एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग आपको मंगल का मिथुन राशि में गोचर के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा। मंगल ग्रह को लाल ग्रह के नाम से भी जाना जाता है जो अब 26 अगस्त 2024 की दोपहर 03 बजकर 40 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। मंगल के राशि परिवर्तन का प्रभाव भारत समेत दुनिया पर भी पड़ेगा। तो आइए बिना देर किये जानते हैं कि मंगल का मिथुन राशि में गोचर कैसे प्रभावित करेगा देश-दुनिया और सभी राशियों को।
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मिथुन राशि में मंगल: विशेषताएं
यह हम सभी भली-भांति जानते हैं कि मंगल और बुध ग्रह एक-दूसरे के प्रति शत्रुता का भाव रखते हैं। लेकिन, ज्योतिषीय दृष्टि से मंगल का मिथुन राशि में गोचर एक विशेष स्थिति माना जाता है जो अच्छे और बुरे दोनों तरीकों से आपकी ऊर्जा,, कार्यों और दृष्टिकोण को प्रभावित कर सकती है। यह गोचर किसी व्यक्ति के जीवन में मिले-जुले परिणाम लेकर आ सकता है। हालांकि, जिन जातकों की कुंडली में मंगल मिथुन राशि में होते हैं, वह बातचीत के माध्यम से अपनी भावनाओं का इज़हार करते हैं। ऐसे लोग डिबेट करने में माहिर होते हैं और किसी बात पर होने वाली चर्चाओं का आनंद लेते हुए नज़र आते हैं। साथ ही, इनमें अपनी बात मनवाने का हुनर होता है। यह स्थिति बुद्धि को तेज़ बनाने के अवसर लेकर आती है।
मंगल को कार्य करने की इच्छा का ग्रह माना जाता है। जब मंगल मिथुन राशि में मौजूद होते हैं, तो इनकी बुद्धि एवं संचार कौशल शानदार होता है। जिन जातकों की कुंडली में मंगल मिथुन राशि में बैठे होते हैं, अक्सर वह जिज्ञासु प्रवृति के होते हैं और इनकी रुचि नई-नई चीज़ों को जानने में होती है। ऐसे में, इन जातकों का झुकाव नई चीज़ें सीखने, ज्ञान प्राप्त करने और नए तरह के अनुभव पाने में होता है। यह लोग बेहद बेचैन होते हैं और लंबे समय तक किसी एक ही प्रोजेक्ट पर काम करते रहने इनके लिए मुश्किल होता है इसलिए समय-समय पर इन्हें बदलाव की जरूरत होती है जिससे इनका मन काम में लगा रहें। मंगल मिथुन राशि में होने पर जातक मल्टीटास्किंग होते हैं और मुश्किल काम को आसानी से कर लेते हैं, लेकिन कभी-कभी इनके प्रयास असफलता की वजह भी बन सकते हैं।
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मंगल का मिथुन राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेंगे सकारात्मक परिणाम
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए मंगल महाराज आपकी कुंडली में लग/पहले भाव और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके संचार कौशल, छोटे भाई-बहन और साहस के भाव यानी कि तीसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस गोचर के परिणामस्वरूप आप ऊर्जाा और साहस से भरे रहेंगे। ऐसे में, आप उन कामों को करना चाहेंगे जो काफ़ी समय से अधूरे पड़े हैं। जो छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए यह समय आपके लिए अच्छा कहा जाएगा। साथ ही, शत्रु या प्रतिद्वंद्वी आपको हानि नहीं पहुंचा सकेंगे।
इन लोगों को अपने पिता, गुरु और मेंटर का हर कदम पर साथ मिलेगा। लेकिन, आपको उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा। मंगल महाराज अपनी आठवीं दृष्टि से आपके दसवें भाव को देखेंगे जो कि पेशेवर जीवन का भाव है। ऐसे में, यह मेष राशि के जातकों के करियर में प्रगति लेकर आएंगे। वहीं, इस राशि के हाल ही में ग्रेजुएट हुए फ्रेशर अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल देव आपके चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं। यह आपके लिए योगकारक ग्रह भी हैं जो गोचर करके अब आपके ग्यारहवें भाव में विराजमान होंगे। बता दें कि कुंडली में ग्यारहवां भाव लाभ और इच्छाओं का होता है और इस भाव में मंगल का गोचर होने से यह आपके भीतर भौतिक सुख-सुविधाओं को पाने की इच्छा को बढ़ावा देने का काम करेंगे। ऐसे में, आप इस दिशा में ही प्रयासरत नज़र आएंगे। इस अवधि को आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए भी श्रेष्ठ कहा जाएगा क्योंकि पिछले समय में किया गया निवेश आपको अच्छा रिटर्न दे सकता है। इसके अलावा, कमीशन के रूप में भी आपकी आय बढ़ सकती है।
मंगल गोचर को धन से जुड़ी योजनाओं को बनाने के लिए काफ़ी अच्छा कहा जाएगा। इस प्रकार, आपके ग्यारहवें भाव में मंगल की उपस्थिति आपके लिए धन लाभ लेकर आएगी। इसके परिणामस्वरूप, आप धन की ज्यादा से ज्यादा बचत कर सकेंगे और आपकी आय में वृद्धि होगी। इस भाव मैं बैठकर मंगल भाव की दृष्टि आपके पांचवें और छठे भाव पर होगी जो कि छात्रों के लिए अच्छी रहेगी, विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी या किसी भी तरह के कंपटीशन में भाग लेने वालों के लिए। इनमें आपका प्रदर्शन शानदार रहेगा। इसके अलावा, मंगल महाराज की दृष्टि आपके छठे भाव पर होगी और इसके फलस्वरूप, क़ानूनी मुकदमों का फैसला आपके हक़ में आ सकता है।
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में चौथा भाव माता, घर, घरेलू जीवन, भूमि, संपत्ति और वाहन आदि का होता है। मीन राशि के स्वामी ग्रह बृहस्पति के साथ मंगल ग्रह दोस्ताना संबंध रखते हैं इसलिए चौथे भाव में इसके गोचर को अच्छा माना जाएगा। ऐसे में, मीन राशि के जातकों को जीवन के हर परिस्थिति में परिवारजनों और माता-पिता का साथ मिलेगा। इस दौरान आपको पैतृक संपत्ति मिल सकती है या फिर आप अपने लिए एक नया वाहन खरीद सकते हैं।
चौथे भाव से मंगल आपके सातवें, दसवें और ग्यारहवें भाव पर दृष्टि डाल रहे होंगे। इस संयोजन को व्यापार की प्रगति के लिए अच्छा कहा जाएगा। इस अवधि में पूरी तरह से आप पेशेवर जीवन के साथ-साथ व्यापार में भी प्रगति हासिल करने के लिए समर्पित रहेंगे। साथ ही, बिज़नेस पार्टनरशिप और धन लाभ के लिए भी समय शानदार रहेगा।
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मंगल का मिथुन राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक असर
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल आपके बारहवें और सातवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में दूसरा भाव परिवार, बचत और वाणी का प्रतिनिधित्व करता है। आपके दूसरे भाव में मंगल का गोचर होने से यह आपकी वाणी को कठोर और रुखा बनाने का काम कर सकता है। ऐसे में, परिवार के सदस्यों के साथ आपके रिश्ते खराब रह सकते हैं। इन परिस्थितियों से बचने के लिए आपको अपनी वाणी को मधुर बनाने की सलाह दी जाती है। साथ ही, किसी से भी बात करते समय आपको शब्दों के चयन को लेकर सावधान रहना होगा।
दूसरे भाव से मंगल महाराज की दृष्टि आपके पांचवें, आठवें और नौवें भाव पर पड़ रही होगी। इसके परिणामस्वरूप, आप अपनी संतान, शिक्षा और प्रेम जीवन को लेकर पजेसिव रहेंगे। लेकिन, आपको हद से ज्यादा सुरक्षात्मक होने से बचना होगा, अन्यथा आपके साथी असहज महसूस कर सकते हैं। आठवें भाव पर मंगल की दृष्टि पड़ने से आपके जीवन में अनिश्चितता बढ़ सकती है। इसके परिणामस्वरूप, आपको पार्टनर के साथ-साथ खुद का भी ख्याल रखना होगा और वाहन पूरी सावधानी के साथ चलाने की सलाह दी जाती है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल देव आपके छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके पहले/लग्न भाव में गोचर कर जाएंगे। ऐसे में, इन जातकों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत रहेगी और आप ऊर्जा से भरे रहेंगे। लेकिन, नकारात्मक पक्ष की बात करें तो, आप स्वभाव से आक्रामक और दूसरों पर हावी होने वाले बन सकते हैं। लग्न भाव से बैठकर यह आपके चौथे भाव, सातवें और आठवें भाव को देख रहे होंगे। चौथे भाव पर मंगल की दृष्टि पड़ने से आपको हर कदम पर अपनी माता का साथ मिलेगा, परंतु आपको उनकी सेहत क लेकर सतर्क रहना होगा। आशंका है कि आप उन्हें लेकर काफ़ी सुरक्षात्मक हो सकते हैं।
इस अवधि को संपत्ति बेचने और खरीदने के लिए शानदार कहा जाएगा। मंगल की आपके सातवें भाव पर दृष्टि बिज़नेस पार्टनरशिप के लिए अच्छी रहेगी। साथ ही, आप जीवन साथी का भी हर कदम पर साथ देंगे, परंतु आपका गुस्सैल स्वभाव आप दोनों के बीच टकरार या समस्याओं की वजह बन सकता है इसलिए आपको अपने व्यवहार पर ध्यान देना होगा।
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कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल एक योगकारक ग्रह है क्योंकि यह आपके केंद्र और त्रिकोण भावों पांचवें और दसवें भाव को नियंत्रित करते हैं। अब यह आपके बारहवें भाव में गोचर करने वाले हैं जो कि विदेश, अलगाव, अस्पताल, विदेशी कंपनियों जैसे कि एमएनसी आदि का प्रतिनिधित्व करता है। आपका योगकारक ग्रह बारहवें भाव में विराजमान होगा जिसे कर्क राशि के जातकों के लिए अच्छी स्थिति नहीं कहा जा सकता है। इस दौरान आपको पेशेवर जीवन में अचानक से बदलाव देखने को मिल सकते हैं जो कि नकारात्मक हो सकते हैं। आपका ट्रांसफर या फिर पद में बदलाव किया जा सकता है। लेकिन, यह समय उन लोगों के लिए अच्छा रहेगा जो जीवन में कोई बदलाव चाहते हैं या फिर विदेश जाना चाहते हैं।
इस समय आपको अपने भीतर साहस, शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी महसूस हो सकती है। मंगल महाराज बारहवें भाव से आपके तीसरे, छठे और सातवें भाव को देख रहे होंगे और इसके फलस्वरूप छोटी दूरी की यात्रा, कानूनी विवादों या फिर स्वास्थ्य की वजह से आपके खर्चों में वृद्धि होने की आशंका है। हालांकि, आपके शत्रु आपको ज्यादा नुकसान पहुंचाने में सक्षम नहीं होंगे।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए मंगल पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में सातवां भाव पार्टनरशिप और विवाह का होता है। ऐसे में, मंगल का मिथुन राशि में गोचर होने से पार्टनर आप पर हावी हो सकता है और उनका स्वभाव आक्रामक रह सकता है। यह आप दोनों के बीच विवाद या मतभेद की वजह हो सकती है।
सातवें भाव में उपस्थित मंगल देव की दृष्टि आपके दसवें भाव पर होगी जिसकी वजह से आप नौकरी को लेकर असुरक्षित महसूस कर सकते हैं, लेकिन ऐसा कुछ होगा नहीं। आपके पहले/लग्न भाव पर इनकी दृष्टि होने से आप गुस्सैल स्वभाव के बनेंगे। वहीं, मंगल देव की आठवीं दृष्टि आपके दूसरे भाव पर पड़ रही होगी और ऐसे में, यह आपको गले या फिर परिवार के सदस्य को स्वास्थ्य समस्याएं देने का काम कर सकती हैं। संभव है कि इस अवधि में आपके साथी को जीवन में कुछ अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ें जिसका असर आपकी जमा पूंजी पर पड़ सकता है।
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मंगल का मिथुन राशि में गोचर: प्रभावशाली उपाय
- प्रतिदिन हनुमान मंदिर जाएं।
- रोज़ाना मंगल यंत्र की पूजा करें।
- चमेली के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- गरीबों या जरूरतमंदों को लाल या केसरिया रंग के वस्त्रों का दान करें।
- तांबे के गिलास में पानी पिएं और अपने जीवन में तांबे की धातु का उपयोग किसी न किसी तरह से करते रहें।
मंगल का मिथुन राशि में गोचर: विश्वव्यापी प्रभाव
सरकार और राजनीति
- मंगल का मिथुन राशि में गोचर होने से सरकार और उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों को जनता का समर्थन मिल सकता है। साथ ही, सरकार अपने अधिकार और तर्क को बनाए रखते हुए थोड़ी आक्रामक रहेगी।
- सरकारी अधिकारी अपने कार्यों और योजनाओं का विश्लेषण जल्दबाजी में करते हुए नज़र आ सकते हैं। लेकिन, इसी समय यह अपनी समझदारी का भी परिचय देंगे।
- भविष्य के लिए सरकार आक्रामक योजनाओं का निर्माण कर सकती हैं।
- मंगल गोचर की अवधि में भारत सरकार के कार्य करने का तरीका और उनकी नीतियां जनता को पसंद आ सकती हैं।
- भारत सरकार गंभीरता से विभिन्न क्षेत्रों जैसे मेडिसिन, मैकेनिक्स आदि से जुड़ी योजनाओं को लागू करने की दिशा में काम करती हुई दिखाई देगी जिसका फायदा देश की आबादी के एक बड़े हिस्से को मिलेगा।
- भारत के बड़े नेता आक्रामक लेकिन सोच-समझकर कार्य करते हुए दिखाई देंगे।
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बैंकिंग और वित्त
- वित्तीय क्षेत्र से जुड़े लोग मंगल गोचर के दौरान प्रगति हासिल करेंगे।
- इस गोचर के दौरान बैंकिंग क्षेत्र में सुधार देखने को मिलेगा।
- मंगल का मिथुन राशि में गोचर की अवधि में इन्वेस्टमेंट बैंकर, बैंक मैनेजर आदि का प्रदर्शन शानदार रहेगा।
टेलीकॉम एवं कम्युनिकेशन इंडस्ट्री
- जो लोग टेलीकॉम और संचार उद्योग से संबंध रखते हैं, उनके लिए यह गोचर लाभदायी रहेगा। इस दौरान आपको नए अवसरों की प्राप्ति होगी।
- इस अवधि में टेलीकॉम इंडस्ट्री का व्यापार तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ेगा।
मंगल का मिथुन राशि में गोचर: मौसम की जानकारी
- मंगल का मिथुन राशि में गोचर के दौरान ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के ज्यादातर हिस्सों में औसत बारिश होने की संभावना है।
- मध्य पूर्व के अधिकांश क्षेत्रों और दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में मौसम शुष्क रहेगा।
- मंगल गोचर के दौरान भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश कम होने की आशंका है। साथ ही, उत्तराखंड समेत उत्तर-पूर्वी राज्यों में बारिश के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं में कमी देखने को मिलेगी।
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मंगल का मिथुन राशि में गोचर: शेयर बाजार भविष्यवाणी
- मंगल का मिथुन राशि में गोचर के दौरान शेयर बाजार का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नहीं रहने की संभावना है।
- इस अवधि में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, बैंक और फाइनेंस कंपनियों, रिलायंस कैपिटल एवं रिलायंस इंडस्ट्री आदि क्षेत्रों में मंदी आ सकती हैं।
- मंगल गोचर की वजह से फाइनेंस, आईटीसी, तंबाकू, शिपिंग, सब्जी और ऑटोमोबाइल आदि क्षेत्र धीमी रफ्तार से आगे बढ़ेंगे।
- इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, प्रिटिंग एवं पेपर उद्योग, ऑटोमोबाइल समेत कंप्यूटर सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में मंदी का सामना करना पड़ सकता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
कर्क राशि
नहीं, मिथुन दोहरे स्वभाव की राशि है जो मंगल ग्रह को भ्रमित करती है और इस राशि के स्वामी बुध है। यह मंगल के शत्रु ग्रह माने गए हैं।
दसवें भाव में।