बुध मीन राशि में वक्री: वैदिक ज्योतिष में बुध देव को ऐसे ग्रह का दर्जा प्राप्त है जिनका शुभ-अशुभ प्रभाव मनुष्य जीवन को गहराई से प्रभावित करने की क्षमता रखता है। कुंडली में इनकी शुभ स्थिति जहाँ जातक को तेज़ बुद्धि और बेहतरीन संचार कौशल का आशीर्वाद देती है। वहीं, इनके अशुभ या कमज़ोर होने पर व्यक्ति अपनी भावनाओं या बात को दूसरे के सामने नहीं रख पाता है या फिर वह हकलाने लगता है। अब बुध देव मीन राशि में वक्री होने जा रहे हैं जो कि इनकी नीच राशि भी है और ऐसे में, इनकी चाल में होने वाला बदलाव का असर संसार और समस्त राशियों पर दिखाई देगा।

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एस्ट्रोसेज एआई का यह विशेष ब्लॉग आपको बुध मीन राशि में वक्री से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा जैसे वक्री बुध का समय और तिथि आदि। यदि आप भी यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि मीन राशि में बुध वक्री होने से किस राशि के जातकों को मिलेगी नौकरी में तरक्की? किन राशियों को होगा आर्थिक लाभ? किन राशियों का प्रेम जीवन बना रहेगा खुशहाल? इन सभी सवालों के जवाब आपको इस ब्लॉग में मिलेंगे जो कि हमारे विद्वान और अनुभवी ज्योतिषियों द्वारा बुध ग्रह की स्थिति, चाल और दशा का विश्लेषण करके तैयार किया गया है। चलिए अब बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं बुध मीन राशि में वक्री के बारे में।
बुध मीन राशि में वक्री: तिथि और समय
ज्योतिष शास्त्र में बुध देव को नवग्रहों का युवराज कहा जाता है इसलिए इनकी चाल, दशा या स्थिति में होने वाला बदलाव विशेष मायने रखता है। बता दें कि यह एक तेज़ गति से चलने वाला ग्रह है जिन्हें एक राशि से दूसरी राशि में जाने में लगभग 23 दिन का समय लगता है। अब 15 मार्च 2025 की सुबह 11 बजकर 54 मिनट पर मीन राशि में वक्री हो जाने जा रहे हैं। ऐसे में, बुध की वक्री चाल का प्रभाव राशि चक्र की 12 राशियों के साथ-साथ विश्व पर भी दिखाई देगा। साथ ही, इस अवधि में कई ग्रह बुध के साथ युति और योगों का निर्माण करेंगे। लेकिन, सबसे पहले जान लेते हैं कि क्या होता है बुध का वक्री होना।

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क्या होता है ग्रह का वक्री होना?
जैसे कि हम सभी जानते हैं कि नवग्रहों में से सूर्य ग्रह को छोड़कर सभी ग्रह अपनी चाल या दशा में बदलाव करते हुए उदय, अस्त और वक्री होते हैं। अगर हम बात करें ग्रह के वक्री होने की, तो ज्योतिष में किसी ग्रह का वक्री होना एक ऐसी घटना होती है जब कोई ग्रह अपनी सामान्य दिशा की बजाय उल्टी दिशा में चलता हुआ प्रतीत होता है, तो इसको ही ग्रह का वक्री होना कहते हैं। आपको बता दें कि वास्तव में कोई ग्रह उल्टा नहीं चलता है, लेकिन वह दूर से देखने पर उल्टा चलता हुआ प्रतीत होता है। वैदिक ज्योतिष की मानें तो, ग्रह की वक्री अवस्था जातक के जीवन को गहराई से प्रभावित करती है।
ज्योतिष में वक्री बुध का महत्व और प्रभाव
सामान्य रूप से वक्री शब्द के साथ कई तरह के मिथक जुड़े हैं। शायद ही आप जानते होंगे कि किसी भी ग्रह की वक्री अवस्था को शुभ नहीं माना जाता है। प्रत्येक ग्रह की वक्री चाल जातक को अच्छे और बुरे दोनों तरह के परिणाम देने में सक्षम होती है। हालांकि, ग्रह के वक्री होने पर मिलने वाले परिणाम कुंडली में उस ग्रह की स्थिति पर निर्भर करते हैं।
बता दें कि जब बुध देव वक्री हो जाते हैं, तो उस समय मनुष्य की सोचने समझने की क्षमता कमज़ोर पड़ जाती है और वाणी में कठोरता एवं रूखापन देखने को मिलता है। इसके अलावा, इस अवधि में गैजेट्स जैसे कि लैपटॉप, मोबाइल, स्पीकर, कैमरा आदि खराब होने लगते हैं। व्यक्ति को जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, आपसे कागजी काम और दस्तावेज़ों में भी गलतियां हो सकती हैं और काम के सिलसिले से की गई यात्राएं भी असफल रहने की संभावना होती हैं।
आइए अब आपको रूबरू करवाते हैं कुंडली में बुध ग्रह से बनने वाले शुभ योगों से।
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कुंडली में बुध की स्थिति करती है इन शुभ योगों का निर्माण
कुंडली में जब कोई ग्रह किसी विशेष भाव या दूसरे ग्रह के साथ उपस्थित होता है, तब शुभ योग का निर्माण होता है। यहां हम चर्चा करेंगे बुध ग्रह की उपस्थिति से कौन-कौन से शुभ योगों का निर्माण होता है, चलिए जानते हैं।
बुधादित्य योग
बुधादित्य राजयोग को एक बहुत ही शुभ योग माना जाता है जिसके निर्माण में सूर्य और बुध ग्रह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक तरफ, जहां सूर्य ग्रह को आत्मा, सम्मान और पिता का कारक माना जाता है जबकि बुध देव ज्ञान, बुद्धि, और व्यापार के कारक माने गए हैं। साथ ही, एक नवग्रहों के राजा हैं और दूसरे नवग्रहों के युवराज हैं। ऐसे में, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य ग्रह और बुध ग्रह एक साथ एक भाव में बैठे होते हैं, तब बुधादित्य योग का निर्माण होता है। जिन जातकों की कुंडली में बुधादित्य योग जन्म लेता है, उन्हें समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है और वह व्यापार में अपार सफलता हासिल करता है।

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पंच महापुरुष योग
कुंडली में निर्मित होने वाले पंच महापुरुष योग को अत्यंत शुभ माना जाता है और इसकी तुलना राजयोग से की जाती है। ज्योतिष के अनुसार, किसी व्यक्ति की कुंडली में जब गुरु, मंगल, बुध, शनि और शुक्र में से कोई भी एक ग्रह या एक से ज्यादा ग्रह अपनी ही राशि में उच्च अवस्था में केंद्र में स्थित होता है, तो उस समय पंच महापुरुष योग निर्मित होता है। कुंडली में पंच महापुरुष योग जातक को धनवान बनाता है इसलिए इन्हें अपने जीवन में आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है।
लक्ष्मी नारायण योग
लक्ष्मी नारायण योग को अति शुभ और फलदायी माना जाता है जो किसी इंसान की कुंडली में बुध और शुक्र ग्रह के एक साथ मौजूद होने पर बनता है। बुद्धि एवं वाणी के कारक बुध और सौंदर्य व विलासिता के ग्रह शुक्र जब एक साथ एक भाव में विराजमान होते हैं, तब इन दोनों ग्रहों की युति से लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होता है। ऐसा कहते हैं जिन जातकों की कुंडली में लक्ष्मी नारायण योग मौजूद होता है, उनके जीवन में धन-ऐश्वर्य बना रहता है। साथ ही, आपके सौभाग्य में वृद्धि होती है।
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बुध मीन राशि में वक्री: इन उपायों से पाएं बुध ग्रह से शुभ परिणाम
दान
अगर आप कुंडली में बुध को बलवान करना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन गरीब या जरूरतमंदों को हरी सब्जियां, हरी मूंग की दाल और हरे वस्त्र आदि दान करें।
गणेश जी की पूजा
बुध ग्रह की शुभ स्थिति के लिए बुधवार का व्रत रखें और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करें। साथ ही, श्री गणेश को प्रसाद के रूप में मूंग के लड्डू का भोग लगाएं।
तुलसी का पौधा लगाएं
बुध ग्रह के नकारात्मक परिणामों को कम करने के लिए बुधवार के दिन घर में तुलसी का पौधा लगाएं तथा इसकी पूजा नियमित रूप से करें।
पन्ना रत्न
बुध महाराज को शांत करने के लिए पन्ना रत्न धारण करना फलदायी रहता है, लेकिन आप किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह के बाद ही रत्न धारण करें।
बुध मीन राशि में वक्री: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के तीसरे और छठे भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब इस राशि के बारहवें…(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के दूसरे और पांचवे भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब वह आपके ग्यारहवें…(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के पहले और चौथे भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब वह आपके दसवें… (विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
कर्क राशि के तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब बुध मीन राशि में वक्री… (विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
सिंह राशि के दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके… (विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
कन्या राशि के पहले और दसवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब बुध मीन राशि में… (विस्तार से पढ़ें)
कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर
तुला राशि
तुला राशि के नौवें और बारहवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं जो कि अब आपके छठे भाव…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब वह आपके… (विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
धनु राशि के सातवें और दसवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब बुध मीन राशि में … (विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
मकर राशि के छठे और नौवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब वह आपके तीसरे भाव में… (विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि के पांचवे और आठवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब बुध मीन राशि में वक्री होने…(विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
मीन राशि के पांचवे और आठवें भाव के स्वामी बुध ग्रह हैं और अब बुध मीन राशि… (विस्तार से पढ़ें)
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बुध ग्रह 15 मार्च 2025 को मीन राशि में वक्री हो जाएंगे।
जब कोई ग्रह अपनी परिक्रमा पथ पर चलते हुए पीछे की तरफ या उल्टा चलता हुआ प्रतीत होता है, तो इसे ग्रह का वक्री होना कहते हैं।
ज्योतिष के अनुसार, बुध ग्रह मीन राशि में नीच अवस्था में होते हैं।