व्यापार के दाता बुध चलेंगे वक्री चाल- खूब लाभ और तरक्की कमाएँगी ये राशियाँ!

ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि बुध का वक्री होना उतार-चढ़ाव और सामान्य अराजकता की अवधि को जन्म देता है। कई लोगों का ऐसा भी मानना है कि ये ज्योतिषीय घटना व्यक्ति के मूड से लेकर आपके सभी कार्य तक हर चीज को प्रभावित करती है। दोस्तों के साथ या प्रेमी जनों के साथ मनमुटाव से लेकर बातचीत में परेशानी तक बुध की वक्री गति के दौरान यह सब होना आम बात हो जाती है। अगस्त के महीने में 5 तारीख को बुध वक्री होने जा रहा है।

बुध का यह अहम परिवर्तन सिंह राशि में होगा। ऐसे में ज्योतिष के अनुसार माना जा रहा है कि ये ज्योतिषीय घटना यात्रा में देरी, संचार में गड़बड़ी और तकनीकी समस्याएं पैदा कर सकती है।

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वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह 

ज्योतिष में बुध ग्रह को संचार, विचार और प्रौद्योगिकी पर शासन करने वाला ग्रह माना गया है। यह जब भी वक्री होता है तो यह अपनी कक्षा में पीछे की ओर बढ़ता हुआ प्रतीत होता है जिससे जीवन में बहुत अधिक भ्रम और जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। ऐसे में वक्री बुध को हल्के में न लेने की सलाह दी जाती है और बुध का वक्री होना गंभीर परिणाम लेकर आ सकता है।

बुध वक्री की अवधि में इन बातों के लिए रहें तैयार

सिंह राशि में बुध वक्री होने के दौरान जीवन में कुछ निश्चित परेशानियां, समस्याएं आने की उच्च आशंका रहती है।  ऐसे में इन समस्याओं से निपटना, अपने जीवन में आशावाद बनाए रखना, अनुकूलता लेकर आ सकता है। जैसे कि,  

  • इस दौरान अगर आप कोई यात्रा करने वाले हैं तो आप यह मानकर चल सकते हैं कि आपकी यात्रा में देरी होने की संभावना है। 
  • महत्वपूर्ण फाइलों और दस्तावेज़ों का बैकअप ले लें या बोलने से पहले अपनी बात को हजार बार सोच लें। ये छोटे-छोटे सक्रिय कदम बाद में गलतफहमी और जटिलताओं को रोकने में कारगर साबित हो सकते हैं।

वक्री बुध का क्या होता है अर्थ? 

जब भी कहा जाता है कि बुध ग्रह वक्री हो रहे हैं तो इसका यह मतलब होता है कि बुध सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की तुलना में धीमी गति से चलता है। सूर्य के सबसे निकट का ग्रह आमतौर पर हमारी तुलना में तेज़ गति के साथ चलता है। बुध को सूर्य के चारों ओर अपना रास्ता बनाने में पृथ्वी के 365 दिनों की तुलना में केवल 88 दिन ही लगते हैं। ऐसे में जब यह धीमी गति से चलता है तो यह एक प्रकार का ऑप्टिकल इल्यूजन या ऑप्टिकल भ्रम पैदा करता है और ऐसा लगता है कि यह पीछे की ओर बढ़ रहा है जिसे बुध का वक्री होना कहा जाता है।

ज्योतिष में बुध ग्रह को संचार, समाचार, यात्रा, प्रौद्योगिकी, बातचीत और सूचना पर शासन करने वाला ग्रह माना गया है। जिसका अर्थ होता है कि जब भी यह वक्री गति में आता है तो आम तौर पर गलत संचार या गलतफहमी जैसी चीज़ें हमारे जीवन में बढ़ने लगती है।

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2024 में बुध कब होगा वक्री? 

बात करें वर्ष 2024 में अब बुध कब वक्री होगा तो बुद्धि के कारक ग्रह बुध 5 अगस्त 2024 को सुबह 9:44 बजे सिंह राशि में वक्री होने जा रहे हैं। इस अवधि के दौरान आपको अपने प्रेम संबंधों के प्रति विशेष रूप से सावधान रहने और किसी भी गलतफहमी को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने की सलाह दी जाती है।

बुध के वक्री होने से जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है? 

अक्सर कहा जाता है कि जब भी बुध वक्री होते हैं तो लोग घबराने लगते हैं। इसका कारण यही है कि बुध एक ऐसा ग्रह है जो हमारे संचार को प्रभावित करता है। आमतौर पर ऐसा सोचा जाता है कि जब भी कोई ग्रह प्रतिगामी या वक्री होता है तो ज्योतिषीय दुनिया में उसके नकारात्मक परिणाम बढ़ने लगते हैं। इसमें ईमेल गुम होने से लेकर यात्रा में रुकावट तक सब कुछ होने की संभावना बढ़ जाती है। 

कई ज्योतिषियों का यह भी मानना है कि इसके कुछ और भी परिणाम हो सकते हैं जैसे की दोस्ती में बदलाव या फिर अनबन आना। ऐसा कई शोध तक में साबित हो चुका है कि बुध के वक्री होने से व्यक्ति के रिश्तों पर इसका खास प्रभाव पड़ता है। एक खास सर्वेक्षण के अनुसार 71% लोगों का मानना है कि बुध वक्री के चरण के दौरान उनके रिश्ते पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

अक्सर देखा जाता है कि बुध वक्री के दौरान सबसे ज्यादा प्रभाव हमारी बातचीत करने की शैली में आता है। इस दौरान हमें इस संचार में संघर्ष, झगड़ा और बहस आदि में वृद्धि देखने को मिलती है। इसके अलावा शोध में पाया गया है कि चार में से एक व्यक्ति को उनके पार्टनर ने बुध वक्री के दौरान छोड़ भी दिया। 

ज्योतिषियों का मानना है कि बुध वक्री हमारे मूड पर वास्तविक रूप से प्रभाव डालता है। कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि इससे मस्तिष्क में भ्रम और तनाव पैदा होता है। ऐसे में इस अवधि के दौरान हमें गलत शब्द कहने और चीजों को गलत तरीके से लेने की हमारी प्रवृत्ति में इजाफा हो जाता है। एक साधारण सी गलतफहमी भी एक बड़े विवाद को जन्म दे सकती है और ऐसा महसूस होने लगता है कि हमारा प्रेम जीवन हमारे नियंत्रण से बाहर जा रहा है। बुध के वक्री होने को आपके रिश्ते पर नकारात्मक असर डालने से कैसे रोकें तो दरअसल इस दौरान आप खुद को तर्क वितर्क और रिश्ते में चिंता के लिए तैयार रखें, आप अपनी बातचीत की शैली पर ध्यान रखें और इसके प्रति सावधानी बरतें तो काफी हद तक आप अपने रिश्ते की समस्या वक्री बुध की अवधि के दौरान दूर कर सकते हैं।

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इसके अलावा भी आप छोटे-छोटे कदम उठा सकते हैं जैसे समझदारी दिखाएं, गलतफहमी आना तो निश्चित है ऐसे में बहस की गर्मा-गर्मी से परे आप अपने रिश्ते के प्रति समझदारी दिखाएं, कोई भी ऐसी प्रतिक्रिया न दें जिसका नकारात्मक असर आपके रिश्ते पर पड़े। इससे पहले की आप बहस बाजी को अलग ढंग से ले जाएँ और उसका कुछ नकारात्मक प्रभाव आपके रिश्ते पर पड़े अपने पार्टनर को समझने की कोशिश करें और उनसे पूछें कि उनका वास्तव में अर्थ क्या था। ज्यादा प्रतिक्रिया देने से बचें, ध्यान से बातें सुनें, अपने शब्दों का चयन सावधानीपूर्वक करें और टेक ब्रेक लें। कोशिश करें कि अगर आपकी लड़ाई फोन या टेक्स्ट पर हो रही है तो इससे बचें और आमने-सामने रहकर ही कोई बात पूरी करें। हालांकि अगर इसके अलावा भी आपके रिश्ते में निरंतर परेशानियां बढ़ती जा रही हैं और आपका साथी आपको समझ नहीं रहा है या परेशानियां आपकी नियंत्रण से बाहर जा रही हैं तो आप प्रेम विशेषज्ञ ज्योतिषियों से इस बारे में परामर्श लेकर अपने रिश्ते को नई शुरुआत दे सकते हैं और खोया प्यार वापस प्राप्त कर सकते हैं। 

बुध सिंह राशि में वक्री- राशि अनुसार प्रभाव और उपाय

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे घर का स्वामी है और अपनी वक्री गति में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पंचम भाव का स्वामी है और अपनी वक्री गति में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चतुर्थ भाव का स्वामी है और आपके तीसरे घर में …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और 12वें घर का स्वामी है और वक्री गति में यह …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और 11वें घर का स्वामी है और वक्री गति में आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दशम भाव का स्वामी है और अपनी वक्री गति में …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए बुध नवम और 12वें घर का स्वामी है और अब अपनी वक्री गति में …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध अष्टम और एकादश भाव का स्वामी है और वक्री गति में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और 11वें घर का स्वामी है और अपनी वक्री गति में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नवम भाव का स्वामी है और अपनी वक्री गति …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पंचम और अष्टम भाव का स्वामी है और वक्री गति में …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे और सप्तम भाव का स्वामी है और अपनी…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्न 1: अगस्त में बुध वक्री कब होने जा रहा है? 

उत्तर: अगस्त में 5 तारीख को बुध सिंह राशि में वक्री होने जा रहे हैं। 

प्रश्न 2: बुध वक्री का सबसे गहरा असर किस चीज पर पड़ता है?

उत्तर: वक्री बुध का सबसे गहरा असर हमारे बातचीत और हमारे रिश्तों पर पड़ता है। 

प्रश्न 3: बुध कब उदय होगा 2024 में?

उत्तर: 29 अगस्त 2024 को बुध उदय होने जा रहे हैं। 

Dharma

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