सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। ग्रहों में यह दिन चंद्रमा को समर्पित होता है। सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से न सिर्फ भगवान शिव प्रसन्न होते हैं बल्कि चंद्रमा भी कुंडली में मजबूत होता है। अब जल्द ही सावन का महीना भी आ रहा है। सावन महीने का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। खासकर के सावन के सोमवार का। इस दिन भगवान शिव की पूजा व शिवलिंग के अभिषेक से विशेष फल प्राप्त होता है।
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ऐसे में आज के इस लेख में हम आपको यह बताने वाले हैं कि भगवान शिव को किस चीज के अभिषेक से आपको क्या फल प्राप्त होता है लेकिन उससे पहले सावन से जुड़ी कुछ खास जानकारी आपको दे देते हैं।
सनातन धर्म में सनातन का महत्व क्या है?
सावन का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है। आपको बता दें कि सावन चातुर्मास का पहला महीना होता है।चातुर्मास के बारे में मान्यता है कि इस समय भगवान विष्णु सृष्टि के संचालन का सारा कार्यभार भगवान शिव के हाथों में देकर स्वयं क्षीरसागर में चार महीनों के लिए निद्रा में चले जाते हैं। ऐसे में भगवान शिव ही इस दौरान पूरी सृष्टि का संचालन करते हैं। सावन भगवान शिव को इसलिए भी प्रिय है क्योंकि इसी पवित्र महीने में माता पार्वती ने निराहार रहकर भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर व्रत किया था। सावन में भगवान शिव के अभिषेक से विशेष फल प्राप्त होता है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामना भगवान शिव पूरी करते हैं।
कब से शुरू हो रहा है सावन और क्या है सोमवार की तिथि?
साल 2021 में सावन का महीना 25 जुलाई से शुरू होगा और 22 अगस्त को इसका समापन हो जाएगा। इस बार सावन में चार सोमवार पड़ेंगे। पहला सोमवार 26 जुलाई को पड़ेगा, दूसरा 02 अगस्त, तीसरा 09 अगस्त और चौथा व आखिरी सोमवार का व्रत 16 अगस्त को रखा जाएगा।
आइये अब आपको बता देते हैं कि सावन के महीने में किन चीजों से अभिषेक करने से जातकों को किस फल की प्राप्ति होती है।
शिव अभिषेक और उसके फल
दूध : वैसे जातक जो संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं, उन्हें सावन महीने के सोमवार के दिन भगवान शिव का अभिषेक गाय के दूध से करना चाहिए।
दही : भगवान शिव का अभिषेक यदि दही से किया जाये तो कार्य में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। इसके अलावा दही के अभिषेक से जातकों के जीवन में परिपक्वता की कमी भी दूर होती है।
शहद : भगवान शिव का अभिषेक यदि कोई जातक शहद से करता है तो ऐसे जातकों का समाज में मान-सम्मान बढ़ता है। साथ ही वाणी दोष खत्म होता है और स्वभाव में विनम्रता आती है। ऐसे जातक बुरे कर्म छोड़ कर सत्कर्म करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
इत्र : ऐसे जातक जो मानसिक तनाव से परेशान रहते हैं, नींद की समस्या रहती है और जीवन में शांति चाहते हैं, उन्हें भगवान शिव का अभिषेक इत्र से करना चाहिए।
घी : भगवान शिव का अभिषेक यदि घी से किया जाये तो भगवान शिव की कृपा से ऐसे जातकों का स्वास्थ्य अच्छा होता है। यदि कोई जातक लंबे समय से किसी रोग से पीड़ित है तो उसे भगवान शिव का अभिषेक घी से जरूर करना चाहिए।
गंगाजल : यदि कोई जातक भगवान शिव का अभिषेक गंगाजल से करता है तो ऐसा जातक मृत्यु के बाद जीवन और मरण के चक्र से छोटा जाता है। ऐसे जातक का घर सुख और समृद्धि से भर जाता है।
पंचामृत : यदि कोई जातक भगवान शिव का अभिषेक पंचामृत से करता है तो ऐसे जातक की सारी मनोकामना भगवान शिव पूरी करते हैं।
गन्ने का रस : यदि कोई जातक भगवान शिव का अभिषेक गन्ने के रस से करता है तो उस जातक को आर्थिक समस्या से छुटकारा मिलता है।
शुद्ध जल : यदि कोई जातक शुद्ध जल से भगवान शिव का अभिषेक करता है तो उसे पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही उसे ज्वार संबंधी समस्याओं से भी निजात मिलता है।
सरसों का तेल : किसी भी जातक को भगवान शिव का सरसों के तेल से अभिषेक हमेशा स्वयं की कुंडली किसी विद्वान ज्योतिषी से जंचवाने के बाद ही करना चाहिए अन्यथा नकारात्मक फल प्राप्त होते हैं। भगवान शिव का सरसों तेल से अभिषेक करने से दुश्मनों का नाश होता है और पराक्रम में वृद्धि होती है।
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