दर्श अमावस्या 2025: पौष मास की कृष्ण अमावस्या, जिसे दर्श अमावस्या भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग में अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। पौष महीने में आने वाली यह अमावस्या पितरों की कृपा प्राप्त करने, नकारात्मक ऊर्जा को सांत करने और जीवन में नई शुरुआत के लिए विशेष रूप से शुभ मानी जाती है।

इस दिन चंद्रमा अदृश्य रहता है, इसलिए ध्यान, जप, तर्पण और दान के प्रभाव कई गुना बढ़ जाते हैं। माना जाता है कि पौष अमावस्या पर किए गए स्नान-दान, विशेषकर तिल, गुड़, कंबल, भोजन और दीपदान व्यक्ति को पितृदोष से राहत दिलाने के साथ मानसिक शांति और आध्यात्मिक बल प्रदान करते हैं।
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इस अमावस्या को अंतर्मन की शुद्धि पिछले कर्मों के प्रायश्चित और आने वाले समय के लिए शुभ संकल्प लेने का उत्तम दिन माना जाता है। आइए आगे बढ़ते हैं और जानते है दर्श अमावस्या की तिथि, महत्व व आदि के बारे में।
दर्श अमावस्या 2025: तिथि व समय
पौष, कृष्ण अमावस्या तिथि शुरुआत: 19 दिसंबर की सुबह 05 बजकर 01 मिनट से
पौष, कृष्ण अमावस्या तिथि समाप्त: 20 दिसंबर की सुबह 07 बजकर 15 मिनट तक
उदयातिथि के अनुसार 19 दिसंबर 2025, शुक्रवार को दर्श अमावस्या पड़ेगी।
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दर्श अमावस्या 2025 का महत्व
हिंदू परंपरा में अत्यंत खास माना गया है। हर महीने पड़ने वाली यह अमावस्या आत्मचिंतन, मानसिक शांति और पितरों की कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ समय होती है। इस दिन चंद्रमा का प्रभाव न्यूनतम होता है, जिससे साधना, जप-तप और दान-पुण्य का फल कई गुना बढ़ जाता है।
दर्श अमावस्या पितृ तर्पण के लिए शुभ मानी जाती है, क्योंकि माना जाता है कि इस दिन किए गए तर्पण, श्राद्ध और दीपदान से पितरों की आत्मा संतुष्ट होती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इसके अलावा यह दिन नकारात्मक ऊर्जा को शांत करने, नए संकल्प लेने और जीवन में सकारात्मकता बढ़ाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। कुल मिलाकर, दर्श अमावस्या मन और जीवन दोनों को शुद्ध करने का एक आध्यात्मिक अवसर है।
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दर्श अमावस्या 2025 पर इन चीज़ों का करें दान
- पितृ शांति, नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति और स्वास्थ्य लाभ के लिए तिलदान श्रेष्ठ माना जाता है।
- गरीबों को भोजन कराना, अन्न दान करना या गौ-सेवा करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
- जरूरतमंदों को कपड़े, खासकर गर्म कपड़े (सर्दी के मौसम में) देने से पितृदोष कम होता है।
- सर्दियों में दर्श अमावस्या अक्सर आती है, इसलिए कंबल दान विशेष पुण्यदायक माना जाता है।
- गुड़, घी, और भोजन की मिठास से संबंधित वस्तुएं दान करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है।
- पितरों और देवताओं को शांत करने के लिए दीपदान बहुत शुभ माना जाता है।
- जरूरतमंदों या ब्राह्मणों को फल-मिठाई दान करने से घर में शुभता आती है।
- पापों के क्षय और ग्रहों की शांति के लिए धातुओं का दान भी उत्तम होता है।
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दर्श अमावस्या 2025 पर इस तरह करें पितरों का तर्पण
- सुबह जल्दी उठकर पवित्र जल से स्नान करें और पवित्र स्थान (घर के मंदिर या आंगन) में शांत वातावरण बनाएं। मन में पितरों के प्रति श्रद्धा रखें।
- यदि नदी, सरोवर या कुएं का जल उपलब्ध हो तो वहाँ तर्पण करना श्रेष्ठ माना जाता है। घर में भी तर्पण किया जा सकता है।
- यदि परिवार में परंपरा हो तो आटे या चावल के पिंडे बनाकर कौओं और गाय को खिलाना शुभ माना जाता है।
- दर्श अमावस्या पर दक्षिण दिशा में एक दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह पितरों को प्रकाश पहुंचाने का प्रतीक है।
- घर में पका सादा भोजन, खीर, रोटी, सब्ज़ी, एक थाली में निकालकर पितरों को समर्पित करें और बाद में गाय या गरीबों को दे दें।
- तिल, गुड़, घी, अन्न, वस्त्र या कंबल का दान पितरों को प्रसन्न करने का मुख्य उपाय माना गया है।
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दर्श अमावस्या 2025 के दिन क्या करें क्या न करें
दर्श अमावस्या 2025 पर क्या करें
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और कुछ समय ध्यान में बिताएँ। इससे मन शुद्ध होता है।
- काले तिल, चावल और जल से पितरों को तर्पण देना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- दक्षिण दिशा की ओर मुख करके तर्पण करें।
- दक्षिण दिशा में एक दीपक अवश्य जलाएं। यह पितरों को प्रकाश देने का प्रतीक है।
- तिल, गुड़, अन्न, वस्त्र, कंबल, घी और फल-मिठाई का दान इस दिन बहुत पुण्यदायक माना गया है।
- इस दिन सादा, सात्त्विक और हल्का भोजन करना शुभ माना गया है।
- दर्श अमावस्या आत्म-निरीक्षण व भीतर की शांति का दिन है। कुछ समय मौन में बिताना अच्छा रहता है।
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दर्श अमावस्या 2025 पर क्या न करें
- मांस, मदिरा, प्याज-लहसुन आदि का सेवन वर्जित माना जाता है।
- क्रोध, विवाद, झगड़ा न करें। इस दिन मन को शांत रखना बहुत आवश्यक है; नकारात्मक भाव से पूजा का प्रभाव घटता है।
- पितरों को भूलकर सामान्य दिन की तरह व्यवहार न करें। इस दिन उनका स्मरण और श्रद्धा अत्यंत आवश्यक है।
- बाल कटवाना, नाखून काटना न करें। कुछ परंपराओं में अमावस्या पर ये कर्म अशुभ माने जाते हैं।
- फालतू खरीदारी या भौतिक खर्च से बचें। यह दिन भोग नहीं, बल्कि त्याग और साधना का माना गया है।
- देर रात तक जागना या शोर-शराबा करने से बचें। ऐसा करने से मन की शांति प्रभावित होती है और दिन का महत्व कम हो जाता है।
दर्श अमावस्या 2025 पर करें ये आसान उपाय
काले तिल से तर्पण करें
दर्श अमावस्या पर काले तिल का तर्पण नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और पितरों की कृपा तुरंत प्राप्त होती है। माना जाता है कि तिल जल में मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर अर्पित करने से घर में रुके काम तेज़ी से पूरे होने लगते हैं।
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सरसो के तेल का दीपक दक्षिण दिशा में जलाएं
इस दिन दक्षिण दिशा में तेल का दीप जलाना पितृदोष को शांत करता है और परिवार पर से पेरशानियों का भार हटाता है। यह दीपक घर में सुरक्षा कवच की तरह काम करता है और अशुभ शक्तियां दूर रहती हैं।
दर्श अमावस्या 2025 पर गुड़ और चावल का दान करें
गुड़ और चावल को मिलाकर जरूरतमंदों को देना अचानक आ रही आर्थिक बाधाओं को शांत करता है। यह टोटका धन-प्रवाह को स्थिर करता है और अंदरूनी तनाव को कम करता है।
घर के मुख्य द्वार पर हल्दी-पानी छिड़कें
दर्श अमावस्या की सुबह हल्दी-पानी का छिड़काव घर की नकारात्मकता को खत्म करता है और शुभ ऊर्जा को आकर्षित करता है। इससे घर का वातावरण शांत, पवित्र और सौभाग्यदायक बनता है।
दर्श अमावस्या 2025 पर कौओं को रोटी पर घी लगाकर खिलाएं
कौए पितरों के प्रतीक माने जाते हैं। अमावस्या पर उन्हें घी लगी रोटी खिलाने से पितरों की आत्मा प्रसन्न होती है और घर-परिवार पर से संकट दूर होने लगते हैं।
अपने तकिए के नीचे कपूर का छोड़ा टुकड़ा रखें
दर्श अमावस्या की रात कपूर का एक छोटा टुकड़ा तकिए के नीचे रखने से नींद में आने वाली डर, बुरे सपने और मानसिक बेचैनी दूर होती है। यह टोटका मन को शांत और सकारातमक बनाता है।
दर्श अमावस्या 2025 पर तुलसी पर कच्चे दूध का अर्घ्य दें
रकच्चे दूध से तुलसी को अर्घ्य देने से घर में शुभता, स्वास्थ और समृद्धि बढ़ती है। यह ग्रहों की शांति के लिए भी बेहद प्रभावी माना गया है।
दर्श अमावस्या 2025 पर टूटे-फूटे सामान घर से हटा दें
अमावस्या पर टूटे, बेकार या खराब सामान को घर से निकालने से घर का वास्तु सुधारता है। यह रुके काम, बेचैनी और आर्थिक ठहराव दूर करने का सरल लेकिन शक्तिशाल टोटका है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
दर्श अमावस्या पौष मास की कृष्ण अमावस्या है, जिसे पितरों की कृपा प्राप्त करने और नकारात्मक ऊर्जा शांत करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
दर्श अमावस्या 19 दिसंबर 2025, शुक्रवार को पड़ेगी।
इस दिन चंद्रमा अदृश्य रहता है जिससे जप, ध्यान, तर्पण और दान का प्रभाव बहुत बढ़ जाता है। यह दिन पितृदोष निवारण, आत्मशुद्धि, आध्यात्मिक उन्नति और नए शुभ संकल्प लेने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।