सूर्य-बुध की युति से बनेगा बुधादित्य योग, इन 3 राशियों पर होगी धन-दौलत की बरसात!

सूर्य-बुध की युति से बनेगा बुधादित्य योग, इन 3 राशियों पर होगी धन-दौलत की बरसात!

बुधादित्य योग 2025: एस्ट्रोसेज एआई हमेशा से अपने पाठकों को ज्योतिष की दुनिया में होने वाली घटनाओं और बदलावों से सबसे पहले रूबरू करवाता रहा है, ताकि आप ग्रहों की स्थिति और राशि में होने वाले बदलावों से अवगत रहें।

इसी क्रम में, बुध और सूर्य कन्या राशि में 17 सितंबर 2025 की दोपहर 01 बजकर 38 मिनट पर एक साथ मौजूद होंगे। ऐसे में, सूर्य-बुध की युति का मनुष्य जीवन पर और सभी 12 राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा? आइए जानते हैं। साथ ही, इन दोनों ग्रहों से आप कैसे शुभ परिणाम प्राप्त कर सकते हैं, इसके लिए आपको सरल उपाय भी प्रदान किए जा रहे हैं।

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जैसे कि हम सभी जानते हैं कि सूर्य का यह गोचर कन्या राशि में होने जा रहा है और ऐसे में, यह बुध के साथ युति का निर्माण करेंगे जो वहां पहले से अपनी उच्च अवस्था में मौजूद होंगे। इसके फलस्वरूप, यह कन्या राशि में बुधादित्य योग का निर्माण करेंगे। 

ज्योतिष में बुधादित्य योग का महत्व

कन्या राशि में बुधादित्य राजयोग का बनना बेहद शुभ माना जाता है क्योंकि कन्या राशि में सूर्य और बुध दोनों मज़बूत स्थिति में होते हैं। बता दें कि बुध ग्रह अपनी राशि में विराजमान होंगे और यह बुद्धिमानी, संचार कौशल, बेहतरीन विश्लेषणात्मक क्षमता एवं तार्किक क्षमता के कारक ग्रह माने जाते हैं।

इसके विपरीत, सूर्य देव अधिकारी, आत्मविश्वास और आत्मा के कारक ग्रह माने जाते हैं। इसी प्रकार, बुद्धि और वाणी के ग्रह बुध का सूर्य के साथ बैठे होना बहुत शक्तिशाली माना जाता है। इन दोनों की युति जातक को विचारों की स्पष्टता, तुरंत विचार लेने की मजबूत क्षमता और अपने को अभिव्यक्त करने का आशीर्वाद देती है। 

बुधादित्य राजयोग किसी जातक को तार्किक बुद्धि, बेहतरीन प्रबंधन स्किल्स, ज्ञान और सोच समझकर योजना बनाने की क्षमता प्रदान करती है। शायद ही आप जानते होंगे कि कन्या राशि स्वास्थ्य, अनुशासन और सेवाओं का भी प्रतिनिधित्व करती है और ऐसे में, बुधादित्य योग का प्रभाव जातक को छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने वाला और हर चीज़ को परफेक्ट तरीके से करने वाला बनाती है।

ऐसे लोग एनालिसिस, टीचिंग, हीलिंग, राइटिंग और एडमिनिस्ट्रेशन आदि क्षेत्रों से जुड़े होते हैं। अगर यह योग कन्या राशि में शुभ स्थिति में होता है और किसी ग्रह से पीड़ित नहीं होता है, तो जातक को जीवन में प्रसिद्धि, बुद्धि और ज्ञान के माध्यम से मान-सम्मान मिलता है।

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कब बनता है बुधादित्य राजयोग?

  • सूर्य और बुध को कुंडली के किसी भी भाव में या फिर राशि में एक साथ होना चाहिए।
  • बुधादित्य योग से पूर्ण रूप से सकारात्मक परिणाम पाने के लिए बुध ग्रह अस्त अवस्था में नहीं होना चाहिए। 
  • बुध और सूर्य, यह दोनों ग्रह कुंडली में मज़बूत स्थिति (अपनी राशि, उच्च अवस्था या मित्र राशि) में होने चाहिए। साथ ही, इन पर किसी ग्रह का नकारात्मक प्रभाव नहीं होना चाहिए।
  • कुंडली के जिस भाव में बुधादित्य राजयोग का निर्माण होता है, वह बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह योग दसवें भाव (करियर और सफलता) और पांचवें भाव (बुद्धिमान और रचनात्मकता) में बनने पर शुभ फल प्रदान करता है। 
  • शनि, राहु या केतु जैसे पाप ग्रहों से पीड़ित न होने पर आपको बुधादित्य योग काफ़ी अच्छे परिणाम देता है। 

बुधादित्य योग और इसका प्रभाव 

  • बुधादित्य योग के प्रभाव से जातक की बुद्धि तेज़ होती है, वह तार्किक रूप से सोचता है और उसकी विश्लेषणात्मक क्षमता मज़बूत होती है। ऐसे जातक बुद्धि के बहुत तेज़ होते हैं। 
  • यह राजयोग अधिकार, अपनी एक अलग पहचान, मधुर वाणी और ज्ञान के माध्यम से लोगों को  प्रभावित करने में सक्षम होते हैं। 
  • जातक को शिक्षा, लेखन, रिसर्च और बुद्धि से जुड़ी गतिविधियों में सफलता दिलाने का काम करते हैं।   
  • कम्युनिकेशन, टीचिंग, राइटिंग, कानून, व्यापार, सरकार या एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े क्षेत्रों में व्यापार के अवसर प्रदान करता है। 
  • ऐसा व्यक्ति अपनी बुद्धि और ज्ञान के प्रभाव से समाज में मान-सम्मान प्राप्त करता है।
  • यह जातक अपने ज्ञान का इस्तेमाल करके करियर को प्रगति और तरक्की के मार्ग पर लेकर जाता है। 

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सूर्य-बुध करेंगे बुधादित्य योग का निर्माण: 12 राशियों पर प्रभाव 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके तीसरे भाव और छठे भाव के स्वामी हैं । वहीं, सूर्य आपके पांचवें भाव के स्वामी हैं। ऐसे में, सूर्य और बुध की युति बुधादित्य योग का निर्माण करेगी। हालांकि, यह मेष राशि वालों के लिए ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता है, और आपको इस युति के प्रभाव से मिलेजुले परिणाम हो सकते हैं क्योंकि यह आपकी और संतान की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

साथ ही, गर्भवती महिलाओं की इस अवधि में सिजेरियन डिलीवरी होने की आशंका है, जिसकी वजह आपके पांचवें भाव के स्वामी सूर्य का छठे भाव और उसके स्वामी से संबंध बनाना होगा। 

बता दें कि बुधादित्य योग का आपके छठे भाव में बनाना एक मज़बूत व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है जो जीवन की मुश्किलों, कानूनी विवादों और प्रतिद्वंदियों पर जीत हासिल करने में सक्षम होगा। साथ ही, सभी समस्याओं को हल करने, व्यापार को अच्छे से संभालने के साथ-साथ सोच-समझकर निवेश करेगा। 

मेष साप्ताहिक राशिफल

वृषभ राशि 

वृषभ राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं जबकि सूर्य देव को आपके चौथे भाव पर आधिपत्य प्राप्त हैं। कन्या राशि में बुधादित्य योग के अलावा केंद्र त्रिकोण राजयोग भी बनने जा रहा है क्योंकि सूर्य केंद्र और बुध त्रिकोण भाव का स्वामी है।

इस राशि के लोगों के लिए बुधादित्य राजयोग आपके पांचवें भाव में बनने जा रहा है। ऐसे में, यह आपको जीवन में बुद्धिमानी और रचनात्मकता प्रदान करवाएगा। साथ ही, संतान के प्रति प्रेम में भी वृद्धि होगी। ऐसे जातकों की संतान आज्ञाकारी और समझदार होगी। इन्हें पढ़ाई करना पसंद होता है और अक्सर उच्च शिक्षा प्राप्त करते हुए दिखाई देते हैं। यह करियर के क्षेत्र में एक्टिंग, डिज़ाइन या आर्ट्स से जुड़े होते हैं। इस दौरान आपके पास आय के विभिन्न स्रोत मौजूद होंगे और इसके फलस्वरूप, आप पर्याप्त मात्रा में धन लाभ कमाने में सक्षम होंगे। 

मिथुन राशि 

मिथुन राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके पहले/लग्न भाव और चौथे भाव के स्वामी हैं। वहीं, सूर्य देव आपके तीसरे भाव को नियंत्रित करते हैं। ऐसे में, कन्या राशि में बुध और सूर्य की युति से बनने से बनने वाला बुधादित्य योग आपके चौथे भाव में बनने जा रहा है, जिसके चलते आपको सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी। इसके परिणामस्वरूप, आपके रिश्ते माता और परिवार के साथ संबंध मज़बूत होंगे। साथ ही, आप रियल एस्टेट और संपत्ति से जुड़े क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करेंगे। इन जातकों का पारिवारिक जीवन खुशियां से भरा रहेगा क्योंकि सूर्य-बुध की युति से बनने वाला बुधादित्य राजयोग आपकी कुंडली के चौथे भाव में बनने जा रहा है। 

धन समृद्धि के बावजूद भी यह जातक मानसिक समस्याओं या हद से ज्यादा सोचने की समस्या से परेशान रह सकते हैं, जिसका असर आपके घर-परिवार पर नज़र आ सकता है। बुध देव आपके लग्न भाव और चौथे के स्वामी हैं इसलिए इनकी यह स्थिति आपके जीवन को प्रभावित करने की क्षमता रखती है।

मिथुन साप्ताहिक राशिफल

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों की कुंडली में बुध देव आपके तीसरे और बारहवें भाव के अधिपति देव हैं। इसी क्रम में, सूर्य महाराज आपके दूसरे भाव के स्वामी हैं। कुंडली में सूर्य और बुध आपके तीसरे भाव में एक साथ उपस्थिति होंगे जो जोश, साहस और संचार कौशल का भाव है। ऐसे में, कर्क राशि वालों के तीसरे भाव में बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है। इस भाव में बुधादित्य योग बनने से आपमें साहस, संचार कौशल और नए-नए आविष्कार करने की क्षमता मज़बूत होगी। ऐसे में, यह जातक जर्नलिज्म, कला और राइटिंग से जुड़े क्षेत्रों में कामयाबी हासिल करेंगे 

बुध और सूर्य की इस स्थिति के प्रभाव से जातक अच्छा वक्ता, अपनी बातों या विचारों को अच्छे से दूसरों के सामने रखने वाला और मज़बूत इच्छाशक्ति वाला होता है। हालांकि, यह इंसान  समस्याओं का सामना करते समय बेचैन या बहुत ज्यादा सोच-विचार करने वाला बन सकता है। सूर्य और बुध, यह दोनों  ग्रह जिस राशि में मौजूद होते हैं, वहां अन्य ग्रहों का बलवान होना और बुध का अस्त होना, इस योग से मिलने वाले लाभों को प्रभावित कर सकता है। 

कर्क साप्ताहिक राशिफल

कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर

सिंह राशि

सिंह राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं, तो वहीं सूर्य देव आपके लग्न भाव के अधिपति देव हैं। इसके परिणामस्वरूप, सूर्य और बुध की इस युति  से बनने वाला बुधादित्य योग आपके दूसरे भाव में निर्मित हो रहा है जो धन और वाणी का भाव है, इसलिए इस योग को आपके लिए बहुत शुभ और भाग्यशाली माना जाएगा। इस अवधि में आपको आर्थिक जीवन में सफलता मिलेगी और परिवार भी धन-समृद्धि से पूर्ण रहेगा। साथ ही, आपका संचार कौशल भी शानदार रहेगा। 

इसके विपरीत, जिन जातकों की कुंडली में यह योग मौजूद होता है, वह बातचीत करने में और अपनी बातें मनवाने में माहिर होते हैं। साथ ही, वह लोग मीडिया, सेल्स, कानून और पत्रकारिता जैसे क्षेत्रों में सफलता हासिल करते हैं। इन लोगों का धन जमा करना, समाज में मान-सम्मान प्राप्त करना और विलासिता का आनंद लेना पसंद होता है। 

सिंह साप्ताहिक राशिफल

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए बुध ग्रह और सूर्य देव आपके पहले/लग्न भाव में विराजमान होंगे, जो कि स्वयं और व्यक्तित्व का भाव होता है। ऐसे में, बुध और सूर्य की युति से बनने जा रहा बुधादित्य राजयोग कन्या राशि में आपके लग्न भाव में बनेगा। इसके फलस्वरूप, इस राशि के जातकों की बुद्धि, आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता मज़बूत होगी।

इस राशि के जातक बुधादित्य योग के प्रभाव से दृढ़, चतुर और रचनात्मक बनेंगे। यह लोग अपना करियर ऐसे क्षेत्र में बनाएंगे जहां अपनी बुद्धि और विश्लेषणात्मक क्षमताओं का उपयोग कर सकेंगे। बुधादित्य योग का निर्माण आपका पहले भाव में होना बेहद शुभ माना जाएगा और ऐसे में, आपकी जीवनशक्ति और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा। 

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तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके बारहवें और नौवें भाव के स्वामी हैं जबकि सूर्य देव आपके ग्यारहवें भाव को नियंत्रित करते हैं। इसी प्रकार, बुध और सूर्य की युति आपके बारहवें भाव में होने जा रही है और इसी भाव में बुधादित्य राजयोग का निर्माण होगा। ऐसे में, आपका झुकाव अध्यात्म के प्रति हो सकता है और आपकी इंटुइशन क्षमता भी मज़बूत होगी। साथ ही, इंटरनेशनल कम्युनिकेशन या मेडिकल के क्षेत्र में आप अपार सफलता हासिल करेंगे। 

इसके अलावा, इन जातकों की रुचि ध्यान और रचनात्मक कार्यों में हो सकती है। लेकिन, इस योग के प्रभाव से आपको नकारात्मक परिणाम भी मिल सकते हैं और ऐसे में, आपको धन की बचत करने में समस्याओं और वैवाहिक जीवन में उत्तार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि,  इस योग से मिलने वाले प्रभाव आपकी जन्म कुंडली और अन्य पहलुओं पर निर्भर करते होंगे। 

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वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध देव आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। वहीं, सूर्य देव आपके दसवें भाव के स्वामी ग्रह हैं। ऐसे में, सूर्य और बुध की युति आपकी राशि के ग्यारहवें भाव में होने जा रही है जो लाभ और इच्छाओं का भाव है। 

कुंडली के ग्यारहवें भाव में बुधादित्य योग का निर्माण होना आपकी राशि के जातकों के लिए बहुत शुभ कहा जाएगा क्योंकि यह आपके जीवन में आर्थिक लाभ, सामाजिक जीवन में मिलने वाली उपलब्धियों और व्यापार, ज्ञान एवं प्रभावशाली लोगों की सहायता से इच्छाओं के पूरे होने का प्रतिनिधित्व करता है। बुध और सूर्य इन दोनों ग्रहों की स्थिति ऐसे व्यक्ति को दर्शा रही है जिसके पास विभिन्न स्रोतों से आर्थिक लाभ कमाने के अवसर होंगे। साथ ही, आप शिक्षा, निवेश और मनोरंजन जैसे क्षेत्रों में सफलता हासिल करेंगे। 

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धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए बुध महाराज आपके सातवें और दसवें भाव के अधिपति देव हैं जबकि सूर्य देव आपके नौवें भाव के स्वामी हैं। बता दें कि बुधादित्य योग का निर्माण आपकी कुंडली के दसवें भाव में होने जा रहा है। ऐसे में, ग्रहों की यह स्थिति धर्म-कर्म अधिपति योग को भी जन्म देगी। कुंडली के दसवें भाव में बुधादित्य योग बनने से धनु राशि के जातकों को काफ़ी अच्छे और समृद्ध करियर का आशीर्वाद मिलेगा। ऐसे में, यह जातक लीडर और समाज से जुड़ी भूमिकाओं में विशेष योगदान दे सकते हैं। साथ ही, व्यापार या सरकार में उच्च पद पर आसीन हो सकते हैं। 

इस योग के प्रभाव से आपको जीवन में धन-समृद्धि, सम्मान, बेहतरीन संचार कौशल और दृढ़ता की प्राप्ति होगी। आप कार्यक्षेत्र में सिद्धांतों का पालन करेंगे। बुध और सूर्य की युति आपकी कुंडली के विशेष भाव में होने से इसका असर बुधादित्य योग के प्रभावों पर पड़ सकता है, विशेष रूप से शुभ परिणामों पर। 

धनु साप्ताहिक राशिफल

मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए बुध देव आपके छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। वहीं, सूर्य देव आपकी कुंडली में आठवें भाव के शासक हैं। अब बुध और सूर्य की युति आपके नौवें भाव में होने जा रही है जो इस भाव में बुधादित्य योग को जन्म देगी। ऐसे में, मकर राशि के जातक दूसरों की सहायता करते हुए दिखाई देंगे और आपकी बुद्धि भी तेज़ बनेगी। आपकी नेतृत्व क्षमता भी मज़बूत होगी और साथ ही, इस राशि के छात्र उच्च शिक्षा में सफलता प्राप्त करेंगे। इस दौरान आपके विदेश यात्रा पर जाने के योग बनेंगे। 

बुधादित्य राजयोग एक ऐसे व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है जो जीवन में मूल्यों और सिद्धांतों को महत्व देता होगा। साथ भी, आपका संचार कौशल बेहतरीन होगा और वह एक नेता या धर्म प्रचारक के रूप में सेवा कार्य करेंगे। आपको इस योग से कैसे परिणाम मिलेंगे, यह पूरी तरह से सूर्य और बुध की स्थिति और दशा पर निर्भर करते हैं। 

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कुंभ राशि

कुंभ राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं जबकि सूर्य देव आपके पार्टनरशिप के भाव यानी कि सातवें भाव के स्वामी हैं। ऐसे में, सूर्य और बुध की इस युति के निर्माण से बुधादित्य योग आपके आठवें भाव में बनने वाला है और इसके फलस्वरूप,   आपके जीवन में बदलाव लेकर आने की क्षमता और गूढ़ विज्ञान में रुचि बढ़ेगी। साथ ही, इन्ट्यूशन क्षमता मज़बूत होगी।   

आध्यात्मिक ज्ञान को लेकर आपकी समझ बेहतर होगी। इस अवधि में अप्रत्याशित लाभ के साथ-साथ आपको पैतृक संपत्ति मिलने की संभावना प्रबल होगी, जिसकी वजह सूर्य और बुध की यह स्थिति होगी। हालांकि, कुंडली के आठवें भाव में बुधादित्य योग ज्यादा अच्छे परिणाम नहीं दे पाता है क्योंकि यह ग्रहों की स्थिति और दशा से प्रभावित होता है।

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए बुध देव आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं। वहीं, सूर्य महाराज आपके छठे भाव के स्वामी ग्रह हैं। इसके फलस्वरूप, सूर्य और बुध की युति से निर्मित होने वाला बुधादित्य योग आपके सातवें भाव में बनने जा रहा है जो आपको सुख-शांति से पूर्ण वैवाहिक जीवन प्रदान करेगा। साथ ही, अविवाहितों को एक अच्छा जीवनसाथी मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा। संभव है कि आपका पार्टनर किसी जाने-माने परिवार से ताल्लुक रखता होगा और साथ ही, व्यापार के क्षेत्र में सफल होगा। 

इस राशि के जातक सूर्य और बुध की युति के प्रभाव से एक अच्छे कॉलेबोरेटर और वार्ताकार होंगे। हालांकि, अगर सातवें भाव में गुरु ग्रह की दृष्टि पड़ रही होगी या फिर आपका शुक्र मज़बूत अवस्था में होंगे और सूर्य आपके सातवें भाव में बलवान स्थिति में होते हैं, तो यह आपके वैवाहिक जीवन में समस्याएं पैदा कर सकते हैं। 

कुंभ साप्ताहिक राशिफल

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सूर्य-बुध की युति से बनेगा बुधादित्य योग: सरल एवं प्रभावी उपाय 

  • रोज़ाना सुबह सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार करें। 
  • जल में लाल फूल मिलाकर उगते हुए सूर्य को अर्पित करें। 
  • सोने या तांबे की अंगूठी में माणिक्य रत्न जड़वाकर धारण करें, लेकिन उससे पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करें। 
  • आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें या “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का नियमित रूप से जाप करें।
  • भगवान सूर्य और बुध ग्रह दोनों की एक साथ पूजा करें। 
  • सूर्य और बुध को मज़बूत करने के लिए रविवार और बुधवार के दिन व्रत करें। 
  • ग्रहों से शुभ फल पाने के लिए कच्चे दूध और शहद से रुद्राभिषेक करें। 

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. कन्या राशि का स्वामी ग्रह कौन है?

बुध ग्रह कन्या राशि के स्वामी हैं। 

2. कन्या राशि में कौन सा ग्रह नीच अवस्था में होता है?

शुक्र ग्रह की नीच राशि कन्या है। 

3. सूर्य किस राशि के स्वामी हैं?

राशि चक्र में सूर्य देव को सिंह राशि पर स्वामित्व प्राप्त है।