एस्ट्रोसेज एआई हमेशा यही कोशिश करता है कि हर नए ब्लॉग के साथ आपको ज्योतिष से जुड़ी ताजा और सबसे जरूरी जानकारी दी जाए, ताकि आप ज्योतिष की रहस्यमयी दुनिया की हर बड़ी घटना से जुड़े रहें। इस ब्लॉग में हम बात करेंगे बुधादित्य योग की जो कन्या राशि में बुध के गोचर से बनने जा रहा है। इसके अलावा, यह योग किस राशि के जातकों के लिए शुभ साबित होगा यह भी इस ब्लॉग के जरिए जानेंगे। बता दें कि यह विशेष योग 17 सितंबर 2025 की दोपहर 01 बजकर 38 मिनट पर बनने वाला है।

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बुधादित्य योग वैदिक ज्योतिष का एक शक्तिशाली योग है, जो तब बनता है, जब सूर्य और बुध एक ही भाव में साथ स्थित होते हैं। इस योग में सूर्य की आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और अधिकार शक्ति का मेल होता है बुध की बुद्धिमत्ता, संवाद कौशल और विश्लेषण शक्ति के साथ। इस योग के बनने से व्यक्ति में तेज दिमाग स्पष्ट और प्रभावशाली बोलने की क्षमता, जल्दी सीखने की आदत और मजबूत निर्णय लेने की शक्ति देखी जाती है। जिन लोगों की कुंडली में यह योग बनता है, वे अक्सर प्रशासन, शिक्षा, लेखन या व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में ऊंचे पदों तक पहुंचते हैं।
हालांकि इस योग का पूरा फल तभी मिलता है जब सूर्य और बुध शुभ स्थिति में हों। जब यह योग शुभ दशाओं में बनता है , तो यह व्यक्ति को बुद्धिमान और स्वभाव से प्रभावशाली बनाता है, जिससे वह समाज में सम्मान, सफलता और नेतृत्व हासिल करता है।
कन्या राशि में बुधादित्य योग: प्रभाव
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में बुधादित्य योग बनता है, खासकर अगर यह कन्या राशि में हो, तो यह योग उसकी बुद्धिमत्ता, संवाद कौशल और नेतृत्व क्षमता को काफी हद तक बढ़ा देता है। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति में निम्नलिखित खूबियां देखी जाती है।
- ऐसे लोग आमतौर पर तेज़ स्मरण शक्ति वाले होते हैं, तार्किक सोच रखते हैं, और आत्मविश्वास से भरी स्पष्ट अभिव्यक्ति करते हैं।
- वे तेज़ी से सीखने वाले, समझदारी से निर्णय लेने वाले होते हैं और शिक्षा, प्रशासन, लेखन, वकालत, पब्लिक स्पीकिंग या व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं।
- यदि यह योग केंद्र या त्रिकोण भावों में बनता है,तो व्यक्ति को नाम शोहरत और सामाजिक पहचान भी प्राप्त होती है।
- ऐसे जातक आकर्षक और प्रभावशाली व्यक्तित्व के होते हैं और अपनी बातों और ज्ञान से दूसरों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
हालांकि यदि सूर्य या बुध में से कोई भी ग्रह नीच का हो, अस्त हो जाए या राहु, केतु या शनि जैसे पाप ग्रहों से पीड़ित हो, तो इस योग के सकारात्मक प्रभाव कम हो सकते हैं। इसका परिणाम व्यक्ति में अहंकार, अत्यधिक सोचने की प्रवृत्ति या संवाद से जुड़ी समस्याओं के रूप में सामने आ सकता है। बुधादित्य योग साल में कम से कम एक बार सभी राशियों में बनता है। इस बार यह कन्या राशि में बन रहा है।
इस राशि में बुध उच्च का होता है और सूर्य भी अच्छी स्थिति में माना जाता इसलिए इसका असर सामान्यतः बहुत शुभ होता है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियां ऐसी होती हैं जिनमें यह योग अप्रभावी या निष्फल माना जाता है। अब हम उन स्थितियों की चर्चा करेंगे, जिनमें यह योग अपना प्रभाव नहीं दिखाता है।
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बुधादित्य योग के समाप्त होने की स्थितियां
जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि बुधादित्य योग एक शक्तिशाली और शुभ योग माना जाता है, जो व्यक्ति को बुद्धिमत्ता, नेतृत्व क्षमता और प्रभावशाली वाणी प्रदान करता है, लेकिन कुछ खास स्थितियों में यह योग अप्रभावी या कमजोर हो सकता है। इसका असर कम होने से व्यक्ति को गलतफहमी, स्पष्टता की कमी, सफलता में रुकावट या अहंकार जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कुंडली में इस योग की शक्ति को सही से परखने के लिए ग्रहों की स्थिति, दृष्टि, असत होना और भाव का स्थान ध्यानपूर्वक देखना आवश्यक होता है।
निम्नलिखित स्थितियों में बुधादित्य योग कमजोर या रद्द हो सकता है:
यदि बुध सूर्य से बहुत अधिक करीब (विशेषकर 3° से कम दूरी) पर आ जाए, तो वह तीव्र रूप से अस्त हो जाता है, जिससे उसकी बुद्धि, वाणी और विश्लेषण की क्षमता प्रभावित होती है और योग की शक्ति समाप्त हो सकती है।
- यदि सूर्य-बुध की युति पर राहु, केतु, शनि या मंगल जैसे पाप ग्रहों की दृष्टि हो या ये ग्रह साथ में स्थित हों, तो योग का प्रभाव कमजोर हो सकता है।
- विशेष रूप से यदि राहु-बुध-सूर्य की युति हो, तो यह योग भ्रम, धोखा या बुद्धि के दुरुपयोग का कारण बन सकता है।
- यह योग यदि छठे, आठवें या बारहवें भाव मे बन रहा हो, तो इसका फल बहुत हद तक नकारात्मक या सीमित हो जाता है।
- ऐसे मामलों में व्यक्ति को अपनी बात कहने में कठिनाई, सम्मान की कमी, या गुप्त शत्रुओं का सामना करना पड़ सकता है।
- यदि सूर्य तुला राशि में नीच का या बुध मीन राशि में नीच में हो तो भी यह योग पूरी तरह फल नहीं देता।
- यदि बुध वक्री हो या अस्त हो और कमजोर राशि में हो, तो यह विशेष रूप से हानिकार होता है।
- बुधादित्य योग के पूर्ण प्रभाव के लिए यह आवश्यक है कि इसे बृहस्पति या शुक्र जैसे शुभ ग्रहों की दृष्टि या साथ मिल जाए। इनके बिना यह योग कमज़ोर या निष्क्रिय रह सकता है।
कन्या राशि में बुधादित्य योग: इन राशियों को होगा लाभ
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए यह समय बेहद शुभ साबित हो सकता है। इस दौरान बुध जो कि आपकी और चौथी भाव के स्वामी हैं, और सूर्य जो कि तीसरे भाव के स्वामी हैं, दोनों एक साथ चौथे भाव में आ रहे हैं। चौथा भाव माता, घर, सुख और भावनात्मक संतुलन का प्रतीक होता है। ऐसे में, 2025 का बुधादित्य राजयोग मिथुन राशि वालों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा और जीवन में कई सकारात्मक बदलाव लाएगा।
इस समय मिथुन राशि के लोग कई माध्यमों से अच्छा पैसा कमा सकते हैं। पहले किए गए निवेश अच्छा लाभ देंगे और जो लोग किसी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं, उन्हें उससे जल्दी राहत मिलेगी। इस योग के प्रभाव से अविवाहित लोगों को अच्छे विवाह प्रस्ताव मिल सकते हैं। वहीं, जो लोग पहले से किसी रिश्ते में हैं या शादीशुदा हैं, उनके संबंधों में और भी गहराई आएगी।
कार्यस्थल पर भी अच्छा समय रहेगा। आपको अच्छी आमदनी के साथ-साथ काम में सराहना और तरक्की मिलने की संभावना है। जो भी प्रयास आप करेंगे, उसका फल अच्छा मिलेगा और करियर में अच्छी प्रगति होगी। संक्षेप में, यह समय मिथुन राशि वालों के लिए आर्थिक, व्यक्तिगत और पेशेवर हर क्षेत्र में फायदेमंद रहेगा।
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कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए 2025 का साल बहुत ही शुभ रहने वाला है। इस वर्ष बुध (जो आपकी पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं) और सूर्य (दूसरे भाव के स्वामी) एक साथ आपकी ही राशि यानी पहले भाव में आकर बुधादित्य योग का निर्माण करेंगे। इस विशेष योग के प्रभाव से कन्या राशि के जातकों को कई क्षेत्रों में सफलता मिलेगी और जीवन में समृद्धि आएगी।
वैवाहिक जीवन में आपसी समझ और जिम्मेदारी की भावना बढ़ेगी, जिससे दांपत्य जीवन मजबूत और सुखमय रहेगा। जमीन-जायदाद से जुड़े पुराने विवाद या जुड़ी हुए काम जब सुलझ सकते हैं, जिससे मानसिक और भौतिक संतुष्टि दोनों मिलेगी। जो लोग अपने काम को लेकर समर्पित हैं, उन्हें करियर में आगे बढ़ने के कई सुनहरे मौके के मिलेंगे। मेहनत का अच्छा फल मिलेगा और कार्यस्थल पर आपकी पहचान बढ़ेगी। आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलेगा और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं भी इस समय में सुधर सकती हैं। कुल मिलाकर, कन्या राशि वालों के लिए यह समय नई शुरुआत, तरक्की, रिश्तों में मजबूती और आर्थिक स्थिरता लेकर आ रहा है।
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धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए 2025 में बुधादित्य योग विशेष रूप से लाभकारी रहेगा। जब बुध, जो कि आपकी सप्तम (विवाह) और दसवें (करियर) भाव के स्वामी हैं और सूर्य जो नौवें भाव (भाग्य) भाव के स्वामी हैं, एक साथ चौथे भाव (घर, सुख, माता, संपत्ति) में आकर स्थित होते हैं, तब यह शुभ योग बनता है।
इस योग के प्रभाव से किस्मत धनु राशि वालों का पूरा साथ देगी और जीवन के कई क्षेत्रों में तरक्की मिलेगी। इस समय आपका वैवाहिक जीवन सुखद रहेगा और जीवनसाथी के साथ रिश्ता और भी मजबूत बनेगा। जो लोग परिवार बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए यह गर्भधारण या संतान सुख की खुशखबरी ला सकता है।
आपके पिता,गुरु या मेंटर का साथ मिलेगा, जिससे व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों ही जीवन में आगे बढ़ने के मौके मिलेंगे। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, जिससे आप घर जमीन या प्रॉपर्टी से जुड़े सौदे कर सकते हैं। कार्यस्थल पर भी यह समय अनुकूल रहेगा और पदोन्नति या वेतन वृद्धि की संभावनाएं बन रही हैं।
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मीन राशि
बुध जो कि चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं, कन्या राशि में उच्च के माने जाते हैं। सूर्य जो मीन राशि वालों के लिए छठे भाव के स्वामी होते हैं, वे भी बुध के साथ सातवें भाव में स्थित होंगे। यह स्थिति बुधादित्य योग का निर्माण करती है। यह योग बहुत ही शुभ माना जाता है, खासकर उन लोगों के लिए जो रिसर्च फर्म के मालिक हैं या फाइनेंस क्षेत्र में कार्यरत हैं, जैसे कि बैंकिंग, फाइनेंशियल कॉर्पोरेट कंपनी का मालिकाना आदि। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में धन, ऐश्वर्य और प्रभावशाली व्यक्तित्व की प्राप्ति हो सकती है।
कोई व्यक्ति यदि किसी प्राइवेट कंपनी में एडमिनिस्ट्रेटिव (प्रशासनिक) पद पर कार्य कर रहा है, तो उसके लिए यह समय काफी लाभकारी रहेगा। यदि किसी प्राइवेट कंपनी में ऐसे व्यक्ति को अपने करियर में उन्नति करने और अच्छे आय प्राप्त करने के अवसर मिल सकते हैं। इस समय के दौरान व्यक्ति को बड़े जिम्मेदारी भरे कार्य और पदोन्नति के अवसर मिल सकते हैं, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति और सामाजिक प्रतिष्ठा में सुधार होगा। साथ ही, व्यावसायिक साझेदारियों और जीवनसाथी के साथ संबंधों में भी सहजता और सकारात्मकता बनी रहेगी।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
बुध और सूर्य
कन्या
बुध आंतरिक वृत्त में है।