Jupiter-Ketu Creates Navpancham Yoga: Which Zodiacs To Get Relief from Sorrows?

As per Vedic astrology, the transit of planets across zodiac signs creates various auspicious and inauspicious yogas. Such transits have different effects on the zodiac signs. The transit of Jupiter and Ketu is creating Navpancham Rajyoga. In astrology, this yoga is indicative of positive changes in the lives of people. 

On 01 May 2024, Jupiter transits in Taurus at 02:29 pm. And, from 30 October 2023, Ketu is present in the Virgo sign. In such a way, Jupiter and Ketu arrived in the ninth house of each other. The position of these two planets forms the Navpancham Yoga. This yoga is also formed in the Leo zodiac sign. 

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The natives of all the 12 zodiac signs will be affected by Navpancham Rajyoga due to the positioning of Ketu and Jupiter. The auspicious effects will result in a lucky period for three zodiac signs. This AstroSage blog explains Navpancham Yoga and the benefits availed by the zodiac signs due to it. 

What Is Navpancham Yoga?

The Navpancham Yoga is formed when the lord of the fifth house is present in the ninth house in the person’s horoscope. Also, the lord of the ninth house will be present in the fifth house. The position is considered auspicious and powerful in astrology. 

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Such a rare condition of planets holds great significance in the astrological world. The fifth house of the horoscope represents intelligence, creativity, and children. Also, the ninth house is the factor of learning, luck, and spirituality. 

As the two planets come in auspicious positions, the persons are filled with creativity, art, and other qualities. Such people are very intelligent and have immense success in the education field. 

List Of Zodiac Signs That Benefits From Navpancham Yoga 

Taurus 

The Navpancham Yoga will be very auspicious for the Taurus natives. Their income levels will increase tremendously. They will get new sources of income. The financial condition of Taurus natives will strengthen significantly. All plans regarding your work will be successful. 

The period is very favorable for Taurus business persons. They will get a chance to achieve success in their careers. Their profit levels also increase due to it. The business people can get a new deal in this period. This provides the opportunity to earn a lot of profits. At this time, they can earn a lot of money and thus can save money successfully. 

Read Here: Taurus Weekly Horoscope

Gemini 

The natives of the Gemini zodiac will hugely benefit from Navpancham Yoga. All their prepared plans will be successful. In this period, they will get respect & honor in the society. Their overall prestige in society also rises. They can think about investments and are likely to get profits from them. 

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The natives will be successful at work and they can think about starting a business. They will get the chance to earn money in their businesses. Their relationship with their spouse will get stronger. Their partners can also get promotions. They can enjoy all the pleasures in their lives. 

Read Here: Gemini Weekly Horoscope

Capricorn 

The Capricorn natives will get all the prosperity in this period. Their happiness and prosperity will increase. It will make their minds very happy. There are chances of buying a new vehicle or property etc. for themselves. There are chances of getting ancestral property. 

They will get all kinds of benefits in their lives. The employed people will get opportunities to progress in their work. They will succeed in saving money and their financial condition improves significantly. 

Read Here: Capricorn Weekly Horoscope

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FAQs 

Q1. Which planets are responsible for Navpancham Yoga?

Ans. Jupiter and Ketu are responsible for the creation of Navpancham Yoga. 

Q1. Who is the favorite deity of Ketu?

Ans. The favorite deity of Ketu is Lord Ganesha. 

Q2. Do Jupiter and Ketu have a friendship?

Ans. Ketu is the friend of Mercury, Venus, and Saturn. Whereas, Jupiter is neutral in friendship.

Q3. Who are Ketu’s enemies?

Ans. Ketu’s enemies are the Sun, Moon, and Mars.

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शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: इन राशियों को कराएगा लाभ- 3 राशियाँ रहें सावधान!

शुक्र गोचर 2024: एस्ट्रोसेज अपने हर एक ब्लॉग के साथ अपने रीडर्स को ज्योतिष की सबसे नई और महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना की जानकारी देने का प्रयत्न करता है। अपनी इसी कड़ी में आज हम आपके सामने एक बार फिर हाजिर हैं शुक्र गोचर से संबंधित अपना यह खास ब्लॉग लेकर। इस ब्लॉग के माध्यम से हम जानेंगे 19 मई 2024 को वृषभ राशि में होने वाले शुक्र गोचर के बारे में। साथ ही जानेंगे यह देश, दुनिया और राशियों को किस तरह से प्रभावित करेगा।

बात करें शुक्र ग्रह की तो यह दो राशियों पर शासन करता है। अर्थात वृषभ और तुला राशि का स्वामित्व शुक्र ग्रह के पास है और यही शुक्र ग्रह अब वृषभ राशि में गोचर करने के लिए भी तैयार है। वृषभ राशि में शुक्र को ज्यादा सूक्ष्म माना जाता है लेकिन तुला राशि में शुक्र के समान ही मजबूत होता है। आईए जानते हैं कि शुक्र को जब अपनी ही राशि में गोचर करेगा तो इससे क्या परिणाम देखने को मिलेंगे। 

शुक्र के वृषभ राशि में गोचर के बारे में अधिक जानने के लिए विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर करें बात 

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर: क्या रहेगा समय? 

सबसे पहले बात करें समय की तो शुक्र 19 मई 2024 को सुबह 8:29 पर वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे। शुक्र का यह गोचर अपनी ही राशि में होने वाला है। ऐसे में अधिकांश राशियों पर इसके शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे। चलिए आगे बढ़ते हैं और देखते हैं कि यह गोचर किन राशियों के जीवन में खुशियों की सौगात लेकर आने वाला है।

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वृषभ राशि में शुक्र- विशेषताएं 

ज्योतिष में शुक्र ग्रह को प्रेम, सौंदर्य, आनंद और सद्भाव का प्रतिनिधित्व करने वाला ग्रह माना गया है जबकि वृषभ राशि स्थिरता, कामुकता और भौतिक आराम से जुड़ी राशि मन जाती है। जब शुक्र वृषभ राशि में होता है तो इसे अपने उच्च स्थान पर माना जाता है जिसका अर्थ यह हुआ कि अपनी इस स्थिति में शुक्र विशेष रूप से अनुकूल स्थिति में है क्योंकि वृषभ पर शुक्र का ही शासन होता है।

शुक्र का यह स्थान प्रेम और रिश्तो के संदर्भ में अनुकूल परिणाम दे रहा है। वृषभ राशि में शुक्र वाले जातक स्वभाव से कामुक, स्नेही और वफादार साथी बनते हैं। इन्हें अपने रिश्ते में स्थिरता और सुरक्षा ज्यादा प्रिय होती है और यह अक्सर अपने रोमांटिक प्रयासों में आराम और भोग की ही तलाश करते हैं। ऐसे व्यक्तियों में सुंदरता, कला और जीवन को बेहतरीन बनाने वाली चीजों की गहरी सराहना होती है और वह उदारता और भक्ति के काम के माध्यम से अपने प्यार को व्यक्त करते हैं। 

इसके अलावा वृषभ राशि के जातक प्यार में काफी धैर्यवान और भरोसेमंद पार्टनर बनते हैं जो थोड़े समय के रोमांस के बजाय स्थिर लंबे समय तक चलने वाले रिश्ते को प्राथमिकता देते हैं। उनका प्रकृति और भौतिक दुनिया से गहरा संबंध होता है। इन्हें अच्छे भोजन, आरामदायक वातावरण और शानदार कपड़ों में सुख मिलता है। कुल मिलाकर देखा जाए तो वृषभ राशि में शुक्र दिल के मामले में एक सामंजस्यपूर्ण और कामुक ऊर्जा लेकर आता है जो व्यक्ति को जीवन के सुखों को अपनाने और आपसी विश्वास और स्नेह के आधार पर स्थाई पूर्ण रिश्ते को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

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शुक्र का वृषभ राशि में गोचर- इन राशियों को मिलेगा लाभ 

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चौथे और ग्यारहवें घर का स्वामी है। ग्यारहवें भाव में शुक्र का स्थान जीवन में प्रगति और मान-सम्मान, मान्यता की संभावना के संकेत दे रहा है। करियर में भी इस अवधि के दौरान आपको आशा जनक संभावनाएं प्राप्त होगी। लोगों से मान सम्मान और मान्यता प्राप्त होगी। साथ ही वेतन वृद्धि की भी आशंका है। इस अवधि में वित्तीय प्रबंधन कौशल आपके अंदर विकसित होगा जिससे अर्जित धन का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करवाने में आप कामयाब रहेंगे। 

कुल मिलाकर वित्त निश्चित रूप से स्थिर हो जाएगा। रिश्तो के मोर्चे पर बात करें तो आप अपने जीवन साथी के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते का लुफ्त उठाएंगे। इसके अलावा बढ़े हुए उत्साह से समग्र स्वास्थ्य और खुशहाली में सुधार देखने को मिलेगा। जीवन शक्ति और अनुकूलता आपके जीवन में बढ़ेगी।

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कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और नवम भाव पर शासन करता है। नवम घर में इसका स्थान करियर की आकांक्षाओं को साकार करने के अवसरों के संकेत देता है। आर्थिक रूप से बात करें तो आउटसोर्सिंग प्रयासों के माध्यम से आय की संभावना के साथ-साथ लाभ और बचत करने में भी आप कामयाब रहने वाले हैं। 

रिश्तों के संदर्भ में अपने जीवन साथी के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते को बढ़ावा देंगे। साथ ही उनसे समर्थन भी आपको प्राप्त होगा। स्वास्थ्य की दृष्टि से देखें तो शुक्र के इस गोचर के दौरान आपके जीवन में सब कुछ अनुकूल रहेगा। कोई भी बड़ी समस्या होने की संभावना नहीं है। 

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र सातवें और बारहवें घर का स्वामी है। सप्तम भाव में इसका स्थान आपके प्रयासों से होने वाले महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ की संभावना को दर्शा रहा है। अपने जीवनसाथी के साथ आपका रिश्ता अनुकूल बना रहेगा जिससे जीवन और रिश्ते में खुशहाली आएगी। इसके अलावा संतुलित आहार को अगर आप प्राथमिकता देंगे तो आपके समग्र स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलेगा। साथ ही आपका प्रतिरक्षा स्तर भी मजबूत होगा जिससे आप उत्तम स्वास्थ्य का लाभ उठाएंगे। 

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शुक्र का वृषभ राशि में गोचर- इन राशियों पर नजर आएगा नकारात्मक प्रभाव 

मेष राशि 

शुक्र मेष राशि के जातकों के लिए दूसरे और सातवें घर को नियंत्रित करता है। दूसरे घर में शुक्र संकेत दे रहा है कि शुक्र के इस गोचर के दौरान आपको अपने हित के अनुसार महत्वपूर्ण फैसले लेने में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक रूप से भी आपको घाटे मिलने की संभावना है जिससे जीवन में चुनौतियां बढ़ेंगी। रिश्तों में बात करें तो जीवनसाथी के साथ मतभेद बढ़ने की संभावना है। 

वृषभ राशि 

शुक्र वृषभ राशि के जातकों के लिए प्रथम भाव लग्न भाव का स्वामी है और छठे भाव पर शासन करता है। आर्थिक रूप से इस अवधि के दौरान पर्याप्त बचत कर पाने में आप असफल रहने वाले हैं। अपने रिश्ते में आपको अपने जीवन साथी के साथ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। शुक्र का लग्न राशि में गोचर और सप्तम भाव पर दृष्टि तथा मंगल की दृष्टि आपके विवाह में कुछ बाधाएँ उत्पन्न करने वाले साबित हो सकता है और आपके निजी जीवन में अशांति की वजह भी बन सकता है। इसके प्रति सावधान रहें।

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र छठे और 11वें घर का स्वामी है और वृषभ राशि में छठे घर में इसका वर्तमान गोचर जीवन में कम संतुष्टि और मध्यम प्रगति के संकेत दे रहा है। आर्थिक रूप से इस गोचर के दौरान आपके बढ़े हुए खर्चों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही आपको किसी तरह का लाभ भी नहीं प्राप्त होगा। रिश्तों के संदर्भ में बात करें तो अपने जीवन साथी के साथ आपकी असहमति सामने आ सकती है जिससे वाद विवाद होने की आशंका है।

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर- नोट कर लें प्रभावशाली उपाय 

  • शुक्रवार का व्रत करें और सफेद चीज़ें जैसे चावल, चीनी, आदि का दान करें।  
  • शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी या देवी दुर्गा की पूजा करें और उन्हें लाल रंग के फूल अर्पित करें। 
  • रोज सुबह मां लक्ष्मी अष्टकम का पाठ करें। 
  • ज्यादातर सफेद और गुलाबी कपड़े धारण करें और अपने आसपास अच्छी स्वच्छता बनाए रखें।
  • शुक्र के मंत्र “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” का जाप करें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. शुक्र के वृषभ राशि में होने का क्या मतलब है?

उत्तर 1. वृषभ राशि शुक्र की अपनी राशि है और इस राशि में वे अच्छे परिणाम प्रदान करते हैं।

प्रश्न 2. शुक्र किस राशि में उच्च के होते हैं?

उत्तर 2. शुक्र मीन राशि में उच्च के होते हैं।

प्रश्न 3. शुक्र के बलवान होने पर कैसे पता चलेगा?

उत्तर 3.  एक मजबूत शुक्र शीघ्र विवाह का संकेत दे सकता है, जबकि कमजोर शुक्र देर से विवाह की समस्याओं का अनुभव कर सकता है।

प्रश्न 4.  सुंदरता के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है?

उत्तर 4. शुक्र ग्रह।

क्या शतरंज के शौकीन अमित शाह के बिना अधूरी है मोदी की जीत, इस ग्रह का है विशेष महत्व!

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में किसी व्यक्ति की कुंडली का विशेष महत्व बताया गया है। जब जातक का जन्म होता है तभी उसके संपूर्ण जीवन का खाका कुंडली में ही अंकित हो जाता है। जातक के जन्म के समय ग्रह-नक्षत्रों के संयोग से कुंडली में कई तरह के योग, संयोग का निर्माण होता है और कई बार यह योग अपने लिए तो फायदेमंद होता ही है साथ ही, इससे हमारे साथ रहने वाले लोगों को भी इससे काफी फायदा मिलता है। राजनीति की बात करें तो कई बार इस बात से बहुत अधिक फर्क पड़ता है कि आपके साथ जो लोग हैं उनकी कुंडली आपको सपोर्ट करती है या नहीं। मौजूदा समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली को गृहमंत्री अमित शाह की कुंडली से जबरदस्त सपोर्ट मिलता है। यही वजह है कि उनके सभी निर्णय सही और देश हित के लिए होते हैं। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि कैसे अमित शाह की कुंडली नरेंद्र मोदी को सपोर्ट करती है।

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जानें क्या कहते हैं अमित शाह के सितारें 

बता दें कि एक बार 2019 के चुनाव से पहले अमित शाह से पूछा गया था कि क्या बीजेपी लोकसभा चुनाव के लिए तैयार है? क्या उसे मतदाताओं का सामना करने में डर नहीं लग रहा? इस बात पर अमित शाह ने तपाक से जवाब दिया था, “हमने 27 मई 2014 से ही 2019 और 2024 के चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी।” शतरंज के शौकीन अमित शाह को हमेशा से ही रणनीति बनाकर अपनी विरोधी पार्टी को टक्कर देते आए हैं और उनका यह अंदाज़ उन्हें बाकी नेताओं से अलग बनाता है। अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को हुआ था। उनकी चंद्र राशि मेष है। इनके राशि स्वामी मंगल चौथे यामी जनता के भाव में होकर नीचगत है लेकिन वहीं चौथे भाव के स्वामी केंद्र में मेष राशि में विराजमान हैं। एक तो मंगल का नीच भंग हुआ वहीं राशि परिवर्तन राजयोग बना रहे है, जिसकी वजह से इन्हें राजनीति में अपार सफलता मिली है।

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अमित शाह कैसे करते हैं नरेंद्र मोदी का सपोर्ट

अमित शाह का मंगल, बुध और बृहस्पति बहुत अधिक शक्तिशाली है। मंगल ग्रह ऊर्जा, भूमि, शक्ति, साहस, पराक्रम और शौर्य के कारक हैं। बुध ग्रह बुद्धि, व्यापार, वाणी, त्वचा और धन के कारक है, तो वहीं बृहस्पति सुख, सौभाग्य, यश, वैभव, धन और बुद्धि के कारक माने जाते हैं, यही कारण है कि इन ग्रहों के मजबूत होने पर उन्हें राजनीति क्षेत्र में अपार सफलता प्राप्त होती है और उनके द्वारा बनाई गई हर रणनीति सफल होती है। बुध और देव गुरु बृहस्पति की शक्ति उन्हें  सही निर्णय लेने में मदद करती है। उनके सपोर्ट के कारण ही नरेंद्र मोदी के फैसले सफल होते हैं।

इसके अलावा, अमित शाह का सूर्य नीच का है लेकिन सूर्य की राशि में शुक्र पांचवें भाव में होने से सूर्य का नीच भंग हुआ है इस कारण इनके तेज़ दिमाग विपक्षियों पर भारी पड़ जाता है।

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अमित शाह का जन्म चार्ट / कुंडली

नरेंद्र मोदी की कुंडली में क्या है अद्भुत

ज्योतिषियों जानकारों के अनुसार, नरेंद्र मोदी का सूर्य, चंद्रमा और शुक्र बहुत अधिक बलवान व शक्तिशाली है। उनकी हथेली में सूर्य और शुक्र का पर्वत है, जहां शुक्र मजबूत स्थिति में होते हैं वह जातक को विश्वभर में नाम और प्रतिष्ठा हासिल होती है। माना जाता है कि शुक्र ग्रह बहुत जल्दी चमत्कार दिखाना शुरू कर देते हैं। इसके अलावा, नरेंद्र मोदी की कुंडली में नीच भंग राजयोग बन रहा है। नीच भंग राजयोग का अर्थ है कि मुश्किलों के बाद जीवन में अपार सफलता प्राप्त होना, जो नरेंद्र मोदी के जीवन में स्पष्ट नजर भी आता है।

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नरेंद्र मोदी का जन्म चार्ट / कुंडली

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सोनिया गांधी की वजह से राहुल कांग्रेस में हैं अब तक मजबूत

सोनिया गांधी की कुंडली में सूर्य उच्च का है। उनके कारण ही राहुल गांधी और कांग्रेस टिकी हुई है। उनकी कुंडली में अद्भुत योग है, जिसका नाम शश योग है। यह योग बहुत ही शुभ होता है और इसके प्रभाव से जातक का भाग्य बहुत तेज़ होता है। सोनिया गांधी का केतु, राहु और प्लूटो मजबूत होने के परिणामस्वरूप पार्टी में उनका दबदबा है। ज्योतिष के अनुसार, सोनिया गांधी खुद सत्ता में खुद इसलिए नहीं आ पा रही है क्योंकि उनका गुरू कमज़ोर पड़ जाता है। इस वजह से पार्टी के भीतर भी सपोर्ट नहीं मिलता। फिलहाल उनकी कुंडली में केतु भी हावी है, जिस वजह से शुभ योग होने के बावजूद उन्हें अच्छे परिणाम नहीं मिल पाते हैं।

सोनिया गांधी का जन्म चार्ट / कुंडली

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. अमित शाह की कौन सी राशि है?

उत्तर 1.  अमित शाह की चंद्र राशि मेष है।

प्रश्न 2. नरेंद्र मोदी की राशि क्या है?

उत्तर 2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चंद्र राशि वृश्चिक है।

प्रश्न 3. प्रशासनिक अधिकारी बनने के लिये कुंडली में क्या होना चाहिए?

उत्तर 3. सूर्य लग्न में मेष राशि में हो और तीन-चार ग्रह शुभ स्थिति में होने पर व्यक्ति को प्रशासनिक अधिकारी बनाते हैं।

प्रमोशन का समय? टैरो कार्ड भविष्यवाणी से जानें कितने प्रतिशत होगी आपकी वेतन वृद्धि!

आज के समय में एक बेहतर और सुरक्षित नौकरी का होना किसी खूबसूरत सपने से कम नहीं होता है और इसी नौकरी में अगर आपको आपकी कड़ी मेहनत के लिए वेतन वृद्धि या प्रमोशन समय-समय पर दिया जाए तो यह तो सोने पर सुहागा वाली बात हो जाती है। कंपनियों में मई- जून का महीना प्रमोशन का महीना कहलाता है। इस दौरान लोगों को उनके परफॉर्मेंस और उनके काम के हिसाब से प्रमोट या फिर उनकी आय में वृद्धि की जाती है।

यह जानने की उत्सुकता तो हम सभी के अंदर रहती है कि इस साल हमारा प्रमोशन कब होगा? कैसे होगा और उससे हमें कितनी संतुष्टि मिलेगी? अगर आप भी अपने प्रमोशन को लेकर इस तरह के सवालों से घिरे हुए हैं तो आपको ऐस्ट्रोसेज के हमारे इस खास ब्लॉग में आपके इन्ही सवालों का जवाब दिया जाएगा। यहां पर हम आपको टैरो भविष्यवाणी के माध्यम से यह बताएंगे कि सभी 12 राशियों के लिए प्रमोशन के किस तरह के योग वर्ष 2024 में बन रहे हैं।

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आगे बढ़ने से पहले यह जान लेते हैं कि नौकरी और प्रमोशन के लिए ज्योतिष के अनुसार कौन सा ग्रह जिम्मेदार होता है।

अच्छी नौकरी और प्रमोशन के लिए ग्रह 

ज्योतिष शास्त्र  के अनुसार माना जाता है कि हर एक ग्रह का व्यक्ति के जीवन में अपना विशेष महत्व और योगदान होता है। बात करें नौकरी और इसमें प्रमोशन आदि से संबंधित ग्रह की तो सूर्य और गुरु और इसके लिए जिम्मेदार माना जाता है। जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य और गुरु शुभ स्थिति में होते हैं ऐसे लोगों को स्थाई नौकरी मिलती है, नौकरी में तरक्की मिलती है और प्रमोशन और वेतन वृद्धि भी मिलती है। नौकरी में प्रमोशन की बात करें तो इसके लिए मंगल, बुध और शनि महत्वपूर्ण माने जाते हैं। 

क्या आपकी कुंडली में सरकारी नौकरी का योग है? जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

कुंडली के भावों से जुड़े हैं नौकरी के संबंध 

  • कुंडली का दसवां भाव व्यक्ति का भविष्य बताता है। अर्थात व्यक्ति को नौकरी कब मिलेगी, मिलेगी तो कैसे मिलेगी, प्रमोशन कब होगा, नौकरी में समस्याएं कब तक रहेंगी? आदि, यह दसवें भाव से पता चलता है। 
  • कुंडली के दसवें भाव के स्वामी का संबंध अगर लग्नेश से हो तो नौकरी में समस्या नहीं होती है और सफलता मिलती है लेकिन 10वें भाव में अगर कोई पाप या अशुभ ग्रह है तो नौकरी स्थाई नहीं रहती है। 
  • कुंडली के दसवें भाव में राहु केतु या फिर मंगल ग्रह मौजूद हो तो व्यक्ति की नौकरी बार-बार छूट सकती है।  
  • जिन लोगों की कुंडली में गुरु और सूर्य शुभ या फिर उच्च स्थिति में होते हैं उनकी जॉब अच्छी रहती है, समय-समय पर तरक्की होती है और ऐसे लोग अपनी नौकरी से संतुष्ट रहते हैं।

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प्रमोशन 2024: क्या कहती है टैरो भविष्यवाणी?

मेष राशि 

प्राप्त कार्ड: द हिरोफैंट 

यह कार्ड इस बात के संकेत दे रहा है कि आप अभी तक अपने कार्यक्षेत्र से उचित तालमेल नहीं बिठा पाए हैं और आपको उनके काम करने का ढंग भी सही से समझ में नहीं आया है। आपके वरिष्ठ लोग इस बात पर कड़ी नजर रखे हुए हैं और इस बात की प्रबल संभावना है कि इस साल आपका अप्रेजल केवल 9 से 10% के बीच ही हो सकता है। सुधार की गुंजाइश हर जगह मौजूद होती है। ऐसे में हम आपको यही सुझाव देते हैं कि खुद को कंपनी के अनुरूप ढालने की कोशिश करें।

वृषभ राशि 

प्राप्त कार्ड: डेथ 

आर्थिक पक्ष की भविष्यवाणी करते समय अगर डेथ कार्ड आता है तो यह इस बात के संकेत देता है कि आपकी इनकम में अचानक से कमी आने वाली है या फिर आपको आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। प्रबल संभावना है कि वृषभ राशि के जातकों को इस साल केवल 3-5 % अप्रेजल से ही काम चलाना पड़े।

मिथुन राशि 

प्राप्त कार्ड: जजमेंट (रिवर्ज्ड) 

इस कार्ड से संकेत मिल रहे हैं कि वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपके संबंध अनुकूल नहीं हैं और इसका परिणाम आपको अप्रेजल में उठाना पड़ सकता है। हालांकि ज्यादा गंभीर तो नहीं लेकिन आपको इस साल केवल 9 से 11% के बीच अप्रेजल मिलने की आशंका है। 

कर्क राशि 

प्राप्त कार्ड:  क्वीन ऑफ़ कप्स 

आर्थिक पक्ष की भविष्यवाणी के संदर्भ में यह कार्ड बेहद ही अनुकूल माना जाता है। ऐसे में आपका अच्छा अप्रेजल होने की संभावना है।

सिंह राशि 

प्राप्त कार्ड: नाइन ऑफ पेंटाकल्स 

ये एक बेहतरीन कार्ड है और सिंह राशि के जातकों को इस साल अच्छा प्रमोशन या वेतन वृद्धि मिल सकती है। आपके वरिष्ठ लोग और सहकर्मी आपके काम से खुश हैं और आप जितनी उम्मीद कर रहे हैं या औसत से बेहतर वेतन वृद्धि आपको निश्चित रूप से प्राप्त होगी। 

कन्या राशि 

प्राप्त कार्ड: द एंप्रेस 

द एंप्रेस का कार्ड वृद्धि के संकेत देता है। ऐसे में उम्मीद है कि आप जितने की उम्मीद कर रहे हैं आपका अप्रेजल उससे बेहतर होगा। आर्थिक वृद्धि और स्थिरता आपके जीवन में आने वाली है।  

तुला राशि 

प्राप्त कार्ड: नाइन ऑफ कप्स 

नाइन ऑफ कप्स का कार्ड सपनों की पूर्ति का संकेत देता है। ऐसे में उम्मीद है कि आप जितने की आशा कर रहे हैं आपको उतना अप्रेजल इस साल मिल सकता है।  

वृश्चिक राशि

प्राप्त कार्ड: जस्टिस 

जस्टिस का कार्ड दे रहा है कि वृश्चिक राशि के जातकों को अनुकूल अप्रेसल इस साल प्राप्त होगा। 

धनु राशि 

प्राप्त कार्ड:  क्वीन ऑफ़ वौण्ड्स 

यह एक शुभ संकेत है और आपको अच्छी वेतन वृद्धि और आर्थिक स्थिरता मिलने वाली है। 

मकर राशि 

प्राप्त कार्ड: थ्री ऑफ पेंटाकल्स 

आपको आपकी कड़ी मेहनत का अच्छा परिणाम प्राप्त होगा और आपका अप्रेजल शानदार रहने वाला है। कुल मिलाकर आपके अच्छे दिन शुरू होने वाले हैं। 

कुंभ राशि 

प्राप्त कार्ड: नाइन ऑफ वौण्ड्स 

अगर आप अच्छे वेतन वृद्धि का उम्मीद कर रहे हैं तो आपको निराशा उठानी पड़ सकती है। संकेत मिल रहे हैं कि आपका अप्रेजल बहुत ही कम होगा। 

मीन राशि 

प्राप्त कार्ड: द टेंपरेंस 

यह कार्ड संकेत दे रहा है कि मीन राशि के जातकों का प्रमोशन काफी अच्छा होने वाला है और आप अपने वेतन वृद्धि से काफी खुश रहेंगे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 

प्रश्न 1: नौकरी के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार होता है?

उत्तर: सूर्य और गुरु।

प्रश्न 2: नौकरी में सफलता के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार माना गया है?

उत्तर: मंगल, बुध और शनि

प्रश्न 3: मेष जातकों को इस वर्ष कितना अप्रेजल मिलेगा?

उत्तर: मेष जातकों का अप्रेजल इस वर्ष 9 से 10% होने की संभावना है।

प्रश्न 4: मिथुन राशि के जातकों का इस वर्ष कैसा अप्रेजल होगा?

उत्तर: मिथुन जातकों को इस साल केवल 9 से 11% के बीच अप्रेजल मिलने की आशंका है।

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सूर्य के वृषभ राशि में आते ही चमक जाएगी इन राशियों की किस्‍मत, चारों दिशाओं से मिलेगा पैसा

ज्योतिष में सूर्य ग्रह को ग्रहों का राजा माना गया है। वह ऊर्जा और आत्मा के कारक भी हैं और अब सूर्य गोचर 14 मई 2024 की शाम 05 बजकर 41 मिनट पर वृषभ राशि में हो रहा है। सूर्य के इस गोचर का मानव जीवन के विभिन्‍न पहलुओं पर असर पड़ेगा। किसी को प्रेम जीवन में अनुकूल परिणाम मिलेंगे, तो वहीं कुछ लोगों के लिए यह गोचर रिश्‍तों में समस्‍याएं लेकर आएगा।

जब कोई ग्रह गोचर करता है, तो उसका असर मनुष्‍य के जीवन के हर पहलू पर पड़ता है और इस बार मई के माह में सूर्य का जो गोचर होने जा रहा है, उससे भी सभी राशियों के जीवन में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं।

सूर्य के इस गोचर के प्रभाव के कारण कुछ राशि के लोगों को अपने आर्थिक जीवन में लाभ मिलने के सं‍केत हैं। इस ब्‍लॉग में हम आपको यही जानकारी दे रहे हैं कि सूर्य का यह गोचर किस तिथि एवं समय पर हो रहा है और इस गोचर के प्रभाव से किन राशियों को धन के मामले में अपने भाग्‍य का साथ मिलने वाला है।

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ज्‍योतिष में सूर्य का महत्‍व

सूर्य के केंद्र में होने के कारण ज्‍योषिशास्‍त्र में सूर्य को ग्रहों के राजा का स्‍थान दिया गया है। पिता का कारक भी सूर्य ग्रह को ही बताया गया है। आपके अपने पिता के साथ किस तरह के संबंध होंगे, यह आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति पर ही निर्भर करता है। राजा होने की वजह से सूर्य सत्ता और सरकार का प्रतिनिधित्‍व करते हैं।

किसी व्‍यक्‍ति की नेतृत्‍व करने की क्षमता क्‍या होगी, समाज में उसे कितना मान-सम्‍मान मिलेगा, यह सब सूर्य की स्थिति पर ही निर्भर करत है। इसके अलावा सूर्य देव उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य, जीवनशक्‍ति और दृढ़ इच्‍छाशक्‍ति भी प्रदान करते हैं।

यदि कुंडली में सूर्य मज़बूत स्‍थान में हों, तो व्‍यक्‍ति की नेतृत्‍व करने की क्षमता बेहतर होती है और उसे समाज में उच्‍च स्‍थान प्राप्‍त होता है। उसके अपने पिता के साथ मधुर संबंध रहते हैं और वह व्‍यक्‍ति भरोसेमंद, उदार और परिपक्‍व स्‍वभाव का होता है।

कब हो रहा है सूर्य का गोचर

ऊर्जा और आत्मा के कारक ग्रह सूर्य 14 मई 2024 की शाम 05 बजकर 41 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। सूर्य के इस गोचर से जीवन के सभी क्षेत्र और पहलू प्रभावित होंगे और इसके कारण कुछ राशियों के लोगों को अपने आर्थिक जीवन में लाभ होने के आसार हैं।

तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश करने पर किन राशियों के लोगों को धन लाभ होने के संकेत हैं।

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इन राशियों को होगा धन लाभ

मेष राशि

सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश करने पर लाभान्वित होने वाली राशियों में सबसे पहला नाम मेष राशि का ही आता है। इस समय आपकी आमदनी में वृद्धि होगी जिससे आप पैसों की बचत कर पाने में भी सक्षम होंगे। हालांकि, आपको अपनी संतान पर थोड़ा खर्चा करना पड़ सकता है लेकिन इस दौरान आपकी आर्थिक स्थिति अच्‍छी रहने वाली है।

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सिंह राशि

सिंह राशि के लोगों के लिए भी यह गोचर अनुकूल साबित होगा। आपको इस समय धन को लेकर ज्‍यादा परेशान होने की आवश्‍यकता नहीं है। आपकी आय के स्रोत बढ़ जाएंगे जिसकी वजह से आप पैसों की बचत करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा अब आप पहले से ज्‍यादा धन संचय कर पाएंगे।

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वृश्चिक राशि

आपके लिए भी सूर्य का गोचर शुभ और भाग्‍यशाली साबित होगा। आपको धन से संबंधित मामलों में अपने भाग्‍य का साथ मिलेगा। आप उच्‍च मात्रा में धन की बचत कर पाएंगे और इससे आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। इससे आपको आगे चलकर भी कोई आर्थिक समस्‍या नहीं होगी। कुल मिलाकर वृश्चिक राशि के लोगों की आर्थिक स्थिति के लिए यह गोचर अच्‍छा रहने वाला है।

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मीन राशि

यदि आपकी मीन राशि है, तो आपको पैसों को लेकर ज्‍यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। इस समय आपको पैसों की कमी नहीं होगी। आपको पैतृक संपत्ति या अन्‍य किसी स्रोत से अचानक धन लाभ होने की संभावना है। इससे आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी और आपका मन प्रसन्‍न एवं संतुष्‍ट महसूस करेगा।

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इस एक दोष से बर्बाद हो सकती है आपकी जिंदगी, सिर पर चढ़ा रहता है गुस्‍सा

वैदिक ज्‍योतिष में अनेक शुभ एवं अशुभ योगों का उल्‍लेख किया गया है और इन योगों का हमारे जीवन पर नकारात्‍मक एवं सकारात्‍मक प्रभाव पड़ता है। नकारात्‍मक योगों की सूची में अंगारक योग का नाम भी आता है। इसे अंगारक दोष के नाम से भी जाना जाता है।

इस योग के बनने पर लोगों को अपने जीवन में नकारात्‍मक ऊर्जा का अनुभव होता। आपके जीवन के किस पहलू एवं क्षेत्र पर इस योग का नकारात्‍मक प्रभाव पड़ेगा, यह आपकी राशि पर निर्भर करता है।

इस ब्‍लॉग में आगे बताया गया है कि अंगारक योग क्‍या होता है, इसका प्रभाव क्‍या होता है और अंगारक योग के अशुभ प्रभाव कैसे कम होते हैं। साथ ही जानें कि आप अपनी कुंडली में अंगारक दोष का पता कैसे लगा सकते हैं।

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अंगारक योग क्‍या है

यह योग जलन, क्रोध, विवाद, झगड़े, अवसाद, मानसिक और शारीरिक पीड़ा आदि से जुड़ा है।। राहु और मंगल अंगारक योग का निर्माण करते हैं। जब किसी राशि में मंगल और राहु की युति होती है, तब यह योग बनता है।

मंगल ग्रह साहस, ऊर्जा और जोश का प्रतिनिधत्‍व करता है। यह ग्रह गुस्‍से, आक्रामकता, झगड़े, नकारात्‍मक विचारों, खून, अग्नि, सर्जरी, हथियार और पुलिस आदि कारक भी है। वहीं राहु की बात करें, तो यह ग्रह विस्‍तार, भ्रम, भौतिक सुखों, विष और गंदे स्‍थानों का कारक है।

राहु और मंगल की युति होने पर मंगल के नकारात्‍मक प्रभाव बढ़ जाते हैं। राहु भ्रम की स्थिति पैदा करता है और व्‍यक्‍ति सिर्फ अपने बारे में सोचने लगता है। इस समय व्‍यक्‍ति असंतु‍ष्‍ट रहता है और उसे बहुत ज्‍यादा क्रोध आता है। अंगारक योग मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी घातक सिद्ध हो सकता है।

राहु और मंगल की युति का प्रभाव

राहु और मंगल की युति में जीवन पर नकारात्‍मक और सकारात्‍मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। वहीं इसके प्रभाव में व्‍यक्‍ति अपने लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए प्रतिबद्ध और प्रयासरस रहता है। ऐसा कहा जाता है क‍ि हर 18 महीने में यह युति होती है और इसकी वजह से जीवन में कई महत्‍वपूर्ण बदलाव आते हैं।

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अंगारक योग के अशुभ प्रभाव कैसे कम होते हैं

राहु और मंगल की युति चुनौतीपूर्ण हो सकती है। कुछ उपायों की मदद से इस योग के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है। इन ज्‍योतिषीय उपायों में धार्मिक अनुष्‍ठान, मंत्र जाप या ग्रहों को प्रसन्‍न करने के लिए रत्‍न धारण करना शामिल है।

मानसिक समस्‍याओं से बचने के लिए ध्‍यान और योग आदि करने की सलाह भी दी जाती है क्‍योंकि इस दोष का असर जातक के मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर भी पड़ता है।

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अंगारक योग से प्रभावित लोग कैसे होते हैं

जिन लोगों पर अंगारक योग का प्रभाव होता है, उन्‍हें उनके व्‍यवहार से पहचाना जा सकता है। इस योग के प्रभाव से व्‍यक्‍ति बहुत ज्‍यादा गुस्‍सैल बन जाता है। वह निर्णय ले पाने में असक्षम होते हैं। ये लोग स्‍वभाव से मदद करने वाले होते हैं। इस योग के प्रभाव में आकर जातक को सरकारी पद पर नौकरी मिल सकती है या वो प्रशासनिक एजेंट बन सकता है।

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कुंडली में कैसे देखें अंगारक योग

कुंडली में इस योग की पुष्टि होने के बाद अन्‍य चीज़ों जैसे कि मंगल और राहु की स्थिति, नक्षत्र और नवांश कुंडली आदि के बारे में जानना होता है। ज्‍योतिष के अनुसार अगर यह योग मेष, सिंह, वृश्चिक, धनु और मकर या मीन राशि में बन रहा है, तो इसकी अशुभता कम हो जाती है। इसकी वजह यह है कि इन स्‍थानों पर मंगल राहु से ज्‍यादा मज़बूत होता है और राहु का मंगल पर उतना ज्‍यादा प्रभाव नहीं पड़ता है।

वहीं अंगारक योग के वृषभ, मिथुन, कर्क, तुला या कुंभ राशि में बनने पर मुश्किलें बढ़ जाती हैं। कुंडली में ऐसे संकेतों को समझना बहुत जरूरी है जो अंगारक योग के प्रभाव को कम या ज्‍यादा करते हैं। 

अंगारक योग के बारे में एक और चीज़ समझनी चाहिए कि कुंडली में राहु और मंगल कहां विराजमान हैं। यदि राहु और मंगल अशुभ स्‍थान में बैठे हैं, तो फिर इस स्थिति में अंगारक योग के नकारात्‍मक प्रभाव और ज्‍यादा बढ़ जाएंगे।

वहीं अगर राहु और मंगल शुभ स्‍थान में विराजमान हैं, तो इस स्थिति में अंगारक योग के अशुभ प्रभावों में कमी आएगी। इससे अंगारक योग के अशुभ प्रभावों को कुछ कम करने में भी मदद मिलती है।

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विवाह में अंगारक दोष

यदि वैवाहिक संबंध में अंगारक दोष हो, तो इस वजह से पति-पत्‍नी के बीच गुस्‍सा और अहंकार से संबंधित समस्‍याएं होने का खतरा रहता है। इस योग या दोष से प्रभावित व्‍यक्‍ति बिना सोचे-समझे गुस्‍सा करता है और अपने लिए ही मुश्किलें खड़ी कर लेता है।

इस दोष के गंभीर होने पर वैवाहिक संबंध में खटास और ज्‍यादा बढ़ जाती है क्‍योंकि इससे प्रभावित व्‍यक्‍ति अपने जीवनसाथी के साथ तालमेल बिठाने या उनकी बात सुनने को तैयार नहीं होता है। इसकी वजह से रिश्‍ते में चुनौतियां और परेशानियां आती हैं।

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अपनी कुंडली में अंगारक दोष का पता कैसे लगाएं

यदि आपकी कुंडली में राहु और मंगल एक साथ बैठे हैं, तो इसका मतलब है कि आपकी कुंडली में अंगारक दोष बन रहा है। वहीं अगर किसी व्‍यक्‍ति को बहुत जल्‍दी या आसानी से गुस्‍सा आ जाता है, तो उसे भी अंगारक दोष हो सकता है।

अंगारक दोष के सबसे पहले संकेत या लक्षण होते हैं बहुत ज्‍यादा गुस्‍सा आना, जलन या ईर्ष्‍या रखना, अति उत्तेजित रहना और बहुत अधिक ऊर्जावान महसूस करना। अंगारक दोष अच्‍छा या बुरा हो सकता है लेकिन इसके नकारात्‍मक परिणामों से बचने के लिए समझदारी से व्‍यवहार करना आवश्‍यक है।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. अंगारक योग से क्‍या होता है?

उत्तर. इस योग से प्रभावित व्‍यक्‍ति हिंसक और गुस्‍सैल हो जाता है।

प्रश्‍न. अंगारक योग की शांति कैसे करें?

उत्तर. रोज़ हनुमान चालीसा का पाठ करें।

प्रश्‍न. अंगारक योग कब बनता है?

उत्तर. कुंडली में राहु और मंगल की युति होने पर।

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साल 2025 इन राशियों के लिए पड़ेगा भारी, कदम-कदम पर होगा नुकसान

नए साल के आगमन से ही लोगों के मन में नई आशा और खुशियों की लहर दौड़ने लगती है। हर किसी को यही उम्‍मीद रहती है कि आने वाला साल उनके लिए खुशियां लेकर आएगा और जिन परिणामों का उन्‍हें इंतज़ार है, अब वह उन्‍हें मिल जाएंगे। हालांकि, नववर्ष हर किसी के लिए अनुकूल परिणाम लेकर नहीं आता है। यह कुछ लोगों के लिए सकारात्‍मक फल लेकर आता है, तो वहीं कुछ लोगों को इस दौरान नकारात्‍मक प्रभाव झेलने पड़ते हैं।

वर्ष 2025 भी कुछ राशियों के लोगों के लिए बहुत शुभ साबित होगा, तो वहीं कुछ राशियों के जातकों को इस दौरान समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस ब्‍लॉग में उन राशियों के बारे में बताया गया है जिनके लिए साल 2025 अनुकूल साबित नहीं होगा और इनके जीवन में कई तरह की परेशानियां आने की आशंका है।

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तो चलिए जानते हैं कि वर्ष 2025 किन राशियों के लोगों पर भारी पड़ने वाला है।

इन राशियों को मिलेंगे अशुभ प्रभाव

मीन राशि

शनि देव की स्थिति के कारण मीन राशि के लोगों को मार्च 2025 तक ज्‍यादा अनुकूल परिणाम प्राप्‍त होने के संकेत कम ही नज़र आ रहे हैं। शनि का अशुभ प्रभाव आपके करियर और प्रेम जीवन के साथ-साथ आर्थिक जीवन पर भी देखने को मिलेगा। वहीं बृहस्‍पति के गोचर से भी आपको लाभ प्राप्‍त कर पाना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि, राहु और केतु आपकी सुख-समृद्धि में वृद्धि करने का काम करेंगे।

9 जून 2025 से लेकर 9 जुलाई 2025 तक आपकी आर्थिेक स्थिति में उतार-चढ़ाव आने की आशंका है। इस समय आपको धन कमाने में दिक्‍कत हो सकती है। वहीं शुक्र की स्थिति आपके प्रेम जीवन एवं रिश्‍तों पर ग्रहण लगा सकती है। आपकी अपने जीवनसाथी के साथ बहस या अनबन हो सकती है।

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कुंभ राशि

कुंभ राशि के लोगों को इस साल मिलेजुले परिणाम मिलने के संकेत हैं। आपको गुरु की स्थिति के कारण 9 जून 2025 से लेकर 9 जुलाई 2025 तक धन कमाने के रास्‍ते में कुछ समस्‍याओं एवं अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं शुक्र के आपके पांचवें भाव में होने की वजह से आपको अपने प्रेम जीवन में भी परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। इस समय आपके और आपके जीवनसाथी के बीच मतभेद उत्‍पन्‍न हो सकते हैं। 29 जून, 2025 से लेकर 26 जुलाई, 2025 तक का समय प्रेम जीवन के लिए थोड़ा मुश्किल रहने वाला है।

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धनु राशि

यदि आपकी धनु राशि है, तो आपको वर्ष 2025 से ज्‍यादा उम्‍मीदें लगाकर नहीं रखनी चाहिए। शनि के आपके चौथे भाव में विराजमान होने के कारण मार्च के महीने तक आपको अनुकूल परिणाम नहीं मिल पाएंगे। शनि के अशुभ प्रभाव के कारण आपको अपने करियर, प्रेम जीवन और धन के मामले में कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है।

गुरु के गोचर के प्रभाव से साल के पहले 6 महीने तो आपके अच्‍छे से निकल जाएंगे लेकिन आखिरी 6 महीनों में आपको धन संबंधित समस्‍याएं होने के संकेत हैं। हो सकता है कि इस समय आपको अपने भाग्‍य का साथ न मिल पाए। वहीं 9 जून 2025 से लेकर 9 जुलाई 2025 तक गुरु अस्‍त रहेंगे जिसकी वजह से आपके खर्चों में बहुत ज्‍यादा वृद्धि हो जाएगी। आपके लिए अपने खर्चों को पूरा कर पाना मुश्किल हो जाएगा। आपके और आपके जीवनसाथी के बीच दूरियां बढ़ सकती हैं।

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वृश्चिक राशि

जिन लोगों की राशि वृश्चिक है, उनके लिए साल 2025 थोड़ा भारी रहने वाला है। मार्च 2025 तक शनि के कुप्रभाव के कारण आपको अपने करियर, वित्तीय जीवन और प्रेम संबंध में समस्‍याएं देखनी पड़ सकती हैं। राहु और केतु की अशुभ स्थि‍ति के कारण आपके जीवन में परेशानियां और अड़चनें आ सकती हैं। आपकी सुख-संपदा में कमी आने की भी आशंका है। इसके साथ ही आपकी सफलता के मार्ग में भी रुकावटें पैदा होंगी। 

9 जून 2025 से लेकर 09 जुलाई 2025 तक गुरु ग्रह के अस्‍त रहने पर आपको धन कमाने में दिक्‍कतें आ सकती हैं। नवंबर से लेकर दिसंबर के दौरान आपके खर्चे बहुत ज्‍यादा बढ़ जाएंगे। वहीं 18 मार्च 2025 से 28 मार्च 2025 के बीच आपके लिए अपने पार्टनर के साथ आपसी तालमेल को बनाए रखना थोड़ा मुश्‍किल हो जाएगा।

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कन्‍या राशि

कन्‍या राशि के लोगों को भी वर्ष 2025 में अधिक अनुकूल परिणाम प्राप्‍त नहीं होंगे। शनि देव मार्च 2025 तक आपको कुछ कष्‍ट दे सकते हैं। शनि के आपके सातवें भाव में होने के कारण आपको अपने काम और रोज़गार के मामले में अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। इस दिशा में आपको अच्‍छे परिणाम मिलने की संभावना बहुत कम है। 

वहीं 13 जुलाई 2025 से लेकर 28 नवंबर 2025 तक शनि के वक्री अवस्‍था में रहने की वजह से आपको पैसों की तंगी हो सकती है। बृहस्पति 9 जून 2025 से 9 जुलाई 2025 के दौरान अस्त रहने वाले हैं और इस दौरान आपको धन कमाने के मार्ग में भी अड़चनें आने की आशंका है।

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सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों को वर्ष 2025 में थोड़ा संभलकर रहने की सलाह दी जाती है। शनि देव के कारण आपके जीवन में समस्‍याएं खड़ी हो सकती हैं। ये आपके करियर, रिश्‍तों और आर्थिक जीवन को खराब कर सकते हैं। वहीं गुरु का गोचर भी आपके धन और भाग्‍य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

09 जून 2025 से लेकर 09 जुलाई 2025 की अवधि तक गूरु के अस्‍त रहने की वजह से आपकी आमदनी में कमी आने की आशंका है। शुक्र देव 18 मार्च 2025 से 28 मार्च 2025 तक अस्त रहेंगे जिसकी वजह से सिंह राशि के लोगों की अपने जीवनसाथी के साथ बहस हो सकती है। इस समय आपके और आपके पार्टनर के बीच मधुर संबंध नहीं बन पाएंगे। आप दोनों एक-दूसरे से बातचीत भी कम करेंगे जिससे आप दोनों के बीच दूरियां बढ़ने का डर है।

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सीता नवमी 2024: इस दिन करेंगे श्रीराम और माता सीता की पूजा, तो जीवन का हर कष्‍ट हो जाएगा दूर

सनातन धर्म में भगवान राम और देवी सीता की पूजा करने का बहुत महत्‍व है। माता सीता और भगवान राम की उपासना के लिए सीता नवमी के दिन को अत्‍यंत शुभ माना जाता है। मान्‍यता है कि इस दिन राम-सीता की पूजा करने से जीवन की समस्‍य समस्‍याएं एवं परेशानियां दूर होती हैं और भक्‍तों की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

इस ब्‍लॉग में आगे बताया गया है कि सीता नवमी का क्‍या महत्‍व है, सीता नवमी की तिथि एवं मुहूर्त और पूजन विधि क्‍या है एवं इस दिन किन ज्‍योतिषीय उपायों की सहायता से भक्‍तों के कष्‍ट दूर हो सकते हैं।

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कब मनाई जाती है सीता नवमी

हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्‍ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार 16 मई, 2024 को गुरुवार के दिन सीता नवमी पड़ रही है। 16 मई, 2024 को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर नवमी तिथि आरंभ होगी और इसका समापन 17 मई, 2024 को सुबह 08 बजकर 50 मिनट पर होगा। इस दिन एक अत्‍यंत शुभ योग भी बन रहा है जिसके बारे में आगे बताया गया है।

बन रहा है शुभ योग

सीता नवमी पर ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। 16 मई, 2024 को सुबह 08 बजकर 22 मिनट पर ध्रुव योग आरंभ होगा और इसका समापन अगले दिन यानी 17 मई, 2024 को सुबह 09 बजकर 19 मिनट पर होगा।

27 योगों में से ध्रवु योग 12वें स्‍थान पर आता है। इस योग के कारण व्‍यक्‍ति को अपने लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने में सफलता मिलती है। वह जो भी कार्य करता है, उसे पूरी निष्‍ठा और जोश के साथ पूरा करता है। इस योग में जन्‍म लेने वाले जातक शांत स्‍वभाव के होते हैं।

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सीता नवमी का महत्‍व

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस शुभ दिन पर पुष्‍य नक्षत्र में माता सीता धरती पर अवतरित हुई थीं। देश के कई हिस्‍सों में इस दिन को जानकी नवमी के नाम से भी जाना जाता है। कुछ जगहों पर फाल्‍गुन कृष्‍ण अष्‍टमी पर सीता नवमी मनाई जाती है। हालांकि, रामायण में माता सीता के जन्‍म को लेकर दोनों ही तिथियों को सही माना गया है। भारत ही नहीं बल्कि नेपाल में भी सीता नवमी को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

मान्‍यता है कि भगवान विष्‍णु ने श्री राम और माता लक्ष्‍मी ने देवी सीता के रूप में अवतार लिया था। जो भी व्‍यक्‍ति इस दिन सच्‍चे मन से माता सीता और भगवान राम की आराधना करता है, उसे विष्‍णु जी और देवी लक्ष्‍मी का आशीर्वाद भी प्राप्‍त होता है।

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सीता नवमी पर पूजन करने की विधि

इस दिन श्रीराम के साथ माता सीता की पूजन की जाती है। कुछ जगहों पर लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। एक दिन पूर्व यानी अष्‍टमी से ही सीता नवमी पूजा की तैयारियां शुरू हो जाती हैं।

  • अष्‍टमी के दिन सुबह जल्‍दी उठकर स्‍नान करें और अपने पूरे घर की सफाई करें।
  • अब घर के पूजन स्‍थल को भी साफ करें और वहां पर गंगाजल छिड़कें।
  • अब पूजन स्‍थल या घर के किसी साफ स्‍थान में एक छोटा-सा मंडप सजाएं। इसमें श्रीराम और माता सीता की मूर्ति रखें।
  • इसके बाद नवमी तिथि पर सुबह जल्‍दी उठें और स्‍नान आदि से निवृत्‍त होने के बाद मूर्ति के समक्ष कलश स्‍थापित करें और व्रत करने का संकल्‍प लें।
  • इसके बाद भगवान राम और माता सीता की एकसाथ पूजा करें और उन्‍हें फल एवं प्रसाद चढ़ाएं।
  • अगले दिन दशमी तिथि पर विधिपूर्वक मंडप का विसर्जन कर दें।
  • सीता नवमी के दिन ‘श्री सीतायै नम:’ और ‘श्री सीता रामाय नम:’ मंत्र के जाप से शुभ परिणाम प्राप्‍त होते हैं।
  • इस दिन मंदिरों में कीर्तन भी किया जाता है।

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सीता नवमी की कथा

मिथिला में बहुत समय से बारिश नहीं हुई थी और इस वजह से यहां के राजा समेत पूरी प्रजा बहुत परेशान थी। राजा जनक ने ऋषियों से इस समस्‍या का हल पूछा तो उन्‍होंने कहा कि अगर राजा स्‍वयं खेत में हल चलाएं, तो इंद्र देवता प्रसन्‍न होकर उनके राज्‍य में वर्षा कर सकते हैं।

ऋषियों के कहने पर राजा जनक ने हल चलाना शुरू किया है और उस दौरान उनका हल एक कलश से टकरा गया। इस कलश के अंदर एक नवजात कन्‍या थी। स्‍वयं राजा जनक नि:संतान थे इसलिए उन्‍होंने उसे अपनी पुत्री के रूप में स्‍वीकार कर लिया। राजा जनक ने अपनी इस पुत्री का नाम सीता रखा एवं जनक की पुत्री होने के कारण माता सीता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है। वैशाख माह के शुक्‍ल पक्ष की नवमी तिथि को ही राजा जनक को माता सीता मिली थीं, इसलिए इसी दिन को सीता नवमी के रूप में मनाया जाता है।

इन जगहों पर विशेष महत्‍व रखती है सीता नवमी

भारत के उत्‍तर प्रदेश के अयोध्या में सीता नवमी को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के भद्रचलम, बिहार के सीता समाहित स्‍थल और तमिलनाडु के रामेश्‍वरम में भी सीता नवमी का विशेष महत्‍व है। 

इस दिन श्रद्धालु माता सीता, भगवान राम, लक्ष्‍मण जी और हनुमान जी की स्‍तुति में एक बड़े जुलूस में हिस्‍सा लेते हैं। इस दिन राम मंदिर में रामायण का पाठ भी किया जाता है। इसके अलावा सीता नवमी पर भजन, कीर्तन और आरती भी की जाती है।

सीता नवमी पर पूजन एवं व्रत करने का लाभ

यदि आप सीता नवमी पर पूरी श्रद्धा और भक्‍ति भाव से माता सीता और भगवान राम सहित लक्ष्‍मण जी और हनुमान जी की उपासना करते हैं, तो आपके जीवन में संपन्‍नता और खुशहाली का आगमन होगा। ऐसा करने से जातक को उत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍य की भी प्राप्ति होती है। मान्‍यता है कि प‍ति की लंबी आयु के लिए विवाहित स्त्रियां इस दिन व्रत रखती हैं।

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सीता नवमी व्रत के नियम

सीता नवमी के शुभ दिन पर विवाहित स्त्रियां सूर्योदय से पूर्व स्‍नान कर के निम्‍न मंत्र का जाप करती हैं-

गंगा च यमुना गोदावरी सरस्‍वती, नर्मदा, सिंधु कावेरी जलेस्मिन सन्निधिम् कुरु।।

इस व्रत का आरंभ सीता नवमी पर सूर्योदय के साथ ही हो जाता है और महिलाओं को इस व्रत में पूरे दिन सिर्फ जल ग्रहण करना होता है। अगले दिन जल पान कर के ही व्रत का पारण किया जाता है। अगर कोई महिला इस व्रत को न रख पाए, तो वह दूध और सूखे मेवे भी खा सकती है।

भगवान राम और माता सीता की चंदन, पुष्‍प, फलों और धूप से पूजा करें और प्रसाद अर्पित करें।

आप इस दिन राम पूजा जप और यज्ञ एवं पूजन भी करवा सकते हैं। राम पूजा में राम र क्षा स्‍तोत्र, राम मंत्र, राम होम और आरती शामिल है।

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सीता नवमी पर किए जाने वाले ज्‍योतिषीय उपाय

  • यदि आपके जीवन में कोई बाधा है या आप समस्‍याओं से घिरे हुए हैं, तो आप सीता नवमी के दिन पूरे विधि-विधान से भगवान राम और माता सीता की पूजा करें। जानकी स्‍तोत्र और राम स्‍तुति का पाठ करें। इस दिन सुंदरकांड का पाठ करने का भी बहुत महत्‍व है। इस उपाय को करने से आपको न केवल राम-सीता का आशीर्वाद मिलता है बल्कि आपके जीवन की सभी समस्‍याएं भी दूर हो जाती हैं।
  • अगर आप धन प्राप्ति की कामना रखते हैं, तो सीता नवमी के दिन देवी सीता को पीले रंग के वस्‍त्र अर्पित करें। श्री राम और देवी सीता को प्रसन्‍न करने के लिए आप अपने घर पर केसरिया रंग का झंडा भी लगा सकते हें। इससे सुख-समृद्धि बढ़ती है और उस घर में रहने वाले लोगों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।
  • अपनी किसी मनोकामना की पूर्ति के लिए आप सीता नवमी के दिन राम मंदिर जाकर हनुमान जी की मूर्ति से लिया गया सिंदूर देवी सीता के चरणों में अर्पित करें। आप सीता नवमी के दिन सुबह, दोपहर और शाम के समय इस उपाय को जरूर करें। इससे आपके मन की हर कामना पूरी होगी।
  • पति की लंबी उम्र और सदा सुहागिन के आशीर्वाद के लिए आप सीता नवमी के दिन देवी सीता को सोलह श्रृंगार अर्पित करें। इसके साथ ही जानकी मंत्र का जाप करें। इस उपाय को करने से पति के जीवन में आ रहे सभी कष्‍ट और समस्‍याएं दूर हो जाती हैं। पति की लंबी उम्र की कामना के लिए भी आप इस उपाय को कर सकती हैं। यह भी माना जाता है कि सीता नवमी के दिन सीता चालीसा का पाठ करने से वैव‍ाहिक जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. सीता नवमी 2024 कब है?

उत्तर 1.  इस बार 16 मई, 2024 को गुरुवार के दिन सीता नवमी पड़ रही है।

प्रश्न 2. सीता नवमी कैसे मनाते हैं?

उत्तर 2. इस दिन घर के बाहर घी का दीपक जलाया जाता है और रामायण का पाठ किया जाता है।

प्रश्न 3. सीता नवमी कब होती है?

उत्तर 3.  हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्‍ल पक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी का पर्व मनाया जाता है।

प्रश्न 4.  सीता नवमी का मतलब क्या होता है?

उत्तर 4. इस शुभ दिन पर पुष्‍य नक्षत्र में माता सीता धरती पर अवतरित हुई थीं।

2024 में शुक्र नहीं होंगे वक्री: इस अनोखी घटना का क्या पड़ेगा सभी बारह राशियों पर असर!

2024 में नहीं होगा शुक्र वक्री: एस्ट्रोसेज अपने रीडर्स को ज्योतिष की रहस्यमई दुनिया की पल-पल की अपडेट देने के लिए नए-नए ब्लॉग लेकर समय-समय पर आता ही रहता है। अपनी इसी कड़ी में आज हम आपके सामने एक और महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना से संबंधित हमारा यह खास ब्लॉग लेकर हाजिर हैं। यहां हम बात करेंगे वर्ष 2024 में शुक्र के वक्री ना होने की घटना के बारे में।

19 मई 2024 को शुक्र का वृषभ राशि में गोचर होने वाला है और आपकी जानकारी के लिए बता दें वर्ष 2024 में शुक्र वक्री नहीं होंगे। अब यह देश दुनिया और सभी बारह राशियों को किस तरह से प्रभावित करेगा इसी सब बातों की जानकारी हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से देने वाले हैं। 

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ज्योतिष में शुक्र ग्रह 

सबसे पहले बात करें शुक्र ग्रह की तो ज्योतिष में शुक्र को प्रेम, सुंदरता, इच्छा, विलासिता का ग्रह माना गया है। यह वर्ष 2024 में वक्री नहीं होगा। अब सवाल उठता है कि क्या यह कोई सामान्य घटना है या रोमांचक घटना है या कोई आम बात है? शुक्र मधुर ग्रह है यह वक्री अवस्था में ज्यादा अनुकूल प्रभाव नहीं देता है। अर्थात 2024 में शुक्र बिना किसी रूकावट के अपनी मार्गी गति जारी रखेगा। शुक्र हर 18 महीने में 44 दिनों की अवधि के लिए वक्री गति शुरू करता है और हमारे जीवन को ऐसे तरीकों से प्रभावित करता है जिन्हें कभी-कभी संभालना मुश्किल हो जाता है। शुक्र अब 1 मार्च 2025 को वक्री हो जाएंगे। अपने इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि यह मानव जीवन को किस तरह से प्रभावित करेगा। आइए जानते हैं वर्ष 2024 में शुक्र का एक भी बार वक्री ना होना हमारे जीवन पर किस तरह के प्रभाव डालने वाला है। 

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शुक्र वक्री का क्या है अर्थ? 

जब शुक्र वक्री होता है तो यह हमारे लिए रिश्तों, सुंदरता की सराहना और हमें खुश करने वाली चीजों पर सबसे ज्यादा गहरी सोच रखने वाला समय होता है। यह समय हमें इस बात पर विचार करने की भी इजाजत देता है कि प्यार का असल में मतलब क्या है और साझेदारी और अंतरंगता हमारे जीवन में क्या मायने रखती है? शुक्र सूर्य से दूसरा दूर ग्रह है। शुक्र प्रेम, आनंद और रिश्तों, सद्भाव, संगीत, कला और हमारी दुनिया में मौजूद सभी खूबसूरत चीजों की देवी माना जाता है। 

वक्री शुक्र यानी पीछे की गति में जाता हुआ प्रतीत होता है लेकिन ऐसा केवल इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी (इसकी बड़ी कक्षा) शुक्र को बाईपास कर रही होती है और जब ऐसा है तो होता है तो ऐसा लगता है कि शुक्र पीछे की ओर जा रहा है जो की असलियत नहीं होती है। बुध जो वर्ष में तीन बार वक्री गति में आता है की तुलना में शुक्र हर 18 महीने में केवल एक बार वक्री होता है। 

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शुक्र के वक्री होने से क्या पड़ेगा प्रभाव? 

2024 में शुक्र एक भी बार वक्री नहीं होगा। शुक्र का वक्री होना एक ऐसी घटना होती है जहां यह अपने सभी महत्व जैसे की प्रेम जीवन, वित्त, विलासिता, आराम ,आत्म सम्मान आदि से संबंधित 100% परिणाम देने में असमर्थ हो जाता है और ज्यादातर मामलों में इन सभी को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। हालांकि वर्ष 2024 में शुक्र एक भी बार ऐसा नहीं करेगा, एक भी बार शुक्र वक्री नहीं होगा इसीलिए इसकी गति में किसी भी बदलाव से हम पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। हम इसके नकारात्मक प्रभावों को केवल तभी महसूस करेंगे जब यह प्रतिकूल राशि में गोचर करेगा लेकिन शुक्र 2024 में वक्री नहीं होने वाला है। शुक्र अपनी मार्गी गति चालू रखेगा और आगे ही बढ़ता रहेगा और अधिकांश राशियों पर इसका सकारात्मक असर ही देखने को मिलेगा। 

2024 में शुक्र वक्री नहीं होगा- राशियों पर इसका कैसा प्रभाव पड़ेगा 

मेष राशि 

मेष राशि के जातक कुछ जिम्मेदारियां को बहुत गंभीरता से लेते नजर आ सकते हैं क्योंकि शुक्र की मार्गी गति आपके सातवें और दूसरे भाव को सक्रिय करने वाली है जो साझेदारी, वित्त, विवाह, परिवार आदि को नियंत्रित करता है। आपकी रचनात्मक ऊर्जा में उछाल आएगा और आपके दिल और दिमाग में यह रचनात्मकता प्रवाहित होगी जिससे आप प्रभावित नजर आएंगे। सामान्य से अधिक आसानी से व्यस्त हो जाना और विचारों से भर जाना भी आपके अंदर देखने को मिलेगा। आपका वैवाहिक जीवन और निजी रिश्ते बेहतर होंगे। 

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और छठे घर का स्वामी है और इसके चलते इस राशि के जातक ध्यान और आश्वासन चाहने वाले लोग होते हैं। ऐसे लोग स्वचालित रूप से उनके पास आते हैं क्योंकि वृषभ राशि के जातक ऐसे व्यक्तियों की तरह लगते हैं जो सामान्य रूप से जानते हैं कि वह अपने जीवन में कर क्या रहे हैं। आप इस वर्ष प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे और रचनात्मकता आपके दिमाग पर हावी नजर आएगी। विलासिता और आराम में वृद्धि के प्रबल योग बन रहे हैं। 

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम और 12वें भाव का स्वामी है। वर्ष 2024 के दौरान जिज्ञासा आपको प्रेरित रखेगी। आप अपने और अपने साथी की भावनाओं को आसानी से संभाल पाने में कामयाब रहेंगे। अगर अन्य ग्रहों की स्थितियां अनुकूल रहती हैं तो आपका प्रेम जीवन अनुकूल नजर आएगा और विदेश यात्रा या फिर विदेश में बसने के अवसर आपके सामने आ सकते हैं।

कर्क राशि 

कर्क राशि के लोग सुरक्षा वफादारी और आराम की इच्छा रखेंगे और इस वर्ष शुक्र के वक्री ना होने से इसका अधिकतम लाभ उठाएंगे। शुक्र कर्क राशि के जातकों के लिए चतुर्थ और 11वें घर का स्वामी है और इस वर्ष शुक्र की मार्गी गति कर्क राशि के जातकों को व्यक्तिगत और वित्तीय लाभ प्राप्त करने में मदद करेगी। शुक्र इस साल आपके करियर और आपके सामने आने वाले अवसरों को भी उन्नति प्रदान करेगा।

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सिंह राशि 

शुक्र सिंह राशि के तीसरे और दसवें घर पर शासन करता है। सिंह राशि के जातकों को इस साल पदोन्नति प्राप्त हो सकती है। जो लोग नई नौकरी की तलाश में हैं उन्हें कोई नई अच्छी नौकरी प्राप्त हो सकती है। आपकी नौकरी का शेड्यूल बदल सकता है या आपको किसी अलग जगह पर स्थानांतरित भी किया जा सकता है। इस राशि के जो लोग व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उनको नए ऑर्डर मिलने वाले हैं। कुल मिलाकर इस साल आपके करियर और साहस में वृद्धि निश्चित रूप से आएगी। 

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र दूसरे और नवम भाव पर शासन करता है और यह इस वर्ष बिल्कुल भी वक्री नहीं होने वाला है इसलिए ऐसी संभावना बन रही है कि व्यवसाईयों को कर्मचारियों के विघटन या समर्थन की कमी का अनुभव हो सकता है। इन परिस्थितियों में भी कोई अपने प्रतिद्वंद्वी से बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। अगर आप विदेशी प्रतिनिधि हो या अन्य राज्यों के व्यक्तियों के साथ काम करते हैं तो यह आवश्यक है कि आप ज्यादा सावधानी बरतें। छात्रों को अपने प्रयास में ज्यादा मेहनत करने की सलाह दी जा रही है। 

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों को इस साल शुक्र के वक्री ना होने से आपका प्रदर्शन संभवत बेहतर होने वाला है। आपके जीवन में नई संभावनाएं आएंगी या आपको मौजूदा कंपनी में ही पदोन्नति प्राप्त हो सकती है। इस राशि के जो लोग व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उनके लिए नए अवसर आने वाले हैं। कंपनी को यह आगे बढ़ने का सही समय साबित होगा। कठिन परिश्रम और उचित फोकस के साथ इस राशि के छात्र जातक भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं ऐसी उच्च संभावना बन रही है।

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र सातवें और 12वें घर का स्वामी है। अगर आप नौकरी बदलना चाहते हैं या शहर बदलना चाहते हैं तो किसी दूसरे शहर या स्थान से कोई अच्छी खबर आपको इस अवधि में प्राप्त हो सकती है। इस राशि के जो लोग व्यवसाय के क्षेत्र में लगे हुए हैं उन्हें इस अवधि में ज़्यादा से ज़्यादा सतर्क और सावधान रहना चाहिए। इस दौरान आपको कोई भी नया प्रोजेक्ट शुरू करने से भी बचने की सलाह दी जा रही है। जो लोग विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं उनके लिए सफलता के लिहाज से यह समय अनुकूल रहने वाला है। 

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धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र छठे और 11वें भाव का स्वामी है। इस राशि के जो जातक नौकरी पेशा हैं वो अपनी वर्तमान नौकरी में उन्नति प्राप्त कर सकते हैं। नई नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को नौकरी प्राप्त हो सकती है। वहीं इस राशि के जो जातक व्यावसायिक क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उन्हें अपनी कंपनी के विकास से संबंधित शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। स्टार्टअप शुरू करने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए भी यह समय अवधि अनुकूल रहने वाली है। इस राशि के छात्रों को मनचाही उपलब्धि मिलने की संभावना है।

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र का इस पूरे ही साल वक्री ना होना एक अनुकूल समय साबित होगा। आप संभवत अपने प्रयासों में सफल होंगे। इस राशि के जो जातक प्रमोशन की उम्मीद कर रहे हैं उनके लिए समय अनुकूल रहेगा। इस अवधि के दौरान छात्रों को ज्यादा प्रयास करने की सलाह दी जा रही है। जो लोग विदेश यात्रा करना चाहते हैं उन्हें अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। 

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र एक कार्यात्मक लाभकारी ग्रह है और क्योंकि इस पूरे ही साल शुक्र वक्री नहीं होगा इसलिए शुक्र आपके करियर के साथ-साथ व्यक्तिगत जीवन में भी स्थिरता और गति लेकर आएगा। इस साल अधिकांश कुंभ राशि वालों जातकों को निजी जीवन में स्थिरता प्राप्त होगी। साथ ही आपकी प्रोफेशनल लाइफ भी बेहद ही बेहतरीन बनेगी। ऐसी उच्च संभावना है कि आपको मान सम्मान प्राप्त हो और आप अपनी उम्मीद से बेहतर कमाई करें। 

मीन राशि

मीन राशि के जो जातक नौकरी कर रहे हैं या फिर व्यवसाय से संबंधित हैं उनके लिए यह समय अवधि एक ऐसा समय साबित होगा जब आप राहत की सांस लेंगे। अगर आपकी साढ़ेसाती चल रही है तो कुल मिलाकर यह कठिन अवधि साबित हो सकती है। ऐसी स्थिति में वक्री शुक्र भी ज्यादा अनुकूल साबित नहीं होता है। आप पर कार्यस्थल का दबाव महसूस हो सकता है। आपके लिए नौकरी बदलने या फिर नई जगह पर स्थानांतरण भी मुमकिन है। हालांकि इससे आपको बेहतर परिणाम ही मिलेंगे। रोजगार के लिए इस राशि के कुछ जातकों को अंतरराष्ट्रीय या फिर देश के अंदर ही यात्राएं भी करनी पड़ सकती है। 

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. शुक्र उदय कब होगा 2024?

उत्तर 1. 27 जून 2024 को शुक्र उदय होंगे।

प्रश्न 2. शुक्र वक्री होने पर क्या होता है?

उत्तर 2. जब शुक्र वक्री होता है यानी उल्टी चलता हुआ प्रतीत होता है तो इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन के सभी पहलुओं पर दिखाई देता है।

प्रश्न 3. शुक्र नीच का कब होता है?

उत्तर 3.  शुक्र कन्या राशि के 27 अंश पर शुक्र नीच का होता है।

प्रश्न 4. 2024 में शुक्र ग्रह वक्री है?

उत्तर 4. नहीं, 2024 में शुक्र ग्रह वक्री नहीं होंगे।

कुंडली के इन ग्रहों की वजह से संतान सुख पाने में होती है देरी, राशि अनुसार ये उपाय करने से जल्‍दी होगा बच्‍चा

कहते हैं कि मां बनने का सुख इस दुनिया में सबसे ऊपर होता है। किसी भी दंपत्ति के लिए अपनी संतान को जन्‍म देना सबसे बड़ी खुशी होती है लेकिन कई बार परिस्थितियां कुछ ऐसी उत्‍पन्‍न हो जाती हैं कि संतान प्राप्ति में देरी या अड़चनों का सामना करना पड़ता है।

ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार कुंडली में कुछ ग्रहों और योग के कारण किसी जातक को संतान प्राप्ति में बाधा का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा पति-पत्‍नी दोनों की जन्‍मकुंडली का विश्‍लेषण करने के बाद भी यह पता लगाया जा सकता है कि उन्‍हें संतान सुख कब प्राप्‍त होगा और किस वजह से उन्‍हें यह सुख नहीं मिल पा रहा है या इसमें देरी आ रही है।

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आज इस ब्‍लॉग के ज़रिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन ग्रहों की वजह से संतान प्राप्ति में देरी या बाधाएं आती हैं। साथ ही जानें किन ज्‍योतिषीय उपायों की सहायता से आप संतान का सुख पा सकते हैं।

शनि की भूमिका

शनि का संबंध देरी, अड़चनों और सीमा से होता है। ज्‍योतिष में कुंडली का पांचवां भाव संतान को दर्शाता है। जब शनि पांचवे भाव में बैठा हो, तो यह संतान प्राप्ति में देरी की ओर संकेत करता है। शनि के प्रभाव में जातक को धैर्य और दृढ़ता रखने की ज़रूरत होती है।

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पुराने जीवन के कर्म

कुछ ज्‍योतिषियों का मानना है कि पिछले जन्‍म के कर्मों का भी हमारे जीवन के विभिन्‍न पहलुओं पर असर पड़ता है जिसमें संतान सुख में देरी आना भी शामिल है। ऐसा माना जाता है कि हमारे पूर्व जन्‍म के कुछ कार्य या निर्णय हमारे वर्तमान के जन्‍म में कुछ परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं और हमारे कार्यों में देरी या चुनौतियां पैदा करते हैं।

कई बार पितृ दोष के कारण भी संतान सुख पाने में देरी होती है। ज्‍योतिषी आपकी कुंडली का विश्‍लेषण करने के बाद यह बता सकते हैं कि आपको किस वजह से गर्भधारण करने में समस्‍या या देरी आ रही है।

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बृहस्‍पति का प्रभाव

बृहस्‍पति को विस्‍तार और शांति का प्रतीक माना गया है और संतान के मामले में बृहस्‍पति अहम भूमिका निभाते हैं। कुंडली में बृहस्‍पति संतान का प्रमुख कारक होता है। अगर पति-पत्‍नी दोनों की कुंडली में बृहस्‍पति शुभ स्‍थान में बैठा हो, तो कंसीव करने और स्‍वस्‍थ प्रसव की संभावना अधिक होती है।

वहीं, अगर कुंडली में गुरु कमज़ोर हो या पीड़ित हो, तो इसकी वजह से संतान प्राप्‍त करने में देरी आ सकती है। बृहस्‍पति पर अन्‍य ग्रहों के नकारात्‍मक प्रभाव या अशुभ दृष्टि के कारण भी संतान पाने में देरी आ सकती है।

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पंचम भाव में अशुभ ग्रह

ज्‍योतिष में पांचवां भाव संतान और इससे संबंधित होता है। अगर इस भाव में अशुभ ग्रह जैसे क‍ि शनि, मंगल, राहु या केतु हो, तो महिला को गर्भधारण करने में समस्‍या आती है और संतान प्राप्ति के मार्ग में अड़चनों का सामना करना पड़ता है।

नाड़ी दोष

कुंडली में नाड़ी दोष होने पर भी संतान प्राप्ति में देरी आ सकती है।। नाड़ी दोष की वजह से गर्भधारण करने में अड़चनें और देरी आने की संभावना रहती है। ज्‍योतिष के अनुसार यदि पति-पत्‍नी की कुंडली में नाड़ी दोष हो, तो इस स्थिति में संतान का सुख पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। ज्‍योतिषी तो नाड़ी दोष होने पर लड़का-लड़की का विवाह न करने की सलाह देते हैं।

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संतान प्राप्ति के लिए करें राशि अनुसार उपाय

अगर आपको संतान प्राप्ति में बाधाओं और देरी का सामना करना पड़ रहा है, तो आप अपनी लग्‍न राशि के अनुसार निम्‍न उपाय कर सकते हैं:

मेष राशि

इस लग्‍न के लोग भगवान कृष्‍ण की पूजा करें। आप जरूरतमंद और गरीब लोगों को लाल दाल का दान करें। इससे आपके लिए संतान प्राप्ति के मार्ग प्रशस्‍त होते हैं।

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वृषभ राशि

वृषभ लग्‍न वाले जातक भगवान विष्‍णु की उपासना करें और संतान प्राप्ति में आ रही देरी को दूर करने के लिए गेहूं का दान करें। इससे प्रजनन क्षमता में सुधार होता है और सभी अड़चनें दूर होती हैं।

वृषभ साप्ताहिक राशिफल

मिथुन राशि

मिथुन लग्‍न वाले लोगों को भगवान गणेश की पूजा करने के लिए कहा जाता है। आप चावल का दान करें। इस उपाय को करने से आपके गर्भधारण में आ रही सभी रुकावटें दूर होंगी और आपको संतान सुख मिलेगा।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

कर्क राशि

कर्क लग्‍न वाले लोगों को भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। आपको दूध का दान करने से भी लाभ होगा। जो जातक ये दो उपाय करते हैं, उनकी प्रजनन क्षमता में सुधार आता है और संतान सुख मिलता है।

कर्क साप्ताहिक राशिफल

सिंह राशि

आप रोज भगवान सूर्य की उपासना करें और मिठाई का दान करें। इन उपायों की मदद से संतान सुख के मार्ग में आ रही सभी बाधाएं दूर होंगी।

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कन्‍या राशि

यदि आपका कन्‍या लग्‍न है और आपको संतान प्राप्ति में बाधाओं और अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है, तो आप मां लक्ष्‍मी की उपासना करें और तिल के बीजों का दान करें। इससे आपकी प्रजनन क्षमता में इज़ाफा होगा।

कन्या साप्ताहिक राशिफल

तुला राशि

जिन तुला लग्‍न वाले जातकों को संतान प्राप्ति में देरी हो रही है, वे भगवान कृष्‍ण की पूजा करें और हरी सब्जियों का दान करें। इससे आपके मार्ग की सभी बाधाएं और अड़चनें दूर होंगी।

तुला साप्ताहिक राशिफल

वृ‍श्चिक राशि

वृश्चिक राशि के लग्‍न वाले जातकों को भगवान यम की पूजा करनी चाहिए। आपको काले तिल के बीजों का दान करने से लाभ होगा।

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

धनु राशि

अगर आपकी धनु राशि है और आपको संतान प्राप्ति में देरी या रुकावटों का सामना करना पड़ रहा है, तो इन समस्‍याओं से मुक्‍ति पाने के लिए आप भगवान राम की पूजा करें और गुड़ का दान करें।

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मकर राशि

मकर लग्‍न वाले लोग कुबेर देवता की पूजा करें। इसके साथ ही आप तांबे के सिक्‍कों का भी दान करें। इससे आपको स्‍वस्‍थ संतान का आशीर्वाद मिलता है।

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कुंभ राशि

कुंभ राशि के लोगों को भगवान वरुण की पूजा और जल का दान करना चाहिए। इससे संतान प्राप्ति में आ रही देरी और अड़चनें दूर होती हैं।

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

मीन राशि

मीन लग्‍न के लोग भगवान विष्‍णु की उपासना करें और मछली का दान करें। इन उपायों की सहायता से आपकी प्रजनन क्षमता में इज़ाफा होगा।

मीन साप्ताहिक राशिफल

FAQ

प्रश्‍न. संतान नहीं हो रही है तो क्‍या करें?

उत्तर. आप रोज गोपाल सहस्‍त्रनाम का पाठ करें।

प्रश्‍न. संतान प्राप्ति के लिए कौन सी पूजा करनी चाहिए?

उत्तर. पुत्रदा एकादशी की पूजा एवं व्रत करना चाहिए।

प्रश्‍न. शिवलिंग पर संतान प्राप्ति के लिए क्‍या करना चाहिए?

उत्तर. शिवलिंग पर गेहूं एवं धतूरा चढ़ाने से संतान सुख प्रा‍प्‍त होता है।

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