मंगल गोचर से बनेगा बेहद घातक पाश्विक राजयोग, मिथुन समेत इन तीन राशियों को रहना होगा सावधान!

मंगल महाराज को युद्ध, साहस एवं पराक्रम के कारक ग्रह माना गया है और ऐसे में, यह मनुष्य जीवन को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं जो कि एक निश्चित समय के बाद अपना राशि परिवर्तन करते हैं। मंगल ग्रह लगभग हर 45 दिन के बाद एक राशि से दूसरी राशि में गोचर कर जाते हैं। अब यह जल्दी ही मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको मंगल का वृषभ राशि में गोचर में बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेगा। साथ ही, इस गोचर से एक अशुभ राजयोग बनने जा रहा है और ऐसे में, यह कुछ राशियों के लिए नकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कौन सी हैं वह राशियां।

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

मंगल गोचर से बनेगा अशुभ पाश्विक राजयोग  

जब-जब मंगल ग्रह अपना राशि परिवर्तन करता है, तो यह प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को निश्चित रूप से प्रभावित करते हैं। ज्योतिष के अनुसार, अब मंगल महाराज 12 जुलाई की शाम 07 बजकर 03 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे। इसके परिणामस्वरूप, मंगल के राशि परिवर्तन का असर हर इंसान के जीवन पर किसी न किसी रूप में जरूर दिखाई देगा। हालांकि, मंगल के गोचर से बेहद खतरनाक पाश्विक राजयोग बनने जा रहा है और यह अशुभ राजयोग सबसे ज्यादा मिथुन राशि को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। लेकिन, मिथुन राशि के अलावा ऐसी दो राशियां भी हैं जिनके जीवन में इस राजयोग की वजह से अनेक तरह की समस्याएं जन्म ले सकती हैं। तो चलिए नज़र डालते हैं पाश्विक योग से प्रभावित होने वाली राशियों पर।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

पाश्विक राजयोग से इन 3 राशियों की कदम-कदम पर बढ़ेंगी समस्याएं 

मिथुन राशि 

मिथुन राशि का नाम उस सूची में सबसे पहला है जिनके लिए कुंडली में बनने वाला पाश्विक योग सबसे ज्यादा अशुभ साबित हो सकता है। इस अवधि में आपको जीवन के बड़े और महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचने की सलाह दी जाती है, अन्यथा आपको अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन, अगर आपके लिए कोई महत्वपूर्ण फैसला लेना आवश्यक है, तो किसी बड़े से सलाह लेने के बाद ही ऐसा करें, तब आपको नुकसान होने की संभावना बेहद कम है।

आज का गोचर 

जिन जातकों का विवाह हो चुका है, उन्हें वैवाहिक जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ सकता है। ऐसे में, आपको धैर्य रखने की सलाह दी जाती है और साथ ही, इस दौरान बेकार का क्रोध करने से बचें। इन लोगों को थोड़ा सतर्क रहना होगा क्योंकि आपके माता-पिता को कुछ स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं जिसके चलते आप चिंतित नज़र आ सकते हैं। इस वजह से आपको काफ़ी धन खर्च करना पड़ सकता है। वहीं, इस राशि के नौकरीपेशा जातकों को कार्यस्थल पर थोड़ी सावधानी बरतनी होगी क्योंकि आपके सामने एक के बाद एक समस्याएं आ सकती हैं।

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए पाश्विक राजयोग ज्यादा फलदायी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि मंगल का गोचर वृषभ राशि के नौवें भाव में होने जा रहा हैं। इसके परिणामस्वरूप, कन्या राशि के शादीशुदा जातकों को अपने वैवाहिक जीवन में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और ऐसे में, आप पार्टनर के साथ बेकार के वाद-विवाद में पड़ सकते हैं जिसके चलते आप दोनों का रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच सकता है। 

लेकिन, अगर आप शांतिपूर्वक रहेंगे, तो आपका जीवन सुख-शांति से पूर्ण रहने के आसार है। इस अवधि में इन जातकों के खर्चों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है जिसकी वजह से आप बहुत परेशान नज़र आ सकते हैं। अगर आप विदेश यात्रा पर जा रहे हैं, तो आपको सावधान रहना होगा, अन्यथा आपको आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस दौरान आपसे कोई कीमती सामान खो या फिर चोरी हो सकता है इसलिए सतर्क रहें। कन्या राशि वालों की रुचि अध्यात्म के प्रति बढ़ेगी।

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें

धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए भी पाश्विक राजयोग अशुभ परिणाम लेकर आ सकता है क्योंकि आपकी राशि के छठे भाव में मंगल गोचर करने जा रहा है। इसके फलस्वरूप, यह राजयोग आपकी आर्थिक स्थिति को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है और आपके खर्चें बढ़ सकते हैं जिन्हें पूरा करने के लिए आपको कर्ज लेने तक की नौबत आ सकती है। जो लोग नौकरी करते हैं, उन्हें कार्यस्थल पर सावधानी बरतते हुए आगे बढ़ना होगा क्योंकि इस बात की प्रबल संभावना है कि आप वरिष्ठ अधिकारियों या सहकर्मियों के साथ मतभेद या वाद-विवाद में पड़ जाएं। 

यह लोग उग्र स्वभाव के होते हैं इसलिए थोड़ा संभलकर आगे बढ़ें। इस दौरान आपके पार्टनर के साथ किसी बात को लेकर मतभेद या बहस होने की आशंका है। धनु राशि वालों का स्वास्थ्य नाज़ुक रह सकता है इसलिए आपको अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा। इसके विपरीत, आपके करियर में परेशानियां बनी रह सकती हैं और ऐसे में, आपको बहुत सोच-समझकर आगे बढ़ना होगा। 

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

कुंडली में कमज़ोर मंगल के लक्षण

बार-बार क्रोध आना: जिन जातकों की कुंडली में मंगल कमज़ोर होते हैं, उनको बार-बार बेवजह की बातों पर गुस्सा आने लगता है और इनके स्वभाव में चिढ़चिढ़ापन बढ़ने लगता है। अशुभ मंगल आक्रामकता और क्रोध की वजह बनता है।

नई शुरुआत से करते हैं परहेज़: कमज़ोर मंगल की वजह से आप अपने जीवन में नई चीजों पर हाथ आजमाने से डरते है और यह लोगों से मिलना भी पसंद नहीं करते हैं। साथ ही, कुंडली में मंगल की दुर्बलता जीवन में होने वाली दुर्घटनाओं का कारण बनती है।

व्यक्ति में जन्म लेता है अहंकार: ऐसे जातक जिनकी कुंडली में मंगल कमजोर होता है, उनमें  ईर्ष्या और अहंकार की भावना देखने को मिलती है। साथ ही, आपको स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं विशेषकर पाचन की समस्या परेशान करने लगती है।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट  

इन उपायों से मज़बूत होंगे कुंडली में मंगल

  • कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर होने पर मंगलवार के दिन स्नान करने के बाद लाल रंग के कपड़े पहनकर तीन, पांच या सात माला “ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:” मंत्र का जाप करें।
  • मंगलवार के दिन व्रत करने से मंगल ग्रह मजबूत होता है।
  • मंगल ग्रह के अशुभ होने पर मंगलवार के दिन हनुमान जी को चमेली का तेल मिलाकर सिंदूर अर्पित करें।
  • मंगल को बलवान करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाना शुभ रहता है।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें। धन्यवाद!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1. कुंडली में राजयोग होने पर क्या होता है?

उत्तर 1. किसी व्यक्ति की कुंडली में जन्म से राजयोग होने पर व्यक्ति राजा की तरह अपना जीवन जीता है।

प्रश्न 2. कुंडली में राजयोग कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर 2. ज्योतिष शास्त्र में कुल 32 प्रकार के राजयोग के बारे में बताया गया है।

प्रश्न 3. मंगल किस राशि में गोचर करेंगे?

उत्तर 3. मंगल महाराज 12 जुलाई की शाम 07 बजकर 03 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर कर जाएंगे।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.