बृहस्पति कुंभ राशि में उदय (20 मार्च, 2022): सभी बारह राशियों को कैसा करेगा प्रभावित?

20 मार्च को कुंभ राशि में बृहस्पति का (अस्त समाप्त) होगा उदय

वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को एक विशाल ग्रह माना गया है और यह विस्तार को दर्शाता है। यह ग्रह प्रणाली में पंचभूतों में से एक माना गया है। बृहस्पति ग्रह को शुभ ग्रह माना जाता है और यदि किसी व्यक्ति को अपने जीवन में भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने हो तो उसकी कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अच्छी होनी चाहिए।

कुंडली में यदि बृहस्पति ग्रह मज़बूत स्थिति में हो तो व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता अवश्य प्राप्त होगी। यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में ढेर सारा धन कमाना चाहता है और उसका विस्तार करना चाहता है तो इसके लिए बेहद आवश्यक है कि उसके जीवन में बृहस्पति ग्रह का आशीर्वाद अवश्य हो। तो आइये इसी कामना के साथ की हर व्यक्ति पर गुरु ग्रह बृहस्पति ग्रह का आशीर्वाद सभी के जीवन में बना रहे। आइए आगे बढ़ते हैं। 

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ज्योतिष की दुनिया में एक महत्वपूर्ण घटना होती है ग्रहों का अस्त होना। जब बृहस्पति ग्रह जैसा शक्तिशाली और शुभ ग्रह भी कमजोर होने लगता है। यह उस स्थिति में होता है जब यह ग्रह सूर्य की वजह से अपनी शक्ति धीरे-धीरे खोने लगता है। 

ज्योतिष में दहन या अस्त ग्रह का अर्थ

ग्रहों का दहन होना या अस्त एक ऐसी घटना होती है जब कोई ग्रह सूर्य के साथ युति करता है तो संबंधित ग्रह अपनी पूरी शक्ति और अपने प्राकृतिक व्यवहार को खो देता है।

बृहस्पति 20 मार्च, 2022 (रविवार को 9.35 बजे) कुंभ राशि में उदय होगा

किसी भी ग्रह के अस्त स्थिति की समाप्ति का मतलब होता है कि संबंधित ग्रह पूर्ण लाभकारी प्रभाव दोबारा प्राप्त करने वाला है और कुशल परिणाम प्रदान करने में दोबारा सक्षम होने वाला है। यहां अपने इस विशेष लेख में हम बात कर रहे हैं बृहस्पति धन की समाप्ति यानी बृहस्पति के उदय होने की। बृहस्पति ग्रह अस्त के बाद एक बार फिर से बलवान होने और शुभता और आशीर्वाद की स्थिति में आने वाला है। 

बृहस्पति उदय के प्रभाव से लोगों के जीवन में और परिवार में तमाम शुभ और मांगलिक घटनाएं घटित होंगी लेकिन क्योंकि कुंभ राशि का स्वामी शनि है और ज्योतिष में शनि को एक धीमा ग्रह माना गया है इसलिए मुमकिन है कि शुरू शुरू में व्यक्ति को परिणाम मध्यम प्राप्त हो। हालाँकि धीरे-धीरे परिणामों की सकारात्मकता बढ़ती जाएगी।

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आगे बढ़ते और जानते हैं कुंभ राशि में बृहस्पति उदय का का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

मेष राशि

मेष एक उग्र और पुरुष राशि चिन्ह है।

  • मेष राशि के जातकों के लिए बृहस्पति नवम और बारहवें भाव का स्वामी है और एकादश भाव में स्थित है।
  • बृहस्पति के उदय होने के फलस्वरूप इस राशि के जातक कुछ देरी का सामना करते हुए अपनी इच्छाओं को पूरा करने में कामयाब रहेंगे। कुल मिलाकर देखा जाए तो यह परिवर्तन आपके लिए शुभ रहेगा।
  • इसके अलावा मेष राशि के जातकों को आध्यात्मिकता के माध्यम से लाभ प्राप्त करने के भी ढेरों मौके प्राप्त होंगे और इसी के संबंध में आपको ढेरों यात्राएं भी करनी पड़ सकती है।
  • मेष राशि के जातकों को भाग्य का साथ मिलेगा जिससे पेशेवर जीवन में आपको पदोन्नति आदि प्राप्त होगी और जीवन में आर्थिक प्रवाह में वृद्धि होगी।
  • इस राशि के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र में हैं उन्हें इस समय अवधि में फलने फूलने के लिए ढेरों अवसर प्राप्त होंगे। व्यवसाय में सफलता के संबंध में आप कुछ अच्छे और महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं।
  • रिश्तों की बात करें तो यह समय आप अपने प्रेम जीवन को सफलता में तब्दील करने में कामयाब रहेंगे और साथ ही अपने जीवनसाथी के साथ खुशियों भरे पल व्यतीत करने की स्थिति में नजर आएंगे। 
  • स्वास्थ्य मोर्चे पर भी यह समय आपके लिए शानदार रहने वाला है।

उपायः ‘ॐ बृहस्पतये नमः’ का प्रतिदिन 21 बार जाप करें।

वृषभ राशि

वृषभ एक पृथ्वी और स्त्री राशि चिन्ह है।

  • वृषभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति आठवें और एकादश भाव का स्वामी है और दशम भाव में स्थित है।
  • बृहस्पति ग्रह के इस परिवर्तन के प्रभाव स्वरूप वृषभ राशि के जातक अपने कठिन प्रयासों और समर्पण के दम से शानदार परिणाम हासिल करने में सक्षम होंगे। इसके साथ ही आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ज्यादा प्रतिबद्ध भी नजर आएंगे।
  • करियर पक्ष के लिहाज से यह समय आपके लिए शानदार रहेगा क्योंकि इस दौरान आपको पदोन्नति, विदेश जाने के मौके और करियर में अप्रत्याशित लाभ आदि देखने को मिल सकता है।
  • वृषभ राशि के व्यापारी जातकों के लिए यह समय सावधानी पूर्वक चलने का है। ऐसे में यदि आप साझेदारी के व्यवसाय में जुड़ना चाहते हैं तो अभी आपको रुकने की सलाह दी जाती है। अन्यथा आप को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
  • रिश्ते में जीवनसाथी के साथ आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। मुमकिन है कि इस दौरान आपके रिश्ते में उचित सौहार्द मौजूद ना हो जिसके चलते आप दोनों के बीच मतभेद होने की आशंका है। इसके अलावा इस राशि के जो जातक प्रेम में है और अपने रिश्ते को वैवाहिक बंधन में तब्दील करना चाहते हैं उनके लिए भी समय कुछ खास अच्छा नहीं रहने वाला है।
  • इस अवधि के दौरान वृषभ राशि के जातकों को किन्ही परिस्थितियों के चलते नौकरी में बदलाव का सामना भी करना पड़ सकता है। 
  • स्वास्थ मोर्चे पर बात करें तो इस दौरान आपको जोड़ों में अकड़न की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

उपायः गुरुवार के दिन बृहस्पति यज्ञ करें।

मिथुन राशि

मिथुन एक पृथ्वी और स्त्री राशि चिन्ह है।

  • मिथुन राशि के जातकों के लिए बृहस्पति सप्तम और दशम भाव का स्वामी है और नवम भाव में स्थित है।
  • बृहस्पति के इस परिवर्तन के प्रभाव स्वरूप मिथुन राशि के जातक इस समय अवधि में अपने कार्य के प्रति सिद्धांत वादी रहने वाले हैं।
  • विदेश यात्रा के रूप में नौकरी में परिवर्तन इस दौरान आपके जीवन में आ सकता है और साथ ही आपके लिए कोई बड़ी और शुभ खबर भी आने की संभावना है। आप अपने कौशल के दम पर अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने की स्थिति में नजर आएंगे।
  • इस राशि के जो जातक व्यापार के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उन्हें लाभ प्राप्त होगा। इसके अलावा जो लोग साझेदारी के व्यवसाय से जुड़े हैं उन्हें अपने प्रतिस्पर्धियों पर विजय और लाभ प्राप्त करने के ढेरों मौके प्राप्त होंगे।
  • रिश्तों के संदर्भ में बात करें तो मिथुन राशि के जातक अपने पार्टनर के साथ मजबूत और खुशनुमा रिश्ते का आनंद उठाएंगे। जिससे आपका और आपके जीवन साथी का रिश्ता मजबूत होगा।
  • स्वास्थ्य के संदर्भ में कोई बड़ी परेशानी नहीं होने वाली है।

उपायः गुरुवार के दिन लिंगाष्टकम का जाप करें।

कर्क राशि

कर्क एक जलीय और चर राशि चिन्ह है।

  • कर्क राशि के जातकों के लिए बृहस्पति छठे और नौवें भाव का स्वामी है और आठवें भाव में स्थित है।
  • बृहस्पति ग्रह के इस महत्वपूर्ण परिवर्तन से कर्क राशि के जातकों को अपनी प्रगति में कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीं दूसरी तरफ आपको विरासत या अप्रत्याशित लाभ के माध्यम से कोई सुअवसर प्राप्त होने की भी प्रबल संभावना बन रही है।
  • कार्यक्षेत्र के लिहाज़ से बात करें तो कर्क राशि के कुछ जातकों को नौकरी में बदलाव या विदेश यात्रा पर जाने का मौका मिल सकता है। हालांकि ऐसे मौके आपके लिए थोड़े चुनौतीपूर्ण साबित होंगे।
  • इस राशि के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र में है उन्हें अपने प्रतिस्पर्धियों पर उचित ध्यान रखते हुए अपनी गतिविधियों की योजना बनाने और व्यवसाय को चलाने की आवश्यकता पड़ेगी। अन्यथा आपको इस अवधि में केवल मध्यम लाभ ही प्राप्त होगा।
  • रिश्तों के संदर्भ में बात करें तो इस दौरान आपके और आपके जीवन साथी के जीवन में खुशियां और आपसी समझ की कमी देखने को मिल सकती है। यहां पर आपको सामंजस्य बिठाने की आवश्यकता पड़ेगी। हालांकि रिश्ते के संदर्भ में कुछ बड़ी परेशानी नहीं आने वाली है।
  • स्वास्थ मोर्चे पर भी कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी। निश्चिंत रहें।

उपायः विकलांगों को भोजन दान करें।

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सिंह राशि

सिंह एक उग्र और स्थिर राशि चिन्ह है।

  • सिंह राशि के जातकों के लिए बृहस्पति पंचम और आठवें भाव का स्वामी है और सप्तम भाव में स्थित है।
  • बृहस्पति के इस परिवर्तन के प्रभाव स्वरूप सिंह राशि के जातकों को विदेश जाने के अवसर साथ ही करियर में अच्छे परिणाम प्राप्त होने की प्रबल संभावना है। साथ ही आप अपने जीवन की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को दूर करने में सक्षम होंगे। सिंह राशि के जातक इस दौरान अपने कर्तव्य के प्रति सचेत रहने वाले हैं।
  • सिंह राशि के जो जातक व्यापार के क्षेत्र में हैं उन्हें इस दौरान अच्छा लाभ प्राप्त होगा। साथ ही आप कोई नया व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं।
  • इस समय अवधि में आपके जीवन में धन का प्रवाह ठीक रहने वाला है। साथ ही आप बचत करने में भी कामयाब रहेंगे।
  • व्यक्तिगत मोर्चे पर बात करें तो जीवनसाथी और दोस्तों के साथ आपके रिश्ते खुशनुमा और शानदार होने वाले हैं जिसके परिणाम स्वरूप आपके जीवन में खुशियों में वृद्धि देखने को मिलेगी।
  • स्वास्थ्य शानदार रहने वाला है।

उपाय: प्रतिदिन 21 बार ‘ॐ बृहस्पतये नमः’ का जाप करें।

कन्या राशि

कन्या एक सामान्य और स्त्री राशि चिन्ह है।

  • कन्या राशि के जातकों के लिए गुरु सप्तम और चतुर्थ भाव का स्वामी है और छठे भाव में स्थित है।
  • बृहस्पति की इस स्थिति के चलते कन्या राशि के जातकों को कार्य और संबंधों के संदर्भ में अच्छे और बुरे दोनों ही तरह के परिणाम प्राप्त होंगे।
  • इन जातकों को अपने करियर में कुछ बदलाव जैसे अप्रत्याशित तरह से नौकरी में कोई बदलाव या फिर स्थानांतरण जैसे परिवर्तनों का सामना करना पड़ सकता है।
  • हालांकि यदि आप व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हैं तो इस समय आपकी में आपको केवल मध्यम परिणाम ही प्राप्त होंगे। हालांकि यहाँ राहत की बात यह है कि आपको नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।
  • धन प्रवाह की बात करें तो इस दौरान ना ही उसे बहुत ही शानदार कहा जा सकता है न ही बहुत बुरा। हालांकि इस दौरान धन की कमी भी आपके जीवन में नहीं होगी।
  • रिश्ते के संदर्भ में बात करें तो इस राशि के जातकों को इस समय अवधि में बिना बात के तर्क वितर्क से बचने और अपने जीवन साथी के साथ धैर्य बनाए रखने की आवश्यकता पड़ेगी।
  • स्वास्थ्य के लिहाज से कोई बड़ी समस्या या चुनौती नहीं आने वाली है।

उपायः गुरुवार का व्रत करें।

तुला राशि

तुला एक स्त्री और वायु राशि चिन्ह है।

  • तुला राशि के जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और छठे भाव का स्वामी है और पंचम भाव में स्थित है।
  • बृहस्पति के इस महत्वपूर्ण परिवर्तन के प्रभाव स्वरूप तुला राशि के जातकों को करियर में अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। साथ ही मुमकिन है कि इस दौरान आपको नई नौकरी के अवसर भी प्राप्त हों।
  • इस राशि के जो जातक व्यापार के क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें इस दौरान लाभ होगा। साथ ही आप अपना व्यापार में विस्तार करने की योजना बना सकते हैं। इसके अलावा यदि आप नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो यह भी आप इस समय अवधि में कर सकते हैं।
  • इस समय अवधि के दौरान आपके जीवन में प्रचुर मात्रा में धन रहने वाला है। साथ ही आप धन की बचत करने में भी सफल रहेंगे।
  • रिश्तों की बात करें तो इस राशि के जो जातक प्रेम में है वह भी प्रेम भावनाओं को बढ़ाने में कामयाब होंगे और अपने प्यार को वैवाहिक रिश्ते में तब्दील भी कर सकते हैं।
  • इस दौरान तुला राशि के जातकों का स्वास्थ्य शानदार रहने वाला है।

उपायः शुक्रवार के दिन महिलाओं को चावल का दान करें।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक एक महिला और स्थिर राशि चिन्ह है।

  • वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बृहस्पति द्वितीय और पंचम भाव का स्वामी है और चतुर्थ भाव में स्थित है।
  • बृहस्पति की इस स्थिति के चलते वृश्चिक राशि के जातकों को नौकरी में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि आप ऐसे स्थितियों से निपटने में सफलतापूर्वक कामयाब रहने वाले हैं।
  • इस राशि के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें सलाह दी जाती है कि इस दौरान अपनी व्यावसायिक नीतियों को बदलें ताकि आप अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे निकल सकें।
  • रिश्ते की बात करें तो इस दौरान आपके परिवार में मतभेद होने की प्रबल आशंका है। ऐसे में सलाह दी जाती है कि जितना मुमकिन हो अपने रिश्तों के बीच सामंजस्य बनाकर रखें और तालमेल बिठाने की कोशिश करें।
  • बृहस्पति के उदय के दौरान आपका स्वास्थ्य औसत रहने वाला है।

उपाय: गुरुवार के दिन मंदिर में भगवान शिव की पूजा करें और तेल का दीपक जलाएं।

धनु राशि

धनु एक पुरुष और सामान्य राशि चिन्ह है।

  • धनु राशि के जातकों के लिए बृहस्पति प्रथम और चतुर्थ भाव का स्वामी है और तीसरे भाव में स्थित है।
  • बृहस्पति के परिवर्तन के प्रभाव स्वरूप आपको लंबी यात्राओं पर जाने का मौका और साथ ही जीवन स्तर में परिवर्तन देखने को मिल सकता है।
  • करियर की बात करें तो इस समय में आपको नौकरी में बदलाव या फिर विदेश में स्थानान्तरित होने का मौका प्राप्त होगा और इस तरह के बदलाव आपके लिए शुभ रहने वाले हैं।
  • हालांकि यदि आप व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हैं तो आपको अपने व्यवसाय को संभालने के लिए कुछ आवश्यक सावधानी बरतने की जरूरत पड़ेगी। साथ ही आपको इस दौरान अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे निकलने की योजना बनाने की भी सलाह दी जाती है।
  • व्यक्तिगत जीवन में रिश्ते में बातचीत ना होने की वजह से या गलतफहमियों के चलते जीवन साथी के साथ मतभेद होने की आशंका है।
  • इस दौरान आपका स्वास्थ्य काफी अच्छा रहने वाला है।

उपाय: मंदिर जाकर भगवान शिव के वृद्ध भक्तों का आशीर्वाद लें।

मकर राशि

मगर एक स्त्री और पृथ्वी राशि चिन्ह है।

  • इन जातकों के लिए बृहस्पति तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी है और दूसरे भाव में स्थित है।
  • बृहस्पति के परिवर्तन के प्रभाव स्वरूप आपको करियर में अच्छा रिटर्न प्राप्त होगा। साथ ही आपको नई नौकरी के अवसर भी प्राप्त होंगे।
  • इस राशि के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें इस दौरान अच्छा लाभ प्राप्त होगा। साथ ही आप अपने व्यवसाय की आउटसोर्सिंग के माध्यम से भी अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
  • रिश्ते में आपसी समझ के दम पर जीवन साथी के साथ तालमेल बनी रहेगी।
  • इस समयावधि में मकर राशि के जातकों का स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है।

उपायः गुरुवार के दिन ‘ॐनमः शिवाय’ का जाप करें।

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कुंभ राशि

कुंभ एक स्त्री और वायु राशि चिन्ह है।

  • इन जातकों के लिए बृहस्पति द्वितीय और एकादश भाव का स्वामी है और प्रथम भाव में स्थित है।
  • बृहस्पति के परिवर्तन के प्रभाव स्वरूप कुंभ राशि के जातकों को धन, आध्यात्मिक उन्नति आदि  के संदर्भ में शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।
  • करियर के संदर्भ में बात करें तो इस दौरान आपको नौकरी में बदलाव का सामना करना पड़ सकता है या आपको दूसरी जगह पर स्थानांतरित भी किया जा सकता है।
  • कुंभ राशि के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हैं इस समय अवधि में उन्हें उच्च लाभ प्राप्त करने में ढेरों कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। आपको व्यवसाय चलाने के लिए धन की आवश्यकता पड़ेगी।
  • रिश्तों के संदर्भ में बात करें तो इस दौरान अहंकार से संबंधित समस्याओं की वजह से आपको रिश्तों में जीवन साथी के साथ गलतफहमियों का सामना करना पड़ सकता है।
  • स्वास्थ्य मोर्चे पर बात करें तो इस दौरान जोड़ों में अकड़न का खतरा बना हुआ है। ऐसे में सावधान रहें।

उपायः शनिवार के दिन “ॐ हनुमते नमः” मंत्र का जाप करें।

मीन राशि

मीन एक पुरुष और सामान्य राशि चिन्ह है।

  • इन जातकों के लिए बृहस्पति प्रथम और दशम भाव का स्वामी है और बारहवें भाव में स्थित है।
  • करियर के संदर्भ में मीन जातकों को इस समय अवधि में कठिन चुनौतियों के कारण नौकरी में दबाव और संतुष्टि की कमी महसूस हो सकती है।
  • इस राशि के जो जातक व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं उन्हें भी कम लाभ की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही मुमकिन है कि इस दौरान व्यवसाय से उच्च संतुष्टि प्राप्त करना आपके लिए ज्यादा आसान ना हो।
  • रिश्तों के लिहाज से बात करें तो इस दौरान आपको अपने जीवन साथी के साथ समझ में कुछ परेशानी का सामना उठाना पड़ेगा और मुमकिन है कि ऐसा आप दोनों के बीच अहंकार के चलते मुमकिन हो।
  • स्वास्थ्य के लिहाज से यह समय आपके लिए ज्यादा अनुकूल नहीं रहने वाला है क्योंकि अधिक तनाव और पाचन संबंधी समस्याओं का सामना इस दौरान आपको करना पड़ सकता है।

उपायः गुरुवार के दिन ‘ॐ शिव ॐ शिव ॐ’ मंत्र का जाप करें।

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