धन, संपदा और संपत्ति की वृद्धि का त्योहार धनतेरस हिंदू धर्म के लोगों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन लोग अपने जीवन में धन और समृद्धि की वृद्धि के लिए मां लक्ष्मी, धन्वंतरि जी और भगवान कुबेर की पूजा करते हैं। धनतेरस के इस पावन त्योहार से ही दिवाली की शुरुआत मानी जाती है। दरअसल दिवाली का त्योहार पांच दिवसीय त्यौहार होता है जिसका पहला दिन धनतेरस को समर्पित है।
आज के हमारे इस खास और विशेष ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे वर्ष 2024 में धनतेरस किस दिन मनाया जाएगा, इस दिन का शुभ मुहूर्त, महत्व क्या है, साथ ही जानेंगे इस दिन से जुड़े नियम और विधि के बारे में और क्योंकि धनतेरस के दिन खरीदारी का अधिक महत्व बताया गया है ऐसे में जानेंगे इस दिन खरीदारी का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है और आप इस दौरान क्या कुछ चीजों की खरीद कर सकते हैं।
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तो चलिए बिना देरी किए शुरू करते हैं हमारा यह खास ब्लॉग और सबसे पहले जान लेते हैं 2024 में धनतेरस कब मनाया जाएगा।
धनतेरस 2024- तिथि और शुभ मुहूर्त
प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है। बहुत सी जगहों पर इसे धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जानते हैं। बात करें इस वर्ष धनतेरस कब मनाया जाएगा तो, 29 अक्टूबर 2024 मंगलवार के दिन धनतेरस का त्योहार पड़ रहा है। इस दिन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो वह कुछ इस प्रकार है:
धनतेरस मुहूर्त :18:33:13 से 20:12:47 तक
अवधि :1 घंटे 39 मिनट
प्रदोष काल :17:37:59 से 20:12:47 तक
वृषभ काल :18:33:13 से 20:29:06 तक
नोट: हालांकि ऊपर दिया गया मुहूर्त नई दिल्ली के लिए मान्य है। अगर आप अपने शहर के अनुसार इस दिन का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें।
धनतेरस के त्यौहार के बारे में ऐसी मान्यता है कि, इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक धनवंतरी देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। यही वजह है कि धनतेरस को धन्वंतरि जयंती भी कहते हैं और क्योंकि जब वह प्रकट हुए तो उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था इसीलिए इस दिन बर्तन खरीदने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है।
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धनतेरस का महत्व
बात करें धनतेरस के महत्व की तो कहा जाता है कि, धनतेरस के दिन धन संपदा की देवी मां लक्ष्मी की अगर पूजा अर्चना कोई व्यक्ति करें तो उनके घर परिवार में हमेशा धन, वैभव, सुख, समृद्धि का वास बना रहता है। इसके अलावा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार धनतेरस पर पूजा करने से कभी भी धन का भंडार खाली नहीं होता है और आजीवन धन संपदा में वृद्धि होती रहती है।
मां लक्ष्मी के साथ-साथ धनतेरस पर देवता कुबेर की भी पूजा का विधान बताया गया है। कहते हैं धनतेरस तिथि पर आभूषण, चांदी का सिक्का, नए बर्तन, नए कपड़े, वस्तुओं की खरीद की जाए तो इससे मां लक्ष्मी के साथ-साथ कुबेर देवता भी प्रसन्न होते हैं।
धनतेरस से जुड़ी पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहते हैं कि धनत्रयोदशी तिथि पर अगर किसी भी प्रकार की धातु की खरीद की जाए तो यह सौभाग्य लेकर आती है। ऐसे में बहुत से लोग इस दिन नए कपड़े खरीदते हैं, घर दफ्तर और कार्यालय की साफ सफाई करते हैं, रंग बिरंगी लाईट खरीदते हैं, रंगोलिया बनाते हैं, दिया जलाते हैं और मां लक्ष्मी के पैरों के चिन्ह से घर को सजाते हैं।
इसके अलावा जैसा कि हमने पहले भी बताया कि धनतेरस को धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन समुद्र मंथन से धनवंतरी देव कलश लेकर प्रकट हुए थे इसीलिए इस दिन बर्तन खरीदने की भी परंपरा है। पीतल को भगवान धन्वंतरि की प्रिय धातु मान गया है। ऐसे में अगर धनतेरस के दिन कोई व्यक्ति पीतल की धातु या पीतल के बर्तन आदि खरीदता है तो उनके घर परिवार में आरोग्यता और सौभाग्य बना रहता है।
क्या यह जानते हैं आप? हिंदू धर्म के साथ-साथ जैन धर्म में भी धनतेरस का पर्व बेहद खास माना गया है। धनतेरस को धनत्रयोदशी और धन्य तेरस भी कहते हैं। इस तिथि पर भगवान महावीर तीसरे और चौथे ध्यान में जाने के लिए योग निरोध के लिए चले गए थे। तीन दिन के बाद योग निरोध करते हुए दिवाली के दिन भगवान महावीर को निर्वाण की प्राप्ति हुई थी। ऐसे में उसी समय से ही धनतेरस का दिन धन्य तेरस के नाम से जाना जाने लगा।
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धनतेरस के नियम और विधि
धनतेरस पर धनवंतरी देव की षोडशोपचार पूजा का विधान बताया गया है (षोडशोपचार यानी 16 क्रियाओं से पूजा संपन्न करना)। धनतेरस पर पीतल और चांदी के बर्तन खरीदने की परंपरा है। ऐसा करने से धन समृद्धि जीवन में बढ़ती है। इस दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार और आंगन में दिये जलाए जाते हैं क्योंकि ऐसा करने से मां लक्ष्मी की प्रसन्नता हासिल होती है। साथ ही क्योंकि धनतेरस से ही दीपावली के त्यौहार की शुरुआत होती है इसलिए इस दिन दिये जलाने का इस दिन विशेष महत्व होता है। धनतेरस के दिन शाम के समय यमदेव के सामने भी दीपदान किया जाता है। ऐसा करने से जीवन में अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
धनतेरस के दिन पूजा विधि की बात करें तो,
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद मंदिर की साफ-सफाई करें।
- अपने घर को दीपक और फूलों से सजाएँ।
- कोशिश करें कि दिवाली की साफ सफाई आप धनतेरस से पहले ही निपट लें क्योंकि धनतेरस के साथ ही दिवाली का त्योहार शुरू हो जाता है।
- शाम के समय शुभ मुहूर्त में घर के मंदिर में एक चौकी लगाएँ, उस पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाएँ, चौकी पर भगवान गणेश, मां लक्ष्मी, कुबेर जी और भगवान धन्वंतरि की तस्वीर या फिर मूर्ति की स्थापना करें।
- देवी देवताओं के समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं, कुमकुम और चंदन से इनका तिलक करें।
- इसके अलावा अपनी यथाशक्ति के अनुसार उन्हें फल, फूल, मिठाई आदि चीजों का भोग लगाएँ।
- इसके बाद पूजा करें।
- अंत में सभी देवी देवताओं की आरती करें और पूजा में शामिल सभी लोगों को प्रसाद अवश्य बांटें।
इस दिन का पूजा मंत्र:
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्यपदये
धना-धनाय समुद्भूतं मे देहि दापय स्वाहा
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ओम श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
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धनतेरस पर खरीददारी का शुभ मुहूर्त
धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 31 मिनट से अगले दिन की सुबह 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा और इस दिन का दूसरा मुहूर्त सुबह 11 बजकर 42 मिनट से लेकर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। इस दौरान खरीदी गई वस्तुओं से आपके धन-समृद्धि में तीन गुणा वृद्धि होगी।
धनतेरस पर क्या खरीदें- क्या ना खरीदें
धनतेरस पर क्या खरीदें क्या ना खरीदें की बात करें तो,
- धनतेरस पर आप अपनी यथाशक्ति के अनुसार सोना, चांदी, पीतल खरीद सकते हैं। इसे बेहद ही शुभ माना जाता है।
- धनतेरस पर धनिया और झाड़ू खरीदना बेहद शुभ होता है।
- क्या ना खरीदें की बात करें तो इस दिन कोई भी काले या गहरे रंग की वस्तु खरीदने से बचें।
- चीनी मिट्टी के बर्तन ना खरीदें।
- कांच की चीज, अल्युमिनियम की चीज या फिर लोहे से बनी हुई चीजों को खरीदने से बचें।
- धनतेरस के दिन आप चाहे तो लैपटॉप, फोन, टीवी, रेफ्रिजरेटर भी खरीद सकते हैं। इसे बेहद शुभ माना जाता है। इसके अलावा आप धनतेरस के दिन कुछ खरीदे या ना खरीदें इस बात का ध्यान रखें कि आप एक झाड़ू खरीद के घर में अवश्य ले आयें क्योंकि झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक कहा जाता है।
इस दिन कर लिया ये काम तो 13 गुना बढ़ेगी सुख-संपत्ति
मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि जब देवता और असुर समुद्र मंथन कर रहे थे तो भगवान धन्वंतरि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे इसीलिए धनतेरस के दिन आरोग्य के देवता धन्वंतरि जी की भी पूजा का विधान बताया गया है। इसके अलावा इस दिन सोना, चांदी, नया घर, वाहन जैसी चीज़ें खरीदना शुभ भी माना जाता है।
मान्यता के अनुसार कहते हैं कि धनतेरस के दिन जो भी चीज खरीदी जाए वह समृद्धि को कई गुना या यूं कहिए 13 गुना बढ़ा देती है। ऐसे में आप अपने जीवन में सुख समृद्धि के साथ धन संपदा की वृद्धि करने के लिए यथाशक्ति के अनुसार वाहन, वस्त्र, गहने या तांबे पीतल के बर्तन अवश्य खरीदें। इससे घर में धन्य धन हमेशा बढ़ेगा। इसके अलावा आप अगर धनतेरस के दिन दीपदान करते हैं तो इससे जीवन से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।
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धनतेरस से जुड़ी पौराणिक कथा
धनतेरस से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं। इनमें से एक भगवान धन्वंतरि से जुड़ी है जो इस प्रकार है: कहते हैं भगवान धन्वंतरि जगत के पालनहार भगवान विष्णु के अवतार हैं। भगवान धन्वंतरि ने आयुर्वेद की शुरुआत की थी। हालांकि द्वापर युग में काशीराज धन्व की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान धन्वंतरि ने पुत्र रूप में उनके घर में जन्म लिया था। भगवान विष्णु ने धन्वंतरि जी को समुद्र मंथन के समय वरदान दिया था कि द्वापर युग में जन्म लेने के बाद आपको ईश्वरत्व प्राप्त होगा। ऐसे में द्वापर युग में भगवान धन्वंतरि के जन्म के बाद उन्हें देवत्व प्राप्त हुआ। भगवान धन्वंतरि को देवताओं के चिकित्सक कहा जाता है।
धनतेरस से जुड़ी मां लक्ष्मी की कहानी के मुताबिक कहा जाता है कि, एक बार भगवान विष्णु पृथ्वी पर आए और मां लक्ष्मी भी उनके साथ चलने लगी। भगवान विष्णु ने कहा कि अगर आप मेरा कहना माने तो आप मेरे साथ चल सकती हैं। भगवान विष्णु ने दक्षिण दिशा की ओर जाने की इच्छा जताई और मां लक्ष्मी को वहीं बिठा दिया। मां लक्ष्मी लेकिन चुपके से उनके पीछे ही चल पड़ी।
एक जगह पहुंचकर उन्होंने एक किसान के खेत से फूल लेकर श्रृंगार किया और गन्ने का रस पिया। भगवान विष्णु ने लक्ष्मी जी को देखा तो क्रोधित होकर उन्हें श्राप दिया कि वह इस किसान की 12 साल तक सेवा करेंगी। 12 वर्षों बाद जब भगवान विष्णु मां लक्ष्मी जी को लेने आए तो किसान ने उन्हें जान देने से मना कर दिया।
मां लक्ष्मी ने किसान से कहा कि तेरस के दिन घर की साफ सफाई करके रात में घी का दीपक जलाना और तांबे के कलश में रुपए और पैसे भरकर पूजा करना ऐसा। करने पर मां लक्ष्मी साल भर उस किसान के घर में रही। इसके बाद से धनतेरस का त्यौहार मनाया जाने लगा।
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धनतेरस के ज्योतिषीय उपाय
धनतेरस का दिन शुभ समृद्धि में वृद्धि के लिए बेहद ही शुभ माना जाता है। ऐसे में कहते हैं कि अगर इस दिन कुछ अचूक उपाय कर लिए जाए तो इससे और भी अधिक मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। साथ ही जीवन में धन संपदा और बरकत हमेशा बनी रहती है। क्या कुछ हैं ये उपाय चलिए जान लेते हैं।
- धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की विधिवत पूजा करें। इसके बाद 21 अक्षत ले लें। इसमें चावल के दाने टूटे ना हुए हों इस बात का विशेष ध्यान रखें। पूजा के बाद इसे एक लाल रंग के साफ वस्त्र में बांध लें और अपनी पैसे रखने वाली जगह पर इसे रख दें। ऐसा करने से जीवन से पैसों की तंगी दूर होने लगती है।
- धनतेरस को रात के समय तेरह दीपक जलाएं। इसे बेहद ही शुभ माना जाता है। इसके लिए तेरह साफ दीपक लेकर उसमें घी की बाती लगा लें और इन सब में एक-एक कौड़िया डाल दें। इसके बाद अपने घर के आंगन में इन दीयों को रख दें। आधी रात को इन 13 कौड़ियों को उठाकर घर के किसी कोने में गाड़ दें। ऐसा करने से धन संबंधित समस्याएं आपके जीवन से खत्म हो जाएंगी साथ ही व्यवसाय में भी आपको सफलता मिलेगी।
- धनतेरस के दिन कुबेर भगवान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही मां लक्ष्मी को एक जोड़ा लौंग अवश्य चढ़ाएं। ऐसा रोजाना करें। ऐसा करने से भी आर्थिक परेशानियां दूर होगी।
- धनतेरस के दिन पांच गोमती चक्र ले लें। इसमें केसर और चंदन से महालक्ष्मी का नाम लिखें। इसके बाद लक्ष्मी मां की विधिवत पूजा करें। पूजा के बाद आप इन गोमती चक्र को लाल साफ कपड़े में बांधकर अपने धन रखने वाली जगह पर रख दें। ऐसा करने से आपके जीवन में धन की वर्षा होने लगेगी।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
वर्ष 2024 में धनतेरस भारत और अन्य देशों में 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
धनतेरस पर सोना, चांदी, पीतल खरीदना बेहद शुभ माना गया है। इसके अलावा धनिया और झाड़ू खरीदना भी बहुत शुभ होता है। आप चाहें तो इस दिन टीवी, फोन, लैपटॉप आदि भी खरीद सकते हैं।
धनतेरस के दिन कोई भी नुकीली वस्तु, कांच की वस्तु, प्लास्टिक की वस्तु, चीनी मिट्टी के समान ना खरीदें।
धनतेरस भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के दिन के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है दिवाली से दो दिन पहले समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसके चलते धनतेरस को धन्वंतरि जयंती भी कहते हैं।
धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने के पीछे जुड़ी मान्यता के अनुसार कहते हैं कि इससे घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है, नकारात्मकता दूर होती है और मां लक्ष्मी की प्रसन्नता हासिल होती है।
धनतेरस के दिन हमेशा विषम संख्या में ही झाड़ू खरीदने शुभ मानी जाती है। अर्थात आप 1, 3 या फिर पांच झाड़ू इस दिन खरीद के घर ला सकते हैं।
लाल, गुलाबी या हरे रंग के वस्त्र धनतेरस के दिन बेहद शुभ माने गए हैं।