सीबीएसई बोर्ड का दसवीं का नतीजा आ चुका है। परीक्षा में 13 छात्रों ने टॉप किया है यानी इन 13 बच्चों को एक समान नंबर मिले हैं। इन बच्चों ने 500 में से 499 अंक हासिल किए हैं। बच्चों की यह सफलता उनकी मेहनत का नतीजा तो है लेकिन इसमें ज्योतिषीय योग शामिल है, क्योंकि वैदिक ज्योतिष के जानकार हजारों बार यह साबित कर चुके हैं कि जब तक कुंडली में अच्छी शिक्षा का योग ना हो, बच्चे को शिक्षा में कामयाबी नहीं मिल सकती।
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि का कारक ग्रह माना गया है और बृहस्पति ग्रह को ज्ञान का कारक ग्रह माना गया है। इसलिए अच्छी शिक्षा के लिए बच्चे की कुण्डली में बुध तथा गुरु दोनों का शानदार होना बेहद जरुरी है। यदि यह ग्रह अच्छी स्थिति में होंगे तो जातक को शिक्षा में अच्छा स्थान प्रदान करेंगे। यदि इन ग्रहों का संबंध केन्द्र या त्रिकोण भाव से है तो भी शिक्षा के स्तर में बढ़ोतरी होती है।
जन्मकुंडली में पंचम भाव शिक्षा का होता है, लेकिन सिर्फ पंचम भाव से पूरी शिक्षा का पता नहीं चलता। शिक्षा के विषय में जानने के लिए दूसरे भाव का विवेचन करना भी जरुरी होता है। बच्चे की एकदम से आरंभिक शिक्षा का स्तर तथा संस्कार दूसरे भाव से देखे जाते हैं।
चौथा भाव कुण्डली का सुख स्थान कहा जाता है। शुरुआती शिक्षा के बाद स्कूल की पढा़ई का स्तर इस भाव से देखा जाता है। इस भाव के आधार पर बच्चे की आगे की शिक्षा का स्तर बताया जा सकता है।
पंचम भाव को शिक्षा में सबसे महत्वपूर्ण भाव माना गया है। इस भाव का कारक ग्रह भी गुरु हैं इसलिए इस भाव से मिलने वाली शिक्षा आजीविका में सहयोगी होती है। यानी माना जा सकता है कि दसवीं और 12वीं परीक्षा के नतीजों में शानदार परिणाम हासिल करने वाले बच्चों की कुंडली में गुरु मजबूत स्थिति में होता है।
जब बच्चे की अच्छी शिक्षा के बारे में ज्योतिषीय पड़ताल की जाती है तो पंचम के अलावा लग्न और नवम भाव पर भी विचार आवश्यक होता है। यदि लग्न का स्वामी पंचम, नवम् या केंद्र भाव में है तो जातक की शिक्षा शानदार होती है।
आपको यह जानकार हैरानी होगी कि ग्रहों की मजबूत स्थिति के आकलन के साथ बच्चे के करियर की पड़ताल हो सकती है। मसलन यदि पंचम भाव में सूर्य है तो प्रशासनिक सेवा की तैयारी करना चाहिए। मंगल पुलिस सेवा देता है। शनि तकनीकी फील्ड, विधि और मेडिकल एजुकेशन देता है।
शुक्र ग्रह मीडिया और फिल्म तथा फाइनेंशल फील्ड में भविष्य बनाता है। बुध ग्रह की मजबूत स्थिति अच्छे विश्वविद्यालय से MBA कराता है।
यदि आप 500 में से 499 या 490 से ज्यादा अंक हासिल करने वाले बच्चों की कुंडली को देखेंगे तो पाएंगे कि उनकी कुंडली में कुछ खास शिक्षा योग हैं। मसलन
- दूसरे भाव के मालिक व पंचम भाव के मालिक में राशि परिवर्तन होने तथा शुभ ग्रह की दशा हो सकती है
- शुक्र व गुरु की युति होगी
- दशमेष उच्च का होगा और पंचमेश से संबंध होगा
- दूसरे व पंचम भाव के मालिक एक साथ त्रिकोण (5,9) स्थान में स्थित हो सकते हैं
- बुध व गुरु उच्च के होंगे और बली होंगे
- दूसरे या पांचवे स्थान का मालिक बली हो तथा लग्न में शुभ ग्रह होने पर जातक को उच्च शिक्षा प्राप्त होती हैं।
* चंद्र के उच्च का होने की पूरी संभावना है और बहुत संभव है कि शुभ ग्रहों से युक्त होगा
इसके अलावा कुछ योग भी शिक्षा में सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं जैसे –
सरस्वती योग
गुरु ,शुक्र ,बुध यदि किसीभी भाव में युक्त हो या लग्न , द्वितीया, चतुर्थ , पंचम , दशम में हो तो सरवस्ती योग बनता है
बुध योग
गुरु लग्न में और चन्द्रमा केंद्र में हो व चंद्र्मा में दुसरे घर में राहू व राहू से तीसरे भाव में मंगल या सूर्या हो तो बुद्धि योग बनता है
बुद्धिचातुर्य योग
पंचमेश शुभ ग्रह हो कर अन्य शुभ ग्रह से दृष्ट होकर किसी शुभ राशि में बैठा हो तो बुद्धिचातुर्य
ऐसे कई योग बच्चे की कुंडली में मजबूत शिक्षा के योग दर्शाते हैं, वो भी अच्छे अंकों के साथ। तो 499 अंक वालों की कुंडली में इस तरह के योग अनिवार्य हैं। लेकिन, याद रखिए कि 499 अंक का अर्थ जीवन में सफलता का होना नहीं है। इसके लिए कुंडली में दूसरे कई योग भी आवश्यक हैं।