कि यक्ष, गंधर्व और ऋषि मुनि भी कठोर तपस्या करते हैं।

मां सिद्धिदात्री को अवश्य लगाएँ ये भोग 

समस्त सिद्धियां को देने वाले देवी के भोग की बात करें तो देवी को हलवा, पूरी और चने का भोग अवश्य लगाना चाहिए। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। ऐसे में कन्या पूजन और मां की पूजा के बाद प्रसाद ब्राह्मणों में अवश्य बांटें। ऐसा करने से माँ प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

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देवी सिद्धिदात्री का पूजा मंत्र

ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥

प्रार्थना मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

स्तुति

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

चैत्र नवरात्रि पारणा मुहूर्त 

जैसा कि हमने पहले भी बताया कि बहुत से लोग नवरात्रि की नवमी तिथि के दिन व्रत का पारणा करते हैं। ऐसे में अगर आपको भी व्रत के पारण का समय जानना है तो नई दिल्ली के हिसाब से चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण का समय रहेगा:  

17 अप्रैल, 2024 (बुधवार)

नवरात्रि पारणा का समय :15:16:24 के बाद से

हालांकि अगर आप किसी और शहर में रहते हैं और आप अपने शहर के अनुसार इस दिन का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

नवरात्रि की नवमी तिथि को रामनवमी भी कहा जाता है। ऐसे में अगर बात करें रामनवमी के शुभ मुहूर्त की तो इस साल रामनवमी 17 अप्रैल 2024 बुधवार के दिन है और मुहूर्त

 रामनवमी मुहूर्त :11:03:18 से 13:38:21 तक

अवधि :2 घंटे 35 मिनट

रामनवमी मध्याह्न समय :12:20:50

हालांकि ऊपर दिया गया मुहूर्त नई दिल्ली के लिए मान्य है अगर आप अपने शहर के अनुसार इस दिन का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

बेहद खास है इस साल की रामनवमी: इन चार राशियों को मिलेगा विशेष परिणाम 

रामनवमी अर्थात अधर्म पर धर्म को स्थापित करने का दिन। यह दिन भगवान श्री राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। प्रभु श्री राम भगवान विष्णु के मानव अवतार माने जाते हैं। इसके अलावा आपकी जानकारी के लिए बता दें चैत्र नवरात्रि का समापन रामनवमी से होता है। इस साल की रामनवमी इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि इस पूरे ही दिन रवि योग रहने वाला है। 

कहा जाता है कि अगर इस योग में कोई भी पूजा की जाए या नया काम शुरू किया जाए तो इससे सिद्धि प्राप्त होती है। इसके अलावा यह रामनवमी विशेष रूप से कुछ राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से खास रहने वाली है। कौन सी है ये राशियाँ चलिए जान लेते हैं। 

रामनवमी पर इन राशियों को मिलेगा प्रभु श्री राम का विशेष आशीर्वाद

  • मीन राशि: पहली जिस राशि की हम यहां बात करने जा रहे हैं वह है मीन राशि। मीन राशि के बारे में कहा जाता है कि ये प्रभु श्री राम की सबसे प्रिय राशि होती है। इस राशि का स्वामी है गुरु बृहस्पति जिनका संबंध विष्णु जी से होता है। ऐसे में इस रामनवमी पर मीन राशि के जातकों को अपने जीवन में धन और समृद्धि प्राप्त होने वाली है।
  • कर्क राशि: दूसरी जिस राशि के लिए यह रामनवमी बेहद ही खास है वह है कर्क राशि। कर्क राशि के जातकों पर भी प्रभु श्री राम की कृपा हमेशा बनी रहती है। इस साल मुमकिन हो तो भगवान श्री राम को खीर का भोग अवश्य लगाएँ। इससे आपके सौभाग्य में वृद्धि होगी और समाज में मान सम्मान बढ़ेगा।
  • वृषभ राशि: तीसरी जिस राशि की हम यहां बात करने जा रहे हैं वह है वृषभ राशि। वृषभ राशि को भी भगवान राम की पसंदीदा राशियों में से एक माना गया है। रामनवमी के दिन इस राशि के जातक रामष्टक का पाठ करें इससे आपके सभी बिगड़े और रुके हुए काम बनेंगे और मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति से लड़ने की शक्ति मिलेगी।
  • तुला राशि: चौथी और आखिरी जिस राशि के लिए यह रामनवमी बेहद ही खास रहने वाली है वह है तुला राशि। तुला राशि के जातकों पर भी भगवान राम की विशेष कृपा देखने को मिलती है। ऐसे में इस रामनवमी पर आप राम भगवान को पीले रंग के वस्त्र, नारियल भेंट करें। इससे आपको आर्थिक लाभ मिलेगा साथ ही किसी तरह की शारीरिक परेशानी से छुटकारा मिलेगा।

नवरात्रि के नौवें दिन अवश्य करें यह अचूक उपाय

  • अगर आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ गई है तो नवरात्रि के आखिरी दिन आप देवी दुर्गा की पूजा में कपूर अवश्य जलाएं। ऐसा करने से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा पलक झपकते ही दूर हो जाती है। साथ ही घर से दुर्भाग्य भी दूर होता है। 
  • नवरात्रि की नवमी तिथि के दिन गाय के दूध से बने शुद्ध घी का दीपक जलाकर मां की पूजा करें। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में धन्य धान्य का सुख बना रहता है। 
  • देवी दुर्गा की पूजा में पान का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसे में आप देवी दुर्गा को पान अवश्य अर्पित करें। ऐसा करने से देवी मनचाहा आशीर्वाद व्यक्ति को प्रदान करती हैं। 
  • अगर आपके जीवन में सुख सौभाग्य की कमी नजर आ रही है या फिर विवाह में देरी हो रही है तो नवरात्रि के आखिरी दिन माता रानी को पीले कपड़े में हल्दी की गांठ चढ़ा दें। ऐसा करने से आपके जीवन से दुर्भाग्य दूर होगा और सुख समृद्धि का आशीर्वाद मिलेगा। 
  • इसके अलावा कन्या पूजन को भी एक विशेष कारगर उपाय माना गया है। आप अगर 9 दिन तक देवी की पूजा अर्चना नहीं कर पा रहे हैं तो केवल अष्टमी, नवमी का व्रत रख लें और कन्याओं को भोजन करा दें। कन्या पूजन में उन्हें पूरी, चने, हलवे अवश्य खिलाएँ। ऐसा करने से देवी आप पर अवश्य प्रसन्न होती है और आपके जीवन पर उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। साथ ही आपके अटके हुए काम भी पूरे होने लगते हैं। 

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क्या यह जानते हैं आप? 

महानवमी पर हवन का महत्व जानते हैं आप? कहा जाता है नवरात्रि में देवी दुर्गा के लिए अगर हवन किया जाए तो तभी व्रत और पूजा संपन्न होती है। हवन के धुएं से व्यक्ति के जीवन में संजीवन शक्ति का संचार होता है। इससे व्यक्ति बीमारियों से छुटकारा पाने में सफल होता है। हवन कुंड के लिए कुंड में आम की पत्तियाँ रखी जाती हैं। इसके बाद कुंड पर स्वास्तिक बनाया जाता है और फिर पूजा की जाती है। इसके बाद अग्नि जलाई जाती है और हवन कुंड में फल, शहद इत्यादि पदार्थ का मंत्रोच्चार के साथ आहुति दी जाती है।

नवरात्रि में आखिर क्यों कराया जाता है कन्या पूजन?

कन्या पूजन से संबंधित कई तरह के सवाल होते हैं। बहुत से लोग जानना चाहते हैं कि आखिर कन्या पूजन क्यों कराया जाता है और कन्या पूजन में एक बालक क्यों आवश्यक होता है? तो चलिए आपके इन्ही सवालों का जवाब जान लेते हैं। 

सबसे पहले बात करें कन्या पूजन की तो कहा जाता है कन्या पूजन के बिना नवरात्रि की पूजा अधूरी होती है इसीलिए कन्या पूजन कराया जाता है। इसे बहुत सी जगह पर कंजक पूजा या कुमारी पूजा भी कहते हैं। बिना कंजक पूजा के नवरात्रि का फल व्यक्ति को नहीं मिलता है। 

बालक पूजा में आवश्यक क्यों होता है? दरअसल छोटी कन्याओं को मां का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है। साथ ही बहुत से लोग एक या फिर दो बालक भी कन्या पूजन में शामिल करते हैं। यह बालक काल भैरव का स्वरूप माना जाता है और एक को गणेश भगवान का रूप माना जाता है। भगवान गणेश की पूजा के बिना कोई भी पूजा अधूरी होती है और भैरव माता रानी के पहरेदार होते हैं जिन्हें लांगुरिया भी कहते हैं और इसी वजह से इन्हें पूजा में शामिल अवश्य कराया जाता है। 

इनका नियम सरल है जिस तरह से आप कन्याओं को भोजन कर रहे हैं इस तरह से आपको लंगूर को भी भोजन कराना है और अंत में उन्हें भी दक्षिणा और लोहफ़े देकर के विदा करना होता है तभी व्रत सफल होता है और मां का आशीर्वाद जीवन में बना रहता है।

कन्या पूजन में हर वर्ष की कन्या का होता है अलग महत्व

कन्या पूजन के लिए 2 से लेकर 10 वर्ष की कन्याओं को बेहद उपयुक्त माना जाता है। आपको जानकर शायद अचरज हो लेकिन इन सभी कन्याओं का अलग-अलग महत्व होता है जैसे, 

2 वर्ष की कन्या का पूजन किया जाए तो इससे घर से दुख और दरिद्रता दूर होती है। 

3 वर्ष की कन्या का पूजन किया जाए तो इससे त्रिमूर्ति का रूप माना जाता है इससे व्यक्ति का धन-धान्य भरा रहता है और परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है।

4 साल की कन्याओं को कल्याणी माना गया है और उनकी पूजा करने से परिवार का कल्याण होता है। 

5 वर्ष की कन्या रोहिणी कहलाती है। रोहिणी का पूजा करने से व्यक्ति रोग मुक्त रहते हैं। 

6 साल की कन्या को कालिका माना जाता है। कालिका रूप की पूजा करने और भोजन करने से व्यक्ति को विजय, विद्या और राजयोग प्राप्त होता है। 

7 वर्ष की कन्या को चंडिका माना जाता है। इनकी पूजा करने से घर में ऐश्वर्या की प्राप्ति होती है। 

8 वर्ष की कन्या को शांभवी कहा जाता है। इनकी पूजा करने से किसी भी तरह के विवाद से छुटकारा मिलता है। 

9 साल की कन्याओं को मां दुर्गा का रूप माना जाता है और उनकी पूजा करने से शत्रु का नाश होता है। 

10 साल की कन्या सुभद्रा कहलाती है और उनकी पूजा करने से भक्तों के मन की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

कन्या पूजन के नियम

इस बात का रखें विशेष ख्याल वरना निष्फल हो जाता है 9 दिन का व्रत:

  • घर आई कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है। इसमें गलती से भी इनका अनादर न करें, इन्हें डांटे नहीं, इन्हें कोई भी अपशब्द ना बोलें और किसी भी कन्या में कोई भेदभाव ना करें अन्यथा आपके व्रत का फल नहीं प्राप्त होता है। 
  • किसी को भोजन जबरदस्ती ना खिलाएँ। 
  • कन्याओं को पहले ही निमंत्रण दें और उन्हें आदर सत्कार के साथ घर में बुलाकर उन्हें भोजन कराएं।
  • पूर्व की दिशा में उनका मुख करके उन्हें टीका करें, उन्हें लाल चुनरी ओढ़ाएँ और फिर भोजन कराएं।
  • भोजन झूठ ना करें। 
  • भोजन हमेशा सात्विक बना होना चाहिए। इसमें लहसुन, प्याज का इस्तेमाल न करें। 
  • भोजन के बाद कन्याओं को अपने हिसाब से दान दक्षिणा देकर इन से विदा लें और उसके बाद अपने व्रत का पारण करें।

इन लोगों को विशेष रूप से करनी चाहिए मां सिद्धिदात्री की पूजा 

जिन लोगों को अपने जीवन में सिद्धि की कामना हो, जिनके विवाह में विलंब हो रहा हो, जिनके जीवन में नकारात्मक बढ़ गई हो या कुंडली में केतु ग्रह परेशानी की वजह बन रहा हो उन्हें विशेष रूप से माँ सिद्धिदात्री की पूजा करने की सलाह दी जाती है।

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मां सिद्धिदात्री से संबंधित पौराणिक कथा 

बात करें पौराणिक कथा की तो कहा जाता है कि भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या करने के बाद 8 सिद्धियां प्राप्त की थी। मां सिद्धिदात्री की ही कृपा से भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हो गया था और वह अर्धनारीश्वर कहलाए थे। मां का यह स्वरूप अन्य सभी स्वरूपों की तुलना में सबसे ज्यादा शक्तिशाली कहा जाता है। 

मां दुर्गा का यह स्वरूप सभी देवी देवताओं के तेज से प्रकट हुआ है। कहा जाता है कि जब महिषासुर के अत्याचार से परेशान होकर सभी देव महादेव और भगवान विष्णु की शरण में पहुंचे थे तब सभी देवता गण के अंदर से एक तेज उत्पन्न हुआ और इस तेज से एक दिव्य शक्ति का निर्माण हुआ जिसे मां सिद्धिदात्री कहा गया। इन्होंने ही दैत्य महिषासुर का अंत करके सभी को इसके आतंक से मुक्त कराया था।

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रसोईघर के ये महत्वपूर्ण वास्तु नियम नहीं जानेंगे तो हो सकता है आपको बड़ा नुकसान!

सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है इसलिए लोग अपने घर से लेकर ऑफिस तक को बनाते समय वास्तु का खास ध्यान रखते हैं। यही नहीं वास्तु शास्त्र में घर की हर छोटी से लेकर बड़ी वस्तु को रखने के कुछ नियम बताए गए हैं। जिनका ध्यान रखा जाए तो व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। यानी वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करके आप अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। साथ ही वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों को अपनाकर आप सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगा सकते हैं। 

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वास्तु शास्त्र विद्या प्राचीन काल से ही चली आ रही विद्या है जिसे वर्तमान में सुख समृद्धि पाने के लिए समझना बहुत जरूरी बताया गया है। वास्तु शास्त्र में घर बनाने से लेकर रहने तक के सारे नियम बताए गए है। लेकिन आज हम रसोई घर से संबंधित कुछ नियमों के बारे में एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में चर्चा करेंगे, जिनका ध्यान रखा जाना जरूरी है। तो आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किचन संबंधी वास्तु नियम के बारे में विस्तार से।

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वास्तु शास्त्र का महत्व

वास्तु शास्त्र में भवन निर्माण से लेकर भवन में रखे जाने वाली प्रत्येक वस्तुएं, जो हमारे दैनिक जीवन में काम आती है उसके दिशा व नियम के बारे में जानकारी प्रदान करता है। वास्तु शास्त्र में पांच तत्व समाहित है। वास्तु शास्त्र पांचों तत्वों के सिद्धांत पर कार्य करता है और ये पंच तत्व इस प्रकार है- पृथ्वी, अग्नि, आकाश, जल और वायु है। वास्तु शास्त्र का हम सबके जीवन पर असर पड़ता है। वास्तुशास्त्र के नियमों को अच्छे से जानकर आप जीवन के तमाम तरह की समस्याओं से निजात पा सकते हैं और साथ ही, शुभ अशुभ चीज़ों का भी पता लगा सकते हैं।

वास्तु शास्त्र को अपनाकर हम अपने रिश्तो को मधुर बना सकते हैं और आर्थिक जीवन को मजबूत बना सकते हैं। इसके अलावा, जीवन में आने वाली तमाम परेशानियों से भी छुटकारा पा सकते हैं। वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व बताया गया है। इसके जरिए हम अपने घर में एक खुशनुमा माहौल स्थापित कर सकते हैं तथा नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगा कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। इसका प्रभाव हमारे जीवन में हर क्षेत्र में पड़ता है। यदि घर का वास्तु शास्त्र सही होता है तो आपके जीवन में बरकत होती है तथा घर के सभी सदस्य रोगमुक्त रहते हैं। शास्त्रों के अनुसार, पहले हिंदू और बौद्ध धर्म के लोग ही वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करते थे लेकिन आधुनिक युग में सभी लोग सुख शांति, समृद्धि और खुशहाल जीवन व्यतीत करने के लिए वास्तुशास्त्र को अपना रहे हैं।

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किचन में इन वास्तु नियमों का रखें ध्यान

इस दिशा में बनाए खाना

रसोई घर यानी किचन में वास्तु का विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि यहां बनने वाला खाना हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और स्वस्थ रखता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर पर बना रसोई घर दक्षिण पूर्व यानी अग्नि कोण दिशा में होना सबसे अच्छा माना जाता है। वास्तु में बताया गया है कि किचन ऐसी जगह पर होना चाहिए जहां से मुख्य दरवाजे के बाहर से किचन का चूल्हा न दिखाई दे। खाना बनाते वक्त आपका मुख पूर्व दिशा की ओर रहना चाहिए क्योंकि यह दिशा ग्रहों के राजा सूर्य की दिशा मानी जाती है और जो बहुत ही उत्तम होती है।

रसोई घर की अलमारी की दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई घर में स्लैब या बर्तन रखने की अलमारी को दक्षिण या पश्चिम दिशा में बनाना चाहिए। रसोई में उपयोग होने वाले मसालों और खाद्य पदार्थ को उत्तर-पश्चिम दिशा में रखा जाना चाहिए। वहीं ध्यान रखें कि किचन में बनी रोशनदान या खिड़कियां बड़ी होनी चाहिए। ताकि खाने का घुआं बाहर जाता रहें और किसी को समस्या न हो।

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बिजली उपकर की दिशा का रखें ध्यान

रसोई घर में बिजली के उपकरण जैसे माइक्रोवेव, मिक्सी आदि का विशेष ध्यान रखें क्योकि वास्तु के अनुसार, इनकी गलत दिशा सीधे व्यक्ति के स्वास्थ पर प्रभाव डालती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, बिजली उपकरणों को आप दक्षिण पूर्व कोने में रख सकते हैं। इसके अलावा, बर्तन स्टैंड या कोई अन्य भारी वस्तु दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें। रसोई की पूर्व और उत्तर दिशा में कोई छोटा-मोटा सामान रखना चाहिए।

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इन बातों का भी रखें ध्यान

रसोई घर बनाते समय कुछ विशेष नियम है,जिसको ध्यान में जरूर रखना चाहिए अन्यथा यह व्यक्ति सहित पूरे परिवार को नुकसान पहुंचा सकता है।

  • कभी भी रसोई घर के ठीक सामने शौचालय नहीं होना चाहिए। 
  • वहीं शौचालय के ऊपर या नीचे भी किचन का होना अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा होने पर घर परिवार के लोगो के स्वास्थ्य और उनकी आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  • दक्षिण, उत्तर और पश्चिम दिशा की तरफ भी मुख करके भोजन नहीं बनाना चाहिए। ऐसा करने पर धन हानि होने की संभावना बढ़ जाती है। गैस से लेकर रसोईघर की नियमित सफाई करनी चाहिए।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में पृथ्वी, आकाश, वायु, अग्नि और जल के तत्वों का उचित संतुलन होना अति आवश्यक है। 
  • वास्तु के अनुसार, अगर किचन में अनाज जैसे- गेंहू, चावल, दाल आदि रखना है तो पश्चिम या दक्षिण दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है।

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मंगल के गोचर से 23 अप्रैल से वृषभ सहित इन 6 राशि के जातकों के जीवन में आ सकता है भूचाल!

ज्योतिष में गोचर का विशेष महत्व है और इसका अर्थ है ग्रहों की चाल। जब कोई ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में जाते हैं तो इस पूरी प्रक्रिया को गोचर के नाम से जाना जाता है। ग्रहों के गोचर का व्यक्ति के जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी ग्रह एक निश्चित समयांतराल में अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं। इसी क्रम में युद्ध के देवता मंगल महाराज 23 अप्रैल 2024 की सुबह 08 बजकर 19 मिनट पर मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि ज्योतिष में मंगल को अग्नि तत्व का ग्रह माना जाता है, जो ऊर्जा के कारक ग्रह हैं। यदि मंगल किसी राशि में अशुभ स्थिति में मौजूद होता है तो जातक को आत्मविश्वास की कमी महसूस होती है। साथ ही, ऐसे लोगों में साहस, ऊर्जा और पराक्रम भी कम हो जाता है। 

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वही मंगल जब अपनी स्वामित्व वाली राशि मेष या वृश्चिक में से किसी एक राशि में मौजूद होते हैं, तब ये जातकों को अपार लाभ प्रदान करती है। अब जबकि मंगल मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं तो इस प्रभाव भी 12 राशि के जातकों में देखने को मिलेगा लेकिन छह राशियां ऐसी होंगी, जिन्हें इस दौरान कई प्रकार के उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कौन सी वह छह राशियां हैं, जिन्हें इस अवधि नकारात्मक परिणामों से गुजरना पड़ सकता है।

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मंगल का मीन राशि में गोचर से इन जातकों को रहना होगा सावधान

वृषभ राशि

मंगल का गोचर आपके लिए स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आ सकता है। आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है और आपकी माता का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। इस दौरान आपको जमीन से जुड़ी परेशानी से भी दो चार होना पड़ सकता है। करियर की बात करें, तो मंगल का यह गोचर औसत परिणाम लेकर आएगा। आप पर कार्यक्षेत्र में काम का दबाव ज्यादा हो सकता है जिसके चलते आपकी प्रगति की रफ़्तार धीमी रहने की आशंका है। जो जातक करियर में पदोन्नति और दूसरे बड़े लाभ मिलने की आस लगाए हुए हैं, उन्हें निराशा हाथ लग सकती है क्योंकि इस संबंध में मंगल गोचर आपको सकारात्मक परिणाम देने में पीछे रह सकता है। साथ ही, आपको काम के सिलसिले में अनचाही यात्रा पर जाना पड़ सकता है। जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उन्हें अच्छा मुनाफा कमाने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार में प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिल सकती है इसलिए योजना बनाकर चलने की सलाह दी जाती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से, इस अवधि में आपका स्वास्थ्य ज्यादा अच्छा न रहने की संभावना है। आपको किसी प्रकार की एलर्जी हो सकती है।

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सिंह राशि

मंगल का गोचर सिंह राशि के जातकों के लिए भी अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है। इस अवधि ख़ुशियों और उत्साह का अभाव देखने को मिल सकता है। साथ ही, आपकी सुख-सुविधाओं में कमी आने और भाग्य का साथ न मिलने की भी आशंका है जिसके चलते आप असंतुष्ट हो सकते हैं। आपको कार्यक्षेत्र में भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और काम का दबाव भी बढ़ सकता है, जिसके चलते आपका आत्मविश्वास कमज़ोर हो सकता है। साथ ही, इन लोगों को अपने सहकर्मियों और वरिष्ठों के साथ समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उनके लिए यह समय ज्यादा अच्छा नहीं रहने के आसार है। आशंका है कि आप बिज़नेस को अच्छे से चलाने में नाकाम रहें आर्थिक जीवन की बात करें, तो इन जातकों को धन हानि का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, आपको सलाह दी जाती है कि सोच-समझकर धन खर्च करें और योजना बनाकर चले। इसके अलावा, इस अवधि पार्टनर के साथ बात करते समय बहुत सावधान रहने की सलाह दी जाती है, अन्यथा आपको रिश्ते में नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। आपके स्वास्थ्य की बात करें तो आपको दांतों आदि में दर्द की समस्या परेशान कर सकती है। 

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कन्या राशि

कन्या राशि के जातक इस अवधि में जो भी बोले बहुत अधिक सोच समझकर बोले क्योंकि आपकी बातों का लोग गलत अर्थ निकाल सकते हैं। इस दौरान आपको लंबी दूरी की यात्राओं से बचने की सलाह दी जाती है। कार्यस्थल पर आपको वरिष्ठों और सहकर्मियों के साथ संबंधों पर ध्यान देना होगा, वरना यह आपके लिए समस्या पैदा कर सकते हैं। यदि आप व्यापार करते हैं, तो आपको पार्टनर के साथ समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। हालांकि, आपको बिज़नेस से जुड़े बड़े फैसले लेते समय बहुत सावधान रहना होगा। यदि आप कोई नया व्यापार करने की सोच रहे हैं, तो यह अवधि उसके लिए प्रतीत नहीं हो रही है। इस अवधि आप बचत करने में असफल हो सकते हैं। आपके पास धन तो आएगा लेकिन खर्च हो जाएगा। कन्या राशि वालों को रिश्ते में मधुरता बनाए रखने के लिए पार्टनर के साथ तालमेल बिठाना होगा। इसके अलावा, आपको अपने पार्टनर की सेहत पर काफ़ी धन ख़र्च करना पड़ सकता है और यह बात आपको परेशान कर सकती है। 

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तुला राशि

तुला राशि के जातकों को इस अवधि बहुत अधिक संभलकर रहना होगा क्योंकि आपको परिवार और रिश्ते में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। आपका पार्टनर और दोस्तों के साथ मतभेद या वाद-विवाद होने की आशंका है। करियर की बात करें तो यदि आप नौकरीपेशा हैं तो इस समय काम में सफलता पाने में पीछे रह सकते हैं। काम को लेकर वरिष्ठों का दबाव काफ़ी अधिक हो सकता है जिसके चलते आप निराश महसूस कर सकते हैं। यदि आप व्यापार करते हैं, तो इस समय अच्छा लाभ कमाना और तरक्की हासिल करना आपके लिए आसान नहीं होने की आशंका है। आपको अपने बिज़नेस पार्टनर के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप व्यापार का विस्तार करना चाहते हैं,  तो यह समय ऐसा करने के लिए अनुकूल नहीं रहेगा क्योंकि आपको असफलता मिलने की संभावना है। इस अवधि आप यदि आप पैसा कामने में सक्षम भी हो जाएंगे तो बचत करने में असलफ हो सकते हैं। हो सकता है कि आप जितना भी धन कमाएं, वह आपको संतुष्टि न दे पाएं। रिश्ते में आपको अहंकार से जुड़ी समस्या हो सकती है। ऐसे में, आपके रिश्ते में प्यार बनाए रखना मुश्किल हो सकता है। स्वास्थ्य की बात करें तो आपको एलर्जी और त्वचा से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। 

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वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों को इस अवधि अपने बच्चों के स्वास्थ्य और उनके विकास पर धन खर्च करना पड़ सकता है। आप काम में सफलता प्राप्त करने के लिए खूब प्रयास करते हुए दिखाई देंगे। कभी-कभी कुछ मुश्किल परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ सकता है। वृश्चिक राशि वालों को काम के संबंध में योजना बनाना जरूरी लग सकता है और इसके बल पर आप सफलता हासिल कर सकेंगे। लेकिन, इस अवधि में आप करियर को लेकर चिंतित नज़र आ सकते हैं। आर्थिक स्थिति के लिहाज़ से, मंगल गोचर के दौरान आप बड़े फैसले को लेकर भ्रमित हो सकते हैं। इन लोगों के सामने अधिक खर्चे आ सकते हैं जिसके चलते आपके द्वारा कमाया गया धन भी खर्च हो सकता है और पैसों की बचत करना आपके लिए मुश्किल हो सकता है।

इसके अलावा, इस अवधि आपको रिश्ते में तालमेल बिठाने और पार्टनर के प्रति अपने व्यवहार में बदलाव करने की जरूरत महसूस हो सकती है, वरना मंगल का मीन में गोचर आपके रिश्ते में तनाव पैदा कर सकता है। आशंका है कि कभी-कभी आपका अहंकार रिश्ते पर भारी पड़ सकता है जिसके चलते पार्टनर के साथ संबंध मधुर बने रहना संभव नहीं होगा। स्वास्थ्य की बात करें आपको सर्दी-खांसी की शिकायत रह सकती है जो कि आपकी कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का परिणाम हो सकता है। इसके अलावा, आपको अपने संतान की सेहत पर ध्यान देने की सलाह दी जाती है। 

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मकर राशि

मकर राशि के जातकों को इस अवधि अपनी इच्छाओं को पूरा करना मुश्किल लग सकता है। आपके लिए आसान नहीं रहने की आशंका है और सुख-सुविधाओं में कमी देखने को मिल सकती है। कार्यक्षेत्र में इस अवधि आप जो भी काम करेंगे हो सकता है उसमें आपको सराहना प्राप्त न हो और आपकी मेहनत व प्रयास को लोग नजरअंदाज करें। मकर राशि के व्यापार करने वाले जातकों के लिए मंगल का गोचर परेशानियां और समस्याएं लेकर आ सकता है, विशेषकर व्यापार के विकास के संबंध में। इस दौरान ज्यादा लाभ कमाना आपके लिए संभव नहीं होगा क्योंकि इन जातकों के सामने न लाभ न हानि वाली स्थिति आ सकती है। आर्थिक जीवन को देखें, तो यह गोचर आपके लिए अनुकूल न रहने की आशंका है और इस दौरान आप पर घर की जिम्मेदारियां बढ़ने की वजह से आपके खर्चें बढ़ सकते हैं। इसके अलावा, तमाम समस्याओं की वजह आपके और पार्टनर के बीच आपसी समझ की कमी और अहंकार की भावना उत्पन्न हो सकती है। स्वास्थ्य की बात करें तो आपको पैरों में दर्द की समस्या परेशान कर सकती है। साथ ही, आंखों में जलन और पाचन संबंधित समस्याएं भी आपको घेर सकती हैं।

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व्यापार का विस्तार या नौकरी में सफलता का सपना होगा पूरा, बस अष्टमी तिथि पर कर लें ये उपाय !

यूं तो नवरात्रि के सभी 9 दिन बेहद ही पावन शुभ और फलदाई माने जाते हैं लेकिन अष्टमी तिथि को सबसे खास माना गया है। सबसे खास क्यों माना गया है और इसका क्या महत्व होता है? चलिए इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से जान लेते हैं इन सभी सवालों का जवाब।

सिर्फ इतना ही नहीं हमारे इस खास ब्लॉग में आज हम जानेंगे नवरात्रि की अष्टमी तिथि जिसे दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जानते हैं उससे जुड़ी कुछ बेहद ही दिलचस्प बातों की जानकारी, इस दिन किए जाने वाले उपायों की जानकारी, साथ ही जानेंगे इस दिन अगर आप भी कन्या पूजन करने जा रहे हैं तो आपको किन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता है।

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मां महागौरी का स्वरूप

सबसे पहले बात कर ले मां के स्वरूप की तो नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि जो कोई भी सच्चे मन से माँ की प्रार्थना करता है मां उसे अवश्य स्वीकार करती हैं। महागौरी का अर्थ होता है महा अर्थात बड़ा गौरी मतलब गोरी। इसके अलावा देवी का रंग बेहद ही गोरा है जिसके चलते इन्हें महागौरी कहा जाता है। 

बात करें स्वरूप की तो महागौरी की चार भुजाएं हैं और वह वृषभ पर सवारी करती हैं। माँ ने दाहिने हाथ को अभय मुद्रा में धारण किया हुआ है, दूसरे दाहिने हाथ में त्रिशूल है, बाएं हाथ में डमरू है और दूसरा बायाँ हाथ वरद मुद्रा में है।

मां महागौरी की पूजा का ज्योतिषीय संदर्भ

मां महागौरी की पूजा के ज्योतिषीय संदर्भ की बात करें तो कहा जाता है की देवी महागौरी राहु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। ऐसे में जिन भी जातकों की कुंडली में राहु परेशानी की वजह होते हैं या आप राहु पीड़ित या कमजोर अवस्था में हो या जीवन में राहु की महादशा चल रही हो उन्हें विशेष रूप से मां महागौरी की पूजा करने की सलाह दी जाती है। देवी की पूजा करने से राहु के बुरे प्रभाव जीवन से कम होने लगते हैं।

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मां महागौरी की पूजा महत्व 

सबसे पहले बात कर ले मां महागौरी के पूजा महत्व की तो धार्मिक शास्त्रों के अनुसार पहली बात तो नवरात्रि के आखिरी दो दिन है अर्थात अष्टमी नवमी बहुत ही खास माने जाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अष्टमी के दिन देवी दुर्गा ने चंड मुंड का संघार किया था और नवमी के दिन महिषासुर का वध किया था। ऐसे में यह दोनों तिथियां विशेष रूप से खास मानी जाती है। इसके अलावा बहुत से लोग इन्हीं महत्व के चलते अष्टमी तिथि और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन भी करते हैं।

कहा जाता है कि अगर आप नवरात्रि के 9 दिन तक उपवास नहीं कर पाए हैं तो भी परेशान होने की आवश्यकता नहीं है आप अष्टमी और नवमी के दिन अगर व्रत रह लेते हैं तो भी आपको पूरे 9 दिन की पूजा का फल मिल जाता है।

मां महागौरी की पूजा से मिलने वाले महत्व के बारे में बात करें तो कहा जाता है जो कोई भी भक्त मां महागौरी के पूजा करता है उसे अपने जीवन के सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है और हर तरह की मनोकामना पूरी होती है। इसके अलावा चूंकि देवी महागौरी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी ऐसे में जिन लोगों को विवाह से संबंधित परेशानियां जीवन में उठानी पड़ रही है या विवाह नहीं हो पा रहा है उन्हें महागौरी की पूजा करने से इस संदर्भ में शुभ परिणाम की प्राप्ति होती है।

मां महागौरी को अवश्य लगाएँ ये भोग 

देवी महागौरी का स्वरूप बेहद ही शांत है। बात करें उनके प्रिय भोग की तो मां महागौरी को नारियल से बनी वस्तुएं मिठाई या नारियल का भोग विशेष रूप से प्रिय होता है। ऐसे में अष्टमी तिथि के दिन अपनी पूजा में नारियल, नारियल से बनी कोई मिठाई या नारियल का कोई भी भोग अवश्य शामिल करें। इससे माँ की प्रसन्नता शीघ्र हासिल होगी। इसके अलावा मां महागौरी को काले चने का भोग भी लगाया जा सकता है। इस दिन कन्या पूजन करते हैं और कन्याओं के लिए बनाए गए भोजन में काले चने शामिल किए जाते हैं। आप इस काले चने का भोग मां को भी अवश्य लगाएँ इससे भी माँ को प्रसन्नता मिलती है।

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देवी महागौरी का पूजा मंत्र

ॐ देवी महागौर्यै नमः॥

प्रार्थना मंत्र

श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥

स्तुति

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

नवरात्रि के आठवें दिन अवश्य करें यह अचूक उपाय

  • नवरात्रि के अष्टमी तिथि के दिन अगर आप मां महागौरी के मंत्र का 21 बार जाप करते हैं तो इससे आपको दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है। मंत्र: सर्वमङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोsस्तुते।।
  • अगर आप अपने दांपत्य संबंध में सुख बनाए रखना चाहते हैं या सुख बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए नवरात्रि के अष्टमी तिथि के दिन मां को सफेद फूलों की पुष्पांजलि अवश्य दें, दुर्गा चालीसा का पाठ अवश्य करें। 
  • मनचाहा वर या वधू पाना चाहते हैं तो देवी दुर्गा को इलायची का भोग अवश्य लगाएँ।
  • अगर आप नौकरी या व्यवसाय में तरक्की करना चाहते हैं या अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहते हैं तो स्नान के बाद दुर्गा मां की विधिपूर्वक पूजा करें, कपूर से उनकी आरती उतारें और उसके बाद उन्हें हलवे और उबले चने का भोग लगाएँ और सुंदर निरोगी काया और जीवन में सुख प्राप्त करना चाहते हैं तो स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर मां दुर्गा को प्रणाम करें और उनसे अपनी मनोकामना कहें। 
  • अपने बच्चों के करियर को बेहतर बनाना चाहते हैं या चाहते हैं कि आपके बच्चे बहुत तरक्की करें तो अष्टमी तिथि के दिन मां दुर्गा के समक्ष घी का दीपक जलाएं और देवी के मंत्रों का जाप करें। 
  • अगर परिवार में किसी तरह की परेशानी है या आपके घर से सुख शांति गायब हो चुकी है तो नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दिन दो कपूर और 12 लौंग एक गोबर के कंडे पर जलाएं। ऐसा करने से आपके परिवार की परेशानियां समाप्त हो जाएगी। 
  • आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए एकाक्षी नारियल ले लें, उस पर सात बार मौली लपेटकर मां दुर्गा के समक्ष रख दें। पूजा के बाद इस नारियल को अपनी तिजोरी में रख लें। इससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। 

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क्या यह जानते हैं आप? 

बहुत से लोग नवरात्रि की अष्टमी तिथि के दिन कन्या पूजन करते हैं। देवी भागवत पुराण में उल्लेख है कि आठवां दिन मां दुर्गा के मूल भाव को दर्शाता है। महागौरी देवी भगवान शिव के साथ उनकी अर्धांगिनी के रूप में विराजमान रहती हैं इसीलिए महागौरी देवी को शिवा नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है की देवी महागौरी ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या की थी और अपनी तपस्या से ही माता ने गौर वर्ण प्राप्त किया था।

इन लोगों को विशेष रूप से करनी चाहिए मां की पूजा 

जिन लोगों को मनचाहा वर या वधू चाहिए हो या फिर जो अपने दांपत्य जीवन में सुख बनाए रखना चाहते हो, जो लोग अपने व्यापार की तरक्की और विस्तार करना चाहते हों, अपने जीवन में धन और सुख समृद्धि बनाना चाहते हैं उन्हें विशेष रूप से मां महागौरी की पूजा करने की सलाह दी जाती है। सच्ची श्रद्धा और भक्ति के साथ मां महागौरी की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

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मां महागौरी से संबंधित पौराणिक कथा 

मां महागौरी से संबंधित पौराणिक कथा के अनुसार बताया जाता है कि मां ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। इस दौरान उन्होंने केवल कंदमूल, फल और पत्तों का भोजन किया था इसके बाद मां ने केवल हवा पर ही तप करना आरंभ किया। तपस्या से मां पार्वती को महान गौरव प्राप्त हुआ और तभी उनका नाम महागौरी पड़ा। 

मां की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनको गंगा में स्नान करने को कहा। जब गंगा में मां स्नान करने गई तब देवी एक स्वरूप श्याम वर्ण में प्रकट हुआ जिसे कौशिकी कहा गया और एक स्वरूप उज्जवल चंद्र के समान प्रकट हुआ जिसे महागौरी कहा गया। मां महागौरी अपने भक्तों का कल्याण करती हैं और उनकी समस्त परेशानियों को हर लेती है।

नवरात्रि अष्टमी तिथि हवन और कन्या पूजन

अगर आप भी नवरात्रि के अष्टमी तिथि पर हवन और कन्या पूजन करना चाहते हैं तो लिए इससे जुड़े नियम और सामग्री की जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।

नवरात्रि हवन सामग्री: हवन कुंड, आम की लड़कियां, चावल, जौ, कलवा, शक्कर, गाय का शुद्ध घी, पान के पत्ते, काले तिल, सूखा हुआ नारियल, लौंग, इलायची, कपूर और बताशे

कन्या पूजन नियम 

बहुत से लोग नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन करते हैं। ऐसे में अगर आप भी इस दिन कन्या पूजन करने जा रहे हैं तो चलिए जान लेते हैं इससे जुड़े नियम क्या कुछ कहते हैं। 

  • कन्या पूजन में कन्याओं को हलवा, चना और पूरी, खीर अपने सामर्थ्य के अनुसार परोसे। 
  • किसी को जबरदस्ती भोजन न कराएं।
  • जो जितना खाए उतना ही आदर पूर्वक खिलाएँ।
  • घर बुलाकर कभी भी किसी कन्या का अनादर न करें। 
  • भोजन के बाद उनको अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिण अवश्य दें, उपहार दें और लाल चुनरी ओढ़ाकर उनका पैर छूकर आशीर्वाद अवश्य लें।

कन्या पूजन की सही विधि

  • कन्या पूजन से एक दिन पहले ही कन्याओं को आदर पूर्वक आमंत्रित कर लें। 
  • कन्या पूजन वाले दिन अपने घर को साफ कर लें क्योंकि घर आने वाली कन्याओं को मां दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। 
  • जब कन्याएं घर पर आयें तो पहले उनके पैर धोएँ, फिर उन्हें खाने के लिए बिठाएँ। 
  • खाने से पहले उन्हें तिलक लगाएँ फिर साफ आसन पर उन्हें बिठाने के बाद उन्हें खाना परोसें। 
  • खाना खाने के बाद उनके बर्तन खुद हटाएँ। 
  • दोबारा उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें और उन्हें अंत में अपने सामर्थ्य के अनुसार कुछ ना कुछ तोहफा अवश्य दें।

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बुध का मीन राशि में उदय: जानें राशियों सहित देश-दुनिया पर बुध उदय का प्रभाव

बुध का मीन राशि में उदय : एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बुध का मीन राशि में उदय के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे। बता दें कि बुध 19 अप्रैल, 2024 को बृहस्पति ग्रह द्वारा शासित राशि मीन में उदय होने जा रहे हैं। बुद्धि, एकाग्रता, वाणी, त्वचा के कारक ग्रह बुध उदय का आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव डालेगा। तो आइए जानते हैं बुध का उदय किस राशि के जातकों के लिए शुभ व किस राशि के जातकों के लिए अशुभ साबित होने वाला है। साथ ही, जानेंगे देश दुनिया व शेयर बाजार में इसका प्रभाव।

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बुध तीसरे भाव के स्वामी हैं। हालांकि इनकी स्थिति पहले भाव में अनुकूल होती है। पौराणिक कथाओं में बुध को देवताओं का दूत कहा जाता है। यह अभिव्यक्ति और अनुभूति से जुड़ा ग्रह है। बुध का कार्य चीजों को अलग करना और उन्हें फिर से एक साथ जोड़ना है। यह छाती, तंत्रिका तंत्र, त्वचा, नाक, नाभि, पित्ताशय, फेफड़े, तंत्रिकाएं, जीभ, भुजाएं, चेहरा और बालों के कारक ग्रह है। यदि यह अशुभ ग्रहों से पीड़ित हो तो जातक को छाती और मांसपेशियों से संबंधित परेशानियां दे सकता है।

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मीन राशि में बुध: विशेषताएं

मीन राशि में बुध के संचार, रचनात्मकता और आध्यात्मिकता को प्रभावित करता है। कल्पनाशक्ति और खुद को जानने समझने की शक्ति को मजबूत करता है। इन लोगों को कलात्मक क्षेत्र में किये जाने वाले प्रयासों में सफलता और आध्यात्मिक विकास के लिए आपकी वाणी स्पष्ट और आपका ज्ञान मज़बूत होना चाहिए। मीन राशि में बुध हो तो जातक एक-दूसरे से अच्छा आचरण करते हैं। इसके प्रभाव से विदेश में रहने वाले लोग शानदार तरक्की प्राप्त करते हैं। इसके अलावा, ये लोग अत्यधिक संवेदनशील होते हैं इसलिए इन्हें जल्दी बुरा भी लग जाता है। ये लोग किसी पर भरोसा करने में देर नहीं लगाते।

मीन राशि में बुध के प्रभाव से जातक बातचीत करने में कुशल होते हैं। ये लोग हर एक चीज को अच्छे से सुनते हैं और समझते हैं। साथ ही, दूसरों को यह महसूस कराते हैं कि वे उनके लिए महत्वपूर्ण है। ये जातक दूसरों को सहज महसूस करना और आलोचना की चिंता किए बिना अपनी राय साझा करने में सक्षम होते हैं। ये लोग उन चीजों का भी ख्याल रखते हैं जो उनके प्रियजनों के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे अपनी सम्पूर्ण मानसिक क्षमताओं की बदौलत अन्य लोगों के दर्द या दुःख का पता लगाने में सक्षम होते हैं। ये दूसरों को बेहतर महसूस कराने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं।

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बुध का मीन राशि में उदय: समय व तिथि

बुद्धि और वाणी के कारक ग्रह बुध का मीन राशि में उदय 19 अप्रैल 2024 की सुबह 10 बजकर 23 मिनट पर होने जा रहा है। 

बुध का मीन राशि में उदय: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए बुध आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं अब यह आपके बारहवें भाव में उदित हो रहे हैं। बुध का मीन राशि में उदय होने से आपका व्यक्तिगत विकास तेज़ रफ़्तार से होगा और आपके जीवन में चल रही समस्याएं अब दूर हो सकती हैं। आपके साहस में कमी आ सकती है जो कि आपके लिए नकारात्मक साबित होने की आशंका है। इस अवधि आपका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ अधिक होगा और आप इसे बनाए रखने में आप सक्षम होंगे। इस दौरान आपके द्वारा की गई यात्राएं सफलता लेकर आएंगी और यह यात्राएं निजी या पेशेवर जीवन से जुड़ी हो सकती हैं। हालांकि, आप भ्रमित हो सकते हैं और इस वजह से असुरक्षा की भावना से ग्रस्त हो सकते हैं, ऐसे में आपको इससे बचने की सलाह दी जाती है। आपके स्वास्थ्य की बात करें तो इस दौरान यात्रा करते समय आपको खुद की देखभाल की आवश्यकता हो सकती है। वहीं, पढ़ाई करने वाले छात्रों का मन शिक्षा से हट सकता है और यह आपके लिए समस्या बन सकता है इसलिए आपके लिए जरूरी होगा कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए एकाग्रचित्त होकर पढ़ाई करें। दूसरी तरफ, आपको पैतृक संपत्ति के माध्यम से लाभ प्राप्त होने के योग बनेंगे।

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मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों की कुंडली में बुध ग्रह पहले और चौथे भाव के अधिपति देव हैं। अब यह आपके दसवें भाव में उदित हो रहे हैं। बुध का मीन राशि में उदय होने से आप निवेश के माध्यम से अपने जीवन में सुख-सुविधाओं को बढ़ाने में सक्षम होंगे, जिससे आपको संतुष्टि मिलेगी। इसके अलावा, आप कोई नई संपत्ति खरीद सकते हैं। आपको काम के सिलसिले में काफ़ी यात्राओं पर जाना पड़ सकता हैं। साथ ही, आप अपनी माता की ख़ुशी के लिए धन खर्च भी करते हुए दिखाई दे सकते हैं।

करियर की बात करें, तो इन जातकों को नौकरी में स्थिरता की प्राप्ति होगी। साथ ही, वरिष्ठ भी आपकी सराहना करते हुए नज़र आएंगे।  इस दौरान आपकी इच्छा शक्ति दृढ़ और विश्लेषण की क्षमता मज़बूत होंगी जिसका इस्तेमाल आप बुद्धि के बल पर काम में कर सकते हैं। इन लोगों को  अपने तेज़ दिमाग की वजह से विदेश में नौकरी करने का अवसर मिल सकता है।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों की कुंडली में बुध ग्रह आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके आठवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। बात करें आपके करियर की, आपको अलग-अलग स्थानों पर नौकरी में स्थानांतरण का सामना करना पड़ सकता है। आशंका है कि इससे आप संतुष्टि महसूस न कर पाए। बुध के उदित के दौरान आपको हर काम की योजना बनाकर चलना होगा क्योंकि आप पर काम का बोझ अधिक हो सकता है। व्यापार की दृष्टि से, सिंह राशि वालों का प्रदर्शन बिज़नेस में शानदार रहेगा और आप पर्याप्त मात्रा में लाभ कमाएंगे। अगर आपका संबंध ट्रेड, सट्टेबाजी आदि से है, तो आपको अच्छा मुनाफा होने के योग बनेंगे। लेकिन, दूसरे बिज़नेस आपको उचित लाभ देने में पीछे रह सकते हैं।

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मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव में उदित हो जाएंगे। बुध तीसरे भाव का नैसर्गिक कारक है। करियर के लिहाज़ से, इन जातकों को नौकरी में तेज़ रफ़्तार से प्रगति मिलेगी और यह वृद्धि अपने साथ नौकरी के नए अवसर लेकर आ सकती है जिससे आप ख़ुश दिखाई देंगे। वहीं, कुछ जातकों को विदेश जाने का मौका मिलने की संभावना है जो आपको अपने सभी सपने सच करने का अवसर देगा। 

व्यापार की दृष्टि से, बुध की उदित अवस्था उन जातकों को अच्छा लाभ प्रदान करेगी जिनका अपना व्यापार है। ऐसे में, आप खुश और संतुष्ट नज़र आएंगे। साथ ही, इस अवधि में आप नए ऑर्डर प्राप्त करने में सक्षम होंगे और व्यापार में आप अच्छी सफलता हासिल कर सकेंगे।

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वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब बुध महाराज आपके पांचवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप आप भविष्य को लेकर चिंतित नज़र आ सकते हैं और आप तनाव में रह सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, वृश्चिक राशि वालों को सट्टेबाजी के माध्यम से अच्छा खासा लाभ प्राप्त हो सकता है।

करियर के लिहाज़ से, जो जातक नौकरी करते हैं, बुध उदित अवस्था के दौरान नौकरी में आप पर अधिक दबाव होने की संभावना है जो कि काम की सही से योजना न बनाने और दृढ़ता की कमी की वजह से हो सकता है। इन लोगों की नौकरी में बदलाव होने की आशंका है जो कि आपके लिए इतना जरूरी नहीं होगा। 

इस राशि के जिन जातकों का अपना व्यापार है, वह बुध का मीन राशि में उदय होने से ज्यादा लाभ कमाने में पीछे रह सकते हैं। लेकिन, फिर भी आपके बिज़नेस पर इसका उतना असर नहीं पड़ेगा और यह स्थिर बना रहेगा। हालांकि, इस अवधि में आपके और बिज़नेस पार्टनर के बीच समस्याएं आ सकती हैं। साथ ही, किसी बात को लेकर वह आपका विरोध कर सकते हैं।

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धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं जो अब मीन राशि में आपके चौथे भाव में उदित हो जाएंगे। इसके परिणामस्वरूप, आप अपने जीवन में चलने वाली चीज़ों को लेकर नाख़ुश दिखाई दे सकते हैं। साथ ही, आपको घर-परिवार के साथ भी समस्याओं से जूझना पड़ सकता है और संभवतः यह विवाद क़ानूनी रूप ले सकते हैं। इसके अलावा, पार्टनर के साथ मतभेद होने की आशंका है।

करियर के लिहाज़ से, इस राशि के जो जातक नौकरी करते हैं, वह कार्यस्थल में अपनी योग्यता साबित करने में नाकाम रह सकते हैं। हो सकता है कि आप नौकरी में मिलने वाले लक्ष्यों को पूरा न कर पाएं और आप कोई बड़ी उपलब्धि भी हासिल न कर सकें। साथ ही, आप पर नौकरी में दबाव हो सकता है। 

बुध के उदय की अवधि व्यापार करने वालों के लिए थोड़ी प्रतिकूल रह सकती है। आशंका है कि जो जातक व्यापार करते हैं, उन्हें इस दौरान नुकसान उठाना पड़ें। साथ ही, बिज़नेस पार्टनर के साथ आपको समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं। इसके अलावा, आपको अपने व्यवसाय के विस्तार में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों की कुंडली में बुध देव आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। अब मीन राशि में बुध ग्रह आपके दूसरे भाव में उदित होने जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, इन जातकों को ज्यादा धन कमाने में समस्याओं और बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, यह आपको धन हानि, निजी जीवन में परेशानियां और पार्टनर के साथ रिश्ते में असफलता आदि देने का काम भी कर सकते हैं। साथ ही, आप अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रह सकते हैं और उनके विकास व भविष्य पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। करियर के क्षेत्र में कुंभ राशि के नौकरी करने वाले जातकों के हाथ से नौकरी के कई सुनहरे अवसर निकल सकते हैं और इस तरह के अवसर आपके जीवन से सुख-सौभाग्य समाप्त कर सकते हैं। वहीं, आपको बेवजह की यात्राओं पर जाना पड़ सकता है और यह आपके लिए ज्यादा फलदायी साबित न होने की आशंका है जबकि कुछ लोग नौकरी में बदलाव करने के लिए मज़बूर हो सकते हैं और इसके परिणामस्वरूप, आपको मिलने वाले सकारात्मक परिणामों में कमी आ सकती है। जिन जातकों का अपना व्यापार है, उन्हें बिज़नेस में प्रतिद्वंदियों से कड़ी टक्कर मिलने की वजह से नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में, आपको सावधान रहने की आवश्यकता हो सकती है।

बुध का मीन राशि में उदय: प्रभावशाली उपाय

  • बुध यंत्र को स्थापित करें और विधि विधान से पूजा करें।
  • छोटी कन्याओं का आशीर्वाद लें और उन्हें उपहार दें।
  • मौखिक और दंत स्वच्छता बनाए रखें।
  • बुध के लिए हवन करें।
  • गाय को हरा चारा खिलाएं।
  • बुध के बीज मंत्र ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’ का जाप करें।

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बुध का मीन राशि में उदय: विश्वव्यापी प्रभाव

  • बुध के मेष राशि में उदय के दौरान सॉफ्टवेयर कंपनियों और आईटी इंडस्ट्री को कुछ ज्यादा लाभ नहीं होने की आशंका है। साथ ही, मंदी इस स्थिति को और बदतर बना सकती है।
  • इस दौरान शेयर बाज़ार और सट्टेबाजी से जुड़े व्यापार में गिरावट देखने को मिल सकती है।
  • इस अवधि में चिकित्सा के क्षेत्र में कुछ सकारात्मक सुधार आने की संभावना है और कुछ सुधार भी देखने को मिल सकता है।
  • कविता, कहानी सुनाना, पटकथा लेखन आदि रचनात्मक क्षेत्रों से जुड़े लोग फल-फूल सकते हैं।
  • बुध को व्यापार का कारक ग्रह माना गया है और इस दौरान बुध अपनी नीच राशि में होने के कारण व्यवसाय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  • व्यवसाय में सुस्ती का दौर आ सकता है और जातकों के लिए यह अवधि थोड़ी मुश्किल भरी रह सकती है। इस दौरान लोग अपनी नौकरी से हाथ धो सकते हैं। साथ ही, नई नौकरी पाना भी उनके लिए एक समस्या बन सकता है।
  • बुध उदय के दौरान कई नए व्यवसाय बंद हो सकते हैं या उनका टिके रहना मुश्किल हो सकता है।
  • वित्त और बैंकिंग सेक्टर में मंदी देखने को मिल सकती है।
  • इस समय मीडिया से संबंध रखने वाले लोग और लेखक आदि समृद्धि प्राप्त करते हुए नज़र आएंगे।

बुध का मीन राशि में उदय: शेयर बाजार रिपोर्ट

19 अप्रैल, 2024 को बृहस्पति द्वारा शासित राशि मीन में उदय होंगे। यह घटना आने वाले हफ्तों में शेयर बाजार को प्रभावित करेगी।  तो आइए ऐसे में जानते हैं बुध का मीन राशि में उदय के दौरान शेयर बाजार में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। शेयर बाजार भविष्यवाणी 2024 के अनुसार,

  • महीने की शुरुआत में सीमेंट, चाय और कॉफी उद्योग, इस्पात उद्योग, रसायन उद्योग, उर्वरक उद्योग, भारी उद्योग, ऑटोमोबाइल पार्ट्स उद्योग और लोहा और इस्पात उद्योग में विकास देखने को मिल सकता है।
  • फार्मा क्षेत्र, ऊनी मिलों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों में पूरे महीने वृद्धि देखने को मिलेगी।
  • बैंकिंग और वित्त क्षेत्र में मंदी का दौर आ सकता है।

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साप्ताहिक राशिफल (15 से 21 अप्रैल 2024): इस सप्ताह अपने ही दे सकते हैं धोखा- फूँक-फूँक कर रखें कदम!

आने वाले 7 दिन आपके लिए कैसे रहने वाले हैं? क्या इस सप्ताह में आपकी किस्मत के सितारे चमकेंगे या अभी आपको और इंतजार करना पड़ेगा? इसके अलावा आर्थिक पक्ष के लिहाज से यह सप्ताह कैसा रहने वाला है? अगर आप इन सभी सवालों का जवाब जानना चाहते हैं तो एस्ट्रोसेज के साप्ताहिक राशिफल ब्लॉग में आपको इनका जवाब बेहद आसानी से प्राप्त होने वाला है।

सिर्फ इतना ही नहीं इस खास ब्लॉग में हम आपके आने वाले सात दिनों में पड़ने वाले व्रत त्यौहार, ग्रहण, गोचर, विवाह मुहूर्त, बैंक अवकाश आदि की भी जानकारी देने वाले हैं। तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं हमारा यह खास ब्लॉग और जान लेते हैं अप्रैल के तीसरे सप्ताह से जुड़ी कुछ बेहद दिलचस्पातों की जानकारी।

देशभर के ज्योतिषियों से बेहद ही कम दरों पर फोन पर करें बात और अपने वर्ष 2024 को बनाएँ और भी खास

इस सप्ताह का हिंदू पंचांग और ज्योतिषीय गणना 

सबसे पहले बात कर लें इस सप्ताह के हिंदू पंचांग और ज्योतिषीय गणना की तो अप्रैल का तीसरा सप्ताह शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र के तहत प्रारंभ हो जाएगा और इस सप्ताह का समापन शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के तहत हो जाएगा। 

इस सप्ताह पड़ने वाले व्रत और त्योहारों की जानकारी 

अपने व्यस्त जीवन में आप भी कोई त्यौहार या महत्वपूर्ण तिथि भूल न जाएँ इसलिए हम आपके सामने आने वाले सात दिनों में पड़ने वाले महत्वपूर्ण व्रत त्योहार की जानकारी भी आपको यहां प्रदान करने जा रहे हैं। तो चलिए जान लेते हैं 15 से 21 अप्रैल के बीच कौन-कौन से व्रत और त्योहार पड़ने वाले हैं। 

  • 15 अप्रैल चैत्र नव पद औली प्रारंभ 
  • 16 अप्रैल माँ तारा जयंती, मासिक दुर्गा अष्टमी 
  • 17 अप्रैल रामनवमी, स्वामी नारायण जयंती 
  • 19 अप्रैल कामदा एकादशी 
  • 20 अप्रैल त्रिशूल पुरम, वामन द्वादशी 
  • 21 अप्रैल महावीर स्वामी जयंती, प्रदोष व्रत

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

इस सप्ताह पड़ने वाले ग्रहण और गोचर 

ग्रहण और गोचर का सीधा प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। ऐसे में चलिए जान लेते हैं कि इस सप्ताह कौन-कौन से ग्रहों का गोचर होने वाला है और यह किस तरह से आपको प्रभावित करेंगे। इस सप्ताह में केवल एक महत्वपूर्ण ग्रह का परिवर्तन होने वाला है यह परिवर्तन होगा 19 अप्रैल को जब बुध मीन राशि में अस्त अवस्था से निकलकर उदित हो जाएंगे। निश्चित तौर पर इसका सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर प्रभाव अवश्य पड़ेगा।

वहीं बात करें ग्रहण की तो इस सप्ताह में कोई भी ग्रहण नहीं लगने वाला है। 

15-21 अप्रैल 2024: विवाह मुहूर्त 2024 

बात करें के इस तीसरे सप्ताह विवाह मुहूर्त की तो इस सप्ताह में विवाह के चार मुहूर्त पड़ने वाले हैं। पहला होगा 18 अप्रैल को, दूसरा 19 अप्रैल को, तीसरा 20 अप्रैल और चौथा 21 अप्रैल। बात करें समय की तो,

18 अप्रैल 2024 मध्य रात्रि 00:44 – 19 अप्रैल, 05:51 एकादशी

19 अप्रैल 2024 प्रातः 05:51 से 06:46 एकादशी

20 अप्रैल 2024 दोपहर, 02:04 से 21 अप्रैल प्रातः 02:48 द्वादशी

21 अप्रैल 2024 दोपहर 03:45 से 22 अप्रैल, प्रातः 05:48 त्रयोदशी

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15-21 अप्रैल 2024: बैंक अवकाश 

बैंक होलीडेज की बात करें तो इस सप्ताह 

15 अप्रैल को हिमाचल दिवस है जिसका अवकाश हिमाचल प्रदेश में मनाया जाएगा।  

17 अप्रैल को रामनवमी है जिसका अवकाश भारत भर में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाएगा हालांकि बंगाल, त्रिपुरा, तमिलनाडु, पुडुचेरी, नागालैंड, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर, केरल, कर्नाटक, झारखंड और गोवा में इसका अवकाश नहीं होगा।  

इसके बाद 21 अप्रैल को गरिया पूजा का अवकाश त्रिपुरा में किया जाएगा और इसी दिन महावीर जयंती भी है जिसका अवकाश उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, पंजाब, उड़ीसा, मिजोरम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, हरियाणा, गुजरात, छत्तीसगढ़ में होगा।

इस सप्ताह जन्में कुछ मशहूर सितारों के जन्मदिन की जानकारी 

अब अंत में हम बात कर लेते हैं इस सप्ताह जन्मे कुछ मशहूर सितारों के जन्म के बारे में। तो अगर आपका भी जन्म अप्रैल के महीने में हुआ है तो निश्चित तौर पर आप स्वभाव से बेहद ही दिलखुश व्यक्ति हैं। आप जहां भी जाते हैं आप महफिल की जान बन जाते हैं। आप अपने काम को लेकर बेहद ही गंभीर रहते हैं। जो भी काम उठाते हैं उसे पूरा करके ही सांस लेते हैं। 

इसके अलावा अप्रैल के महीने में जन्म लेने वाले लोगों का जन्म हीरा रत्न से जोड़कर देखा जाता है। अप्रैल में जन्मे बच्चे ज्यादा भाग्यशाली होते हैं। अगर अप्रैल में जन्म लेने वाले लोग हीरा रत्न धारण करें तो  जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका के अनुसार इससे आपको दीर्घायु ताकत सुंदरता और जीवन में खुशियां प्राप्त होती हैं। हीरा रत्न को सभी रत्न में सबसे टिकाऊ भी माना गया है। इसके अलावा बात करें विवाह की तो अगर अप्रैल में जन्म लेने वाला व्यक्ति अप्रैल में ही विवाह भी कर ले तो उनका विवाह बहुत ही ज्यादा सफल होने की संभावना बढ़ जाती है। 

अगर अप्रैल के आखिरी 10 दिनों के दौरान शादी की जाए तो संभावना बढ़ जाती है कि व्यक्ति की शादी बहुत ही ज्यादा जमीनी स्तर पर होगी और आपका रिश्ता जीवन भर मजबूत बना रहेगा। इसके अलावा क्या यह जानते हैं आप? एक्सेटर विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में पहली बार माँ बनने वाली माताएँ अपने बच्चों का जन्मदिन वसंत ऋतु में मनाना पसंद करेंगी। 

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अब बात करें इस सप्ताह में किन सितारों का जन्मदिन पड़ने वाला है तो, 

15 अप्रैल मंदिरा बेदी, रघुराम 

16 अप्रैल लारा दत्ता, नारायणी शास्त्री 

17 अप्रैल सिद्धार्थ नारायण 

18 अप्रैल पूनम ढिल्लों 

19 अप्रैल अरशद वारसी, सुरेखा सिकरी 

20 अप्रैल मनीष चौधरी, राजीव मेनन 

21 अप्रैल शिवाजी सत्यम, ताहिर राज भसीन

यदि आप अपने फेवरेट सितारे की कुंडली देखकर उनके भविष्य के बारे में कुछ भी जानना चाहते हैं तो आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं।

एस्ट्रोसेज की तरफ से इन सभी सितारों को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।

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साप्ताहिक राशिफल 15-21 अप्रैल 2024

अब जानते हैं सभी बारह राशियों के जातकों के लिए यह सप्ताह क्या कुछ लेकर आने वाला है:

यह भविष्यफल चंद्र राशि पर आधारित है। अपनी चंद्र राशि जानने के लिए क्लिक करें:
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मेष साप्ताहिक राशिफल

खुद को फिट रखने के लिए, इस सप्ताह आपको ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी। क्योंकि इस दौरान ….. (विस्तार से पढ़ें) 

मेष प्रेम राशिफल 

प्रेम संबंधों में आपको इस पूरे ही सप्ताह रोमांस और प्रेम की काफी कमी खलेगी। क्योंकि ….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपके ऊपर कुछ अधिक, भावुक मिज़ाज छाया रहेगा। जिसके कारण आप दूसरों से खुलकर ….(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपके घरवाले आपके प्रेम संबंधों के बीच आकर, आपके प्रेमी को अपशब्द ….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको अपनी व्यस्त ज़िंदगी में से, कुछ पल निकालते हुए आराम करने और क़रीबी दोस्तों व ….(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन प्रेम राशिफल

सिंगल जातकों को इस सप्ताह किसी भी ख़ास व्यक्ति के प्रति अपनी दिल कि भावनाओं को ….(विस्तार से पढ़ें)

कर्क साप्ताहिक राशिफल

रक्तचाप, मधुमेह या मोटापे के मरीज़ों को, इस सप्ताह अपना ख़ास ख़याल रखने और सही व समय के …. (विस्तार से पढ़ें)

कर्क प्रेम राशिफल

किसी भी ख़ास व्यक्ति से दिल की बात कहना इस सप्ताह, आपके लिए प्रतिकूल साबित हो ….(विस्तार से पढ़ें)

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सिंह साप्ताहिक राशिफल

आपको इस बात का एहसास होगा कि आपका स्वास्थ्य यदि अच्छा है तो, आप जीवन के हर पक्ष का आनंद ….(विस्तार से पढ़ें)

सिंह प्रेम राशिफल

मुमकिन है कि यह सप्ताह आपके प्रेम जीवन के लिए, सबसे मुश्किल दौर होगा। क्योंकि ……(विस्तार से पढ़ें)

कन्या साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपके ऊपर काम का अतिरिक्त बोझ, आपकी सेहत को बाधित कर सकता है। ऐसे में अपने ….(विस्तार से पढ़ें)

कन्या प्रेम राशिफल

 सिंगल जातकों को इस सप्ताह किसी भी ख़ास व्यक्ति के प्रति अपनी दिल कि भावनाओं को ….(विस्तार से पढ़ें)

तुला साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको अपने खानपान में सही सुधार कर, अच्छा भोजन करने की ज़रूरत होगी। क्योंकि ये …..(विस्तार से पढ़ें)

तुला प्रेम राशिफल

आपके कार्यक्षेत्र पर चल रही विपरीत परिस्थितियों के कारण, इस सप्ताह आप अपने प्रिय….. (विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपको दूसरों की आलोचना में, अपना ज्यादातर समय और ऊर्जा बर्बाद करने से बचना होगा। …..(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक प्रेम राशिफल

 इस सप्ताह यदि आप प्रेमी की किसी आदत को लेकर, काफी समय से परेशान चल रहे हैं ,…..(विस्तार से पढ़ें)

धनु साप्ताहिक राशिफल

आपकी राशि के लोगों के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से, ये सप्ताह बेहद उत्तम रहेगा। क्योंकि इस दौरान आपको …..(विस्तार से पढ़ें)

धनु प्रेम राशिफल

प्रेम एक ऐसी रोशनी है जो आपको अंधेरों में भी उजाला दिखा सकती है। आपका लवमेट …..(विस्तार से पढ़ें)

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मकर साप्ताहिक राशिफल

ख़ुद को परिष्कृत करने की आपकी कोशिश, कई तरीक़ों से आपके स्वास्थ्य जीवन पर अपना सकारात्मक ….(विस्तार से पढ़ें)

मकर प्रेम राशिफल

सिंगल जातकों को हर रोज़, किसी विपरीत लिंगी व्यक्ति के प्रेम में पड़ने की अपनी आदत….(विस्तार से पढ़ें)

कुम्भ साप्ताहिक राशिफल

इस सप्ताह आपके स्वास्थ्य राशिफल को देखें तो, आपका स्वास्थ्य बेहतरीन रहेगा। जिसके चलते आप …. (विस्तार से पढ़ें)

कुम्भ प्रेम राशिफल

इस सप्ताह आपके रोमांटिक मनोभावों में अचानक आया यूँ बदलाव, आपको काफ़ी खिन्न ….(विस्तार से पढ़ें)

मीन साप्ताहिक राशिफल 

ये सप्ताह वैसे तो स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छा है, लेकिन आपका किसी भी बात पर अत्यधिक सोचना, …..(विस्तार से पढ़ें)

मीन प्रेम राशिफल

प्रेम संबंधों में आपके अस्थिर स्वभाव के चलते, न चाहते हुए भी आपका इस सप्ताह अपने …. (विस्तार से पढ़ें)

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह ब्लॉग ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद! 

मंगल चलेंगे मीन राशि में चाल, खुल जाएगी इन राशियों की किस्‍मत, छप्‍पर फाड़ के मिलेगा पैसा

ग्रहों के गोचर का प्रभाव मनुष्‍य के जीवन के हर पहलू पर देखा जाता है। प्रेम जीवन की बात हो या करियर की या फिर व्‍यापार का मामला हो, हर क्षेत्र में ग्रहों के गोचर का असर पड़ता है। ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार एक तय समयावधि के बाद प्रत्‍येक ग्रह गोचर करता है जिसका प्रभाव देश-दुनिया समेत सभी 12 राशियों पर पड़ता है। गोचर की दृष्टि से अप्रैल का महीना बहुत महत्‍वपूर्ण बताया जा रहा है।

अप्रैल, 2024 में मंगल ग्रह का एक अहम गोचर होने जा रहा है जो कि कुछ राशियों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगा। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मंगल का गोचर किस तिथि एवं समय पर होने जा रहा है।

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कब हो रहा है मंगल का गोचर

वैदिक ज्‍योतिष में मंगल ग्रह को युद्ध और साहस का कारक माना गया है। इन्‍हें एक उग्र ग्रह की उपाधि दी गई है और अब यह ग्रह 23 अप्रैल, 2024 को सुबह 08 बजकर 19 मिनट पर मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। मीन राशि में मंगल देव का गोचर आपको आध्यात्मिकता की तरफ लेकर जाएगा। इस समय आपको धार्मिक यात्राएं भी करनी पड़ सकती है।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा 

ज्‍योतिष में मंगल का महत्‍व

ज्‍योतिषशास्‍त्र में मंगल ग्रह को पुरुष तत्‍व वाला ग्रह माना गया है। मंगल अपनी मूल त्रिकोण राशि यानी कि मेष में होने पर अच्‍छे परिणाम देते हैं। यह ग्रह सिद्धांतों और प्रशासन से जुड़े कार्यों का प्र‍तिनिधित्‍व करते हैं। मंगल की कृपा के बिना करियर में अच्‍छे परिणाम या सफलता मिल पाना मुश्किल होता है। यही वह ग्रह है जो व्‍यक्‍ति को जीवन में सभी तरह की सुख-सुविधाएं प्रदान करता है। मंगल की शुभ स्थिति से जातक को समाज में मान-सम्‍मान और पद-प्रतिष्‍ठा मिलती है।

तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मंगल के मीन राशि में प्रवेश करने पर किन राशियों के लोगों को आर्थिक लाभ होने की संभावना है।

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इन राशियों को होगा धन लाभ

वृषभ राशि

अगर आपकी वृषभ राशि है, तो आपको मंगल के मीन राशि में गोचर करने पर आर्थिक लाभ होने के संकेत हैं। यदि अब तक आप पैसों की तंगी से जूझ रहे थे, तो अब आपकी सारी परेशानियां दूर होने वाली हैं। आप अपने लिए अधिक धन कमाने में सफल होंगे और अपनी एवं अपने परिवार की जरूरतों को पूरा कर पाएंगे। आपकी आमदनी के नए स्रोत भी खुलेंगे जिससे आपकी प्रसन्‍नता में इज़ाफा होगा। धन कमाने के मामले में आपको अपने भाग्‍य का पूरा साथ मिलेगा। आप खर्चों को आसानी से संभालने के साथ-साथ पैसों की बचत करने में भी सफल होंगे।

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

मिथुन राशि

पैसों के मामले में मिथुन राशि के लोगों के लिए यह गोचर फलदायी साबित होगा। आप पैसों की बचत कर पाएंगे जिससे आपका वर्तमान ही नहीं बल्कि भविष्‍य भी संवर जाएगा। विदेश में रहने वाले लोगों को आमदनी के नए स्रोत मिलेंगे और इनके लिए धन लाभ के अवसर भी बने हुए हैं। आप अपने साथ-साथ अपने परिवार के खर्चों को भी अच्‍छे से संभाल पाएंगे और पैसों की बचत भी करेंगे। आपको अचानक पैतृक संपत्ति के रूप में भी धन लाभ होने की संभावना है। आपके ऊपर परिवार की जिम्‍मेदारियां बढ़ सकती हैं और इन्‍हें पूरा करने के लिए आपको लोने लेने की जरूरत पड़ सकती है। आपको इस समय लोन लेने में कोई परेशानी नहीं आएगी।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

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कर्क राशि

कर्क राशि के जातक भी धन लाभ के मामले में बहुत भाग्‍यशाली रहने वाले हैं। आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा और अगर अब तक कोई आर्थिक समस्‍या या पैसों की तंगी चल रही थी, तो अब वो भी दूर हो जाएगी। कर्क रा‍शि के लोगों को विदेश से भी धन कमाने के अवसर मिल सकते हैं। इससे आप काफी संतुष्‍ट महसूस करने वाले हैं। आप पूरी मेहनत और लगन के साथ अपना काम करेंगे और आपके अच्‍छे काम के लिए आपके वेतन में वृद्धि होने की भी संभावना है। इस तरह भी आपको धन लाभ हो सकता है। वेतन बढ़ने से आपका मन प्रसन्‍न रहेगा। कुल मिलाकर आपको धन के मामले में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।

कर्क साप्ताहिक राशिफल

आपकी कुंडली में भी है राजयोग? जानिए अपनी  राजयोग रिपोर्ट

धनु राशि

धनु राशि के लोगों को मंगल के मीन राशि में प्रवेश करने पर पैसों को लेकर किसी भी तरह से परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह समय आपके लिए काफी अनुकूल रहने वाला है। आप खूब पैसा कमाएंगे और अपनी एवं अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करेंगे। इसके साथ ही आप पैसों की बचत करने पर भी ध्‍यान देंगे। विदेश में रहने वाले लोगों के लिए भी यह गोचर भाग्‍यशाली सिद्ध होगा। आप जो भी काम करेंगे, उसमें आपको अपने भाग्‍य का साथ मिलेगा।

धनु साप्ताहिक राशिफल

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मीन राशि

मीन राशि के लोगों के लिए मंगल का यह गोचर अच्‍छा रहने वाला है। आपको पैसा कमाने के खूब अवसर प्राप्‍त होंगे और आप अपने खर्चों एवं जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ पैसों की बचत भी कर पाएंगे। आपके सामने अचानक से कुछ खर्चे भी आ सकते हैं। इन खर्चों की आपूर्ति के लिए आपको लोन लेना पड़ सकता है। हालांकि, आपको इस समय लोन लेने में कोई परेशानी नहीं आएगी।

मीन साप्ताहिक राशिफल

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