हम सब यह बात जानते हैं कि ग्रहों की स्थिति, चाल एवं दशा में होने वाला बदलाव व्यक्ति के जीवन को अत्यधिक प्रभावित करता है। इसी प्रकार, मेष राशि के स्वामी और सबसे उग्र ग्रह कहे जाने वाले मंगल देव मनुष्य जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह हमारे जीवन में इच्छा, साहस, जुनून आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। हालांकि, मंगल देव को अनेक नामों से जाना जाता है जैसे कि ‘लोहिता’ अर्थात जिसका रंग लाल है, ‘रक्तवर्ण’ इसका अर्थ रक्त के समान लाल रंग है, ‘भौम पुत्र’ और ‘कुजा’ आदि शामिल हैं। अब यह जल्द ही मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं जिसका प्रभाव राशि चक्र की सभी राशियों समेत देश-दुनिया पर पड़ेगा। एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग में आपको मंगल का मीन राशि में गोचर के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी। तो आइए शुरुआत करते हैं इस खास ब्लॉग की। लेकिन सबसे पहले जानते हैं मंगल ग्रह का वैदिक ज्योतिष में महत्व
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वैदिक ज्योतिष में मंगल
वैदिक ज्योतिष में मंगल को युद्ध के देवता कहा जाता है जो कि एक उग्र ग्रह हैं। यह एक पुरुष प्रधान ग्रह हैं जिन्हें बेहद शक्तिशाली माना गया है। किसी मनुष्य के जीवन में मंगल साहस, पराक्रम के कारक माने गए हैं और यह हमारी जीवन में ऊर्जा को बढ़ाने का काम करते हैं। इसके परिणामस्वरूप, आप और हम किसी भी कार्य को अपने पूरे सामर्थ्य और शक्ति के साथ करने में सक्षम होते हैं।
यह आपके भीतर साहस, शक्ति और दृढ़ संकल्प को दर्शाते हैं। राशि चक्र में मंगल महाराज को मेष और वृश्चिक राशि पर अधिपत्य प्राप्त हैं। बता दें कि यह मकर राशि में उच्च के होते हैं जबकि कर्क इनकी नीच राशि है। हालांकि, जब मंगल ग्रह का गोचर कुंडली के तीसरे, छठे, दसवें भाव और ग्यारहवें भाव में होता है, तो जातक को अच्छे परिणामों की प्राप्ति होती है। यह मनुष्य शरीर में रक्त को प्रभावित करते हैं।
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मंगल का मीन राशि में गोचर: तिथि और समय
युद्ध के देवता और लाल ग्रह के नाम से प्रसिद्ध मंगल महाराज 23 अप्रैल 2024 की सुबह 08 बजकर 19 मिनट पर बृहस्पति देव की राशि मीन में गोचर करने जा रहे हैं। मीन जल तत्व की राशि है जबकि मंगल ग्रह स्वभाव से उग्र है। ऐसे में, मंगल का मीन राशि में गोचर का प्रभाव राशि चक्र की सभी राशियों के साथ-साथ देश-दुनिया को भी प्रभावित करेगा जिसके बारे में आपको इस ब्लॉग में जानकारी प्राप्त होगी।
मंगल का मनुष्य जीवन पर प्रभाव
मनुष्य जीवन में मंगल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसलिए कुंडली में इस ग्रह का अनुकूल होना बेहद आवश्यक होता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में इनकी स्थिति प्रतिकूल होती है, तो उन्हें अपने जीवन में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसी प्रकार, मंगल जब मजबूत होता है, लेकिन अशुभ स्थिति में होता है, तो वह व्यक्ति को अपराधी तक बन सकता है। वहीं, जब मंगल महाराज की स्थिति कुंडली में मजबूत होती है, तो ऐसे इंसान को यह सेना में भर्ती करवाते हैं और देश की सेवा में अपना योगदान देने के लिए तत्पर बनाते हैं।
साथ ही, इनके शुभ स्थिति में होने पर भूमि से जुड़े सभी कामों में सफलता की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, जातक को अपने जीवन में भूमि, भवन, मकान आदि की कमी नहीं होती है। मंगल देव की मज़बूत स्थिति शत्रुओं एवं दुश्मनों पर हावी नहीं होने देते हैं। मंगल देव 27 नक्षत्रों में से मृगशिरा, चित्रा और धनिष्ठा नक्षत्र के अधिपति देव हैं। माना जाता है कि मंगलवार के दिन इनमें से कोई भी नक्षत्र पड़ने पर उस समय मंगल से संबंधित वस्तुओं का दान करना सर्वश्रष्ठ साबित होता है।
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वैज्ञानिक दृष्टि से मंगल देव का महत्व
वैज्ञानिक रूप से, पृथ्वी से मंगल का आकार आधा होता है। जहाँ तक इसके वायुमंडल की बात करें, तो जितना हमें पता चला है कि मंगल का वायुमंडल नाइट्रोजन, कार्बन, डाइऑक्साइड और आर्गन से मिलकर बना है। साथ ही, मंगल की सतह काफी ठोस है और अभी तक की गई रिसर्च के अनुसार, मंगल ग्रह पर कोई सक्रिय ज्वालामुखी नहीं है। हालांकि, मंगल के पास फोबोस और डीमोस नाम के अपने दो चंद्रमा भी हैं।
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कुंडली में मंगल ग्रह के कमज़ोर होने के लक्षण
किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल कमज़ोर हैं या नहीं, इसकी जानकारी हमें विभिन्न लक्षणों से मिल सकती है। तो आइए उन लक्षणों पर नज़र डालते हैं।
- मंगल दोष होने पर व्यक्ति के विवाह में देरी हो सकती है।
- यदि शादीशुदा हैं, तो आपका वैवाहिक जीवन अशांति से पूर्ण रहता है या फिर आपकी शादी टूट भी सकती है।
- कुंडली में मंगल ख़राब होने पर जातक को गुर्दे में पथरी, ब्लड प्रेशर, गठिया, फोड़े-फुंसी आदि समस्याओं से जूझना पड़ता है।
- व्यक्ति को जल्दी-जल्दी गुस्सा आता है जिसके चलते उनके अपने करीबियों और रिश्तेदारों से रिश्ते ख़राब होने लगते हैं।
- मंगल ग्रह की अशुभता की वजह से मनुष्य को संतान सुख प्राप्त करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
- ऐसा मंगल आपको कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंसा सकता है और करीबियों से धोखा मिलने की भी आशंका होती है।
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मंगल ग्रह के मज़बूत होने के संकेत
किसी मनुष्य की कुंडली में मंगल मज़बूत होने के लक्षण इस प्रकार हैं:
- जिन लोगों की कुंडली में मंगल मज़बूत होता है, वह ज्यादातर साहसी और बहादुर होते हैं। ऐसे लोग जोख़िम लेने से डरते नहीं हैं।
- ऐसे जातक दृढ़ निश्चयी होते हैं और यह जल्दी उत्साहित नहीं होते हैं। जब तक यह अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेते हैं, तब तक आगे बढ़ते रहते हैं।
- कुंडली में मज़बूत मंगल होने पर जातक बेहद ऊर्जावान और भावुक होते हैं। इन्हें हर काम में सक्रिय रहना पसंद करते हैं।
- यह लोग आत्मविश्वास से भरे रहते हैं और यह लोग अपने मन की बात करने से घबराते नहीं हैं। साथ ही, यह अपने लिए आवाज़ बुलंद भी करते हैं।
- इनका स्वभाव प्रतिस्पर्धी और प्रेरणा से पूर्ण रहता है। यह लोग खुद को और अन्य लोगों को चुनौती देने में रुचि रखते हैं।
कुंडली में मंगल मज़बूत करने के लिए करें ये उपाय
- कुंडली में मंगल ग्रह कमज़ोर होने पर मंगलवार के दिन स्नान करने के बाद लाल रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद ‘ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:’ मंत्र का तीन, पांच या सात माला का जाप करें।
- जातक द्वारा मंगलवार के दिन व्रत करने से भी मंगल ग्रह मजबूत होता है।
- मंगलवार को संकटमोचन हनुमान जी को चमेली का तेल मिला सिंदूर अर्पित करें। साथ ही, बजरंगबली को चोला चढ़ाएं।
- जातकों की कुंडली में मंगल अशुभ होने पर मूंगा रत्न धारण करना फलदायी होता है, लेकिन यह पहनने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।
- गरीबों तथा जरूरतमंद लोगों को मंगलवार के दिन भोजन कराएं।
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मंगल का मीन राशि में गोचर: सभी राशियों पर प्रभाव
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