वो मंदिर जहां भक्तों को इस अनोखे काम के बदले मिलता है कानूनी मामलों से छुटकारा

भारत में लाखों-करोड़ों मंदिर हैं। इन मंदिरों में कई ऐसे मंदिर हैं जो अपने चमत्कारों की वजह से जाने जाते हैं तो कई ऐसे भी मंदिर हैं जो अपनी अनोखी परंपरा के लिए जाने जाते हैं। भारत में ऐसे भी मंदिर हैं जहां माता भगवती को झाड़ू चढ़ाया जाता है तो कहीं चप्पल अर्पित करने की परंपरा है, तो कहीं भक्त माता को शराब या चॉकलेट अर्पित करते हैं। ऐसा ही एक अनोखा मंदिर भारत के राजस्थान राज्य में है जहां माता रानी को हथकड़ी और बेड़ियाँ चढ़ाने की परंपरा है। राजस्थान में कहाँ है ये मंदिर और क्या है इस मंदिर की अनोखी परंपरा के पीछे कहानी, आज के इस लेख में आपको इसी बात की जानकारी मिलने वाली है।

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दिवाक मंदिर

राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के जोलार ग्राम पंचायत में स्थित है माता भगवती का यह अनोखा मंदिर जिसे भक्त दिवाक मंदिर के नाम से जानते हैं। इस मंदिर में इस परंपरा की कैसे शुरुआत हुई इसकी जानकारी स्थानीय लोग देते हैं। वे बताते हैं कि पहले इस इलाके पर डाकुओं का प्रभाव हुआ करता था। अभी जिस जगह मंदिर है वहाँ आसपास काफी घना जंगल हुआ करता था। पुलिस से बचने के लिए इस जंगल का इस्तेमाल डाकू करते थे। इस दौरान ये डाकू जब भी डाका डालने जाते थे तो माता के इस मंदिर में माथा टेकते थे और माता रानी से यह मन्नत मांगते थे कि यदि उनका डाका सफल रहा या फिर पुलिस ने उन्हें नहीं पकड़ा या फिर पुलिस ने पकड़ भी लिया और वे जेल से भाग निकले तो माता रानी को हथकड़ी अर्पित करेंगे।

कहते हैं कि माता रानी उन डाकुओं की मन्नतों को मानती गईं और इस तरह मंदिर में हथकड़ी और बेड़ियों को चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गयी। 

कानूनी झमेलों से छुटकारा दिलाता है दिवाक मंदिर

इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि ऐसा कोई भी भक्त जो किसी कानूनी झमेले में फंसा हुआ हो और इस मंदिर में आकर माता से मन्नत मांगे तो उसे कानूनी झमेलों से छुटकारा मिल जाता है। बदले में उसे माता रानी को हथकड़ी या बेड़ियाँ अर्पित करनी होती है। कहते हैं कि इस मंदिर में मन्नत मांगने वाला कोई भी भक्त आजतक कभी भी निराश नहीं लौटा है। मंदिर के प्रांगण में एक 200 साल पुराना त्रिशूल मौजूद है। भक्त मन्नत पूरी हो जाने के बाद इसी त्रिशूल पर हथकड़ी या फिर बेड़ियाँ अर्पित करते हैं। बताया जाता है कि इस त्रिशूल पर कुछ हथकड़ियाँ डेढ़ सौ साल से भी पुरानी हैं। ऐसे में आपको कभी इस तरफ आने का मौका मिले तो देवाक मंदिर के जरूर दर्शन करें। हालांकि इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आप कोरोना के सभी नियमों का ढंग से पालन कर रहे हैं।

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