धनु संक्रांति 2025: 17 दिसंबर तक करें शुभ कार्य, फिर लगेगी एक माह की रोक!

धनु संक्रांति 2025: 17 दिसंबर तक करें शुभ कार्य, फिर लगेगी एक माह की रोक!

धनु संक्रांति 2025: सनातन धर्म में संक्रांति तिथि को अत्यंत पवित्र माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार, जब सूर्य एक राशि से निकलकर अगली राशि में प्रवेश करते है, तो इस खगोलीय परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है। वर्ष भर में कुल 12 संक्रांतियां होती हैं और हर संक्रांति अपने साथ विशेष फल, नियम और धार्मिक मान्यताएं लेकर आती है। इन्हीं में से एक है धनु संक्रांति, जिसका हिंदू समाज और धार्मिक आस्थाओं में अलग ही महत्व है।

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इस दिन सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं और इसी क्षण से मलमास आरंभ हो जाता है। इस पूरे एक महीने की अवधि में विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। धनु संक्रांति के दिन श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, दान-पुण्य करते हैं और सूर्यदेव की आराधना से स्वास्थ्य, तेज और आरोग्य की कामना करते हैं।

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन किा गया जप-तप और दान कई गुना फल देता है। आइए अब विस्तार से जानते हैं धनु संक्रांति 2025 की तिथि, पूजा विधि, महत्व और क्या करें क्या न करें के बारे में।

धनु संक्रांति 2025: तिथि व समय

सूर्य महाराज 17 दिसंबर 2025 की सुबह 04 बजकर 06 मिनट पर धनु राशि में गोचर करने जा रहे हैं। वैदिक ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है। यह एक शक्तिशाल, तेजस्वी और पुरुषत्व से भरपूर ग्रह है। सूर्य हर महीने एक राशि बदलता है, जिससे ऊर्जा और प्रभावों में महत्वपूर्ण परिवर्तन आते हैं।

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धनु संक्रांति 2025 का महत्व

धनु संक्रांति हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण संक्रांतियों में से एक मानी जाती है। इस दिन सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं और इसी के साथ मलमास की शुरुआत होती है। धर्मशास्त्रों के अनुसार, मलमास को देवों का विश्राम काल कहा गया है, इसलिए इस पूरे महीने विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण और अन्य मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। इस संक्रांति का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और स्वास्थ्य संबंधी दृष्टि से भी बहुत बड़ा है। 

माना जाता है कि धनु संक्रांति पर सूर्यदेव की उपासना से व्यक्ति को तेज, आरोग्य, दीर्घायु और मानसिक शक्ति का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दीपदान, तिल का दान, गुड़ का दान और सूर्य को अर्घ्य देने से अनेक पापों का क्षय होता है और शुभ फल कई गुना बढ़ जाते हैं। धनु संक्रांति के दिन किया गया जप, तप और दान अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक फलदायी माना गया है। यह अवधि आध्यात्मिक साधना, सेवा, ध्यान और आत्मशुद्धि के लिए अत्यंत शुभ होती है।

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धनु संक्रांति 2025 में दान का महत्व

धनु संक्रांति वह पर्व है जब सूर्य देव वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करते हैं। हिंदू धर्म में सूर्य संक्रमण को अत्यंत पवित्र और शुभ माना गया है। इस दिन सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देना, तिल-गुड़ का दान करना और सूर्य मंत्रों का जाप करना बेहद फलदायी माना जाता है। माना जाता है कि धनु संक्रांति पर किया गया दान-पुण्य साधारण दिनों की तुलना में कई गुना अधिक फल देता है, इसलिए लोग अन्न, वस्त्र, कंबल और तिल आदि का दान करते हैं। 

धनु संक्रांति 2025 में पूजा का महत्व

आध्यात्मिक दृष्टि से भी यह दिन अत्यंत ऊर्जा देने वाला माना गया है। धनु एक अग्नि तत्व वाली राशि है, इसलिए सूर्य के इसमें प्रवेश करने से व्यक्ति के अंदर साहस, आत्मविश्वास और सकारात्मकता का संचार होता है। इसके अलावा स्वास्थ्य, मानसिक बल और निर्णय क्षमता मजबूत होती है। जो लोग सूर्य दोष, आत्मविश्वास की कमी या स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हों, वे इस दिन विशेष पूजा और उपाय करके लाभ पा सकते हैं। 

तर्पण का महत्व

धनु संक्रांति को पितरों की शांति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भी उत्तम दिन माना गया है। इस दिन पितृ तर्पण करने से पितरों की कृपा बढ़ती है और घर-परिवार में शांति का वातावरण बनता है। पारिवारिक संबंधों में सामंजस्य, दांपत्य जीवन में संतुलन और जीवन में स्थिरता लाने वाला यह समय अत्यंत शुभ माना जाता है। आध्यात्मिक साधना, ध्यान और सूर्य नमस्कार जैसे अभ्यास इस दिन मन और शरीर को संतुलित करते हैं और व्यक्ति को उज्जवल मार्ग की ओर प्रेरित करते हैं।

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धनु संक्रांति 2025 की पूजा विधि

  • धनु संक्रांति के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके स्वच्छ और हल्के रंग के वस्त्र पहनें। 
  • घर के पूजा स्थान को साफ करके सूर्य देन की तस्वीर या प्रतिमा के सामने दीपक और धूप जलाएं
  • फिर तांबे के लोटे में स्वच्छ जल, लाल, तिल और थोड़ी सी गुड़ डालकर पूर्व दिशा की ओर खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। 
  • जल अर्पित करते समय “ॐ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ माना गया है।
  • इसके बाद सूर्य देव की आरती करें, उन्हें तिल-गुड़ का नैवेद्य चढ़ाएं और परिवार की सुख-समृद्धि एवं स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें। 
  • इस दिन तिल, गुड़, कंबल, अन्न, फल और वस्त्र का दान बहुत पुण्यकारी माना जाता है, इसलिए अपनी क्षमता अनुसार अवश्य दान करें। 
  • दोपहर में संभव हो तो सात्विक भोजन करें और व्रत रखने वाले लोग फलाहार ग्रहण करें। 
  • शाम के समय फिर से दीपक जलाकर सूर्य मंत्र का संक्षिप्त जाप करें और सूर्य देव से जीवन में ऊर्जा, सफलता और बाधाओं के निवारण की कामना करें।

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धनु संक्रांति 2025 में इन चीज़ों का करें दान

धनु संक्रांति के शुभ अवसर पर दान को बेहद पवित्र और पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन किए गए दान से दोष कम होते हैं, भाग्य मजबूत होता है और घर-परिवार में सुख-शांति आती है। यहां वे चीज़ें हैं, जो धनु संक्रांति पर दान करना सबसे शुभ माना गया है।

  • तिल (काला तिल/ सफेद तिल) का दान करें। ऐसा करने से पापों का क्षय होता है शनि दोष कम होते हैं और स्वास्थ्य में सुधार आता है।
  • गुड़ का दान करें। ऐसा करने से सौभाग्य और धन-लक्ष्मी का आशीर्वाद रिश्तों में मिठास बढ़ती है।
  • कंबल व गर्म कपड़े ठंड में जरूरतमंदों तक गर्माहट पहुंचाना अत्यंत पुण्यकारी पुण्य कई गुना बढ़कर वापस आता है।
  • चावल का दान करें। चंद्र दोष शांत करता है और घर में शांति व मानसिक सुख बढ़ता है।
  • गेहूं का दान करें। ऐसा करने से जीवन में स्थिरता, नौकरी-व्यापार में मजबूती आती है।
  •  घी का दान करें। अग्नि तत्व को बल देता है घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
  • फल-सब्ज़ी का दान करें । ऐसा करने से सेहत, आयु और सुख-समृद्धि का योग बढ़ता है।
  • पीली वस्तुएं (हल्दी, पीला कपड़ा, बेसन) दान करें। ऐसा करने से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है। साथ ही, शिक्षा, विवाह और संतान योग में सुधार होता है।
  • भोजन दान करें, विशेष रूप से खिचड़ी। संक्रांति पर भोजन दान का सबसे बड़ा महत्व होता है और ग्रह दोष कम होते हैं। 

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धनु संक्रांति 2025 में भूलकर भी न करें ये काम

  • इस दिन शुद्धता का विशेष महत्व है। बिना स्नान किए दान-पुण्य का फल अधूरा माना जाता है।
  • लहसुन, प्याज, मांस, शराब जैसे तामसिक भोजन से बचें। यह दिन सात्विकता और पुण्य बढ़ाने का है।
  • किसी का अपमान या कटु वचन न बोलें, धनु संक्रांति पर किए गए शुभ या अशुोब कर्म कई गुना प्रभाव देते हैं। इसलिए वाणी और व्यवहार दोनों में संयम रखें।
  • खाली हाथ नदी या घाट पर न जाए। यदि आप तीर्थ या नदी स्नान हो रहा है तो बिना दान सामग्री या तिल गुड़ लिए न जाएं। 
  • इस दिन गुस्सा, विवाद और नकारात्मकता को दुर्भाग्यकारी माना जाता है।
  • धनु संक्रांति में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पूजा-स्नान का विशेष फल मिलता है। देर से उठना शुभ समय खो देता है। 
  • इस दिन अनावश्यक खर्च या दिखावटी ख़रीदारी शुभ नहीं मानी जाती।
  • इस दिन बड़ी उम्र के लोगों का सम्मान और आशीर्वाद विशेष रूप से फलदायी होता है।

धनु संक्रांति 2025 के दिन करें अचूक उपाय

तिल के तेल का दीपक जलाएं

धनु संक्रांति पर तिल के तेल का दीपक जलाने से पितृ दोष, नजर दोष और ग्रहबाधा दूर होती है। यह दीपक घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में लगाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

धनु संक्रांति 2025 पर सूर्य को जल अर्पित करें

एक तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, तिल और थोड़ा गुड़ मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। इससे धन लाभ, आत्मविश्वास, प्रतिष्ठा और सरकारी कार्यों में सफलता मिलती है।

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तिल-गुड़ का दान अवश्य करें

काला तिल, गुड़, कंबल, जूते या ऊनी कपड़े दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। यह उपाय ग्रहों की अशुभता कम करके अचानक होने वाले कष्टों से रक्षा करता है।

धनु संक्रांति 2025 पर गाय को गुड़-रोटी खिलाएं

पीली गाय को गुड़ या गुड़-रोटी खिलाने से बृहस्पति (गुरु ग्रह) मजबूत होता है। यह विवाह, संतान प्राप्ति, शिक्षा और भाग्य वृद्धि के लिए बहुत लाभकारी है।

धनु संक्रांति 2025 पर पीपल या तुलसी की पूजा करें

तुलसी पर दीपक जलाने और जल अर्पित करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है। पीपल के पेड़ के नीचे एक दीपक और कपूर जलाएं, इससे ग्रहदोष शांत होते हैं।

भगवान विष्णु और सूर्य की संयुक्त पूजा

ऊं नमो भगवते वासुदेवाय और ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का 11 या 108 बार जप करें। यह उपाय किस्मत की रुकावटें हटाता है और जीवन में स्थिरता लाता है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. धनु संक्रांति क्या है?

जब सूर्य देव वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करते हैं, उस दिन को धनु संक्रांति कहते हैं। यह दिन धार्मिक रूप से अत्यंत शुभ माना जाता है।

2. धनु संक्रांति 2025 पर क्या करना चाहिए?

इस दिन स्नान-दान, तिल-गुड़ का दान, सूर्य को जल अर्पण, दीपदान, तथा भगवान विष्णु-सूर्य की पूजा करना सबसे शुभ होता है।

3. धनु संक्रांति पर कौन-सा दान सबसे फलदायी है?

काला तिल, गुड़, कबल, ऊनी कपड़े, जूते, खिचड़ी और भोजन का दान अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।