वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक शुभ ग्रह का दर्जा प्राप्त है। इस ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति को भौतिक सुखों, विलासिता से संबंधित चीज़ों, प्रेम में सफलता आदि की प्राप्ति होती है। यही वजह है कि शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, शोहरत, भोग, विलास, प्रतिभा, सौंदर्य, रोमांस आदि का कारक भी माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार जिन व्यक्तियों की कुंडली के लग्न भाव में शुक्र ग्रह स्थित होते हैं ऐसे जातक रूप रंग में सुंदर होते हैं।
गोचर विशेष इस ब्लॉग में आज हम बात करेंगे शुक्र गोचर की और जानेंगे कि 27 अप्रैल को होने वाले शुक्र के गोचर का सभी 12 राशियों के जातकों पर क्या कुछ प्रभाव पड़ेगा। इस दौरान क्या कुछ उपाय किए जा सकते हैं और साथ ही जानेंगे कुंडली में शुक्र ग्रह को मजबूत करने के कुछ ज्योतिषीय उपायों की भी जानकारी।
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शुक्र गोचर 2022: समय और महत्व
पहले बात करें शुक्र गोचर की तो शुक्र ग्रह एक राशि में तकरीबन 23 दिनों की समय अवधि के लिए रहता है और फिर अपना गोचर कर जाता है। ऐसे में 27 अप्रैल, 2022 यानी बुधवार के दिन शुक्र ग्रह एक बार फिर से अपना गोचर करने जा रहे हैं। इस दौरान यह शाम 6:06 पर मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
स्वाभाविक है कि शुक्र के इस गोचर का सभी 12 राशियों के जातकों पर अनुकूल प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलेगा। आपकी राशि पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा यह जानने के लिए यह लेख अंत तक पढ़े।
शुक्र ग्रह का महत्व और इसके शुभ फल प्राप्त करने के कुछ बेहद सरल उपाय
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शुक्र ग्रह को असुरों का गुरु कहा जाता है। भागवत पुराण में शुक्र ग्रह के बारे में वर्णित शब्दों के अनुसार शुक्र महर्षि भृगु ऋषि ऋषि के पुत्र हैं। इसके अलावा और शुक्र ग्रह का संबंध हिंदू धर्म में धन की देवी यानी माँ लक्ष्मी से जोड़कर देखा जाता है। इसलिए जिन व्यक्तियों को अपने जीवन में सुख समृद्धि और वैभव की कामना होती है उन्हें शुक्रवार के दिन व्रत करने की सलाह दी जाती है।
इसके अलावा खगोलीय दृष्टि से शुक्र ग्रह की बात करें तो अंग्रेजी में इसे वीनस कहते हैं और यह 1 स्थलीय ग्रह है। सुबह के समय शुक्र ग्रह सबसे तेज चमकता है ।यही वजह है कि इसे भोर का तारा है या सांझ का तारा भी कहा जाता है।
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अब जान लेते हैं शुक्र ग्रह से संबंधित कुछ बेहद ही सरल उपाय
- मां लक्ष्मी की पूजा करें।
- मां जगदंबा की पूजा करें।
- अपने प्रियतम और अन्य महिलाओं का सम्मान करें।
- अपना चरित्र अच्छा रखें।
- श्री सूक्त का पाठ करें।
- मुमकिन हो तो शुक्रवार का व्रत करें।
- शुक्र ग्रह से संबंधित चीजें जैसे दही, खीर, इत्र, चाँदी, चावल इत्यादि का शुक्रवार के दिन शुक्र की होरा में दान करें।
शुक्र गोचरफल और राशिनुसार उपाय
मेष राशि
मेष राशि के लिए शुक्र परिवार के दूसरे घर और वैवाहिक संबंधों, जीवनसाथी व व्यवसाय के सातवें घर को नियंत्रित करता है। शुक्र ग्रह के कुंभ राशि से मीन राशि में गोचर के दौरान ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र उनके लग्न यानी पहले और छठे भाव के स्वामी होते है और अब वे अपने इस गोचर के दौरान उनकी आय, इच्छा और लाभ के एकादश भाव में संचरण करेंगे। ऐसे में इस अवधि के दौरान ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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मिथुन राशि
मिथुन राशि के लिए शुक्र देव उनके पंचम और बारहवें भाव के स्वामी होते हैं और अब वे अपने इस गोचर के दौरान करियर, कार्यक्षेत्र, नाम और प्रसिद्धि के दशम भाव में संचरण करेंगे। ऐसे में मीन राशि में शुक्र के गोचर की यह अवधि ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चतुर्थ और ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं और अब वे आपकी राशि के भाग्य, लंबी दूरी की यात्राओं और धर्म के नवम भाव में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में ये गोचर आपको ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
सिंह राशि
सुख-सुविधा, विलासिता और रोमांस के कारक ग्रह शुक्र, सिंह राशि के जातकों के लिए उनके भाई-बहन, साहस, यात्रा के तीसरे भाव और करियर व पेशे के दसवें भाव को नियंत्रित करते हैं। ऐसे में अब यही शुक्र देव आपकी राशि के परिवर्तन, बदलाव और अनिश्चितताओं के आठवें भाव में अपना गोचर करेंगे जो इस बात की तरफ इशारा करता है कि….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके परिवार, वाणी और संचित धन के दूसरे भाव और भाग्य, किस्मत व समृद्धि के नवम भाव के स्वामी होते हैं। अब वे अपने इस गोचर के दौरान ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र पहले और आठवें भाव के स्वामी होते हैं और अब वे आपकी राशि के ऋण, शत्रु और दैनिक मजदूरी के छठे भाव से गोचर करेंगे। पेशेवर रूप से इस गोचर के दौरान ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लिए शुक्र उनके बारहवें और सातवें भाव के स्वामी होते हैं और अब वे आपकी राशि से शिक्षा, संतान और बुद्धि के पंचम भाव में गोचर करेंगे। इस अवधि के दौरान आप ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र का यह गोचर माता, आराम और खुशी के चौथे भाव में होगा। शुक्र आपके छठे भाव जिसे प्रतियोगिताओं और लाभ के ग्यारहवें घर को नियंत्रित करता है। ऐसे में शुक्र के ये गोचर पेशेवर रूप से ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके बुद्धि के पांचवें भाव और कार्यक्षेत्र व करियर के दसवें भाव को नियंत्रित करते हैं। ऐसे में इस प्रकार मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र एक “योगकारक” ग्रह है जो अब अपने इस गोचर के दौरान ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुम्भ राशि
कुम्भ राशि के जातकों के लिए शुक्र एक योगकारक ग्रह होने के कारण आपके सुख, आराम, विलासिता के चौथे भाव और भाग्य व किस्मत के नौवें भाव को नियंत्रित करता है। जो अब अपने गोचर के दौरान ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि के लिए शुक्र तीसरे और आठवें भाव के स्वामी होते हैं और अब वे आपकी ही राशि में गोचर करते हुए आपकी राशि के स्वयं, चरित्र और व्यक्तित्व के पहले भाव में विराजमान होंगे। कार्यक्षेत्र पर इस अवधि के दौरान ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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