फाल्गुन मास के बाद चैत्र मास की शुरुआत होती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन मास साल का आखिरी माह होता है। इसके बाद चैत्र मास आता है, जो साल का पहला महीना होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो जाती है। इसी के साथ नया विक्रम संवत 2081 भी शुरू हो जाएगा। चैत्र माह को मधुमास के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू कैलेंडर के हर एक महीने का नाम नक्षत्रों के नाम पर रखा गया है। चित्रा नक्षत्र की पूर्णिमा के कारण इस महीने को चैत्र का महीना कहा जाता है। चैत्र मास की शुरुआत मार्च और अप्रैल माह से होती है। शास्त्रों के अनुसार, चैत्र मास में ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना करनी आरंभ की थी। हिंदू नववर्ष को कई नामों से जाना जाता है। आंध्र प्रदेश में इसे उगादिनाम यानी युग का आरंभ, जम्मू- कश्मीर में नवरेह, पंजाब में वैशाखी, महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा, सिंध में चेतीचंड, केरल में विशु, असम में रोंगली बिहू जैसे नामों से जाना जाता है। सनातन धर्म में चैत्र महीना का विशेष महत्व है क्योंकि इस महीने चैत्र नवरात्रि, रामनवमी, पापमोचिनी एकादशी, हनुमान जयंती आदि कई बड़े व्रत-त्योहार आते हैं।
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एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में हम चैत्र मास से जुड़ी तमाम रोचक जानकारी आपको विस्तार से बताएंगे, जैसे कि इस माह के दौरान कौन-कौन से तीज व त्योहार आएंगे? इस माह में किस तरह के उपाय लाभकारी होंगे? इस माह का धार्मिक महत्व क्या है? और इस मास में जातकों को किन बातों का विशेष ध्यान देना चाहिए और किन चीज़ों का दान करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए और क्या करना चाहिए? आदि ऐसी ही कई जानकारियां यहां हम आपको प्रदान करेंगे इसलिए ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।
चैत्र मास 2024: तिथि
चैत्र माह का आरंभ 26 मार्च 2024 मंगलवार से होगी और इसकी समाप्ति 23 अप्रैल 2024 शुक्रवार को हो जाएगी। चैत्र माह में भगवान विष्णु की भी उपासना की जाती है। इस महीने में भगवान विष्णु के मछली स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि इस माह सभी देवी देवताओं की आराधना करने से हर समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है और व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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चैत्र मास का महत्व
जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही नव वर्ष की शुरुआत होती है। ब्रह्मा जी ने इसी समय से सृष्टि की रचना शुरू की थी। इसका उल्लेख आपको स्वयं नारद पुराण में भी मिल जाएगा, जिसमें ये कहा गया है कि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में प्रथमहिं सूर्योदय काल से ही इस जगत के निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी। इसी दिन भगवान विष्णु ने दशावतार में से पहला मत्स्य अवतार लेकर जल प्रलय में घिरे मनु को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था। प्रलय काल समाप्त होने पर मनु से ही नई सृष्टि की शुरुआत हुई। वहीं, यह भी माना जाता है कि मां दुर्गा ने पहली बार अपने नव दुर्गा रूप के दर्शन समस्त संसार को इसी माह में दिए थे। इसलिए इस महीने में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिसे चैत्र नवरात्रि या गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। नव संवत यानी कि हिन्दू नव वर्ष के शुरुआत होने के साथ-साथ ही प्रकृति में भी बदलाव दिखने को भी मिलता है। चैत्र मास से सर्दियां पूरी तरह से समाप्त हो जाती है और गर्मियों की शुरुआत होती है। पर्यावरण में आसपास काफी हरियाली रहती है।
हिंदू धर्म में यह चैत्र का महीना को बेहद शुभ और फलदायी माना गया है। वहीं आयुर्वेदिक सिद्धांत के अनुसार भी इसे काफी महत्वपूर्ण माना गया है। इस माह में प्रकृति के साथ-साथ मौसम में भी कई सारे परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामना पूरी होती है।
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चैत्र माह की विशेषता
चैत्र महीने के आखिरी दिन यानी चैत्र माह की पूर्णिमा को चंद्रमा चित्रा नक्षत्र में होता है, इसके चलते इस महीने का नाम चैत्र पड़ा। इस माह में चंद्र ग्रह मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं। इस माह को भक्ति को संयम का महीना भी कहा जाता है क्योंकि इस महीने कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं। इस महीने से ही वसंत ऋतु का समापन और ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है।
चैत्र मास में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार
चैत्र मास यानी कि 26 मार्च 2024 से 23 अप्रैल 2024 के दौरान सनातन धर्म के कई प्रमुख व्रत-त्योहार आने वाले हैं, जो कि इस प्रकार हैं:
दिनांक | दिन | व्रत त्योहार |
28 मार्च 2024 | गुरुवार | संकष्टी चतुर्थी |
05 अप्रैल 2024 | शुक्रवार | पापमोचिनी एकादशी |
06 अप्रैल 2024 | शनिवार | प्रदोष व्रत (कृष्ण) |
07 अप्रैल 2024 | रविवार | मासिक शिवरात्रि |
08 अप्रैल 2024 | सोमवार | चैत्र अमावस्या |
09 अप्रैल 2024 | मंगलवार | चैत्र नवरात्रि, उगाडी घटस्थापना, गुड़ी पड़वा |
10 अप्रैल 2024 | बुधवार | चेटी चंड |
13 अप्रैल 2024 | शनिवार | मेष संक्रांति |
17 अप्रैल 2024 | बुधवार | चैत्र नवरात्रि पारण, रामनवमी |
19 अप्रैल 2024 | शुक्रवार | कामदा एकादशी |
21 अप्रैल 2024 | रविवार | प्रदोष व्रत (शुक्ल) |
23 अप्रैल 2024 | मंगलवार | हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा व्रत |
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चैत्र मास में जन्म लेने वाले लोगों के गुण
चैत्र के महीने में कई लोगों का जन्मदिन आता है। हम आपको बताएंगे कि चैत्र माह में जन्मे लोगों का स्वभाव कैसा होता है और उनके अंदर क्या खूबियां होती हैं। ज्योतिष शास्त्र में कुछ खास तारीखों और महीनों में जन्मे लोगों की अलग-अलग खूबियां और विशेषताएं भी बताई गई हैं। व्यक्ति जिस महीने में जन्म लेता है उसके आधार पर भी उसके स्वभाव के बारे में बताया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र की माने तो हमारे जन्म का महीना हमारे जीवन पर सकारात्मक व नकारात्मक रूप से प्रभाव डालता है। चैत्र मास में जिन लोगों का जन्म होता है, उनमें कुछ विशेष प्रकार की खूबियां और कमियां पाई जाती हैं। तो आइए जानते हैं।
चैत्र माह में जन्मे लोग बड़े ही जुनूनी होते हैं। इस माह में जन्मे लोग स्पोर्ट्स, मीडिया, एडवरटाइजिंग और राजनीति आदि क्षेत्र में अधिक रुचि लेते हैं। ये लोग काफी बहादुर और धैर्यवान होते हैं। इन लोगों के अंदर किसी भी चीज का डर नहीं होता। ये हर मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में भी डटकर खड़े होते हैं और हर परिस्थितियों का खुलकर सामना करते हैं। इन लोगों को वो काम करने में बहुत अधिक मजा आता है, जो हर किसी के बस का नहीं होता है। ये अपने दोस्तों और अपने प्रिय के बेहद खास होते हैं। ये जिस भी जगह जाते हैं वहां आकर्षण का केंद्र होते हैं। ये रोमांटिक होते हैं और इन्हें अपने पार्टनर को अच्छे से रिझाना आता है। इनका स्वभाव दयालु होता है और ये हर किसी पर दया करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों का जन्म चैत्र में होता है वे कला प्रेमी होते हैं। इन्हें घर सजाने का भी शौक होता है और खुद भी सज सवर कर रहते हैं। इन जातकों को नई-नई चीजों को जानने की काफी इच्छा होती है। इनमें जिज्ञासु प्रवृत्ति होती है। ये लोग काफी इमोशनल भी होते हैं और ये ना सिर्फ अपनी बल्कि खुद से जुड़े लोगों की भावनाओं की भी अच्छे से कद्र करते हैं। इसके अलावा जो लोग इनके साथ धोखा करते हैं वे इनकी नजरों से गिर जाते हैं और लाख कोशिशों के बाद भी वे अपनी जगह नहीं बना पाते हैं। इनका नकारात्मक पक्ष देखें तो, जिन लोगों का जन्म चैत्र माह में हुआ है, उन्हें दूसरों के जीवन में हस्तक्षेप करने की बुरी आदत होती है। जिसके कारण इन्हें कभी-कभी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा सामने वाले से इनके रिश्ते भी खराब हो जाते हैं। ये लोग बड़बोले भी होते हैं और बोलने से पहले बिल्कुल नहीं सोचते हैं।
पार्टनर के लिए इनके दिल में बेशुमार प्यार होता है। ये अपने पार्टनर को कभी धोखा नहीं देते हैं। साथ ही ऐसे लोग विपरीत परिस्थिति में भी पार्टनर का साथ नहीं छोड़ते हैं। इन लोगों की एक और खास बात होती है कि इनकी इंट्यूशन पॉवर बहुत शानदार होती है। इस कारण ये भविष्य में होने वाले नुकसान या आने वाली चुनौतियों को पहले ही भांप लेते हैं और उसके अनुसार अपने फैसले लेते हैं। इनके अंदर ये उनका ये गुण उन्हें करियर में खूब तरक्की दिलाता है।
चैत्र मास में भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की पूजा का महत्व
चैत्र के महीने में ही मत्स्य जयंती मनाई जाती है। मत्स्य अवतार भगवान विष्णु का दसवें अवतार में पहला अवतार है। इस रूप में प्रकट होकर श्री हरि ने प्रलय से सृष्टि को बचाया और इस अवतार में भगवान ने वेदों की भी रक्षा की थी। मान्यता है कि चैत्र माह के पावन महीने में किसी पवित्र नदी में स्नान, पूजा और व्रत से तन और मन की शुद्धि होती है और कष्टों का निवारण हो जाता है। साथ ही, मत्स्य पुराण को सुनने या पढ़ने चाहिए। इस अवधि भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए दान-पुण्य करना चाहिए।
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चैत्र मास में भूलकर भी न करें ये काम
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सभी महीनों का अलग महत्व है। ऐसे ही महीनों में एक महीना है चैत्र का महीना। इस पूरे महीने को बहुत ही पावन माना जाता है क्योंकि ये महीना मां दुर्गा को समर्पित होता है और इसी महीने में चैत्र नवरात्रि भी होती है। चैत्र के पूरे महीने में कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। माना जाता है कि इन कार्यों को करने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती है। आइए जानते हैं चैत्र के महीने में किन कामों को करने से बचना चाहिए।
तामसिक भोजन से रहें दूर
चैत्र के पूरे महीने में मांसाहार व तामसिक भोजन का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस पूरे महीने में मांसाहार का सेवन करने से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती है और ऐसा करने से व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है।
गुड़ का सेवन करने से बचें
चैत्र माह में कई व्रत और त्योहार आते हैं और इन त्योहारों में सबसे प्रमुख त्योहार नवरात्रि का है। इस व्रत के दौरान और पूरे चैत्र महीने में आपको गुड़ के सेवन करने से बचना चाहिए। माना जाता है कि गुड़ की तासीर गर्म होती है और गर्मी बढ़ने के कारण इसका सेवन सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
प्याज व लहसुन से बनाएं दूरी
चैत्र के पूरे महीने में प्याज और लहसुन का सेवन करने से बचना चाहिए। माना जाता है कि चैत्र का महीना मां दुर्गा को समर्पित होता है और इस महीने में किसी प्रकार का तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए। विशेष रूप से प्याज व लहसुन का।
नशे से दूर रहें
चैत्र का महीने सबसे पवित्र व पावन महीना माना जाता है इसलिए इस महीने में गलती से भी नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि इस महीने में नशा आदि पदार्थों का सेवन करने से व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ता है।
चमड़े से बने चीज़ों का इस्तेमाल न करें
चैत्र के एक महीने चमड़े से बनी चीजों का इस्तेमाल न करें क्योंकि चमड़ा जानवरों की खाल से बनता है इसलिए चैत्र महीने में चमड़े की चीज़ों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए अन्यथा भक्तों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
बाल व नाखून न काटे
चैत्र के महीने यानी 26 मार्च से 23 अप्रैल तक भूलकर भी बाल नहीं कटवाने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि बाल कटवाने से मनुष्य की मति भ्रमित हो सकती है और घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। इसके अलावा, नाखून भी नहीं काटने चाहिए। न ही पुरुषों को दाढ़ी बनवानी चाहिए।
लड़ाई-झगड़े से दूर रहें
ज्योतिष के अनुसार, चैत्र के महीने में किसी को भी लड़ाई झगड़े में नहीं पड़ना चाहिए। विशेष रूप से महिलाओं से। न ही क्रोध व अहंकार की भावना अपने अंदर लानी चाहिए। इसके अलावा, घर में कलेश करने से भी बचना चाहिए। अन्यथा माता लक्ष्मी रूठ सकती है।
चैत्र मास में अवश्य करें ये काम
- चैत्र की महीने में सूर्यदेव की पूजा करें व उन्हें जल व अर्घ्य दें। इस महीने सूर्यदेव की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि सूर्यदेव की पूजा करने से व्यक्ति को हर रोगों के छुटकारा मिलता है।
- इस माह में मां दुर्गा के अलावा भगवान विष्णु की पूजा और आराधना करना शुभ माना जाता है। इस माह में आपको भगवान विष्णु के मछली के स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके ऊपर माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहती है और आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- चैत्र मास में गुप्त तरीके से मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना करना काफी अच्छा माना जाता है।
चैत्र मास में करें ये आसान उपाय
- ज्योतिष के अनुसार, चैत्र माह में एक लाल कपड़े में 5 तरह के लाल फल व लाल फूल रखकर ब्राह्मण को दान करना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- चैत्र माह में पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और 7 बार परिक्रमा करते हुए लाल रंग अर्पित करना चाहिए। इससे जीवन में शांति स्थापित होती है।
- चैत्र माह में पड़ने वाले प्रत्येक बृहस्पतिवार को केले के वृक्ष की पूजा करते हुए भगवान विष्णु के मंत्रों का लगातार 108 बार जाप करना चाहिए। इससे कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत होती है।
- चैत्र माह में जानवरों को पानी पिलाने चाहिए और पशु-पक्षियों को दाना डालना चाहिए। इससे घर में माता लक्ष्मी का वास बना रहता है।
- चैत्र माह में 108 बार अपने इष्ट देव का पान के पत्तों पर नाम लिखकर मंदिर में रखने से घर में शुभता बनी रहती है।
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चैत्र मास 2024: चैत्र मास में राशि अनुसार इन चीजों का करें दान
मेष राशि
मेष राशि के जातकों चैत्र मास के महीने में गुड़ का दान अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से जातकों को माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर में आर्थिक समृद्धि आएगी।
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों को चैत्र मास के महीने में सफेद मिश्री का दान करना चाहिए। यह आपके लिए शुभ साबित होगा। ऐसा करने से आपके जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहेगी।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों को चैत्र मास में हरी मूंग की दाल का दान करना चाहिए। ऐसा करने से इस राशि के जातकों को वैवाहिक जीवन में चली आ रही समस्या से छुटकारा मिलता है।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए चैत्र मास के महीने में चावलों का दान अवश्य करना चाहिए। चावलों के दान से कर्क राशि के लोगों को मानसिक शांति की प्राप्ति होगी।
सिंह राशि
इस राशि के जातकों को चैत्र मास में गेहूं का दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपको समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
कन्या राशि
इस राशि के लोगों को चैत्र पूर्णिमा के दिन जानवरों और पशु-पक्षियों को हरा चारा व दाना खिलाना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में आ रही सभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
तुला राशि
तुला राशि के लोगों को चैत्र मास के दौरान कन्याओं को खीर खिलाना चाहिए और पैसे देकर आशीर्वाद लेना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है।
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वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों को चैत्र मास के दिन गुड़ और चने का दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपको शत्रुओं और विरोधियों पर विजय की प्राप्ति होती है और उनका नाश होता है।
धनु राशि
जीवन में खुशहाली और समृद्धि के प्राप्त करने के लिए धनु राशि के जातकों को चैत्र पूर्णिमा के दिन मंदिर में काले चने का दान करना चाहिए या ब्राह्मणों को काले चने व हलवा का भोजन करवाना चाहिए। ऐसा करने से आपके आर्थिक स्थिति में स्थिरता प्राप्त होती है।
मकर राशि
यदि आपको अपनी नौकरी में या कार्यक्षेत्र में समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है तो चैत्र महीने के दौरान गरीबों व जरूरतमंदों को वस्त्रों का दान करना चाहिए। ऐसा करने से कार्यक्षेत्र में तरक्की मिलेगी।
कुंभ राशि
चैत्र मास में कुंभ राशि के लोगों को काली उड़द की दाल दान करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके बिजनेस में आ रही सभी तरह की परेशानी दूर हो जाएगी।
मीन राशि
मीन राशि के लोगों को चैत्र पूर्णिमा के दिन हल्दी और बेसन की मिठाई का दान करना चाहिए। इसका दान करने से आपको कई स्रोतों से धन की प्राप्ति होती है।
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