महिलाओं पर सबसे ज़्यादा प्रभाव डालेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, जानें बचने के उपाय

साल 2020 का पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण के रूप में 10 जनवरी, शुक्रवार को लग रहा है। साल का पहला चंद्र ग्रहण 10 जनवरी की रात 10 बजकर 37 मिनट से शुरू होकर देर रात 2 बजकर 42 मिनट तक रहने वाला है। कुल-मिलाकर यह चंद्र ग्रहण 4 घंटे 5 मिनट तक का होने वाला है। इस साल का ये चंद्र ग्रहण भारत में भी देखा जाने वाला है। भारत के साथ ही ये चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीपों के कई इलाकों में भी देखा जाने वाला है। बता दें कि इस साल में कुल चार चंद्रग्रहण होने हैं जिसमें से 10 जनवरी को होने वाला ग्रहण पहला चंद्रग्रहण होगा।

ज्योतिषियों से जानें क्या हैं इस ग्रहण के बारे में उनकी राय

“10-11 जनवरी को होने वाला उपच्छाया (पेनुमब्रल) चंद्र ग्रहण प्रभावशाली माना जा सकता है, क्योंकि चंद्रमा के साथ क्रूर ग्रह राहु का प्रभाव होता है। ऐसे में अगर माताएं चंद्रमा या राहु के दशा से गुजर रही हैं, तो ये ग्रहण उनके स्वास्थ्य के लिहाज़ से कष्टकारी साबित हो सकता है।”—-दीपांशु, ज्योतिषी

“क्योंकि ये चंद्र-ग्रहण उपच्छाया ग्रहण की श्रेणी में आता है इसलिए इसका ज़्यादा असर नहीं होता है। ऐसे में लोग इस दिन सामान्य दिनों की ही तरह रह सकते हैं। आपको इस ग्रहण के सूतक काल में कुछ विशेष करने की भी ज़रूरत नहीं है।” —- मृगांक, ज्योतिषी

2020 चंद्रग्रहण: किस राशि पर कैसा असर?

हिन्दू शास्त्रों में ग्रहण का धार्मिक महत्व बताया जाता है। ऐसे में ग्रहण के दौरान कई ऐसे काम होते हैं जिन्हे करने की मनाही होती है। इसके अलावा मान्यता के अनुसार कुछ ऐसे भी काम बताये गए हैं जिन्हे ग्रहण ख़त्म होने के बाद करने से इंसान ग्रहण के प्रकोप से बच सकता है। आज ऐसे ही कुछ कामों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिन्हे अपनाकर आप खुद को और अपने परिवार को ग्रहण के प्रकोप से बचा सकते हैं।

वैसे देखा जाये तो चंद्र ग्रहण के दौरान कई काम करने वर्जित माने गए हैं लेकिन ग्रहण के बाद अपनी दिनचर्या शुरू करने से पहले भी कुछ नियम पूरे करने अति-आवश्यक होते हैं। दरअसल चंद्र ग्रहण का प्रभाव 108 द‍िन तक माना जाता है। ऐसे में अपने जीवन से ये नकारात्‍मकता दूर करने के लिए ग्रहण खत्‍म होने के बाद कुछ उपाय करने होते है। इन कामों में ग्रहण के बाद घर की अच्‍छी तरह से सफाई भी बताई जाती है। 

साल 2020 का पहला चंद्र ग्रहण और इसके प्रभाव

ग्रहण के बाद अवश्य करें ये काम

  • मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान पहने गए कपड़े दोबारा नहीं पहनने चाहिए। मुमकिन हो तो ग्रहण के बाद स्नान करके इन कपड़ों को दान कर देना चाहिए।
  • ग्रहण के बाद कुछ भी खाने-पीने से पहले स्नान और पूजा का भी महत्व बताया गया है।
  • स्नान के बाद पूजा घर की भी सफाई अवश्य करें। घर के मंदिर में देवी-देवताओं की प्रतिमा पर गंगाजल छिड़ककर उन्हें साफ़ कर लें।
  • चंद्र ग्रहण के बाद अपने पितरों को याद करें और उनके नाम पर जितना हो सके दान करें। इससे ग्रहण का प्रभाव अवश्य ख़त्म किया जा सकता है।
  • ग्रहण के बाद शिव-पूजा का विशेष महत्व बताया गया है, लेकिन मुमकिन हो तो ये पूजा आप मंदिर में ही जा कर करें तो अच्छा होगा।
  • अगर आप के घर में तुलसी का पौधा है तो ग्रहण से वो भी प्रभावित होगा। ऐसे में ग्रहण के बाद उसपर भी गंगाजल छिड़क कर उसके बाद ही पूजा शुरू करें।
  • ग्रहण के बाद घर को साफ़ करें और पूरे घर में धूप-अगरबत्ती दिखाएं।
  • तीन सूखे नारियल और सात तरह के अनाज (सवा किलो) दान में दें या फिर उन्हें बहते पानी में प्रवाहित कर दें।
  • ग्रहण के बाद दान का भी अपना अलग महत्व बताया गया हैं। अपनी इच्छाशक्ति अनुसार दान अवश्य करें।

जानिए कि इस चंद्रग्रहण पर सूतक काल लागू है या नहीं?

महिलाओं पर होगा सबसे ज़्यादा असर 

हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साल 2020 का ये पहला चंद्रग्रहण मिथुन राशि में लगा है, मिथुन राशि महिलाओं का प्रतिनिधित्व करता है और इसलिए महिलाओं पर इसका सबसे ज़्यादा असर पड़ने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा 10 जनवरी को लगे चंद्र ग्रहण काल पुरुष कुंडली के तीसरे भाव में लग रहा है जिसकी वजह से युद्ध की संभावनाएं भी बनेंगी। इसके अलावा इस चंद्र ग्रहण से किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं का संकट भी बढ़ने के प्रबल योग हैं।

पितृ-दोष से पीड़ित जातकों को हो सकती है परेशानी

हालाँकि धर्म के कुछ जानकार इस ग्रहण को ज़्यादा प्रभावशाली तो नहीं मान रहे हैं लेकिन वहीं कुछ जानकारों की मानें तो साल का ये पहला चंद्र-ग्रहण धार्मिक आस्थाओं पर भी चोट कर सकता है। इसके प्रभाव से धर्म के मामले में उत्पात में इज़ाफ़ा आ सकता है जिससे बड़ा कोई नुकसान होने की भी पूरी संभानवनाएं हैं. इसके अलावा जो लोग पहले से ही पितृ दोष से पीड़ित हैं उन्हें भी इस ग्रहण से नुकसान पहुँच सकता है। अतः उन्हें सावधान रहने की सलाह दी जाती है। 

10 जनवरी को लगने वाला चंद्र ग्रहण उपच्छाया (पेनुमब्रल) चंद्र ग्रहण है।  

अब समझिये कि आखिर ये पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण असल में होता क्या है? भारत में किसी भी ग्रहण की खगोलीय घटना के साथ उसकी धार्मिक मान्यता का भी बहुत महत्व दिया जाता है। ऐसे में चंद्र ग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहा गया है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। लेकिन 10 जनवरी को लगे इस ग्रहण में चंद्रमा पर कोई प्रच्छाया नहीं थी। यह केवल उपच्छाया ग्रहण माना जा रहा है।

Dharma

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