गज केसरी राज योग को वैदिक ज्योतिष में शुभ राज योगों में से एक माना जाता है। इस योग के तहत जन्में लोग बौद्धिक रूप से तेज, मजबूत और एक अच्छा जीवन जीते हैं। आपके जन्म विवरण के आधार पर तैयार की गयी राज योग रिपोर्ट आपकी कुंडली में ऐसे ही शुभ राज योगों की उपस्थिति को दर्शाती है और आपके जीवन में आने वाले ऐसे सुनहरे दौर पर प्रकाश डालती है।
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अचिंत्या व्यक्त रूपाय निर्गुणाय गुणात्मके।
समस्त जगताधार मूर्तये ब्रहम्णे नमः॥
ज्योतिष के अनुसार जातक की जन्म कुंडली में बैठे ग्रह व्यक्ति के जीवन की शुभ-अशुभ घटनाओं को बतलाते हैं। कुंडली में ग्रहों के अनेकों योग-युतियां, दृष्टि संबंध से अनंत शुभ राज योगों का निर्माण होता है। ये ग्रह योग शुभ स्थिति में जहाँ एक ओर जातक को बुलंदियों तक पहुंचा देता है तो वहीं यदि अशुभ स्थिति में कोई योग योग बने तो बुलंदियों तक पंहुचे व्यक्ति को मजदूरी करने पर भी मजबूर कर देता है।
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क्या है गजकेसरी राज योग?
यदि किसी जातक की जन्म कुंडली के विशेष भाव में गजकेसरी जैसा राजयोग हो, तो यह योग मनुष्य को एक महान व्यक्ति बना देता है। गजकेसरी योग में जातक कुशल, तेजस्वी, राजसी तथा अनेक प्रकार के सुखों को भोगने वाला और उच्च पद को प्राप्त करने वाला होता है। वह वाद-विवाद से संबंधित क्षेत्रों जैसे राजनीति और भाषण कला आदि में निपुण होता है। यदि आपकी जन्म कुंडली गजकेसरी योग से युक्त है, पर आपको उसका फल नहीं मिल पा रहा हो, तो आप इस समस्या के निदान के लिए हमारे ज्योतिषाचार्य से जुड़ कर अपनी समस्या का निदान प्राप्त कर सकते हैं।
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कब होता है गजकेसरी योग का निर्माण?
गजकेसरी योग का अच्छा और बुरा फल कुंडली के द्वादश भावों एवं राशि, नक्षत्र और गुरु-चंद्र की स्थिति पर निर्भर करता है। क्योंकि जन्म कुंडली में गुरु और चंद्र के बलवान योग होने पर ही गजकेसरी योग का निर्माण होता है। यदि उसी जन्म कुंडली में केमद्रुम योग भी बन रहा हो, तो ऐसे योग में गजकेसरी योग निष्फल हो जाता है तथा अन्य सामान्य ग्रहों की तरह अपना शुभ अशुभ फल देता है।
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ज्योतिष शास्त्र में गजकेसरी योग को एक शक्तिशाली और शुभफलदायी योग माना गया है। यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली के विशेष भाव (पंचम-नवम) में गजकेसरी योग बना हो, तो उस व्यक्ति को गज यानि हाथी के समान शक्तिशाली और अथाह धन-वैभव की प्राप्ति होती है। परन्तु ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी को इस गजकेसरी योग का शुभ फल प्राप्त हो। किसी व्यक्ति को गजकेसरी योग का अत्यधिक शुभ फल प्राप्त होता है, तो किसी के लिए ये सामान्य फलदायक साबित होता है।
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गजकेसरी योग का फल
आईये गजकेसरी योग के फलों को एक कुंडली के माध्यम से समझते हैं। नीचे दी गयी कुंडली एक उच्च पद पर विराजित मुकेश शर्मा जी की है, जो आज के समय में उत्तराखंड में स्थित शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं।
15-05-1988, 21:25, देहरादून
देखा जाये तो इनकी जन्मकुंडली के पंचम भाव में हाथी के समान सुशोभित गजकेसरी योग बनता है, जो कि इन्हें अपने सभी कार्यों में निपुण बनाता है व इसी योग के माध्यम से इनके कार्य में बढ़ोतरी व इन्हें सदैव सम्मानित किया जाता रहा है। मुकेश जी की कुंडली के पंचम भाव में गुरु-चंद्रमा होने से इनके अंदर ऐसे गुण समाहित हैं, जो प्रमाणिक रूप से गुरु और चंद्रमा के पंचम भाव में होने से प्राप्त होता है।
मेरे द्वारा किये गये ज्योतिषिय निरीक्षण से ज्ञात हुआ है कि, पंचम भाव में यह योग बने तो बुद्धि के बल पर धन कमाने का संकेत होता है। जातक बुद्धिमान होता है। ऐसा जातक अच्छा स्कूल टीचर, वैज्ञानिक, नए-नए अविष्कार करने वाला या उच्च कोटि का लेखक भी बन सकता है। ऐसे जातक को पूर्ण संतान का सुख मिलता है, संतान के उच्च पद पर आसीन होने के योग भी बनते हैं। यह सभी गुण मुकेश जी में समाहित है।
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