ज्योतिष में शनि ग्रह को कर्म फल दाता ग्रह कहा जाता है। अर्थात इस ग्रह का सीधा संबंध व्यक्ति के कर्मों से होता है। आज अपने विशेष लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि 5 जून, 2022 रविवार को सुबह 4:14 पर वक्री होने जा रहे शनि ग्रह का देश और दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
कुंभ राशि में शनि वक्री: अर्थ और महत्व
यहाँ सबसे पहले यह जानना दिलचस्प है कि कुंभ शनि के स्वामित्व वाली राशि है और यह एक प्राकृतिक राशि चिन्ह है और राशि चक्र में यह 11 वें स्थान पर आती है। अपने इस महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौरान शनि अपनी ही राशि में वक्री होने जा रहा है। ज्योतिष के अनुसार जब कोई ग्रह स्वयं अपनी ही राशि में भ्रमण कर रहा होता है तो उसे उत्कृष्ट परिणाम प्रदान करने वाला माना जाता है। हालांकि यह परिणाम व्यक्ति के जीवन पर धीरे-धीरे नजर आते हैं।
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जब भी कोई ग्रह वक्री होता है यानी अपनी उल्टी गति में आ जाता है तो आमतौर पर सुचारू परिणाम प्राप्त करने में कुछ बढ़ाएँ देखने को मिल सकती हैं। बात करें शनि ग्रह और शनि के वक्री होने की तो इससे करियर की प्रगति में बाधाएं और सुस्ती की आशंका प्रबल हो जाती है। इसके अलावा धन लाभ प्राप्त करने में भी कुछ परेशानियां आ सकती हैं और साथ ही व्यक्ति के खर्च इस दौरान कई गुना बढ़ने लगते हैं। शनि ग्रह के वक्री होने पर करियर में अप्रत्याशित परिवर्तन भी देखे जाते हैं।
इसके अलावा जो लोग व्यापार कर रहे हैं या व्यापार के क्षेत्र से संबंधित है उन्हें इस अहम परिवर्तन के दौरान औसत परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। इसके अलावा हम आपको यहां यह भी बता दें कि जातक को उसकी कुंडली में शनि की स्थिति के आधार पर ही सकारात्मक या नकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
जातकों पर शनि वक्री का प्रभाव
- जो जातक खानपान और तेल से संबंधित व्यवसाय कर रहे हैं उन्हें शनि के वक्री होने के प्रभाव स्वरूप फलने फूलने और लाभ कमाने के ढेरों अवसर मिलेंगे।
- इस दौरान कुछ जातकों के धन प्रभाव में वृद्धि और धन संचित करने में अपार सफलता मिल सकती है।
- इसके अलावा जो जातक शोध के क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें भी शनि का वक्री होना शुभ परिणाम प्रदान करेगा।
- इस दौरान आप अच्छे अंक प्राप्त करने में कामयाब हो सकते हैं।
- इसके अलावा कुछ जातकों की रूचि पुराने पारंपरिक मामलों की तरफ देखने को मिल सकती है और आप अपनी इस रुचि को बढ़ाने के लिए भी प्रयासरत नजर आ सकते हैं।
- इसके अलावा शनि का वक्री होना कुछ जातकों के पारिवारिक संदर्भ में भी शुभ परिणाम लेकर आएगा। इस दौरान आपका आपके भाई बहनों के साथ रिश्ता मजबूत होगा और उनका आपको भरपूर सहयोग मिलेगा।
- कुछ जातकों को संतान का सहयोग भी मिल सकता है।
- शनि के वक्री होने के दौरान कुछ जातक अत्यधिक सिद्धांत परायण हो सकते हैं और नैतिक मूल्यों को बनाए रखने पर उनका ध्यान ज़्यादा रहने वाला है।
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भारत और विश्व पर क्या पड़ेगा शनि वक्री का प्रभाव
- भारत और विश्व के बीच की नीतियों और संबंधों के चलते विश्व स्तर पर उच्च समृद्धि की मध्यम संभावना बनेगी।
- विश्व स्तर पर व्यापार से संबंधित परिदृश्य भारत और दुनिया में धीरे-धीरे विकसित होते नजर आ सकते हैं।
- इसके अलावा भारत और चीन जैसे पड़ोसी देशों के बीच संबंध उतने अनुकूल नजर नहीं आने वाले हैं।
- धन का प्रभाव औसत रहेगा और साथ ही विश्व स्तर पर यह और भी कम हो सकता है।
- शनि की वक्री स्थिति के दौरान विश्व स्तर पर अनिश्चितता की एक निश्चित भावना देखने को मिल सकती है।
शनि का वक्री होना किन राशियों के लिए शुभ किन के लिए अशुभ
इन राशियों को मिलेंगे अनुकूल परिणाम
धनु राशि: शनि के वक्री होने के प्रभाव स्वरूप धनु राशि के जातकों की आत्म विकास में वृद्धि देखने को मिलेगी। करियर के संबंध में आपको यात्रा करनी पड़ सकती है और इन यात्रा से आपको लाभ भी संभव हो सकता है। इसके अलावा शनि की इस वक्री स्थिति के दौरान निवेश जैसे महत्वपूर्ण फैसले भी आपके लिए शुभ साबित हो सकते हैं।
धनु राशि के जातकों को इस दौरान नई नौकरी के शुभ अवसर मिल सकते हैं। इसके अलावा इन जातकों के लिए धन संचित करने के भी तमाम अवसर मिलेंगे जिससे आपके जीवन में आर्थिक संपन्नता भी बनी रहेगी और साथ ही आप धन संचित करने में भी कामयाब होंगे।
मेष राशि: शनि का वक्री होना मेष राशि के जातकों के लिए शुभ रहेगा। इस दौरान आपके लक्ष्यों की पूर्ति की प्रबल संभावना बन रही है। इस राशि के जातकों को अपनी संतान का सहयोग मिलेगा। साथ ही आप उनका विकास देखकर खुशी का अनुभव की भी करेंगे।
शनि का यह परिवर्तन करियर के लिए पर्याप्त शुभ अवसर और आपके जीवन में मान सम्मान और अच्छे पद का शुभ अवसर लेकर भी आएगा। इस राशि के जो जातक व्यापार के क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें नया व्यापार शुरू करने का मौका मिल सकता है और इससे आपको अच्छा लाभ भी होगा।
कन्या राशि: शनि के वक्री होने के दौरान कन्या राशि के जातकों को सट्टाबाज़ारी और अटकलों के माध्यम से अच्छा लाभ मिल सकता है। अगर आप किसी चीज के लिए प्रयास करना चाहते हैं तो उसके लिए यह समय बेहद ही अनुकूल साबित होगा। इसके अलावा कन्या राशि के जातकों के लिए करियर से संबंधित प्रयास और एक मजबूत प्रतिष्ठा का निर्माण करना इस समय अवधि में बेहद आसान और मुमकिन होगा।
शनि के वक्री होने के दौरान कन्या राशि के जातकों को विरासत के माध्यम से कमाई के अच्छे अवसर मिल सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ इन जातकों को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की भी आवश्यकता पड़ सकती है क्योंकि इस दौरान पैरों में दर्द और पेट दर्द की भी प्रबल आशंका बन रही है।
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इन राशियों को मिल सकते हैं प्रतिकूल परिणाम
कर्क राशि: कर्क राशि के जातकों को शनि वक्री की अवधि के दौरान अपने प्रयासों में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा इस दौरान आपके खर्च बढ़ने की भी आशंका है। आपके जीवन में असुरक्षा की भावना आ सकती है जिससे भी आपको कुछ परेशानी होने की आशंका बनती नजर आ रही है।
कर्क राशि के जातकों को इस अवधि के दौरान अपने जीवन में खुशियां बनाए रखने के लिए अपने रिश्ते पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने और अपने रिश्ते के बीच समझ विकसित करने की आवश्यकता पड़ेगी। इसके अलावा रिश्तो में सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए आपको कुछ समायोजन की भी जरूरत पड़ सकती है। इस दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें अन्यथा स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानियां आपको दुविधा में डाल सकती है।
मीन राशि: शनि वक्री की अवधि में मीन राशि के जातकों का खर्च बढ़ने की आशंका है। जिससे आपके जीवन में कुछ परेशानियां आ सकती हैं। साथ ही करियर में कम समृद्धि की भी आशंका है। यदि आप पदोन्नति की आस लगा रहे हैं तो इसमें कुछ रुकावट देखने को मिल सकती है। साथ ही आशंका है कि इस समय अवधि में आपको चीजें आसानी से प्राप्त ना हो। साथ ही आपके जीवन में सुस्ती और आलस की स्थिति भी बन सकती है, इससे खुद को बचाएं।
वृश्चिक राशि: शनि के वक्री होने की इस अवधि के दौरान वृश्चिक राशि के जातकों को अपने स्वयं के प्रयासों में कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही यहां सबसे विशेष बात यह है कि आप अपने स्वास्थ्य का सबसे ज्यादा ध्यान रखना है क्योंकि शनि वक्री की इस अवधि के दौरान आपको पैरों में दर्द और जीवन में अनावश्यक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा पारिवारिक जीवन में भी और कुछ घरेलू मुद्दे उठ सकते हैं जिससे आपको परेशानी होने की आशंका है।
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इस अवधि के दौरान शनि के शुभ प्रभाव को बढ़ाने के लिए अवश्य करें यह उपाय
- प्रतिदिन 44 बार “ॐ मांडया नमः” का जाप करें।
- शनिवार के दिन शनि के लिए हवन करें।
- मुमकिन हो तो शनिवार के दिन विकलांग लोगों को भोजन दान करें।
- रोजाना ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स शनैश्चराय नमः’ का जाप करें।
- प्रतिदिन हनुमान जी की पूजा करें।
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