Ganesh Jayanti 2021: गणेश जयंती की सही पूजन विधि और जानें इस दिन का महत्व

माघ माह में आने वाली गणेश चतुर्थी को माघी गणेश चतुर्थी (Maghi Ganesh Chaturthi) या माघी गणेश जयंती (Maghi Ganesh Jayanti) के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष माघी (Ganesh jayanti 2021) गणेश जयंती 15 फरवरी 2021 को मनाई जाएगी। मान्यता के अनुसार माघ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को सर्वप्रथम गणेश तरंगें धरती पर आईं थीं। ऐसे में इस दिन गणेश जयंती मनाई जाती है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार भगवान गणेश को समर्पित इस व्रत को जो कोई भी इंसान करता है उसके जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। 

     

दक्षिण भारत में इस दिन के बारे में ऐसी मान्यता है कि, यह वही दिन है जिस दिन भगवान गणेश (Lord Ganesh) जी का जन्म हुआ था। ऐसे में इसे गणेश जयंती (Ganesh Jayanti) के नाम से जाना जाता है। गणेश जयंती या विनायक चतुर्थी के दिन लाल रंग के वस्त्र, लाल रंग के फूल, और लाल चंदन को पूजा में अवश्य शामिल करने की सलाह दी जाती है। इस दिन सही विधि विधान और नियम के साथ भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने से विघ्नहर्ता अपने भक्तों के जीवन से सभी तरह के कष्ट और दुखों को दूर करते हैं। 

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विनायक चतुर्थी तिथि व मुहूर्त (Ganesh Chaturthi Tithi-Muhurat)

विनायक चतुर्थी- 15 फरवरी 2021

चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 15 फरवरी 2021 2:00 बजे।

चतुर्थी तिथि समाप्त- 16 फरवरी, 3:35 बजे।

गणेश जयंती पूजा विधि (Ganesh Jayanti Puja Vidhi)

  • गणेश जयंती (Ganesh Jayanti) के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करके साफ वस्त्र धारण करें। 
  • अपने घर के मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति या प्रतिमा को एक चौकी पर स्थापित करें और पूजा शुरू करें। सबसे पहले व्रत का संकल्प लें। 
  • इसके बाद भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा करें। 
  • इस दिन बहुत से लोग व्रत भी रखते हैं और इस दिन का व्रत फलाहार किया जा सकता है। 
  • शाम के समय सूर्यास्त होने से पहले दोबारा स्नान करें और भगवान गणेश की पूजा अर्चना करें।
  • इसके बाद रात में चंद्रमा के दर्शन के बाद चंद्र देव को अर्घ्य दें। 
  • चंद्रमा की पूजा करें और उसके बाद फलाहार भोजन ग्रहण करें। 

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गणेश जयंती का महत्व (Ganesh Jayanti Mahatva)

गणेश जयंती (Ganesh Jayanti) के बारे में ऐसी मान्यता है कि,इस दिन भगवान गणेश (Bhagwan Ganesh) का जन्म हुआ था। ऐसे में इस दिन का असली रंग और खूबसूरती मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में देखने को मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा से व्यक्ति को पुण्य प्राप्त होता है। 

इसके अलावा अग्नि पुराण में इस दिन के बारे में उल्लेख है कि, जो कोई भी व्यक्ति इस दिन विधिवत तरीके से भगवान गणेश की पूजा अर्चना करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। गणेश जयंती (Ganesh Jayanti Vrat) के व्रत, पूजा से संकटों का नाश होता है। इसके साथ ही इस दिन की व्रत और उपवास के प्रभाव से व्यक्ति के मनोविकार दूर होते हैं और समस्त समस्याओं  का समाधान होता है।

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इस दिन की पूजा में अवश्य शामिल करें यह मंत्र (Ganesh Jayanti Mantra)

इसके अलावा क्योंकि भगवान गणेश को मोदक और लड्डू बेहद प्रिय होते हैं ऐसे में गणेश जयंती (Ganesh Jayanti) की पूजा में इन दोनों या इनमें से किसी एक चीज को शामिल करना ना भूलें।

‘गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं। उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥’ 

‘ॐ गं गणपतये नम:’

हम आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए सहायक साबित हुआ होगा।
एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

Dharma

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