शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर: वैदिक ज्योतिष में शुक्र को एक प्रमुख ग्रह माना जाता है जो मनुष्य जीवन को प्रभावित करने का सामर्थ्य रखते हैं। व्यक्ति के जीवन में शुक्र प्रेम, शादी-विवाह सहित वैवाहिक जीवन को नियंत्रित करते हैं और इनकी शुभ स्थिति से ही किसी व्यक्ति का जीवन प्यार से गुलज़ार रहता है। इस प्रकार, जब-जब शुक्र ग्रह अपनी राशि, चाल या दशा में परिवर्तन करते हैं, तो इसका असर प्रत्येक व्यक्ति के साथ-साथ देश और दुनिया पर भी पड़ता है। अब शुक्र 13 अक्टूबर 2024 को वृश्चिक राशि में गोचर करने जा रहे हैं। एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में आपको शुक्र गोचर से संबंधित सारी जानकारी प्राप्त होगी जैसे की तिथि, समय एवं प्रभाव आदि।
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इसके अलावा, शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर होने से किन राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम और किन राशियों की बढ़ेंगी मुश्किलें? क्या प्रेम जीवन रहेगा प्यार से पूर्ण या फिर होगी तकरार आदि सवालों के जवाब भी आपको इस ब्लॉग में मिलेंगे। साथ ही, शुक्र गोचर के दौरान किन उपायों को करना होगा फलदायी? यह भी हम आपको बताएंगे। तो चलिए बिना रुके शुरुआत करते हैं इस लेख की और सबसे पहले जानते हैं शुक्र गोचर का समय।
शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर: तिथि एवं समय
प्रेम एवं भोग-विलासिता के कारक कहे जाने वाले शुक्र महाराज का गोचर सामान्य रूप से हर महीने होता है क्योंकि यह राशि चक्र की प्रत्येक राशि में सिर्फ 23 दिनों के लिए रहते हैं और इसके बाद दूसरी राशि में गोचर कर जाते हैं। अब शुक्र महाराज 13 अक्टूबर 2024 की सुबह 05 बजकर 49 मिनट पर वृश्चिक राशि में गोचर कर जाएंगे। बता दें कि शुक्र महाराज अपनी राशि तुला से निकलकर मंगल देव की राशि वृश्चिक में प्रवेश करेंगे। इस राशि में शुक्र देव 07 नवंबर तक रहेंगे और इसके बाद गुरु की राशि धनु में चले जाएंगे। ऐसे में, इस गोचर का प्रभाव जातकों के जीवन पर अलग-अलग तरह से दिखाई दे सकता है।
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ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में शुक्र को स्त्री ग्रह माना जाता है जो व्यक्ति को जीवन में सभी तरह की सुख-सुविधाएं, ऐशोआराम और प्रेम एवं रोमांस से पूर्ण जीवन प्रदान करते हैं। इन्हें एक शुभ और लाभदायक ग्रह का दर्जा प्राप्त है, तो वहीं हिंदू धर्म में शुक्र देव को असुरों के गुरु कहा जाता है। राशि चक्र की दो राशियों वृषभ और तुला राशि पर शुक्र महाराज को आधिपत्य प्राप्त हैं जबकि सभी 27 नक्षत्रों में यह भरणी, पूर्वाफाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों के स्वामी माने गए हैं। बात करें इनके मित्र ग्रहों की तो, न्याय के देवता शनि और बुद्धि के कारक ग्रह बुध के साथ शुक्र के मैत्रीपूर्ण संबंध है जबकि सूर्य और चंद्रमा को इनका शत्रु माना जाता है।
अगर कोई ज्योतिषी किसी व्यक्ति की कुंडली में प्रेम भाव का विश्लेषण करते हैं, तो उस समय शुक्र ग्रह की स्थिति को अवश्य देखा जाता है। इसका सबसे प्रमुख कारण है कि व्यक्ति की कुंडली में शुक्र महाराज के शुभ और बलवान होने पर व्यक्ति का जीवन प्रेम, आनंद और खुशियों से भरा रहता है। मज़बूत शुक्र वाले लोगों का जीवन प्रेम से पूर्ण होता है और इन्हें कभी भी प्यार की कमी का अहसास नहीं होता है। ऐसे जातक जिनकी कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति शुभ होती हैं, वह एक्टिंग, सिंगिंग, पेंटिंग, संगीत आदि क्षेत्रों में नाम कमाते हैं।
इसके विपरीत कुंडली में शुक्र ग्रह के अशुभ या कमज़ोर होने पर जातकों का जीवन निर्धनता और आलस से भर जाता है। पुरुषों में शुक्र की दुर्बल अवस्था कामुक शक्तियों को कमज़ोर करता है, तो महिलाओं में गर्भपात की वजह बनता है।
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वृश्चिक राशि में शुक्र की विशेषताएं
- प्रेम, भोग-विलास, ऐश्वर्य एवं सुंदरता के ग्रह शुक्र राशि चक्र की आठवीं राशि वृश्चिक में प्रवेश करने जा रहे हैं जिसका संबंध इच्छा, वासना, अनिश्चितताओं और रहस्य से है।
- वृश्चिक राशि जल तत्व की स्थिर राशि है और मंगल महाराज के स्वामी होने की वजह से यह राशि ऊर्जा से पूर्ण होती है।
- हालांकि, मंगल और शुक्र की इस स्थिति को ज्यादा अच्छी नहीं कहा जा सकता है, लेकिन फिर भी यह वृश्चिक राशि में शुक्र के तहत जन्म लेने वाले जातकों को विशेष रूप से प्रभावित करती है।
- इस स्थिति के अंतर्गत पैदा होने वाले लोग बेहद उत्साही और कार्यों को आगे बढ़कर करने वाले होते हैं। हालांकि, यह किसी भी तरह के मूर्खतापूर्ण कामों से दूर रहना पसंद करते हैं।
- इन जातकों का व्यक्तित्व हिम्मत और साहस से भरा होता है। साथ ही, मजबूत इच्छाशक्ति वाले व्यक्ति होते हैं।
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कमज़ोर शुक्र के लक्षण
किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह कमज़ोर होने पर कुछ इस तरह जीवन को प्रभावित करते हैं।
- जिन जातकों की कुंडली में शुक्र महाराज कमजोर होते हैं, उन्हें जीवन में आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। साथ ही, पैसों की कमी की समस्या बनी रहती है।
- ज्योतिष की मानें, तो शुक्र ग्रह के दुर्बल होने पर घर में दरिद्रता का वास होने लगता है।
- शुक्र की अशुभ स्थिति व्यक्ति के शादीशुदा जीवन में समस्याओं का कारण बनती है और परेशानियां बढ़ने लगती हैं।
- जब किसी इंसान की कुंडली में शुक्र कमज़ोर होता है, उसे अपने जीवन के हर कार्य में असफलता प्राप्त होती है और तमाम मेहनत के बाद भी प्रगति के मार्ग में बाधाएं बनी रहती हैं।
शुक्र ग्रह के कमज़ोर होने पर दिखाई देने वाले लक्षणों को जानने के बाद अब हम बात करेंगे कुंडली में मज़बूत शुक्र की।
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मज़बूत शुक्र के लक्षण
- ऐसे जातक जिनकी कुंडली में शुक्र शुभ होते हैं, उनका व्यक्तित्व आकर्षक होता है। साथ ही, यह लोग बहुत सुंदर होते हैं।
- मज़बूत शुक्र वाले लोग अपने पहनावे का विशेष रूप से ध्यान रखते हैं।
- कुंडली में शुक्र महाराज के मज़बूत होने पर जातकों को महंगी और लक्ज़री वस्तुएं बहुत पसंद होती हैं।
- शुक्र देव के शुभ होने पर व्यक्ति एंटरटेनमेंट और मीडिया जगत में अपनी चमक बिखेर सकता है। इसके अलावा, इनका संबंध एविएशन इंडस्ट्री से भी हो सकता है यानी कि पायलट आदि बन सकते हैं।
- शुक्र ग्रह का शुभ प्रभाव होने से व्यक्ति का प्रेम और वैवाहिक जीवन अच्छा रहता है। साथ ही, पार्टनर से तालमेल शानदार होता है।
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शुक्र ग्रह को मज़बूत करने के लिए जरूर करें ये उपाय
- शुक्रवार के दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें और उन्हें पांच लाल रंग के फूल अर्पित करें।
- प्रतिदिन शुक्र देव के मंत्र “ऊँ शुक्राय नम:” का 108 बार जाप करें।
- संभव हो, तो शुक्रवार के दिन क्रीम या गुलाबी रंग के वस्त्र धारण करें।
- कमज़ोर शुक्र की वजह से वैवाहिक जीवन में उत्पन्न समस्याओं को दूर करने के लिए अपने बैडरूम में रोज क्वार्ट्ज स्टोन रखें।
- शुक्रवार को मंदिर में जाएं और महिला पुजारियों को सफेद मिठाई का दान करें।
- शुक्र का आशीर्वाद पाने के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद अपने दाहिने हाथ की छोटी उंगली में ओपल या सोने की अंगूठी में हीरा पहनें।
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शुक्र का वृश्चिक राशि में गोचर: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए शुक्र आपके दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके…(विस्तार से पढ़ें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र महाराज आपके लग्न भाव और छठे भाव के स्वामी हैं। अब यह ……(विस्तार से पढ़ें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके बारहवें भाव और पांचवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके छठे… (विस्तार से पढ़ें)
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपके ग्यारहवें और चौथे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके पांचवें भाव में गोचर… (विस्तार से पढ़ें)
सिंह राशि
सिंह राशि वालों की कुंडली में शुक्र ग्रह को दसवें भाव और तीसरे भाव का स्वामित्व प्राप्त है। अब शुक्र वृश्चिक… (विस्तार से पढ़ें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र ग्रह आपके नौवें और दूसरे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके तीसरे भाव …(विस्तार से पढ़ें)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज आपके लग्न/पहले और आठवें भाव के स्वामी हैं जो कि 13 अक्टूबर…(विस्तार से पढ़ें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह आपके सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह गोचर… (विस्तार से पढ़ें)
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए शुक्र महाराज आपके छठे भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके बारहवें… (विस्तार से पढ़ें)
मकर राशि
मकर राशि वालों की कुंडली में शुक्र ग्रह को दसवें और पांचवें भाव का स्वामित्व प्राप्त है। अब यह आपके… (विस्तार से पढ़ें)
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र आपके नौवें भाव और चौथे भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके दसवें भाव में… (विस्तार से पढ़ें)
मीन राशि
मीन राशि वालों की कुंडली में शुक्र ग्रह को तीसरे और आठवें भाव का स्वामित्व प्राप्त है। अब यह आपके… (विस्तार से पढ़ें)
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह भौतिक सुख, भोग-विलास, वैवाहिक सुख, शौहरत, कला, सुंदरता और रोमांस आदि के कारक ग्रह हैं।
शुक्र ग्रह को मज़बूत करने के लिए सफ़ेद रंग की चीज़ों का दान करना फलदायी रहता है।
राशि चक्र की आठवीं राशि वृश्चिक के स्वामी मंगल ग्रह हैं।