Garud Puran: गरुड़ पुराण की वह शिक्षाएं जो सुधार देंगी आपका जीवन

Garud Puran: गरुड़ पुराण की शिक्षाएं

गरुड़ पुराण (Garud Puran) का हिंदू धर्म में इसलिए बड़ा महत्व है क्योंकि इस पुराण को मृत्यु के बाद मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है। इस पुराण में वैराग्य, सदाचार, नीतिसार आदि के बारे में ज्ञान दिया गया है। आज अपने इस लेख में हम गुरुड़ पुराण के बारे में बात करेंगे और साथ ही इस पुराण में दी गई शिक्षाओं की जानकारी भी आपको देंगे।  

गरुड़ पुराण 

भारत के इस प्राचीन ग्रंथ को दो भागों में बांटा गया है पहला पूर्वखण्ड और दूसरा उत्तरखण्ड। ऐसा माना जाता है कि इस ग्रंथ में उन्नीस हजार श्लोक हैं। लेकिन इस पुराण की उपलब्ध पाण्डुलिपियों में लगभग आठ हजार श्लोक पाए जाते हैं। इसके प्रथम भाग में भगवान विष्णु की उपासना की विधियों के बारे में बताया गया है। इसके दूसरे भाग में कई तरहों के नर्कों के बारे में बताया जाता है। मृत्यु के बाद कर्मों के अनुसार कैसी गति होती है उस विषय में इस पुराण में वर्णन मिलता है। 

गरुड़ पुराण से जुड़ी कथा 

गरुड़ पुराण से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु के वाहन पक्षीराज गरुड़ ने एक बार जिज्ञासावश विष्णु जदी से पूछा कि मृत्यु के बाद जीवन की क्या गति होती है। वह यमलोक की यात्रा कैसे करता है और उसे विभिन्न नरकों, योनियों की प्राप्ति कैसे होती है। उनकी जिज्ञासा को शांत करने के लिए भगवान विष्णु ने जो प्रवचन पक्षिराज गरुड़ को दिए उसे ही गरुड़ पुराण के नाम से जाना जाता है। भगवान विष्णु ने पक्षीराज गरुड को अपने प्रवचन में कई तरह की शिक्षाएं दी हैं। 

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गरुड़ पुराण (Garud Puran) में किन विषयों का वर्णन है 

इस पुराण में विभिन्न देवी-दवताओं की पूजा विधि के बारे में जानकारी मिलती है। योगाध्याय, विष्णु ध्यान, सूर्य पूजा, शिवार्चा गोपाल पूजा, श्रीधर पूजा जैसी कई पूजाओं के बारे में यह पुराण जानकारी देता है। इसके साथ ही सांख्य सिद्धांत, ब्रह्मज्ञान, गीतासार आदि का वर्णन भी इस पुराण में प्राप्त होता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो लगभग सभी हिंदू धार्मिक मान्यताओं को इस पुराण में जगह मिली है, यह पुराण धर्म-कर्म पर भी बल देता है। लेकिन मुख्य रूप से यह मृत्यु के बाद सद्गति देने वाले पुराण के रूप में जाना जाता है। 

गुरुड़ पुराण की कुछ महत्वपूर्ण शिक्षाएं

गरुड़ पुराण में जीवन को सुधारने के लिए कई शिक्षाएं मिलती हैं। इन शिक्षाओं में से कुछ के बारे में नीचे बताया गया है। 

  • गरुड़ पुराण के अनुसार व्यक्ति को कभी भी सुबह देर से नहीं उठना चाहिए। जो लोग सुबह देर से उठते हैं उनकी उम्र कम होती है। 
  • रात के वक्त दही का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता। इसलिए रात में कभी भी दही नहीं खानी चाहिए। 
  • बासी भोजन और बासी मांस खाने से भी गरुड़ पुराण में कहा गया है। बासी मांस खाने से कैंसर होने की संभावना होती है। 
  • गरुड़ पुराण के अनुसार जब श्मसान में शरीर जलाया जाता है तो उसकी अग्नि से दूर रहना चाहिए, क्योंकि उससे कई तरह के नकारात्मक तत्व निकलते हैं। 
  • गरुड़ पुराण के अनुसार सुबह के समय कभी भी शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए इससे उम्र कम होती है। 
  • गरुड़ पुराण के नीतिसार के अनुसार किसी को अपना शत्रु नहीं मानना चाहिए लेकिन जो लोग आपको शत्रु मानते हैं उनसे हमेशा सतर्क रहना चाहिए। 
  • साफ-सुथरे कपड़े पहनने से व्यक्ति को सामाजिक और आत्मिक रूप से भी शांति मिलती है इसलिए हमेशा साफ कपड़े पहनने चाहिए। 
  • निरोग शरीर के लिए हमेशा संतुलित भोजन करने की शिक्षा भी गरुड़ पुराण में दी गई है। 
  • व्रत रखना बहुत शुभ माना जाता है। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि हर एकादशी के दिन व्यक्ति को व्रत रखना चाहिए। इससे मन की शांति प्राप्त होती है। 

गरुड़ पुराण में नरक का वर्णन

इस पुराण में भगवान विष्ण गरुड़ जी को बताते हैं कि, यममार्ग का वर्णन कंपा देने वाला है। यम के मार्ग में वृक्षों में छाया नहीं, जल भी नहीं और 12 सूर्य वहां तपते हैं। इस मार्ग में भयंकर पशु-पक्षी होते हैं। विषधर सर्प इस मार्ग पर जीव को परेशान करते हैं। यममार्ग पर सत्रह दिनों तक चलते हुए अंत में जीव आत्मा प्रेत सौम्यपुर पहुंचती है। गरुड़ पुराण में नरक का यह वर्णन संभवत: लोगों को सच्चाई के मार्ग पर चलने के लिए बताया गया है। 

गरुड़ पुराण के अनुसार कभी न करें यह काम 

  • गरुड़ पुराण का अनुसार व्यक्ति को कभी भी सूर्योदय और सूर्यास्त के समय नहीं सोना चाहिए। इससे मन विचलित होता है। 
  • दूसरों के साथ बुरा व्यवहार करना, अपशब्दों का इस्तेमाल करना भी बुरा माना जाता है। बुरा व्यवहार कभी किसी के साथ नहीं करना चाहिए। जो लोग दूसरों के प्रति गलत व्यवहार करते हैं माता लक्ष्मी की कृपा उनपर नहीं होती। 
  • गरुड़ पुराण (Garud Puran) के अनुसार आवश्यकता से अधिक भोजन करना भी अच्छा नहीं माना जाता। इससे आलस्य आता है साथ ही व्यक्ति के सोचने की क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है। 
  • गरुड़ पुराण के अनुसार आवश्यकता से अधिक भोजन करना भी अच्छा नहीं माना जाता। इससे आलस्य आता है साथ ही व्यक्ति के सोचने की क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है। 
  • गरुड़ पुराण के अनुसार कुछ चीजों का भरोसा कभी नहीं करना चाहिए उनमें है-सांप, आग और दुश्मन के दोस्तों पर। 
  • बुरे चरित्र वाले लोगों से दूर रहने की सलाह भी गरुड़ पुराण में दी जाती है। 
  • गरुड़ पुराण के अनुसार अपने संबंधियों के साथ कभी दुश्मनी नहीं करनी चाहिए।
  • किसी दूसरे के घर में ज्यादा दिन तक रहने से भी बचना चाहिए।

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