ग्रहण। सिर्फ इस एक शब्द को सुनकर लाखों लोग डर जाते हैं। लेकिन, सच यही है कि ग्रहण से जुड़ी कुछ मान्यताएं अवश्य हैं, लेकिन ग्रहण सभी के लिए अशुभ या नकारात्मक नहीं होता। इस वर्ष का पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण के रूप में कुछ देर में लगने जा रहा है।
चंद्रग्रहण आरंभ समय- 2.17 दोपहर
चंद्रग्रहण समाप्ति समय- 7.19 शाम
(भारतीय समयानुसार)
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चंद्रग्रहण के दिन ग्रहों का योग
चंद्रग्रहण सदैव पूर्णिमा के दिन पड़ता है, और इस बार चंद्रग्रहण के दिन बुद्ध पूर्णिमा भी है। आज बुध, शुक्र और शनि ग्रह स्वराशि में हैं, और बुद्ध पूर्णिमा के संयोग में पूरे दिन सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, शिव और सौम्य योग रहेंगे। यह बात आज के दिन को विशेष बना रही है।
भारतीय ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह चंद्रग्रहण विश्व के कई क्षेत्रों में पूर्ण चंद्र ग्रहण के रूप में दिखेगा परन्तु भारत में यह एक उपच्छाया चंद्रग्रहण के रूप में देश के पूर्वोत्तर भाग में और पश्चिम बंगाल के कुछ भाग में दिखाई पड़ेगा। अधिकांश ज्योतिषी मानते हैं कि उपच्छाया चंद्रग्रहण होने की वजह से सूतक काल पूरे देश में मान्य नहीं है। लेकिन, आपके लिए यह जानना जरूरी है कि सूतक काल होता क्या है।
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सूतक काल
सूतक का अर्थ है, ऐसा खराब या मुश्किल वक्त, जिस दौरान प्रकृति संवेदनशील हो जाती है। मान्यता है कि ऐसे खराब वक्त में अनहोनी होने की ज्यादा आशंका रहती है। इसलिए इस समय कुछ कार्यों को करने में सावधानी बरतने की जरूरत मानी गई है। सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों में सूतक लगता है। सूर्य ग्रहण के समय सूतक 12 घंटे पहले लगता है। जबकि चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक 9 घंटे पहले लगता है। चूंकि, इस बार ये चंद्रग्रहण सिर्फ उत्तर पूर्व के राज्यों में दिखेगा तो ज्योतिषी मानते हैं कि सूतक वहीं मान्य माने जाने चाहिए।
ज्योतिष के मुताबिक चंद्रमा राशियों में कर्क राशि का स्वामी और नक्षत्रों में रोहिणी, हस्त और श्रवण नक्षत्र का स्वामी है। सभी ग्रहों में चंद्रमा की गति सबसे तेज होती है। चंद्रमा मन का कारक है और चंद्रग्रहण का सीधा प्रभाव व्यक्ति के मन पर पड़ता है। विद्वान मानते हैं कि जिनकी कुंडली में चंद्रमा दोष होता है, उन्हें चंद्रग्रहण अधिक प्रभावित करता है। लेकिन, इसके अतिरिक्त ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के मुताबिक चंद्रग्रहण अलग अलग राशि के जातकों को अलग अलग तरह से प्रभावित कर सकता है।
इन तीन राशि वाले जातकों को रहना होगा सावधान-
चंद्रग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा। इस कारण इसका ज्यादा प्रभाव इसी राशि और नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों पर पड़ेगा। इसके साथ ही दो और राशि के जातकों को रहना होगा सावधान।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों पर ये चंद्रग्रहण खासा असर डाल सकता है। कुछ आर्थिक नुकसान की आशंका है, और खर्चों में अचानक बढ़ोतरी होगी। प्रेम संबंधों में कुछ अनबन दिख सकती है। इसके अलावा, स्वास्थ्य को लेकर बहुत ज्यादा सजगता बरतने की जरूरत है।
उपाय – गरीबों को ग्रहण के दौरान दान करें व ॐ नमः शिवाय का जाप करें ।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए यह ग्रहण विशेष महत्वपूर्ण रहने वाला है। क्योंकि ये आपकी ही राशि में लगेगा। किसी लम्बी यात्रा से बचें क्योंकि सफर के दौरान बड़ी मुश्किलें आएंगी। संचित धन को सुरक्षित रखें और बहुत सोच समझकर खर्च करें क्योंकि धन हानि की आशंका है। परिवार के बड़े बुजुर्गों का स्वास्थ्य मन को विचलित कर सकता है। माता का विशेष ध्यान रखें।
उपाय – तरल पदार्थ से जुड़ी हुई वस्तु दान करें व कुलदेवी की पूजा करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के लोगों के लिए भी चंद्रग्रहण कुछ तनाव ला सकता है। परिवार में नजदीकी रिश्तेदार के स्वास्थ्य अचानक बिगड़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। विदेशी कारोबार में धन लगाने से बचें। नौकरी और बिजनेस में आर्थिक परेशानियां बढ़ सकती हैं, जिससे मानसिक तनाव हो सकता है। लेकिन, ये संकट वक्त के साथ बीत जाएगा। भाई-बहन के साथ बिना कारण विवाद हो सकता है।
उपाय – माँ भगवती सिद्धि कुंजिका का पाठ करें।
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इन तीन राशि के जातकों के अलावा बाकी राशि के जातकों के लिए चंद्रग्रहण सामान्य रहेगा। हालांकि, अलग अलग मामलों में इसके असर को आप विस्तार से यहां पढ़ सकते हैं।
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चंद्रग्रहण के बाद दान का महत्व
ग्रहण की नकारात्मकता को दान से बहुत तेजी से दूर किया जा सकता है, इसलिए चंद्रग्रहण के बाद दान हमेशा से बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।
आप चावल, चीनी, चाँदी और दूध आदि दान कर सकते हैं।
अब कभी भी करें डॉ सुनील बरमोला से सीधा फोन पर बात!
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