गरुण पुराड़ के अनुसार जीवन की ये चार आदतें सफलता की राह में बनती हैं बाधा

गरुड़ पुराण के अनुसार व्यक्ति के जीवन में कुछ बातें सफलता के राह में बाधा बनने का काम करती हैं। साथ ही जिन व्यक्तियों के जीवन में यह बातें मौजूद होती हैं वह व्यक्ति धनवान भी नहीं बन पाते हैं। इस आर्टिकल में जानते हैं कि वो कौन सी आदतें हैं और इन आदतों के बारे में गरुण पुराण क्या कहता है यह भी जानते हैं। साथ ही इस आर्टिकल हमें जानते हैं गरुण पुराण के बारे में कुछ रोचक बातें।

गरुण पुराण

गरुण पुराण में इस बात का जिक्र है कि, मृत्यु के बाद व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार कैसी गति प्राप्त होती है। गरुण पुराण को प्राचीन ग्रंथों में से एक माना गया है। जानकारी के लिए बता दें कि, गरुण पुराण को दो हिस्सों में बांटा गया है, जहां पहले भाग को पूर्वखण्ड कहते हैं वहीं दूसरा भाग उत्तरखंड कहा जाता है। 

जानकार मानते और बताते हैं कि एक अकेले गरुण पुराण में तकरीबन उन्नीस हज़ार श्लोक हैं। हालांकि गरुण पुराण की मौजूदा पाण्डुलिपियों में लगभग आठ हजार श्लोक पाए जाते हैं। इसके अलावा गरुण पुराण के पहले हिस्से में भगवान विष्णु की पूजा के तरीकों का जिक्र है और दूसरे हिस्से में अलग-अलग प्रकार के नर्क का ज़िक्र मिलता है।

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गरुण पुराण के अनुसार यह चार चीजें तुरंत त्याग दें 

गरुण पुराण के अनुसार चार ऐसी आदतें बताई गई हैं जो व्यक्ति की सफलता की और तरक्की के मार्ग में बाधा बनने के साथ-साथ आर्थिक तंगी की वजह बनती हैं। यह चार चीजें हैं: 

  • पहला क्रोध या गुस्सा: कहा जाता है कि, गुस्सा या क्रोध करना एक ऐसी बीमारी है जो हंसते खेलते परिवार को चुटकी में बर्बाद कर सकती है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति को गुस्सा नहीं करना चाहिए। विशेष तौर पर अगर आप अपने जीवन में सफलता हासिल करना चाहते हैं तो आपको क्रोध अवश्य त्याग देना चाहिए। जीवन में शांति के साथ कोई भी काम करें आपको सफलता अवश्य हासिल होगी।

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  • आलस्य: आलस्य भी एक बड़ी वजह होती है जो किसी व्यक्ति की सफलता में बाधा बन सकती है। आलस्य से आपका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। ऐसे में यदि आप जीवन में प्रगति करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले आलस्य से पीछा छुड़ाना पड़ेगा तभी आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे।
  • किसी भी विषय पर संशय या असुरक्षा की भावना: जिन व्यक्तियों के अंदर संशय या असुरक्षा की भावना होती है ऐसे लोग अपने जीवन में सटीक निर्णय लेने में असमर्थ होते हैं। ऐसी स्थिति में आपका आत्मविश्वास भी कमज़ोर बना रहता है। यही वजह है कि, गरुण पुराण में कहा गया है कि, जिन व्यक्तियों को तरक्की करनी हो या जीवन में सफलता प्राप्त करनी  हो उन्हें अपने जीवन से संशय और असुरक्षा की भावना को त्याग देना आवश्यक है।
  • हर छोटी बड़ी बात पर चिंता: चिंता के बारे में कहा जाता है कि, चिंता और चिता इन दोनों शब्दों में केवल एक बिंदी का फर्क होता है। चिंता करते करते कब मनुष्य अपने जीवन में नुकसान कर बैठते हैं ये खुद उन्हें ही पता नहीं चलता है। बहुत से लोग अपने जीवन में छोटी-छोटी बातों को लेकर चिंता करते करते हैं जिसका नकारात्मक प्रभाव हमारे शारीरिक और मानसिक जीवन पर देखने को मिलता है। चिंता करने वाले व्यक्तियों को ध्यान एकाग्र करने में तकलीफों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में गरुण पुराण में कहा गया है कि, यदि जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो आपको चिंता से उचित दूरी बनाकर रखना होगा।

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