शुभ योग में रखा जाएगा फाल्गुन पूर्णिमा 2023 का व्रत, इसी दिन जलाई जाएगी होलिका!

होलिका दहन और फाल्गुन पूर्णिमा व्रत 2023: हिन्दू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा ‘फाल्गुन पूर्णिमा’ कहलाती है। पूर्णिमा को सबसे शुभ दिन माना जाता है और इसे पूनम, पूर्णिमा और पूर्णमासी आदि के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन कई लोग उपवास भी रखते हैं। ‘पूर्णिमा’ एक संस्कृत का शब्द है, जिसका अर्थ है ‘पूरा चांद’। फाल्गुन मास की पूर्णिमा फाल्गुन महीने में शुक्ल पक्ष के अंत में आती है। हिंदू कैलेंडर का 12वां यानी अंतिम महीना फाल्गुन का होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत करने वाले जातक पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है और व्यक्ति के सभी कष्टों का अंत हो जाता है। इस दिन शाम के समय होलिका दहन किया जाता है और तमाम लकड़ियों को इकट्ठा कर होली जलाई जाती है। 

Varta Astrologers

ख़ास बात यह है कि इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा कई मायनों में खास होने वाली है क्योंकि फाल्गुन पूर्णिमा पर बेहद शुभ योग बन रहा है, जो जीवन के लिए फलदायी साबित होगा। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं इस साल फाल्गुन पूर्णिमा 2023 की तिथि, व्रत विधि व इस दिन बनने वाले शुभ योग के बारे में। साथ ही होलिका दहन की तारीख़ और मुहूर्त के बारे में भी चर्चा करेंगे।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

होलिका दहन 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त 

होलिका दहन मुहूर्त: 07 मार्च 2023, मंगलवार की शाम 06 बजकर 24 मिनट से 08 बजकर 51 मिनट तक।

अवधि: 2 घंटे 26 मिनट

भद्रा पुंछा: 01:02:09 से 02:19:29 तक

भद्रा मुखा: 02:19:29 से 04:28:23 तक

फाल्गुन पूर्णिमा 2023 की तिथि और शुभ मुहूर्त

फाल्गुन पूर्णिमा 2023 तिथि: 07 मार्च 2023, मंगलवार

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ: 06 मार्च 2023 सोमवार की शाम 04 बजकर 20 मिनट से 

पूर्णिमा तिथि समाप्त: 07 मार्च 2023 मंगलवार की शाम 06 बजकर 13 मिनट तक

फाल्गुन पूर्णिमा पर बन रहा है शुभ योग

इस बार फाल्गुन पूर्णिमा पर धृति योग बन रहा है। वैदिक ज्योतिष में अनुसार, इस योग में निर्माण कार्य शुरू करना बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस योग में भूमि पूजन, शिलान्यास और कोई भी नया निर्माण कार्य शुरू करने से सुख-समृद्धि आती है।

धृत योग: 06 मार्च 2023, सोमवार की रात 8 बजकर 53 मिनट से 07 मार्च की रात 9 बजकर 13 मिनट तक।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

फाल्गुन पूर्णिमा 2023 की पूजा व व्रत विधि

फाल्गुन पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की पूजा की जाती है। इस शुभ दिन पर, अलग-अलग स्थानों पर लोग लक्ष्मी की पूजा कर लक्ष्मी जयंती भी मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन श्री हरि विष्णु जी के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख, धन और समृद्धि आती है। आइए जानते हैं पूजा व व्रत विधि के बारे में:

  • फाल्गुन पूर्णिमा के दिन सुबह किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करें। अगर ऐसा संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
  • स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
  • पूजा के बाद सूर्योदय से चंद्रोदय तक उपवास रखने का संकल्प लें।
  • शाम को चांद निकलने के बाद व्रत खोलें।

फाल्गुन पूर्णिमा 2023 पर होलिका पूजन विधि

होलिका दहन का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक माना जाता है। यह पर्व फाल्गुन पूर्णिमा 2023 के दिन मनाया जाता है। चलिए होलिका पूजा विधि पर एक नज़र डालते हैं।

  • होलिका दहन के एक दिन पहले एक खुली जगह में गाय का सूखा गोबर और लकड़ी इकट्ठा कर लें।
  • एक थाली में कुमकुम, चावल, हल्दी, मेहंदी, गुलाल, रोली, नारियल, एक मुट्ठी गेहूं, लच्छा कपास, एक कमल, कुछ फूल और माला रखें और उन्हें होलिका को अर्पित करें।
  • अब इकट्ठा हुई लकड़ियों पर आग जलाएं और इसके साथ भगवान नरसिंह के मंत्र ‘ध्यायेन्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम्। अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम्।।’ का जाप करें। 

नये साल में करियर की कोई भी दुविधा कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से करें दूर

फाल्गुन पूर्णिमा पर करें ये प्रभावी उपाय

फाल्गुन पूर्णिमा के दिन कुछ खास उपाय करने से समस्त कष्ट दूर होते हैं और जीवन में खुशहाली आती है। आइए जानते हैं इस दिन करने वाले अचूक उपायों के बारे में:

इस उपाय से दूर होगी आर्थिक दिक्कतें 

यदि आप आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे हैं तो आपको फाल्गुन पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ धन की देवी माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा जरूर करनी चाहिए। इसके अलावा श्री सूक्त का पाठ, कनकधारा स्तोत्र और विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी करना चाहिए।

चंद्र दोष को करें दूर

अगर आपकी कुंडली में चंद्र दोष है और उसके कारण मिल रहे अशुभ फलों से परेशान हैं तो आपको फाल्गुन पूर्णिमा की रात चंद्र देव की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए। फाल्गुन पूर्णिमा पर चंद्र दोष को दूर करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए रात के समय चंद्रदेव को दूध में गंगाजल और अक्षत मिलाकर अर्घ्य दें और साथ ही इस मंत्र ‘ॐ सोमाय नमः’ का जप करें।

ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से मुफ्त जन्म कुंडली प्राप्त करें

वैवाहिक जीवन के लिए करें ये उपाय

इसके अलावा यदि आपका आपके जीवनसाथी के साथ रोज बिना बात के झगड़ा हो रहा है तो ऐसे में सुखी दांपत्य जीवन का आशीर्वाद पाने के लिए फाल्गुन पूर्णिमा की रात अपने जीवनसाथी के साथ चंद्रमा का दर्शन व पूजन करें। मान्यता है कि फाल्गुन पूर्णिमा की रात चंद्रमा का दर्शन करने और गाय के दूध में थोड़ा सा शहद मिलाकर अर्घ्य देने से दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।

इस दिन जरूर करें दान

फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन आपको अपनी क्षमता के अनुसार किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि फाल्गुन पूर्णिमा के दिन दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन के हर पहलू में व्यक्ति को तरक्की मिलती है।

 ब्राह्मणों को कराएं भोजन

पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए फाल्गुन मास की पूर्णिमा को अत्यंत ही शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस तिथि पर अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध और ब्राह्मणों को भोजन कराने से पितृ प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं। साथ ही इस दिन पितरों के तर्पण व पिंडदान करने से कुंडली से पितृ दोष दूर होता है।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.