वैदिक ज्योतिष में हर एक ग्रह का अपना एक विशेष महत्व है। ग्रहों और नक्षत्रों की चाल में होने वाले बदलाव, जातकों के जीवन में कई अच्छे व बुरे प्रभाव छोड़ते हैं। इसी क्रम में जून के महीने में कई प्रमुख ग्रहों के गोचर होने जा रहे हैं। महीने की शुरुआत में बुध 7 जून 2023 को मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। वहीं, सूर्य 15 जून 2023 को वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। इसके अलावा न्यायप्रिय देवता शनि 17 जून अपनी ही राशि में वक्री होंगे। 24 जून को बुध वृषभ से मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे।
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ज़ाहिर है कि ग्रहों की स्थिति में होने वाले बदलावों के चलते सभी 12 राशियों के जीवन में बदलाव होंगे, लेकिन 3 राशियां ऐसी हैं, जिनके लिए यह महीना बेहद लाभदायक सिद्ध होगा। इस समय में इन 3 राशियों को बड़े धन लाभ होने की प्रबल संभावना है।
जून के महीने में होने वाले गोचर: तिथि और समय
बुध का वृषभ राशि में गोचर: 7 जून, 2023 की शाम 7 बजकर 40 मिनट पर बुध वृषभ राशि में गोचर करेंगे।
सूर्य का मिथुन राशि में गोचर: 15 जून, 2023 की शाम 6 बजकर 07 मिनट पर सूर्य मिथुन राशि में गोचर करेंगे।
शनि कुंभ राशि में वक्री : 17 जून, 2023 की रात 10 बजकर 48 मिनट पर शनि कुंभ राशि में वक्री हो जाएंगे।
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बुध वृषभ राशि में अस्त : 19 जून, 2023 की सुबह 7 बजकर 16 मिनट पर बुध वृषभ राशि में अस्त हो जाएंगे।
बुध का मिथुन राशि में गोचर: 24 जून, 2023 की दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर बुध मिथुन राशि में गोचर करेंगे।
जून का महीना इन राशियों के लिए होगा लाभकारी
हमने जून के महीने में होने वाले सभी गोचर और ग्रहों की बदलती दशा के बारे में जान लिया है। अब आगे हम यह जानेंगे कि कौन सी राशियों के लिए यह समय सबसे ज्यादा उत्तम रहेगा। आपको बता दें कि जून में ग्रहों के गोचर, अस्त और वक्री होने से कई राशि वालों को इसका लाभ होने वाला है लेकिन 3 राशि के जातकों के लिए यह अवधि बेहद अनुकूल साबित होगी। जून के महीने में वृषभ, सिंह और धनु राशि के जातकों को कई सारे फायदे मिलेंगे। इस समय में इन 3 राशि के जातकों को भाग्य का भरपूर साथ प्राप्त होगा और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कामयाबी मिलेगी। जून के महीने में आपका करियर नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा और अगर आप नौकरी करते हैं तो आपके लिए यह अवधि प्रमोशन लेकर आ सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर. ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’ मंत्र के जाप से भी जातकों को लाभ मिलता है।
उत्तर. शनि का शुभ स्थान जन्म कुंडली के तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव में होता है।
उत्तर. शनि महाराज को काला रंग पसंद है।
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