बुध ग्रह सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है और यह सूर्य के सबसे निकट भी है। बुध अक्सर सूर्य के नजदीक ही भ्रमण करते हैं इसलिए बुध अस्त होने की संभावना भी ज्यादा रहती हैं। जब बुध अस्त होते हैं तो उनकी ऊर्जा कमज़ोर मानी जाती है, जिसका प्रभाव ज्योतिष में विशेष महत्व रखता है। बुध अस्त होने पर, इसकी सकारात्मक और शुभ ऊर्जा में कमी आती है, जिससे व्यक्तियों के जीवन में कई प्रकार की समस्याएं और चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं।
बुध ग्रह बुद्धि, वाणी, संचार, व्यापार, शिक्षा, तर्कशक्ति और त्वरित निर्णय क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। जब बुध अस्त होते हैं, तो इन सभी क्षेत्रों में कमी महसूस किया जा सकता है। ज्योतिष के अनुसार, बुध के अस्त के दौरान नए व्यापार की शुरुआत, महत्वपूर्ण निर्णय लेना या शिक्षा से संबंधित कार्यों की योजना बनाना आदि नए कार्यों को टालने की सलाह दी जाती है। बुध के उदित होते ही इन क्षेत्रों में पुनः सकारात्मकता और प्रगति का अनुभव होने लगता है।
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इस ख़ास ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे सितंबर में सिंह राशि में बुध अस्त की ये ज्योतिषीय घटना सभी 12 राशियों को किस तरह से प्रभावित करेगी। साथ ही, जानेंगे बुध अस्त के नकारात्मक प्रभावों से बचने के कुछ बेहद सरल उपाय। लेकिन, इससे पहले जान लेते हैं बुध सिंह राशि में अस्त की समयावधि।
बुध सिंह राशि में अस्त: समय व तिथि
वैदिक ज्योतिष में बुद्धि, वाणी, शिक्षा, गणित, लेखन, तर्क-वितर्क, ज्योतिष विज्ञान, नृत्य व नाटक, व्यापार आदि के कारक ग्रह बुध 14 सितंबर 2024 की दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर सिंह राशि में अस्त होने जा रहे हैं।
ग्रहों के अस्त होने का अर्थ
अस्त ग्रह उस ग्रह को कहते हैं, जो सूर्य के अत्यधिक निकट आ जाने के कारण आकाश में अदृश्य हो जाता है या बहुत कम दिखाई देता है। ज्योतिष में, इस स्थिति को ग्रह के कमजोर होने का प्रतीक माना जाता है। ग्रह के अस्त होने का अर्थ है कि वह ग्रह अपनी पूरी शक्ति और प्रभाव से कार्य करने में असमर्थ होता है।
बता दें कि ग्रह का अस्त होना एक अस्थायी प्रक्रिया होती है जो कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक हो सकती है। इस अवधि के बाद ग्रह पुनः उदित हो जाते हैं और अपनी सामान्य स्थिति में लौट आते हैं।
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सिंह राशि में बुध अस्त: विशेषताएं
सिंह राशि में बुध का अस्त होना ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है क्योंकि सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं और जब बुध अस्त होते हैं, तो वह सूर्य के अत्यधिक निकट आ जाते हैं। इस कारण बुध की ऊर्जा कमज़ोर हो जाती है और इसका प्रभाव सभी 12 राशि और उनके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ता है। बुध के अस्त होने पर व्यक्ति को अपनी बात स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में कठिनाई हो सकती है। वाणी में नियंत्रण नहीं होता है या शब्दों की वजह से गलतफहमियां उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे संबंधों में तनाव आ सकता है।
सिंह राशि आत्म-केन्द्रित और अहंकारी स्वभाव को दर्शाता है और बुध के अस्त होने पर यह प्रवृत्ति और अधिक बढ़ सकती है। व्यक्ति अपनी बात को दूसरों पर थोपने का प्रयास कर सकता है। बुध बुद्धि और तर्क शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है और इसके अस्त होने पर व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। सिंह राशि के जातक रचनात्मकता और कला के क्षेत्र में विशेष रुचि रखते हैं और बुध के अस्त होने पर इस क्षेत्र में अस्थिरता या रुकावट आ सकती है।
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बुध अस्त के दौरान क्या करें और क्या न करें
बुध के अस्त होने के दौरान कुछ खास सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है क्योंकि इस समय बुध ग्रह की ऊर्जा कमजोर होती है। आइए जानते हैं बुध अस्त के दौरान क्या करना चाहिए और किन कार्यों को करने से बचना चाहिए।
बुध अस्त के दौरान क्या करें:
- इस समय आत्मचिंतन, ध्यान और योग का अभ्यास करना जातक के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। ऐसा करने से आप भ्रम या तनाव से बच सकते हैं।
- पुराने कार्यों की समीक्षा करना और उनमें सुधार करना इस दौरान अच्छा माना जाता है। बुध अस्त के दौरान नए कार्य शुरू करने से बेहतर है कि आप पुराने कार्यों को दोबारा देखें और उनमें आवश्यक सुधार करें।
- बुध अस्त के दौरान वाणी में नियंत्रण और संवाद में धैर्य बनाए रखें। किसी भी तरह की गलतफहमी या असहमति को दूर करने के लिए शब्दों का चयन सोच-समझकर करें।
- बुध अस्त होने के समय मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी होता है। इस समय में नियमित रूप से योग, ध्यान, और संतुलित आहार का पालन करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
बुध अस्त के दौरान क्या न करें:
- बुध के अस्त होने के दौरान नया व्यापार शुरू करने या महत्वपूर्ण वित्तीय निर्णय लेने से बचें। यह समय नए कार्यों की शुरुआत करने के लिए शुभ नहीं माना जाता है।
- इस अवधि में गलतफहमी हो सकती हैं इसलिए महत्वपूर्ण चर्चाओं या विवादास्पद विषयों से बचें। किसी भी स्थिति में जल्दबाजी में निर्णय न लें।
- बुध अस्त के दौरान महंगी वस्तुओं या संपत्तियों की खरीदारी से बचें क्योंकि इस दौरान शुभ परिणाम मिलने की संभावना कम होती है।
- इस समय किसी भी तरह की अति-संवाद, जैसे बहुत अधिक मेल, मैसेज या फोन कॉल्स करने से बचें। इससे गलतफहमियां बढ़ सकती हैं।
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बुध अस्त के दौरान इन उपायों को करने से होगा लाभ
बुध अस्त के दौरान ग्रह की कमजोर ऊर्जा से उत्पन्न समस्याओं और चुनौतियों से निपटने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में:
भगवान गणेश की पूजा
बुध ग्रह का संबंध भगवान गणेश से है, जो बुद्धि और विघ्नहर्ता के रूप में पूजे जाते हैं। बुध अस्त के दौरान भगवान गणेश की पूजा और व्रत करना शुभ माना जाता है। हर बुधवार को गणेश जी की आरती करें और दूर्वा चढ़ाएं।
बुध मंत्र का जाप
“ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का जाप नियमित रूप से करना बुध के अस्त प्रभाव को कम कर सकता है। इस मंत्र का जाप बुधवार को या प्रतिदिन कम से कम 108 बार करें।
हरी वस्तुओं का दान:
बुध ग्रह का वर्ण हरा माना जाता है इसलिए हरी वस्तुओं जैसे हरी सब्जियां, हरे कपड़े या हरी मूंग का दान करें।
विद्यार्थियों के लिए उपाय
जिन विद्यार्थियों को पढ़ाई में कठिनाई हो रही हो, वे बुध अस्त के दौरान हरे रंग की पेंसिल, कलम, या कोई अन्य अध्ययन सामग्री का उपयोग कर सकते हैं। इससे पढ़ाई में एकाग्रता और बुद्धि का विकास होता है।
व्यापार में सुधार
बुध ग्रह को व्यापार का कारण माना जाता है। ऐसे में, यदि बुध अस्त के दौरान व्यापार में रुकावटों का सामना कर रहे हैं तो बुधवार के दिन भगवान गणेश को गुड़ और चने का भोग लगाएं। इससे व्यापार में बरकत और समस्याओं में कमी आएगी।
बुध सिंह राशि में अस्त: राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बुध महाराज 14 सितंबर 2024 की दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर सिंह राशि में अस्त होने जा रहे हैं।
ज्योतिष के मुताबिक, बुध ग्रह कन्या राशि में उच्च के होते हैं।
बुध का गोचर लगभग 14 से 30 दिनों के बीच का होता है।