धरतेरस 2025 का पर्व दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है और उसे बेहद ही शुभ और मंगलकारी दिन माना जाता है। इस दिन घर परिवार में लक्ष्मी और धन के आगमन की कामना के साथ खरीदारी करने की परंपरा है।

मान्यता है कि धनतेरस पर खरीदी गई वस्तुएं केवल सामान नहीं होती, बल्कि वे सुख, शांति, समृद्धि और दीर्घायु का आशीर्वाद भी लेकर आती है यही कारण है कि इस दिन बाजारों में रौनक छा जाती है।
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धार्मिक मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज और धन के देवता कुबेर की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा करने से घर में स्वास्थ्य, ऐश्वर्य और धन का वास होता है। साथ ही, इस दिन लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए दीपदान और खास चीज़ों की खरीदारी का विधान है। यही वजह है कि लोग इस दिन नए सामान को शुभ मानते हैं और सोचते हैं कि यह उनके जीवन में समृद्धि का मार्ग खोलेगा।
हालांकि, हर चीज़ धनतेरस पर खरीदना लाभकारी नहीं माना जाता। शास्त्रों और परंपराओं में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि इस दिन किन वस्तुओं की खरीदारी घर के लिए शुभ फल देती है और किन्हें भूलकर भी नहीं खरीदना चाहिए। तो आइए इस विशेष ब्लॉग में जानते हैं धनतेरस पर किन चीजों की खरीदारी करनी चाहिए और किन्हें टालना ही बेहतर है, ताकि लक्ष्मी जी की कृपा से घर-परिवार में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहे।
धनतेरस 2025 में कब मनाया जाएगा
हिंदू पंचांग के अनुसार, बता दें कि साल 2025 में धनतेरस की तिथि की तो इस वर्ष 18 अक्टूबर, शनिवार के दिन धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा।
त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ: अक्टूबर 18, 2025 की दोपहर 12 बजकर 20 मिनट
त्रयोदशी तिथि समाप्त: अक्टूबर 19, 2025 की 01 बजकर 53 मिनट तक
धनतेरस 2025 मुहूर्त
धनतेरस मुहूर्त : 18 अक्टूबर की शाम 07 बजकर 31 मिनट से 08 बजकर 20 मिनट तक।
अवधि : 0 घंटे 49 मिनट
प्रदोष काल : शाम 05 बजकर 52 मिनट से 08 बजकर 20 मिनट तक
वृषभ काल : 07 बजकर 31 मिनट से 09 बजकर 31 मिनट तक
(जानकारी: अगर आप अपने शहर के अनुसार इस दिन का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो इस लिंक पर क्लिक करें। )
धनतेरस 2025 की पूजन विधि
- धनतेरस के दिन सुबह स्नान करके घर को अच्छे से साफ करें। दरवाजे पर तोरण और रंगोली बनाएं तथा दीप जलाएं।
- शाम के समय दक्षिण दिशा की ओर घर के बाहर यमदीप अवश्य जलाएं। मान्यता है कि इसे अकाल मृत्यु का भय टलता है।
- पूजन के लिए घर के मंदिर या साफ़ स्थान पर एक चौकी बिछाएं।
- चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर उस पर माँ लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और भगवान कुबेर की मूर्ति/चित्र स्थापित करें।
- दीपक, धूप, रोली, चावल, फूल मिठाई, जल, पंचामृत, धातु या चांदी के सिक्के, नए बर्तन और तुलसी पत्ते पूजा में रखें।
- पहले भगवान गणेश का पूजन करें। इसके बाद भगवान धन्वंतरी, कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
- नए खरीदे गए बर्तन या सामान को भी पूजन स्थल पर रखें और रोली, अक्षत और पुष्प अर्पित करके उसका पूजन करें।
- पूजा के समय ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः, ॐ श्री धन्वंतरये नमः, ॐ कुबेराय नमः मंत्रों का जाप करें।
- प्रसाद सभी को बांटें और अंत में परिवार सहित लक्ष्मी जी और कुबेर जी की आरती करें।
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धनतेरस 2025 के दिन भूल से भी ना करें ये गलती
धनतेरस का त्योहार सिर्फ धन की प्राप्ति ही नहीं, बल्कि घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने वाला दिन माना जाता है। इस दिन जहां एक और लोग मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं, वहीं खरीदारी को भी बेहद शुभ माना जाता है। लेकिन कुछ गलतियां अगर इस दिन कर दी जाएं, तो लक्ष्मी कृपा के बजाय घर में दरिद्रता और कंगाली का वास हो सकता है।
- लोहे का सामान न खरीदें। इस दिन लोहे की वस्तु खरीदना अशुभ माना जाता है।
- तेल, झाड़ू और काले कपड़े से परहेज करें, मान्यता है कि ये चीज़ें नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं।
- पुराने बर्तनों का उपयोग न करें। पूजा में हमेशा नए व साफ-सुथरे बर्तनों का प्रयोग करें।
- शाम के पूजन में देरी न करें। लक्ष्मी पूजन संध्या काल में ही करना चाहिए। देर से पूजन करने पर फल कम मिलता है।
- अशुद्ध होकर पूजा न करें। स्नान, स्वच्छ वस्त्र और साफ स्थान पर ही पूजा करना जरूरी है।
- घर अंधकारमय न रखें। घर के हर कोने में दीपक जलाना शुभ होता है, अंधेरा नकारात्मकता लाता है।
धनतेरस 2025 के दिन जरूर खरीदें ये सामान
धनतेरस, दीपावली महापर्व की शुरुआत का दिन है। इस दिन को धन और तेरस यानी धन की देवी मां लक्ष्मी और धन्वंतरि देव की आराधना के लिए सबसे शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई चीज़ें घर में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का द्वार खोलती हैं।
सोने-चांदी : आभूषण या सिक्का खरीदना लक्ष्मी कृपा का प्रतीक माना जाता है।
बर्तन : नए बर्तन खरीदकर उनमें मिठाई या धान-दाल डालकर घर लाना शुभ होता है।
धनिया के बीज: धनतेरस की पूजा में धनिया के बीच अवश्य खरीदें, ये धन और समृद्धि का संकेत हैं।
झाड़ू: यह घर से नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता दूर करने का प्रतीक है।
गोमती चक्र व शंख: लक्ष्मी कृपा और घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए खरीदा जाता है।
दीपक व पूजा सामग्री: नए दीपक व पूजा की वस्तुएं घर में सुख-शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा लाती है।
इलेक्ट्रॉनिक व कीमती सामान: इस दिन नई गाड़ी, मोबाइल, घर या प्रॉपर्टी खरीदना भी बेहद शुभ माना गया है।
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क्यों मनाया जाता है धनतेरस 2025 का त्योहार
धनतेरस 2025 का पर्व दीपावली महोत्सव की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। यह दिन कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है और इसका धार्मिक व आध्यात्मिक महत्व बहुत गहरा है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद और चिकित्सा शास्त्र का जनक माना जाता है, इसलिए इस दिन को धन्वंतरि त्रयोदशी भी कहा जाता है। लोग इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं और अच्छे स्वास्थ्य व लंबी आयु की कामना करते हैं।
धनतेरस का संबंध माता लक्ष्मी से भी है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी घर-घर भ्रमण करती हैं और जहां स्वच्छता, पवित्रता व भक्ति होती है वहां स्थायी रूप से निवास करती है। इसी कारण इस दिन सोना, चांदी नए बर्तन, झाड़ू या अन्य शुभ वस्तुएं खरीदने की परंपरा है।
यह खरीदारी घर में समृद्धि और सौभाग्य लाने वाली मानी जाती है। साथ ही, यह विश्वास भी है कि धनतेरस को खरीदी गई वस्तुएं पूरे साल घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता बनाए रखती हैं। धनतेरस के दिन एक और खास परंपरा है दीपदान। कथा के अनुसार, इस दिन यमराज के नाम से दीप जलाने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और परिवार पर कोई संकट नहीं आता। लोग अपने घर के बाहर दक्षिण दिशा में दीपक जलाकर यमराज की आराधना करते हैं और अपने प्रियजनों के दीर्घायु होने की प्रार्थना करते हैं।
इस प्रकार, धनतेरस केवल धन प्राप्ति का ही नहीं बल्कि सेहत, सौभाग्य और दीर्घायु का भी पर्व है। यही कारण है कि यह दिन पूरे वर्ष भर के लिए शुभ शुरुआत का प्रतीक माना जाता है और हर कोई इसे बड़े उत्साह और श्रद्धा से मनाता है।
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धनतेरस 2025 के दिन जरूर करें ये अचूक टोटके
- इस दिन सोना, चांदी या तांबे का सिक्का खरीद कर पूजा घर में रखें। इसे माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और यह घर में स्थायी सुख-समृद्धि लाता है।
- मान्यता है कि धनतेरस पर झाड़ू खरीदकर घर में लाने से दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इसे लक्ष्मी का प्रिय माना जाता है।
- इस दिन यमराज को प्रसन्न करने और अकाल मृत्यु के भय को दूर करने के लिए घनतेरस की रात घर के बाहर दक्षिण दिशा में दीपक जलाएं। यह टोटका घर में शांति और सुरक्षा लाता है।
- धनतेरस पर मां लक्ष्मी को गुलाब के फूल अर्पित करके चांदी का सिक्का रखें। मान्यता है कि इससे कभी पैसों की कमी नहीं होती और व्यापार में तरक्की होती है।
- पूजा के समय धान और कौड़ी को लक्ष्मीजी के चरणों में रखें और दीपावली के दिन तिजोरी या अलमारी में रखें। यह धन की वृद्धि और लक्ष्मी का स्थायी वास कराता है।
- धनतेरस की शाम तुलसी के पास दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि आती है।
- इस दिन सात प्रकार के अनाज गरीबों को दान करने से घर में कभी अन्न और धन की कमी नहीं होती है।
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धनतेरस 2025 के दिन राशि अनुसार करें उपाय
| राशि | उपाय |
| मेष राशि | तांबे का सिक्का या तांबे का पात्र खरीदें और पूजा घर में रखें |
| वृषभ राशि | चांदी का सिक्का या चांदी के बर्तन खरीदें और मां लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें। |
| मिथुन राशि | हरा वस्त्र या हरी मूंग खरीदकर दान करें। |
| कर्क राशि | चांदी का गिलास खरीदें और उसमें गंगाजल भरकर पूजा स्थान पर रखें। |
| सिंह राशि | सोना, पीतल या पीली धातु का सामान खरीदें। |
| कन्या राशि | सात प्रकार के अनाज खरीदकर घर में रखें और फिर दान करें। |
| तुला राशि | सफेद वस्त्र, शंख या चांदी के आभूषण खरीदना शुभ है। |
| वृश्चिक राशि | लाल वस्त्र, अनार या तांबे का दीपक खरीदें और उसमें सरसों का तेल डालकर जलाएं। |
| धनु राशि | पीला कपड़ा, पीतल का बर्तन या हल्दी खरीदें। |
| मकर राशि | लौह धातु (लोहे) की कोई वस्तु खरीदें और पूजा करें। |
| कुंभ राशि | काले तिल या काली उड़द खरीदें और दान करें। |
| मीन राशि | चांदी का सिक्का या पीतल का पात्र खरीदें और उसमें जल भरकर रखें। |
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
धनतेरस कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन से दिवाली उत्सव की शुरुआत होती है।
इस दिन सोना-चांदी, बर्तन, झाड़ू, धातु के सिक्के, धन्वंतरि प्रतिमा, दीपक और झाड़ू खरीदना बेहद शुभ माना जाता है।
हां, झाड़ू लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती है। इसे खरीदने और बदलने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।