मई 2024 में कौन सी तिथियां है अन्नप्राशन मुहूर्त के लिए शुभ, यहाँ पढ़ें मई 2024 की पूरी लिस्ट!
हिंदू धर्म में अन्नप्राशन संस्कार को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है जो कि सोलह संस्कारों में से एक है। हम सभी जानते हैं कि मनुष्य के जीवन काल में अनेक तरह के संस्कार किये जाते हैं। लेकिन, वह कार्य जिन्हें शिशु के जीवन में पहली बार किया जाता है उनका विशेष ही महत्व होता है चाहे वह बच्चे का पहला कदम हो, पहली मुस्कान हो या मुंह से निकला पहला शब्द हो। ऐसे में, अगर आप अपने शिशु का अन्नप्राशन संस्कार मई 2024 में करने के बारे में सोच रहे हैं, तो हम आपको मई 2024 के लिए शुभ मुहूर्त प्रदान कर रहे हैं। आइए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं मई 2024 की शुभ तिथियां।
प्रत्येक माता-पिता के लिए वह पल बहुत खास होता है जिन्हें वह अपनी संतान के साथ बिताते हैं। हम सब इस बात को भली-भांति जानते हैं कि जब शिशु का जन्म होता है, तो शुरुआत के 6 महीने उसे सिर्फ माँ का दूध ही पिलाया जाता है क्योंकि बच्चे के लिए मां का दूध ही सबसे पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होता है। 6 महीने का होने के बाद शिशु को जब पहली बार ठोस आहार अर्थात ठोस भोजन खिलाया जाता है, तो इसे ही अन्नप्राशन संस्कार कहा जाता है।
आइए अब हम बिना देर किये आपको अवगत करवाते हैं मई 2024 में अन्नप्राशन संस्कार के शुभ मुहूर्त एवं तिथियों से।
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मई 2024 के लिए अन्नप्राशन संस्कार के शुभ मुहूर्त
पहला मुहूर्त:
तिथि: 03 मई 2024, शुक्रवार
मुहूर्त: सुबह 06:49 से सुबह 11:00 तक
दूसरा मुहूर्त:
तिथि: 06 मई 2024, सोमवार
मुहूर्त: सुबह 06:38 से दोपहर 13:08 तक
तीसरा मुहूर्त:
तिथि: 09 मई 2024, गुरुवार
मुहूर्त: दोपहर 12:56 से शाम 17:30 तक
शाम 19:49 से रात 22:08 तक
चौथा मुहूर्त:
तिथि: 10 मई 2024, शुक्रवार
मुहूर्त: सुबह 06:22 से 08:17 तक
सुबह 10:32 से शाम 17:26 तक
शाम 19:45 से रात 22:04 तक
पांचवां मुहूर्त:
तिथि: 20 मई 2024, सोमवार
मुहूर्त: रात 21:25 से 23:29 तक
छठा मुहूर्त:
तिथि: 23 मई 2024, गुरुवार
मुहूर्त: दोपहर 14:19 से रात 21:13 तक
सातवां मुहूर्त:
तिथि: 27 मई 2024, सोमवार
मुहूर्त: शाम 18:39 से रात 23:01 तक
आठवां मुहूर्त:
तिथि: 30 मई 2024, गुरुवार
मुहूर्त: सुबह 06:59 से 09:13 तक
सुबह 11:34 से दोपहर 13:51 तक
किस आयु में करें अन्नप्राशन संस्कार?
धर्मग्रंथों में अन्नप्राशन संस्कार के समय का विस्तृत वर्णन किया गया है जैसे कि किस समय करें और किन बातों का ध्यान रखें आदि। हालांकि, हम आपको बताना चाहेंगे कि अन्नप्राशन संस्कार को उस समय करें जब शिशु 5 से 12 माह का हो जाए। इसी प्रकार, बालकों का अन्नप्राशन संस्कार हमेशा सम महीनों जैसे कि 6, 8, 10 या 12 महीने में किया जाता है। इसके विपरीत, बालिकाओं का अन्नप्राशन विषम महीनों जैसे 5, 7, 9 या 11 महीने में संपन्न होता है।
वर्ष 2024 में हिंदू धर्म के सभी पर्वों एवं त्योहारों की सही तिथियां जानने के लिए क्लिक करें: हिंदू कैलेंडर 2024
अन्नप्राशन संस्कार के मुहूर्त निर्धारण के लिए नियम
अगर आप अपनी संतान का अन्नप्राशन संस्कार इस वर्ष के मई 2024 में करने का मन बना रहे हैं, तो अन्नप्राशन संस्कार के मुहूर्त का चुनाव करते समय कुछ विशेष नियमों को ध्यान में रखना होगा जिससे शिशु को ग्रहों-नक्षत्रों एवं ईश्वर की कृपा प्राप्त हो सके।
कन्याओं का अन्नप्राशन संस्कार विषम महीने में होता है जबकि बालकों का सम महीने में अन्नप्राशन होने की परंपरा है।
अन्नप्राशन संस्कार को सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार के दिन संपन्न करना चाहिए।
अन्नप्राशन संस्कार को करने के लिए 27 नक्षत्रों में से श्रावण, धनिष्ठा,चित्रा, स्वाति, अनुराधा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, उत्तराषाढ़ा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, अश्विनी और रोहिणी आदि को शुभ माना गया हैं।
अन्नप्राशन संस्कार के समय इन बातों का रखें ध्यान
माता-पिता अन्नप्राशन संस्कार के दिन बच्चे को इस तरह के कपड़े पहनाएं जिसमें शिशु आरामदेह महसूस करें।
अन्नप्राशन संस्कार के लिए आपको भोजन पूरी तरह से साफ़-सफाई के साथ बनाना चाहिए।
सुनिश्चित करें कि अन्नप्राशन संस्कार के दौरान जो व्यक्ति शिशु को भोजन कराएं, उसके हाथ स्वच्छ हो, वरना बच्चे को इन्फेक्शन हो सकता है।
इस संस्कार के समय शिशु को मीठी चीज़ें या मिठाई खिलाने से परहेज़ करें, अन्यथा उसका पेट ख़राब हो सकता है।
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प्रेम के ग्रह शुक्र का गोचर, किन राशियों के प्रेम जीवन को भर देंगे मिठास से या समस्याओं की होगी भरमार?
शुक्र का मेष राशि में गोचर: प्रेम और ऐश्वर्य के कारक ग्रह शुक्र 25 अप्रैल 2024 को मेष राशि में गोचर कर जाएंगे। वह 25 अप्रैल 2024 से लेकर 19 मई 2024 तक मेष राशि में रहेंगे। ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख-सुविधाओं और सौंदर्य का कारक ग्रह माना गया है। शुक्र धन, वैभव, ऐश्वर्य और विलासिता आदि देने वाले कहे जाते हैं। ऐसे में, शुक्र का गोचर इन तमाम क्षेत्रों पर प्रभाव डालेगा, फिलहाल अभी शुक्र ग्रह अपनी उच्च राशि यानी मीन राशि को छोड़कर मंगल ग्रह की पहली राशि मेष राशि में गोचर करने जा रहे हैं, तब यह नैसर्गिक तथा तत्कालिक मित्रता के अनुसार मित्र अवस्था में रहने वाले हैं। ऐसे में, शुक्र आपको कैसे परिणाम देंगे? आइए जानते हैं।
शुक्र का मेष राशि में गोचर: 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय
मेष राशि
शुक्र आपकी कुंडली में दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में यह आपके लग्न भाव में गोचर करने वाले हैं। पहले भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा माना जाता है। अतः शुक्र आपको आर्थिक मामलों में अच्छा लाभ करवा सकते हैं और वैवाहिक जीवन में भी अच्छे परिणाम दे सकते हैं। सुख-सुविधा, धन, संपत्ति, शिक्षा, विवाह, आमोद-प्रमोद, व्यापार आदि से जुड़े क्षेत्रों में शुक्र के इस गोचर के चलते आपके अनुकूल परिणाम मिलने की संभावनाएं मजबूत होंगी ।
उपाय: काली गाय की सेवा करें।
वृषभ राशि
शुक्र आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके छठे भाव के भी स्वामी हैं और अब आपके द्वादश भाव में गोचर करने जा रहे हैं। द्वादश भाव में शुक्र के गोचर को अच्छा माना जाता है, लेकिन लग्न या राशि स्वामी का द्वादश में जाना स्वास्थ्य संबंधी मामलों में थोड़े कमज़ोर परिणाम दे सकता है। अतः इस दौरान आपको स्वास्थ्य को लेकर जागरूक रहना होगा। यदि आप जॉब करते हैं तो आपको नौकरी या अपने काम के प्रति पूरी तरह से निष्ठावान बने रहना होगा। यदि आप ऐसा करते हैं तो आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर सकेंगे और समय-समय पर भोग-विलास और मनोरंजन भी कर सकेंगे। विदेश से जुड़े क्षेत्रों में अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।
उपाय: किसी सौभाग्यवती स्त्री को श्रृंगार की सामग्री उपहार में दें।
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मिथुन राशि
शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी स्वामी हैं और शुक्र आपके लाभ भाव में गोचर करने वाले हैं। लाभ भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला कहा गया है। ऐसे में, दूर के स्थानों से अच्छे लाभ आपको मिल सकते हैं। प्रेम जीवन और शिक्षा से संबंधित मामलों में भी अच्छे परिणाम मिलने की संभावनाएं बन रही हैं। धन और ऐश्वर्य में वृद्धि के योग बनेंगे और कामों में सफलता मिलेगी। मित्रों का अच्छा सहयोग भी मिल सकेगा।
उपाय: नियमित रूप से लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
कर्क राशि
शुक्र आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के स्वामी हैं। वर्तमान में शुक्र आपके दशम भाव में गोचर करने वाले हैं और इस भाव में शुक्र के गोचर को बहुत अच्छा नहीं कहा गया है। लेकिन, लाभ भाव के स्वामी का कर्म स्थान पर जाना अच्छी मेहनत के बाद अच्छा लाभ दिलाने का संकेत कर रहा है। यदि आप घर-गृहस्थी संबंधित मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं करेंगे, तो उन मामले में भी अच्छे परिणाम मिलते रहेंगे। शुक्र का यह गोचर बहुत अच्छा नहीं कहा जाएगा, लेकिन सावधानीपूर्वक निर्वाह करने की स्थिति में नकारात्मकता को दूर किया जा सकेगा।
उपाय: भगवान भोलेनाथ के मंदिर की साफ-सफाई करें।
सिंह राशि
शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव के भी स्वामी हैं। अब शुक्र आपके भाग्य भाव में पहुंच रहे हैं और सामान्य तौर पर यहां पर शुक्र अच्छे परिणाम देने वाले माने गए हैं। अतः शासन-प्रशासन से संबंधित मामलों में आपके अनुकूलता मिल सकती है। धार्मिक कार्यों से आपका जुड़ाव हो सकता है और धार्मिक यात्राओं पर जाने की इच्छा पूरी हो सकती है। घर-परिवार या रिश्तेदारी में कोई मांगलिक कार्य भी संभव हो सकता है। भाग्य का अच्छा सपोर्ट मिलने से काम पूरे होते रहेंगे, लेकिन फिर भी काम के प्रति लापरवाही उचित नहीं रहेगी। नौकरी में बदलाव के लिए भी यह गोचर मददगार रहेगा।
शुक्र आपकी कुंडली में दूसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ भाग्य भाव के भी स्वामी हैं और गोचर करके आपके अष्टम भाव में पहुंचे रहे हैं। इस भाव में भी शुक्र के गोचर को अच्छा माना गया है, लेकिन भाग्य भाव के स्वामी का आठवें भाव में जाना थोड़े कमज़ोर परिणाम देने वाला कहा गया है। ऐसे में, हम कह सकते हैं कि अपने कामों को भाग्य के भरोसे छोड़ना या दूसरों पर निर्भर रहना समझदारी का काम नहीं होगा। यदि आप थोड़ी अधिक मेहनत करेंगे, तो आप अपने काम को बेहतर ढंग से अंजाम दे सकेंगे। आर्थिक लाभ मिलने की भी संभावना है और साथ ही, सुख-समृद्धि में वृद्धि के भी योग बनेंगे।
उपाय: गाय को दूध और चावल खिलाएं।
तुला राशि
शुक्र आपकी कुंडली में आपके लग्न या राशि के स्वामी होने के साथ-साथ आठवें भाव के भी स्वामी हैं और वर्तमान में गोचर करके आपके सप्तम भाव में जा रहे हैं। वैसे तो सप्तम भाव में शुक्र के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। कहा जाता है कि सप्तम का शुक्र गुप्तांग से संबंधित कुछ रोग या परेशानियां दे सकता है। विवाहित लोगों का जीवनसाथी या जीवन संगिनी से कुछ विवाद हो सकता है अथवा किसी भी स्त्री से विवाद करवाने का काम शुक्र का गोचर कर सकता है। यह आजीविका में भी कुछ बाधाएं दे सकता है, लेकिन शुक्र आपके लग्न या राशि के स्वामी होकर लग्न या राशि को देखेंगे। ऐसे में, आपको इस बात का अनुमान पहले से हो जाएगा कि कौन सा काम गलत है और कौन सा काम सही। यदि आप अपने दिल और दिमाग की सुनेंगे और सावधानी पूर्वक निर्वाह करेंगे, तो आप इन तमाम नकारात्मक परिणामों से दूर रह सकेंगे और सकारात्मकता के लेवल को मेंटेन रख सकेंगे।
उपाय: भूरी गाय की सेवा करें।
वृश्चिक राशि
शुक्र आपकी कुंडली में सातवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ द्वादश भाव के भी स्वामी हैं और यह आपके छठे भाव में पहुंच रहे हैं। यहां पर शुक्र के गोचर को अच्छा नहीं माना जाता है। भले ही शुक्र मित्र राशि में हैं, लेकिन इसके बावजूद भी आपको अपने प्रतिस्पर्धियों और शत्रुओं की गतिविधियों को लेकर सजग रहना होगा। स्वास्थ्य खराब न होने पाए इस बात की भी कोशिश करें और वाहन इत्यादि सावधानी से चलाएं। साथ ही, किसी भी स्त्री से विवाद न करें। इन सावधानियों को अपनाकर आप नकारात्मकता को कम कर सकेंगे। अतः इन मामलों में जागरूक रहते हुए निर्वाह करिए और सकारात्मकता को मेंटेन रखिए।
उपाय: मां दुर्गा को लाल फूलों की माला पहनना मंगलकारी सिद्ध होगा।
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धनु राशि
शुक्र आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ लाभ भाव के भी स्वामी हैं और यह गोचर करके आपके पंचम भाव में जा रहे हैं। पांचवें भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला माना गया है। विशेषकर यदि आप विद्यार्थी हैं तो आपका मन पढ़ाई में लग सकता है, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि पढ़ाई के अलावा मनोरंजन की तरफ भी आपका मन जा सकता है। ऐसे में, कला और साहित्य के विद्यार्थियों को अच्छा लाभ मिलेगा, लेकिन अन्य विद्यार्थियों को अपने सब्जेक्ट पर फोकस करने के लिए काफ़ी मेहनत करने पड़ सकते हैं। प्रेम जीवन में शुक्र का यह गोचर अच्छे परिणाम दे सकता है।
उपाय: मां दुर्गा को मखाने की खीर का भोग लगाएं।
मकर राशि
शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें भाव के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव के भी स्वामी हैं और यह गोचर करके आपके चतुर्थ भाव में जा रहे हैं। इस भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला कहा गया है। अतः आपका श्रम-परिश्रम आपकी मनोकामना पूर्ति में सहायक बनेगा। आर्थिक जीवन के लिए भी शुक्र का यह गोचर अच्छा कहा जाएगा। वाहन और घर संबंधित मामलों में भी अनुकूलता देखने को मिलेगी। आप सुख-सुविधाओं से जुड़ी वस्तुएं घर ला सकते हैं। करीबी लोगों से मिलना हो सकता है। सामाजिक जीवन में शुक्र का यह गोचर अनुकूल परिणाम देगा।
उपाय: मां और मां सम्मान स्त्रियों की सेवा करें तथा उनका आशीर्वाद लें।
कुंभ राशि
शुक्र आपकी कुंडली में चौथे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ भाग्य भाव के भी स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव में पहुंच रहे हैं। इस भाव में शुक्र के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा कहा गया है और यह भाई-बंधुओं एवं मित्रों का लाभ करवाता है। इन सबके सहयोग से आप विषम परिस्थितियों पर नियंत्रण पाते हैं और आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर स्थिति में देखे जा सकेंगे। कहीं से कोई अच्छा समाचार भी सुनने को मिल सकता है अर्थात शुक्र का यह गोचर सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देना चाहेगा। धार्मिक कार्यों में यह गोचर अनुकूल परिणाम देने वाला कहा गया है। हालांकि, घर-गृहस्थी से जुड़ी हुई कुछ चीज लाने में देरी हो सकती है, लेकिन लगातार की गई कोशिश और इच्छा शक्ति से घर गृहस्थी में सुविधाएं बढ़ सकती हैं।
शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आठवें भाव के भी स्वामी हैं और यह गोचर करके आपके दूसरे भाव में जा रहे हैं। दूसरे भाव में शुक्र के गोचर को अच्छा कहा गया है। अतः यह आपको कुछ अप्रत्याशित लाभ भी दिला सकता है। भाई-बंधु और पड़ोसियों का सहयोग भी जरूरत पड़ने पर आपको मिल जाएगा। नए कपड़े या नए आभूषण खरीदने की इच्छा पूरी हो सकती है। गीत-संगीत अथवा गायन में आपका रुझान बढ़ सकता है। घर-परिवार या रिश्तेदार के यहां कोई मांगलिक कार्य संभावित है। आर्थिक मामलों के अलावा शासन-प्रशासन से जुड़े मामलों में भी शुक्र का यह गोचर अनुकूल परिणाम दे सकता है।
उपाय: देसी गाय के घी से बनी हुई मिठाइयां मां दुर्गा के मंदिर में चढ़ाएं।
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शुक्र की राशि में आएंगे बृहस्पति, इन 5 लोगों को मिलेगा सेहत का खजाना, डॉक्टर की बचेगी फीस
बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर 01 मई 2024 की दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर होने जा रहा है। बृहस्पति ग्रह को उन्नति और ज्ञान का कारक बताया गया है। गुरु ग्रह का प्रभाव करियर से लेकर स्वास्थ्य तक हर पहलू पर पड़ेगा। बृहस्पति के गोचर का असर सभी राशियों पर पड़ेगा लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं जिन्हें सेहत का खज़ाना मिलने वाला है।
जी हां, वैदिक ज्योतिष के अनुसार गुरु गोचर के सकारात्मक प्रभाव से कुछ राशियों की सेहत बहुत अच्छी रहने वाली है। इस ब्लॉग में आगे बताया गया है कि वृषभ राशि में आने पर गुरु ग्रह किन राशियों की सेहत को लाभ पहुंचाएंगे लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का क्या महत्व है।
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को देवताओं का गुरु माना गया है। काल पुरुष की कुंडली में इस ग्रह का स्वामित्व नौवें और बारहवें भाव पर होता है और यह दूसरे, पांचवे, नौवे, दसवें और ग्यारहवें भाव का कारक हैं।
कुंडली का दूसरा भाव समृद्धि का होता है इसलिए दूसरे भाव में गुरु के होने पर जातक को असीम संपन्नता की प्राप्ति होती है। वहीं पांचवा भाव बुद्धि और शिक्षा का होता है और इस भाव में होने पर गुरु जातक को उच्च शिक्षां एवं संतान का आशीर्वाद देते हैं। ज्योतिष में गुरु को आशावादी और प्रतिष्ठित ग्रह बताया गया है।
बृहस्पति ग्रह कफ प्रकृति के हैं और ये धनु एवं मीन राशि के स्वामी ग्रह हैं। कर्क गुरु की उच्च राशि है और मीन इनकी नीच राशि है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
कर्क राशि
गुरु का गोचर कर्क राशि के लोगों के लिए अनुकूल परिणाम लेकर आएगा। आपको अपने जीवन के अलग-अलग आयामों में प्रगति हासिल होगी और इसका सकारात्मक असर आपकी सेहत पर भी देखने को मिलेगा।
वैसे तो आपकी सेहत अच्छी रहेगी लेकिन फिर भी आपको अपने स्वास्थ्य का थोड़ा ध्यान रखना चाहिए। आप योग एवं ध्यान करें। इससे आपको मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में भी मदद मिलेगी।
बृहस्पति के गोचर के प्रभाव से आप इस समय मानसिक रूप से शांत और स्थिर महसूस करेंगे। आपकी एकाग्रता क्षमता भी मज़बूत होगी। आप अपनी सेहत का अच्छे से ख्याल रखेंगे जिसका सकारात्मक परिणाम आपको जरूर मिलेगा। आप खानापन की अच्छी आदतों को अपनाएं। अगर आप अपने खानपान की आदतों पर नियंत्रण रखते हैं, तो आपकी सेहत धीरे-धीरे बेहतर होती चली जाएगी।
इस समय आपके परिवार में खुशियों का माहौल रहेगा और इससे आपका मन भी प्रसन्न रहने वाला है। खुश रहने का सकारात्मक असर आपकी सेहत पर भी देखने को मिलेगा। अपने स्वास्थ्य को और अधिक दुरुस्त करने के लिए आप नियमित व्यायाम करें और संतुलित जीवनशैली अपनाएं।
अगर आपकी राशि मीन है, तो आपको बृहस्पति के गोचर के दौरान अपनी सेहत को लेकर ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। सेहत के लिहाज़ से यह समय आपके लिए बहुत अनुकूल रहने वाला है। आप ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे। आपको रूटीन चेकअप करवाते रहना चाहिए। इससे आपका स्वास्थ्य उत्तम बना रहेगा। सुस्ती और आलस से बचने के लिए आप एक्टिव रहने का प्रयास करें।
इस समय आपका सारा ध्यान आध्यात्मिक कार्यों पर रहने वाला है। आपको तीर्थ स्थल की यात्रा करने का मौका भी मिल सकता है। इसके माध्यम से आप खुद को जानने का प्रयास करेंगे। आप अपने काम और स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाकर चलेंगे, तो आप हर काम कर पाएंगे। वैसे इस दौरान आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी।
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शुक्र मेष में अस्त: इन राशियों की बढ़ेगी परेशानी- नौकरी, प्रेम में मिलेंगे संघर्ष!
मेष राशि में शुक्र अस्त: एस्ट्रोसेज का हमेशा से ही यह प्रयत्न रहता है कि हम अपने रीडर्स को ज्योतिष की रहस्यमई दुनिया की हर नवीनतम अपडेट्स से अवगत कराते रहें। अपनी इसी कड़ी में आज हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं मेष राशि में शुक्र अस्त से जुड़ी कुछ बेहद ही दिलचस्प और रोचक बातों की जानकारी। आपकी जानकारी के लिए बता दें 28 अप्रैल 2024 को शुक्र मेष राशि में अस्त होने जा रहा है। चलिए अपने इस खास ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं मेष राशि में शुक्र अस्त का क्या अर्थ होता है और राशियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
शुक्र ग्रह ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है जो प्रेम, सौंदर्य और सद्भावना के साथ हमारी इच्छाओं, रचनात्मक, सामाजिक अनुग्रह और हमारी भौतिक प्रचुरता की क्षमता को दर्शाता है। किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में अगर शुक्र मजबूत स्थिति में हो तो इससे उनके रिश्तों, मूल्य, सौंदर्य संबंधी प्राथमिकताओं और जीवन में आनंद और विलासिता के दृष्टिकोण के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। ज्योतिष में शुक्र ग्रह को सबसे महत्वपूर्ण ग्रहों में से एक माना गया है। साथ ही इसे प्रेम, सुंदरता और सद्भाव का ग्रह कहा जाता है। यह ग्रह हमारे रिश्तों, सौंदर्य शास्त्र, मूल्यों और सुख के विभिन्न पहलुओं का भी प्रतिनिधित्व करता है।
मेष राशि में शुक्र अस्त विशेषताएं
मेष राशि में शुक्र एक गतिशील और उग्र स्थान का माना जाता है। यह प्रेम, सौंदर्य और सद्भाव का ग्रह कहा जाता है और अब यह राशि चक्र की पहली राशि यानी मेष राशि में अस्त होने जा रहा है। शुक्र की यह स्थिति जातकों के अंदर साहस और ऊर्जा दिलाने वाली साबित होगी। ऐसे जातक प्यार और रिश्तों को जुनून और सहजता के साथ निभाएंगे, वे दिल के मामले में ज्यादा उत्साही और निडर होते हैं। अक्सर बोल्ड रोमांटिक इशारे करते हैं और अपनी इच्छाओं को पूरा करने की हर मुमकिन कोशिश और पहल करते हैं। मेष राशि में शुक्र वाले जातक रिश्तों में अपनी स्वतंत्रता और खुशी को महत्व देते हैं। यह अपनी जरूरत और इच्छाओं को व्यक्त करने में दृढ़ और स्पष्ट होते हैं। अपनी बातचीत में ईमानदारी और पारदर्शिता को प्राथमिकता देते हैं। ऐसे जातक बेहद ही व्यक्तित्वादी होते हैं और लोगों को बिल्कुल भी खुश नहीं रखना जानते हैं।
यह स्थान जातकों को प्रेम और रोमांस में साहसी और जोखिम लेने वाला बना सकता है। आप जोखिम लेने या जो चाहते हैं उसे हासिल करने से डरेंगे नहीं भले इसके लिए आपको अपने कंफर्ट जोन से बाहर ही क्यों ना निकलना पड़े। मेष राशि में शुक्र वाले जातक ज्यादातर सहज और साहसिक तरीकों से प्रेम दर्शाते हैं। यह इशारों या दयालुता के काम से अपने साथी को हैरान करने का भी सुख लेते हैं और उन भागीदारों की सराहना भी करते हैं जो समान रूप से साहसी और सहज होते हैं।
शुक्र की यह स्थिति अगर हम सरल शब्दों में समझाएं तो मेष राशि में शुक्र प्रेम और रिश्तों में जातकों को एक साहसी भावुक और मुखर ऊर्जा लेकर आएगा जो जातकों को साहस और उत्साह के साथ अपनी इच्छाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा। आप अपनी बातचीत में स्वतंत्रता, ईमानदारी और सहजता को महत्व देंगे और प्यार में नए अनुभवों और रोमांस से भरपूर नज़र आएंगे।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
मेष राशि में शुक्र अस्त: क्या रहेगा समय?
अब बात करने समय की तो शुक्र 24 अप्रैल 2024 को मेष राशि में गोचर करने जा रहा है। इसके बाद 28 अप्रैल 2024 को सुबह 7:27 पर यह इसी राशि में अस्त हो जाएगा। जब कोई भी ग्रह अस्त होता है तो निश्चित रूप से अपनी कुछ शक्तियों खो देता है लेकिन फिर भी वह सकारात्मक या नकारात्मक परिणाम देने की स्थिति में अवश्य होता है।
चलिए अब आगे बढ़ते हैं जान लेते हैं मेष राशि में शुक्र के अस्त होने का सभी राशियों और देश दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
मेष राशि में शुक्र अस्त: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें घर का स्वामी है और अब यह आपके पहले घर में अस्त हो जाएगा। करियर के मोर्चे पर बात करें तो इस दौरान आपको काम का दबाव ज्यादा झेलना पड़ सकता है और आपके वरिष्ठों से आपको कम मान्यता प्राप्त होगी जिससे कुल मिलाकर देखा जाए तो काम में आपको कम संतुष्टि मिलने वाली है। अगर आप किसी पदोन्नति या फिर नौकरी में किसी अन्य तरीके के लाभ की उम्मीद कर रहे हैं तो यह भी अभी संभव नहीं होने वाला है।
इस राशि के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उनको अपने साझेदारों के साथ व्यावसायिक रिश्ते के संदर्भ में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक रूप से बात करें तो इस दौरान आपको विदेशी स्रोतों, प्रोत्साहन और अन्य अतिरिक्त लाभों से अच्छा धन लाभ प्राप्त होने की संभावना अवश्य बन रही है लेकिन साथ ही आप जो भी पैसा कमाएंगे उसे अपने पास संभालकर अर्थात संचित करके नहीं रख पाएंगे। आपके अपने जीवन साथी के साथ बार-बार वाद-विवाद या बहस होने की भी संभावना है। ऐसे में आपको अपने शब्दों का ध्यान रखने की सलाह दी जा रही है।
वृषभ राशि
दूसरी जिस राशि के लिए शुक्र का अस्त होना अनुकूल संकेत नहीं दे रहा है वह है वृषभ राशि। वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और छठे घर का स्वामी है। पेशेवर मोर्चे पर बात करें तो इस अवधि में आपको अपने वरिष्ठों के साथ रिश्ते में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और आप जो भी काम करेंगे उसमें कुछ रुकावटें भी आने की भी संभावना है। कोई मामूली काम भी पूरा करने में आपको रुकावट मिलने वाली है।
इस दौरान सहकर्मियों से आपको परेशानियां भी उठानी पड़ सकती है। इस राशि के जो जातक व्यावसायिक क्षेत्र से संबंधित हैं उन्हें आगे बढ़ने में परेशानी उठानी पड़ेगी। आपके व्यवसाय के संबंध में आपको अपेक्षित लाभ नहीं मिलेगा और आप नो प्रॉफिट नो लॉस की स्थिति में नजर आएंगे। आर्थिक रूप से आपको अपनी जरूरत को लेकर कुछ परेशानियों का सामना अवश्य करना पड़ सकता है। साथ ही इस अवधि में आपको अपने परिवार के लोगों के स्वास्थ्य पर मोटा पैसा भी खर्च करने की नौबत आने वाली है।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और दसवें घर का स्वामी है और अब आपके नवम भाव में अस्त होने जा रहा है। मेष राशि में शुक्र के अस्त के दौरान करियर की दृष्टिकोण से यह समय आपके लिए शुभ साबित होगा। जो लोग नौकरी पेशा हैं उन्हें सफलता थोड़ी देरी से मिलने की संभावना है। ऐसे में इस दौरान आपको सावधान रहने और अपने वरिष्ठों के साथ किसी भी तरह के वाद विवाद से दूर रहने की सलाह दी जा रही है।
हालांकि इस राशि के व्यवसाययों के लिए यह समय अनुकूल रहेगा। अगर आपका काम प्रॉपर्टी से संबंधित है तो आपको अपने जीवन में ज्यादा लाभ मिलेगा। शादीशुदा जातक अपने पार्टनर के साथ अच्छा रिश्ता बनाए रखने में कामयाब होंगे। आपका स्वास्थ्य सामान्य रहेगा लेकिन अपने माता-पिता के स्वास्थ्य पर आपको ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। आपको विशेष तौर पर कामुक जीवन का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा। इस दौरान अपने प्यार के संदर्भ में आपको कुछ देरी या रुकावट मिलने की भी आशंका है।
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र वाणी, कमाई और परिवार के दूसरे घर और भाग्य, पिता और धर्म के नवम भाव का स्वामी है। अपने इस अस्त होने के दौरान यह आपके करियर के बारे में स्पष्टता हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण रहने वाला है। काम के दबाव या फिर कार्यक्षेत्र में राजनीति से आपको इस दौरान बचने की सलाह दी जाती है। साथ ही अपने सहकर्मियों के साथ सकारात्मक रिश्ते बनाए रखने का भी आपको प्रयास करना होगा। इस राशि के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उन्हें किसी भी तरह के निवेश से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। साथ ही अगर इस दौरान आप किसी भी तरह की व्यावसायिक यात्रा पर जाते हैं तो मुमकिन है कि आपको इससे ज्यादा फलदाई परिणाम न प्राप्त हो पाएँ।
इस राशि के विवाहित जातकों को एक दूसरे की भावनात्मक जरूर का भी ध्यान रखना अनिवार्य रहेगी। साथ ही ध्यान रखें कि इस दौरान आपको अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी है इसलिए स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। अंत में बात करें प्यार की तो प्यार के लिए यह समय विशेष रूप से खास रहेगा। अपने व्यस्त जीवन से प्यार के लिए कुछ समय अवश्य निकालें और अपने पार्टनर पर प्यार अवश्य लुटाएँ। मुमकिन हो तो इस दौरान उनके साथ कहीं घूमने जाएं, उनके साथ वक्त बिताएँ या उन्हें कोई उपहार अवश्य दें।
वृश्चिक राशि
आखिरी जिस राशि के लिए शुक्र का अस्त होना अनुकूल संकेत नहीं दे रहा है वह है वृश्चिक राशि। शुक्र आपके लिए सातवें और बारहवें घर का स्वामी है और अब आपके छठे घर में अस्त होने जा रहा है। इस दौरान इस राशि के जातकों को पदोन्नति के संकेत तो अवश्य मिल रहे हैं लेकिन कार्यस्थल पर आपको ज्यादा सावधानी बरतनी होगी क्योंकि सफलता प्राप्त करने में आपको कुछ रुकावटें मिलने वाली हैं।
मेष राशि में शुक्र अस्त की अवधि के दौरान बड़े पैमाने की व्यावसायिक परियोजना में निवेश करने से भी रुकने की आपको सलाह दी जा रही है। अपने पेशेवर जीवन में कभी-कभार आप तनाव या वैवाहिक जीवन में चुनौतियों के लिए तैयार रहें। जितना हो सके इन दोनों ही क्षेत्रों में सावधानी बरतें। अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। यहां पर आपका स्वास्थ्य मजबूत रहने वाला है। साथ ही आपके जीवन में उचित जीवन शक्ति भी भरपूर रहेगी। इसके अलावा ध्यान रखें की व्यक्तिगत इच्छाएं संभावित रूप से रिश्ते में तनाव पैदा कर सकते हैं इसीलिए मेष राशि में शुक्र अस्त के दौरान किसी भी बेवजह के संदेह से जितना हो सके बच कर रहें।
मेष राशि में शुक्र अस्त- जानें शेयर बाजार पर क्या पड़ेगा इसका असर
शुक्र जब 28 अप्रैल 2024 को मंगल द्वारा शासित मेष राशि में अस्त होगा तो किसी भी अन्य बड़ी ज्योतिषीय घटना की ही तरह देश के साथ-साथ शेयर बाजार पर भी इसका असर अवश्य पड़ेगा। चलिए एस्ट्रोसेज के इस विशेष सेगमेंट के माध्यम से जान लेते हैं कि शेयर बाजार पर अस्त शुक्र क्या प्रभाव डालेगा।
इस अवधि के दौरान बैंकिंग क्षेत्र, वित्त उद्योग, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी में विकास की कमी या रुकावट देखने को मिलेगी।
अन्य उद्योगों के बीच शिपिंग कॉरपोरेशन को भी कुछ सुस्ती के दौर का सामना करना पड़ेगा।
रिलायंस इंडस्ट्रीज, परफ्यूम और कॉस्मेटिक इंडस्ट्रीज का घाटा होने की संभावना है।
मेष राशि में शुक्र अस्त के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों की गति भी धीमी रहने वाली है और आने समय समय में इन्हें कुछ नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
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30 साल बाद शनि बनाने जा रहे हैं शश राजयोग, कुंभ सहित इन जातकों के चमकेंगे सितारे!
प्रत्येक ग्रह एक निश्चित समय के बाद अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं। इसी क्रम में न्याय के देवता और कर्मफल दाता शनिदेव एक निश्चित अवधि के बाद राशि परिवर्तन करते हैं, तो इसका प्रभाव सभी 12 राशियों के जीवन में देखने को मिलता है। ज्योतिष में शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है, यह एक राशि में करीब ढाई सालों तक विराजमान रहते हैं। ऐसे में यह राशि चक्र की सभी 12 राशियों में गोचर करने में 30 सालों का समय लगाते हैं। जानकारी हो कि इस समय शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान है। अपनी ही राशि में मौजूद होने के फलस्वरूप शश राजयोग का निर्माण हो रहा है। इस दुर्लभ राजयोग को काफी प्रभावशाली माना जाता है। यह योग 30 सालों बाद बन रहा है।
बता दें कि अभी तक इस राजयोग का प्रभाव ज्यादा शक्तिशाली नहीं था क्योंकि शनि राहु के नक्षत्र शतभिषा में मौजूद थे लेकिन अब पूर्वाभाद्रपद में प्रवेश कर गए हैं तो ऐसे में, इस राजयोग का फल सभी 12 राशि के जातकों को किसी न किसी रूप में अवश्य मिलेगा लेकिन कुछ जातक ऐसे हैं, जिन्हें इस दौरान धन लाभ की प्राप्ति होगी। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं किन जातकों के लिए यह योग शुभ फलदायी साबित होने वाला है। लेकिन इससे पहले जानते लेते हैं कि शश राजयोग का निर्माण कैसे होता है।
यह राजयोग तब बनता है जब शनि लग्न भाव से या चंद्र भाव से केंद्र भाव में स्थित हो। यानी शनि कुंडली में लग्न या चंद्रमा से पहला, चौथा, सातवें या दसवें भाव में तुला, मकर या कुंभ राशि में स्थित हो तो यह शश योग बनाता है। बता दें कि वर्तमान में शनि, कुंभ राशि के गोचर में होकर शश योग का निर्माण कर रहे हैं। यह एक दुर्लभ राजयोग है, जो पंचमहापुरुष योग में से एक है। इस राजयोग को काफी प्रभावशाली माना जाता है। वैदिक ज्योतिष अनुसार, जिस व्यक्ति की कुंडली में शश राजयोग होता है। वह व्यक्ति समाज में खूब सम्मान प्राप्त करता है।
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इन तीन राशि के जातकों को होगा धन लाभ
वृश्चिक राशि
शनि का मूल त्रिकोण राशि में रहना और शश राजयोग का बनना जातकों के लिए अनुकूल साबित होगा। इसका जातकों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। यदि आप निवेश करना चाहते हैं तो यह समय आपके लिए अनुकूल साबित होगा और आपको अच्छा रिटर्न मिल सकता है। इस अवधि आप अपनी अचल संपत्तियों में भी निवेश कर सकते हैं, जो कि आपके लिए अच्छा साबित होगा। करियर की बात करें, तो यह जातक अपने जीवन में उच्च मूल्यों का महत्व देते हैं और इन मूल्यों का पालन यह अपनी नौकरी में शीर्ष पर पहुंचने के लिए करते हुए भी नज़र आ सकते हैं। आपको पदोन्नति या फिर कोई विशेष इंसेंटिव मिलने के योग बन रहे हैं और यह आपके बेहतरीन कौशल की वजह से आपको मिल सकता है।
अगर आपका खुद का व्यापार है, तो अच्छा लाभ कमाने के लिए आप कार्यों को बहुत सोच-समझकर करते हुए दिखाई देंगे। साथ ही, यह जातक अपने प्रतिद्वंदियों के लिए एक मज़बूत प्रतिद्वंदी बनकर उभरेंगे। वहीं, इन लोगों के आइडियाज बिज़नेस पार्टनर को पसंद आएंगे और वह आपके आइडियाज को आसानी से स्वीकृति दे देंगे। आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। इस दौरान आपको किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा, परिवार के साथ अच्छा समय बीतेगा। कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिल सकती है। आप पार्टनर के साथ अपने रिश्ते में प्रेम और तालमेल बनाए रखने में सक्षम होंगे। ऐसे में, आपका रिश्ता खुशियों से भरा रहेगा। यह जातक जीवनसाथी के साथ सुखद लम्हें बिताएंगे जिसके चलते आपका रिश्ता मधुर बना रहेगा।
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मकर राशि
शश राजयोग जातकों के लिए वरदान से कम साबित नहीं होगा। कार्यों में सफलता हासिल करेंगे। जातकों को इस अवधि में विशेष लाभ मिल सकता है। गुरु के नक्षत्र में रहने से भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। वाहन, संपत्ति, भूमि, प्लांट आदि खरीदने का सपना पूरा हो सकता है। करियर के क्षेत्र में, मकर राशि के जातक जो भी काम कर रहे हैं या फिर जिस काम में भी सफलता पाने की कोशिश कर रहे हैं, उसमें आपकी रुचि पैदा होगी और आप मन लगाकर काम करेंगे। उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने का मौका मिल सकता है या आपको लंबी यात्रा पर जाना पड़ सकता है। साथ ही, आपको ऑनसाइट नौकरी के अवसर भी मिल सकते हैं। आप इस दौरान अपने काम को इस तरह से करेंगे कि कार्यक्षेत्र पर इनकी छवि एक टीम लीडर के रूप में उभरकर सामने आएगी। जिन लोगों का खुद का व्यापार है, उनके लिए यह समय शेयर मार्केट के माध्यम से पैसा कमाने के लिए अच्छा रहेगा। इस अवधि में आपको अच्छे रिटर्न की प्राप्ति होगी। इस प्रकार, यह जातक बिजनेस में लोकप्रियता हासिल करने में सफल रहेंगे।
आर्थिक जीवन के लिहाज़ से, इस समय अच्छा पैसा कमाते हुए नज़र आएंगे। जो जातक व्यापार करते हैं, वह पर्याप्त मात्रा में लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे। प्रेम जीवन की बात करें तो, आप रिश्ते में पार्टनर के साथ संतुष्ट दिखाई देंगे। इसके परिणामस्वरूप, आप दोनों का रिश्ता प्रेम और सद्भाव से भरा रहेगा। आप जीवनसाथी के साथ तालमेल बिठाते हुए रिश्ते में खुशियाँ बनाए रख सकेंगे। इस समय मकर राशि वाले अपने पार्टनर पर प्रेम की बरसात करते हुए नज़र आ सकते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से, इस अवधि में आप ऊर्जा और उत्साह से भरे रहेंगे जिसके चलते आप अपनी फिटनेस बनाए रखने में सक्षम होंगे। लंबे समय से रुके और अटके काम पूरे होंगे। विदेश से धन लाभ के योग है। कोर्ट-कचहरी की समस्याओं से राहत मिल सकती है।
30 सालों बाद कुंभ में शनि का होना और शश राजयोग का बनना जातकों के लिए काफी भाग्यशाली साबित हो रहा है। साल 2025 तक शनि के राशि परिवर्तन करने से इस राशि के जातकों को भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। साथ ही, आपको विदेश यात्रा करने का अवसर प्राप्त होगा। कुंभ राशि के जो जातक विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रयास कर रहे थे, उन्हें इस अवधि सफलता प्राप्त होगी। पेशेवर मोर्चे पर यह गोचर आपके करियर में बदलाव ला सकता है। नौकरीपेशा लोगों का प्रमोशन और इंक्रीमेंट हो सकता है। आपका ध्यान उच्च शिक्षा ग्रहण करने या दूरस्थ यात्रा जैसे क्षेत्रों पर अधिक हो सकता है। आपकी शिक्षा और बातचीत करने का हुनर करियर को आगे ले जाने में आपके लिए मददगार साबित होगा। समाज में मान-सम्मान मिलेगा।
पार्टनरशिप में बिजनेस करने वालों के लिए लाभ प्राप्ति के योग बनेंगे। आप व्यापार से संबंधित यात्रा करेंगे और उसमें सफलता प्राप्त करेंगे। आपका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ अधिक होगा और आप धर्म-कर्म के कामों में अधिक रुचि लेंगे। कुल मिलाकर साल भर भौतिक सुख-सुविधाओं में इजाफा देखने को मिल सकता है। हर क्षेत्र में सफलता के साथ अपार धन लाभ मिलेगा। कोर्ट-कचहरी के मामलों से निजात मिल सकती है। विदेश में व्यापार करने के साथ धन लाभ मिल सकता है।स्वास्थ्य के लिहाज से आपके लिए यह अवधि शानदार रहेगी।
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मेष राशि में आएंगे बुध, इन लोगों को मिलेगा प्रमोशन और मोटी सैलरी का फल
ग्रहों के गोचर करने का मानव जीवन पर गहरा असर पड़ता है। जब कोई ग्रह गोचर करता है, तो उसके प्रभाव के कारण किसी को सकारात्मक परिणाम मिलते हैं, तो वहीं कुछ लोगों को नकारात्मक फल मिलते हैं।
अब मई के माह में बुध का गोचर होने जा रहा है और यह गोचर कुछ राशियों के लिए शुभ साबित होगा, तो वहीं कुछ लोगों को इस समय अशुभ फल देखने को मिलेंगे।
ज्योतिषशास्त्र की मानें तो बुध का यह गोचर कुछ राशियों के करियर के लिए बहुत अच्छा रहने वाला है। इस ब्लॉग में हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि बुध का गोचर किस तिथि एवं समय पर हो रहा है, ज्योतिष में बुध ग्रह का क्या महत्व है और इस गोचर से किन राशियों के लोगों को करियर में तरक्की मिलने की संभावना है।
ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि और सीखने की क्षमता का कारक बताया गया है। 10 मई 2024 की शाम 06 बजकर 39 मिनट पर बुध मेष राशि में गोचर कर जाएंगे। बुध ग्रह कुंडली में मज़बूत स्थान में विराजमान हों, तो इससे व्यक्ति को सभी तरह की सुख-सुविधाएं मिलती हैं। आगे जानिए ज्योतिषशास्त्र में बुध ग्रह का क्या महत्व है और जीवन पर इस ग्रह का क्या प्रभाव पड़ता है।
ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व
बुध ग्रह व्यक्ति को बुद्धि और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करते हैं। जब कुंडली में बुध उच्च स्थान में होता है, तो जातक को ज्ञान की प्राप्ति होती है और उसे अपने जीवन में हर क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। इस ज्ञान की मदद से जातक अपने व्यापार में सही फैसले ले पाते हैं और तरक्की करते हैं। इन्हें अपने बिज़नेस और शेयर मार्केट में खूब सफलता मिलती है।
वहीं कुंडली में बुध ग्रह जब राहु, केतु या मंगल जैसे अशुभ ग्रहों के साथ बैठे होते हैं, तो जातकों को जीवन के सभी क्षेत्रों में समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। तो चलिए अब जानते हैं कि बुध के मेष राशि में गोचर करने पर किन राशियों के लोगों को अपने करियर के क्षेत्र में अपार सफलता मिलने के योग हैं।
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इन राशियों का चमकेगा करियर
मेष राशि
बुध मेष राशि के तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं और अब उनका गोचर आपके लग्न यानी पहले भाव में होने जा रहा है। बुध के मेष राशि में आने पर आपको अपने करियर में सफलता मिलने की प्रबल संभावना है। आपने अपने कार्यक्षेत्र में जो भी प्रयास किए हैं, अब आपको उनका फल मिलने वाला है। आपको अपने प्रयासों के लिए सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे और इन्हें पाकर आप काफी संतुष्ट और प्रसन्न महसूस करेंगे।
मेष राशि के बाद मिथुन राशि के जातकों को बुध के इस गोचर से करियर के क्षेत्र में लाभ प्राप्त होगा। बुध आपके पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं और अब उनका गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होने जा रहा है। बुध के मेष राशि में प्रवेश करने पर आपको हर कदम पर अपने भाग्य का साथ मिलेगा।
यह समय आपके लिए बहुत भाग्यशाली साबित होगा। इस गोचर काल के दौरान आपको नौकरी में पदोन्नति भी मिल सकती है और आपके लिए अन्य कई तरह के लाभ मिलने के योग भी बन रहे हैं। इससे आपका मन काफी प्रसन्न रहेगा।
सिंह राशि के लिए बुध आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब उनका गोचर आपके नौवें भाव में हो रहा है। बुध के इस गोचर के दौरान आपको कार्यक्षेत्र में अपनी मेहनत का पूरा फल मिलने वाला है। आप अपनी कड़ी मेहनत से अपार सफलता प्राप्त करेंगे। इस सफलता को पाकर आप अपने करियर को लेकर काफी प्रसन्न और संतुष्ट महसूस करेंगे। कुल मिलाकर यह समय आपके करियर के लिए अनुकूल सिद्ध होगा।
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें भाव के स्वामी हें और अब उनका आपके आठवें भाव में गोचर होने जा रहा है। आपको अपने करियर में बेहतर संभावनाओं और प्रगति की तलाश रहेगी। इसके लिए आप नौकरी बदलने का मन भी बना सकते हैं और इससे आपको काफी संतुष्टि मिलेगी।
बुध के मेष राशि में प्रवेश करने के दौरान मकर राशि के लोगों को भी अपने करियर में अनुकूल प्रभाव मिलने की संभावना है। बुध आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब उनका गोचर आपके चौथे भाव में होने जा रहा है। आपने अपने करियर या कार्यक्षेत्र में जो मेहनत की है, अब आपको उसका फल मिलने वाला है और यह फल आपको पदोन्नति के रूप में भी मिल सकता है। प्रमोशन पाकर आप काफी खुश नज़र आएंगे।
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तुला राशि
अगर आपकी तुला राशि है, तो आपको भी बुध के गोचर के दौरान अपने करियर में सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना है। बुध आपके नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब वह आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। आपको अपने कार्यक्षेत्र में पदोन्नति मिलने की प्रबल संभावना है। इसके साथ ही आपको अन्य लाभ भी प्राप्त होंगे।
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मई के महीने में कर्क सहित इन राशि वालों के करियर में आएगा उछाल, पदोन्नति के बन रहे हैं योग!
हर किसी के जीवन में करियर का स्थान सबसे महत्वपूर्ण होता है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में सबसे खास हिस्सा करियर का ही होता है। सही दिशा में करियर होने पर व्यक्ति का जीवन आसानी से सफलता की राह पर चलता है। ऐसे में, हर कोई अपने करियर के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहता है। हर नए महीने में व्यक्ति अपने करियर के बारे में जानने के लिए बेचैन रहता है। जातकों का करियर कैसा होगा यह जानने के लिए करियर राशिफल की मदद लेनी पड़ती है।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को शिक्षा और करियर के कारक ग्रह माने जाते हैं। अगर किसी जातक की कुंडली में बृहस्पति ग्रह शुभ स्थिति में विराजमान रहते हैं तो व्यक्ति का करियर अच्छा रहता है। गुरु के अलावा शनि और बुध ग्रह का भी प्रभाव करियर के क्षेत्र में रहता है। ऐसे में आइए जानते हैं मई के महीने में सभी 12 राशियों में किस राशि के जातकों को शानदार परिणाम मिलने वाले हैं।
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना आपके लिए अनुकूल रहेगा।दसवें भाव के स्वामी शनि मई के पूरे महीने आपके ग्यारहवें भाव में रहेंगे और आपको सकारात्मक परिणाम प्रदान करेंगे। आपके लिए नए-नए अवसरों का निर्माण करेंगे। आपके वरिष्ठ अधिकारी भी आपके काम से संतुष्ट नजर आएंगे और उसके कारण आपको अच्छी पदोन्नति भी प्राप्त हो सकती है। नौकरी में आपका वर्चस्व बढ़ेगा। हालांकि आपको अहंकार की भावना से खुद को बचाना होगा और अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना होगा।
इस महीने आपको अपने विरोधियों और विशेषकर कुछ खास सहकर्मियों का भी बचकर रहना होगा क्योंकि वे पीठ पीछे आपकी बुराई कर सकते हैं। उनसे बचना आपको समस्याओं से बचा सकता है। व्यापार करने वाले जातकों के लिए भी यह महीना अनुकूल रहेगा। सातवें भाव के स्वामी शुक्र महाराज आपके पहले भाव में देव गुरु बृहस्पति और शनि देव की दृष्टि होगी। विदेशी माध्यमों से भी धन लाभ होने के योग बनेंगे। व्यापार में प्रगति होगी। इस महीने आप अपने व्यापार को नई दिशा दे पाएंगे।
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वृषभ राशि
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना वृषभ राशि के जातकों के लिए शानदार रहेगा। दसवें भाव के स्वामी शनि महाराज पूरे महीने आपके दसवें भाव में बने रहेंगे जिससे आपको मेहनत करने की आवश्यकता पड़ेगी। आप अपनी नौकरी में अपने प्रदर्शन को निखारने में पूरा ध्यान देंगे। आपकी मेहनत मजबूत रहेगी। आप हर परिस्थिति का डटकर सामना करेंगे। आपको कई बार ऐसा भी लगेगा कि आपके ऊपर काम का दबाव अधिक है लेकिन आप इन सब चुनौतियों को एक तरफ रखते हुए केवल और केवल मेहनत करेंगे जिसके आपको अच्छे प्रतिफल दिखाई देंगे।
महीने के उत्तरार्ध में आपको तनख्वाह में वृद्धि की सौगात मिल सकती है। यह महीना आपके जीवन में खुशियां लेकर आने वाला है। हालांकि ग्रहों के प्रभाव से आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि अपने वरिष्ठ अधिकारियों से संबंध ना बिगड़ें अन्यथा समस्या हो सकती है। व्यापार करने वाले जातकों के लिए महीने की शुरुआत अनुकूल रहेगी। आपकी महत्वकांक्षी बढ़ेगी। व्यापार को और अधिक विस्तार देने की कोशिश करेंगे लेकिन इस संबंध में कुछ ऐसे लोगों से टकरा सकते हैं जिनसे आपका झगड़ा हो या जो लोग आपके जीवन में परेशानी की वजह बन सकते हैं। ऐसे लोगों से संभल कर रहें और अपने काम पर ध्यान दें। ऐसा करने से आप अपने व्यापार को भी ऊंचाइयां प्रदान करने में सफल रहेंगे और यह व्यापार में भी सफलता लेकर आ सकता है। नए लोगों को नियुक्त करते समय सावधानी रखें।
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कर्क राशि
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना कर्क राशि के जातकों के लिए शानदार रहेगा। दसवें भाव में उच्च राशि का सूर्य, बृहस्पति और शुक्र के साथ विराजमान होकर आपको नौकरी के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। यदि आप अभी तक बेरोजगार थे और नौकरी की तलाश में थे तो आपको एक अच्छी नौकरी इस महीने प्राप्त होने के प्रबल योग बन रहे हैं इसलिए अपनी ओर से पूरे प्रयास जारी रखें। जो लोग नौकरी कर रहे हैं उनके लिए भी यह महीना बहुत अच्छा है। आपको उच्च पद प्राप्ति के प्रबल योग बन रहे हैं। सरकारी नौकरी करने वाले जातकों को तो और भी अनुकूल लाभ मिलने की संभावना बन रही है। आपका रुका हुआ धन भी वापस आ सकता है जिससे नौकरी में आपकी स्थिति और प्रबल होने के योग बनेंगे।
14 मई को सूर्य देव दसवें भाव से निकलकर एकादश भाव में चले जाएंगे और शुक्र महाराज भी 19 तारीख को ग्यारहवें भाव में चले जाएंगे लेकिन 10 मई से बुध दसवें भाव में प्रवेश करेंगे जिससे आप अपनी बुद्धि का लोहा मनवाने में कामयाब रहेंगे और नौकरी में आपकी स्थिति पक्की और अनुकूल रहेगी। व्यापार करने वाले जातकों के लिए भी यह महीना अनुकूल रहने की संभावना है।
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना मध्यम फलदायी रहने की संभावना है। शनि महाराज आपके पांचवें भाव में विराजमान रहेंगे इसलिए यदि आप अपनी नौकरी में बदलाव करना चाह रहे थे तो इस दौरान आपके सामने कोई अवसर आ सकता है। जिसे अपनाकर आप अपनी नौकरी बदलने में कामयाब हो सकते हैं। जो लोग अभी तक बेरोजगार बने हुए हैं और नौकरी की तलाश में है उन्हें इस महीने अच्छी नौकरी प्राप्त होने का सुंदर योग बनेंगे। अपनी तरफ से प्रयास करना जारी रखें। आपको इस अवधि अपने काम को कैसे बेहतर बनाएं इसी पर ध्यान रखना होगा।
महीने के उत्तरार्ध में स्थिति संभल सकती है लेकिन किसी से भी झगड़ा करने से बचें। व्यापार करने वाले जातकों को अच्छी सफलता के योग बनेंगे। आप अपने व्यापार में ऊंचाइयां हासिल करेंगे। शनि की दृष्टि सातवें भाव पर होने के कारण बीच-बीच में आपको कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन यह समस्याएं भी धीरे-धीरे दूर हो जाएंगी।
करियर के दृष्टिकोण से यह महीना मकर राशि के जातकों के लिए बहुत अधिक शानदार रहेगा। दसवें भाव के स्वामी शुक्र महाराज चौथे भाव में बैठकर दसवें भाव को पूर्ण दृष्टि से देखेंगे जिससे आप कार्यक्षेत्र में खूब मन लगाकर काम करेंगे। छठे भाव के स्वामी बुध महाराज तीसरे भाव में रहेंगे और तीसरे भाव में राहु मंगल भी विराजमान होंगे इसलिए आपको अपनी मेहनत और अपने काम पर ही ध्यान रखना है। व्यर्थ की बातचीत से दूर रहेंगे तो बेहतर होगा। आपके कार्यक्षेत्र में आपके सहकर्मियों से थोड़ी सावधानी रखें। उनमें से कुछ आपको मित्र के रूप में दिखाई तो देंगे लेकिन वो आपके लिए परेशानी खड़ी करने की कोशिश करते रहेंगे। ऐसे लोगों से सावधान रहना आवश्यक होगा।
व्यापार करने वाले जातकों के लिए यह समय अनुकूल परिणाम देने वाला साबित होगा। आपके व्यापार में प्रगति होगी। व्यवसाय में सफलता मिलेगी। व्यापार से संबंधित यात्राएं आपको सफलता प्रदान करेंगी। आपको सरकारी क्षेत्र का भी अच्छा लाभ मिलने के योग बन रहे हैं। आपको प्रयास करने से विदेशी माध्यमों से व्यापार में लाभ मिल सकता है अपने व्यापार को विस्तार देने के लिए व्यर्थ के जोखिम से बचें क्योंकि यह नुकसानदायक साबित हो सकता है।
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बृहस्पति के शत्रु की राशि में गोचर करने पर बिगड़ जाएगी इन राशियों की सेहत, अस्पताल के लगाएंगे चक्कर
वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुछ दिनों या महीनों के अंतराल में सभी ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं। चंद्रमा ढ़ाई दिनों में एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश कर जाते हैं, तो वहीं शुक्र 28 दिनों में गोचर करते हैं। शनि ग्रह उन ग्रहों में से एक हैं जो सबसे अधिक समय में राशि परिवर्तन करते हैं। ग्रहों के गोचर करने का प्रभाव सभी राशियों के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है और इसके कारण राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं।
इस बार बृहस्पति मई के महीने में राशि परिवर्तन कर रहे हैं और उनके इस गोचर का असर सभी राशियों के जीवन पर देखने को मिलेगा। कुछ राशियों के लोगों को इस समय धन लाभ होगा, तो वहीं कुछ राशियों के जातकों के लिए यह गोचर स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आएगा।
इस ब्लॉग के ज़रिए हम आपको बता रहे हैं कि गुरु के इस गोचर के कारण किन राशियों के जातकों को अपनी सेहत को लेकर सावधान रहने की ज़रूरत है लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि गुरु का यह गोचर किस तिथि एवं किस राशि में हो रहा है और ज्योतिषशास्त्र में बृहस्पति ग्रह का क्या महत्व है।
बृहस्पति के गोचर की तिथि एवं समय
बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर 01 मई 2024 की दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर होने जा रहा है। वृषभ राशि में गुरु का गोचर लोगों के जीवन में स्थिरता लेकर आता है और इस राशि में गोचर करने पर गुरु ग्रह शक्तिशाली प्रभाव देते हैं। गुरु ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के करियर से लेकर अध्यात्म तक जीवन के हर पहलू पर पड़ता है। आगे जानिए कि ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का क्या महत्व है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
ज्योतिष में गुरु ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति ग्रह मनुष्य के जीवन को नियंत्रित करने के साथ-साथ उसे पोषित भी करते हैं। इन्हें सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है और यह सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रहों में से भी एक हैं। इन्हें देवताओं के गुरु की उपाधि दी गई है। इस ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह मान-सम्मान के साथ-साथ धर्म और अध्यात्म का भी प्रतिनिधित्व करते हैं।
गुरु ग्रह महान, परोपकारी, आशावादी, सकारात्मक और प्रतिष्ठित ग्रह हैं। यह ग्रह स्वभाव से उदार और स्पष्टवादी है एवं इनके प्रभाव से व्यक्ति को भाग्य का साथ मिलता है। यह ग्रह धन, प्रसिद्धि और धर्म का कारक है।
तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मई माह में बृहस्पति ग्रह के वृषभ राशि में प्रवेश करने पर किन राशियों के लोगों को सेहत के मामले में नकारात्मक परिणाम मिलने के संकेत हैं।
इस समय मेष राशि के लोगों को संतुलित जीवनशैली अपनानी होगी। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपकी सेहत में गिरावट आ सकती है। वहीं अगर आपका वजन काफी बढ़ गया है या आपको पाचन से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं, तो आपको अपने खानपान पर ध्यान देना चाहिए। आप जंक फूड से दूर रहें और ज्यादा चिकनाई वाली चीज़ें भी न खाएं।
इस समय आपके लिए शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए नियमित व्यायाम करना और स्वस्थ खानपान को अपनी जीवनशैली में अपनाना आवश्यक होगा। अगर आप इन सभी बातों पर गौर नहीं करते हैं, तो आपकी सेहत में सुधार आ पाने की संभावना बहुत कम है।
यदि आपकी धनु राशि है, तो आपको गुरु के इस गोचर के दौरान अपनी सेहत को लेकर बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है। आप इस समय अपने खानपान को लेकर कोई लापरवाही न करें। इसके अलावा अपनी सेहत से जुड़ी हर छोटी चीज़ पर ध्यान दें और मामूली स्वास्थ्य समस्याओं को भी नज़रअंदाज़ न करें। आपको इस गोचर के दौरान कोलेस्ट्रॉल और पाचन से जुड़ी समस्याएं होने की आशंका है। बेहतर होगा कि आप अपनी सेहत का ख्याल रखें और किसी भी तरह की कोई लापरवाही न बरतें।
आपके लिए इस समय सेहत के मामले में कई तरह की चुनौतियां मौजूद रहने वाली हैं। आपको अपने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सजग रहने की आवश्यकता है। इसके साथ ही आप मामूली स्वास्थ्य समस्याओं को भी नज़रअंदाज़ करने की गलती न करें। आपके लिए संतुलित जीवनशैली को अपनाना थोड़ा मुश्किल लग सकता है। आपको स्वस्थ रहने के लिए नियमित व्यायाम, खानपान की स्वस्थ आदतें अपनाने और योग करने की सलाह दी जाती है। हालांकि, आपका ध्यान इन चीज़ों पर रहने के बजाय खुशियों की तलाश में रहेगा और यही आपकी सेहत में गिरावट आने का कारण बनेगा।
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तुला राशि
तुला राशि के लोगों को खासतौर पर सलाह दी जाती है कि उन्हें बृहस्पति के वृषभ राशि में प्रवेश करने के दौरान अपनी सेहत को लेकर सावधान रहना होगा। आपको गले और पेट से जुड़ी बीमारियां होने की आशंका है। आपको इस समय सब काम छोड़कर अपनी सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि यही आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है। अगर सेहत में आपको कोई सुधार महसूस नहीं हो पा रहा है, तो आप डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं लेकिन स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी बात को हल्के में न लें।
सेहत के मामले में सिंह राशि के जातकों को सतर्क रहना होगा। आपको इस समय अपने सब काम छोड़कर अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके अलावा अधिक तनाव लेने से बचें वरना आपकी स्वास्थ्य स्थिति और ज्यादा खराब हो सकती है। स्वस्थ रहने के लिए आपको ध्यान एवं योग करने की सलाह दी जाती है। इससे आपको स्वस्थ रहने के साथ-साथ तनाव को दूर करने में भी मदद मिलेगी।
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कौन सी तिथि और समय होगा उपनयन संस्कार के लिए शुभ, जानने के लिए देखें मई 2024 में उपनयन मुहूर्त!
एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग के माध्यम से आपको मई 2024 के उपनयन संस्कार की शुभ तिथियां एवं मुहूर्त की जानकारी प्राप्त होगी। उपनयन संस्कार जो कि जनेऊ और यज्ञोपवीत संस्कार के नाम से भी जाना जाता है। यह हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण संस्कार है क्योंकि जनेऊ संस्कार की गिनती 16 संस्कारों में होती है। वर्तमान समय में इस संस्कार को विवाह के समय किया जाने लगा है। लेकिन, जो माता-पिता इस साल मई के महीने में अपने बच्चे का उपनयन या जनेऊ संस्कार करना चाहते हैं और शुभ मुहूर्त की तलाश में हैं, उनके लिए यह ब्लॉग विशेष रूप से तैयार किया गया है। तो चलिए बिना देर किये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की।
सबसे पहले हम आपको रूबरू करवाते हैं उपनयन संस्कार के अर्थ एवं महत्व के बारे में।
क्या होता है उपनयन संस्कार?
हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक होता है जनेऊ संस्कार जिन्हें सभी संस्कारों में से दसवां स्थान प्राप्त है। इस संस्कार के दौरान बालक को एक पवित्र धागा पहनाया जाता है जिसे जनेऊ कहते हैं। ब्राह्मण से लेकर क्षत्रिय सभी समुदाय और जाति के बालकों के द्वारा जनेऊ धारण किया जाता है। आपको बता दें कि उपनयन शब्द का निर्माण दो शब्दों से मिलकर हुआ है ‘उप’ का अर्थ निकट से है और ‘नयन’ से मतलब “दृष्टि” से है। इस प्रकार, उपनयन का शाब्दिक अर्थ खुद को अंधेरे से दूर रखना और प्रकाश की तरफ बढ़ने से होता है। यह संस्कार सनातन धर्म का सबसे लोकप्रिय और पवित्र संस्कार माना गया है।
अब हम आपको बताने जा रहे हैं मई 2024 में उपनयन संस्कार के मुहूर्त और तिथियों के बारे में।
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मई 2024 में इन तिथियों पर करें उपनयन संस्कार
हम सभी इस बात को अच्छे से जानते हैं कि सनातन धर्म में प्रत्येक मांगलिक कार्य को शुभ मुहूर्त में करना चाहिए जिससे उस कार्य का शुभ फल संतान को मिल सकें। इन बातों को ध्यान में रखते हुए हम आपके लिए मई 2024 में उपनयन संस्कार के शुभ मुहूर्त लेकर आये हैं जो कि इस प्रकार हैं।
उपनयन संस्कार का पहला मुहूर्त: 09 मई 2024 की दोपहर 12 बजकर 56 मिनट से शाम 05 बजकर 30 मिनट तक रहने वाला है।
उपनयन संस्कार के लिए दूसरा मुहूर्त: 10 मई 2024 की सुबह 06 बजकर 22 मिनट से सुबह 08 बजकर 17 मिनट तक रहेगा।
इसके बाद 10 मई को अन्य मुहूर्त सुबह 10 बजकर 32 मिनट से शाम 05 बजकर 26 मिनट तक रहेगा।
उपनयन संस्कार के लिए तीसरा मुहूर्त: 12 मई 2024 की सुबह 06 बजकर 14 मिनट से सुबह 10 बजकर 24 मिनट तक रहेगा।
12 मई 2024 की दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से शाम 07 बजकर 38 मिनट तक रहेगा।
उपनयन संस्कार के लिए चौथा मुहूर्त: 17 मई 2024 की सुबह 10 बजकर 04 मिनट से दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।
17 मई 2024 की शाम 04 बजकर 58 मिनट से शाम 07 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
उपनयन संस्कार के लिए पांचवां मुहूर्त: 18 मई 2024 की सुबह 06 बजे से 07 बजकर 46 मिनट तक रहेगा।
इस दिन एक अन्य मुहूर्त भी उपलब्ध होगा जो कि सुबह 10 बजकर 01 मिनट से शाम 04 बजकर 54 मिनट तक रहने वाला है।
उपनयन संस्कार के लिए छठा मुहूर्त: 19 मई 2024 की दोपहर 02 बजकर 34 मिनट से दोपहर 04 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।
उपनयन संस्कार के लिए सातवां मुहूर्त: 20 मई 2024 की सुबह 09 बजकर 53 मिनट से शाम 04 बजकर 47 मिनट से रहेगा।
उपनयन संस्कार के लिए आठवां मुहूर्त: 24 मई 2024 की सुबह 07 बजकर 22 मिनट से सुबह 11 बजकर 57 मिनट तक रहेगा।
उपनयन संस्कार के लिए नौवां मुहूर्त: 25 मई 2024 की सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 02 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।
इस दिन एक अन्य मुहूर्त शाम 04 बजकर 27 मिनट से शाम 06 बजकर 46 मिनट तक रहने वाला है।
वर्ष 2024 में हिंदू धर्म के सभी पर्वों एवं त्योहारों की सही तिथियां जानने के लिए क्लिक करें: हिंदू कैलेंडर 2024
धार्मिक, वैज्ञानिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभ
ऐसा कहा जाता है कि जनेऊ धारण करने के बाद बुरे सपने आने बंद हो जाते हैं।
जनेऊ के हृदय के पास से गुजरने की वजह से हृदय रोग की संभावना कम हो जाती है।
जो इंसान जनेऊ पहनता है, उसके लिए साफ-सफाई के नियमों का पालन करना जरूरी होता है। साथ ही, व्यक्ति की दांत, पेट और जीवाणु से रक्षा करता है।
मान्यता है कि कान में जनेऊ लपेटने से सूर्य नाड़ी जागृत होती है।
जनेऊ धारण करने से मनुष्य की कब्ज, एसिडिटी, पेट, रोग, रक्तचाप, हृदय रोगों आदि से सुरक्षा प्राप्त होती है।
जनेऊ संस्कार के दौरान इन नियमों का पालन
माता-पिता को जनेऊ संस्कार के दिन यज्ञ करवाना चाहिए।
इस यज्ञ में बालक को अपने परिवार के साथ बैठना होता है।
इस दिन बालक को बिना सिले हुए कपड़े या धोती पहनाये जाते हैं और हाथ में डंडा देना अनिवार्य होता है। गले में पीला वस्त्र और पैरों में खड़ाऊ धारण करते हैं।
इस दिन मुंडन करते समय एक चोटी छोड़ी जाती है।
जो बालक जनेऊ धारण करता है, वह पीले रंग का होना आवश्यक होता है।
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ग्रहों के राजकुमार बुध होंगे मार्गी- इन राशियों को मिलेगा अपार धन लाभ!
एस्ट्रोसेज के हमारे इस खास ब्लॉग में आज हम बात करने जा रहे हैं जल्द होने वाले बुध मार्गी के बारे में। साथ ही जानेंगे कि बुध का यह परिवर्तन किन राशियों के लिए शुभ रहेगा तो किन राशियों को इसके प्रतिकूल प्रभाव उठाने पड़ सकते हैं।
चलिये सबसे पहले जान लेते हैं ग्रहों का राजकुमार बुध कब और किस राशि में मार्गी होने जा रहा है। साथ ही जानेंगे बुध ग्रह से जुड़ी कुछ बेहद दिलचस्प बातों की जानकारी भी।
सबसे पहले बात करें बुध मार्गी के समय की तो बुध का यह अहम परिवर्तन 25 अप्रैल 2024 को होने वाला है। इस दौरान बुध मीन राशि में मार्गी हो जाएंगे। समय की बात करें तो बुध देव 25 अप्रैल को शाम 5 बजकर 49 मिनट पर गुरु द्वारा शासित मीन राशि में मार्गी होंगे।
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मीन बुध की नीच राशि होती है। ऐसे में बुध के इस परिवर्तन के दौरान कुछ जातकों को महत्वपूर्ण फैसले लेने में कुछ परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। साथ ही जातकों की बुद्धि और सीखने की क्षमता पर भी मार्गी बुध प्रभाव डालेगा।
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ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व और क्या होता है ग्रहों का मार्गी होना
सबसे पहले बात कर लें बुध ग्रह की तो, वैदिक ज्योतिष में बुध को बुद्धि, तर्क, विद्या, ज्ञान आदि का कारक ग्रह माना जाता है। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत स्थिति में मौजूद होता है या लाभकारी ग्रहों के साथ मौजूद होता है तो यह व्यक्ति को अपार शुभ परिणाम देता है। वहीं इसके विपरीत अगर बुध ग्रह पापी ग्रहों के साथ स्थित होता है या फिर कुंडली के छठे, आठवें और बाहरवें भाव में स्थित होता है तो ऐसे में जातकों को बुध से संबंधित शुभ परिणाम नहीं प्राप्त हो पाते हैं।
स्वामित्व की बात करें तो मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध ग्रह के पास होता है। जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत अवस्था में होते हैं उनकी बातचीत करने की शैली, सोचने समझने की क्षमता, तर्क वितर्क करने का कौशल, बेहद ही शानदार होता है। वहीं इसके विपरीत जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह पीड़ित अवस्था में होते हैं उन्हें अपने जीवन में त्वचा संबंधित बीमारियां, सांस लेने में तकलीफ, फेफड़ों की परेशानी, याद ना रख पाने की बीमारी आदि से जूझना पड़ता है।
क्या यह जानते हैं आप? बुध ग्रह को ज्योतिष में ग्रहों के राजकुमार के नाम से जाना जाता है। इतना ही नहीं नवग्रह में बुध को कवि भी कहा जाता है क्योंकि इनके पास साहित्य और सीखने से संबंधित अपार ज्ञान का भंडार होता है।
क्या होता है ग्रहों का मार्गी होना?
ज्योतिष में अक्सर आपने सुना होगा कि कोई ग्रह मार्गी होने जा रहा है। दरअसल मार्गी होने का अर्थ होता है सीधी गति में चलना और इसके विपरीत जब कोई ग्रह उल्टी गति या तिरछी तरफ चलता है तो इसे ग्रहों की वक्री गति कहते हैं। सूर्य और चंद्रमा को छोड़कर सभी ग्रह समय-समय पर वक्री होते हैं। राहु और केतु हमेशा ही वक्री रहते हैं।
कभी-कभी ग्रह एक राशि में वक्री होकर पिछली राशि में चले जाते हैं और कभी-कभी उसी राशि में बने रहते हैं। फिर जैसे ही वक्री गति समाप्त होती है वह दोबारा मार्गी हो जाते हैं और अपनी पुरानी स्थिति में लौट आते हैं। ऐसा ही कुछ अप्रैल में होने जा रहा है जब बुद्धि का कारक ग्रह बुध मीन राशि में मार्गी हो जाएगा।
चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि सभी 12 राशियों पर बुध के इस मार्गी परिवर्तन का क्या कुछ प्रभाव पड़ने की संभावना है।
बुध को सौरमंडल के विशालकाय ग्रह के रूप में जाना जाता है और मीन एक दोहरी जलिय राशि है जिसके स्वामी होते हैं बृहस्पति। मीन राशि में बुध के साथ जन्म लेने वाले जातक कल्पनाशील स्वभाव के होते हैं। यह जल्दी ही लोगों की बात दिल पर लगा लेते हैं। यह दूसरों के प्रति विनम्र और दयालु होते हैं और अति विश्वसनीय स्वभाव के चलते प्रेम संबंधों और बिजनेस पार्टनरशिप में विश्वास घात और धोखे की चपेट में आ जाते हैं। इसके अलावा ऐसे जातक पेंटिंग से लेकर संगीत तक हर चीज के प्रति रुचि रखते हैं और हमेशा काल्पनिक दुनिया में खोए रहते हैं।
मीन राशि में बुध की मौजूदगी लोगों के जीवन में ज्यादा धन संपत्ति प्राप्त करने में परेशानी की वजह बनेगी। इस समय लोगों को आत्मविश्वास की कमी उठानी पड़ सकती है, लोग चिड़चिड़े और बेचैन नजर आ सकते हैं। हालांकि यह लोग स्वभाव में जिज्ञासु और बुद्धिमान अवश्य रहेंगे। ऐसे जातक निराशा और हताश होकर लोगों की असाधारण रूप से मदद करते भी नजर आने वाले हैं। इसके अलावा लोगों को बाहों या गले से संबंधित कुछ परेशानियों का अनुभव भी करना पड़ सकता है। साथ ही वैवाहिक जीवन में भी थोड़ी अशांति देखने को मिलेगी।
बुध मीन राशि में मार्गी: जानें राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
राशि चक्र की पहली राशि मेष है जो कि स्वभाव से उग्र और मर्दाना स्वभाव की राशि है। इस राशि के जातक हर काम को तेज़ी से करना…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातक रचनात्मक और उत्साह से भरे होते हैं और इनकी रुचि कला से जुड़े क्षेत्रों में होती है। वृषभ, राशि चक्र की दूसरी राशि है…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
मिथुन राशि
मिथुन राशि वाले बेहद बुद्धिमान होते हैं और इनमें कौशल कूट-कूट के भरा होता है। इन लोगों की रुचि संगीत और मनोरंजन में होती है। साथ…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
कर्क राशि
कर्क राशि वाले घूमना-फिरना पसंद करते हैं और इन्हें नए-नए लोगों से मिलना बेहद पसंद होता है। ऐसे में, यह नए संपर्क आसानी से बना…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातक पेशेवर होते हैं और इनकी प्रबंधन क्षमताएं काफ़ी अच्छी होती है। अगर यह लोग कुछ ठान लेते हैं, तो उसमें कामयाब…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातक सामान्य तौर पर बुद्धिमान होते हैं। इनका ध्यान करियर और धन कमाने पर होता है। साथ ही, इनकी रुचि व्यापार…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
तुला राशि
तुला राशि वालों का झुकाव रचनात्मक और कला से जुड़े क्षेत्रों में होता है। इन्हें हर कदम पर अपने बड़ों का साथ मिलता है। इन लोगों को…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों को यात्राओं का बहुत शौक होता है जो कि उनके स्वभाव का हिस्सा भी हो सकता है। यह नए-नए लोगों से मिलने के लिए…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों का स्वभाव सरल और आध्यात्मिक किस्म का होता है। इस वजह से इनके भीतर अच्छे-बुरे कर्मों को लेकर भगवान का…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
मकर राशि
मकर राशि वाले अपने काम के प्रति बेहद समर्पित होते है और यह हर काम को बहुत ध्यान से करते हैं। इन्हें अपने जीवन में सिद्धांतों पर…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों का स्वभाव किसी बात की गहराई में जाने वाला होता है यानी कि सामान्य शब्दों में कहें, तो इनका स्वभाव जांच-पड़ताल…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)
मीन राशि
मीन राशि के जातक बेहद बुद्धिमान होते हैं और इनका सारा ध्यान करियर के क्षेत्र में मान-सम्मान और पद आदि पाने पर केंद्रित होता है। यह…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ करें क्लिक)