शुक्र का कन्या राशि में गोचर: जानें, देश-दुनिया और राशियों पर इसका प्रभाव

शुक्र का कन्या राशि में गोचर: जानें, देश-दुनिया और राशियों पर इसका प्रभाव

शुक्र का कन्या राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज एआई हर नए ब्लॉग के साथ आपको ज्योतिष से जुड़ी ताजा और सबसे जरूरी घटनाओं की जानकारी देने की कोशिश करता है, ताकि हमारे पाठक ज्योतिष की दुनिया की नई हलचलों से अपडेट रहें।

09 अक्टूबर 2025 की सुबह 10 बजकर 38 मिनट शुक्र का कन्या राशि में गोचर करेंगे। अब देखते हैं कि इस घटना का असर 12 राशियों शेयर बाजार और दुनिया की घटनाओं पर किस तरह पड़ सकता है। 

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कन्या राशि में शुक्र नीच का होता है, इसलिए यह सामान्य रूप से नकारात्मक परिणाम दे सकता है। लेकिन उसी समय बुध भी कन्या राशि में उच्च स्थिति में रहेगा और वह शुक्र के नीच होने के प्रभाव को कुछ हद तक समाप्त कर देगा। इसके बावजूद शुक्र असहज रहेगा और नीच के ग्रह की तरह ही असर दिखाता रहेगा।

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शुक्र ग्रह, जिसे शास्त्रों में शुक्राचार्य भी कहा जाता है, ज्योतिष में रिश्तों, प्यार, सुंदरता, धन और आकर्षण का प्रतीक माना जाता है। आपकी जन्म कुंडली में शुक्र की स्थिति यह बताती है कि आपके जीवन में कौन सी चीज़ें सबसे ज्यादा अहम हैं, पैसे के प्रति आपका रवैया कैसा है, आपके अंदर कला और सुंदरता की समझ कितनी है और आप दूसरों से प्यार कैसे जताते हैं और खुद प्यार कैसे पाना चाहते हैं।

अगर शुक्र कमजोर या पीड़ित हो तो रिश्तों और पैसों से जुड़ी परेशानियां आ सकती हैं। लेकिन जब शुक्र अच्छी स्थिति में होता है तो यह इंसान की जिंदगी में संतुलन, सुकून और खुशी लाता है।

शुक्र का कन्या राशि में गोचर: कन्या राशि में शुक्र की विशेषता

जब शुक्र कन्या राशि में होता है, तो व्यक्ति के स्वभाव में साफ-सुथरेपन और परफेक्शन की जरूरत होती है। ऐसे लोग दिमाग से बहुत विश्लेषणात्मक और आलोचनात्मक होते हैं। इन्हें सेहत, सलीकेदार रहन-सहन और अच्छे पहनावे की कद्र होती है।

ये लोग बड़े-बड़े रोमांटिक ड्रामे करने की बजाय छोटे-छोटे कामों और सेवा भाव में अपना प्यार जताते हैं। कन्या राशि में शुक्र वाले लोग रिश्तों में बहुत चुनिंदा होते हैं। ये खुद की भी आलोचना ज्यादा करते हैं और दूसरों की कमियां भी जल्दी पकड़ लेते हैं।

प्यार जताने का तरीका इनका व्यवहार, अच्छे से व्यवस्थित घर-परिवार और सोच समझकर किए गए काम होते हैं। इनकी पर्सनैलिटी आमतौर पर सरल स्मार्ट और व्यवस्थित होती है। शुक्र कन्या में नीच का होता है, इसलिए यहां इसकी ताकत कमज़ोर हो जाती है। लेकिन क्योंकि कन्या राशि के स्वामी बुध हैं और बुध शुक्र के मित्र हैं, इसलिए शुक्र पूरी तरह खराब असर नहीं देता।

इसके बावजूद चूंकि शुक्र पति-पत्नी और विवाह के कारक माने जाते हैं इसलिए इसका नीच होना शादीशुदा जीवन पर नकारात्मक असर डाल सकता है। ऐसे लोग अक्सर शादी और रिश्तों में पूरी तरह संतुष्ट नहीं रह पाते, उन्हें खुशी पाने में दिक्कत होती है। फिर भी ये लोग सच्चे दिल से प्यार करते हैं। इनके लिए कमिटमेंट ही असली प्यार होता है।

अगर ये किसी रिश्ते में आते हैं तो पूरी तरह समर्पित रहते हैं और बहुत अच्छे पार्टनर साबित होते हैं। ये लोग शिष्ट, अच्छे संस्कार वाले, आकर्षक और साफ-सुथरे दिखने वाले होते हैं। कन्या में शुक्र वाले लोग आरामदायक और शानदार जीवन की ख्वाहिश रखते हैं। इन्हें अच्छे कपड़े पहनना और स्टाइलिश तरीके से रहना पसंद होता है।

गाड़ियां, जमीन-जायदाद और अन्य सुख-सुविधाएं इनको बहुत आकर्षित करती हैं। सुंदरता के प्रति इनका झुकाव इतना होता है कि कई बार इनका प्रोफेशन भी ब्यूटी इंडस्ट्री या आर्ट (जैसे संगीत, पेंटिंग, डिजाइनिंग आदि) से जुड़ा हो सकता है।

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शुक्र का कन्या राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव

मिथुन राशि

मिथुन राशि वालों के लिए शुक्र पांचवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके चौथे भाव में गोचर करेंगे। आमतौर पर शुक्र का चौथे भाव में गोचर शुभ माना जाता है। इसलिए यह गोचर आपके लिए अच्छे नतीजे देने वाला होगा। चौथे भाव में शुक्र की स्थिति मनोकामनाओं की पूर्ति कराने वाली मानी जाती है। इसलिए अगर आप अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए मेहनत करेंगे तो यह शुक्र का गोचर आपको मदद करेगा। 

चूंकि बारहवें भाव के स्वामी शुक्र नीच का होकर चौथे भाव में बैठे हैं इसलिए घर-गृहस्ती से जुड़ी चीज़ों पर आपका कुछ पैसे खर्च हो सकता है। संभव है कि आप कुछ बेकार या गैरजरूरी चीज़ें भी खरीद लें। ऐसे में आपके लिए यही अच्छा रहेगा कि सिर्फ जरूरी चीज़ों पर ही खर्च करें। जब शुक्र कन्या राशि में होगा तो आपका मन घर और सजावट की ओर ज्यादा लगा रहेगा। घर को सजाने संवारने की इच्छा बढ़ सकती है और परिवार के कुछ लोगों के व्यवहार से आपको परेशानी भी हो सकती है। 

रिश्तों में खासकर रोमांटिक रिलेशनशिप में लापरवाही करना आपके लिए ठीक नहीं रहेगा। हालांकि चौथे भाव में शुक्र का गोचर सुख देने वाला माना जाता है, लेकिन अगर आप रिश्तों में लापरवाह नहीं हुए तो इसका असर और भी अच्छा होगा।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

सिंह राशि

सिंह राशि की कुंडली में शुक्र तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं। शुक्र का कन्या राशि में गोचर आपके दूसरे भाव (धन और वाणी के भाव) में होगा। शुक्र का दूसरे भाव में गोचर सामान्यतः अच्छे नतीजे देता है। इस दौरान आपको नए कपड़े और गहने लेने का मौका मिल सकता है। संगीत और गानों में रुचि बढ़ सकती है। परिवार के लोगों के साथ रिश्ते बेहतर होंगे और साथ ही घर में मनोरंजन के साधन भी मिल सकते हैं। पैसे की स्थिति मजबूत होगी और व्यापारियों को भी इस समय का फायदा मिलेगा, क्योंकि दसवें भाव के स्वामी शुक्र दूसरे भाव में बैठा है। 

अगर आप कला, क्रिएटिविटी, पब्लिक रिलेशन या इसी तरह के पेशों से जुड़े हैं तो यह गोचर आपके करियर के लिए और भी अच्छा साबित होगा। शुरू में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं क्योंकि शुक्र यहां नीच का है, लेकिन धीरे-धीरे आपको सकारात्मक नतीजे मिलेंगे। कुल मिलाकर यह गोचर बुरा नहीं बल्कि काफी हद तक अच्छा रहेगा।

सिंह साप्ताहिक राशिफल

कन्या राशि

कन्‍या राशि की कुंडली में शुक्र दूसरे भाव और नौवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके पहले भाव में आ रहा है। लग्न में शुक्र का गोचर सामान्य तौर पर शुभ माना जाता है। साथ ही, भाग्येश आपके पहले भाव में आ रहा है, इसलिए आपको किस्मत का साथ भी मिलेगा। लेकिन यहां शुक्र नीच का हो रहा है, जो इसकी सबसे बड़ी कमजोरी है। इसलिए केवल किस्मत पर भरोसा करना सही नहीं होगा। कई बार किस्मत काम कर जाती है और कई बार बिल्कुल साथ नहीं देती इसलिए मेहनत और सतर्कता दोनों जरूरी होंगी।

इस समय आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं। लेकिन मेहनत की रफ्तार और बढ़ानी पड़ेगी। मनोरंजन से जुड़ी चीजों में अच्छा परिणाम मिल सकते हैं। व्यापार में बढ़ोत्तरी के योग बन रहे हैं। शादी या रिश्तों से जुड़ी बातें आगे बढ़ सकती हैं, लेकिन हर कदम सोच-समझकर लेना जरूरी होगा। बातचीत में विनम्र रहें और अपने पिता के साथ संबंध अच्छे बनाए रखें। अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो इस गोचर से आपको अच्छे नतीजे मिलेंगे।

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कन्या साप्ताहिक राशिफल

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि की कुंडली में शुक्र सातवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अभी यह आपके लाभ भाव यानी ग्यारहवें भाव में प्रवेश कर रहे हैं। ज्योतिष में माना जाता है कि जब शुक्र लाभ भाव में आते हैं तो यह शुभ परिणाम देते हैं। भले ही यहां शुक्र नीच का हो, लेकिन फिर भी इसके फल अच्छे ही माने जाते हैं इसलिए इस समय आपको शुक्र से अच्छे नतीजे मिलने की उम्मीद रहेगी। लाभ भाव में शुक्र होने से धन और सफलता में बढ़ोतरी होगी। करियर में भी अच्छा समय रहेगा और तरक्की के योग बनेंगे। भाइयों और दोस्तों का सहयोग मिलेगा, लेकिन चूंकि सातवें भाव के स्वामी शुक्र इ दौरान कमजोर है इसलिए पति पत्नी या प्रेम संबंधों में थोड़ी परेशानी आ सकती है। 

अगर आप इस मामले में सावधानी रखेंगे तो स्थिति संभल जाएगी और बाकी चीज़ों में अच्छे नतीजे मिलते रहेंगे। व्यवसाय और रोजमर्रा के कामों में भी यही स्थिति रहेगी, यानी अगर आप मेहनत करते रहेंगे तो शुक्र यह गोचर आपके लिए सकारात्मक साबित होगा।

वृश्चिक साप्ताहिक राशिफल

शुक्र का कन्या राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव

मेष राशि

मेष राशि की कुंडली में शुक्र धन और सप्तम भाव के स्वामी हैं। अभी यह आपके छठे भाव यानी शत्रु, ऋण और रोग) से गुजर रहा है। शुक्र यहां नीच का भी हो जाता है और छठे भाव में इसका गोचर शुभ नहीं माना जाता है। ऐसे समय में आपको अपने दुश्मनों या विरोधियों से सावधान रहना होगा। बिना वजह भी कुछ नए लोग आपसे नाराज़ हो सकते हैं या आपके खिलाफ हो सकते हैं। इस गोचर के दौरान अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना बहुत ज़रूरी होगा। ज़रा सी लापरवाही भी आपको बीमार कर सकती है। गाड़ी चलाते समय भी सावधान रहें और किसी भी ऐसे काम से बचें जिसमें चोट या कटने खरोचने का डर हो।

शादीशुदा लोगों को अपने जीवनसाथी की सेहत का भी ध्यान रखना चाहिए। पैसों और परिवार से जुड़े मामलों में सावधानी बरतना आपके लिए लिए जरूरी होगा। व्यापार में इस दौरान कोई भी बड़ा जोखिम उठाना ठीक नहीं रहेगा। कुल मिलाकर, इस गोचर के समय आपको सतर्क रहकर और संभलकर चलना होगा, तभी आप मुश्किलों से बच पाएंगे।

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धनु राशि

धनु राशि की कुंडली में शुक्र छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। अभी यह आपके दसवें भाव में गोचर कर रहा है। दसवें भाव में शुक्र का गोचर सामान्यतः शुभ नहीं माना जाता, और यहां शुक्र नीच का भी हो रहा है। इसलिए इस समय आपको विशेष सतर्कता बरतनी होगी। नौकरीपेशा लोगों को अपने बॉस और सहकर्मियों से रिश्ते बिगड़ने से बचाना होगा। खासकर महिला सहकर्मियों से रिश्ते बिगड़ने से बचाना होगा। खासकर महिला सहकर्मियों से तालमेल बनाए रखना जरूरी है। 

अगर आपका बॉस या कोई वरिष्ठ महिला है, तो और भी सतर्क रहें। शुक्र का यह गोचर मानसिक तनाव भी ला सकता है। बहस और विवाद की संभावना बनी रहती है। इसलिए हर हाल में झगड़े और तकरार से बचना आपके लिए अच्छा रहेगा, खासकर नौकरी और बिज़नेस से जुड़े मामलों में। इस समय किसी भी नए प्रोजेक्ट या प्रयोग को शुरू करना सही नहीं रहेगा। सरकारी या प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत में भी पूरी इज्जत और शिष्टाचार बनाए रखना होगा। साथ ही, सामाजिक मामलों में भी सोच-समझकर कदम उठाना ज़रूरी होगा।

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धनु साप्ताहिक राशिफल

मीन राशि

मीन राशि की कुंडली में शुक्र तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं। अभी यह आपके सातवें भाव में गोचर कर रहे हैं। गोचर शास्त्र के अनुसार, सातवें भाव में शुक्र का गोचर बहुत अधिक शुभ नहीं माना जाता है। ऊपर से शुक्र यहां नीच का भी है इसलिए इस समय आपको बहुत सावधानी रखनी होगी। तीसरे भाव के स्वामी कमजोर होकर सातवें भाव में आया है, इसलिए आपको आत्मविश्वास बनाए रखना होगा। ध्यान रहे कि आत्मविश्वास अति आत्मविश्वास में न बदल जाए। 

इस दौरान आपको किसी ऐसे मुद्दे पर कोई खबर मिल सकती है, जिससे आप सहमत न हों। ऐसे में तुरंत प्रतिक्रिया देने के बजाय पहले यह जरूर जांच लें कि खबर सच है या सिर्फ अफवाह। ऐसा करने से रिश्तों को बिगड़ने से बचाया जा सकेगा। चूंकि आठवें भाव के स्वामी शुक्र सातवें भाव में बैठा है, इसलिए जीवनसाथी की सेहत का ख़ास ख्याल रखना जरूरी होगा।

इसके अलावा, यदि आपको पहले से जननांग से जुड़ी कोई तकलीफ है तो उस पर भी ध्यान दें। इस समय बेवजह की यात्राओं से बचना बेहतर होगा। किसी महिला से बहस या झगड़ा करने से बिल्कुल बचें और अपना ध्यान पूरी तरह अपने काम पर लगाएं। यानी इस पूरे गोचर में आपको हर कदम सावधानी से चलना होगा।

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शुक्र का कन्या राशि में गोचर: उपाय

  • प्रतिदिन 11 बार “ॐ नमो नारायणाय” का जाप करें।
  • प्रतिदिन 108 बार “ऊँ शुक्राय नमः” का जाप करें।
  • शुक्रवार को व्रत रखें।
  • शुक्र को बेहतर बनाने के सबसे आसान उपायों में से एक है खुद को साफ-सुथरा रखना और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना।
  • हर शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा करें।
  • अपनी पत्नी, बहन आदि से प्यार और सम्मान करें और उन्हें अक्सर उपहार देकर उनकी सराहना करें।

शुक्र का कन्या राशि में गोचर: विश्व स्तर पर असर

व्यावहारिक रिश्तों और राजनीतिक संवेदनशीलता पर ध्यान

  • दुनिया भर में रिश्तों, कूटनीति और साझेदारियों में बदलाव देखने को मिल सकता है। ये बदलाव ज्यादा व्यावहारिक, विश्लेषणात्मक और सेवा-भाव से जुड़ी सोच की ओर होंगे।
  • देश और संस्थाओं आदर्शवादी वादों के बजाय हकीकत पर आधारित नीतियों के जरिए सहयोग बढ़़ाने की कोशिश करेंगी।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीति में मुश्किलें आ सकती हैं, क्योंकि कन्या राशि का असर नेताओं को ज़्यादा आलोचनात्मक और परफेक्शन चाहने वाला बना सकता है।
  • छोटी-छोटी गलतफहमियां अगर समझदारी से न संभाली जाएं तो बड़े विवादों का रूप ले सकती हैं। लेकिन अगर बातचीत विस्तार से और तथ्यों पर आधारित होगी, तो समझौते सफल रहेंगे।

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शुक्र का कन्या राशि में गोचर का टेक्नोलॉजी, व्यापार और बाज़ार पर प्रभाव

  • जिन क्षेत्रों में बारीकी, विश्लेषण और सेवा की ज़रूरत होती है (जैसे आईटी, डेटा एनालिटिक्स, मेडिकल टेक्नोलॉजी, एआई-आधारित हेल्थकेयर) वे इस गोचर के दौरान तेजी से आगे बढ़ सकते हैं। इस समय ध्यान शौक़ और विलासिता वाली नई खोजों से हटकर व्यावहारिक और समस्या हल करने वाली तकनीक पर रहेगा।
  • शुक्र जो धन के कारक ग्रह है, अब कन्या राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसकी वजह से वैश्विक वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
  • निवेशक इस समय ज्यादा सतर्क रहेंगे और जोखिम भरे कामों की बजाय स्थिरता और लंबे समय से फायदे को प्राथमिकता देंगे। विलासिता से जुड़ी चीज़ों पर खर्च घट सकता है, जबकि ज़रूरी और सेवा-आधारित उद्योगों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।

स्वास्थ्य, जीवनशैली और मानवीय सेवा

  • कन्या राशि सेहत, अनुशासन और रोजमर्रा की दिनचर्या की कारक होती है। विश्व स्तर पर लोग स्वास्थ्य सेवाओं, मेडिकल रिसर्च और प्रिवेंटिव केयर  (बीमारियों से बचाव वाली देखभाल) पर ज़्यादा ध्यान देंगे। वेलनेस इंडस्ट्री जैसे योग, ऑर्गेनिक फूड और नेचुरल थैरेपीज़ में भी बढ़ोतरी हो सकती हैं।
  • कन्या राशि सेवा और उपचार पर जोर देती है। इस गोचर के दौरान मानवीय परियोजनाओं, सार्वजनिक सेवा सुधारों और वॉलंटियर मूवमेंट्स पर दुनिया का ध्यान बढ़ सकता है।
  • देश आपस में मिलकर हेल्थकेयर, पर्यावरण की सफाई और सेवा से जुड़े अभियानों पर काम कर सकते हैं।

शुक्र का कन्या राशि में गोचर से कला और रचनात्मकता में बदलाव

  • शुक्र सुंदरता, कला और क्रिएटिविटी के कारक है, लेकिन कन्या राशि की ऊर्जा विश्लेषणात्मक और बारीकियों पर ध्यान देने वाली होती है।
  • इस समय दुनिया भर में कला और रचनात्मकता की दिशा ज्यादा सादगी, निखार और उपयोगिता की ओर झुकेगी, न कि दिखावे और भव्यता की ओर।
  • कला और मीडिया के क्षेत्र में आलोचना और जजमेंट भी बढ़ सकता है।

शुक्र का कन्या राशि में गोचर: शेयर बाजार रिपोर्ट

09 अक्टूबर 2025 को शुक्र अपनी नीच राशि कन्या में प्रवेश करेंगे। आइए देखते हैं कि शेयर मार्केट रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर महीने में बाजार सुधरकर स्थिर होगा या और ज्यादा गिरावट दिखाएगा। 

  • महीने के पहले आधे हिस्से में निवेश विश्लेषण, अकाउंटिंग, सुधार और सतर्क निवेश रणनीतियों पर ध्यान देंगे।
  • 17 अक्टूबर को जब सूर्य तुला राशि में जाएगा, तब साझेदारी,सहयोग और अचानक बनने वाले गठबंधनों की वजह से बाजार थोड़ा संतुलित हो सकता है।
  • निवेशक इस समय छोटे-छोटे, सटीक और डेटा आधारित फैसले लेना पसंद करेंगे, जिसकी वजह से महीने के दूसरे हिस्से में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है।
  • लंबे समय के निवेशकों में उतार-चढ़ाव आ सकता है। बाजार में अचानक गिरावट आ सकती है।
  • बैंकिंग, फाइनेंस और शिक्षा से जुड़ी शेयरों में देरी या करेक्शन देखने को मिल सकता है। 
  • चूंकि शुक्र कन्या में नीच का है इसलिए लक्जरी, फैशन, कॉस्मेटिक्स, हॉस्पिटैलिटी और एंटरटेनमेंट सेक्टर में उतार-चढ़ाव रहेगा। 
  • 22 अक्टूबर के बाद जब शुक्र तुला राशि में प्रवेश करेगा तब लक्जरी, रियल एस्टेट और साझेदारी आधारित बिज़नेस में सुधार होगा। महीने के आखिरी हफ्ते में बाज़ार अच्छा प्रदर्शन कर सकता है।

शुक्र का कन्या राशि में गोचर: नई फ़िल्में रिलीज़ और उनका भाग्य

फ़िल्में रिलीज़स्टार कास्टतिथि
सनी संस्कारी की तुलसी कुमारीजाह्नवी कपूर, वरुण धवन02 अक्टूबर, 2025
गो गोवा गोन 2सैफ अली खान, कुणाल खेमू15 अक्टूबर 2025
गोलमाल 5अजय देवगन, श्रेयस19 अक्टूबर, 2025

ऊपर बताई गई तीनों फिल्में बस औसत ही करेंगी। संभावना है कि इनमें से कोई भी फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित नहीं होगी। हां, सभी फ़िल्में अपना खर्च निकाल लेंगी और थोड़ी-बहुत अतिरिक्त कमाई भी कर लेंगी, लेकिन कोई बड़ी या चौंकाने वाली सफलता नहीं मिलेगी क्योंकि इस समय शुक्र अपनी नीच राशि कन्या में हैं इसलिए इस अवधि में किसी भी फिल्म का प्रदर्शन बहुत अच्छी नहीं हो पाएगा।

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अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

1. शुक्र किस राशि में उच्च का होता है?

मीन राशि

2. क्या शुक्र और बृहस्पति एक-दूसरे के मित्र ग्रह हैं?

नहीं, दोनों एक-दूसरे के प्रति तटस्थ हैं।

3. कन्या राशि पर किस ग्रह का शासन है?

बुध