मंगल के गोचर में इन लोगों को लगाने पड़ेंगे अस्‍पताल के चक्‍कर, सेहत नहीं देगी साथ

01 जून को दोपहर 03 बजकर 27 मिनट पर मंगल ग्रह मेष राशि में प्रवेश करेंगे। मंगल के इस गोचर का सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। किसी को इस गोचर से सकारात्‍मक प्रभाव मिलेंगे, तो वहीं कुछ राशियों को इस दौरान नकारात्‍मक प्रभाव मिलेंगे। मंगल के मेष राशि में आने पर कुछ राशियों के लोगों की सेहत में भी गिरावट आने की आशंका है।

मेष राशि के स्‍वामी ग्रह मंगल ही हैं और वे अपनी स्‍वराशि में गोचर करने पर अधिक शक्‍तिशाली हो जाते हैं। मेष के अलावा वृश्चिक राशि पर मंगल का स्‍वामित्‍व है। इस गोचर के दौरान रूचक योग भी बन रहा है क्योंकि यह अपनी प्राकृतिक राशि से केंद्र स्थान में है और यह मंगल का सबसे शक्तिशाली योग है।

तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि मंगल के मेष राशि में प्रवेश करने पर किन राशियों के स्‍वास्‍थ्‍य में गिरावट आने की आशंका है।

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वृषभ राशि

वृषभ राशि के लिए मंगल सातवें और बारहवें घर के स्वामी हैं और मंगल आपके बारहवें घर में गोचर करने जा रहे हैं। इस दौरान वृषभ राशि के लोगों को अपनी सेहत को लेकर थोड़ा संभलकर रहने की आवश्‍यकता है। इस समयावधि में आपको आंखों से जुड़ी कोई परेशानी हो सकती है। आपकी आंखों में दर्द होने की भी आशंका है। इसके अलावा आप दांत में दर्द की चपेट में भी आ सकते हैं।

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कन्‍या राशि

कन्‍या राशि के स्‍वामी ग्रह बुध हैं और इस राशि के तीसरे एवं आठवें घर के स्‍वामी मंगल हैं। अब मंगल आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। आपको इस गोचर के दौरान अपनी आंखों का खास ख्‍याल रखने की सलाह दी जाती है। आप आंखों की जांच करवाने ज़रूर जाएं। आपको आंखों में जलन महसूस होने की शिकायत हो सकती है। आंखों से जुड़ी किसी भी समस्‍या को नज़रअंदाज़ न करें।

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तुला राशि

तुला राशि का स्‍वामी ग्रह शुक्र है और इस राशि के दूसरे एवं सातवें भाव के स्‍वामी मंगल हैं। अब मंगल आपके सातवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। इनकी सेहत की बात करें, तो इस समय तुला राशि के लोगों को सिरदर्द और माइग्रेन होने की आशंका है। बेहतर होगा कि आप पहले से ही इनसे बचाव की तैयारी शुरू कर दें।

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मकर राशि

मकर राशि के चौथे और एकादश भाव के स्‍वामी मंगल हैं और अब मंगल आपके चौथे भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। इस समय आपकी इम्‍युनिटी थोड़ी कमज़ोर रहने वाली है। आपको आराम करने का मौका ही नहीं मिल पाएगा। आप अपनी मां की सेहत का भी ख्‍याल रखें। आपको उनके इलाज पर मोटा पैसा खर्च करना पड़ सकता है।

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ज्‍योतिष में मंगल का महत्‍व

वैदिक ज्‍योतिष में मंगल को योद्धा और साहस का प्रतीक माना गया है। इन्‍हें ग्रहों के सेनापति की उपाधि भी दी गई है। यह गतिशील और आदेश देने वाला ग्रह है। इसके अलावा मंगल को साहस, पराक्रम और आक्रामकता का कारक भी माना गया है। मंगल के प्रभाव से व्‍यक्‍ति के अंदर साहस बढ़ता है लेकिन अगर मंगल का अशुभ प्रभाव पड़ रहा हो, तो जातक गुस्‍सैल प्रवृत्ति का हो सकता है। उसे बात-बात पर या छोटी-छोटी बातों पर गुस्‍सा आने लगता है।

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मेष राशि पर मंगल का प्रभाव

मेष राशि के लोगों के लिए मंगल किसी सुपरपॉवर से कम नहीं है। यह व्‍यक्‍ति को साहस और ऊर्जा प्रदान करता है। इसे युद्ध का देवता भी कहा जाता है और यह मेष राशि के लोगों को मज़बूत और दृढ़ बनाता है। मेष राशि का स्‍वामी ग्रह मंगल ही है। मंगल के प्रभाव से मेष राशि के लोग अपना बेहतरीन देने के लिए तत्‍पर रहते हैं।

मंगल मेष राशि के लोगों को निडर बनाता है। इन्‍हें चुनौतियों से डर नहीं लगता है और ये हमेशा अपने एवं दूसरों के लिए खड़े रहते हैं। ये हमेशा बड़े सपने देखते हैं और मंगल इन्‍हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्‍साहित करता है। मेष राशि के लोग अपने काम को अपने तरीके से करना पसंद करते हैं और मंगल इन्‍हें लीडर बनने और अपने फैसले खुद लेने के लिए प्रेरित करता है। मेष राशि के जातकों को अपनी पसंद के काम करना अच्‍छा लगता है और मंगल अपने पैशन को पूरा करने के लिए इनमें अधिक जज्‍बा पैदा करता है।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न. मंगल के खराब होने के क्‍या लक्षण हैं?

उत्तर. व्‍यक्‍ति को खून से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।

प्रश्‍न. मंगल ग्रह कौन सी बीमारियां देता है?

उत्तर. मंगल की वजह से बीपी, कंठ रोग, मूत्र रोग, पाइल्‍स आदि हो सकता है।

प्रश्‍न. खुजली कौन से ग्रह से होती है?

उत्तर. बुध को त्‍वचा का कारक माना गया है। यही खुजली भी पैदा करते हैं।

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