शनि गोचर 2023: शनि देव करेंगे 30 साल बाद अपनी ही राशि कुंभ में प्रवेश, जानें किन राशियों के बिगड़ेंगे काम!

सूर्य देव के पुत्र और कर्मफल दाता शनि देव को नवग्रहों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है जिनकी चाल, दशा और गोचर व्यक्ति को राजा से रंक बनाने की क्षमता रखती है। शनि का गोचर तब और भी अहम हो जाता है जब ये शनि की स्वराशि में होने जा रहा हो। एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको 30 साल बाद कुंभ राशि में होने जा रहे शनि के गोचर के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि नए साल के पहले ही महीने में होने वाला शनि गोचर जातकों के जीवन को कैसे प्रभावित करेगा। 

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

शनि करेंगे 30 साल बाद कुंभ राशि में गोचर

वैसे तो, ज्योतिष में शनि को कुंभ और मकर राशि का स्वामित्व प्राप्त है लेकिन इनकी स्थिति सभी 12 राशियों के लिए महत्वपूर्ण मानी गई है। अब शनि 30 साल बाद स्वयं की राशि कुंभ में गोचर करने जा रहे हैं। आपको बता दें कि शनि ढाई साल बाद एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं लेकिन किसी राशि में शनि का पुनः गोचर 30 साल बाद होता है, यानी राशिचक्र को पूरा करने में शनि को 30 साल का समय लगता है। शनि देव के इस गोचर के साथ ही साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा। अब आइये जानते हैं कुंभ में शनि गोचर की तिथि और समय के बारे में।  

यह भी पढ़ें: राशिफल 2023

शनि का कुंभ राशि में गोचर: तिथि और समय 

विज्ञान, तकनीक, लोहा, कर्मचारी, सेवक के कारक ग्रह माने जाने वाले शनि देव नए साल की शुरुआत में 17 जनवरी 2023 को शाम 05 बजकर 04 मिनट पर स्वयं की राशि मकर से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे और पूरे वर्ष इसी राशि में बने रहेंगे। पंचांग के अनुसार, शनि ग्रह का ये राशि परिवर्तन माघ माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पर होगा और माना जाता है जब शनि एकादश भाव यानी कुंभ में गोचर करते हैं तो ये सभी राशियों के लिए लाभ की स्थिति का निर्माण करते हैं। 

विस्तार से पढ़ें शनि का कुंभ राशि में गोचर

शनि का कुंभ राशि में गोचर, इन राशियों की बढ़ेगी मुसीबतें 

अगर हम शनि गोचर के प्रभाव की बात करें तो, शनि महाराज के कुंभ राशि में प्रवेश के साथ ही कुछ राशियों को साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति मिलेगी, तो कुछ राशियों पर शनि की साढ़े साती और ढैय्या की शुरुआत होगी। जिन राशियों पर शनि साढ़े साती का आरम्भ होगा उन राशियों के नाम हैं: मकर, मीन और कुंभ। वहीं, कर्क और वृश्चिक राशि में भी ढैय्या शुरु हो जाएगी। साथ ही, किन राशियों से समाप्त होगा साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव, जानने के लिए क्लिक करें। 

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

30 साल बाद शनि का कुंभ राशि में गोचर, क्या परिवर्तन लेकर आएगा देश-दुनिया में? 

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, विश्व में जब भी कोई बड़ा परिवर्तन आया है या फिर कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा आई है उसमें शनि से लेकर मंगल, राहु-केतु की विशेष भूमिका रही है। पिछली बार जब शनि ने 30 साल बाद 24 जनवरी 2020 को स्वयं की राशि मकर में प्रवेश किया था तब दुनिया को महामारी, युद्ध और कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था जिसके नतीजे मानव जाति आज भी भुगत रही हैं। चलिए अब नज़र डालते हैं कुंभ राशि में शनि गोचर के प्रभावों पर। 

करियर में मिलेगी तरक्की 

कुंभ राशि में शनि का गोचर करियर के क्षेत्र में प्रगति लेकर आएगा और इन लोगों को अपनी मेहनत के अनुसार फल प्राप्त होंगे, यानी जो लोग ऑफिस में जितनी मेहनत करेंगे उन्हें उतने ही अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। शनि गोचर की अवधि करियर के लिए फलदायी साबित होगी। 

नौकरी में बन रहे प्रमोशन के योग 

शनि गोचर की अवधि नौकरी करने वाले जातकों के लिए शुभ रहेगी और ऐसे में, इन्हें कार्यक्षेत्र में बेहतर परिणामों की प्राप्ति होगी। कामकाज में आपका प्रदर्शन अच्छा रहेगा और आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होगी। आप जिस कार्य को करेंगे उसमें सफलता पाएंगे और काम में भी सराहना मिलेगी। पदोन्नति और इन्क्रीमेंट मिलने की प्रबल संभावना है। 

नये साल में करियर की कोई भी दुविधा कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से करें दूर

व्यापार में मिलेगा चौतरफा लाभ

व्यापार करने वाले लोगों के लिए शनि का कुंभ राशि में गोचर अनुकूल रहेगा। इस समय आपके बिज़नेस का विस्तार होगा और आप व्यवसाय को शीर्ष पर ले जाने के लिए नई रणनीतियों का निर्माण करेंगे। शनि गोचर के दौरान आप कम निवेश करके भी ज्यादा मुनाफा कमाने में सक्षम होंगे।  

रिश्तों में आएगा उतार-चढ़ाव 

शनि गोचर के दौरान भाई-बहनों के रिश्ते में मधुरता बनी रहेगी और आप एक-दूसरे का सहयोग भी करेंगे। वहीं, शादीशुदा लोगों की बात करें तो, इन लोगों को वैवाहिक जीवन में सावधान रहने की सलाह दी जाती है। संभव है कि काम के सिलसिले में आपको थोड़े समय के लिए पार्टनर से दूर जाना पड़ें। हालांकि, शनि के दुष्प्रभावों से बचने के लिए आप एस्ट्रोसेज के विशेषज्ञ ज्योतिषियों द्वारा बताये गए अचूक एवं सरल उपायों को कर सकते है, विस्तार से जानने के लिए क्लिक करें। 

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.