मीन राशि में बुध-सूर्य-बृहस्पति की युति से इन 3 राशि वालों को मिलेगा लाभ!

वैदिक ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह के गोचर को अत्यंत विशेष माना जाता है और यह गोचर उस समय बेहद ख़ास हो जाता है जब किसी ग्रह के गोचर से युति का निर्माण होता है। ऐसा ही कुछ हमें आने वाले समय में देखने को मिलेगा। जहाँ बुध देव, नवग्रहों के राजा सूर्य और देवताओं के गुरु बृहस्पति एक साथ युति का निर्माण करते हुए नज़र आएंगे। ऐसे में बुध, बृहस्पति और सूर्य की युति का प्रभाव राशिचक्र की सभी 12 राशियों पर पड़ेगा लेकिन यह युति मुख्य रूप से 3 राशियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होने वाली है। एस्ट्रोसेज के इस ब्लॉग से हम आपको उन्हीं 3 भाग्यशाली राशियों के बारे में अवगत कराएंगे। 

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बुध-सूर्य-बृहस्पति की युति: तिथि और समय

बृहस्पति, सूर्य और बुध 16 मार्च की सुबह 10 बजकर 33 मिनट पर मीन राशि में एक साथ युति करेंगे। यह युति जातक को अपार ज्ञान, अधिकार, तर्क शक्ति प्रदान करेगी। 

ज्योतिष में बुध-सूर्य-बृहस्पति की युति

बुध, सूर्य और बृहस्पति की युति व्यक्ति को निडर और साहसी बनाता है। ऐसे लोग ज्यादा से ज्यादा ज्ञान अर्जित करते हैं और अपने ज्ञान से सबको उजाला देने का प्रयास करते हैं। ये लोग गाइड, काउंसलर, लीडर आदि क्षेत्र में बेहतर कार्य करते हैं। ये जातक ऐसे पेशे को चुनते हैं जहां कानून, कॉन्ट्रैक्ट, एग्रीमेंट और अध्यात्म से जुड़ा लेख लिखना हो। इस युति के प्रभाव से जातक का आध्यात्मिक गतिविधियों की तरफ झुकाव बढ़ता है। इसके अलावा ऐसे लोग प्रशासन अधिकारी और सरकारी अधिकारी हो सकते हैं।

इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में सूर्य, बुध और बृहस्पति की युति होती हैं, वे अपने-अपने कार्यक्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करते हैं और खूब नाम कमाते हैं। बृहस्पति ज्ञान के कारक ग्रह हैं, सूर्य अधिकार व शक्ति प्रदान करते हैं और बुध बुद्धि के कारक ग्रह हैं ऐसे में इन ग्रहों की युति कुछ जातकों को बेहद सकारात्मक परिणाम प्रदान करेगी। आइये अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं वह कौनसी तीन राशियां हैं जिन्हें बुध-सूर्य-गुरु की युति का सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा।

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वृषभ राशि

दूसरे, चौथे, पांचवें, आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी एक साथ ग्यारहवें भाव में हैं। ऐसे में आप कोई बड़ा प्रशासनिक पद या पैतृक संपत्ति प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही आप प्रभावशाली लोगों के संपर्क में आएंगे और यह युति बढ़िया नेटवर्क बनाने में आपकी मदद करेगी। बुध सफल व्यापार करने की क्षमता प्रदान करते हैं और इसके प्रभाव से बुद्धि तेज होती है। इस दौरान आप अपनी बुद्धि से अपने व्यापार को आगे बढ़ाने में सफल होंगे। आप दृढ़ संकल्प और साहस से भरपूर दिखाई देंगे। साथ ही आपको अपने प्रयासों में सफलता प्राप्त होगी। 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध, सूर्य और बृहस्पति आठवें, ग्यारहवें, दसवें, दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं। पांचवें भाव में सूर्य, बुध और बृहस्पति की युति रचनात्मक क्षेत्र में काम करने वाले जातकों के लिए बेहद अनुकूल साबित होगी। इसके अलावा यह युति अकाउंटिंग, मैनेजमेंट और शेयर बाज़ार से जुड़े लोगों के लिए उत्तम रहेगी। हो सकता कि आप इस दौरान अपनी संस्कृति का पालन करते दिखें और गुरुओं द्वारा बताए गए ज्ञान का अनुसरण करें।

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धनु राशि

सूर्य, बृहस्पति और बुध आपके नौवें, पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब ये तीनों ग्रह आपके चौथे भाव में युति करेंगे। ऐसे में माता जी के साथ आपके संबंध बेहतर होंगे और उनका भरपूर सहयोग आपको प्राप्त होगा। यह अवधि उद्यमियों और उच्च रैंक वाले सरकारी अधिकारियों के लिए भी अनुकूल साबित होगी। सूर्य, बृहस्पति और बुध ग्रह आपके दसवें भाव में दृष्टि डाल रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप करियर के क्षेत्र में आपको नए अवसर प्राप्त होंगे और आप नई ऊंचाइयों को छुएंगे।

युति के नकारात्मक प्रभाव से बचने के उपाय

  • प्रतिदिन तांबे के पात्र से सूर्यदेव को जल दें।
  • बुध के बीज मंत्र मंत्र- ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः’ का जाप करें।
  • विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
  • छोटी कन्याओं को उपहार भेंट करें और ट्रांसजेंडर का आशीर्वाद लें।

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