कोविड की दूसरी लहर भारत के लिए कितनी मुश्किल साबित होगी? एक ज्योतिषीय आंकलन

कोविड की पहली लहर अभी भारत से पूरी तरह से गई भी नहीं थी कि दूसरी लहर एक बार फिर भारत में अपने पैर पसारने लगी है। यहाँ जानिए कि, भारत को कबतक कोविड का प्रकोप झेलना पड़ सकता है और अभी यह बीमारी भारत और हम आपके जीवन पर क्या कुछ प्रभाव डालने वाली है।  भारत चंद्रमा की महादशा से गुजर रहा है और अंतरा 17-05-2021 तक शनि का है। कोरोना की दूसरी लहर फिर से फैल रही है और जब राहु मंगल ग्रह से युत होने वाला था तभी मैंने पिछले महीने ही अपने एक लेख में संकेत दे दिया था कि, अभी कोरोना का संक्रमण और फैलेगा। मेरी भविष्यवाणी के अनुसार कोरोना भारत में एक बार फिर से सिर उठा रहा है और घातक रूप लेते जा रहा है।

राहु मुख्य ग्रह है जो कोरोना का प्रसार करता है और केतु दूसरा है | मेरे आंकलन के अनुसार राहु मंगल के साथ होने से उनकी विनाशकारी क्षमताओं में वृद्धि देखने को मिल सकती है।

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राहु अब भारत के लग्न से गोचर कर रहा है। 2021 में कोरोना कम से कम नहीं जा रहा है, यह इधर-उधर से आता रहेगा और मैंने यह भी कहा था कि, कोरोना कम से कम 2022 के मध्य तक ही नियंत्रण में आएगा उसके पहले नहीं |

ज्योतिष को हटा भी दें तो  लोग सरकार, मीडिया, सामाजिक प्रभावितों को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं और अब वे एक मजाक के रूप में कोरोना ले रहे हैं| यह कोरोना के लिए बहुत अच्छा है- सबसे अच्छी बात एक शैतान यह चाहता है कि लोग उसकी ओर ध्यान देना बंद कर दें और वह चुपचाप अपना काम करता रहे।

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राहु वर्ष 2021 में परिवर्तन नहीं करने जा रहा है और यह 12  अप्रैल 2022 को परिवर्तन करेगा, तब तक भारत कोरोना की इस समस्या से पीड़ित रहने वाला है, क्योंकि लोगों को स्वयं ही लोगों से नुकसान उठाना पड़ रहा है।। कोरोना  के बारे में राष्ट्रीय मानसिकता तब तक बदलने वाली नहीं है जब तक राहु भारत के लग्न से नहीं बदलता है।

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यदि कोई जागरूक नहीं होगा और मास्क नहीं पहनेगा तो वह न केवल कोरोना के जोखिम में होगा, बल्कि अपने परिवार के सदस्यों को भी संक्रमित करेगा।

  • सरकार द्वारा सुझाई गई सावधानियों के साथ-साथ एक सरल उपाय भी किया जा सकता है कि वे चींटियों को कुछ चीनी खिलाएं| 
  • आप चाहे लाल चींटी को खिलाएं या फिर काली चींटी को, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है| गीता प्रेस गोरखपुर की दुर्गा सप्तशती में देवी कवच ​​का पाठ करें।

बुध अगले अंतरा स्वामी है जो कि  राहु के उप में है। मई के बाद हालात और खराब होने वाले हैं क्योंकि सब लेवल पर राहू से सीधा जुड़ाव होगा। गोचर राहु लग्न में होगा इसलिए मई के बाद मौतों में बढ़ोतरी होगी। जो लोग सरकार के अनुरोध पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं, वे वास्तव में पीड़ित होंगे।

बुध वृषभ लग्न के लिए मारक ग्रह होता है क्योंकि यह दूसरे घर का स्वामी है| देखते हैं कि यह मई 2021 के बाद क्या करता है।

कॉल पर आचार्य रमन जी से बात करें 

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आशा है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!

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