गणेश चतुर्थी 2022: 300 वर्षों बाद बना यह दुर्लभ योग- इस दौरान बाप्पा की पूजा से आजीवन मिलेगा उनका आशीर्वाद!

देश में गणेश उत्सव की धूम नज़र आने लग गयी है। यह वो समय होता है जब बाप्पा हमारे घरों में आते हैं और 10 दिनों तक हमारे साथ ही रहते हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि बाप्पा के भक्त विघ्नहरता को घर लाने, उनकी सेवा करने, उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए तैयार और आतुर हैं। इस त्यौहार को बहुत सी जगह पर विनायक चतुर्थी तो कहीं पर विनायक चौथ के नाम से भी जाना जाता है और इस वर्ष गणेश चतुर्थी का यह पावन पर्व 31 अगस्त, 2022 को मनाया जाएगा।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार बात करें तो गणेश चतुर्थी का यह पावन पर्व 10 दिनों के लिए मनाया जाता है। यह भाद्रपद महीने में पड़ता है। यह 10 दिन पूरी तरह से विघ्नहर्ता भगवान गणेश को समर्पित होते हैं। पुराणों के अनुसार यह गणेश भगवान का जन्म दिवस होता है।

देश और दुनिया भर में फैले भगवान गणेश के भक्त इस समय का सालभर इंतजार करते हैं ताकि वह इस दिन बाप्पा को अपने घर ला सकें। हालांकि कहा जाता है कि अगर आपको इस त्यौहार का असली रंग देखना है तो आपको महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, गोवा, तेलंगाना, या फिर कर्नाटक अवश्य जाना चाहिए।

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यूं तो गणेश चतुर्थी का यह पावन त्यौहार अपने आप में बेहद ही खास होता है लेकिन वर्ष 2022 में पड़ने वाली गणेश चतुर्थी का महत्व 10 गुना ज्यादा बताया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान कई अद्भुत और दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। इनमें से एक संयोग 10 वर्षों बाद बन रहा है तो एक अति दुर्लभ संयोग 300 साल बाद बनने जा रहा है। 

स्वाभाविक सी बात है इतना जानकर आपके मन में भी इन योगों के बारे में जानने की जिज्ञासा उठी होगी। तो इस बारे में निश्चिंत रहें क्योंकि ऐस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं। तो इस विशेष ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानें की क्या है इन अद्भुत और अति दुर्लभ संयोग का महत्व।

सबसे पहले बात करते हैं गणेश चतुर्थी के शुभ मुहूर्त के बारे में,

गणेश पूजन के लिए मध्याह्न मुहूर्त : 11:04:43 से 13:37:56 तक

अवधि : 2 घंटे 33 मिनट

ध्यान रखें, ऊपर दिया गया मुहूर्त केवल नई दिल्ली के लिए मान्य है। यदि आप अपने शहर के अनुसार इस दिन का शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें

हालांकि गणेश चतुर्थी के दिन कुछ समय के लिए चंद्रमा दर्शन वर्जित होता है। ऐसी मान्यता है कि यदि इस अवधि में कोई व्यक्ति चंद्रमा के दर्शन कर ले तो उसकी मानहानि होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में नीचे हम आपको उस समय की जानकारी प्रदान कर रहे हैं। इस दौरान आपको चंद्रमा के दर्शन भूलकर भी नहीं करना है।

समय जब चन्द्र दर्शन नहीं करना है : 15:35:21 से 20:38:59 तक 30, अगस्त को

समय जब चन्द्र दर्शन नहीं करना है : 09:26:59 से 21:10:00 तक 31, अगस्त को

यदि आप गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा दर्शन वर्जित क्यों होता है इस बारे में विस्तृत लेख पढ़ना चाहते हैं तो आप हमारा यह ब्लॉग पढ़ सकते हैं।

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गणेश चतुर्थी पर बप्पा को घर लाने और उनकी पूजा करने का महत्व

समृद्धि: हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित बनता है और उसके जीवन में सुख समृद्धि आती है।

ज्ञान: क्या आप यह जानते हैं कि गणपति का हाथी सिर ज्ञान का प्रतीक होता है? जी हां यह बात बिल्कुल सच है और इसीलिए भगवान गणेश की पूजा करने से आपको जीवन में ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिलती है।

धैर्य: इसके अलावा भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश को धैर्यवान श्रोता का प्रतीक माना गया है इसीलिए जो कोई भी व्यक्ति ईमानदारी और सच्ची श्रद्धा से भगवान गणेश की पूजा करते हैं उनके जीवन में आंतरिक शक्ति प्राप्त होती है। साथ ही ऐसे व्यक्ति का ध्यान बढ़ता है और यह लोग अपने जीवन में ज्यादा है शांत और धैर्यवान बनते हैं।

सौभाग्य: मान्यता है कि जो कोई भी व्यक्ति अपने घर में स-सम्मान और सही मुहूर्त देखकर सही विधि से बाप्पा को लाते हैं और भक्तिभाव से उनकी पूजा करते हैं ऐसे व्यक्तियों को भगवान गणेश सौभाग्य का वरदान देते हैं। वैसे भी भगवान गणेश के बारे में प्रचलित मान्यता है कि भगवान गणेश अपने भक्तों को कभी भी खाली हाथ नहीं वापस जाने देते हैं।

सभी बाधाओं से मिलेगा निवारण: यह बात तो हम सभी जानते हैं कि भगवान गणेश का एक नाम विघ्नहर्ता भी है। यानी कि सभी बाधाओं का नाश करने वाला इसीलिए जो कोई भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा और विश्वास के साथ उनकी पूजा करता है उसके जीवन की सभी बाधाएं भगवान गणेश अवश्य दूर करते हैं।

आत्मा की शुद्धि: बाप्पा यदि आपकी पूजा से प्रसन्न होते हैं तो आपकी को शुद्ध आत्मा का वरदान भी अवश्य देते हैं। इसके साथ ही आपके आसपास मौजूद सभी प्रकार के नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके आपको इस शांतिपूर्ण जीवन प्राप्त करने में भी मदद करते हैं।

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गणेश चतुर्थी पर दुर्लभ संयोग

एस्ट्रोसेज के विद्वान ज्योतिषियों के अनुसार गणेश चतुर्थी 2022 को ऐसे दुर्लभ संयोग बन रहे हैं जो भगवान गणेश के जन्म के समय बने थे। 2022 से पहले यह संयोग वर्ष 2012 यानी कि 10 वर्षों पहले बना था। गणेश पुराण के अनुसार बाप्पा का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था और उस दिन बुधवार था और नक्षत्र चित्रा था। इस वर्ष इसी संयोग में गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी।

साथ ही यह वही योग है जिसमें माँ पार्वती ने मिट्टी से गणेश भगवान को बनाया था और भगवान शिव ने उनमें प्राण डाले थे। इसके अलावा यहां यह भी जानना दिलचस्प होगा कि गणेश चतुर्थी उत्सव के 10 दिनों में से प्रत्येक दिन पर कोई ना कोई शुभ योग बन रहा है इसलिए यह सभी 10 दिन सभी तरह के शुभ कार्यों जैसे वाहन, संपत्ति, आदि की खरीद के लिए बेहद उपयुक्त माने जा रहे हैं।

सिर्फ इतना ही नहीं इसके अलावा गणेश चतुर्थी पर 300 साल बाद एक ऐसा अनोखा अति दुर्लभ संयोग भी बन रहा है जो इस दिन के महत्व को कई गुना बढ़ा देगा। दरअसल गणेश चतुर्थी के 10 दिनों के दौरान सूर्य, बुध, बृहस्पति, और शनि ग्रह अपनी-अपनी स्वराशि में होने वाले हैं। ऐसे में इस योग में आप चाहें तो वाहन, संपत्ति, फ्लैट्स, गहने आदि खरीद सकते हैं। 

इसके अलावा इस वर्ष बृहस्पति ग्रह देह स्तूप योग बना रहा है, जिसे लंबोदर योग के नाम से भी जाना जाता है। यही सब कारण इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर्व की शुभता और महत्व कई गुना बढ़ रहा है। ऐसे में यदि आप इस दौरान को सही विधि विधान से भगवान गणेश की पूजा करते हैं, उन्हें अपने घर पर लाते हैं तो आपको उनका आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होगा।

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गणपति पूजा में इन चीजों को अवश्य करें शामिल

गणेश चतुर्थी के मौके पर लोग बाप्पा को अपने घर लाते हैं, उनकी मूर्ति की स्थापना करते हैं, और उचित  पूजन विधि के साथ उनकी सुबह शाम पूजा करते हैं। इसके अलावा बहुत से लोग भगवान गणेश की एक से ज्यादा मूर्तियां भी अपने घरों में स्थापित करते हैं। लेकिन घर में भगवान गणेश की कुल कितनी मूर्तियां रखना शुभ होता है? जानने के लिए पढ़ें हमारा यह खास ब्लॉग। सावधान: गणपति की मूर्ति की स्थापना करते समय हो सकती है यह गलतियां।

अब जानते हैं कुछ ऐसी चीजों के बारे में जब भगवान गणेश की पूजा में हमें अवश्य शामिल करना चाहिए क्योंकि इनके बिना गणपति की पूजा अधूरी मानी जाती है। 

  • दूर्वा: दूर्वा भगवान गणेश को बेहद ही प्रिय है तो इसे गणपति पूजा में अवश्य शामिल करें। 
  • मोदक: भगवान गणेश को मोदक बेहद ही प्रिय है। मोदक भगवान गणेश की पसंदीदा मिठाई है। ऐसे में भगवान को भोग के रूप में मोदक अवश्य चढ़ाएं। इससे उनकी प्रसन्नता शीघ्र हासिल होती है। 
  • केला: बप्पा का सबसे प्रिय फल है केला इसलिए गणेश चतुर्थी की पूजा में केला अवश्य शामिल करें। 
  • सिंदूर: हिंदू धर्म में सिंदूर का तिलक लगाना बेहद शुभ माना गया है। ऐसे में गणपति भगवान की पूजा में सिंदूर अवश्य शामिल करें और स्वयं इसका तिलक भी लगाएँ।
  • गन्ना: भगवान गणेश की पूजा में गन्ना अवश्य शामिल किया जाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से आपके जीवन में भी मिठास घुलने लगती है।
  • लाल फूल: भगवान गणेश की पूजा में लाल रंग के फूल भी अवश्य शामिल करें।

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गणेश उत्सव के दौरान 10 दिनों का कैलेंडर

तारीख़ और दिन किस चीज़ की करें ख़रीदारी 
31 अगस्त, 2022  बुधवारगणेश स्थापना, किसी भी तरह की खरीदारी और नई शुरुआत के लिए यह मुहूर्त बेहद ही शुभ है।  
1 सितंबर, 2022  गुरुवारप्रॉपर्टी, वाहन, ज्वेलरी, खरीदने के लिए यह दिन बेहद शुभ है। 
2 सितंबर, 2022 शुक्रवार घर बुक करने और किसी भी तरह की खरीदारी करने के लिए मुहूर्त बेहद शुभ है।
3 सितंबर, 2022 शनिवारइस दिन अमृत योग होगा। ऐसे में कोई भी नई शुरुआत करने के लिए यह दिन बेहद उपयुक्त रहने वाला है। 
4 सितंबर, 2022 रविवारप्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए दिन बाद ही उपयुक्त है। 
5 सितंबर, 2022 सोमवारकोई ज़मीन या मकान खरीदने के लिए दिन बेहद शुभ है।
6 सितंबर, 2022 मंगलवारहर तरह की खरीदारी के लिए यह दिन बेहद ही शुभ है।
7 सितंबर, 2022 बुधवारप्रॉपर्टी खरीदने, कंस्ट्रक्शन, नौकरी और व्यवसाय शुरू करने के लिए दिन शुभ रहेगा।
8 सितंबर, 2022 गुरुवार  वाहन खरीदने के लिए बेहद शुभ है।
9 सितंबर, 2022 शुक्रवारवाहन खरीदने के लिए बेहद शुभ है।

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