सूर्यग्रहण 2024: साल का पहला पूर्ण सूर्यग्रहण इन राशियों के लिए बेहद खास- मान-सम्मान में कराएगा वृद्धि!

सूर्य ग्रहण 2024: हमारा यह खास ब्लॉग 8 अप्रैल को होने वाले सूर्य ग्रहण का सभी राशियों पर नकारात्मक और सकारात्मक प्रभाव पड़ने की जानकारी के साथ-साथ इस दौरान बरती जाने वाली आवश्यक सावधानियां के बारे में अपने रीडर्स को समय से पूर्व तैयार करने के उद्देश्य से लिखा गया है। एस्ट्रोसेज हमेशा अपने रीडर्स के लिए ज्योतिष की इस रहस्यमई दुनिया की नवीनतम और महत्वपूर्ण अपडेट को आपके सामने लेकर आने का प्रयास करता है ताकि आप बेहतरीन गुणवत्ता वाली जानकारी समय से पूर्व ही जान सकें और ज्योतिष से लेकर टैरो, अंक ज्योतिष आदि तक भविष्यवाणी के सभी संभावित उपकरणों के बारे में जानकारी हासिल कर सकें। 

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पंचांग के अनुसार बात करें तो साल का यह सूर्य ग्रहण जो 8 अप्रैल को लगने वाला है यह भारतीय महाद्वीप में नजर नहीं आएगा। जिसका अर्थ है कि पृथ्वी की छाया चंद्र सतह को एक निश्चित सीमा तक ही ढकने वाली है पूरी तरह से नहीं ढकेगी।

साल 2024 के पहले सूर्य ग्रहण की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने से पहले चलिये सबसे पहले जान लेते हैं कि ग्रहण आखिर वास्तव में किसे कहा जाता है और इसके प्रति लोगों की जिज्ञासा का क्या कारण है। सरल शब्दों में समझाएं तो सूर्य ग्रहण एक ऐसी खगोलीय घटना को कहा जाता है जो सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी की गति के चलते नियमित समय के अंतराल पर घटित होती रहती है।

यह बात तो हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है, चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है। पृथ्वी को सूर्य से प्रकाश मिलता है और इस तरह चंद्रमा उससे प्रकाशित होता है। चंद्रमा और पृथ्वी की गति के चलते ऐसी स्थितियां उत्पन्न होती हैं जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और कभी-कभी पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। ऐसी स्थिति में जहां भी सूर्य का प्रकाश उस पर नहीं पड़ता है वह कुछ समय के लिए अंधेरा क्षेत्र बन जाता है और सूर्य के प्रकाश से वंछित रह जाता है। इसी खगोलीय स्थिति को ग्रहण कहते हैं।

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आइए ग्रहण के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करते हैं और साथ ही जानते हैं कि वर्ष 2024 में लगने वाले इस ग्रहण की विशेषता क्या रहने वाली है, इसकी तिथि और समय क्या रहने वाला है और साथ ही जानेंगे राशियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ने वाला है। अगर आप साल 2024 में पड़ने वाले ग्रहण के बारे में अधिक जानना चाहते हैं यह जानना चाहते हैं कि सूर्य और चंद्र ग्रहण कब-कब लगने वाले हैं यह कहां-कहां नजर आएंगा, ये भारत में दृश्यमान होंगे या नहीं और इनसे जुड़ी अन्य जानकारियां तो आप इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं। इसके अलावा इस ब्लॉग में हम आपको ग्रहण 2024 के ज्योतिषीय धार्मिक महत्व की जानकारी भी प्रदान करने वाले हैं।

सूर्य ग्रहण क्या है? 

जैसे कि हमने पहले भी बताया कि ग्रहण एक खगोलीय घटना होती है। सरल शब्दों में कहें तो सूर्य ग्रहण एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसमें पृथ्वी सूर्य के चारों ओर अपने कक्षीय पथ पर चलते हुए एक ऐसी जगह पर आ जाती है जहां चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है। इस स्थिति में तीनों एक रेखा में आ जाते हैं क्योंकि सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पहुंचने से पहले चंद्रमा तक पहुंचता है और चंद्रमा की छाया पृथ्वी को ढक लेती है इसीलिए कुछ समय के लिए सूर्य की किरणें पृथ्वी की सतह तक नहीं पहुंच पाती है जिसके परिणाम स्वरुप पृथ्वी कुछ समय के लिए सूर्य के प्रकाश के संपर्क में नहीं आ पाती है। इन परिस्थितियों में सूर्य पृथ्वी से प्रभावित होता प्रतीत होता है।

ग्रहण लगने की स्थिति में पूरी तरह से काली छाया और आंशिक रूप से काली छाया दोनों कुछ समय के लिए पृथ्वी से नजर आती हैं। ऐसी घटना का वर्णन करने के लिए सूर्य ग्रहण शब्द का प्रयोग किया जाता है अर्थात इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं। सूर्य ग्रहण तब होता है तब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है। आंशिक सूर्य ग्रहण उस स्थिति को कहते हैं जब सूर्य का केवल एक भाग ही प्रभावित होता है। चंद्रमा की छाया कभी-कभी सूर्य के केंद्र में दिखाई देती है जब दोनों एक दूसरे से बहुत दूर नजर आते हैं। जब इसके चारों ओर सूर्य का प्रकाश नजर आता है तो उसकी छाया कंगन या रिंग का रूप धारण कर लेती है और इसे वाल्याकार सूर्य ग्रहण या कंकणाकृति सूर्य ग्रहण है।

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सूर्य ग्रहण 2024: दृश्यता और समय

तिथिदिन और समयसूर्यग्रहण के शुरू होने का समय (भारतीय समय अनुसार)सूर्यग्रहण के समाप्त होने का समययहाँ आएगा नज़र
चैत्र मास कृष्ण पक्षअमावस्या तिथिसोमवार08 अप्रैल 2024रात्रि 21:12 सेरात्रि 26:22 तक (09 अप्रैल 2024 प्रातः 02:22 तक)पश्चिमी यूरोप, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक, मैक्सिको, उत्तरी अमेरिका (अलास्का को छोड़कर), कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग, उत्तर पश्चिमी इंग्लैंड, आयरलैंड (भारत में दृश्यमान नहीं है)

महत्वपूर्ण जानकारी: ग्रहण 2024 के संबंध में सटीक ग्रहण समय भारतीय मानक समय का उपयोग करके उपरोक्त तालिका में दर्शाया गया है। इसे 2024 का पहला सूर्य ग्रहण कहा जाएगा। यह खग्रास या पूर्ण सूर्य ग्रहण के रूप में घटित होगा। इसके अस्तित्व में ना आने से भारत में इसका कोई भी धार्मिक प्रभाव नहीं पड़ेगा और सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा। इस प्रकार हर कोई व्यक्ति अपनी अलग-अलग गतिविधियां इस अवधि में बिना किसी कठिनाई, रूकावट या चिंता के पूरी कर सकता है।

सूर्य ग्रहण 2024 के प्रकार और ग्रहों की स्थिति

साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण अप्रैल के महीने में सोमवार के दिन लगने वाला है और यह खग्रास सूर्य ग्रहण यानी पूर्ण सूर्य ग्रहण कहलाएगा। औसतन हर 18 महीने में पूर्ण ग्रहण घटित होता है जिसमें बहुत हल्का सा कोरोना नजर आता है जब चंद्रमा का अंधेरा छाया सूर्य की चमकती रोशनी को पूरी तरह से रोक लेता है। अकाल ग्रहण के दौरान समग्रता की अधिकतम सीमा पृथ्वी की सतह के एक छोटे से क्षेत्र तक सीमित हो जाती है। पूर्णता का मार्ग इस घुमावदार मार्ग को दिया गया नाम है।

सोमवार 8 अप्रैल 2024 को रात 21:12 बजे वर्ष 2024 का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा। यह सूर्य ग्रहण खग्रास सूर्य ग्रहण भी कहा जाएगा। यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होने वाला है। यह ग्रहण मीन राशि और रेवती नक्षत्र में लगेगा। मीन राशि सूर्य के मित्र बृहस्पति की राशि मानी जाती है। इस दिन सूर्य चंद्रमा, शुक्र और राहु के साथ रहेंगे। चंद्रमा से दूसरे भाव में बुध और बृहस्पति और 12वें भाव में शनि और मंगल स्थित होंगे। जो लोग मीन राशि और रेवती नक्षत्र में पैदा हुए हैं साथ ही उनसे जुड़े देशों के लिए वर्ष 2024 का यह पहला सूर्य ग्रहण बेहद प्रभावशाली रहने वाला है।

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सूर्य ग्रहण 2024: ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बातें

सूर्य ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए कुछ बातें विशेष रूप से ध्यान रखने की सलाह देती हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे सरल उपायों के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं जिनका पालन करके आप खुद को और अपने परिवार को सूर्य ग्रहण के दौरान होने वाली किसी भी नकारात्मकता से बचा सकते हैं। इसके अलावा अगर आप यह उपाय अपनाते हैं तो सूर्य ग्रहण की इस अवधि के दौरान आप नकारात्मकता की जगह अपने जीवन में शुभ परिणाम भी प्राप्त कर सकते हैं।

  • जिन लोगों की राशि मीन है या जिनका जन्म रेवती नक्षत्र के तहत हुआ है उन्हें सूर्य ग्रहण से बचकर रहना चाहिए और जितना हो सके आपको इस सूर्य ग्रहण को देखने से भी बचने की सलाह दी जाती है।
  • सूर्य ग्रहण के दौरान विशेष रूप से सूतक काल के दौरान भगवान शिव, भगवान सूर्य देव या किसी अन्य देवता की पूजा करें, उनके भजन करें, उनके मंत्रों का जाप करें। हालांकि यहां पर भी आपको देवताओं की मूर्तियों को छूने से बचने की सलाह दी जा रही है।
  • अगर आप गर्भवती हैं या आपके घर में कोई गर्भवती महिला है या कोई बीमार व्यक्ति है तो उसे सूर्य ग्रहण देखने से बचना चाहिए।
  • सूर्य ग्रहण के दौरान आप सूर्य देव के एक विशेष मंत्र का जाप कर सकते हैं जिससे आपको अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। मंत्र कुछ इस तरह है “ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो: सूर्य: प्रकोदयात्।”
  • सूर्य ग्रहण के दौरान दूसरों की आलोचना करने और गुस्सा करने से बचें। 
  • अगर आप साधक हैं या किसी मंत्र को सिद्ध करना चाहते हैं तो सूर्य ग्रहण के दौरान उस मंत्र का लगातार जाप करें। इससे आपको शीघ्र ही सफलता प्राप्त होगी।
  • ग्रहण काल के दौरान किसी भी मंत्र का जाप करने से हजारों गुना फल की प्रति व्यक्ति को हो सकती है।

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सूर्य ग्रहण 2024: सभी 12 राशियों पर इसका प्रभाव

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए सूर्य पंचम भाव का स्वामी है और सूर्य ग्रहण के दौरान यह राहु के साथ आपके बारहवें घर में स्थित रहेगा। बारहवाँ घर त्रिक भाव और हानि का घर माना जाता है इसीलिए सूर्य और राहु की युति के चलते इस दौरान आपके जीवन में वित्तीय स्थिरता की कमी देखने को मिल सकती है। आपके जीवन में इस अवधि में अचानक और अप्रत्याशित खर्च बढ़ने वाले हैं या आर्थिक माहौल में अप्रत्याशित बदलाव आपको उठाने पड़ सकते हैं। 

स्वाभाविक है कि इससे आपके जीवन में तनाव और चिंता का स्तर बढ़ सकता है। मेष राशि के जातकों को अज्ञात भय से भी पीड़ित होना पड़ सकता है और मानसिक और भावनात्मक तनाव में वृद्धि देखने को मिलने वाली है। इससे परिवार, दोस्तों, सहकर्मियों के साथ आपके रिश्ते थोड़े तनावपूर्ण होने की संभावना है। मुमकिन है कि ऐसा आपके जीवन में लगातार अभिभूत महसूस करने और अपनी भावनाओं और परिस्थितियों से निपट पाने में असमर्थ होने के की वजह से ऐसा हो।

वृषभ राशि 

सूर्य वृषभ राशि के चतुर्थ भाव का स्वामी है और अब सूर्य ग्रहण के दौरान यह राहु के साथ आपके ग्यारहवें भाव में मौजूद रहेगा। चौथे घर का स्वामी ग्यारहवें घर में एक अच्छे स्थान में है और 11वें घर में राहु व्यक्ति के जीवन में भाग्य लेकर आता है। जब सूर्य और राहु ग्यारहवें घर में एक साथ मौजूद होते हैं तो इससे वृषभ राशि के जातकों को अपार धन, सफलता और वित्तीय लाभ के संकेत मिल रहे हैं ।

यह युति अचानक अवसर और समृद्धि आपके जीवन में लेकर आएगी। 11वें घर में सूर्य और राहु के चलते करियर में वृद्धि होने की भी प्रबल संभावना बन रही है। इस राशि के जातकों को करियर के मामले में उच्चतम क्षमता तक पहुंच पाने में मदद मिलेगी। आपको पदोन्नति, वेतन वृद्धि भी मिलने की संभावना है। 11वें घर में सूर्य और राहु की युति आपके नेटवर्क में वृद्धि की वजह बनेगी। यह व्यक्ति के लिए फायदेमंद साबित होगी खासकर करियर के संबंध में और वित्तीय जीवन के संदर्भ में।

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य तीसरे भाव का स्वामी है और इस ग्रहण के दौरान राहु के साथ आपके दसवें घर में स्थित रहेगा। दसवें घर में राहु का होना शुभ माना जाता है लेकिन इस स्थिति में यह युति मिथुन राशि के जातकों के लिए नकारात्मक परिणाम लेकर आ सकती है। सूर्य का वास्तविक प्रभाव राहु की मायावी प्रकृति के साथ आपके जीवन में संघर्ष की वजह बन सकता है जिससे लोगों को पहुंच से बाहर के लक्ष्य की तलाश करने या सार्वजनिक छवि बनाए रखने में कठिनाइयां उठानी पड़ सकती है। प्रगति के लिए आपको ज्यादा प्रयास, अविश्वसनीय प्रथाओं या स्वीकृति के लिए परिस्थितियों को नियंत्रित करने की प्रवृत्ति आपके अंदर बढ़ सकती है। 

कुशल हितों में कल्पना और विकास को सक्रिय करने की क्षमता होने के बावजूद पेशेवर उद्देश्यों से निपटने के लिए उचित तरीके से इस आविष्कारशीलता को संतुलित करने की आवश्यकता आपको पड़ने वाली है। लोगों के अंदर अहंकार और जल्दबाज़ी बढ़ने की आशंका भी नज़र आ रही है क्योंकि राहु आपके मानसिक दृष्टिकोण में सुधार लेकर आएगा जिससे संभवतः कार्यक्षेत्र में आपको रुकावट आदि झेलनी पड़ सकती है।  

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए सूर्य कमाई के दूसरे घर का स्वामी है और अब यह राहु के साथ आपके नवम भाव में स्थित हो जाएगा। इस दौरान कर्क राशि के जातकों के अंदर ढोंग और आंतरिक आत्मा की भावना बढ़ने वाली है जो गहरी समझ की वास्तविकता की खोज में बाधा बन सकती है। नवम घर पर सूर्य राहु की इस युति के प्रभाव से आपके अंदर कठोर या बहुत बौद्धिक मानदंडों की विकृत धारणा भी उत्पन्न हो सकती है जिसे व्यक्ति के लिए समझ हासिल करना बेहद आवश्यक हो जाता है। 

इन प्रभावों को कम करने के लिए विनय को बढ़ावा देने के लिए वास्तविक गुरुओं से मार्गदर्शन लेना और अलौकिक गतिविधियों में खुद को लिप्त करना सहायक साबित होगा। ऐसा करने से आप नवम भाव में बनने वाली राहु सूर्य की युति के नकारात्मक प्रभाव भी अपने जीवन से कम कर सकते हैं। पारिवारिक व्यवसाय से जुड़े लोगों को इस अवधि के दौरान ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही आपके जीवन में वित्तीय कठिनाइयों भी खड़ी हो सकती हैं।

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सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए सूर्य प्रथम भाव का स्वामी है और राहु के साथ आपके अष्टम भाव में स्थित होने जा रहा है। आठवां घर जीवन के परिवर्तन और गुप्त रहस्यों से संबंधित माना जाता है। साथ ही यह गंभीर और अभूतपूर्व झगड़ों को भी दर्शाता है। राहु का प्रभाव आमतौर पर इच्छाओं और प्रतिबद्धताओं को बढ़ाने वाला साबित होगा जबकि सूर्य आपके जीवन में स्पष्टता और जागरूकता लेकर आएगा।

राहु सूर्य की यह युति आत्मा निरीक्षण और ज्यादा गहन जानकारी के लिए एक अथक खोज के लिए आपको महत्वपूर्ण प्रेरणा प्रदान करेगी। इसके माध्यम से आपके जीवन में कल्पना, अविष्कार करने का हुनर और रुचि आदि बढ़ने वाली है। इसके बावजूद आपके जीवन में कुछ कठिनाइयां भी खड़ी हो सकती हैं। साथ ही मुमकिन है कि दौरान आपका रहस्य की तरफ झुकाव बढ़े या आप रिश्तों में ज्यादा नियंत्रण के लिए संघर्ष करते नजर आ सकते हैं।

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य बारहवें घर का स्वामी है। अपने इस ग्रहण के दौरान सूर्य राहु के साथ आपके सप्तम भाव में स्थित हो जाएगा। यह युति नकारात्मक प्रभाव आपके जीवन में लेकर आने वाली है जिसके परिणामस्वरूप इस राशि के जातकों को अपने वैवाहिक जीवन में कई तरह के चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। विवाहित जातकों के बीच झगड़े बढ़ने वाले हैं जिससे आपके रिश्ते में दरार भी आ सकती है। 

घर का माहौल तनावपूर्ण रहने के चलते भी इस राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां भी होने की आशंका है। ज्यादातर मामलों में इस युति के नकारात्मक प्रभाव के चलते जातकों को अपने रिश्ते में तलाक का सामना भी करना पड़ सकता है। विवाहित जातकों को इन चुनौतियों से पार पाने और एक खुशहाल और स्वस्थ रिश्ता बनाए रखने के लिए इस अवधि में कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता पड़ने वाली है।

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए सूर्य 11वें घर का स्वामी है और अब सूर्य का यह गोचर आपके छठे भाव में मीन राशि में होने जा रहा है। यह इस बात के संकेत दे रहा है की तुला राशि के जातकों ने अपने जीवन में कई दुश्मन बना लिए हैं जिससे आपको जीवन में काफी तनाव उठाना पड़ सकता है। आप स्वभाव से स्वार्थी हो सकते हैं, आपके अंदर अहंकार और क्रोध की भावना भी बढ़ने वाली है। इसके अलावा जातकों में आंतरिक आत्मविश्वास की कमी और आंतरिक भय बढ़ने वाला है। इस अवधि में आपके बॉस के साथ आपके रिश्ते खराब हो सकते हैं साथ ही सरकार की तरफ से भी कर संबंधी आपको कुछ परेशानियां मिलने की संभावना है। 

इस राशि के जातकों में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ेगी। इस नकारात्मक ऊर्जा के चलते जातक मानसिक तनाव और मनोवैज्ञानिक विकार से ग्रस्त हो सकता है। तुला राशि के जातकों को संतान संबंधित समस्याओं का भी इस अवधि में सामना करना पड़ सकता है। कुछ जातकों को गर्भपात और बच्चे के जन्म में देरी का दुख भी उठाने की आशंका है। मुमकिन है कि आपका बच्चा स्वस्थ ना हो। इसके अलावा इस राशि के जातकों की पत्नी का स्वास्थ्य भी ज्यादा अनुकूल रहने नहीं रहने के संकेत मिल रहे हैं। आपको अपनी पत्नी के इलाज़ में मोटी रकम खर्च करनी पड़ सकती है।

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वृश्चिक राशि

सूर्य और राहु की युति वाले व्यक्ति के जीवन में पितृ दोष होता है। जिसका अर्थ है कि जातकों को पिछले जन्म में किए गए पापों के लिए दंडित किया जा सकता है। ऐसे जातक आसानी से धोखाधड़ी करने वाले और अन्य लोगों को धोखा देने की प्रवृत्ति रखते हैं। ऐसे जातकों का अपने पिता के साथ रिश्ता अनुकूल नहीं होता है। व्यक्ति के पिता का आगे का जीवन भी कठिन होने की आशंका रहती है और ऐसे जातकों के पिता कुछ चिकित्सकीय परेशानियां होती है। सिर्फ इतना ही नहीं खुद जातक को भी तमाम तरह की परेशानियां होती है।

ऐसे जातकों को लीवर और पेट से जुड़ी परेशानियां दिक्कत में डाल सकती हैं। जातकों को गैस्ट्रिक समस्या और हृदय से संबंधित समस्याएं उठानी पड़ सकती हैं। जीवन में कठिनाइयों के चलते व्यक्ति का मानसिक तनाव का स्तर बढ़ने की आशंका है। ऐसे जातक सट्टेबाजी से कमाई करने का विकल्प चुन सकते हैं। ऐसे जातकों को सरकार के साथ कर संबंधित मुद्दों के चलते परेशानियां उठाने की आशंका है। व्यक्ति का स्वभाव आक्रामक और गुस्सैल होने की भी आशंका रहती है। व्यक्ति दूसरों की राय आसानी से समझ भी नहीं पाता है।

धनु राशि 

ऐसे जातकों के घरेलू सुख में कमी देखने को मिलने की आशंका है। परिवार और सदस्यों के साथ आपके अक्सर झगड़ा होने वाले हैं। जातकों की माता को स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। धनु राशि के जातकों के अपने माता-पिता के साथ रिश्ते अनुकूल नहीं बनते हैं। पिता को परिवार में रहने में कठिनाइयां उठानी पड़ सकती हैं। मुमकिन है कि जातकों और उनके माता-पिता का अलगाव हो चुका हो। 

व्यक्ति स्वभाव से स्वार्थी और दुष्ट हो सकते हैं। ऐसे जातक धोखाधड़ी और दूसरों के साथ छल कपट करने में माहिर होते हैं। जातक अहंकारी होते हैं और स्वभाव में क्रोधी होते हैं। ऐसे व्यक्तियों का आत्मविश्वास बहुत ही कम होता है और वह हमेशा खुद को दूसरे लोगों के सामने अभिव्यक्त करने में सफल नहीं होते हैं। व्यक्ति को जीवन में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे जातकों का अपने बॉस और अधिकारियों के साथ रिश्ता काफी खराब होता है।

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के तीसरे घर में सूर्य और राहु की यह युति होने वाली है जो बिल्कुल भी अनुकूल संकेत नहीं दे रही है। यह संयोजन मकर राशि के जातकों को अपने जीवन में तमाम सफलताओं को प्राप्त करने से रोकने की वजह बनेगा। सूर्य ग्रहण के दौरान आप चीजों को पूरा करने में अपने प्रयासों में गिरावट भी महसूस कर सकते हैं। व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास की कमी और आंतरिक भय बढ़ने वाला है। आपको वरिष्ठों से भी परेशानी उठानी पड़ सकती है और आपके साथ उनके रिश्ते अनुकूल नहीं रहेंगे। इसके अलावा भाई बहनों के साथ भी रिश्ते कुछ खास अनुकूल नहीं रहने वाले हैं। आपको इस दौरान समझ की कमी अपने भाई बहनों के साथ उठानी पड़ सकती है। 

धनु राशि के जातकों के भाई बहनों का स्वास्थ्य भी इस दौरान कमजोर रहने वाला है। पिता के साथ भी रिश्ते पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है। मुमकिन है कि व्यक्ति अपने पिता से अलग हो चुके हैं। जातकों के माता-पिता का स्वास्थ्य परेशानी की वजह बनेगा। ऐसे जातक कठोर निर्णय लेने में असक्षम रहने वाले हैं। जातकों को धोखाधड़ी और छल कपट करने की लत लगने की आशंका है। ऐसे जातक जोड़-तोड़ करने वाले हो सकते हैं और आप अपने लाभ के लिए लोगों को गलत चीजों पर विश्वास करने के लिए भी प्रेरित कर सकते हैं। इस दौरान आपका स्वभाव काफी स्वार्थी नजर आने वाला है।

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए सूर्य और राहु का यह संयोजन आपके दूसरे भाव में होने जा रहा है। दूसरा भाव धन, प्रवचन और परिवार से संबंधित माना जाता है। राहु आम तौर पर इच्छाओं और प्रतिबद्धताओं को बढ़ाने वाला साबित होगा जबकि सूर्य आत्म अभिव्यक्ति और अधिकार को संबोधित करता है। यह युति आपके जीवन में वित्तीय कठिनाइयों की वजह बनेगी क्योंकि राहु धोखे देने के लिए आपको प्रेरित कर सकता है और सूर्य आंतरिक आत्म संघर्ष आपके जीवन में ला सकता है। 

इस राशि के जातकों को परिसंपत्तियों की चतुराई से देखरेख करने में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि आप जल्दबाजी में कोई वित्तीय फैसले लेकर अपने आपको इन परेशानियों में फँसाने की क्षमता इस अवधि में रखने वाले हैं। गलत बयान बाजी या दोहरे व्यवहार की प्रवृत्ति के चलते भी आपके जीवन में प्रतिकूल परिणाम पड़ने की संभावना है। जातकों को व्यक्तिगत गुणों को समायोजित करने के लिए परेशानियां उठानी पड़ेगी और व्यवहार के अहंकारी तरीकों के चलते परिवार के अंदर तनाव बढ़ने की भी आशंका है।

मीन राशि

मीन राशि के जातक इस अवधि में स्वार्थी और गुस्सैल हो सकते हैं। व्यक्ति दूसरों पर अपना गुस्सा दिखाने वाले साबित होंगे और आपको अपनी गलतियों के लिए दंडित भी किया जाएगा। ऐसे जातक भरोसेमंद नहीं होंगे। जातक दिल से कुटिल नजर आ सकते हैं और लोगों के साथ धोखाधड़ी की प्रवृत्ति रख सकते हैं। जातकों में काम के प्रति धैर्य की कमी देखने को मिलेगी। व्यक्ति को अपने जीवन में कई तरह की बाधाओं और संघर्षों का सामना करना पड़ेगा। 

जातकों और उनके पिता एक दूसरे के प्रति अनुकूल व्यवहार नहीं रखेंगे मुमकिन है कि आप अपने पिता से अलग हो चुके हों या ऐसा भी हो सकता है कि पिता में अब लंबी जिंदगी जीने की शक्ति बची ही ना हो। आपके अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट देखने को मिलेगी जिसके चलते आपका स्वास्थ्य कमजोर रहने वाला है। ऐसे जातक बार-बार बीमार पड़ेंगे और बुखार या फिर पेट की समस्याओं से पीड़ित नजर आएंगे। व्यक्ति को दृष्टि संबंधित परेशानियां भी होने की आशंका है। आपको हड्डियों और मुंह से जुड़ी परेशानी भी इस दौरान हो सकती है।

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