कार्तिक मास, हिंदू पंचांग का आठवां महीना होता है और इस महीने को हिंदू धर्म में अत्यंत ही शुभ माना जाता है। यह भगवान विष्णु के सबसे प्रिय महीनों में से एक है। इसे दामोमदर मास के नाम से भी जाना जाता है और शास्त्रों में तपस्या करने के लिए इस माह को सर्वोत्तम माना गया है। इस बार कार्तिक मास की शुरुआत 29 अक्टूबर, 2023 से हो चुकी है और इसका समापन 27 नवंबर, 2023 को होगा। हिंदू धर्म में कार्तिक माह इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस महीने में कई त्योहार, पर्व एवं व्रत आते हैं और यह पवित्र मास भगवान विष्णु को समर्पित होता है।
कार्तिक महीने का न सिर्फ धार्मिक महत्व है बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी यह बहुत महत्व रखता है। यही वजह है कि शास्त्रों में कार्तिक माह में कुछ विशेष खाद्य पदार्थों के सेवन को वर्जित बताया गया है और इस महीने में खानपान को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं।
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एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आप जान सकते हैं कि कार्तिक के महीने में किन चीज़ों से खाने को परहेज़ करना चाहिए और शास्त्रों के अनुसार किन खाद्य पदार्थों का सेवन करना पूर्णत: वर्जित है।
कार्तिक मास 2023 का महत्व
कार्तिक, चातुर्मास का चौथा महीना है और इस महीने में अनेक धार्मिक और आध्यात्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। ध्यान करने एवं शरीर के चक्रों को सक्रिय करने के लिए इस महीने को बहुत लाभकारी माना जाता है। कार्तिक मास में हिंदू धर्म के कई महत्वपूर्ण त्योहार आते हैं जैसे कि करवा चौथ, धनतेरस और दीपावली आदि।
कार्तिक माह से बदलता है मौसम
कार्तिक मास से ही मौसम में बदलाव शुरू हो जाता है और यह मास अपने साथ ठंड लेकर आता है। मौसम में बदलाव होने पर सेहत का अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है और इसके लिए कार्तिक माह में कुछ चीज़ों से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी गई है। कार्तिक मास में कई धार्मिक कार्य होते हैं इसलिए धर्मशास्त्रों में स्वस्थ रहने के लिए इस समय अपने खानपान की आदतों में कुछ बदलाव करना आवश्यक कहा गया है। इस ब्लॉग में आगे जानिए कार्तिक मास में स्वस्थ रहने के लिए शास्त्रों में किन चीज़ों को वर्जित बताया गया है।
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कार्तिक मास में इन चीज़ों से करें परहेज़
हिंदू धर्म के पवित्र महीने कार्तिक मास में कुछ विशेष खाद्य पदार्थों को खाने से मना किया गया है, इनके नाम कुछ इस प्रकार हैं:
- दही: कार्तिक मास में दही और छाछ का सेवन वर्जित बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार इस समय दही नहीं खानी चाहिए। आप दही या छाछ की जगह दूध पी सकते हैं।
- मछली: कार्तिक महीने में मछली का सेवन भी बिल्कुल नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु जल के अंदर मछली के रूप में वास करते हैं और वैज्ञानिक दृष्टि से कार्तिक माह में बाढ़ और बारिश की वजह से नदियों का पानी दूषित हो जाता है इसलिए इस समय मछली नहीं खानी चाहिए।
- बैंगन: इस पवित्र माह में बैंगन खाने से भी मना किया गया है। धार्मिक दृष्टि से बैंगन को अशुद्ध बताया गया है और ऐसा माना जाता है कि कार्तिक मास में बैंगन खाने से पित्त दोष से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
- करेला: कार्तिक महीने में आपको अपने आहार में करेला शामिल करने से भी बचना चाहिए। चूंकि, इस महीने को भगवान विष्णु की आराधना के लिए समर्पित किया गया है इसलिए इस मास में करेले जैसी सब्जी का सेवन नहीं करना चाहिए।
- दालें: शास्त्रों के अनुसार कार्तिक के महीने में विशेष रूप से चना दाल और तुअर की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस मास में इन दालों का सेवन करने से पाचन तंत्र और पेट संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
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कार्तिक मास में क्या खाना चाहिए?
ऐसे कुछ खाद्य पदार्थ हैं जो धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से कार्तिक मास के दौरान मनुष्य के शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने और शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
दूध: कार्तिक महीने में एक गिलास दूध में 50 ग्राम गुड़ डालकर रोज़ पिएं। इससे शरीर में ऊर्जा आती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मज़बूत होती है।
गुड़: मौसम में बदलाव होने की वजह से इस समय बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और शरीर को गर्म रखने की जरूरत होती है इसलिए इस समय रोज़ गुड़ खाना चाहिए।
आटे का हलवा: कार्तिक के महीने में आने वाले त्योहारों पर भोग के लिए आटे का हलवा बनाया जाता है जो शरीर को गर्म और रोगों को दूर रखता है।
तुलसी की पत्तियां: हिंदू धर्म में पूजा के दौरान तुलसी का उपयोग करना शुभ माना जाता है और भगवान विष्णु के पूजन में तुलसी का पत्ता रखना और भी ज्यादा लाभकारी माना गया है। इसके अलावा तुलसी का पत्ता स्वास्थ्य के लिए भी उत्तम होता है।
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कार्तिक मास के लिए नियम
कार्तिक मास को हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और मंगलकारी बताया गया है। इस माह में कुछ नियमों का पालन करने से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और मनुष्य के जीवन से दुर्भाग्य दूर होता है।
- कार्तिक मास में शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए। हालांकि, शास्त्रों के अनुसार इस महीने में आप नरक चतुर्दशी पर तेल लगा सकते हैं।
- इस मास में रोज़ तुलसी के पौधे पर दीपक जलाएं और रात में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का ध्यान करें। इस उपाय को करने से घर में सुख-संपन्नता आती है और घर में मां लक्ष्मी का वास रहता है।
- इस माह में तुलसी की सेवा करना भी लाभकारी माना गया है। कार्तिक माह में आप अपने घर में तुलसी का पौधा लगा सकते हैं। इससे आपका वैवाहिक जीवन सुखमय बनेगा।
- ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास में सूर्योदय के बाद स्नान करने से मनुष्य के पुण्य नष्ट हो जाते हैं और सूर्योदय होने से पहले स्नान करने से व्यक्ति को रोग और पापों से मुक्ति मिलती है।
- यदि आप कार्तिक मास में सूर्योदय से पूर्व स्नान नहीं कर सकते हैं, तो आप इस महीने के अंतिम 3 दिन यानी त्रयोदशी, चतुर्दशी और पूर्णिमा पर “ॐ” का जप करते हुए सूर्योदय से पहले स्नान कर लें। इससे कार्तिक मास के स्नान का पुण्य मिल जाता है।
कार्तिक मास में इन राशियों को मिलेगा विशेष लाभ
कार्तिक का महीना कुछ राशियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होगा।
मेष राशि: इस समय आपकी सेहत उत्तम रहेगी और आप अपनी लव लाइफ में भी रोमांस का भरपूर आनंद ले पाएंगे। आप कहीं घूमने जा सकते हैं। साथ ही, आपको करियर में भी तरक्की मिलने की संभावना है।
मिथुन राशि: आपको अपनी कड़ी मेहनत का फल मिलने वाला है। घर में सुख शांति बनी रहेगी और आपको अपने पार्टनर के साथ कुछ खास पल बिताने का मौका मिलेगा। आपकी आय में भी वृद्धि होगी।
वृश्चिक राशि: व्यापारियों को कोई नई डील मिलने की संभावना है। इन्हें नई नौकरी भी मिल सकती है और आपके लिए यात्रा के योग भी बन रहे हैं। आध्यात्मिक कार्यों में आपकी रुचि बढ़ेगी।
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