सिंह राशि में मंगल-शुक्र की युति बनाएगी, इन राशियों के लिए धन-धान्य में वृद्धि के योग!

सिंह राशि में मंगल-शुक्र की युति: एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको सिंह राशि में बनने वाली मंगल-शुक्र की युति के बारे में जानकारी प्रदान करेगा जो कि जुलाई 2023 के पहले सप्ताह में बनने जा रही है। सिंह राशि में बन रही इस युति का कैसा होगा राशि चक्र की 12 राशियों पर असर? किन उपायों को अपनाकर इस युति के प्रभावों को कम किया जा सकता है? इससे भी हम आपको अवगत कराएंगे। तो आइये शुरुआत करते हैं इस ब्लॉग की। 

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ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की युति को विशेष माना जाता है और अब ऐसी ही युति सिंह राशि में जुलाई माह में देखने को मिलेगी। नवग्रहों में दो बड़े ग्रह माने जाने वाले ग्रह शुक्र और मंगल सिंह राशि में एकसाथ आने वाले हैं। 01 जुलाई 2023 को मंगल सिंह राशि में प्रवेश करेंगे और शुक्र ग्रह 07 जुलाई 2023 को सिंह राशि में गोचर करेंगे। इस ब्लॉग में हम चर्चा करेंगे कि मंगल और शुक्र की युति सभी 12 राशियों को किस तरह प्रभावित करेगी। लेकिन सबसे पहले जानते हैं कि जब मंगल और शुक्र सिंह राशि में बैठे होते हैं, तो यह दोनों ग्रह कैसे परिणाम देते हैं।

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मंगल का सिंह राशि में प्रभाव

सिंह राशि में मंगल की मौजूदगी से जातक स्वयं को दूसरे के सामने वैसा ही दिखाता है जैसा वह है, चाहे सामने वालों को आपका यह व्यवहार पसंद आए या न आए। मंगल का यह गोचर आपके वास्तविक चरित्र का समर्थन करेगा। जिन लोगों का जन्म सिंह राशि में मंगल के दौरान हुआ है वह जातक बेहद दयालु और दूसरों की मदद करने वाले होते हैं। यह लोग तेज़ और बुद्धिमान होते हैं तथा इन्हें अच्छे से पता होता है कि बुद्धि का सही उपयोग कब और कैसे करना है। साथ ही, ऐसे जातक अपने कामों को पूरा करने के लिए कई तरह के तरीके अपनाने से भी पीछे नहीं रहते हैं। मंगल की स्थिति इन्हें घूमने-फिरने का शौक़ीन बनाती है और इन जातकों को पहाड़ों की सैर करना काफ़ी अच्छा लगता है। साथ ही, मंगल के सिंह राशि में होने से कला और कविता के प्रति भी आपका झुकाव हो सकता है। मंगल के प्रभाव से इन लोगों की नई-नई चीज़ों को सीखने की क्षमता शानदार होती है।

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ऐसे लोग हमेशा ऊर्जावान रहते हैं और रचनात्मकता इनमें कूट-कूट कर भरी होती है। साथ ही, इनके आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति में कभी कमी नहीं देखने को मिलती है। नेतृत्व क्षमता का गुण भी इन लोगों के व्यक्तित्व में पाया जाता है। यह आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी होते हैं और इनका मन भी तन की तरह ही खूबसूरत होता है। मंगल को जोश और युद्ध का प्रतीक माना जाता है और यह जीवन के सभी उग्र क्षेत्रों को प्रभावित करता है। जिन जातकों की राशि सिंह होती है वह काफी आत्मविश्वासी होते है और इन्हें स्वयं पर गर्व होता है। अक्सर इन लोगों को विलासिता की वस्तुओं का आनंद लेते हुए देखा जा सकता है और नए-नए लोगों से मिलना इन्हें पसंद होता है। जब मंगल सिंह राशि में होता है तो आपको नई-नई जगह घूमने का, दोस्तों से मिलने का और उपलब्धियां एवं पुरस्कार अपने नाम करने का अवसर देता है।

शुक्र का सिंह राशि में प्रभाव

प्रेम और भौतिक सुखों के कारक शुक्र की सिंह राशि में उपस्थिति आपके प्रेम जीवन में प्यार को बढ़ाएगी क्योंकि यह आपके जीवन को रोमांचक बना देंगे। इस दौरान आपको अपनी तारीफ़ सुनना अच्छा लग सकता है। साथ ही, यह गोचर अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए आपको आत्मविश्वास से पूर्ण बनाएगा। अब शुक्र साहस और आत्मविश्वास की राशि सिंह में प्रवेश करेगा तथा इसके परिणामस्वरूप, सिंह राशि में शुक्र की मौजूदगी आपको खुलकर प्यार करने के लिए प्रेरित करेगी। इस दौरान आप जो भी बोलेंगे वह दिल से बोलेंगे। सिंह राशि के अधिपति देव सूर्य हैं और सूर्य तथा शुक्र एक-दूसरे के प्रति शत्रुता का भाव रखते हैं लेकिन इसका असर शुक्र की स्थिति पर नहीं पड़ेगा। ज्योतिष में सूर्य को एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। सूर्य और शुक्र की ऊर्जा एक-दूसरे को संतुलित करने का काम करेगी। सिंह राशि में शुक्र के तहत जन्मे लोग दयावान और दृढ़ निश्चयी होते हैं। इन जातकों के भीतर जीवन में कुछ बड़ा करने का ज़ज्बा देखने को मिलता है और ऐसे लोगों में खुद को दूसरे के सामने अभिव्यक्त करने की प्रबल इच्छा होती है। जहाँ शुक्र उन्हें रचनात्मकता देता है, तो वहीं सूर्य आत्मविश्वास प्रदान करता है। यह जातक कला के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करते हैं।

सिंह राशि में होगा दो बड़े ग्रहों का गोचर: 12 राशियों को करेंगे प्रभावित 

मेष राशि

सिंह राशि को मनोरंजन की राशि माना जाता है और मेष राशि के जातकों की कुंडली में यह पांचवें भाव में आती है। मंगल ऊर्जा और जुनून का ग्रह है और मेष राशि वालों के लिए शुक्र दूसरे और सातवें भाव के स्वामी के रूप में सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में, ग्रहों की यह स्थिति निश्चित रूप से आपके जीवन में 2 बड़े बदलाव लेकर आएगी। पहला, आपके स्वभाव में कामुकता की अधिकता दिखाई दे सकती है और दूसरा, संभव है कि इस अवधि में आप एक ही समय पर कई लोगों के साथ रिलेशनशिप में हों।

इन जातकों का अत्यधिक झुकाव विपरीत लिंग में हो सकता है और ऐसे में, आपका प्रेम विवाह होने की प्रबल संभावना है या फिर आप अपने रिश्ते को अगले पड़ाव पर ले जा सकते हैं। साथ ही, इन जातकों का संबंध रचनात्मक क्षेत्रों जैसे एक्टिंग, डिजाइनिंग आदि से हो सकता है। यह पेशेवर जीवन का भाव है और मंगल-शुक्र की युति आपको भौतिक सुखों की प्राप्ति में मदद करेगी। इस दौरान आपका स्वभाव विनम्र रहेगा और दूसरे आपकी सराहना करेंगे। धन-संपदा और सुख-सुविधाओं के साथ आप विलासितापूर्ण जीवन का आनंद लेंगे।

वृषभ राशि

वृषभ राशि वालों के लिए मंगल आपके सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। वहीं, शुक्र को पहले और छठे भाव का स्वामित्व प्राप्त है। वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र और मंगल जब आपके चौथे भाव में एकसाथ आएंगे, तो ऐसे में इन जातकों का सारा ध्यान घर, परिवार, विलासिता और सुख-सुविधाओं पर होगा। यहाँ चिंता की बात होगी कि सिंह राशि एक अस्थिर राशि है और इसमें मंगल-शुक्र की स्थिति भी अस्थिर होगी। इसके परिणामस्वरूप, घर-परिवार में विवाद और मतभेद होने की आशंका है और ऐसे में, परिवार की शांति भंग हो सकती है।

मंगल और शुक्र की युति आपको पेशेवर जीवन में सहायता करेगी। ऐसे में, बॉस और वरिष्ठ अधिकारी आपके काम से प्रसन्न नज़र आएंगे। हालांकि, कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर कुछ जातकों को सावधान रहना होगा क्योंकि इन दोनों ग्रहों की युति कार्यक्षेत्र पर आपका ध्यान काम और जिम्मेदारियों दोनों से भटका सकती हैं। लेकिन, इस दौरान आपकी आर्थिक स्थिति स्थिर होगी और आप रोज़मर्रा के जीवन में सुख-सुविधाओं और लक्ज़री का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे।

मिथुन राशि        

मिथुन राशि वालों के लिए मंगल और शुक्र की युति आपके तीसरे भाव में बनेगी। मंगल आपके छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जबकि शुक्र पांचवें और बारहवें भाव के अधिपति हैं। ऐसे में, मंगल और शुक्र का संयोजन आपको साहस प्रदान करेगा जिससे आप दुनिया का सामना निडरता से करते हुए कठिनाइयों से बाहर आ सके। यह आपके संचार कौशल को बेहतर बनाएगा और आपके सामाजिक जीवन का दायरा बढ़ाएगा। 

सिर्फ इतना ही नहीं, आप तेज़ी से आगे बढ़ेंगे जिसके बल पर आप प्रतिद्वंदियों को पीछे छोड़ने और शत्रुओं पर जीत हासिल करने में सक्षम होंगे। इन जातकों के एक से ज्यादा अफेयर्स भी हो सकते हैं या जहाँ आपको लगता है आवाज़ उठाना आवश्यक है वहां आपको यह ऐसा करने का साहस देगा। अगर हम इस युति के नकारात्मक पक्ष की बात करें तो, आप किसी के प्रति या विपरीत लिंग के प्रति हद से ज्यादा जुनूनी हो सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, लोगों को आपके चरित्र पर सवाल उठाने का मौका मिल सकता है।

कर्क राशि

कर्क राशि वालों के लिए मंगल योगकारक ग्रह हैं और शुक्र आपके चौथे तथा ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। मंगल और शुक्र की युति आपके दूसरे भाव में होगी और इसके फलस्वरूप, आपकी वाणी और संचार कौशल प्रभावी होगा। ऐसे में, आप अपने शब्दों की ताकत को जान सकेंगे और इसका सही उपयोग करके आप दूसरों को मनमुताबिक काम करने के लिए प्रेरित कर सकेंगे।

साथ ही, यह युति आपको अच्छी नेतृत्व क्षमता का आशीर्वाद देगी। यदि कुंडली में सातवें भाव के स्वामी शनि अच्छी स्थिति में मौजूद होंगे, तो यह आपको सुखी वैवाहिक जीवन प्रदान करेंगे। आपके पिता की सरकारी नौकरी हैं, तो उन्हें सरकार की तरफ से किसी तरह के लाभ प्राप्त हो सकते हैं। आप अपने परिवार के बेहद करीब होंगे, लेकिन शनि की नकारात्मक स्थिति आपको एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर की तरफ लेकर जा सकती है।

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सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए मंगल और शुक्र आपके लग्न भाव यानी कि पहले भाव में स्थित होंगे। ऐसे में, पहले भाव में इन ग्रहों की युति आर्थिक संकट की तरफ इशारा कर रही है। वहीं, व्यापार करने वाले जातकों को बिज़नेस में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जो लोग नौकरी करते हैं उन्हें कार्यक्षेत्र पर आपको वरिष्ठों का सहयोग मिलेगा, लेकिन जिन लोगों का संबंध कृषि से हैं उनका मुनाफा औसत रह सकता है। इस अवधि में माता का स्वास्थ्य आपकी चिंता का विषय बन सकता है। मंगल और शुक्र को ज्योतिष में विशेष दर्जा प्राप्त है और इसके परिणामस्वरूप, यह आपके प्रेम जीवन और रिलेशनशिप को प्रभावित कर सकते हैं। शुक्र ग्रह को प्रेम और रिलेशनशिप का कारक माना जाता है और मंगल किसी व्यक्ति विशेष का प्रतिनिधित्व करता है। इन दोनों ग्रहों की युति के चलते आपकी पार्टनरशिप थोड़ी डगमगा सकती है।

शुक्र और मंगल की युति का प्रभाव एक व्यक्ति को आवेगी, कामुक, भावुक और जीवंत बनाता है। इन जातकों के लिए स्वयं का स्वतंत्र और अद्वितीय होना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना किसी के साथ प्यार में पड़ना। दूसरी तरफ, जो लोग पहले से रिलेशनशिप में हैं, वह अपने रिश्ते में पार्टनर पर हावी हो सकते हैं। यह जातक अत्यधिक रोमांटिक और सामाजिक मेलजोल बढ़ाने वाले होते हैं  इसलिए इन्हें किसी का भी पसंदीदा व्यक्ति बनने में देर नहीं लगती है। हालांकि, मंगल और शुक्र की युति आपको गुस्सैल बना सकती है, लेकिन इस दौरान आपको काम को सही तरीके से करने का साहस भी प्रदान करेगा। 

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए मंगल और शुक्र की युति आपके बारहवें भाव में बनेगी। इस दौरान ये जातक अपने कर्मों को लेकर काफ़ी सजग रहेंगे। साथ ही, जाने-अनजाने में अपने व्यक्तित्व को बेहतर बनाने का काम कर सकते हैं। इसके अलावा, कन्या राशि के जातक उन लोगों को काफ़ी अच्छे से समझ सकेंगे जो मानसिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं।   

बारहवें भाव में मंगल और शुक्र की स्थिति इन जातकों में अनुशासन और एकता की भावना पैदा करेगी। हालांकि, आपको सलाह दी जाती है कि नियमों का पालन करें, अन्यथा आपको दंड का भुगतान करना पड़ सकता है और यह नियम सामाजिक, धार्मिक या क़ानूनी भी हो सकते हैं जिससे किसी विशेष समुदाय या व्यक्ति द्वारा लागू किया गया हो।

तुला राशि 

तुला राशि वालों के लिए मंगल आपके दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं जबकि शुक्र पहले और आठवें भाव के अधिपति हैं। ऐसे में, जब दो विपरीत ऊर्जाओं के स्वामी ग्यारहवें भाव में एक साथ आएंगे। इस युति को अच्छा कहा जाएगा और इस दौरान आप समाज में प्रसिद्धि प्राप्त करेंगे। इन जातकों के सामाजिक जीवन के दायरे का भी विस्तार होगा। मंगल-शुक्र की युति उन लोगों के लिए फलदायी साबित होगी जिनका अपना व्यापार है और इस दौरान वह शत्रुओं एवं प्रतिद्वंदियों पर जीत हासिल करने में सक्षम होंगे। ग्यारहवें भाव को लाभ का भाव माना गया है और इसके फलस्वरूप, यह जातक पर्याप्त मात्रा में धन-धान्य और सुख-सुविधा कमाने में सफलता प्राप्त करेंगे। 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए मंगल पहले और छठे भाव के स्वामी हैं, तो वहीं शुक्र आपके सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब दसवें भाव में एक साथ विराजमान होंगे। यह करियर, सामाजिक स्थिति और मान-सम्मान का भाव है। जब कभी भी यह दोनों ग्रह दसवें भाव में एकसाथ आते हैं, तब जातकों में पेशेवर जीवन में तरक्की और समाज में सम्मान पाने की इच्छा प्रबल होती है।

दसवें भाव में मंगल में स्थिति व्यक्ति को आक्रामक, प्रतिस्पर्धी बनाने के साथ-साथ लक्ष्यों को पूरा करने के लिए भी प्रेरित करती है। इस दौरान आप अच्छे नेता साबित होंगे और मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों को नियंत्रित करने में सक्षम होंगे। इसके विपरीत, यदि चीज़ें आपकी योजना के अनुसार नहीं गई तो आप धैर्य खो सकते हैं। शुक्र की बात करें तो, दसवें भाव में शुक्र की मौजूदगी शांति, नैतिकता और इच्छाओं का प्रतिनिधित्व करती है। हालांकि, मंगल और शुक्र की युति रेलवे अधिकारियों और पोस्ट ऑफिस स्टाफ आदि से जुड़ें क्षेत्रों के लिए शानदार रहेगी।

धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए मंगल आपके पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। दूसरी तरफ, शुक्र को कुंडली में छठे और ग्यारहवें भाव का स्वामित्व प्राप्त है। इन दोनों ग्रहों की युति आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगी और आपको भाग्य का साथ मिलेगा। अब आपके पांचवें भाव के स्वामी नौवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप, आपकी रुचि धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में होगी।

जैसे कि हम बता चुके हैं कि इस अवधि में आपको भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। जिन जातकों का ख़ुद का बिज़नेस हैं वह अच्छा ख़ासा मुनाफा कमाएंगे। नौकरीपेशा जातकों के लिए भी यह समय फलदायी रहेगा। मंगल और शुक्र मिलकर आपके भाग्य क मज़बूत बनाएंगे और प्रतिद्वंदियों से आपको आगे रखेंगे। इस दौरान नौकरी में पदोन्नति और वेतन में वृद्धि के योग बनेंगे। 

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मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए मंगल और शुक्र की युति आपके आठवें भाव में होगी। आपको बता दें कि मंगल चौथे (केंद्र त्रिकोण) और शुक्र पांचवें भाव (त्रिकोण योग) के स्वामी हैं जिनके एक साथ सिंह में बैठे होने से राजयोग का निर्माण हो रहा है। साथ ही, मंगल आपकी कुंडली में ग्यारहवें भाव के स्वामी भी हैं। ऐसे में,पांचवें और ग्यारहवें भाव की युति धन योग भी बना रही है। हालांकि, आठवें भाव में बनने वाला कोई भी योग जातकों को ज्यादा अच्छे परिणाम नहीं देता है। 

इस दौरान कार्यों में मिलने वाले परिणामों में देरी भी देखने को मिल सकती हैं। मंगल और शुक्र की युति के दौरान आपका भाग्य थोड़ा कमज़ोर पड़ सकता है। संभव है कि इन जातकों को अपनी मेहनत का फल प्राप्त करने के लिए थोड़ा इंतज़ार करना पड़ें। बिज़नेस करने वाले जातकों को उतना मुनाफा न मिले जितने की आपने उम्मीद की थी। साथ ही, आर्थिक स्थिति में भी कोई सुधार न आए। इस दौरान बिगड़ते आर्थिक हालात आपको परेशान कर सकती हैं।

कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों की कुंडली में जब मंगल और शुक्र सातवें भाव में युति करेंगे, तब यह आपके वैवाहिक जीवन में समस्याएं पैदा करेंगे। मंगल की महादशा या फिर शुक्र की अंतर्दशा (भुक्ति) आपके जीवन में अशांति उत्पन्न करेगी। शुक्र आपकी कुंडली में चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं, तो वहीं मंगल आपके तीसरे और दसवें भाव के अधिपति देवता हैं।

कुंभ राशि के व्यापार मालिकों के लिए मंगल और शुक्र का सातवें भाव में बैठना निश्चित रूप से लाभ लेकर आएगा, लेकिन अपने आक्रामक व्यवहार के चलते आपको बिज़नेस पार्टनर के साथ समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है। यह युति आपको समाज में एक अलग पहचान दिलाएगी और सामाजिक रुतबे को ऊंचे स्तर पर लेकर जाएगी। प्रगति की दृष्टि से यह समय श्रेष्ठ साबित होगा और साथ ही, आपको करियर के क्षेत्र में भी कई बेहतरीन अवसर प्राप्त होंगे। घूमने-फिरने या फिर काम के सिलसिले में आपको विदेश यात्रा पर जाना पड़ सकता है।

मीन राशि

मीन राशि वालों के लिए मंगल दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं। बात करें शुक्र की तो, शुक्र आपकी कुंडली में तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं। मंगल और शुक्र की युति आपके छठे भाव में हो रही है और इसके परिणामस्वरूप, मीन राशि वालों का संचार कौशल शानदार रहेगा। ऐसे में, आप दूसरों के आगे अपनी बात रखने और उनको अपने विचार समझाने में सक्षम होंगे।

यदि आपके खिलाफ़ कोई कोर्ट केस या क़ानूनी मुकदमा चल रहा है, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि मुकदमे का अंतिम फैसला आपके पक्ष में आए। भाग्य आपके पक्ष में होगा और इस दौरान आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। ऐसे में, मीन राशि वाले अपनी बुद्धि का अच्छे से उपयोग कर सकेंगे।

सिंह राशि में मंगल-शुक्र की युति के दौरान करें ये अचूक उपाय 

  • माता लक्ष्मी को प्रत्येक शुक्रवार खीर का भोग लगाएं और छोटी कन्याओं को प्रसाद के रूप में भी दें।
  • प्रतिदिन कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। 
  • हर शुक्रवार देवी लक्ष्मी को 5 लाल रंग के फूल अर्पित करें। 
  • प्रत्येक शुक्रवार शुक्र के बीज मंत्र का जाप करें। 
  • संभव हो, तो ज्यादा से ज्यादा सफ़ेद और गुलाबी रंग के कपड़े पहनें। 
  • शुक्रवार के दिन व्रत करें। 
  • घर और कार्यस्थल पर शुक्र यंत्र की स्थापना करें और नियमित रूप से उसकी पूजा करें। 
  • प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। 
  • गरीब बच्चों को बेसन के लड्डू और मिठाई खिलाएं।     

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