हर वर्ष विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश का जन्मोत्सव देशभर में गणेश चतुर्थी के रूप में मनाए जाने का विधान है। हिन्दू धर्म में भगवान श्री गणेश का विशेष स्थान बताते हुए उन्हें प्रथम पूज्य देवता की उपाधि दी गई है। इसी कारण जब भी हम अपने घर में कोई भी मांगलिक कार्य करते हैं तो सबसे पहले भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है। क्योंकि ऐसा करने से ही माना जाता है कि उस कार्य में सफलता की प्रति होती है।
गणेश चतुर्थी का मुहूर्त
हिन्दू पंचांग की माने तो हर वर्ष के भाद्रपद माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों अनुसार माना जाता है कि यही वो शुभ तिथि थी जब भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसलिए भी कई जगह इस तिथि को विनायक चतुर्थी, कलंक चतुर्थी और डण्डा चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त 2019 |
||
2 सितंबर 2019, सोमवार | 11:04:28 से 13:37:02 तक | कुल अवधि- 2 घंटे 32 मिनट |
सूचना: तालिका में दिया गया मुहूर्त नई दिल्ली के लिए प्रभावी है। जानें अपने शहर में गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त
चंद्र दर्शन निषेध का समय |
|
2 सितंबर 2019, सोमवार | 08:54:59 से 21:03:00 तक |
शास्त्रों अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती पुत्र भगवान गणेश का पूजन और आराधना करने से जातक के जीवन में आने वाली हर प्रकार की समस्याएं जैसे रोग, आर्थिक समस्या, भय, नौकरी, व्यवसाय, मकान, वाहन, विवाह, संतान, प्रोमोशन आदि सभी दूर हो जाती है और जातक के जीवन में सदैव सुख-समृद्धि का वास होता है। भगवान गणेश को शुभ संकल्प पूर्ति के आदि देव के रूप में भी पूजा जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं कि इस गणेश चतुर्थी पर राशिनुसार कैसे करना चाहिए भगवान गणेश का पूजन और उनसे जुड़े उपाय:-
मेष राशि:
मेष राशि जातकों को गणेश चतुर्थी के दिन ‘वक्रतुण्ड’ रूप में गणेश जी की आराधना करना शुभ रहेगा। इस दौरान आप ‘गं’ या ‘ॐ वक्रतुण्डाय हूं’ मंत्र का 108 बार प्रतिदिन जप कर उन्हें भोग में गुड़ देंगे तो इससे तुरंत ही आपके जीवन में जो भी समस्या होगी उसका समाधान स्वयं भगवान गणेश करेंगे।
सूचना: चूँकि मेष राशि के ईष्ट देव स्वयं भगवान गणेश और भगवान हनुमान होते हैं। इसलिए आप इस दौरान मंगलवार को हनुमानजी का प्रसाद चढ़ाकर पूरे प्रसाद को मंदिर में ही बांटे।
वृषभ राशि:
इस गणेश चतुर्थी वृषभ राशि वालों को गणेश जी के ‘शक्ति विनायक’ रूप का पूजन करना शुभ रहेगा। इस दौरान ‘गं’ या ‘ॐ हीं ग्रीं हीं’ मंत्र का 108 बार जाप करें और प्रतिदिन घी में मिश्री मिलाकर गणेश जी को भोग लगाएँ। इससे आपकी हर तरह की समस्याओं का समाधान ज़रूर ही होगा।
सूचना: आपको हर मंगलवार हनुमान जी के या गणेश जी के मंदिर में जाकर उनके समक्ष शुद्ध घी का दोमुखी दीपक जलाना होगा। ऐसा करने से निश्चित ही यदि आपको कोई भी आर्थिक समस्या आ रही थी तो वो दूर हो जाएगी।
मिथुन राशि:
मिथुन राशि वाले लोगों को इस गणेश चतुर्थी पर भगवान की आराधना ‘लक्ष्मी गणेश’ के रूप में करनी शुभ रहेगी। इस दौरान आपको सलाह दी जाती है कि भोग में भगवान को केवल मूंग के लड्डू ही चढ़ाएं और साथ ही ‘श्रीगणेशाय नम: या ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जप करें।
सूचना: आपको गणेशजी को बुधवार के दिन किसी मंदिर में जाकर लड्डू का भोग लगाना चाहिए। इस दौरान गरीब और ज़रूरतमंदों को काला कंबल दान देने से आपके सभी बिगड़े काम बनने लगेंगे।
कर्क राशि:
कर्क राशि वालों को इस गणेश चतुर्थी ‘वक्रतुण्ड’ रूप में गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। इस दौरान यदि आप ‘ॐ वरदाय न:’ या ‘ॐ वक्रतुण्डाय हूं’ मन्त्र का 108 बार प्रतिदिन जप करते हैं तो आपको बेहद अच्छे फल मिलेंगे। याद रखें पूजन के दौरान गणेश जी को केवल सफेद चंदन लगाएँ और उन्हें सफेद फूल ही अर्पित करें।
सूचना: शुभाशुभ परिणाम पाने के लिए प्रतिदिन रोज माथे पर चंदन का टीका लगाएँ और घर के बुजुर्गों का सम्मान करें, आपको लाभ होगा।
सिंह राशि:
सिंह राशि वाले लोगों को गणेश चतुर्थी पर ‘लक्ष्मी-गणेश’ रूप में भगवान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस दौरान उन्हें लाल पुष्प चढ़ाएं और उन्हें मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएँ। इसके साथ ही यदि आप ‘ॐ सुमंगलाये नम:’ मंत्र का 108 बार जप करते हैं तो आपको अपनी सभी तरह की समस्याओं से निवारण मिल सकता है।
सूचना: पूजा अर्चाना के दौरान सदैव लाल रंग का रूमाल अपने पास रखें, इससे आपका भाग्योदय होगा। इसके साथ ही किसी पास ही के मंदिर में जाकर गणेशजी को किशमिश चढ़ाएं और बांटे।
कन्या राशि:
कन्या राशि के जातकों को भी गणेश चतुर्थी पर गणेशजी के ‘लक्ष्मी गणेश’ रूप की आराधना करना शुभ रहेगा। आप पूजन के दौरान प्रतिदिन ‘ॐ चिंतामण्ये नम:’ मंत्र का जाप करते हुए भगवान को दुर्वा के 21 जोड़े अर्पित करें। ऐसा करने से आपके जीवन की सभी तरह की चिंताएं मिट जाएंगी और घर में सुख-समृद्धि का वास होगा।
सूचना: आपको सलाह दी जाती है कि भगवान गणेश की प्रतिमा का प्रतिदिन पूजन करें। साथ ही स्थायी सफलता के लिए तुलसी की माला धारण करें और ग़रीबों को दान करें।
तुला राशि:
तुला राशि वाले जातकों को ‘वक्रतुण्ड’ रूप में भगवान गणेश जी की पूजा करना शुभ रहेगा। पूजा के दौरान विशेष तौर से गणेश जी को 5 नारियल चढ़ाएं और तत्पश्चात्य ‘ॐ वक्रतुण्डाय नम:’ मंत्र का 108 बार जप करें। ऐसा करने से माना जाता है कि आपको अभी तक जो भी समस्याएं आ रही होंगी वो भगवान गणेश जल्द ही दूर कर देंगे।
सूचना: इस दौरान अपने घर-परिवार के छोटे सदस्यों की मदद करें और प्रतिदिन गणेशजी के मंदिर जाकर उन्हें शुद्ध घी का दीया विशेष रूप से दिन के समय अवश्य जलाएं। इससे भगवान आपको हर कार्य में सफलता देंगे।
वृश्चिक राशि:
चूँकि वृश्चिक राशि मंगल देव की राशि होती है। इसलिए इस राशि वाले जातकों को गणेश चतुर्थी पर भगवान की ‘श्वेतार्क गणेश’ रूप में पूजा करनी चाहिए तथा उन्हें सिंदूर और लाल फूल अर्पित करना चाहिए। इस दौरान ‘ॐ नमो भगवते गजाननाय’ मंत्र का 108 बार जप प्रतिदिन करने से जातक के जीवन में किसी भी प्रकार का संकट नहीं रहेगा।
सूचना: केले के पेड़ की पूजा करें और उसे जल चढ़ाएं। इसके साथ ही किसी भी तरह के नशे आदि से खुद को दूर रखें।
धनु राशि:
ज्योतिष शास्त्र अनुसार इस गणेश चतुर्थी जो भी धनु राशि वाला जातक गणेशजी के ‘लक्ष्मी गणेश’ रूप की पूजा कर उनके समक्ष प्रतिदिन ‘ॐ गं गणपते मंत्र’ का 108 बार जप करेगा उनकी सभी समस्याएं तो समाप्त होंगी ही साथ ही उस जातक की हर मनोकामनाएं भी पूर्ण होगी। चूँकि धनु राशि गुरु की राशि होती है अत: गणेशजी को पीले फूल चढ़ाकर बेसन के लड्डुओं का भोग लगाना आपके लिए शुभ रहेगा।
सूचना: यदि आपका पारिवारिक जीवन तनाव ग्रस्त है तो उसमें शांति और समृद्धि के लिए घर में कचरा या गंदगी का विशेष ध्यान रखें। इसके साथ ही भगवान गणेश को केवल पीले वस्त्र के आसन पर ही ईशान कोन दिशा में विराजमान कर उनके समक्ष हर गुरुवार को शुद्ध घी का एक दीपक जलाएँ।
मकर राशि:
मकर राशि वाले जातकों को इस गणेश चतुर्थी पर प्रतिदिन ‘शक्ति विनायक’ गणेश की आराधना कर उन्हें पान, सुपारी, इलायची व लौंग अर्पित करनी चाहिए। इसके साथ ही उत्तम फलों की प्राप्ति के लिए ‘ॐ गं नम:’ मंत्र का 108 बार जप करना भी आपके लिए बेहद शुभ साबित होगा।
सूचना: आपको सलाह दी जाती है कि हर गुरुवार को गणेश, लक्ष्मी या विष्णु मंदिर में जाकर भगवान को पीले फूल चढ़ाएं। साथ ही लाल सांड को मीठी रोटी खिलाएं।
कुंभ राशि:
कुंभ राशि वाले जातकों को भी गणेश चतुर्थी पर ‘शक्ति विनायक’ गणेशजी की पूजा करनी शुभ रहेगी। इस दौरान आपको ‘ॐ गण मुक्तये फट्’ मंत्र का रोज 108 बार जाप करना होगा। क्योंकि ऐसा करने से ही आपके सभी तरह के कष्टों का निवारण हो पाएगा।
सूचना: इस गणेश चतुर्थी आपको अपने घर पर आने वाले हर ज़रूरतमंद को खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए। अगर संभव हो तो उन्हें भरपेट खाना खिलाएं। इसके साथ ही भोजन करते वक़्त उसमें कभी भी ऊपर से नमक न डालें। साथ ही आपके लिए मंगलवार, गुरुवार या रविवार का व्रत रखना बेहद कारगर साबित होगा।
मीन राशि:
मीन राशि वाले जातकों को इस पर्व पर ‘हरिद्रा गणेश’ की पूजा करना शुभ रहेगा। इस दौरान प्रतिदिन ‘ॐ गं गणपतये नमः’ या ‘ॐ अंतरिक्षाय स्वाहा’ मंत्र का 108 बार जाप करें। साथ ही भगवान को भोग लगाते हुए केवल शहद और केसर अर्पित करें।
सूचना: यदि आपको जीवन में सफलता नहीं मिल रही है या उसमें कोई भी बाधा आ रही है तो किसी भी गणेश मंदिर में जाकर पानी के प्याऊ के लिए श्रद्धानुसार पैसा दान करें। इसके साथ ही निरंतर पीपल के पेड़ की जड़ में पानी चढ़ाएं और बड़ों से कभी भी झूठ न बोलें।