बुध का तुला राशि में गोचर: इन राशियों का शुरू होगा गोल्डन टाइम!

बुध का तुला राशि में गोचर: इन राशियों का शुरू होगा गोल्डन टाइम!

बुध का तुला राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में हर ग्रह को विशेष महत्व दिया गया है और प्रत्येक ग्रह अपनी ख़ूबियों और खामियों के लिए जाना जाता है। हमारे आज के इस स्पेशल ब्लॉग में हम सौरमंडल के सबसे छोटे और तेज़ रफ़्तार से चलने वाले ग्रह बुध की बात करेंगे। बता दें कि नवग्रहों में बुध देव को शुभ ग्रह माना जाता है जिन्हें ग्रहों के युवराज भी कहा जाता है।

सौरमंडल में बुध ग्रह सूर्य के सबसे निकट स्थित हैं और ऐसे में, बुध का गोचर महत्वपूर्ण माना जाता है। अब यह जल्द ही अपना राशि परिवर्तन करते हुए तुला राशि में गोचर करने जा रहे हैं, जिसका प्रभाव मानव जीवन सहित संसार पर नज़र आ सकता है। 

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एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से आपको “बुध का तुला राशि में गोचर” से जुड़ी समस्त जानकारी विस्तार पूर्वक प्राप्त होगी जैसे तिथि व समय आदि। हम यह जानते हैं कि जब बुध महाराज एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसका असर मनुष्य जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ता है साथ ही, गोचर के समय बुध ग्रह की स्थिति और दिशा निजी और पेशेवर जीवन में बड़े बदलाव लेकर आने की क्षमता रखती है।

ऐसे में, बुध गोचर का राशियों, देश-दुनिया और स्टॉक मार्केट पर क्या प्रभाव पड़ेगा? यहां हम आपको इस बारे में विस्तार से बताएंगे। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं सबसे पहले गोचर का समय। 

बुध का तुला राशि में गोचर: समय

बुध गोचर का समय जानने से पहले हम आपको बता दें कि बुध को तेज़ गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है इसलिए इन्हें एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में तकरीबन 27 से 30 दिनों का समय लगता है।

इन्हें युवा ग्रह कहा जाता है जो अब अपनी अस्त अवस्था से बाहर आने के एक दिन बाद यानी कि 03 अक्टूबर 2025 की रात 03 बजकर 36 मिनट पर कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में गोचर करेंगे। शायद ही आप जानते होंगे कि तुला राशि के स्वामी ग्रह शुक्र हैं जो बुध देव के मित्र माने जाते हैं। ऐसे में, तुला राशि में बुध की स्थिति अच्छी कही जा सकती है क्योंकि यह इनकी मित्र राशि है। चलिए अब हम बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं बुध तुला राशि में किस तरह से प्रभाव देते हैं। 

बुध का तुला राशि में गोचर: विशेषताएं

  • ज्योतिष में बुध को बुद्धि के कारक ग्रह माना जाता है जबकि तुला संतुलन की राशि है। ऐसे में, जो लोग तुला राशि में बुध ग्रह के तहत जन्म लेते हैं, वह जीवन से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पूर्व अच्छे से सोच-विचार करते हैं। 
  • बुध देव को वायु तत्व का ग्रह माना जाता है जब यह निष्पक्षता की राशि तुला में मौजूद होते हैं, तो यह जातक को रचनात्मक और कलात्मक गुण का आशीर्वाद देते हैं। ऐसे में, इन जातकों की रुचि रचनात्मक क्षेत्रों में बढ़ती है। 
  • हालांकि, शुक्र देव की राशि तुला में बुध के उपस्थित होने से व्यक्ति का स्वभाव विनम्र और वाणी मधुर होती है। साथ ही, यह दूसरों की अपेक्षा चीज़ों को जल्दी और आसानी से समझ लेते हैं।
  • तुला राशि में बुध देव बैठे होने पर जातक का जीवन सुखमय होता है और इनका रुझान संगीत के क्षेत्र में होता है। 
  • जिन जातकों का जन्म तुला राशि में बुध के अंतर्गत होता है, वह बेहद हंसमुख, मिलनसार और दयालु स्वभाव के होते हैं। इन लोगों को लक्ज़री और सुख-सुविधाओं से पूर्ण घर पसंद होता है।

बुध का तुला राशि में प्रभाव जानने के बाद अब हम आपको अवगत करवाते हैं बुध के धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व। 

ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व

  • ग्रहों के युवराज के नाम से प्रसिद्ध बुध ग्रह बुद्धि, वाणी, व्यापार और संचार को नियंत्रित करते हैं। यह व्यक्ति की सोच-विचार करने, निर्णय लेने की और व्यापार करने की क्षमता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
  • जन्म कुंडली में बुध देव की स्थिति किसी व्यक्ति की बुद्धि, तार्किक सोच और दूसरों के साथ सही तरीके से जुड़ने की क्षमता का भी प्रतिनिधित्व करती है। इनके आशीर्वाद से जातक किसी भी चीज़ या कार्य को जल्दी से सीख लेते हैं और व्यापार के क्षेत्र में महारत हासिल करते हैं। 
  • बुध देव दोहरे स्वभाव के ग्रह हैं जो कुंडली में शुभ या अशुभ जिस ग्रह के साथ बैठ जाते हैं, उसी के अनुसार आपको सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम प्रदान करते हैं।
  • राशि चक्र में बुध ग्रह को मिथुन और कन्या राशि पर आधिपत्य हैं। यह कन्या राशि में उच्च अवस्था में होते हैं और गुरु ग्रह की राशि मीन में नीच अवस्था में होते हैं। 
  • बुध महाराज को 27 नक्षत्रों में से अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र पर स्वामित्व प्राप्त हैं। 
  • बात करें इनके शत्रु और मित्र की, तो सूर्य और शुक्र के साथ बुध देव के संबंध मित्रतापूर्ण हैं जबकि मंगल और चंद्रमा इनके शत्रु माने जाते हैं। वहीं, गुरु और शनि के साथ बुध देव के संबंध तटस्थ हैं। 

अब हम आपको बताने जा रहे हैं बुध ग्रह के शुभ अंक और रंग के बारे में। 

बुध का तुला राशि में गोचर: बुध का शुभ अंक, रंग और दिन

जैसे कि हम जानते हैं कि ज्योतिष में हर ग्रह को समर्पित अंक, रंग, दिन और रत्न होता है। इसी क्रम में, कुंडली में किसी विशेष ग्रह को अगर आप मज़बूत करना चाहते हैं या नकारात्मक प्रभाव को कम करने या शुभ फल प्राप्त करने के इच्छुक हैं, तो आप उस ग्रह से संबंधित अंक, रंग, दिन और रत्न के माध्यम से ग्रहों को बलवान कर सकते हैं। 

बुध ग्रह की बात करें, तो बुद्धि, वाणी और संचार के ग्रह बुध को हरा रंग अतिप्रिय है। साथ ही, इन्हें समर्पित दिन बुधवार हैं और इनका रत्न पन्ना माना गया है। ऐसे में, बुध ग्रह की कृपा पाने के लिए आपको बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र ज्यादा से ज्यादा पहनने की सलाह दी जाती है। साथ ही, आप बुधवार को हरी सब्ज़ियों का भी दान कर सकते हैं। इसके अलावा, बुध ग्रह के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए बुधवार के दिन बुध देव की पूजा और व्रत कर सकते हैं। ऐसा करना फलदायी माना जाता है। 

वहीं, अंकों में बुध ग्रह का अंक 05 है और दिशाओं में यह उत्तर दिशा के स्वामी हैं। बता दें कि कुंडली में बुध ग्रह को शुभ करने के लिए आप पन्ना रत्न भी धारण कर सकते हैं, परंतु कोई भी रत्न चाहे वह बुध ग्रह का हो या किसी भी अन्य ग्रह का, उसे धारण करने से पहले अनुभवी एवं विद्वान ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें। ऐसा करना फलदायी माना जाता है। जब कुंडली में किसी इंसान पर बुध की महादशा चल रही हो, तो बुधवार के दिन बुध ग्रह के लिए व्रत और पूजन करने से सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होती है। 

अब हम आगे बढ़ते हैं और आपको अवगत करवाते हैं बुध ग्रह से जुड़ी रोचत बातों से।

बुध ग्रह से जुड़े रोचक तथ्य 

तत्व: बुध ग्रह को पृथ्वी तत्व का ग्रह माना जाता है जो ज़मीन से जुड़ाव, व्यावहारिकता और तर्क का प्रतीक है। 

स्वभाव: ज्योतिष में बुध देव को द्विस्वभाव ग्रह की संज्ञा प्राप्त है जो शुभ और अशुभ ग्रहों के साथ बैठे होने पर उन्हीं के अनुसार फल प्रदान करते हैं। 

लिंग: बुध ग्रह स्त्री और पुरुष दोनों ऊर्जाओं में संतुलन बनाकर चलते हैं इसलिए न यह पुरुष हैं और न ही स्त्री। 

ऊर्जा: बुध ग्रह की ऊर्जा तार्किक, जिज्ञासु और बहुमुखी है, जो ग्रहण करने की क्षमता और बुद्धिमानी को दर्शाती है। 

व्यक्तित्व: धार्मिक ग्रंथों में वर्णित बुध देव को युवा माना जाता है जिनका व्यक्तित्व बेहद आकर्षण है और यह बहुत बुद्धिमान हैं।

कुंडली में कमज़ोर बुध कैसे करते हैं आपको प्रभावित? चलिए जानते हैं। 

मज़बूत बुध कैसे करता है जीवन को प्रभावित?

  • जिन जातकों की कुंडली में बुध देव मज़बूत अवस्था में होते हैं, वह तर्कशास्त्र में माहिर होने के साथ-साथ ज्ञानी होते हैं। ऐसे लोगों को वाद-विवाद या डिबेट में हराना बहुत कठिन होता है।
  • शुभ बुध के प्रभाव से जातकों का संचार कौशल बहुत मज़बूत होता है और इनकी वाणी मधुर होती है इसलिए दूसरे आसानी से इनसे प्रभावित हो जाते हैं। 
  • किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध अपनी उच्च राशि में या अनुकूल अवस्था में होने पर जातक अपने विचारों को दूसरों के सामने आसानी से रखने में सक्षम होता है। इनकी वाणी से लोग जल्दी प्रभावित हो जाते हैं और यह बेहद विश्लेषणात्मक और सरल स्वभाव के होते हैं। 
  • बुध की शुभ स्थिति जातक को बुद्धिमान और व्यापार के क्षेत्र में सफलता प्रदान करती है। 
  • बुध देव का आशीर्वाद आप पर होने से जातक के रिश्ते अपनी बुआ और मौसी के साथ अच्छे होते हैं।       

बुध का तुला राशि में गोचर: कमज़ोर बुध का प्रभाव

  • यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसे रोग का शिकार हो जाता है जिसके बारे में तुरंत पता नहीं चल पाता है और ऐसे में, आपको भविष्य में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसे कमज़ोर बुध का लक्षण माना जाता है।
  • बुध की कुंडली में दुर्बलता का सीधा प्रभाव व्यक्ति की सुंदरता पर नज़र आता है।
  • अगर आपके बाल असमय ही झड़ने या टूटने लगते हैं या फिर नाखून अचानक से कमज़ोर होकर टूटने लगते हैं, तो यह भी कुंडली में बुध ग्रह की अशुभता का संकेत होता है। 
  • ऐसे जातक जिन्हें जीवन से जुड़े फैसले लेने में समस्या का अनुभव होता है और आपके द्वारा लिए गए फैसले आगे जाकर आपको नुकसान करवा देते हैं, तो यह भी कमज़ोर बुध का लक्षण होता है।  
  • बुध ग्रह के नकारात्मक प्रभाव की वजह से जातकों को नौकरी और व्यापार में हानि उठानी पड़ती है। 
  • परिवार के सदस्यों के साथ आपके न चाहते हुए भी रिश्ते बिगड़ने लगते हैं और घर में लड़ाई-झगङे का माहौल हमेशा बना रहता है, जिसका कारण बुध का अशुभ प्रभाव होता है। 
  • अगर आपका बुध कमज़ोर होगा तो, आपके रिश्ते महिला रिश्तेदारों से बिगड़ने लगते हैं, विशेष रूप से बुआ और मौसी के साथ।  

 बुध का तुला राशि में गोचर: सरल एवं प्रभावी उपाय 

  • बुध ग्रह से शुभ फल पाने के लिए आंवला और हरी सब्जियों को सेवन करना चाहिए। 
  • हरा रंग बुध देव को बहुत प्रिय होता है इसलिए बुधवार के दिन हरी सब्जियों का दान करें और हरे रंग के कपड़े धारण करें। 
  • बुध देव को शांत करने के लिए बुधवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद हरे रंग के वस्त्र धारण करने के बाद “ॐ बुं बुधाय नमः” का कम से कम 108 बार जाप करें।
  • कुंडली में बुध ग्रह को बलवान बनाने के लिए बेटी, बहन, बुआ और साली का सम्मान करें। उनके साथ रिश्ते को अच्छा बनाकर रखें और बुधवार के दिन उन्हें कुछ मीठा खिलाएं। 
  • बुध ग्रह को शांत करने के लिए बुधवार को देवी दुर्गा के मंदिर जाकर माता को हरे रंग की चूड़ियां चढ़ाएं। साथ ही, इस दिन “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:” मंत्र का भी जाप करें। 
  • जो जातक बुध की कृपा पाना चाहते हैं, उनके लिए साबुत हरे मूंग का दान करना फलदायी माना जाता है। 
  • जिन जातकों का बुध अशुभ होता है, उन्हें बुधवार के दिन तुलसी की पत्ती को धोकर उसका सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से आपको बुध देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।     
  • सुहागिन महिलाओं को हरी चूड़ियां भेंट करने से कुंडली में बुध ग्रह मजबूत बनता है।

बुध का तुला राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय 

मेष राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा छठे भाव के स्वामी होते हैं और यह… (विस्तार से पढ़ें) 

वृषभ राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में दूसरे तथा पांचवें भाव के स्वामी होते हैं और… (विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

बुध ग्रह आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ चतुर्थ भाव के भी… (विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में तीसरे तथा द्वादश भाव के स्वामी होते हैं और तुला… (विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली के लाभ भाव के स्वामी होने के साथ-साथ धन भाव… (विस्तार से पढ़ें) 

कन्या राशि

बुध ग्रह आपकी राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके कर्म स्थान के भी… (विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में आपके भाग्य भाव के स्वामी होते हैं। साथ ही… (विस्तार से पढ़ें) 

वृश्चिक राशि 

बुध ग्रह आपकी कुंडली में अष्टम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ… (विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

बुध ग्रह आपकी कुंडली में सप्तम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ दशम भाव… (विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

बुध ग्रह की कुंडली में छठे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ भाग्य भाव के भी… (विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

बुध ग्रह आपकी कुंडली में पंचम भाव के स्वामी होते हैं। साथ ही साथ यह आपके … (विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

बुध ग्रह की कुंडली में चतुर्थ भाव के स्वामी होने के साथ-साथ सप्तम भाव के भी स्वामी…(विस्तार से पढ़ें)

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. बुध का तुला राशि में गोचर कब होगा?

इस साल बुध का तुला राशि में गोचर 03 अक्टूबर 2025 को होने जा रहा है। 

2. तुला राशि का स्वामी कौन है?

राशि चक्र की सातवीं राशि तुला के अधिपति देव शुक्र ग्रह हैं। 

3. ज्योतिष में बुध ग्रह का क्या महत्व है?

ज्योतिष के अनुसार, बुध ग्रह बुद्धि, वाणी, व्यापार, संचार कौशल और तर्क के कारक ग्रह हैं।