कार्तिक मास 2025: कार्तिक मास हिंदू पंचांग में सबसे पावन और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण महीनों में गिना जाता है। यह महीना पूरी तरह से व्रत, उपवास, स्नान, दान और भगवान की भक्ति को समर्पित होता है।

शास्त्रों में कार्तिक मास को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का प्रिय माह माना गया है। इस महीने में किया गया स्नान, पूजन और दान सौ गुना फल देने वाला बताया गया है। यही कारण है कि कार्तिक मास को पुण्य और आस्था का महीना कहा जाता है।
कार्तिक मास 2025 की शुरुआत के साथ ही व्रत और त्योहारों की एक लंबी श्रृंखला शुरू हो जाती है। सबसे पहले करवा चौथ का व्रत आता है, जो सुहागिन स्त्रियों के लिए विशेष महत्व रखता है।
इसके बाद धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली और गोवर्धन पूजा जैसे बड़े पर्व आते हैं, जो घर-आंगन को रोशनी और खुशियों से भर देते हैं। दीपावली के तुरंत बाद भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते को और गहरा करता है।
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इसी महीने से छठ पूजा का पर्व भी मनाया जाता है, जो सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का महापर्व है। बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत में छठ पूजा का विशेष उत्साह देखा जाता है। अंत में कार्तिक पूर्णिमा का दिन आता है, जिसे बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है।
आज इस ब्लॉग में हम कार्तिक मास से जुड़ी तमाम रोमांचक चीज़ों के बारे में विस्तार से बताएंगे जैसे कि इस माह के दौरान कौन-कौन से व्रत त्योहार आएंगे? इस माह में कौन से
कार्तिक मास 2025: तिथि
कार्तिक मास 2025 का आरंभ 08 अक्टूबर 2025 बुधवार को होगा जिसकी समाप्ति 05 नवंबर 2025 रविवार को हो जाएगी। इस मास में स्नान-दान, जप और तप करने से साधकों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कई प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
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कार्तिक मास 2025 का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास वर्ष के सबसे पवित्र और पुण्यदायी महीनों में गिना जाता है। यह महीना देवी-देवताओं की उपासना, स्नान, दान और व्रत करने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
शास्त्रों में कार्तिक मास को भगवान विष्णु का प्रिय माह कहा गया है और मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए भी यह विशेष फलदायी माना जाता है। कहा जाता है कि इस माह में किया गया स्नान, ध्यान, व्रत और दान सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना अधिक फल देता है।
कार्तिक मास में विशेष रूप से सुबह गंगा स्नान और दीपदान का महत्व बताया गया है। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन के पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग खुलता है। कार्तिक मास को धर्म, आस्था और अध्यात्म का संगम माना जाता है। इस महीने में करवा चौथ, धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा और कार्तिक पूर्णिमा जैसे बड़े-बड़े पर्व मनाए जाते हैं।
हर पर्व अपने आप में अनोखा और जीवन को सकारात्मक ऊर्जा देने वाला होता है। इसके अलावा, कार्तिक मास में तुलसी पूजन और तुलसी विवाह का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस समय तुलसी का पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
आध्यात्मिक दृष्टि से यह महीना आत्मशुद्धि और भक्ति का समय माना गया है। जो भी व्यक्ति इस महीने में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करता है, उसे स्वास्थ्य, धन और सुख-समृद्धि का वरदान मिलता है।
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कार्तिक मास 2025 में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार
कार्तिक मास 2025 यानी कि 08 अक्टूबर 2025 से 05 नवंबर 2025 के दौरान हिन्दू धर्म के कई प्रमुख व्रत-त्योहार आने वाले हैं, जो कि इस प्रकार हैं:
| तिथि | वार | पर्व |
| 10 अक्टूबर 2025 | शुक्रवार | संकष्टी चतुर्थी, करवा चौथ |
| 17 अक्टूबर 2025 | शुक्रवार | रमा एकादशी, तुला संक्रांति |
| 18 अक्टूबर 2025 | शनिवार | धनतेरत, प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
| 19 अक्टूबर 2025 | रविवार | मासिक शिवरात्रि |
| 20 अक्टूबर 2025 | सोमवार | नरक चतुर्दशी |
| 21 अक्टूबर 2025 | मंगलवार | दिवाली, कार्तिक अमावस्या |
| 22 अक्टूबर 2025 | बुधवार | गोवर्धन पूजा |
| 23 अक्टूबर 2025 | गुरुवार | भाई दूज |
| 28 अक्टूबर 2025 | मंगलवार | छठ पूजा |
| 02 नवंबर 2025 | रविवार | देवुत्थान एकादशी |
| 03 नवंबर 2025 | सोमवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
| 05 नवंबर 2025 | बुधवार | कार्तिक पूर्णिमा व्रत |
कार्तिक मास में जन्म लेने वाले लोगों के गुण
हिंदू धर्म और ज्योतिष में माना जाता है कि जि, माह में व्यक्ति का जन्म होता है, उस माह का प्रभाव उसकी प्रवृत्ति, स्वभाव और जीवन पर गहराई से पड़ता है। कार्तिक मास को पवित्र, धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इसलिए इस माह में जन्म लेने वाले लोगों में कई विशेष गुण पाए जाते हैं। कार्तिक मास में जन्मे लोग स्वभाव से धार्मिक आस्थावान होते हैं। ये लोग पूजा-पाठ, भक्ति और अध्यात्म में रुचि रखते हैं।
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा इनके जीवन पर विशेष रूप से बनी रहती है। इस मास में जन्म लेने वाले जातक सच्चाई और ईमानदारी को महत्व देते हैं। रिश्तों में वफादार और भरोसेमंद होते हैं। अपने वचन के पक्के माने जाते हैं। इनका स्वभाव सामान्यतः शांत और गंभीर होता है। परिस्थितियां चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, ये लोग धैर्य बनाए रखते हैं और समझदारी से समस्याओं का हल निकालते हैं।
कार्तिक मास के जातक साहसी होते हैं और मेहनत से पीछे नहीं हटते। ये लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठिन परिस्थितियों में भी निरंतर प्रयासरत रहते हैं। इस माह में जन्म वाले लोगों का हृदय दयालु और करुणामय होता है। दूसरों की मदद करना और जरूरतमंदों के लिए सहानुभूति रखना इनके स्वभाव की विशेषता होती है। कार्तिक मास में जन्में जातक अक्सर सौभाग्यशाली माने जाते हैं।
इनके व्यक्तित्व में एक अलग आभा और आकर्षण होता है, जिससे लोग स्वतः ही इनकी ओर खिंचे चले आते हैं। ये लोग अपने परिवार और संबंधों को प्राथमिकता देते हैं। पति-पत्नी, भाई-बहन और माता-पिता के साथ इनके रिश्ते प्रगाढ़ होते हैं।
कार्तिक मास 2025 में दान का महत्व
हिंदू धर्म और शास्त्रों में कार्तिक मास को अत्यंत पवित्र और पुण्यदायी महीना माना गया है। यह महीना स्नान, पूजा-पाठ, व्रत और दान का होता है। माना जाता है कि इस मास में किया गया दान सौ गुना फल देता है। विशेषकर कार्तिक मास में दान करने में पाप नष्ट होते हैं, पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
इस माह को धर्म, भक्ति और दान का संगम कहा गया है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए भी कार्तिक मास में दान करना बहुत शुभ माना गया है।
कहा गया है—
“दानं तपश्च स्नानं च कार्तिके विशेषतः”
अर्थात कार्तिक मास में दान, तप और स्नान का महत्व सबसे अधिक है।
कार्तिक मास 2025 में किन चीज़ों का दान करना चाहिए
कार्तिक मास में कुछ विशेष वस्तुओं का दान करने से अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। ये वस्तुएं इस प्रकार हैं:
दीप दान: शाम के समय मंदिर, पीपल वृक्ष या नदी किनारे दीप दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे अंधकार दूर होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
अन्न दान: गरीब और जरूरतमंदों को अन्न खिलाना कार्तिक मास में सबसे बड़ा पुण्य कर्म माना गया है।
कंबल या वस्त्र दान: सर्दी की शुरुआत होने के कारण जरूरतमंदों को गर्म कपड़े या कंबल दान करना अत्यंत फलदायी होता है।
तिल और गुड़ का दान: तिल और गुड़ कार्तिक मास में पवित्र माने जाते हैं। इनका दान करने से पाप नष्ट होते हैं।
गाय और गौ सेवा से जुड़ी वस्तुएं: गाय और चारा गुड़ या रोटी खिलाना और गौशाला में दान करना बेहद शुभ है।
धन और धातु का दान: सोना चांदी, तांबा या धातु से बनी वस्तुओं का दान भी इस माह में विशेष महत्व रखता है।
पानी का दान: कुएं, तालाब, हैंडपंप या प्यासे को पानी पिलाना इस माह शुभ माना गया है।
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कार्तिक मास 2025 में इन देवताओं की पूजा से मिलता है मनोवांछित फल
कार्तिक मास को धर्म, भक्ति और पुण्य का महीना कहा गया है। इस महीने में भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी, भगवान शिव और भगवान सूर्य की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। आइए विस्तार से समझते हैं।
कार्तिक मास 2025 में भगवान विष्णु की पूजा
कार्तिक मास को विष्णु प्रिय मास कहा जाता है। इस माह में विशेषकर श्रीहरि विष्णु की पूजा और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। तुलसी पूजन और तुलसी विवाह का आयोजन भी इसी महीने में होता है, जिसे भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने का उत्तम माध्यम माना गया है।
मां लक्ष्मी
दीपावली और कार्तिक अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है। इस समय माता लक्ष्मी की कृपा से घर में सुख-समृद्धि, धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
कार्तिक मास 2025 में भगवान शिव की पूजा
कार्तिक मास में भगवान शिव की आराधना का भी विशेष महत्व है। सोमवार व्रत, जलाभिषेक और शिव चालीसा, रुद्राभिषेक करने से शिव जी प्रसन्न होकर साधक को सभी कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं।
भगवान सूर्य देव
कार्तिक मास के अंतर्गत छठ पूजा का पर्व आता है, जो सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है। इस अवसर पर सूर्य देव को अर्घ्य देने और व्रत करने से संतान सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है।
कार्तिक मास 2025 में तुलसी जी की पूजा
कार्तिक मास में तुलसी पूजन और तुलसी विवाह का विशेष महत्व है। तुलसी पूजन से जीवन में शांति, पारिवारिक सुख और दांपत्य जीवन में सौभाग्य बढ़ता है।
कार्तिक मास 2025 में इन बातों का रखें ध्यान
कार्तिक मास 2025 में क्या करें
- कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले उठकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना गया है। यदि नदी में स्नान संभव न हो तो घर पर जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- इस मास में प्रतिदिन संध्या के समय दीपदान करने से विशेष पुण्य मिलता है। खासकर तुलसी, मंदिर और नदी के किनारे दीपक जलाना उत्तम है।
- तुलसी माता की प्रतिदिन पूजा करें और जल अर्पित करें। कार्तिक शुक्ल पक्ष में तुलसी विवाह का आयोजन जरूर करें।
- कार्तिक मास विष्णु प्रिय माना गया है। श्री हरि विष्णु का नामस्मरण, भजन-कीर्तन और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- अन्न, वस्त्र, तेल, दीपक, कंबल, गौदान और गुप्त दान करना इस महीने में शुभ माना गया है।
- कार्तिक एकादशी, पूर्णिमा और प्रदोष व्रत विशेष रूप से फलदायी हैं।
कार्तिक मास 2025 में क्या न करें
- कार्तिक मास में मांसाहार, शराब, प्याज, लहसुन का सेवन वर्जित है।
- इस माह में झूठ बोलना, चुगली करना या दूसरों को अपमानित करना पाप माना गया है।
- यह महीना साधना और आत्मसंयन का है, क्रोध, आलस्य और नकारात्मक विचारों से बतें।
- बिना स्नान किए या अशुद्ध अवस्था में भगवान की पूजा न करें।
- घर परिवार और समाज में शांति बनाए रखें।
कार्तिक मास 2025 में जाप करने योग्य प्रमुख मंत्र
कार्तिक मास 2025 में भगवान विष्णु का मंत्र
कार्तिक मास को विष्णु प्रिय मास कहा गया है। विष्णु जी का स्मरण मोक्षदायी होता है।
मंत्र: ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
इस मंत्र का जप करने से जीवन में शांति, समृद्धि और सभी कष्टों का नाश होता है।
माता लक्ष्मी के लिए
दीपावली और कार्तिक अमावस्या के समय लक्ष्मी जी का पूजन अत्यंत शुभ है।
मंत्र: ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
इस मंत्र के जाप से धन, वैभव और घर में सुख-समृद्धि आती है।
कार्तिक मास 2025 में भगवान शिव के लिए मंत्र
कार्तिक मास में भगवान शिव की उपासना और व्रत का महत्व है।
मंत्र: ॐ नमः शिवाय
इस मंत्र के नियमित जाप से मन को शांति और सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
सूर्य देव के लिए (छठ पूजा हेतु)
कार्तिक शुक्ल षष्ठी को सूर्य उपासना का विशेष महत्व है।
मंत्र: ॐ घृणिः सूर्याय नमः
इस मंत्र का जप करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और संतान सुख मिलता है।
कार्तिक मास 2025 में तुलसी माता के लिए मंत्र
तुलसी पूजन और तुलसी विवाह का आयोजन कार्तिक मास में विशेष होता है।
मंत्र: ॐ तुलस्यै नमः
इस मंत्र से घर में सुख-शांति और दांपत्य जीवन में सौभाग्य बढ़ता है।
कार्तिक मास 2025 में जरूर अपनाएं ये अचूक टोटके
नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए
कार्तिक मास में प्रतिदिन शाम को तुलसी के पास एक दीपक जलाएं। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मां लक्ष्मी का वास होता है।
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कार्तिक मास 2025 में नौकरी-व्यापार में सफलता के लिए
कार्तिक अमावस्या की रात घर के उत्तर दिशा में एक दीपक सरसों के तेल का जलाएं। इस टोटके से धन वृद्धि और नौकरी व्यापार में सफलता मिलती है।
सुखद दांपत्य जीवन के लिए
कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी से लेकर पूर्णिमा तक रोज तुलसी पर जल चढ़ाएं और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। इससे दांपत्य जीवन में प्रेम और मधुरता बनी रहती है।
कार्तिक मास 2025 में कर्ज मुक्ति के लिए
कार्तिक मास में शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद ॐ शनैश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जप करें। यह उपाय कर्ज और आर्थिक बाधाएं से छुटकारा दिलाता है।
कार्तिक मास 2025 में संतान सुख के लिए
संतान सुख के लिए कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन सूर्य देव को अर्घ्य दें और ॐ घृणिः सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें। यह टोटका संतान सुख और संतान की उन्नति के लिए बहुत प्रभावी है।
बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए
कार्तिक मास की पूर्णिमा को घर के मुख्य द्वार पर गाय के घी का दीपक जलाएं। इस टोटके से घर के सदस्यों को स्वास्थ्य लाभ होता है और रोगों का नाश होता है।
कार्तिक मास में राशि अनुसार करें उपाय
मेष राशि
कार्तिक मास में हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें। मंगलवार को गरीबों को मसूर दाल और गुड़ का दान करें। इससे शत्रु नष्ट होंगे और साहस बढ़ेगा।
वृषभ राशि
मां लक्ष्मी को शुक्रवार को कमल का फूल अर्पित करें। सफेद मिठाई का दान करें। ऐसा करने से धन लाभ और घर में सुख-समृद्धि मिलेगी।
मिथुन राशि
भगवान विष्णु के मंदिर में तुलसी पत्र अर्पित करें। हरे वस्त्र धारण करें और गरीब बच्चों को हरी मूंग की दाल दान करें। यह उपाय भाग्य को प्रबल करेगा।
कर्क राशि
सोमवार को शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएं। जल में शक्कर मिलाकर चीटियों को दें। मानसिक शांति और पारिवारिक सुख प्राप्त होगा।
सिंह राशि
कार्तिक मास की अमावस्या को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। लाल वस्त्र धारण करें और मंगलवार को गरीबों को गुड़ चना बांटें। इससे नौकरी और व्यापार में सफलता मिलेगा।
कन्या राशि
भगवान विष्णु का पूजन करें ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। हरे रंग की वस्तुएं दान करें। रुके हुए काम पूरे होंगे और सुख शांति बढ़ेगी।
तुला राशि
शुक्रवार को मां लक्ष्मी को सफेद वस्त्र अर्पित करें। तुलसी विवाह अवश्य करें। इससे दांपत्य जीवन मधुर बनेगा और आर्थिक लाभ होगा।
वृश्चिक राशि
कार्तिक पूर्णिमा को शिवलिंग पर बेलपत्र और जल अर्पित करें। मंगलवार को लाल मसूर की दाल दान करें। जीवन से नकारात्मकता दूर होगी।
धनु राशि
कार्तिक मास में पीपल की परिक्रमा करें और दीपदान करें। गुरुवार को पीले वस्त्र दान करें। इससे भाग्य मजबूत होगा और गुरु कृपा मिलेगी।
मकर राशि
कार्तिक मास में तुलसी माता को जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति बनी रहती है।।
कुंभ राशि
कार्तिक मास में हनुमान जी को चोला चढ़ाएं। शनिवार को गरीबों को कंबल और तेल दान करें। शनि की पीड़ा दूर होगी और तरक्की मिलेगी।
मीन राशि
कार्तिक मास में भगवान विष्णु को पीला पुष्प अर्पित करें। गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करें। इससे परिवार में सुख और समृद्धि बनी रहेगी।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
कार्तिक मास आश्विन पूर्णिमा से शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है। यह प्रायः अक्टूबर-नवंबर माह में पड़ता है।
कार्तिक मास को विष्णु प्रिय मास कहा गया है। इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसके अलावा मां लक्ष्मी, भगवान शिव, सूर्य देव और तुलसी माता की आराधना भी विशेष फलदायी होती है।
इस मास में दीपदान, अन्न, वस्त्र, कंबल, गौदान, तिल, तेल और जरूरतमंदों को भोजन कराना अत्यंत शुभ और पुण्यदायी माना जाता है।