हनुमान जयंती विशेष: कोरोना काल में राशि अनुसार ये मंत्र दिलाएंगे बजरंगबली की कृपा

हनुमान जयंती 2021 में 27 अप्रैल को मनाई जाने वाली है। ऐसे में आज हम आपको इस लेख में हनुमान जयंती के दिन बनने वाले शुभ संयोग और इस शुभ दिन राशि अनुसार अपनाए जाने वाले वो उपाय बताएँगे जिससे कोरोना महामारी के इस बुरे दौर में हनुमान जी की कृपा से आपके स्वास्थ्य को और भी बल मिल सके लेकिन उससे पहले हनुमान जयंती को लेकर कुछ खास जानकारी आपको दे देते हैं।

जीवन में चल रही समस्याओं को दूर करने के लिए हमारे विद्वान ज्योतिषियों से करें फोन पर बात और चैट

संकट मोचन यानी कि तमाम संकटों को खत्म करने वाले। भगवान हनुमान के भक्त हनुमान जी को इसी की संज्ञा देते हैं। माना जाता है कि भगवान हनुमान की जिस पर कृपा हो जाए उसके सारे संकट और सारे दुख भगवान हनुमान खत्म कर देते हैं। तभी तो संत तुलसीदास ने हनुमान चालीसा में लिखा है :

संकट कटे मिटे सब पीड़ा।

जे सुमिरै हनुमत बलबीड़ा॥

अर्थात भगवान हनुमान का स्मरण करने मात्र से ही सारे संकट और सारी पीड़ाओं का नाश हो जाता है। चूंकि देश इस समय कोरोना महामारी जैसे बड़े संकट का सामना कर रहा है। ऐसे में भगवान हनुमान का महत्व और भी बढ़ जाता है। खास बात यह है कि हनुमान जयंती नजदीक है। मान्यता है कि हनुमान जयंती के दिन ही भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। 

This image has an empty alt attribute; its file name is vedic-gif.gif

हिन्दू पंचांग के अनुसार हनुमान जयंती

वायु पुराण में हनुमान जी के जन्म से जुड़ा एक श्लोक मिलता है :

आश्विनस्या सितेपक्षे स्वात्यां भौमे च मारुतिः।

मेष लग्ने जनागर्भात स्वयं जातो हरः शिवः।।

इस श्लोक के अनुसार भगवान हनुमान का जन्म कृष्ण पक्ष चतुर्दशी मंगलवार को स्वाति नक्षत्र की मेष लग्न और तुला राशि में हुआ था। साल 2021 में हनुमान जयंती का पावन पर्व 27 मई को मंगलवार के दिन मनाया जाने वाला है। हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल यह पर्व चैत्र महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। चूंकि इस दिन को हनुमान जी के जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाता है इस वजह से सनातन धर्म में इस पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है।

हनुमान जयंती 2021 पूजा मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 26 अप्रैल 2021 की दोपहर 12 बजकर 46 मिनट से

पूर्णिमा तिथि का समापन – 27 अप्रैल 2021 की रात्रि 9 बजकर 03 मिनट पर 

यह मुहूर्त नई दिल्ली में लागू है। अपने शहर के अनुसार हनुमान जयंती 2021 मुहूर्त जानने के लिए अभी क्लिक करें।

आइये अब हनुमान जयंती के दिन पड़ने वाले शुभ योग और ग्रह नक्षत्र के शुभ संयोग पर नजर डालते हैं।

हनुमान जयंती पर बनने वाले शुभ योग और ग्रह नक्षत्रों के संयोग

इस साल यानी कि साल 2021 में हनुमान जन्मोत्सव के दिन सिद्धि योग बन रहा है जिसकी वजह से इस पर्व की शुभता में और भी बढ़ोतरी हो गयी है। हनुमान जयंती के दिन सिद्धि योग रात 08 बजकर 03 मिनट तक रहेगी। ज्योतिष शास्त्र में सिद्धि योग को बेहद शुभ योग माना जाता है और इस दौरान सभी तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं। लेकिन सिद्धि योग के बाद व्यतीपात योग शुरू हो जाएगा। व्यतीपात योग को ज्योतिष शास्त्र में शुभ योग नहीं माना गया है।

वहीं नक्षत्रों की बात करें तो हनुमान जयंती के दिन यानी कि 27 अप्रैल को स्वाति नक्षत्र रात के 08 बजकर 08 मिनट तक रहने वाला है। इसके तुरंत बाद विशाखा योग शुरू हो जाएगा। ज्योतिष शास्त्र में विशाखा और स्वाति नक्षत्र के दौरान किसी भी तरह की सिद्धि प्राप्त करने और ईश्वर का नाम जपने के लिए सिद्धि योग बेहद उत्तम माना जाता है। आपको बता दें कि इस दिन चंद्रमा तुला और सूर्य मेष राशि में रहेंगे।

बृहत् कुंडली : जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय!

ऐसे में अगर कोई जातक अपनी कुंडली में शनि देवता के अशुभ प्रभावों को लेकर चिंतित है तो उसे हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा जरूर करनी चाहिए। इससे शनि देवता तो शांत होते ही होते हैं और साथ ही साथ हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा और उससे जुड़ी परेशानियाँ भी खत्म हो जाती हैं।

हनुमान जयंती पर राशि अनुसार करें इन मंत्रों का जाप और पाएं स्वास्थ्य लाभ

आइये अब हम आपको आपकी राशि के अनुसार हनुमान जयंती के दिन जाप किए जाने वाले वो मंत्र बताते हैं जिसके जाप से कोरोना जैसी आपदा के बीच हनुमान जी की कृपा आपके स्वास्थ्य को और भी बल देगी।

  • मेष राशि – ऊॅं सर्वदुखहराय नम:
  • वृषभ राशि – ऊॅं कपिसेनानायक नम:
  • मिथुन राशि – ऊॅं मनोजवाय नम:
  • कर्क राशि – ऊॅं लक्ष्मणप्राणदात्रे नम:
  • सिंह राशि – ऊॅं परशौर्य विनाशन नम
  • कन्या राशि – ऊॅं पंत्रवक्त्र नम:
  • तुला राशि – ऊॅं सर्वग्रह विनाशिने नम:
  • वृश्चिक राशि – ऊॅं सर्वबंधविमोक्त्रे नम:
  • धनु राशि – ऊॅं चिरंजीविते नम:
  • मकर राशि – ऊॅं सुरार्चिते नम:
  • कुंभ राशि – ऊॅं वज्रकाय नम:
  • मीन राशि – ऊॅं कामरूपिणे नम:

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ जरूर साझा करें। धन्यवाद!

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.