वृषभ राशि में आएंगे सूर्य, किसी की बिगड़ेगी सेहत, तो कोई रहेगा फिट
ग्रहों के गोचर करने का प्रभाव देश-दुनिया समेत सभी राशियों पर पड़ता है। देश की बात करें, तो इसकी अर्थव्यवस्था, व्यापार और शेयर मार्केट प्रभावित होती है। वहीं राशियों की बात करें, तो जातकों का स्वास्थ्य, आर्थिक जीवन, प्रेम जीवन और करियर पर गोचर का अनुकूल-प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
इस बार सूर्य का गोचर सभी राशियों के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव लेकर आएगा। कुछ राशियों की सेहत में सुधार आने के संकेत हैं, तो वहीं कुछ राशियों के लोगों को सेहत में गिरावट का सामना करना पड़ सकता है। इस ब्लॉग में हम आपको बता रहे हैं कि सूर्य के गोचर की तिथि एवं समय क्या है और इस गोचर से किन राशियों के स्वास्थ्य पर अनुकूल-प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
ज्योतिष में ऊर्जा और आत्मा के कारक ग्रह सूर्य 14 मई 2024 की शाम 05 बजकर 41 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। ज्योतिष में सूर्य को सबसे शक्तिशाली ग्रह बताया गया है और इन्हें ग्रहों के राजा की उपाधि भी दी गई है। सूर्य को रोशनी, आशा, आत्मविश्वास, इच्छाशक्ति और पिता का कारक माना गया है।
वृषभ राशि के स्वामी ग्रह शुक्र हैं और अब शुक्र की राशि में सूर्य का गोचर होने जा रहा है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य और शुक्र के बीच मैत्री संबंध नहीं है इसलिए सूर्य का यह गोचर कुछ राशि के लोगों के लिए खतरा बन सकता है।
आगे जानिए कि सूर्य ग्रह को ज्योतिषशास्त्र में क्या महत्व दिया गया है।
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ज्योतिष में सूर्य ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में सूर्य को आत्मा, शक्ति, अहंकार, शासन, नेतृत्व और अभिव्यक्ति का कारक माना गया है। सूर्य का आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व बहुत ज्यादा है। सूर्य एक ऐसा ग्रह है जो व्यक्ति के अहंकार और इच्छाशक्ति को नियंत्रित करता है। इसके अलावा सूर्य महत्वाकांक्षी बनाते हैं और हर तरह की परिस्थिति को संभालने का कौशल प्रदान करते हैं।
तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश करने पर किन राशियों के लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और किसकी सेहत पर खतरा मंडराने वाला है।
इस गोचर के दौरान मिथुन राशि के लोगों की सेहत ज्यादा अच्छी नहीं रहने वाली है। आपको इस समय गले में कोई इंफेक्शन होने की आशंका है। इसके अलावा आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमज़ोर रहने वाली है और उसकी वजह से ही आपको इस तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपको अपनी इम्युनिटी को मज़बूत करने पर ध्यान देना चाहिए।
सेहत के लिहाज़ से तुला राशि के लोगों के लिए यह समय ज्यादा अनुकूल नहीं होगा। इस दौरान इनकी इम्युनिटी में गिरावट आने के संकेत हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आने की वजह से इन्हें गले में दर्द और संक्रमण तक हो सकता है। बेहतर होगा कि आप अपनी इम्युनिटी को बढ़ाने की कोशिश करें।
यदि आपकी धनु राशि है, तो आपको इस दौरान अपनी सेहत को लेकर संभलकर रहने की ज़रूरत है। आपको इस समयावधि में गले में इंफेक्शन होने का खतरा है। सूर्य के वृषभ राशि में गोचर करने पर आपको स्वास्थ्य के मामले में ज्यादा उम्मीदें लगाकर नहीं रखनी चाहिए। सेहत के मामले में औसत परिणाम मिलने के संकेत हैं।
कुंभ राशि के लिए भी सूर्य का गोचर भारी रहने वाला है। आपको गले में तेज दर्द की शिकायत हो सकती है। अगर आप इस तरह की किसी भी स्वास्थ्य समस्या से बचना चाहते हैं तो अपनी इम्युनिटी को बढ़ाने का प्रयास करें। आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमज़ोर होने की वजह आपको इस तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होने का डर है।
सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश करने पर मीन राशि के लोगों का स्वास्थ्य उत्तम रहने वाला है। इस समय आप अपनी सेहत का भरपूर आनंद लेंगे। आपकी एनर्जी भी बढ़ेगी और आपकी इम्युनिटी भी काफी मज़बूत रहने वाली है। इसकी वजह से आप फिट महसूस करेंगे और आपको कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी।
वृश्चिक राशि के लोगों को अपनी सेहत को लेकर ज्यादा चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश करने पर आपकी सेहत दुरुस्त रहेगी। आप ऊर्जा और जोश से भरपूर महसूस करेंगे और इसका सकारात्मक असर आपकी सेहत पर भी पड़ेगा।
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सिंह राशि
सिंह राशि के लोगों की सेहत के लिए भी सूर्य का गोचर अनुकूल साबित होगा। आप इस समय फिट महसूस करेंगे और आपके अंदर इच्छा शक्ति बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी। इसके साथ ही आपके जोश और उत्साह में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। कुल मिलाकर यह समय सिंह राशि के लोगों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा साबित होगा।
कर्क राशि के लोगों के लिए भी सूर्य का गोचर शुभ साबित होगा। आपकी सेहत अच्छी रहने वाली है और आपकी इम्युनिटी मज़बूत होगी। इस वजह से आप उत्तम स्वास्थ्य का आनंद ले पाएंगे।
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जून में गुरु के उदित होते ही इन लोगों का शुरू हो जाएगा गोल्डन टाइम, वेतन में होगी वृद्धि
ज्योतिष के अनुसार हर ग्रह एक समय के बाद एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं। ग्रहों के राशि परिवर्तन करने से सभी राशियों के लोगों के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। ग्रह गोचर करने के अलावा मार्गी और वक्री चाल भी चलते हैं और उदित एवं अस्त भी होते हैं। इनका भी गोचर की तरह ही असर पड़ता है।
इस बार जून के महीने में बृहस्पति ग्रह उदित हो रहे हैं और ज्योतिषीय दृष्टि से इस परिवर्तन को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस ब्लॉग में आगे बताया गया है कि गुरु किस तिथि पर एवं किस राशि में उदित हो रहे हैं और इससे किन राशियों को सबसे ज्यादा लाभ मिलने के संकेत हैं।
गुरु 03 जून को रात के 03 बजकर 21 मिनट पर वृषभ राशि में उदित होंगे। गुरु के उदित होने का प्रभाव पृथ्वी के साथ साथ सभी राशियों पर भी पड़ेगा। आगे बताया गया है कि ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का क्या महत्व है और इस बार गुरु के उदित होने पर किन राशियों को लाभ होने वाला है।
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ज्योतिष में गुरु का महत्व
वैदिक ज्योतिष में ग्रहों का बहुत महत्व है। यह सबसे बड़ा ग्रह है और इसे देवताओं के गुरु की उपाधि दी गई है। ये ग्रह मानव को भाग्य प्रदान करता है। यह एक दयालु ग्रह है और इसे धर्म एवं अध्यात्म से भी जोड़कर देखा जाता है।
बृहस्पति को एक उग्र और महान ग्रह बताया गया है। यह भाग्य और धन प्रदान करते हैं। इस ग्रह की कफ की प्रकृति है। यह धनु और मीन राशि के स्वामी ग्रह हैं।
तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि वृषभ राशि में उदित होने पर गुरु किन राशियों को शुभ परिणाम देने वाले हैं।
इसी राशि में गुरु उदित हो रहे हैं इसलिए इस परिवर्तन का सबसे ज्यादा लाभ वृषभ राशि के लोगों को ही मिलने वाला है। आपने जो योजनाएं बनाकर रखी हैं, अब वे पूरी हो सकती हैं। आपको इनसे लाभ होने के भी संकेत हैं। इस दौरान आपकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी और आपकी आय में भी वृद्धि होने के आसार हैं।
नौकरीपेशा लोगों का वेतन बढ़ सकता है। इसके साथ ही आपकी आमदनी के स्रोत भी बढ़ जाएंगे। आप अपने लक्ष्य को पाने के लिए खूब मेहनत और प्रयास करेंगे और अच्छी बात यह है कि आपके सारे प्रयास भी सफल होंगे। आपका वैवाहिक जीवन भी इस समय उत्तम रहेगा। पति-पत्नी के बीच खूब प्यार बढ़ेगा। जो लोग साझेदारी में व्यापार करते हैं, उनके लिए भी लाभ के योग बन रहे हैं।
कर्क राशि में गोचर कुंडली से नौवें भाव में गुरु उदित हुए हैं। इस समय कर्क राशि के लोगों को बहुत लाभ मिलने वाले हैं। आपको अपने भाग्य का पूरा साथ मिलेगा और आपके अटके हुए काम भी पूरे होंगे। इसके साथ ही आपके आत्मविश्वास में भ वृद्धि होगी। आप इतने ज्यादा जोश से भर जाएंगे कि अपने सारे कामों को आराम से पूरा कर लेंगे। आप किसी धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। प्रतियोगी परीक्षा में हिस्सा लेने वाले छात्रों को सफलता मिलेगी। जो छात्र विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं, अब उनका भी सपना पूरा होगा।
सिंह राशि के व्यापारियों के लिए गुरु का उदित होना लाभकारी सिद्ध होगा। नौकरीपेशा जातकों को अपने कार्यक्षेत्र में अनुकूल परिणाम मिलेंगे। आपके वेतन में वृद्धि हो सकती है साथ ही आपके लिए प्रमोशन के योग भी बन रहे हैं। अगर आप नौकरी बदलने के बारे में सोच रहे हैं, तो अब आपकी यह इच्छा भी पूरी हो सकती है। बेरोज़गार लोगों को नौकरी मिल सकती है। वहीं व्यापारियों के लिए भी धन लाभ के योग बन रहे हैं। आप अपने व्यापार का विस्तार कर सकते हैं। इस समय आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
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शनि देव वक्री होकर बनाएंगे केंद्र त्रिकोण राजयोग, तीन राशियों को मिलेगी अपार सफलता
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार एक तय समयावधि के बाद ग्रह गोचर करते हैं। इस गोचर के प्रभाव से सभी राशियों के जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं और देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर पड़ता है। ग्रह गोचर करने के अलावा वक्री और मार्गी भी होते हैं। जिस तरह गोचर का असर पड़ता है, ठीक उसी तरह वक्री और मार्गी होने पर भी ग्रहों का प्रभाव लोगों के जीवन पर देखने को मिलता है।
अब जून के महीने में शनि देव वक्री चाल चलने वाले हैं और उनकी चाल में इस परिवर्तन के कारण कुछ खास राशियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आने के संकेत हैं। इस ब्लॉग में आगे बताया गया है कि शनि देव किस तिथि पर वक्री हो रहे हैं और उनके वक्री होने पर किन राशियों को अच्छे प्रभाव मिलने के आसार हैं।
शनि 29 जून, 2024 को रात को 11 बजकर 40 मिनट पर कुंभ राशि में वक्री होने जा रहे हैं। शनि वक्री होने से पहले धीरे-धीरे अपनी गति को कम करते हैं। जिस समय से शनि की गति धीमी होनी शुरू होती है, उसे वक्री क्षेत्र कहा जाता है।
इस धीमी गति से चलते हुए जब तक शनि स्थिर अवस्था में नहीं आ जाते हैं या जब तक उल्टी चाल चलना शुरू नहीं कर देते हैं, तब तक उन्हें मार्गी ही कहा जाता है। हर वक्री क्षेत्र में चार बिंदु होते हैं जिसमें छाया बिंदु, वक्री बिंदु, मार्गी बिंदु और प्रक्षेपण बिंदु शामिल हैं।
इस बार वक्री होने पर शनि केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण कर रहे हैं जो कि कुछ राशियों को खास लाभ पहुंचाने वाला है।
आगे जानिए शनि ग्रह का प्रभाव जीवन के किन पहलुओं और क्षेत्रों पर पड़ता है और केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण कब होता है।
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ज्योतिष में शनि ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह का बहुत महत्व है। हिंदू धर्म में शनि को देवता के रूप में पूजा जाता है। इन्हें धरती पर ऊर्जा का स्रोत माना गया है। बुध और शुक्र के बाद सूर्य पृथ्वी के सबसे नज़दीक के ग्रह हैं। शनि देव को न्याय का कारक माना जाता है जो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं।
तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि केंद्र त्रिकोण राजयोग क्या है।
कुंडली के पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव को केंद्र और पांचवे एवं नौवें भाव को त्रिकोण कहा जाता है। केंद्र भावों को विष्णु जी का स्थान माना गया है और त्रिकोण भावों पर मां लक्ष्मी का आधिपत्य है। जब केंद्र त्रिकोण भावों के बीच कोई संबंध होता है, तब केंद्र त्रिकोण राजयोग बनता है।
जून माह में शनि ग्रह द्वारा निर्मित इस राजयोग से कुछ राशियों के जीवन में खुशियों की लहर आने वाली है। इस ब्लॉग में आगे उन्हीं राशियों के बारे में बताया गया है।
यह राजयोग कुंभ राशि में ही बनने जा रहा है इसलिए इसका सबसे ज्यादा लाभ आपको ही मिलेगा। यहां से आपके अच्छे दिन शुरू हो जाएंगे। आपका आत्मविश्वास बहुत बढ़ जाएगा और आपको अपने जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति एवं सफलता प्राप्त होगी। आपकी आय में वृद्धि होने के संकेत हैं। आपकी आमदनी के स्रोत भी बढ़ सकते हैं।
इस दौरान आपको अपनी मेहनत का पूरा फल प्राप्त होगा लेकिन आपके कार्यों को पूर्ण करने और सफलता दिलाने में आपकी किस्मत भी आपका पूरा साथ देगी। नौकरीपेशा जातकों के लिए पदोन्नति के योग बन रहे हैं। आपके जीवनसाथी को भी अपने करियर में प्रमोशन या उन्नति मिलने की संभावना है।
यह योग मिथुन राशि के भाग्य स्थान में बनने जा रहा है। शनि का वक्री होना आपके लिए कुछ लाभ लेकर आएगा। आपको अपने भाग्य का साथ मिलेगा। व्यापारियों को काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है।
आप किसी धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम में भी शामिल हो सकते हैं। जो छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें अपने प्रयासों में सफलता जरूर मिलेगी। आपके अटके हुए काम भी अब पूरे हो सकते हैं। इससे आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और आप प्रसन्न महसूस करेंगे।
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वृषभ राशि
केंद्र त्रिकोण राजयोग बनने से वृषभ राशि के लोगों के करियर में तरक्की आने की संभावना है। यह समय व्यापारियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा। आपने जो भी योजनाएं और रणनीतियां बनाई हैं, वे सब सफल होंगी। आपकी आमदनी के स्रोत भी बढ़ेंगे। इससे आपकी आर्थिक स्थिति में मज़बूती आएगी।
यदि आप नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो अब आपको अपनी पसंद की नौकरी मिल सकती है। नौकरीपेशा जातकों का भी अपनी पसंद की जगह पर ट्रांसफर हो सकता है। व्यापारियों के लिए धन लाभ के योग बन रहे हैं।
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शुक्र करेंगे अपनी राशि में गोचर, देश-दुनिया और शेयर बाज़ार पर पड़ेगा क्या असर? जानें अभी!
शुक्र गोचर 2024: एस्ट्रोसेज अपने हर एक नए ब्लॉग के साथ आपको ज्योतिष की इस रहस्यमई दुनिया की हर छोटी बड़ी खबरों की अपडेट देने की कोशिश करता है। इसी कड़ी में एक बार फिर हम आपके सामने पेश हैं शुक्र गोचर से संबंधित हमारा यह खास ब्लॉग लेकर। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस ब्लॉग में हम 19 मई को होने वाले शुक्र के वृषभ राशि में गोचर के बारे में जानेंगे और साथ ही जानेंगे कि इसका देश दुनिया पर क्या असर पड़ेगा।
सबसे पहले बात करें शुक्र की तो यह वृषभ और तुला राशि पर शासन करता है। मई के महीने में यह शुक्र ग्रह वृषभ राशि अर्थात अपनी ही राशि में गोचर करने वाला है। वृषभ राशि में शुक्र ज्यादा सूक्ष्म साबित होता है। हालांकि तुला राशि में शुक्र के समान ही मजबूत होता है। चलिए आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं शुक्र का अपनी ही राशि में गोचर देश-दुनिया पर क्या असर डालेगा।
शुक्र 19 मई 2024 को सुबह 8:29 पर अपनी ही राशि अर्थात वृषभ राशि में गोचर कर जाएगा। शुक्र का यह गोचर क्योंकि अपनी ही राशि में होने वाला है ऐसे में ज्यादातर इसके अनुकूल परिणाम ही देखने को मिलेंगे। चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं देश दुनिया पर इस गोचर का क्या प्रभाव पड़ेगा।
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वृषभ राशि में शुक्र- विशेषताएं
ज्योतिष में शुक्र को प्रेम, सुंदरता, आनंद और सद्भावना से संबंधित ग्रह माना गया है। वहीं वृषभ राशि स्थिरता, कामुकता और भौतिक आराम से संबन्धित राशि मानी जाती है। जब शुक्र वृषभ राशि में होता है तो उसे उच्च का माना जाता है जिसका अर्थ हुआ कि यह विशेष रूप से अनुकूल स्थिति में है क्योंकि वृषभ राशि पर शुक्र का ही शासन होता है। शुक्र का यह स्थान प्रेम और रिश्तों के संदर्भ में अनुकूल परिणाम मिलने के संकेत दे रहा है। वृषभ राशि में शुक्र वाले जातक स्वभाव से कामुक, स्नेही और वफादार होते हैं। इन्हें अपने रिश्ता में स्थिरता और सुरक्षा पसंद होता है। यह अपने रोमांटिक प्रयासों में आराम और भोग की ही तलाश करते हैं। इनके अंदर सुंदरता, कला और जीवन की बेहतरीन चीजों की गहरी सराहना होती है और वह उदारता और भक्ति के काम के माध्यम से अपने प्यार को व्यक्त भी करते हैं।
इसके अलावा वृषभ राशि में शुक्र वाले जातक रोमांटिक रिश्तों के संदर्भ में धैर्यवान और भरोसेमंद साथी होते हैं। इन्हें रोमांस के बजाय दीर्घकालिक समझदारी ज्यादा प्रिय होती है। उनका प्राकृतिक दुनिया से भी गहरा संबंध होता है और वह जीवन की छोटी-छोटी चीज़ें जैसे स्वादिष्ट भोजन, आरामदायक रहना खाना, भव्य तौर पर जीवन जीना ज्यादा महत्वपूर्ण लगता है। इन सभी बातों पर विचार करने पर वृषभ राशि में शुक्र हृदय के मुद्दों पर एक कामुक और सामंजस्यपूर्ण ऊर्जा प्रदान करता है जो हमें जीवन की छोटी-छोटी खुशियों का आनंद लेने और स्नेह और आपसी विश्वास पर आधारित स्थाई, संतोषजनक, साझेदारी बनाने के लिए प्रेरित करता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. वृषभ राशि में शुक्र का गोचर कब होगा?
उत्तर 1. शुक्र 19 मई 2024 की सुबह 8 बजकर 29 मिनट पर गोचर करेंगे।
प्रश्न 2. क्या वृषभ राशि में शुक्र एक अच्छा स्थान है?
उत्तर 2. वृषभ राशि में शुक्र एक अच्छा स्थान है क्योंकि यह शुक्र की अपनी राशि है।
प्रश्न 3. शुक्र किस भाव में मजबूत है?
उत्तर 3. शुक्र दूसरे, तीसरे, चौथे, सातवें और बारहवें घर में अनुकूल माना जाता है।
प्रश्न 4. शुक्र को मजबूत करने के लिए क्या खाएं?
उत्तर 4. शुक्र को मजबूत करने के लिए दूध, दही, घी, चावल और चीनी का सेवन करना चाहिए।
नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की है एक ही राशि, फिर क्यों है राहुल जीत से पीछे?
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। वोटिंग खत्म होते ही हर किसी को रिजल्ट का इंतज़ार रहेगा, जो कि 04 जून 2024 को आने वाले हैं। पिछले साल 30 मई 2019 को शपथ ग्रहण कर नरेन्द्र मोदी लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने और अब उनके समर्थक यह कयास लगा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 में फिर मोदी सरकार अपना परचम लहराएगी। हालांकि, राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी जीत के कयास लगा रही हैं।
ऐसे में, ज्योतिष में रुचि रखने वाले लोग ज्योतिषीय नज़र से यह देखने के लिए जरूर उत्साहित होंगे कि आखिर नरेंद्र मोदी की कुंडली में ऐसा क्या ख़ास है कि वह पिछले दो लोकसभा चुनाव में लगातार बाजी मार रहे हैं और राहुल गांधी तमाम कोशिशों के बाद भी टक्कर देने में भी असमर्थ हो रहे हैं। बता दें कि नरेंद्र मोदी व राहुल गांधी की चंद्र राशि एक ही है, इसके बावजूद राहुल गांधी जीत से बहुत पीछे हैं।
नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की है एक ही राशि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म रविवार के दिन 17 सितंबर वर्ष 1950 की सुबह 11 बजे हुआ था। वही राहुल गांधी का जन्म दिल्ली में गुरुवार के दिन 18 जून 1970 में हुआ था। इस हिसाब से राजनीतिक सीन में आमने-सामने खड़ीं दो हस्तियों की चंद्र राशि एक ही है यानी वृश्चिक राशि की है। एस्ट्रोसेज के ज्योतिष के अनुसार, प्रधानमंत्री जैसे पद पर पहुंचने की सबसे ज्यादा संभावना वृश्चिक, सिंह और मेष राशि के लोगों की होती है। इसके बावजूद राजनीति में कहीं किसी और की कुंडली का सपोर्ट तो कहीं ग्रहों का योग हावी हो जाता है।
बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा
नरेंद्र मोदी की जन्म कुंडली
राहुल गांधी की जन्म कुंडली
एक ही राशि होने के बावजूद जीत से क्यों पीछे हैं राहुल?
नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी वृश्चिक राशि के हैं। वृश्चिक और सिंह राशि के लोगों का उच्च पद तक पहुंचने का अच्छा योग होता है। ऐसे में, आप सबके मन में एक सवाल जरूर उठ रहा होगा कि फिर भी राहुल गांधी अब तक राजनीति में अपेक्षित सफलता क्यों नहीं पा सके हैं। यह सवाल मन में उठना लाजमी हैं। तो बता दें कि राहुल गांधी की कुंडली में शनि कमज़ोर स्थिति में विराजमान हैं क्योंकि यह अपनी नीच राशि मेष में हैं। शनि लग्नेश होकर नीच के हैं और लग्नेश की स्थिति मजबूत होना बहुत जरूरी होता है। ज्योतिष के अनुसार, शनिदेव के नीच ग्रह में होने का मतलब यह है कि वे आपकी तरफ पीठ करके बैठे हैं। इसका कारण हमारे नियमित कार्यों में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाती है। इसी तरह यदि शनि उच्च ग्रह में बैठे हों तो थोड़े से प्रयासों से अधिक सफलता मिल सकती है। इसके अलावा, राहुल गांधी की कुंडली में शत्रुहंता योग भी बनता है। बता दें कि सूर्य और मंगल की युति से शत्रुहंता योग बन रहा है।
कुंडली में छठा भाव शत्रु का होता है और जब इस भाव में मंगल ग्रह या फिर नीच के शनि मौजूद होते हैं या फिर इनकी दृष्टि पड़ती है, तो इस योग का निर्माण होता है। यह योग शुभ योग माना जाता है, लेकिन राहुल गांधी की महादशा कमज़ोर है और इसके परिणामस्वरूप यह पूरी कोशिश करते हैं अपने विरोधियों को हराने की लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पता है। दरअसल देवगुरु बृहस्पति अपनी शत्रु राशि तुला राशि में दसवें भाव में बैठे हैं, जो करियर का भाव है इसलिए शत्रुहंता योग होने के बावजूद इन्हें लाभ नहीं हो पा रहा है। हालांकि 2024 के बाद बहुत बड़ा परिवर्तन आने की संभावना है।
अब बात नरेंद्र मोदी की कुंडली की करते हैं, तो बता दें कि नरेंद्र मोदी की कुंडली में नीच भंग राजयोग बन रहा है। नीच भंग राजयोग का अर्थ है कि मुश्किलों के बाद जीवन में अपार सफलता प्राप्त होना, जो नरेंद्र मोदी के जीवन में स्पष्ट नजर भी आता है।
बता दें कि जब किसी कुंडली में किसी ग्रह के नीच राशि के स्वामी और उसकी उच्च राशि के स्वामी केंद्र में होते हैं तो नीचभंग राजयोग बनता है। ज्योतिष के अनुसार, यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य के परिणामस्वरूप से नीचभंग राजयोग का निर्माण होता है तो उसे राज्य व राज्य की जनता की तरफ से अत्यधिक लाभ प्राप्त होता है। यही नहीं जातक अपनी नीतियों को लोगों के सहयोगों से सफल बनाने में कामयाब होता है।
इसके अलावा, नरेंद्र मोदी की कुंडली में दसवें भाव के स्वामी सूर्य ग्यारहवें भाव में हैं और ये एक मजबूत और अच्छा योग है। छठे भाव के स्वामी मंगल जो शत्रु का भाव होता है उसका स्वामी मंगल अपनी ही राशि में विराजमान है इसलिए इनकी कुंडली मजबूत कही जा सकती है।
नरेंद्र मोदी के जीवन में नीच के चंद्रमा की महादशा नवंबर 2011 में शुरू हुई थी और नवंबर, 2021 तक चली। इसी चंद्रमा की दशा के परिणामस्वरूप मोदी ने 2019 लोकसभा चुनाव में अपने संघर्षों और मेहनत के बलबूते प्रधानमंत्री पद के दावेदार बने और बड़ी जीत भी हासिल की। इसके साथ ही, इसी महादशा अवधि में उनकी गिनती दुनिया के कुछ सबसे शक्तिशाली नेताओं में होने लगी। भारत में ही नहीं विदेशों तक मोदी का जादू छाने लगा इसलिए यह जरूरी नहीं कि कुंडली के नीच के ग्रहों की दशाएं जीवन में सिर्फ संघर्ष और मुश्किलें ही लाए, बल्कि जीवन में ऐसी सफलता भी दिलाती हैं जो बड़े-बड़े राजयोग भी नहीं दिला पाते हैं।
ज्योतिष के अनुसार, राहुल गांधी की कुंडली के हिसाब से यदि भविष्य की चर्चा करें तो भविष्य में राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद कम नज़र आ रही है। चूंकि उनको राजनीति विरासत में मिली है और राजनीति के अलावा उनके पास कोई और विकल्प नहीं है तो ऐसे में, उनका स्वभाव राजनीतिक नहीं होते हुए भी, उनके लिए राजनीति करना एक पारिवारिक दायित्व भी है और एक अहम जिम्मेदारी भी है। बात यदि भविष्य की करें तो 53 वर्ष की अवस्था तक राहुल गांधी राजनीति में चुनौतियों का सामना करते हुए अपने वजूद की लड़ाई लड़ते रहेंगे। साथ ही साथ पार्टी मुख्य रूप से कमान संभाले रहेंगे, लेकिन इस बात की प्रबल संभावना है कि 53 की आयु के बाद राहुल गांधी एक नया रूप लेकर आगे बढ़ेंगे और 55 वर्ष की अवस्था में सफलता की ओर तेजी से कदम बढ़ा सकते हैं।
ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी की ग्रह-दशा पिछले कई सालों से अच्छी नहीं चल रही है, लेकिन राहुल गांधी की जोरदार वापसी होने वाली है। 2024 में राहुल गांधी की मेहनत की वजह से उनकी सीटों की संख्या बढ़ सकती है। ज्योतिष के अनुसार, राहुल गांधी की कुंडली में नवंबर 2014 से जनवरी 2020 तक कोई बहुत अच्छा समय नहीं था। जनवरी 2017 से तो स्थिति और खराब चल रही थी। लेकिन, जनवरी 2020 के बाद से राहुल गांधी शुभ ग्रहों का मजबूत साथ मिल रहा है। जनवरी 2020 के बाद राहुल गांधी की पार्टी में पकड़ मजबूत होने लगी है और कुछ नए सहयोगी भी राहुल गांधी के साथ आगे जुड़ेंगे। शनि के शुभ प्रभाव से 24 जनवरी 2020 के बाद से राहुल गांधी धीरे-धीरे नए बदलाव की ओर आगे बढ़ रहे हैं और जीवन में उन्नति का बहुत अच्छा ग्राफ बनने की संभावना है। आगे जाकर देश के हित के लिए वे काफी बेहतरीन काम कर सकते हैं। यही नहीं राहुल गांधी के राजनीतिक जीवन के साथ-साथ उनके निजी जीवन में भी कई बड़े महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे और धीरे-धीरे उनके विचारों से जनता प्रसन्न होंगी।
जून 2024 के बाद जब इनके शनि की अंतर्दशा चलेगी तब यह मजबूती से ताकतवर नेता के रूप में उभर सकते हैं और हो सकता है कि यह सदन में विपक्ष के नेता का पद ग्रहण करें। वहीं कुछ ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि राहुल गांधी की कुंडली कमज़ोर नहीं है। वो जब तक अपने व्यवहार में परिवर्तन नहीं लाएंगे तब तक उनकी स्थिति इसी तरह बनी रहेगी। साथ ही नरेंद्र मोदी जब तक राजनीति में रहेंगे राहुल गांधी की कुंडली मोदी की कुंडली के सामने कमज़ोर साबित हो सकती है। हालांकि हर किसी ज्योतिष की अपनी-अपनी राय है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. नीचभंग राजयोग क्या होता है?
उत्तर 1. जब किसी कुंडली में किसी ग्रह के नीच राशि का स्वामी और उसकी उच्च राशि का स्वामी परस्पर केंद्र में हो तो नीचभंग राजयोग का निर्माण होता है।
प्रश्न 2. नरेंद्र मोदी की राशि क्या है?
उत्तर 2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चंद्र राशि वृश्चिक है।
प्रश्न 3. राहुल गांधी की राशि क्या है?
उत्तर 3. राहुल गांधी की चंद्र राशि वृश्चिक है।
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: जानें कैसे मिलेंगे 12 राशियों को परिणाम?
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: ग्रहों के राजा सूर्य 14 मई 2024 से लेकर 15 जून 2024 तक वृषभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं। तात्कालिक और नैसर्गिक दोनों मित्रता के अनुसार सूर्य सम राशि में गोचर करेंगे। 15 जून 2024 तक सूर्य वृषभ राशि में ही बने रहेंगे। सूर्य के इस गोचर का आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह जानने से पहले आइए जानते हैं कि सूर्य के इस गोचर का भारतवर्ष पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है?
सूर्य के गोचर का भारत पर प्रभाव
सूर्य वृषभ राशि में 1 महीने तक रहने वाले हैं अर्थात 15 जून 2023 तक सूर्य वृष राशि में ही बने रहेंगे। भारतवर्ष के लिए देखें तो सूर्य के गोचर के चलते देश के भीतर आंतरिक अस्थिरता देखने को मिल सकती है। जनता की बीच सरकार की पकड़ तुलनात्मक रूप से कमजोर हो सकती है। इसके बाद होने वाले मतदान विरोधी दलों की ताकत को बढ़ा सकते हैं। तापमान में भी अचानक से तेजी देखने को मिल सकती है। आगजनी इत्यादि की घटनाओं में भी इजाफा देखने को मिल सकता है। सूर्य के इस गोचर का आपकी राशि पर क्या असर पड़ेगा? आइए जानते हैं..
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: 12 राशियों पर प्रभाव और उपाय
मेष राशि
सूर्य आपकी कुंडली में पंचम भाव के स्वामी होते हैं और वर्तमान में ये आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। यहां पर सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला नहीं कहा जाता। सूर्य का यह गोचर आपको तीखा और चटपटा खाने की प्रवृत्ति दे सकता है। अथवा आप अपनी शारीरिक प्रकृति के विरुद्ध भोजन करने लगा सकते हैं। फलस्वरूप एसिडिटी और पेट से संबंधित कुछ समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। इस अवधि में धूप और गर्मी से भी स्वयं को बचाने की आवश्यकता रहेगी। विशेषकर आंखों की सुरक्षा के लिए जागरूक रहना फायदेमंद रहेगा। घर परिवार के लोगों के साथ संबंधों को बेहतर रखने की कोशिश भी जरूरी रहेगी। आर्थिक मामलों में भी किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है।
उपाय: मंदिर में नारियल और बादाम का दान करना शुभ रहेगा।
वृषभ राशि
सूर्य आपकी कुंडली में चतुर्थ भाव के स्वामी होते हैं और गोचरवश ये आपके पहले भाव में आ रहे हैं। प्रथम भाव में सूर्य के गोचर को बहुत अच्छा नहीं माना गया है। ऐसी स्थिति में सूर्य का यह गोचर आपके क्रोध को बढ़ाने का काम कर सकता है। अतः इस अवधि में स्वयं को शांत रखना जरूरी रहेगा। स्वयं के व्यवहार और बर्ताव को सभ्य तथा सौम्य बनाए रखना उचित रहेगा। पेट से संबंधित कोई परेशानी न होने पाए इस बात को लेकर जागरूक रहना और उचित खान-पान अपनाना फायदेमंद रहेगा। सिर चकराना, सिर दर्द, पित्त की अधिकता, एसिडिटी जैसी परेशानियां बीच-बीच में देखने को मिल सकती हैं। उचित खानपान और योग व्यायाम के माध्यम से इन्हें नियंत्रित किया जा सकेगा। कार्य क्षेत्र के मामले में मेहनत करने के बाद संतोषप्रद परिणाम मिल सकेंगे।
उपाय: इस महीने गुड़ न खाना उपाय की तरह काम करेगा।
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मिथुन राशि
सूर्य आपकी कुंडली में तीसरे भाव के स्वामी होते हैं और यह गोचरवश ये आपके द्वादश भाव में जा रहे हैं। द्वादश भाव में सूर्य की गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसी स्थिति में सूर्य का यह गोचर आपको व्यर्थ में भाग दौड़ करवाने में लगा सकता है। यदि आप घूमने फिरने के शौकीन हैं तब तो यह स्थिति आपके लिए फायदेमंद हो सकती है अन्यथा व्यर्थ का भ्रमण समय और धन दोनों को व्यर्थ में खर्च करवा सकता है। सामाजिक मान प्रतिष्ठा के प्रति इस गोचर की अवधि में जागरूक रहना समझदारी का काम होगा। यद्यपि कामों में कुछ व्यवधान देखने को मिल सकता है लेकिन धैर्य पूर्वक किए गए कार्य कुछ हद तक सफलता भी दे सकते हैं। इस समय अवधि में शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में यथासंभव विवाद को टालना और विनम्रतापूर्वक काम करवाना समझदारी का काम होगा। यह गोचर आंखों से संबंधित कुछ परेशानियां भी देने का काम कर सकता है। साथ ही साथ पांव की तकलीफ विशेष पंजों के आसपास की तकलीफ भी रह सकती है।
उपाय: नियमित रूप से मंदिर जाना शुभ रहेगा।
कर्क राशि
सूर्य आपकी कुंडली में दूसरे भाव के स्वामी होते हैं और गोचरवश ये आपके लाभ भाव में गए हैं। सामान्य तौर पर लाभ भाव में सूर्य के गोचर को काफी अच्छे परिणाम देने वाला माना जाता है। ऊपर से धन भाव के स्वामी का लाभ भाव में जाना आर्थिक मामलों में काफी अच्छे परिणाम दिलाने वाला माना गया है। अतः सूर्य का यह गोचर आपको विभिन्न प्रकार से लाभ करवा सकता है। यदि आप नौकरीपेशा हैं तो पदोन्नति की संभावनाएं मजबूत होंगी। यदि कंपनी की पॉलिसी के अनुसार इस समय प्रमोशन संभव नहीं है तो आने वाले समय में इस समय अवधि में किए गए कामों का लाभ आपको मिल सकेगा। पिता और पिता तुल्य व्यक्तियों का सहयोग और मार्गदर्शन आपके लिए फायदेमंद रहेगा। स्वास्थ्य के लिहाज से भी सूर्य का यह गोचर अच्छा कहा गया है।
उपाय: मांस, मदिरा और अंडे का पूरी तरह से त्याग करना उपाय की तरह काम करेगा।
सिंह राशि
सूर्य ग्रह आपकी लग्न या राशि के स्वामी होकर आपके दशम भाव में गोचर करने जा रहे हैं। दशम भाव में सूर्य का गोचर सामान्य तौर पर अनुकूल परिणाम देने वाला माना गया है। अतः इस गोचर की अवधि में आपका कार्यक्षेत्र काफी अच्छा रहेगा। प्रमोशन इत्यादि की संभावनाएं मजबूत होंगी। शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में भी अच्छी अनुकूलता देखने को मिल सकती है। किसी सरकारी कर्मचारी के सहयोग से आपको लाभ मिल सकता है। कोर्ट कचहरी से जुड़े मामलों में भी सकारात्मकता देखने को मिल सकती है। सूर्य का यह गोचर मान प्रतिष्ठा दिलाने में भी आपके लिए मददगार बन सकता है। पिता और पिता से संबंधित मामलों में भी इस समय अवधि में अनुकूलता देखने को मिल सकती है। पंचमेश के साथ दशम भाव में युति करने के कारण सहकर्मियों के साथ आपके संबंध बेहतर होंगे। किसी सहकर्मी से प्रेम होने की भी संभावनाएं हैं।
उपाय: गरीब को शनिवार के दिन काले कपड़े का दान करना शुभ रहेगा।
कन्या राशि
सूर्य आपकी कुंडली में द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और गोचरवश सूर्य आपके भाग्य भाव में पहुंच रहे हैं। भाग्य भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छा नहीं कहा गया है लेकिन हमने अपने अनुभव में पाया है कि यहां का सूर्य कोई बड़ी परेशानी भी नहीं देता है। अर्थात यहां पर सूर्य का गोचर आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है। फिर भी कार्य क्षेत्र को लेकर भाग दौड़ की अधिकता रह सकती है और भाग दौड़ की तुलना में परिणाम थोड़े से कमजोर रह सकते हैं लेकिन काफी कुछ परिणाम आपके फ़ेवर में हो सकते हैं। दूर की यात्राओं के लिए किया जा रहे प्रयास में सफलता मिल सकती है। दूर के स्थान विशेष कर विदेश से संबंधित मामलों में सहजता और अनुकूलता देखने को मिल सकती है। वैसे गोचरशास्त्र नवम भाव में सूर्य की गोचर को भाग्य की हानि करवाने वाला मानते हैं लेकिन बृहस्पति की संगति में होने के कारण सूर्य कोई बड़ी प्रतिकूलता नहीं देंगे। आप अपने कर्म के अनुसार परिणाम प्राप्त करते रहेंगे।
उपाय: रविवार के दिन नमक का सेवन न करना उपाय की तरह काम करेगा।
सूर्य आपकी कुंडली में लाभ भाव के स्वामी होते हैं और गोचर में यह आपके अष्टम भाव में पहुंच रहे हैं। लाभ भाव में सूर्य के गोचर को सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम देने वाला नहीं माना जाता है। अतः इस अवधि में मेहनत का ग्राफ तुलनात्मक रूप से बढ़ सकता है। आमदनी के रास्ते में भी कुछ रुकावटें देखने को मिल सकती हैं अथवा ऐसा भी हो सकता है कि आप जिस काम को कर रहे हैं वह काम भले ही पूरा हो जाए लेकिन उससे मिलने वाली आमदनी या प्रॉफिट फिलहाल प्रॉपर तरीके से आपको न मिल पाए बल्कि आने वाले कुछ समय के बाद ही उसे अच्छे परिणाम मिलने की उम्मीद नजर आए। सूर्य का यह गोचर स्वास्थ्य में भी कुछ कमजोरी देने का काम कर सकता है। विशेषकर आंखों से संबंधित कुछ परेशानियां इस गोचर की अवधि में देखने को मिल सकती हैं। इस अवधि में शासन प्रशासन से जुड़े लोगों के साथ अच्छे संबंध मेंटेन करने की कोशिश जरूरी रहेगी।
उपाय: स्वयं को क्रोध और कलह से दूर रखना उपाय की तरह काम करेगा।
वृश्चिक राशि
कर्म स्थान का स्वामी अर्थात दशम भाव का स्वामी अपने से दशम भाव में जा रहा है। ऐसी स्थिति में व्यापार व्यवसाय से संबंधित मामलों में कुछ अनुकूलता देखने को मिल सकती है। वैसे सामान्य तौर पर सूर्य के गोचर को सप्तम भाव में अच्छा नहीं माना गया है लेकिन दशम से दशम आने के कारण सूर्य कुछ अच्छे परिणाम भी दे सकता है। किन्तु अन्य मामलों में सूर्य का यह गोचर कुछ कमजोर परिणाम दे सकता है। विवाहित होने की स्थिति में पति या पत्नी के साथ कुछ विवाद देखने को मिल सकते हैं। वहीं जो लोग विवाहित नहीं है और कोई काम साझेदारी में कर रहे हैं तो साझेदार के साथ कुछ मनमुटाव देखने को मिल सकता है। यात्राओं में कुछ परेशानियां भी देखने को मिल सकती हैं। हालांकि व्यापार व्यवसाय में कुछ तेजी देखने को मिलेगी लेकिन नए सिरे से कोई बड़ा व्यापारिक निर्णय इस गोचर की अवधि में लेना ठीक नहीं रहेगा। आंखों की तकलीफ या फिर सिर दर्द की शिकायतें भी बीच-बीच में देखने को मिल सकती हैं। लू लगना तथा बुखार आदि की भी संभावनाएं बन सकती हैं।
उपाय: उरविवार के दिन नमक नहीं खाना है। वैसे इस पूरे महीने ही नमक कम मात्रा में खाना उपाय की तरह काम करेगा।
धनु राशि
सूर्य आपके भाग्य भाव के स्वामी होते हैं और गोचर में यह आपके छठे भाव में पहुंचे हैं। सामान्य तौर पर छठे भाव में सूर्य के गोचर को काफी अच्छा माना जाता है। हालांकि भाग्य स्थान का स्वामी छठे भाव में जा रहा है, जो भाग्य से संबंधित मामलों में कठिनाइयां दे सकता है लेकिन इसके बावजूद भी सूर्य का यह गोचर आपको अच्छे परिणाम देता हुआ प्रतीत हो रहा है। सूर्य के इस गोचर के चलते आपका स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है अर्थात यदि पिछले दिनों कोई स्वास्थ्य समस्या रही है तो वह आप ठीक हो सकती है। आप अपने प्रतिस्पर्धियों और अपने शत्रुओं से बेहतर स्थिति में देखे जा सकेंगे। आपकी मेहनत रंग लाएगी आपके कार्यक्षेत्र और प्रभाव में विस्तार देखने को मिल सकता है। सूर्य का यह गोचर शासन प्रशासन से जुड़े मामलों में भी अनुकूलता देने का काम कर सकता है।
उपाय: बंदरों को गेहूं और गुड़ खिलाना शुभ रहेगा।
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मकर राशि
सूर्य आपकी कुंडली में आठवें भाव के स्वामी होते हैं और गोचर में यह आपके पांचवें भाव में जा रहे हैं। सामान्य तौर पर इस गोचर को अच्छा नहीं माना जाएगा। इस गोचर के चलते हैं मन मस्तिष्क में कभी-कभी भ्रम की स्थितियां देखने को मिल सकती हैं अथवा किसी बात को लेकर आप तनाव ग्रस्त रह सकते हैं। संतान से संबंधित मामलों में भी कुछ चिंताएं या परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। दिमाग में आए भ्रम को तथ्य और तर्कों के माध्यम से दूर करना समझदारी का काम होगा। यदि आप विद्यार्थी हैं तो पढ़ाई पर अधिक फोकस करने की आवश्यकता रहेगी। साथ ही साथ गुरुजनों और वरिष्ठों के साथ तालमेल भी बेहतर बनाने की आवश्यकता रहेगी। शोध कार्य करने वाले विद्यार्थियों को इस गोचर की अवधि में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं लेकिन अन्य विद्यार्थियों के लिए इस गोचर को कमजोर कहा जाएगा। प्रेम संबंध के मामले में भी अहंकार से बचाना फायदेमंद रहेगा।
उपाय: सरसों के तेल की आठ बूंदे कच्ची मिट्टी में टपकना शुभ रहेगा।
कुंभ राशि
सूर्य की कुंडली में सप्तम भाव के स्वामी होते हैं और गोचर करते हुए यह आपके चतुर्थ भाव में पहुंचे हैं। सामान्य तौर पर सूर्य के गोचर को चौथे भाव में अच्छा नहीं माना जाता है। इस गोचर के चलते मन मस्तिष्क में किसी बात को लेकर तनाव रह सकता है। माता या माता से संबंधित मामलों में चिंता देखने को मिल सकती है। विशेषकर यदि माता को हृदय से संबंधित कोई परेशानी पहले से रही है तो इस अवधि में उनके स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखना जरूरी रहेगा। यदि घर गृहस्ती से संबंधित कोई परेशानी नजर आ रही है तो उसे छोटे लेवल पर ही सुलझा लेना समझदारी का काम होगा। जमीन जायदाद से जुड़े मामलों में भी जागरूक रहना समझदारी का काम होगा। बात का बतंगड़ बनाने की बजाय मामले को शुरुआत में सुलझा लेना उचित रहेगा। हालांकि सप्तमेश दशम भाव में गया है ऐसी स्थिति में पति या पत्नी के कार्य क्षेत्र से जुड़ी कुछ अच्छी खबरें सुनने को भी मिल सकती हैं।
उपाय: गरीबों की यथा समर्थ मदद करना और उन्हें भोजन करवाना शुभ रहेगा।
मीन राशि
सूर्य आपकी कुंडली में छठे भाव के स्वामी होते हैं और यह गोचरवश आपके तीसरे भाव में पहुंचे हैं। छठे भाव का तीसरे भाव से कनेक्शन प्रतिस्पर्धात्मक कामों में अच्छे परिणाम दिलाने का काम कर सकता है। आपका आत्मविश्वास सामान्य तौर पर अच्छा रहेगा। आपके करीबी आपका सहयोग करते हुए देखे जाएंगे। ऐसे में यदि आपने अच्छी योजना बनाकर काम किया तो आप विभिन्न मामलों में अच्छी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। सूर्य का यह गोचर स्थान लाभ करवाने वाला कहा गया है। अतः वाहन इत्यादि से संबंधित मामलों में अनुकूलता देखने को मिल सकती है। आप मनचाही जगह पर घूमने फिरने के लिए जा सकते हैं। स्वास्थ्य भी सामान्य तौर पर अच्छा रह सकता है। शासन प्रशासन से जुड़े व्यक्ति आपके सहयोग में देखे जा सकेंगे। आप प्रतिस्पर्धात्मक कामों में बेहतर स्थिति में नजर आ सकेंगे। सामाजिक पद प्रतिष्ठा के दृष्टिकोण से भी इस गोचर को अच्छा माना जाएगा।
उपाय: पिता की सेवा करें साथ ही साथ पिता और पिता तुल्य व्यक्तियों को दूध तथा चावल खिलाना उपाय की तरह काम करेगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. क्या सूर्य वृषभ राशि में मजबूत है?
उत्तर 1. वृषभ राशि में सूर्य वाले व्यक्ति आमतौर पर मजबूत इरादों वाले, दृढ़निश्चयी और व्यावहारिक होते हैं।
प्रश्न 2. सूर्य का वृषभ राशि में गोचर कब हो रहा है?
उत्तर 2. सूर्य का वृषभ राशि में गोचर 14 मई 2027 को होगा।
प्रश्न 3. सूर्य का गोचर कितने समय तक रहता है?
उत्तर 3. सूर्य एक राशि में एक महीने तक मौजूद रहते हैं।
वृषभ राशि में आ रहे हैं सूर्य, इन चार लोगों को करियर में मिलेंगे शानदार मौके, तरक्की देख दूसरों को होगी जलन
ज्योतिषशास्त्र में सूर्य देव को सभी ग्रहों का राजा कहा गया है। अगर सूर्य की कृपा मिल जाए, तो व्यक्ति को अपने जीवन में सब कुछ मिल जाता है। उसके कार्य पूर्ण होते हैं, उसका स्वास्थ्य उत्तम रहता है और दिमाग तेज़ होता है। सूर्य सकारात्मक परिणाम देने के साथ-साथ करियर में अपार सफलता भी प्रदान करते हैं और इस बार मई में होने वाला सूर्य का गोचर कुछ राशियों के करियर के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
इस ब्लॉग में आगे बताया गया है कि सूर्य का गोचर किस तिथि एवं राशि में हो रहा है और इस गोचर से किन राशियों के लोगों को करियर में सफलता मिलने के संकेत हैं।
सूर्य 14 मई 2024 की शाम 05 बजकर 41 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। सूर्य के इस गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। किसी राशि के लिए सूर्य का यह गोचर अनुकूल परिणाम लेकर आएगा, तो वहीं कुछ राशियों के जातकों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश करने पर कुछ राशियों के लोगों को अपने करियर में बड़ी सफलता मिलने की संभावना है। इन राशियों के बारे में जानने से पहले आप ज्योतिष में सूर्य ग्रह के महत्व एवं प्रभाव के बारे में जान लें।
ज्योतिष में सूर्य का महत्व एवं प्रभाव
सूर्य देव को मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा का कारक बताया गया है। आपको समाज एवं अपने जीवन में कितनी प्रतिष्ठा प्राप्त होगी, यह आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति पर ही निर्भर करता है। सूर्य के शुभ प्रभाव से व्यक्ति की नेतृत्व करने की क्षमता भी मज़बूत होती है।
वहीं अगर सूर्य राहु या केतु और मंगल जैसे ग्रह के साथ युति में हो, तो व्यक्ति को अपने जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है और उसके कार्यों में बाधाएं एवं अड़चनें आती हैं।
तो चलिए अब बिना देर किए जानते हैं कि सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश करने पर किन खास राशि के लोगों को अपने करियर में शुभ परिणाम मिलने वाले हैं।
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इन राशियों का चमकेगा करियर
मेष राशि
करियर के क्षेत्र में मेष राशि के लोग अपनी कड़ी मेहनत के दम पर खूब पैसा कमाने वाले हैं। आप इस समय पूरे समर्पण भाव के साथ काम करेंगे और अपने करियर को ऊंचाईयों तक लेकर जाएंगे। इसके अलावा आपके उच्च अधिकारी भी आपके काम से प्रसन्न होंगे और आपकी प्रशंसा करते हुए नज़र आएंगे। इससे आपका मन प्रसन्न एवं अपने काम को लेकर संतुष्ट रहेगा।
कर्क राशि के लिए सूर्य उनके दूसरे भाव के स्वामी हैं और अब उनके ग्यारहवें भाव में गोचर होने जा रहा है। इस समय आप अपने जीवन से बहुत ज्यादा संतुष्ट रहने वाले हैं। आपको अपने वरिष्ठ अधिकारियों का भरोसा और दिल जीतने का मौका मिलेगा।
आपके कार्यक्षेत्र में आपके उच्च अधिकारी आपके काम और मेहनत की प्रशंसा करेंगे। इसके साथ ही कार्यक्षेत्र में आपका मान-सम्मान भी बढ़ेगा और आपके सहकर्मी भी आपका आदर करेंगे।
वृश्चिक राशि के लिए सूर्य दसवें भाव के स्वामी हैं और अब सूर्य का वृषभ राशि में गोचर आपके सातवें भाव में हो रहा है। सूर्य के इस गोचर के कारण वृश्चिक राशि के लोगों को अपने करियर में अपार सफलता मिलने की संभावना है।
आपको अपने कार्यों में शानदार व सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। आपको अपने काम में सुख व समृद्धि भी प्राप्त होगी और आपका करियर जिस दिशा में जा रहा है, उसे देखकर आपको प्रसन्नता महसूस होगी। वहीं, इस समय व्यापारियों के लिए भी सफलता के योग बन रहे हैं।
मीन राशि के लोगों को सूर्य के इस गोचर के दौरान अपने करियर में शानदार परिणाम मिलने के योग बन रहे हैं। कार्यक्षेत्र में आपकी स्थिति बहुत अच्छी रहने वाली है। आप अपने करियर में हो रही उन्नति को देखकर काफी संतुष्ट और प्रसन्न महसूस करेंगे। आपके उच्च अधिकारी भी आपके काम की प्रशंसा कर सकते हैं।
इसके अलावा अपने ऑफिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपके संबंध अच्छे होंगे। आपको नौकरी के नए अवसर मिलने की भी संभावना है। आप कार्यक्षेत्र में अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल एवं सक्षम होंगे।
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कन्या राशि
कन्या राशि के लोगों के लिए सूर्य का वृषभ राशि में गोचर करना औसत रहने वाला है। आप अपने करियर को बेहतर करने और प्रगति एवं उच्च वेतन पाने के लिए नौकरी बदलने के बारे में सोच सकते हैं जो कि आपके करियर के लिए अच्छा भी है। अपने इस फैसले से आप संतुष्ट रहेंगे और इस दिशा में प्रयास करना शुरू कर सकते हैं।
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मई में बन रहा है ‘ट्रिपल त्रिग्रही योग’, इन राशियों पर बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा, अपार सफलता के हैं योग
प्रत्येक माह में किसी न किसी ग्रह का गोचर होता रहता है और ग्रह के गोचर या राशि परिवर्तन करने पर कुछ संयोग एवं राजयोग का निर्माण भी होता है। ये योग सभी राशियों को प्रभावित करते हैं लेकिन हर किसी के लिए इनका प्रभाव एक जैसा नहीं होता है। ग्रह किसी पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं, तो वहीं कुछ लोगों को ग्रह के गोचर या इनके गोचर से बन रहे राजयोग से नकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
गोचरों की दृष्टि से मई के महीने को बहुत लाभकारी माना जा रहा है। इस माह में कई ग्रहों का महत्वपूर्ण गोचर होने जा रहा है जिससे एक शुभ योग का निर्माण भी होगा। इस ब्लॉग में आगे विस्तार से बताया गया है कि मई में किस तिथि पर किस ग्रह का गोचर हो रहा है और इससे किन राशियों को सबसे ज्यादा लाभ मिलने की संभावना है।
बृहस्पति वृषभ राशि में 01 मई 2024 की दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर प्रवेश कर चुके हैं। इसके बाद बुध 10 मई 2024 की शाम 06 बजकर 39 मिनट पर मेष राशि में गोचर कर जाएंगे। फिर ऊर्जा और आत्मा के कारक ग्रह सूर्य 14 मई 2024 की शाम 05 बजकर 41 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। वहीं शुक्र का वृषभ राशि में गोचर 19 मई 2024 को 8:29 पर हो जाएगा।
ग्रहों के मई में गोचर करने से कई राजयोगों का निर्माण हो रहा है जिनमें से एक त्रिग्रही योग भी है। यह योग तीन ग्रहों की युति से बनता है। मई के महीने में एक नहीं बल्कि तीन बार त्रिग्रही योग अलग-अलग ग्रहों की युति से बन रहा है। यह योग कुछ राशियों के लोगों के लिए अपार समृद्धि और सफलता लेकर आएगा। इन राशियों के बारे में जानने से पहले आप त्रिग्रही योग के बारे में जान लें।
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त्रिग्रही योग क्या है
एक ही भाव या राशि में तीन ग्रहों के एकसाथ उपस्थित होने या युति करने पर त्रिग्रही योग का निर्माण होता है। ज्योतिष में इस योग को बहुत दुर्लभ माना जाता है लेकिन यह अत्यंत फलदायी भी होता है। मई में सबसे पहले त्रिग्रही योग वृषभ राशि के धन के भाव में बनने जा रहा है। यह योग शुक्र, गुरु और सूर्य की युति से बनेगा। इसके बाद जब बुध मेष राशि के लग्न भाव में प्रवेश करेंगे, तब दूसरा त्रिग्रही योग बनेगा। यहां पर शुक्र, सूर्य और बुध इस योग का निर्माण करेंगे। इसके अलावा बारहवें भाव में बुध, मंगल और राहु त्रिग्रही योग बनाएंगे।
तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मई में बनने वाले त्रिग्रही योग किन राशियों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।
मई का महीना मेष राशि के लोगों की आर्थिक स्थिति के लिए बहुत अच्छा रहने वाला है। बुध, शुक्र और सूर्य के त्रिग्रही योग से आपके लिए विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं। यदि आप उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेश जाने की सोच रहे हैं, तो इस समय आपका यह सपना भी पूरा होगा। आपकी आमदनी के नए स्रोत खुलेंगे। आपको अपने कार्यों में अपने भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। नौकरीपेशा जातकों के लिए भी लाभ की स्थिति बनी हुई है।
व्यापारियों को भी मोटा मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा। करियर में उन्नति मिलेगी। इस समय आपको अचानक से ऐसी नौकरी मिल सकती है, जिसके बारे में आपने पहले कभी सोचा तक नहीं था। आपको अपनी कड़ी मेहनत का फल मिलने वाला है। निवेश किए गए पैसे से भी लाभ मिलने के संकेत हैं। आप प्रॉपर्टी आदि में निवेश कर सकते हैं। परिवार के साथ अच्छा समय बिताएंगे।
ट्रिपल त्रिग्रही योग से वृषभ राशि के लोगों की किस्मत के तारे भी चमकने वाले हैं। आपको हर क्षेत्र में सफलता और प्रगति मिलेगी। अगर आपका कोई काम लंबे समय से अटका हुआ है, तो अब वह पूरा हो सकता है। आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। आमदनी बढ़ने से आपको पैसों की तंगी भी परेशान नहीं करेगी।
आप पैसों की बचत करने में भी सफल होंगे। परिवार के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा और आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगी। पारिवारिक विवाद खत्म हो सकते हैं। आप अपनी बुद्धिमानी और संचार कौशल से कई प्रोजेक्ट और डील हासिल कर सकते हैं। स्वास्थ्य के लिए भी अनुकूल समय है। नौकरीपेशा जातकों को पदोन्नति के साथ वेतन में वृद्धि का शुभ समाचार मिल सकता है।
मिथुन राशि के छात्रों के लिए यह ट्रिपल त्रिग्रही योग मंगलकारी सिद्ध होगा। आपकी आय के नए साधन बनेंगे। इससे आपकी आर्थिक स्थिति में स्थिरता आएगी और पैसों की तंगी दूर होगी। निवेश किए गए पैसे से भी लाभ होगा। आपको अपने भाग्य का पूरा साथ मिलने वाला है। शेयर मार्केट में पैसा लगाने वाले लोगों को दोगुना लाभ होने के संकेत हैं। हालांकि, अंगारक योग बनने की वजह से आपको धन से संबंधित कोई भी निर्णय जल्दबाज़ी में नहीं लेना है।
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गंगा सप्तमी पर इन सरल उपायों से मिलेगा मोक्ष, पितृ दोष भी होगा खत्म
हिंदू धर्म में मां गंगा को अत्यंत पवित्र और मोक्षदायिनी माना गया है। सभी रीति-रिवाज़ों और अनुष्ठानों में गंगाजल का प्रयोग किया जाता है। बच्चे के जन्म से लेकर मृत्यु के अनुष्ठानों तक में गंगाजल का उपयोग करने का विधान है।
गंगा सप्तमी के दिन गंगा के पवित्र जल में स्नान करने से लोगों के सभी पाप धुल जाते हैं और उनके जीवन में सुख-शांति आती हैं एवं उनके मान-सम्मान में वृद्धि होती है। इसके साथ ही गंगा सप्तमी पर गंगा नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।
माना जाता है कि इस दिन मां गंगा की उपासना करने से अशुभ ग्रह के प्रभाव को कम किया जा सकता है। इस ब्लॉग में आगे बताया गया है कि गंगा सप्तमी 2024 की तिथि, पूजन मुहुर्त और महत्व क्या है।
14 मई, 2024 को मंगलवार के दिन गंगा सप्तमी का पर्व पड़ रहा है। गंगा सप्तमी का मध्याह्न मुहूर्त सुबह 10 बजकर 56 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। यह समयावधि दो घंटे 43 मिनट की रहेगी।
गंगा सप्तमी पर सप्तमी तिथि की शुरुआत 14 मई की सुबह 02 बजकर 52 मिनट से होगी और यह 15 मई की सुबह 04 बजकर 21 मिनट तक रहेगी।
इस दिन पुष्य नक्षत्र बन रहा है जिसे वैदिक ज्योतिष में बहुत शुभ माना जाता है। 14 मई को सुबह 11 बजकर 24 मिनट पर पुष्य नक्षत्र आरंभ होगा और दोपहर 01 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पुष्य नक्षत्र के स्वामी ग्रह शनि देव हैं और इसके हिंदू देवता बृहस्पति हैं। यह नक्षत्र पुरुष तत्व का है।
स्वर्ग से धरती पर आने से पहले मां गंगा को भगवान शिव ने अपनी जटाओं में धारण किया था। उस दिन शुक्ल पक्ष के वैशाख माह की सप्तम तिथि थी। बस, तभी से इस दिन तिथि पर गंगा सप्तमी मनाई जाती है। सप्तमी तिथि पर धरती पर गंगा के अवतरण की वजह से इस दिन को सप्तमी तिथि के नाम से जाना जाता है।
शास्त्रों में कई अवसरों पर गंगा नदी में स्नान करने के महत्व के बारे में बताया गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पाप धुल सकते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
इसके साथ ही इस दिन गंगा मां के पूजन एवं गंगा नदी में स्नान करने से ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव भी कम हो जाते हैं और उनके जीवन में सुख-शांति, प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा आती है। इस दिन दान-पुण्य करने का भी बहुत महत्व है।
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गंगा सप्तमी की पूजन विधि
गंगा सप्तमी के दिन आप निम्न विधि से पूजन कर सकते हैं:
आप गंगा सप्तमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा नदी में स्नान करें। यदि आप नदी में स्नान करने नहीं जा सकते हैं, तो अपने घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर लें।
अब आप अपने घर के पूजन स्थल में आकर मां गंगा को फूल, सिंदूर, अक्षत, गुलाल, लाल रंग के पुष्प और लाल चंदन के साथ प्रसाद अर्पित करें।
आप भोग में गुड़ या अन्य कोई सफेद रंग की मिठाई अर्पित करें।
इसके बाद मां गंगा का आशीर्वाद लेने के लिए गंगा आरती करें।
इसके पश्चात् धूप और दीपक जलाएं एवं श्री गंगा सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें। इसके साथ ही आप गंगा मंत्र ‘ॐ नमो भगवती हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा:’ मंत्र का जाप करें।
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गंगा सप्तमी पर दीप दान
इस दिन दीपक जलाकर उसे बहते हुए जल में प्रवाहित करने का भी रिवाज़ है। यदि आप बहते हुए जल में दीपक जलाकर प्रवाहित नहीं कर सकते हें, तो आप गंगा सप्तमी के दिन अपने घर के अंदर दीपक जला सकते हैं। इसके बाद आप गायत्री मंत्र और सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।
गंगा सप्तमी 2024 के दिन क्या करें और क्या न करें
गंगा सप्तमी के दिन आप स्नान करने के बाद मां गंगा का पूजन करें। एक कटोरी में गंगा जल भरें और उस कटोरी के आगे गाय के घी का दीपक जलाएं। अब आप मां गंगा का स्मरण करें। इसके बाद गंगा आरती करें।
इस दिन दान-पुण्य का भी बहुत महत्व है। आप जरूरतमंद, गरीब लोगों और बच्चों को भोजन करवाएं एवं अपने सामर्थ्यानुसार उन्हें दान भी दें। इसके अलावा ब्राह्मणों को भी अन्न, धन और वस्त्रों का दान करें। इस उपाय को करने से मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग खुल जाता है और कई जन्मों के पाप भी धुल जाते हैं।
आप गंगा सप्तमी के दिन शिव मंदिर जाकर शिवलिंग का अभिषेक करें। भोलेनाथ की जटाओं से ही मां गंगा धरती पर आईं थीं इसलिए इस शुभ दिन पर भोलेनाथ की उपासना करने का भी बहुत महत्व है। इस दिन महादेव को बेलपत्र भी अर्पित कर सकते हैं।
गंगा सप्तमी के दिन कुछ ज्योतिषीय उपायों की मदद से आप अपने मोक्ष का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं एवं इस दिन कुछ विशेष उपायों की सहायता से आप अपनी मनोकामना को पूर्ण करने का आशीर्वाद भी ले सकते हैं।
अगर आपके लिए गंगा सप्तमी के दिन पवित्र नदी में जाकर स्नान करना संभव नहीं है, तो आप अपने घर के नज़दीक किसी नदी में जाएं और वहां पर स्नान करें। स्नान करते समय मां गंगा का ध्यान करें। यदि यह भी संभव नहीं है, तो इस दिन गंगा जल का स्पर्श और सेवन जरूर करें।
विष्णु पुराण में उल्लिखित है कि मां गंगा का केवल नाम लेने से, गंगा को देखने, गंगा का जल पीने से, उसे स्पर्श करने से, गंगा में स्नान करने से और सौ कोस दूर से भी गंगा का नाम लेने से मनुष्य के तीन जन्मों के पाप धुल सकते हैं।
यदि आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और बहुत प्रयास करने के बाद भी आपकी तंगी दूर नहीं हो रही है, तो गंगा सप्तमी के दिन एक चांदी का पात्र लें और उसमें गंगाजल भरें। इस जल को अपने घर की उत्तर पूर्व दिशों में रख दें। इस उपाय को करने से आपके घर में धन का आगमन होगा।
आप अपने घर के पूजन स्थल में और रसोई की उत्तर-पूर्व दिशा में गंगाजल जरूर रखें। इस उपाय को करने से आपको आर्थिक लाभ होगा। आपकी आमदनी के स्रोत बढ़ेंगे और आपकी सफलता के मार्ग प्रशस्त होंगे। घर में गंगाजल रखने से सकारात्मक ऊर्जा रहती है और वहां पर मां लक्ष्मी का वास होता है।
अगर आपके घर या दुकान में वास्तुदोष है और उसके कारण आपको आर्थिक, मानसिक या शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो आप गंगा सप्तमी के दिन एक उपाय कर के देखें। आप गंगा सप्तमी से पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें। रोज़ ऐसा करने से वास्तुदोष दूर हो जाता है। इस उपाय को करने से आपके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे और आपके घर-परिवार की मानसिक एवं शारीरिक परेशानियां मिट जाएंगी।
आपको अपने जीवन में किसी ग्रह का अशुभ प्रभाव मिल रहा है, तो आप गंगा सप्तमी के दिन शिवलिंग पर गंगा जल से अभिषेक करें। आपको ऐसा रोज़ करना है। इससे भोले बाबा जल्दी प्रसन्न हो जाएंगे और आपकी कुंडली के सभी दोष दूर होंगे।
इसके अलावा शनिवार के दिन एक लोटे में गंगा जल डालकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं। इस उपाय की सहायता से शनि देव के अशुभ प्रभाव दूर हो जाते हैं।
गंगा सप्तमी 2024 के दिन मां गंगा की पूजा करने और पितरों के नाम से पिंडदान, तर्पण और दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं और आपको पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इस उपाय से अश्वमेघ यज्ञ जितना फल प्राप्त होता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. गंगा नहान कब है 2024?
उत्तर 1. 14 मई 2024 को।
प्रश्न 2. गंगा सप्तमी के दिन क्या करना चाहिए?
उत्तर 2. 14 मई, 2024 को मंगलवार के दिन गंगा सप्तमी का पर्व पड़ रहा है।
प्रश्न 3. गंगा स्नान कौन सी तारीख का पड़ रहा है?
उत्तर 3. गंगा स्नान कार्तिक पूर्णिमा के दिन किया जाता है और यह तिथि 15 नवंबर 2024 शुक्रवार के दिन पड़ रही है।
प्रश्न 4. गंगा मंत्र क्या है?
उत्तर 4. ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:।
सूर्य गोचर: वृषभ राशि में आते ही सूर्य चमकाएंगे इन राशियों का भाग्य- मान-सम्मान में होगी वृद्धि!
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में सूर्य को महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा दिया गया है। माना जाता है कि सूर्य के बिना धरती पर जीवन की कल्पना करना भी नामुमकिन है। ऐसे में स्वाभाविक है कि जब सूर्य का कोई भी परिवर्तन होता है तो उसे भी महत्वपूर्ण ही माना जाता है। इसी कड़ी में आज अपने इस विशेष ब्लॉग में हम बात कर रहे हैं जल्द होने वाले सूर्य के गोचर की।
दरअसल मई के महीने में सूर्य का वृषभ राशि में गोचर होने जा रहा है और अपने इस खास ब्लॉग में हम इसी बारे में जानकारी हासिल करेंगे। साथ ही जानेंगे इसका सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और सूर्य के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए क्या कुछ उपाय किया जा सकते हैं। इसकी जानकारी भी आपको इस लेख के माध्यम से दी जा रही है। तो चलिए बिना देरी किए हुए शुरू करते हैं हमारा यह खास ब्लॉग और सबसे पहले जान लेते हैं सूर्य के वृषभ राशि में गोचर का समय क्या रहेगा।
सबसे पहले बात करें सूर्य के इस गोचर के समय की तो ऊर्जा और आत्मा का कारक माने जाने वाला सूर्य ग्रह 14 मई 2024 को शाम 5:41 पर होगा जब सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएगा।
ज्योतिष में सूर्य ग्रह का महत्व
हिंदू धर्म में सूर्य ग्रह को मंत्रिमंडल में राजा की उपाधि दी गई है। ज्योतिष में सूर्य देव को मान, सम्मान, उच्च पद और नेतृत्व क्षमता से जोड़कर देखा जाता है। राशियों में सिंह राशि का स्वामित्व सूर्य देव के पास होता है। इसके अलावा मेष और तुला सूर्य की क्रमशः उच्च और नीच के माने गए हैं।
ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि जिन जातकों की कुंडली में सूर्य देव उच्च के हों या मजबूत स्थान पर मजबूत स्थिति में हों ऐसे जातक करियर में अच्छी सफलता हासिल करते हैं, समाज में मान सम्मान हासिल करते हैं, इन्हें तमाम तरह के लाभ मिलते हैं, प्रशासनिक लाभ मिलते हैं, उनकी सेहत उत्तम रहती है, साथ ही उनके पिता के साथ उनके रिश्ते बेहद ही शानदार होते हैं।
वहीं इसके विपरीत अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर है या फिर पीड़ित अवस्था में होता है तो ऐसे जातकों को दिल और आंख से संबंधित बीमारियां झेलनी पड़ती है, पित्त और हड्डियों की परेशानियां भी इन्हें दिक्कत में डालती है, ऐसी स्थिति में सूर्य ग्रह से संबंधित कुछ विशेष उपाय किए जाने की सलाह दी जाती है।
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कमजोर सूर्य के लक्षण और उपाय
ज्योतिष में माना जाता है कि जब भी कोई ग्रह कुंडली में कमजोर अवस्था में होता है तो वह व्यक्ति को तमाम तरह के लक्षण देता है जिसे समझ कर अगर आप भी अपने जीवन में उस ग्रह से संबंधित उपाय कर लें तो उस ग्रह के दुष्परिणाम आपको झेलने नहीं पड़ेंगे। बात करें सूर्य ग्रहण के कमजोर होने के लक्षणों की तो,
जब भी किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर अवस्था में होता है तो ऐसे जातकों के मान सम्मान में कमी आने लगती है। बेवजह समाज में इनका नाम खराब होने लगता है।
सरकारी नौकरी के लिए चाहे जितना भी प्रयत्न करें इन्हें सफलता नहीं मिल पाती है।
इन जातकों के अपने पिता के साथ रिश्ता बिगड़ने लगते हैं।
इसके अलावा कहा जाता है कि जब कुंडली में सूर्य पीड़ित अवस्था में होता है तो ऐसे जातकों को पितृ दोष जैसे जटिल दोष का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकार जातकों को सूर्य से संबंधित उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय जानने से पहले आइये समझ लेते हैं पितृ दोष आखिर क्या होता है?
पितृ दोष का अर्थ समझना है तो इसका नाम ही काफी है। दरअसल पितृ शब्द का अर्थ होता है पूर्वज और दोष अर्थात नकारात्मक कर्म। ऐसे में पितृ दोष का मतलब होता है पूर्वजों के लिए व्यक्ति से जाने-अनजाने में किए गए ऐसे काम जिससे पूर्वजों को अच्छा नहीं लगा हो। ऐसे कार्य से जो दोष उत्पन्न होता है उसे पितृ दोष कहते हैं। ऐसे में इस दोष का अर्थ होता है कि जब व्यक्ति के पूर्वज उसे किसी बात को लेकर दुखी होते हैं।
जन्म कुंडली में कई संकेत होते हैं जो बताते हैं कि व्यक्ति को पितृ दोष है जैसे कि,
अगर सूर्य, चंद्रमा और राहु नवम घर में स्थित है तो कहा जाता है कि व्यक्ति को पितृ दोष लगता है।
कुंडली के चतुर्थ भाव में केतु स्थित हो तो भी पितृ दोष के निशानी है।
अगर सूर्य, चंद्रमा राहु या केतु मंगल या शनि जैसे अशुभ ग्रहों से पीड़ित हो तो यह भी पितृ दोष के संकेत होते हैं।
इसके अलावा जब किसी व्यक्ति के जीवन में पितृ दोष का साया पड़ता है तो उसके घर परिवार में गलतफहमियां और झगड़े बढ़ जाते हैं, आर्थिक परेशानियां होने लगते हैं, पुरानी बीमारियां और स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां बढ़ने लगती हैं, करियर में बेवजह की रुकावटें आने लगती हैं, मानसिक स्वास्थ्य गिरने लगता है, ऐसी स्थिति में भी कुछ उपाय करने की सलाह दी जाती है।
सूर्य को मजबूत करने और पितृ दोष को दूर करने के कारगर उपाय
तांबे का बर्तन, पीले या लाल रंग के वस्त्र, गेहूं, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन का दान करें।
रविवार के दिन व्रत रखें।
सूर्य देव को रोजाना स्नान करने के बाद अर्घ्य दें।
आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ करें।
पितृ तर्पण करें।
अपने पूर्वजों का आशीर्वाद लें और उनसे किसी भी गलती के लिए क्षमा मांगे।
पितृपक्ष के दौरान अपने पूर्वजों को नियमित रूप से भोजन अर्पित करें।
दिन में काम से कम 11 बार भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्र का जाप करें।
योग और ध्यान करें।
हालांकि इसके अलावा आप चाहें तो सूर्य ग्रह को मजबूत करने या फिर पितृ दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए आप व्यक्तिगत उपचार और सलाह भी किसी ज्योतिषी से प्राप्त कर सकते हैं ।
सूर्य का वृषभ राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि मई के महीने में होने वाला सूर्य का यह गोचर वृषभ राशि के साथ-साथ अन्य सभी 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करेगा। इसके अलावा हम आपको यहां पर राशि अनुसार उपायों की जानकारी भी दे रहे हैं जिन्हें अपना कर आप इस गोचर से मिलने वाले नकारात्मक प्रभाव को अपने जीवन से दूर कर सकते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. क्या वृषभ राशि सूर्य के लिए अच्छी है?
उत्तर 1. वैदिक ज्योतिष में वृषभ राशि में सूर्य की स्थिति को सकारात्मक नहीं माना जाता है क्योंकि वृषभ राशि के स्वामी शुक्र हैं और यह सूर्य के शत्रु ग्रह हैं।
प्रश्न 2. वृषभ राशि वाले को कौन से देवता की पूजा करनी चाहिए?
उत्तर 2. शुक्र ग्रह की स्वामी आराध्य मां दुर्गा होती है। इस वजह से वृषभ और तुला राशि के इष्ट देव मां दुर्गा है।
प्रश्न 3. अपने सूर्य को कैसे मजबूत करें?
उत्तर 3. प्रतिदिन सुबह तांबे के बर्तन से सूर्य को जल चढ़ाना सूर्य को मजबूत करने का एक शक्तिशाली उपाय है।
प्रश्न 4. वृषभ राशि वाले ऊर्जावान होते हैं?
उत्तर 4. वृषभ राशि के लोग ऊर्जा व साहस से भरे होते हैं।