आखिरी चंद्र ग्रहण 2025: क्‍या होगा गर्भवती महिलाओं और वैश्विक घटनाओं पर प्रभाव

आखिरी चंद्र ग्रहण 2025: क्‍या होगा गर्भवती महिलाओं और वैश्विक घटनाओं पर प्रभाव

चंद्र ग्रहण 2025: एस्ट्रोसेज एआई का यह ब्लॉग खास तौर पर 2025 के चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को बरतने वाली सावधानियों और इस खगोलीय घटना के देश-दुनिया पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बताने के लिए तैयार किया गया है।

यह अद्भुत घटना 7 सितंबर 2025 को घटित होगी। जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा  के बीच आ जाती है, तो उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है और चंद्र ग्रहण बनता है। यह एक दुर्लभ और मनमोहक खगोलीय नज़ारा होता है। तो चलिए बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं चंद्र ग्रहण का देश-दुनिया व गर्भवती महिलाओं पर किस प्रकार का असर पड़ेगा।

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चंद्र ग्रहण 2025 कब लगता है?

चंद्र ग्रहण का ज्योतिष में बहुत अधिक महत्व है। अंग्रेजी में इसे लूनर एक्लिप्स कहते हैं। यह घटना तब होती है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में प्रवेश कर जाता है। यह घटना केवल पूर्णिमा के दिन होती है, जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है और ये तीनों एक सीधे रेखा में स्थित होते हैं।

चंद्र ग्रहण 2025: समय और पक्ष

तिथिदिन तथा दिनांकचंद्र ग्रहण प्रारंभ समय (भारतीय स्टैंडर्ड टाइम के अनुसार)चंद्र ग्रहण समाप्त समयदृश्यता का क्षेत्र
भाद्रपद माह की पूर्णिमारविवार/सोमवार, 7/8 सितंबर, 202507 सितंबर की रात 9 बजकर 57 मिनट से08 सितंबर की मध्यरात्रि 01 बजकर 26 मिनट तकभारत, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका, पूर्वी दक्षिण अमेरिका सहित संपूर्ण एशिया

नोट: यदि ग्रहण 2025 की बात करें, तो उपरोक्त तालिका में दिया गया चंद्र ग्रहण का समय भारतीय मानक समय के अनुसार है।

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चंद्र ग्रहण: सूतक काल

07 सितंबर 2025 को साल का दूसरा व आखिरी चंद्र ग्रहण रहेगा, जो भारत में दिखाई देगा। परंपरागत रूप से, वयस्कों के लिए चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने से 09 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। वहीं, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए इन नियमों में अक्सर ढील दी जाती है।

इस समय के दौरान आमतौर पर खाना पकाना, भोजन करना करना धार्मिक अनुष्ठान करना और मंदिर जाना वर्जित माना जाता है। आइए अब एक नज़र डालते हैं चंद्र ग्रहण 2025 से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों पर। 

  • खाना पकाने, भोजन करने और कोई नया काम शुरू करने से बचें।
  • मंदिर जाने, पूजा-पाठ करने या देवी-देवताओं की मूर्तियों को छूने से परहेज़ करें।
  • इस समय ध्यान, मंत्र जाप और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना शुभ माना जाता है।
  • ग्रहण समाप्त होने के बाद गंगाजल का छिड़काव करना या स्नान करना शुद्धिकरण के लिए परंपरागत माना जाता है।

चंद्र ग्रहण: गर्भवती महिलाएं बरतें ये सावधानियां

पारंपरिक हिंदू और वैदिक ज्योतिष में माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान  ब्रह्मांड में शक्तिशाली तरंगें सक्रिय होती हैं। इस समय गर्भवती महिलाओं को कुछ विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है, ताकि मां और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों की सुरक्षा हो सके।

हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी कुछ नियम बताए गए हैं, जिन्हें सही तरीके से अपनाने पर मां और शिशु दोनों को लाभ होता है। यहां गर्भवती महिलाओं के लिए ऐसी ही कुछ प्रमुख सावधानियों के बारे में चर्चा की जा रही है।

  • चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को घर के भीतर रहना चाहिए, क्योंकि मान्यता है कि इस दौरान निकलने वाली हानिकारक किरणें गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
  • तेज या नुकीली चीजों जैसे ब्लेड, कैंची आदि का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। 
  • ग्रहण के समय आमतौर पर कुछ भी खाने से परहेज किया जाता है, लेकिन गर्भवती महिलाओं को ताज़े फल, सात्विक भोजन और जरूरी दवाइयां लेने की अनुमति होती है।
  • इस दौरान घर की खिड़कियां और दरवाजे ढ़क कर रखना अच्छा माना जाता है।
  • गर्भवती महिलाएं ध्यान और मंत्र जाप करें, यह उनके लिए लाभकारी होता है।
  • चंद्र ग्रहण से पहले और बाद में स्नान करना नकारात्मक असर को दूर करने का लिए शुभ माना जाता है।

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  • किसी भी तरह के धातु के आभूषण जैसे चूड़ियां, पिन, सेफ्टी पिन आदि पहनने से बचना चाहिए। 
  • चंद्र ग्रहण के दौरान सोना सख्त मना होता है। चूंकि यह उपच्छाया (पेनुम्ब्रल) चंद्र ग्रहण है, इसलिए सूतक काल के नियमों का पालन करना अनिवार्य नहीं है।
  • गर्भवती महिलाएं चाहें तो अपनी इच्छा से इन नियमों को अपना सकती हैं।
  • मंत्र या भजन का कीर्तन करना और भगवान की भक्ति में समय बिताना न केवल गर्भवती महिलाओं, बल्कि सभी के लिए मानसिक तनाव और चिंता से दूर रहने में मदद करता है।

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चंद्र ग्रहण: देश-दुनिया पर प्रभाव

2025 का चंद्र ग्रहण पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में हो रहा है और यह कई वैश्विक बदलावों और खुलासों का संकेत दे सकता है, खासकर स्वास्थ्य, विज्ञान और सामूहिक उपचार से जुड़े मामलों में।

  • स्वास्थ्य अधिकार, पर्यावरण मुद्दों और निजता से जुड़े मामलों पर सामाजिक सुधार आंदोलनों और वैश्विक विरोध प्रदर्शनों की संभावना।
  • चंद्रमा का जनभावनाओं से गहरा संबंध होने के कारण शेयर बाज़ार में अचानक और अनचाहे उतार-चढ़ाव आ सकते हैं।
  • मुद्रा और क्रिप्टोकरेंसी बाजार से सट्टेबाजी या नीतिगत बदलावों के चलते तेजी से बढता या गिरावट देखने को मिल सकती है।
  • राहु का प्रभाव अल्पकालीन वित्तीय उछाल या भ्रामक योजनाओं को जन्म दे सकता है।
  • कुंभ-मीन की ऊर्जा अक्सर पानी से जुड़ी घटनाओं को उकसाती है, जैसे बाढ़, तूफान या समुद्र- स्तर में बढ़ोतरी।
  • जिन क्षेत्रों में पहले से भूकंप या ज्वालामुखी की संभावना रही है वहां इन गतिविधियों में अचानक बढ़ोतरी हो सकती है, खासकर अगर उस जगह या देश में कुंभ ऊर्जा अधिक हो।
  • आध्यात्मिक साधकों की अंतर्ज्ञान क्षमता बढ़ सकती है या उन्हें भविष्यसूचक सपने आ सकते हैं।
  • नशे की लत, वास्तविकता से भागने की प्रवृत्ति और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं विश्व स्तर पर सामने आ सकती है।
  • शतभिषा नक्षत्र का तकनीक से जुड़ाव, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एआई और अंतरिक्ष अनुसंधान में बड़ी उपलब्धियों का संकेत देता है।
  • हालांकि, राहु डिजिटल प्राइवेसी एआई के दुरुपयोग या बायोटेक्नोलॉजी से जुड़े नैतिक विवाद भी खड़े कर सकता है।
  • अप्रत्याशित तरीके से पुराने गठबंधन टूट सकते हैं और नए गठबंधन बन सकते हैं।

चंद्र ग्रहण: सामान्य उपाय

  • स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  • चंद्रमा को मज़बूत करने और भावनाओं को शांत करने के लिए चंद्र बीज मंत्र।
  • गायत्री मंत्र – शुद्धि और आध्यात्मिक उत्थान के लिए।
  • ग्रहण के बाद ज़रूरतमंदों को सफेद वस्तुएं जैसे- चावल, दूध, चीनी, सफेद कपड़े आदि दान करें।
  • यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा कमज़ोर है, तो चांदी या सफेद चंदन का दान करें।
  • राहु-केतु की शांति के लिए आवारा कुत्तों या गायों को भोजन कराएं।

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चंद्र ग्रहण से पहले और बाद में अपनाएं जाने वाले उपाय

  • राहु की बेचैन ऊर्जा को संतुलित करने के लिए ध्यान और मंत्र जाप करें।
  • ग्रहण के समय अचानक कोई वित्तीय या भावनात्मक फैसला लेने से बचें।
  • अपने जीवन में उपचार, क्षमा और अधूरे मामलों को समाप्त करने पर ध्यान दें। 
  • अपने सपनों और अंतर्ज्ञान से मिले संदेशों को लिखें, हो सकता है इनमें भविष्य से जुड़ी अहम दिशा-निर्देश छिपे हों।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. चंद्र ग्रहण कब लग रहा है?

7 सितंबर, 2025 को।

2. क्या यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा?

हां

3. क्या इस बार सूतक काल लागू होगा?

हां, इस बार चंद्र ग्रहण 2025 के दौरान सूतक काल लागू होगा।