बुध अर्थात बुद्धि का ग्रह जल्द ही तुला राशि में उदित होने जा रहा है। बुध का यह अहम परिवर्तन 22 अक्टूबर के दिन होगा। आज के हमारे खास ब्लॉग में हम इसी विषय पर बात करेंगे साथ ही जानेंगे तुला राशि में उदित होकर बुध किन राशियों का भाग्य चमकाएंगे और किन राशियों को इससे परेशानी उठानी पड़ सकती है। इसके अलावा जानेंगे बुध उदय के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के ज्योतिषीय उपायों की भी जानकारी।
आगे बढ़ने से पहले बुध ग्रह की बात करें तो ज्योतिष में बुध को बुद्धि, तर्क, गणित, व्यापार, व्यवसाय, आदि से संबंधित ग्रह माना जाता है। अगर कुंडली में बुध मजबूत स्थिति में है तो व्यक्ति को इन सभी क्षेत्रों में शुभ और सकारात्मक परिणाम मिलते हैं जिसके दम पर वह जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं और आगे बढ़ते हैं।
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वहीं इसके विपरीत अगर बुध ग्रह कुंडली में पीड़ित अवस्था में हो या नकारात्मक स्थिति में मौजूद हो तो ऐसे जातकों को तमाम परेशानियां और बाधाएँ अपने जीवन में उठानी पड़ती है। साथ ही तमाम कोशिशें के बावजूद सफलता इन्हें नहीं मिल पाती है। ऐसे में ज्योतिष के जानकार बुध ग्रह को मजबूत बनाने के लिए कुछ विशेष ज्योतिषीय उपायों को करने की जानकारी देते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय अगर आप भी जानना चाहते हैं तो यह लेख अंत तक पढ़ें। इसके अलावा अगर आप अपनी कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति जानना चाहते हैं तो उसके लिए विद्वान ज्योतिषियों से अभी परामर्श लें।
बुध महाराज 22 अक्टूबर 2024 की शाम 06 बजकर 58 मिनट पर शुक्र द्वारा शासित राशि तुला में उदित होने जा रहे हैं।
तुला राशि में बुध- कैसा रहता है प्रभाव?
संचार से संबंधित ग्रह बुध जब मिलनसार वायु तत्व की राशि तुला में होता है तो यह आरामदायक और अच्छा महसूस करता है। वायु तत्व मन और संचार के बारे में बहुत कुछ दर्शाती है इसीलिए तुला राशि में बुध का होना एक अच्छा मेल कहा जाता है। तुला राशि को हमारे मतभेदों को दूर करने के तरीका ढूंढना पसंद है। यह राशि जानती है कि किसी भी स्थिति के एक से अधिक पक्ष होते हैं और विरोधी दृष्टिकोण में सामंजस्य स्थापित करना अनिवार्य होता है।
इस शांति दायक राशि में बुध का प्रवेश एक ऐसे समय का संकेत देता है जब हमारे रिश्तों में ज्यादा सामंजस्य बनाने के लिए वाणी थोड़ी नरम हो जाती है। ऐसे में तुला राशि में बुध तर्क, वितर्क या गलतफहमी के चलते हुए मुद्दों को ठीक करने का सही समय माना जाता है।
तुला राशि और बुध
सूर्य के निकटतम ग्रह बुध का वैदिक ज्योतिष में बेहद महत्व बताया गया है। हिंदी में इस ग्रह को बुध कहते हैं और अंग्रेजी में मरकरी कहा जाता है। हिंदी में बुध का अर्थ बुद्धि से जोड़कर देखा जाता है। इसके अलावा बुध ग्रह को देवताओं का दूत भी कहा जाता है और यह हास्य, बुद्धि और बुद्धिमत्ता का प्रतिनिधित्व करता है। जब बुध तुला राशि में होता है तो इसका प्रभाव जातक को उत्कृष्ट बौद्धिक क्षमता प्रदान करता है। तुला राशि में बुध का नकारात्मक प्रभाव जातक की बुद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और त्वचा संबंधित विभिन्न समस्याओं की वजह बनता है।
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तुला राशि में बुध का जातकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
तुला राशि में बुध के प्रभाव से जातक सख्त और धनी होंगे और परिवार से जुड़े रहेंगे। ऐसे व्यक्तियों का व्यवसाय बढ़ेगा और वह दूसरों के लिए सहायता करने के लिए तैयार और तत्पर रहेंगे। ऐसे जातकों को सरल, नैतिकता वाली महिलाओं के संगठन की तलाश रहती है। अगर इस राशि में बुध का संबंध सूर्य से होता है तो जातक बाहरी लोगों या दूसरे क्षेत्र के व्यक्तियों के साथ विवाह बंधन में बंध सकते हैं।
मकर और सिंह लग्न वालों को बुध उत्तम परिणाम देता है। अगर लग्न सिंह हो तो प्रमुख काल फलदाई होता है। बुध पर बृहस्पति या चंद्रमा की दृष्टि जातकों को शानदार परिणाम देती है। बुध के साथ शुक्र की युति व्यक्ति को प्रभावशाली बनाती है क्योंकि शुक्र और बुध मित्र स्थिति में होते हैं। यह बुध के लिए एक शुभ स्थान माना जाता है क्योंकि यह जातकों को उत्कृष्ट संचार कौशल प्रदान करता है।
बुध ग्रह को एक पृथ्वी ग्रह माना जाता है और जब यह तुला राशि में स्थित होता है तो यह जातकों को विभिन्न कला रूपों के ज्ञान से सुसज्जित करता है। वह कलात्मक और रचनात्मक गतिविधियों की ओर झुकाव रखते हैं। बुध संचार पर शासन करता है और शुक्र का प्रभाव उन्हें वाणी में परिष्कार और वाक्पटुता प्रदान करता है। ऐसे जातक विनम्र और मृदु भाषी भी होते हैं और उनमें दूसरों से अपनी बात मनमानी की शक्ति होती है। ऐसे जातक खर्चीले स्वभाव के होते हैं, रिश्तो के प्रति प्रेरित होते हैं और स्त्रियों में शौकीन होते हैं।
जीवन में इनका दृष्टिकोण भी संतुलित होता है। उनके पास बौद्धिक दिमाग और सुखद व्यवहार होता है। वह अपने तरीकों में बहुत कूटनीतिक होते हैं और यह अच्छी तरह से जानते हैं कि अवसरों का अधिकतम लाभ कैसे उठाया जा सकता है। ऐसे जातक उदारवादी, मैत्रीपूर्ण और मिलनसार स्वभाव के होते हैं। उनमें सुंदरता के प्रति ज्यादा रुचि देखने को मिलती है और वह वास्तु कला, विलासिता और आलीशान घरों की ओर ज्यादा प्रेरित होते हैं।
जब बुध तुला राशि में होता है तो हमेशा आरामदायक स्थिति में नजर आता है। ऐसे जातक मधुर वाणी वाले, प्रसन्न स्वभाव वाले और संगीत में गहरी रुचि रखने वाला होता है। क्योंकि तुला एक संतुलित राशि है और बुध बुद्धि का कारक ग्रह माना गया है इसीलिए जातक निर्णय लेने से पहले आने वाली हर चीज का विश्लेषण करते हैं। वे व्यावसायिक योजनाएं बनाने और अपने जीवन में प्रगति के लिए अपनी बुद्धि का उपयोग करने में भी कामयाब रहते हैं।
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तुला राशि में बुध उदय- कैसा रहेगा तुला राशि पर प्रभाव
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह बुद्धि से जुड़ा ग्रह माना जाता है। ऐसे में अब तुला राशि में जब बुध उदित होने वाले हैं तो आइये जान लेते हैं विशेष तौर पर तुला राशि के जातकों पर इसका क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है।
तुला राशि में बुध उदय से तुला जातकों के जीवन में कई फायदे नजर आ सकते हैं जैसे कि, उनके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी, शादीशुदा जातकों का दांपत्य जीवन खुशनुमा बनेगा, अविवाहित लोगों को विवाह के प्रस्ताव मिल सकते हैं, स्वभाव में सकारात्मक बदलाव आएगा, स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, समाज में मान सम्मान और प्रतिष्ठा मिलेगी, करियर में नए और अच्छे अवसर मिलेंगे, नौकरी पेशा लोगों को विदेश में नौकरी के नए अवसर मिल सकते हैं, कमाई अच्छी होगी, बुद्धि मजबूत होगी, जीवनसाथी के साथ रिश्ते मजबूत होंगे।
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आइये अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि तुला राशि में बुध उदित होकर सभी 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करने वाले हैं।
बुध तुला राशि में उदय- राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि वालों की कुंडली में बुध ग्रह तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं, अब बुध तुला राशि में….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं, बुध तुला राशि में….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं। बुध तुला राशि….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं और बुध तुला राशि ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और बुध तुला ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों की कुंडली में बुध ग्रह को पहले और दसवें भाव का स्वामित्व प्राप्त है। अब ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए बुध देव बारहवें और नौवें भाव के स्वामी हैं जो अब बुध तुला राशि में ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अब बुध तुला ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब बुध तुला राशि में ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब बुध तुला….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब बुध….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह को चौथे और सातवें भाव पर स्वामित्व प्राप्त हैं। अब बुध ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
बुध महाराज 22 अक्टूबर 2024 की शाम 06 बजकर 58 मिनट पर शुक्र द्वारा शासित राशि तुला में उदित होने जा रहे हैं।
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता, अर्थव्यवस्था और वित्त का कारक माना जाता है।
तुला राशि में बुध को एक अच्छा स्थान पर होना माना जाता है।
जब बुध तुला राशि में होता है तो कूटनीति केंद्र में आती है।