मंगल के मेष में आते ही इन राशियों की लव लाइफ में आएगा तूफान, पति-पत्‍नी में होगी जमकर लड़ाई

01 जून, 2024 को मंगल अपनी स्‍वराशि मेष में दोपहर 03 बजकर 27 मिनट पर गोचर करेंगे। इसके बाद मंगल 12 जुलाई को वृषभ राशि में आएंगे। मंगल के इस गोचर से रूचक योग भी बन रहा है। मंगल मेष राशि के ही स्‍वामी ग्रह हैं और इसके अलावा इन्‍हें वृश्चिक राशि का भी स्‍वामित्‍व प्राप्‍त है।

मंगल अपनी ही राशि में आने पर अधिक शक्‍तिशाली हो जाते हैं। इससे रूचक योग का निर्माण भी होने वाला है क्योंकि यह अपनी प्राकृतिक राशि से केंद्र स्थान में हैं और यह मंगल का सबसे शक्तिशाली योग है।

मंगल के इस गोचर से सभी राशियों के जीवन पर अनुकूल-प्रतिकूल प्रभाव पड़ेंगे और इसकी वजह से कुछ राशियों के प्रेम जीवन में उतार-चढ़ाव आने की आशंका है। इस ब्‍लॉग में हम आपको विस्‍तार से बता रहे हैं कि मंगल के मेष राशि में प्रवेश करने पर किन राशियों की लव लाइफ में परेशानियां आने की आशंका है।

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मंगल के गोचर से इन राशियों की लव लाइफ होगी खराब

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के लिए मंगल सातवें और बारहवें घर के स्वामी हैं और मंगल का मेष राशि में गोचर आपके बारहवें घर में होने जा रहा है। इस दौरान आपके और आपके पार्टनर के बीच बेवजह बहस हो सकती है। आप दोनों के बीच आपसी समझ और तालमेल की कमी भी देखने को मिल सकती है। इस वजह से पति-पत्‍नी के रिश्‍ते में कलह का माहौल रह सकता है।

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कन्या राशि 

कन्या राशि के लिए मंगल तीसरे और अष्टम भाव के स्वामी हैं और मंगल का मेष राशि में गोचर आपके अष्टम भाव में होने जा रहा है। आपको इस समय धैर्य बनाए रखने की सलाह दी जाती है। रिश्‍ते के मामले में आपके और आपके पार्टनर के बीच बेवजह परेशानियां उत्‍पन्‍न हो सकती हैं। इससे आपके रिश्‍ते में खटास आने की आशंका है। आप अपने पार्टनर के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश करें।

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तुला राशि 

तुला राशि के लिए मंगल दूसरे और सप्तम भाव के स्वामी हैं और इस गोचर के दौरान मंगल आपके सप्तम भाव में आएंगे। आपको पारिवारिक जीवन में असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है।। पति-पत्‍नी के रिश्‍ते के लिए भी अच्‍छा समय नहीं है। विवाह संबंधी फैसले लेने में आपको ज्यादा सावधानी बरतनी की आवश्यकता पड़ेगी। पति-पत्‍नी के बीच प्‍यार कम हो सकता है। इस गोचर का आपके प्रेम संबंध एवं शादीशुदा जिंदगी पर नकारात्‍मक प्रभाव पड़ेगा।

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मकर राशि 

मकर राशि के लिए मंगल चौथे और एकादश भाव के स्वामी हैं और इस गोचर के दौरान वे आपके चौथे भाव में आएंगे। इस गोचर काल में आपके परिवार में समस्‍याएं उत्‍पन्‍न हो सकती हैं। इसका नकारात्‍मक असर आपके रिश्‍ते पर भी देखने को मिलेगा। आपके और आपके पार्टनर के बीच बहस हो सकती है।

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मंगल ग्रह का प्रभाव

यदि कुंडली में मंगल मज़बूत स्‍थान में हो, तो व्‍यक्‍ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। जातक के अंदर नेतृत्‍व करने के गुण बढ़ते हैं और उसे मंगल से संबंधित क्षेत्रों में सफलता प्राप्‍त होती है। मंगल व्‍यक्‍ति को साहसी, मेहनती और जुनून से भरा बनाता है।

वहीं, अगर मंगल अशुभ स्‍थान में बैठा हो या कमज़ोर हो, तो व्‍यक्‍ति को पाचन तंत्र से संबंधित समस्‍याएं होने का खतरा रहता है। इन्‍हें गर्म और मसालेदार खाने से परेशानी हो सकती है। व्‍यक्‍ति भावनात्‍मक रूप से कमज़ोर महसूस करता है। कमज़ोर मंगल से विवाह में देरी आती है। इन लोगों का मेटाबॉलिज्‍म भी कमज़ोर रहता है। ये लोग ईर्ष्‍यालु बनते हैं और इनके अंदर अहंकार बढ़ता है। ये बहुत जल्‍दी थक जाते हैं।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. मंगल खराब होने के क्‍या लक्षण हैं?

उत्तर. संपत्ति को लेकर विवाद रहता है।

प्रश्‍न. मंगल अशुभ कब होता है?

उत्तर. कुंडली के पहले, चौथे, सातवें और आठवें भाव में मंगल दोष बनता है।

प्रश्‍न. मंगल किसका कारक होता है?

उत्तर. मंगल साहस और पराक्रम का कारक होता है।

प्रश्‍न. मंगल को खुश कैसे करें?

उत्तर. मंगल यंत्र की पूजा करें।

प्रश्‍न. मंगल को कौन से भगवान नियंत्रित करते हैं?

उत्तर. मंगल के स्‍वामी हनुमान जी हैं।

प्रश्‍न. मंगल ग्रह शांत करने के लिए क्‍या करना चाहिए?

उत्तर. इसके लिए आप मूंगा पहन सकते हैं।

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