ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को पराक्रम, शौर्य, रक्त, ऊर्जा, भूमि, शक्ति आदि का कारक माना जाता है। ऐसे में इस महत्वपूर्ण ग्रह में कोई भी परिवर्तन होता है तो विशेष रूप से व्यक्ति के जीवन में बदलाव या परिवर्तन देखने को मिलते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें जल्द ही 12 जुलाई को मंगल ग्रह का वृषभ राशि में महत्वपूर्ण गोचर होने वाला है। ऐसे में अपने खास ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बताने का प्रयत्न करेंगे कि मंगल का गोचर कैसे सभी राशियों पर प्रभाव डालने वाला है और साथ ही जानेंगे इस दौरान किए जाने वाले उपायों की भी जानकारी।
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मंगल का वृषभ राशि में गोचर- क्या रहेगा समय?
सबसे पहले बात करें समय की तो 18 महीने बाद होने वाला मंगल का वृषभ राशि में यह गोचर 12 जुलाई को 19:03 पर होने वाला है। मंगल का यह महत्वपूर्ण गोचर तकरीबन 18 महीनों के बाद होने जा रहा है जिससे स्वाभाविक रूप से कुछ राशियों को शुभ परिणाम मिलेंगे तो वहीं कुछ राशियों को इसके नकारात्मक परिणाम भी उठाने पड़ सकते हैं।
चलिए अपने खास ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं कि सभी 12 राशियों पर मंगल के इस गोचर का कैसा परिणाम देखने को मिलेगा। साथ ही जानेंगे इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के उपायों की भी जानकारी।
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इन तीन राशियों के लिए बेहद शुभ रहेगा मंगल का गोचर
मेष राशि: मंगल का यह अहम गोचर मेष राशि की जातकों के लिए बेहद ही शुभ रहेगा। मंगल आपकी ही राशि के स्वामी हैं। ऐसे में इस दौरान सरकारी नौकरी के योग बनेंगे, जो लोग पहले से सरकारी नौकरी नौकरी में कार्यरत हैं उन्हें भी शुभ परिणाम प्राप्त होंगे, आर्थिक स्थिति मजबूत बनेगी, कारोबारी जातकों को फंसा हुआ धन वापस मिलेगा।
वृषभ राशि: दूसरी जिस राशि के लिए मंगल का गोचर शुभ रहने वाला है वह है वृषभ राशि। इस दौरान वृषभ राशि के जातकों के जीवन में शौर्य और पराक्रम की वृद्धि होगी, धन सम्मान बढ़ेगा, कारोबारी जातकों को लाभ मिलेगा, नौकरी पेशा जातकों को सफलता मिलेगी और जो लोग अपने करियर में आगे बढ़ने का विचार कर रहे हैं उन्हें नया ऑफर मिल सकता है।
कर्क राशि: तीसरी और आखिरी जिस राशि के लिए मंगल का यह गोचर अति शुभ रहने वाला है वह है कर्क राशि। इस दौरान कर्क राशि के जातकों की आय में बढ़ोतरी होगी, धन कमाने के कई स्त्रोत आपके रास्ते में आएंगे, आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बैंक बैलेंस में इजाफा होगा, कारोबारियों को लाभ होगा और अगर आप कहीं निवेश करते हैं इससे भी आपको लाभ मिलेगा।
क्या यह जानते हैं आप? अगर मंगल किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह शुभ स्थिति में नहीं होते हैं ऐसे व्यक्तियों शत्रुओं से भय, जमीन संबंधी विवाद, कर्ज आदि की समस्या उठानी पड़ती है। इसके अलावा अगर कुंडली में मंगल पीड़ित हो तो व्यक्ति को रक्त से संबंधित परेशानियां होने की संभावना बढ़ जाती है, विवाह में देरी होने लगती है, आदि। ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकार मंगल से संबंधित कुछ बेहद ही सरल उपाय करने की सलाह देते हैं। जैसे,
- मंगल को मजबूत करने के लिए सबसे आसान उपाय है बजरंगबली को खुश करना। ऐसे में बजरंगबली की नियमित रूप से पूजा करें।
- मंगलवार के दिन कम से कम दो बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- मंगल ग्रह कमजोर हो तो कम से कम 12 या 21 मंगलवार का उपवास करें।
- इसके अलावा मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए गेहूं, मसूर की दाल, कनेर का फूल, गुड, लाल कपड़ा, तांबा, सोना आदि का दान भी किया जा सकता है।
12 वर्षों बाद होगी अद्भुत युति
अधिक जानकारी: 12 जुलाई को होने वाले मंगल के इस महत्वपूर्ण गोचर से वृषभ राशि में गुरु और मंगल की महत्वपूर्ण युति भी होने वाली है। ज्योतिष के अनुसार जब भी ग्रहों की युति होती है तो इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, 1 मई को देवगुरु बृहस्पति ने 12 वर्षों बाद वृषभ राशि में गोचर कर लिया है। इसके बाद जुलाई के महीने में मंगल देव वृषभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में गुरु ग्रह और मंगल ग्रह की युति बनने जा रही है जो कि 12 वर्षों बाद बनेगी।
गुरु-मंगल युति: अर्थ और महत्व
ज्योतिष के अनुसार जब भी गुरु और मंगल की युति होती है तो इससे गुरु मंगल योग बनता है जो की एक बेहद ही शुभ योग माना जाता है। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में उच्च पद और आर्थिक लाभ दोनों प्राप्त होते हैं। गुरु मंगल की युति वाला व्यक्ति काफी निपुण होता है, साथ ही ऐसे लोग बेहद ही ज्ञानी, तर्कशील और बातचीत में निपुण होते हैं। इसके अलावा जिन जातकों की कुंडली में मंगल गुरु का योग होता है ऐसे लोगों की नेतृत्व क्षमता शानदार होती है, उन्हें ज्ञान की अच्छी समझ होती है।
ऐसे लोग अपने ज्ञान से ही लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। हालांकि कई बार इनका क्रोध लोगों को हैरान कर देता है। गुरु मंगल योग (Guru Mangal Yoga) वाले जातक उच्च शिक्षा हासिल करते हैं और पढ़ाई के प्रति हमेशा जागरूक रहते हैं। धार्मिक कार्यों में, पूजा पाठ में, उनका मन लगता है। कुंडली में गुरु न्याय का और मंगल को क्रूर ग्रह का दर्जा दिया है ऐसे में गुरु मंगल की युति व्यक्ति को कानून और पुलिस से सहयोग की दिलवाने का काम करती है।
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मंगल का वृषभ राशि में गोचर- राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए मंगल पहले और आठवें घर का स्वामी है और आपके...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल सप्तम और बारहवें भाव का स्वामी है और आपके ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल छठे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है और आपके...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल पंचम और दशम भाव का स्वामी है और आपके...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल चतुर्थ और नवम भाव का स्वामी है और आपके ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और आठवें घर का स्वामी है और आपके...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और सातवें घर का स्वामी है और आपके ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मंगल पहले और छठे घर का स्वामी है और आपके...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए मंगल बारहवें और पंचम भाव का स्वामी है और आपके छठे...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए मंगल चतुर्थ और ग्यारहवें घर का स्वामी है और आपके ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे और दसवें घर का स्वामी है और इस ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे और नवम भाव का स्वामी है और इस ...(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
उत्तर: ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को पराक्रम, शौर्य, रक्त, ऊर्जा, भूमि, शक्ति आदि का कारक माना जाता है।
उत्तर: 18 महीने बाद होने वाला मंगल का वृषभ राशि में यह गोचर 12 जुलाई को 19:03 पर होने वाला है।
उत्तर: 12 जुलाई को होने वाले मंगल के इस महत्वपूर्ण गोचर से वृषभ राशि में गुरु और मंगल की महत्वपूर्ण युति भी होने वाली है।